Swami vivekanand ji ke vichar

  1. व्यक्तित्व एवं राष्ट्र निर्माण पर विवेकानंद के कालजयी विचार
  2. Best 101+ स्वामी विवेकानंद के विचार
  3. स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार
  4. स्वामी विवेकानंद के 40 ज्ञानमय विचार
  5. व्यक्तित्व एवं राष्ट्र निर्माण पर विवेकानंद के कालजयी विचार
  6. स्वामी विवेकानंद के 40 ज्ञानमय विचार
  7. Best 101+ स्वामी विवेकानंद के विचार
  8. स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार
  9. व्यक्तित्व एवं राष्ट्र निर्माण पर विवेकानंद के कालजयी विचार
  10. स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार


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व्यक्तित्व एवं राष्ट्र निर्माण पर विवेकानंद के कालजयी विचार

स्वामी विवेकानंद एक व्यक्तित्व नहीं, एक बुनियाद हैं। ऐसी बुनियाद जिस पर भारत का विराट सांस्कृतिक महल खड़ा है। स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म, वैश्विक मूल्यों, धर्म, चरित्र निर्माण शिक्षा एवं समाज को बहुत विस्तृत एवं गहरे आयामों से विश्लेषित किया है। भारत के ही नहीं, बल्कि विश्व के युवाओं के लिए उनके विचार प्रासंगिक एवं अनुकरणीय हैं। उनके विचार आज के विखंडित एवं पथभ्रष्ट समाज को जोड़ने के लिए रामबाण औषधि हैं। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को चरित्र निर्माण की ओर प्रेरित करते हुए कहा है कि प्रत्येक मनुष्य जन्म से ही दैवीय गुणों से परिपूर्ण होता है। ये गुण सत्य, निष्ठा, समर्पण, साहस एवं विश्वास से जाग्रत होते हैं। इनको अपने आचरण में लाने से व्यक्ति महान एवं चरित्रवान बन सकता है। मनुष्य को महान बनने के लिए संदेह, ईर्ष्या एवं द्वेष छोड़ना होगा। स्त्री विमर्श पर चर्चा करते हुए स्वामीजी ने कहा है कि आत्मा का कोई लिंग नहीं होता है अत: स्त्री एवं पुरुष का विबेध प्राकृतिक नहीं है, ये सिर्फ शरीर का विबेध है, जो ईश्वर द्वारा मान्य नहीं है। अत: समाज में स्त्रियों को वही सम्मान एवं स्थान मिलना चाहिए, जो पुरुष का है। हमें स्त्री एवं पुरुष के भेद को त्यागना होगा और प्रत्येक को मानव रूप में एकात्म दृष्टि से देखना होगा। स्वामीजी के अनुसार जब तक विश्व में महिलाओं की बेहतरी के लिए काम नहीं होगा तब तक विश्व का कल्याण संभव नहीं है। स्वामीजी के अनुसार युवा किसी भी देश की सबसे बहुमूल्य संपत्ति होता हैं। उन्होंने युवाओं को अनंत ऊर्जा का स्रोत बताया है। उन्होंने कहा है कि अगर युवाओं की उन्नत ऊर्जा को सही दिशा प्रदान कर दी जाए तो राष्ट्र के विकास को नए आयाम मिल सकते हैं। स्वामीजी कहा करते थे कि जिसके जीवन म...

Best 101+ स्वामी विवेकानंद के विचार

स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार (Vivekananda Quotes in Hindi) Quote: 01 उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाय। – स्वामी विवेकानंद Quote: 02 यह कभी सोचना कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा कहना भी नास्तिकता है। – स्वामी विवेकानंद Quote: 03 कभी यह मत कहना कि मै यह नहीं कर सकता। ऐसा कभी नहीं हो सकता क्योंकि तुम अनन्तस्वरूप हो, तुम सर्वशक्तिमान हो। – स्वामी विवेकानंद Quote: 04 जिस क्षण व्यक्ति या राष्ट्र आत्मविश्वास खो देता है, उसी क्षण उसकी मृत्यु हो जाती है। – स्वामी विवेकानंद Quote: 05 अगर बार-बार आप असफल हो जाओ तो भी कोई हानि नहीं है। सहस्त्र बार इस आदर्श को अपने हृदय में धारण करे। अगर उसके बाद भी असफल हो जाओ, तो एक बार फिर कोशिश करे।- स्वामी विवेकानंद Quote: 06 तुम बलवान बनो – यही तुम्हारे लिए मेरा संदेश है। गीता पाठ करने की अपेक्षा तुम फुटबॉल खेलने स्वर्ग के अधिक समीप पहुंचोगे। मैंने यह बात अतयंत साहसपूर्वक होकर कहीं है। यह कहना आवश्यक है क्योकि मै तुमसे प्यार करता हु। बलवान शरीर से और मज़बूत बाहों से गीता को अधिक समझ सकोगे। – स्वामी विवेकानंद Quote: 07 साधारण मनुष्य अपने विचार का 90% व्यर्थ नष्ट कर देता है इसलिए वह निरंतर भूले करता है। एक प्रशिक्षित मन कभी कोई भूल नहीं करता है। – स्वामी विवेकानंद Quote: 08 उठो ! आओ ! ऐ सिंहों ! इस भ्रम को झटककर दूर फेंक दो कि तुम भेड़ हो। – स्वामी विवेकानंद Quote: 09 आलसी जीवन जीने से अच्छा मरना उचित है, पराजित होकर जीने की तुलना में युद्ध-क्षेत्र में मर जाना श्रेयस्कर है। – स्वामी विवेकानंद Quote: 10 तुम जो कुछ सोचोगे, तुम वही हो जाओगे। अगर तुम अपने को दुर्बल समझगो, तो तुम दुर्बल बन जाओगे। बलवान सोचोगे तो बलवान बन...

स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार

हर महापुरुष ने शिक्षा के महत्व को समझा है और इसे महत्वपूर्ण बताया है। उसी प्रकार स्वामी विवेकानंद ने भी शिक्षा पर अपने विचार साझा किये हैं, स्वामी विवेकानंदजी एक महान धार्मिक व्यक्ति थे जिन्होंने अपना जीवन केवल मानवता और लोगो की सहायता करने में ही गुजारा था। इन्हें हिन्दू धर्म की लगभग हर धार्मिक पुस्तक का ज्ञान था साथ ही यह इस ज्ञान को बाटते रहते थे, इनके विचारो को आज भी उतना ही महत्व दिया जाता है जितना उस समय इनके विद्यार्थी दिया करते थे। आगे आप इस लेख में स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार (swami vivekananda on education quotes) और संदेशो को जानेंगे। Table of Contents • • • • स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार – Vivekananda Quotes on Education in Hindi ज्ञान व्यक्ति के मन में विद्यमान हैं वह स्वयं ही सीखता है। मन वचन तथा कर्म की शुद्ध आत्मा नियंत्रण है। पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान, ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है | कुछ, बड़ा करने वालों की शुरूआत इस चीज़ से होती है कि मुझे अपनी लाइफ में आम बन कर नही रहना..! सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है: वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता, पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल है. ज्ञान को समन्वित करके प्रस्तुत किया जाना चाहिए। विचार-विमर्श एवं उपदेश विधि द्वारा ज्ञानार्जन किया जाना चाहिए। जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सकें, मनुष्य बन सकें, चरित्र गठन कर सके और विचारों का सामंजस्य कर सकें वहीं वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है। धार्मिक शिक्षा, पुस्तकों से नहीं वरन् व्यवहार, आचरण एवं संस्कारों के माध्यम से दी जानी चाहिए। शिक्षा गुरुगृह ...

स्वामी विवेकानंद के 40 ज्ञानमय विचार

Swami Vivekanand Ke Anmol Vichar स्वामी विवेकानंद के अध्यात्म से प्राप्त ज्ञानमय विचार प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को प्रकाशमय एवं प्रेरित करते हैं। स्वामी विवेकानंद कर्म पर भरोसा रखने वाले महापुरुष थे। स्वामी विवेकानंद जिन्होंने अध्यात्मिक एवं धार्मिक ज्ञान के आधार पर समस्त संसार को प्रेरणा दी। शिकागो में आयोजित विश्व-धर्म-महासभा में स्वामी-विवेकानंद ने अपने भाषण द्वारा हिंदू-धर्म का प्रतिनिधित्व किया और ज्ञानमय-विचारो से सभीको प्रभावित किया। आइये जानते हैं स्वामी विवेकानंद के ऐसे Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • स्वामी विवेकानंद के 40 ज्ञानमय विचार 1- जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते हैं तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते। 2- यह कभी मत कहो कि ‘मैं नहीं कर सकता’, क्योंकि आप अनंत हैं। आप कुछ भी कर सकते हैं। 3- उठो, जागो और लक्ष्य पूरा होने तक मत रुको। – स्वामी विवेकानंद 4- एक रास्ता खोजो। उस पर विचार करो। उस विचार को अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो। उसका सपना देखो, उस विचार पर जियो। मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, आपके शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भर दो। और किसी अन्य विचार को जगह मत दो। सफलता का यही रास्ता है। – स्वामी विवेकानंद 5- आप जोखिम लेने से भयभीत न हो, यदि आप जीतते हैं, तो आप नेतृत्व करते है, और यदि हारते है , तो आप दुसरो का मार्दर्शन कर सकते हैं। – स्वामी विवेकानंद 6- यही आप खुद को कमजोर समझते है तो यह सबसे बड़ा पाप है। – स्वामी विवेकानंद 7- शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है। विस्तार जीवन है तो संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है। – स्वामी विवेकानंद 8- अपने इरादों को मज़बूत रखो। लोग जो कहेंगे उन्हें कहने दो। एक दिन वही लोग तुम्ह...

व्यक्तित्व एवं राष्ट्र निर्माण पर विवेकानंद के कालजयी विचार

स्वामी विवेकानंद एक व्यक्तित्व नहीं, एक बुनियाद हैं। ऐसी बुनियाद जिस पर भारत का विराट सांस्कृतिक महल खड़ा है। स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म, वैश्विक मूल्यों, धर्म, चरित्र निर्माण शिक्षा एवं समाज को बहुत विस्तृत एवं गहरे आयामों से विश्लेषित किया है। भारत के ही नहीं, बल्कि विश्व के युवाओं के लिए उनके विचार प्रासंगिक एवं अनुकरणीय हैं। उनके विचार आज के विखंडित एवं पथभ्रष्ट समाज को जोड़ने के लिए रामबाण औषधि हैं। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को चरित्र निर्माण की ओर प्रेरित करते हुए कहा है कि प्रत्येक मनुष्य जन्म से ही दैवीय गुणों से परिपूर्ण होता है। ये गुण सत्य, निष्ठा, समर्पण, साहस एवं विश्वास से जाग्रत होते हैं। इनको अपने आचरण में लाने से व्यक्ति महान एवं चरित्रवान बन सकता है। मनुष्य को महान बनने के लिए संदेह, ईर्ष्या एवं द्वेष छोड़ना होगा। स्त्री विमर्श पर चर्चा करते हुए स्वामीजी ने कहा है कि आत्मा का कोई लिंग नहीं होता है अत: स्त्री एवं पुरुष का विबेध प्राकृतिक नहीं है, ये सिर्फ शरीर का विबेध है, जो ईश्वर द्वारा मान्य नहीं है। अत: समाज में स्त्रियों को वही सम्मान एवं स्थान मिलना चाहिए, जो पुरुष का है। हमें स्त्री एवं पुरुष के भेद को त्यागना होगा और प्रत्येक को मानव रूप में एकात्म दृष्टि से देखना होगा। स्वामीजी के अनुसार जब तक विश्व में महिलाओं की बेहतरी के लिए काम नहीं होगा तब तक विश्व का कल्याण संभव नहीं है। स्वामीजी के अनुसार युवा किसी भी देश की सबसे बहुमूल्य संपत्ति होता हैं। उन्होंने युवाओं को अनंत ऊर्जा का स्रोत बताया है। उन्होंने कहा है कि अगर युवाओं की उन्नत ऊर्जा को सही दिशा प्रदान कर दी जाए तो राष्ट्र के विकास को नए आयाम मिल सकते हैं। स्वामीजी कहा करते थे कि जिसके जीवन म...

स्वामी विवेकानंद के 40 ज्ञानमय विचार

Swami Vivekanand Ke Anmol Vichar स्वामी विवेकानंद के अध्यात्म से प्राप्त ज्ञानमय विचार प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को प्रकाशमय एवं प्रेरित करते हैं। स्वामी विवेकानंद कर्म पर भरोसा रखने वाले महापुरुष थे। स्वामी विवेकानंद जिन्होंने अध्यात्मिक एवं धार्मिक ज्ञान के आधार पर समस्त संसार को प्रेरणा दी। शिकागो में आयोजित विश्व-धर्म-महासभा में स्वामी-विवेकानंद ने अपने भाषण द्वारा हिंदू-धर्म का प्रतिनिधित्व किया और ज्ञानमय-विचारो से सभीको प्रभावित किया। आइये जानते हैं स्वामी विवेकानंद के ऐसे Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • स्वामी विवेकानंद के 40 ज्ञानमय विचार 1- जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते हैं तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते। 2- यह कभी मत कहो कि ‘मैं नहीं कर सकता’, क्योंकि आप अनंत हैं। आप कुछ भी कर सकते हैं। 3- उठो, जागो और लक्ष्य पूरा होने तक मत रुको। – स्वामी विवेकानंद 4- एक रास्ता खोजो। उस पर विचार करो। उस विचार को अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो। उसका सपना देखो, उस विचार पर जियो। मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, आपके शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भर दो। और किसी अन्य विचार को जगह मत दो। सफलता का यही रास्ता है। – स्वामी विवेकानंद 5- आप जोखिम लेने से भयभीत न हो, यदि आप जीतते हैं, तो आप नेतृत्व करते है, और यदि हारते है , तो आप दुसरो का मार्दर्शन कर सकते हैं। – स्वामी विवेकानंद 6- यही आप खुद को कमजोर समझते है तो यह सबसे बड़ा पाप है। – स्वामी विवेकानंद 7- शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है। विस्तार जीवन है तो संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है। – स्वामी विवेकानंद 8- अपने इरादों को मज़बूत रखो। लोग जो कहेंगे उन्हें कहने दो। एक दिन वही लोग तुम्ह...

Best 101+ स्वामी विवेकानंद के विचार

स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार (Vivekananda Quotes in Hindi) Quote: 01 उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाय। – स्वामी विवेकानंद Quote: 02 यह कभी सोचना कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा कहना भी नास्तिकता है। – स्वामी विवेकानंद Quote: 03 कभी यह मत कहना कि मै यह नहीं कर सकता। ऐसा कभी नहीं हो सकता क्योंकि तुम अनन्तस्वरूप हो, तुम सर्वशक्तिमान हो। – स्वामी विवेकानंद Quote: 04 जिस क्षण व्यक्ति या राष्ट्र आत्मविश्वास खो देता है, उसी क्षण उसकी मृत्यु हो जाती है। – स्वामी विवेकानंद Quote: 05 अगर बार-बार आप असफल हो जाओ तो भी कोई हानि नहीं है। सहस्त्र बार इस आदर्श को अपने हृदय में धारण करे। अगर उसके बाद भी असफल हो जाओ, तो एक बार फिर कोशिश करे।- स्वामी विवेकानंद Quote: 06 तुम बलवान बनो – यही तुम्हारे लिए मेरा संदेश है। गीता पाठ करने की अपेक्षा तुम फुटबॉल खेलने स्वर्ग के अधिक समीप पहुंचोगे। मैंने यह बात अतयंत साहसपूर्वक होकर कहीं है। यह कहना आवश्यक है क्योकि मै तुमसे प्यार करता हु। बलवान शरीर से और मज़बूत बाहों से गीता को अधिक समझ सकोगे। – स्वामी विवेकानंद Quote: 07 साधारण मनुष्य अपने विचार का 90% व्यर्थ नष्ट कर देता है इसलिए वह निरंतर भूले करता है। एक प्रशिक्षित मन कभी कोई भूल नहीं करता है। – स्वामी विवेकानंद Quote: 08 उठो ! आओ ! ऐ सिंहों ! इस भ्रम को झटककर दूर फेंक दो कि तुम भेड़ हो। – स्वामी विवेकानंद Quote: 09 आलसी जीवन जीने से अच्छा मरना उचित है, पराजित होकर जीने की तुलना में युद्ध-क्षेत्र में मर जाना श्रेयस्कर है। – स्वामी विवेकानंद Quote: 10 तुम जो कुछ सोचोगे, तुम वही हो जाओगे। अगर तुम अपने को दुर्बल समझगो, तो तुम दुर्बल बन जाओगे। बलवान सोचोगे तो बलवान बन...

स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार

हर महापुरुष ने शिक्षा के महत्व को समझा है और इसे महत्वपूर्ण बताया है। उसी प्रकार स्वामी विवेकानंद ने भी शिक्षा पर अपने विचार साझा किये हैं, स्वामी विवेकानंदजी एक महान धार्मिक व्यक्ति थे जिन्होंने अपना जीवन केवल मानवता और लोगो की सहायता करने में ही गुजारा था। इन्हें हिन्दू धर्म की लगभग हर धार्मिक पुस्तक का ज्ञान था साथ ही यह इस ज्ञान को बाटते रहते थे, इनके विचारो को आज भी उतना ही महत्व दिया जाता है जितना उस समय इनके विद्यार्थी दिया करते थे। आगे आप इस लेख में स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार (swami vivekananda on education quotes) और संदेशो को जानेंगे। Table of Contents • • • • स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार – Vivekananda Quotes on Education in Hindi ज्ञान व्यक्ति के मन में विद्यमान हैं वह स्वयं ही सीखता है। मन वचन तथा कर्म की शुद्ध आत्मा नियंत्रण है। पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान, ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है | कुछ, बड़ा करने वालों की शुरूआत इस चीज़ से होती है कि मुझे अपनी लाइफ में आम बन कर नही रहना..! सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है: वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता, पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल है. ज्ञान को समन्वित करके प्रस्तुत किया जाना चाहिए। विचार-विमर्श एवं उपदेश विधि द्वारा ज्ञानार्जन किया जाना चाहिए। जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सकें, मनुष्य बन सकें, चरित्र गठन कर सके और विचारों का सामंजस्य कर सकें वहीं वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है। धार्मिक शिक्षा, पुस्तकों से नहीं वरन् व्यवहार, आचरण एवं संस्कारों के माध्यम से दी जानी चाहिए। शिक्षा गुरुगृह ...

व्यक्तित्व एवं राष्ट्र निर्माण पर विवेकानंद के कालजयी विचार

स्वामी विवेकानंद एक व्यक्तित्व नहीं, एक बुनियाद हैं। ऐसी बुनियाद जिस पर भारत का विराट सांस्कृतिक महल खड़ा है। स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म, वैश्विक मूल्यों, धर्म, चरित्र निर्माण शिक्षा एवं समाज को बहुत विस्तृत एवं गहरे आयामों से विश्लेषित किया है। भारत के ही नहीं, बल्कि विश्व के युवाओं के लिए उनके विचार प्रासंगिक एवं अनुकरणीय हैं। उनके विचार आज के विखंडित एवं पथभ्रष्ट समाज को जोड़ने के लिए रामबाण औषधि हैं। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को चरित्र निर्माण की ओर प्रेरित करते हुए कहा है कि प्रत्येक मनुष्य जन्म से ही दैवीय गुणों से परिपूर्ण होता है। ये गुण सत्य, निष्ठा, समर्पण, साहस एवं विश्वास से जाग्रत होते हैं। इनको अपने आचरण में लाने से व्यक्ति महान एवं चरित्रवान बन सकता है। मनुष्य को महान बनने के लिए संदेह, ईर्ष्या एवं द्वेष छोड़ना होगा। स्त्री विमर्श पर चर्चा करते हुए स्वामीजी ने कहा है कि आत्मा का कोई लिंग नहीं होता है अत: स्त्री एवं पुरुष का विबेध प्राकृतिक नहीं है, ये सिर्फ शरीर का विबेध है, जो ईश्वर द्वारा मान्य नहीं है। अत: समाज में स्त्रियों को वही सम्मान एवं स्थान मिलना चाहिए, जो पुरुष का है। हमें स्त्री एवं पुरुष के भेद को त्यागना होगा और प्रत्येक को मानव रूप में एकात्म दृष्टि से देखना होगा। स्वामीजी के अनुसार जब तक विश्व में महिलाओं की बेहतरी के लिए काम नहीं होगा तब तक विश्व का कल्याण संभव नहीं है। स्वामीजी के अनुसार युवा किसी भी देश की सबसे बहुमूल्य संपत्ति होता हैं। उन्होंने युवाओं को अनंत ऊर्जा का स्रोत बताया है। उन्होंने कहा है कि अगर युवाओं की उन्नत ऊर्जा को सही दिशा प्रदान कर दी जाए तो राष्ट्र के विकास को नए आयाम मिल सकते हैं। स्वामीजी कहा करते थे कि जिसके जीवन म...

स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार

हर महापुरुष ने शिक्षा के महत्व को समझा है और इसे महत्वपूर्ण बताया है। उसी प्रकार स्वामी विवेकानंद ने भी शिक्षा पर अपने विचार साझा किये हैं, स्वामी विवेकानंदजी एक महान धार्मिक व्यक्ति थे जिन्होंने अपना जीवन केवल मानवता और लोगो की सहायता करने में ही गुजारा था। इन्हें हिन्दू धर्म की लगभग हर धार्मिक पुस्तक का ज्ञान था साथ ही यह इस ज्ञान को बाटते रहते थे, इनके विचारो को आज भी उतना ही महत्व दिया जाता है जितना उस समय इनके विद्यार्थी दिया करते थे। आगे आप इस लेख में स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार (swami vivekananda on education quotes) और संदेशो को जानेंगे। Table of Contents • • • • स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार – Vivekananda Quotes on Education in Hindi ज्ञान व्यक्ति के मन में विद्यमान हैं वह स्वयं ही सीखता है। मन वचन तथा कर्म की शुद्ध आत्मा नियंत्रण है। पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान, ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है | कुछ, बड़ा करने वालों की शुरूआत इस चीज़ से होती है कि मुझे अपनी लाइफ में आम बन कर नही रहना..! सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है: वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता, पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल है. ज्ञान को समन्वित करके प्रस्तुत किया जाना चाहिए। विचार-विमर्श एवं उपदेश विधि द्वारा ज्ञानार्जन किया जाना चाहिए। जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सकें, मनुष्य बन सकें, चरित्र गठन कर सके और विचारों का सामंजस्य कर सकें वहीं वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है। धार्मिक शिक्षा, पुस्तकों से नहीं वरन् व्यवहार, आचरण एवं संस्कारों के माध्यम से दी जानी चाहिए। शिक्षा गुरुगृह ...