Swami vivekanand ki mrityu

  1. Bibliography of Swami Vivekananda
  2. Vedic Library
  3. जानें स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे और कब हुई थी?
  4. Swami Vivekanand Ka Jeevan Parichay
  5. Swami Vivekanand Ki mrityu kaise hui स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु कैसे हुई ? » aatmmnthn
  6. जानें स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे और कब हुई थी?
  7. Swami Vivekanand Ka Jeevan Parichay
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Bibliography of Swami Vivekananda

In last one century, hundreds of scholarly books have been written on Vivekananda, his works and his philosophy in different languages. Vivekananda o Samakalin Bharatbarsha ( (in Bengali) 7 volumes), Sahasya Vivekananda (in Bengali), Bandhu Vivekananda (in Bengali), etc. Monks of Ramakrishna Math and Mission too have written several notable books on the life and works of Vivekananda. Swami Vivekananda and Modern India written by Swami Jagadiswarananda was first published in 1941. In this book, the author covered the biography of Vivekananda in brief. Vivekananda: A Biography which was first published in 1943 from Yuganayak Vivekananda (in Bengali), written by Books [ ] Published in his lifetime • • • • • Vedanta philosophy: lectures on Jnana Yoga (1902) Published posthumously Here is a list of selected books of Swami Vivekananda published after his death (1902) • Addresses on Bhakti Yoga • Bhakti Yoga • Complete works. Vol 5 • The East and the West • • Narada Bhakti Sutras – translation • • Para Bhakti or Supreme Devotion • Practical Vedanta • • • Speeches and writings of Swami Vivekananda; a comprehensive collection • Vivekavani (1986) – Telugu • Yoga (1987) – Telugu • Books on Swami Vivekananda [ ] A–R [ ] Book Author/Editor Publisher ISBN An Analytical Study of the Social Philosophy of Swami Vivekananda: A Thesis Submitted for the Degree of Doctor of Philosophy in Religious Studies at the University of Otago, Dunedin, New Zealand Stephen Abraham University of Otago A Bi...

Vedic Library

# Title Language Author Edition Year Link 1 RGVEDADI-BHASHYA-BHUMIKA English Swami Dayanand Saraswati 1st Edition 2 Ved Mimansa Hindi Swami Vidyanand Sarswati 1st Edition 3 Rigved Bhashya Bhaskar (Second Part) Hindi Swami Dayanand Saraswati 1st Edition 4 Rangeela Rasool Hindi Chamupati Ji M. A. 5 Guru Virjanand Dandi Jeevan evm Darshan Hindi Professor Dr. Ram Prakash 2nd Edition 6 Satyarth Prakash Chautrdash Samullas Men Uddhrit Quran Ki Ayten Hindi Pandit Ramchandra Dehlvi 1st 7 Avesta (Parsiyon ki Dharma Pustak) Hindi P. Rajaram Shastri 1st 8 this is test book Hindi P. Rajaram Shastri 9 Anthology of Vedic Hymns English Swami Bhumanand Sarswati M.A. 1st 10 Upnishadon Ka Shiksha Hindi P. Rajaram Shastri 2nd 11 Vaisheshik Darshan Hindi P. Rajaram Shastri 1st 12 Vedic Sampada Hindi Pt. Veersen Vedshrami 13 Quran Ek Prashna Hindi Dharmpal Gupt 'Shalabh' 14 Vyavharik Sankrit Prashikshak Sanskrit Dr. Sachchidanand Pathak 2nd 15 Vedic Vinay Hindi Acharya Abhaydev 16 Satya Siddhant Hindi Acharya Dharmaveer 'Mumukshu' 3rd 17 Mera Sankshipt Jivan Parichay Hindi Swami Satyapati Ji Parivrajak 6th 18 Sanskar Vidhi Hindi Swami Dayanand Saraswati 6th 19 Sarvadeshik Patrika (1962) Hindi Unknown 20 Sarvadeshik Patrika (1961) Hindi Unknown 21 Hindu Social Reform Hindi Unknown 1st 22 Sushrutsanhita [Sharir Sthanam] Hindi Unknown 1st 23 Stri Adhikar Mimansa Hindi Unknown 1st 24 Shuddhi-Sanskar-Paddhati Hindi Unknown 1st 25 Satyaamrit Pravah Hindi Unknown 1st 26 Nyaydarshanam Hindi Swami Dars...

जानें स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे और कब हुई थी?

स्वामी विवेकानंद को कौन नहीं जानता, उन्होंने अध्यात्म और भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार पूरे विश्व भर में किया। इसके अलावा स्वामी विवेकानंद अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के साथ मिलकर स्कूल, हॉस्पिटल, विश्वविद्यालय जैसे अलग-अलग शाखाओं को विश्वभर में रामाकृष्ण मिशन के नाम से स्थापित किया। विश्व धार्मिक सम्मेलन जो कि अमेरिका के शिकागो में हुआ था, वहां भारत की तरफ से स्वामी विवेकानंद गए थे और उन्होंने और अध्यात्म के बारे में दुनिया को एक नया नजरिया दिखाया। जिसके बाद पूरी दुनिया स्वामी विवेकानंद को दिव्य शक्ति के रूप में देखने लगी। Image: Swami Vivekananda ki Mrityu Kaise Hui इस बात में कोई रहस्य नहीं है कि स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 1914 में हुई थी। मगर स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे हुई थी इसके बारे में बहुत सारे लोगों को नहीं पता है। अगर आप स्वामी विवेकानंद से प्रभावित हैं और उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे लेख के साथ अंत तक बने रहे। यहाँ पर हम स्वामी विवेकानंद की मृत्यु का कारण, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कब और कैसे हुई आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे। स्वामी विवेकानंद महज 25 साल की आयु में गेरुआ वस्त्र धारण करके अध्यात्म के रास्ते पर चल पड़े थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति और अध्यात्म को इतने बेहतरीन तरीके से लोगों के समक्ष रखा था कि उनके विचार लोगों के शरीर में ज्वाला प्रज्वलित करते थे। स्वामी विवेकानंद का कहना था – “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए”। विषय सूची • • • • इसके बाद अपनी पढ़ाई को पूरा करने के बाद उन्होंने रामकृष्ण परमहंस का नाम बहुत सुना था। राम कृष्णा परमहंस देवी काली के बहुत बड़े भक्त थे। नरेंद्र नाथ...

Swami Vivekanand Ka Jeevan Parichay

मृत्यु : 04 जुलाई 1902 गुरु जी का नाम : श्री रामकृष्ण परमहंस पिता का नाम : श्री विश्वनाथ दत्त (वकील) माता का नाम : श्री मति भुवनेश्वर देवी संस्थापक : रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन साहत्यिक कार्य : राज योग, कर्म योग, भक्ति योग, मेरे गुरु अन्य महत्वपूर्ण कार्य : न्यूयार्क में वेदांत सिटी की स्थापना, कैलिफोर्निया में शांति अद्धैत आश्रम” की स्थापना आज हम आप लोगों को स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय (Swami Vivekanand Ka Jeevan Parichay) के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त यदि आपको और भी NCERT हिन्दी से सम्बन्धित पोस्ट चाहिए तो आप हमारे website के top Menu में जाकर प्राप्त कर सकते है। स्वामी विवेकानंद जी एक भारतीय हिंदू भिक्षु थे, जिन्होंने भारतीय संस्कृति को विश्व भर में प्रसिद्ध किया था। अमेरीका के शिकागो में आयोजित धर्म संसद में साल 1893 में इनके द्वारा दिया गया भाषण आज भी प्रसिद्ध है और इस भाषण के जरिए इन्होंने भारत देश की अगल पहचान दुनिया के सामने रखी थी। कथन “उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये” स्वामी विवेकानंद जी का जन्म ( Swami Vivekanand Birth) इनका जन्म सन् 1863 में एक बंगाली परिवार में हुआ था। बचपन में इनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त था और बड़े होकर यह स्वामी विवेकानंद के नाम से प्रसिद्ध हुए थे। इनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त काफी विद्वान थे और कलकत्ता उच्च न्यायालय में अटॉर्नी थे। इनकी माता का नाम भुवनेश्वर देवी था और वो एक गृहणी थी। स्वामी विवेकानंद की शिक्षा ( Swami Vivekanand Education) इन्होनें स्कॉटिश चर्च कॉलेज और विद्यासागर कॉलेज से अपनी शिक्षा हासिल की थी। इसके बाद इन्होंने प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, कलकत्ता में दाखिला लेने के लिए परीक्षा द...

Swami Vivekanand Ki mrityu kaise hui स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु कैसे हुई ? » aatmmnthn

प्रश्न – स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु कैसे हुई ? उत्तर – उनके निधन की वजह तीसरी बार दिल का दौरा पड़ना था | विवेकानंद ओजस्वी और सारगर्भित व्याख्यानों की प्रसिद्धि विश्व भर में है। जीवन के अन्तिम दिन उन्होंने शुक्ल यजुर्वेद की व्याख्या की और कहा-“एक और विवेकानन्द चाहिये, यह समझाने के लिये कि इस विवेकानन्द ने अब तक क्या किया है।” उनके शिष्यों के अनुसार जीवन के अन्तिम दिन 4 जुलाई 1902 को भी उन्होंने अपनी ध्यान करने की दिनचर्या को नहीं बदला और प्रात: दो तीन घण्टे ध्यान किया और ध्यानावस्था में ही अपने ब्रह्मरन्ध्र को भेदकर महासमाधि ले ली। बेलूर में गंगा तट पर चन्दन की चिता पर उनकी अंत्येष्टि की गयी। इसी गंगा तट के दूसरी ओर उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस का सोलह वर्ष पूर्व अन्तिम संस्कार हुआ था। उनके शिष्यों और अनुयायियों ने उनकी स्मृति में वहाँ एक मन्दिर बनवाया और समूचे विश्व में विवेकानन्द तथा उनके गुरु रामकृष्ण के सन्देशों के प्रचार के लिये 130 से अधिक केन्द्रों की स्थापना की। अपनी भविष्यवाणी को पूरा किया विवेकानंद ने अपनी मृत्यु के बारे में पहले की भविष्यवाणी कर रखी थी कि वह चालीस वर्षों तक जीवित नहीं रहेंगे.इस प्रकार उन्होंने महासमाधि लेकर अपनी भविष्यवाणी को पूरा किया |

जानें स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे और कब हुई थी?

स्वामी विवेकानंद को कौन नहीं जानता, उन्होंने अध्यात्म और भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार पूरे विश्व भर में किया। इसके अलावा स्वामी विवेकानंद अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के साथ मिलकर स्कूल, हॉस्पिटल, विश्वविद्यालय जैसे अलग-अलग शाखाओं को विश्वभर में रामाकृष्ण मिशन के नाम से स्थापित किया। विश्व धार्मिक सम्मेलन जो कि अमेरिका के शिकागो में हुआ था, वहां भारत की तरफ से स्वामी विवेकानंद गए थे और उन्होंने और अध्यात्म के बारे में दुनिया को एक नया नजरिया दिखाया। जिसके बाद पूरी दुनिया स्वामी विवेकानंद को दिव्य शक्ति के रूप में देखने लगी। Image: Swami Vivekananda ki Mrityu Kaise Hui इस बात में कोई रहस्य नहीं है कि स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 1914 में हुई थी। मगर स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे हुई थी इसके बारे में बहुत सारे लोगों को नहीं पता है। अगर आप स्वामी विवेकानंद से प्रभावित हैं और उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे लेख के साथ अंत तक बने रहे। यहाँ पर हम स्वामी विवेकानंद की मृत्यु का कारण, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कब और कैसे हुई आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे। स्वामी विवेकानंद महज 25 साल की आयु में गेरुआ वस्त्र धारण करके अध्यात्म के रास्ते पर चल पड़े थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति और अध्यात्म को इतने बेहतरीन तरीके से लोगों के समक्ष रखा था कि उनके विचार लोगों के शरीर में ज्वाला प्रज्वलित करते थे। स्वामी विवेकानंद का कहना था – “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए”। विषय सूची • • • • इसके बाद अपनी पढ़ाई को पूरा करने के बाद उन्होंने रामकृष्ण परमहंस का नाम बहुत सुना था। राम कृष्णा परमहंस देवी काली के बहुत बड़े भक्त थे। नरेंद्र नाथ...

Swami Vivekanand Ka Jeevan Parichay

मृत्यु : 04 जुलाई 1902 गुरु जी का नाम : श्री रामकृष्ण परमहंस पिता का नाम : श्री विश्वनाथ दत्त (वकील) माता का नाम : श्री मति भुवनेश्वर देवी संस्थापक : रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन साहत्यिक कार्य : राज योग, कर्म योग, भक्ति योग, मेरे गुरु अन्य महत्वपूर्ण कार्य : न्यूयार्क में वेदांत सिटी की स्थापना, कैलिफोर्निया में शांति अद्धैत आश्रम” की स्थापना आज हम आप लोगों को स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय (Swami Vivekanand Ka Jeevan Parichay) के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त यदि आपको और भी NCERT हिन्दी से सम्बन्धित पोस्ट चाहिए तो आप हमारे website के top Menu में जाकर प्राप्त कर सकते है। स्वामी विवेकानंद जी एक भारतीय हिंदू भिक्षु थे, जिन्होंने भारतीय संस्कृति को विश्व भर में प्रसिद्ध किया था। अमेरीका के शिकागो में आयोजित धर्म संसद में साल 1893 में इनके द्वारा दिया गया भाषण आज भी प्रसिद्ध है और इस भाषण के जरिए इन्होंने भारत देश की अगल पहचान दुनिया के सामने रखी थी। कथन “उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये” स्वामी विवेकानंद जी का जन्म ( Swami Vivekanand Birth) इनका जन्म सन् 1863 में एक बंगाली परिवार में हुआ था। बचपन में इनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त था और बड़े होकर यह स्वामी विवेकानंद के नाम से प्रसिद्ध हुए थे। इनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त काफी विद्वान थे और कलकत्ता उच्च न्यायालय में अटॉर्नी थे। इनकी माता का नाम भुवनेश्वर देवी था और वो एक गृहणी थी। स्वामी विवेकानंद की शिक्षा ( Swami Vivekanand Education) इन्होनें स्कॉटिश चर्च कॉलेज और विद्यासागर कॉलेज से अपनी शिक्षा हासिल की थी। इसके बाद इन्होंने प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, कलकत्ता में दाखिला लेने के लिए परीक्षा द...

Swami Vivekanand Ki mrityu kaise hui स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु कैसे हुई ? » aatmmnthn

प्रश्न – स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु कैसे हुई ? उत्तर – उनके निधन की वजह तीसरी बार दिल का दौरा पड़ना था | विवेकानंद ओजस्वी और सारगर्भित व्याख्यानों की प्रसिद्धि विश्व भर में है। जीवन के अन्तिम दिन उन्होंने शुक्ल यजुर्वेद की व्याख्या की और कहा-“एक और विवेकानन्द चाहिये, यह समझाने के लिये कि इस विवेकानन्द ने अब तक क्या किया है।” उनके शिष्यों के अनुसार जीवन के अन्तिम दिन 4 जुलाई 1902 को भी उन्होंने अपनी ध्यान करने की दिनचर्या को नहीं बदला और प्रात: दो तीन घण्टे ध्यान किया और ध्यानावस्था में ही अपने ब्रह्मरन्ध्र को भेदकर महासमाधि ले ली। बेलूर में गंगा तट पर चन्दन की चिता पर उनकी अंत्येष्टि की गयी। इसी गंगा तट के दूसरी ओर उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस का सोलह वर्ष पूर्व अन्तिम संस्कार हुआ था। उनके शिष्यों और अनुयायियों ने उनकी स्मृति में वहाँ एक मन्दिर बनवाया और समूचे विश्व में विवेकानन्द तथा उनके गुरु रामकृष्ण के सन्देशों के प्रचार के लिये 130 से अधिक केन्द्रों की स्थापना की। अपनी भविष्यवाणी को पूरा किया विवेकानंद ने अपनी मृत्यु के बारे में पहले की भविष्यवाणी कर रखी थी कि वह चालीस वर्षों तक जीवित नहीं रहेंगे.इस प्रकार उन्होंने महासमाधि लेकर अपनी भविष्यवाणी को पूरा किया |

Bibliography of Swami Vivekananda

In last one century, hundreds of scholarly books have been written on Vivekananda, his works and his philosophy in different languages. Vivekananda o Samakalin Bharatbarsha ( (in Bengali) 7 volumes), Sahasya Vivekananda (in Bengali), Bandhu Vivekananda (in Bengali), etc. Monks of Ramakrishna Math and Mission too have written several notable books on the life and works of Vivekananda. Swami Vivekananda and Modern India written by Swami Jagadiswarananda was first published in 1941. In this book, the author covered the biography of Vivekananda in brief. Vivekananda: A Biography which was first published in 1943 from Yuganayak Vivekananda (in Bengali), written by Books [ ] Published in his lifetime • • • • • Vedanta philosophy: lectures on Jnana Yoga (1902) Published posthumously Here is a list of selected books of Swami Vivekananda published after his death (1902) • Addresses on Bhakti Yoga • Bhakti Yoga • Complete works. Vol 5 • The East and the West • • Narada Bhakti Sutras – translation • • Para Bhakti or Supreme Devotion • Practical Vedanta • • • Speeches and writings of Swami Vivekananda; a comprehensive collection • Vivekavani (1986) – Telugu • Yoga (1987) – Telugu • Books on Swami Vivekananda [ ] A–R [ ] Book Author/Editor Publisher ISBN An Analytical Study of the Social Philosophy of Swami Vivekananda: A Thesis Submitted for the Degree of Doctor of Philosophy in Religious Studies at the University of Otago, Dunedin, New Zealand Stephen Abraham University of Otago A Bi...

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# Title Language Author Edition Year Link 1 RGVEDADI-BHASHYA-BHUMIKA English Swami Dayanand Saraswati 1st Edition 2 Ved Mimansa Hindi Swami Vidyanand Sarswati 1st Edition 3 Rigved Bhashya Bhaskar (Second Part) Hindi Swami Dayanand Saraswati 1st Edition 4 Rangeela Rasool Hindi Chamupati Ji M. A. 5 Guru Virjanand Dandi Jeevan evm Darshan Hindi Professor Dr. Ram Prakash 2nd Edition 6 Satyarth Prakash Chautrdash Samullas Men Uddhrit Quran Ki Ayten Hindi Pandit Ramchandra Dehlvi 1st 7 Avesta (Parsiyon ki Dharma Pustak) Hindi P. Rajaram Shastri 1st 8 this is test book Hindi P. Rajaram Shastri 9 Anthology of Vedic Hymns English Swami Bhumanand Sarswati M.A. 1st 10 Upnishadon Ka Shiksha Hindi P. Rajaram Shastri 2nd 11 Vaisheshik Darshan Hindi P. Rajaram Shastri 1st 12 Vedic Sampada Hindi Pt. Veersen Vedshrami 13 Quran Ek Prashna Hindi Dharmpal Gupt 'Shalabh' 14 Vyavharik Sankrit Prashikshak Sanskrit Dr. Sachchidanand Pathak 2nd 15 Vedic Vinay Hindi Acharya Abhaydev 16 Satya Siddhant Hindi Acharya Dharmaveer 'Mumukshu' 3rd 17 Mera Sankshipt Jivan Parichay Hindi Swami Satyapati Ji Parivrajak 6th 18 Sanskar Vidhi Hindi Swami Dayanand Saraswati 6th 19 Sarvadeshik Patrika (1962) Hindi Unknown 20 Sarvadeshik Patrika (1961) Hindi Unknown 21 Hindu Social Reform Hindi Unknown 1st 22 Sushrutsanhita [Sharir Sthanam] Hindi Unknown 1st 23 Stri Adhikar Mimansa Hindi Unknown 1st 24 Shuddhi-Sanskar-Paddhati Hindi Unknown 1st 25 Satyaamrit Pravah Hindi Unknown 1st 26 Nyaydarshanam Hindi Swami Dars...