Swami vivekanand ki mrityu kab hui thi

  1. स्वामी विवेकानंद की जीवनी ~ Biography Of Swami Vivekananda In Hindi
  2. महावीर स्वामी की मृत्यु कब हुई
  3. स्वामी विवेकानंद की मृत्यु का कारण, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे हुई थी
  4. चंद्रशेखर आजाद की मृत्यु कब और कहां हुई?
  5. बाबर का जीवन परिचय
  6. गांधी जी का जन्म और मृत्यु कब हुई थी
  7. महावीर स्वामी की मृत्यु कब हुई
  8. गांधी जी का जन्म और मृत्यु कब हुई थी
  9. बाबर का जीवन परिचय
  10. स्वामी विवेकानंद की जीवनी ~ Biography Of Swami Vivekananda In Hindi


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स्वामी विवेकानंद की जीवनी ~ Biography Of Swami Vivekananda In Hindi

स्वामी विवेकानन्द ( जन्म: १२ जनवरी, १८६३ – मृत्यु: ४ जुलाई, १९०२) वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् १८९३ में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का वेदान्त अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण की शुरुआत ” मेरे अमेरिकी भाइयों एवं बहनों” के साथ करने के लिए जाना जाता है। उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था। स्वामी विवेकानन्द का जन्म १२ जनवरी सन्‌ १८६3 को कलकत्ता में हुआ था। इनका बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ था। इनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। उनके पिता पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेन्द्र को भी अँग्रेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के ढर्रे पर चलाना चाहते थे। इनकी माता श्रीमती भुवनेश्वरी देवीजी धार्मिक विचारों की महिला थीं। उनका अधिकांश समय भगवान् शिव की पूजा-अर्चना में व्यतीत होता था। नरेन्द्र की बुद्धि बचपन से बड़ी तीव्र थी और परमात्मा को पाने की लालसा भी प्रबल थी। इस हेतु वे पहले‘ब्रह्म समाज’ में गये किन्तु वहाँ उनके चित्त को सन्तोष नहीं हुआ। वे वेदान्त और योग को पश्चिम संस्कृति में प्रचलित करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देना चाहते थे। विवेकानंद बड़े स्‍वपन्‍द्रष्‍टा थे। उन्‍होंने एक नये समाज की कल्‍पना की थी , ऐसा समाज जिसमें धर्म या जाति के आधार पर मनुष्‍य-मनुष्‍य में कोई भेद नही...

महावीर स्वामी की मृत्यु कब हुई

तीर्थंकर महावीर का केवलिकाल ३० वर्ष का था। उनके के संघ में १४००० मुनि, ३६००० आर्यिकाएँ, १००००० श्रावक और ३००००० श्रविकाएँ थी।[10] भगवान महावीर ने ईसापूर्व 527, 72 वर्ष की आयु में बिहार के पावापुरी (राजगीर) में कार्तिक कृष्ण अमावस्या को निर्वाण (मोक्ष) प्राप्त किया। उनके साथ अन्य कोई मुनि मोक्ष नहीं गए | पावापुरी में एक जल मंदिर स्थित है जिसके बारे में कहा जाता है कि यही वह स्थान है जहाँ से महावीर स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु का कारण, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे हुई थी

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु का कारण – स्वामी विवेकानंद को कौन नहीं जानता। उन्होंने भारत की सभ्यता, संस्कृति और अध्यात्म को पूरी दुनिया से परिचित कराया था। उन्होंने अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में भाग लिया और अपने विचारों से पूरी दुनिया को अवगत कराया। लेकिन क्या आप जानते है स्वामी विवेकानंद की मृत्यु का कारण, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु किस कारण हुई थी, अगर नहीं तो हमारे इस लेख के अंत तक बने रहे। आज के इस लेख में हम आपको स्वामी विवेकानंद की मृत्यु किस कारण हुई थी, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे हुई थी, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कब हुई थी, स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कहां हुई थी के बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये शुरू करते है और जानते है स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कब और कैसे हुई थी – स्वामी विवेकानंद के बारे में (Information About Swami Vivekananda In Hindi) स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता (पहले कलकत्ता) में हुआ था। उनका घर का नाम नरेंद्र दत्त था। वह बहुत तेज दिमाग के थे । जब उन्होंने रामकृष्ण परमहंस की प्रशंसा सुनी तो वे कुछ तर्क करने के उद्देश्य से उनके पास गए, लेकिन रामकृष्ण जी ने पहचान लिया कि यह वह शिष्य है जिसकी वे लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे। बाद में, रामकृष्ण विवेकानंद के गुरु बने। स्वामी विवेकानंद ने 25 वर्ष की आयु में भगवा वस्त्र धारण किया और उसके बाद उन्होंने पूरे भारत की पैदल यात्रा की। स्वामी विवेकानंद का दृढ़ विश्वास था कि अध्यात्म और भारत दर्शन के बिना दुनिया अनाथ हो जाएगी। उन्होंने भारत और विदेशों में रामकृष्ण मिशन की कई शाखाओं की स्थापना की। इस बात को लेकर कोई रहस्य नहीं है कि स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 1902 ई...

चंद्रशेखर आजाद की मृत्यु कब और कहां हुई?

Explanation : चंद्रशेखर आजाद की मृत्यु 27 फरवरी, 1931 को आजाद अल्फ्रेड पार्क, इलाहाबाद में हुई थी। काकोरी रेलवे स्टेशन के पास 9 अगस्त, 1925 को सरकारी खजाने का लूटने की की घटना में आजाद की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इनके अधिकांश साथी पकड़े गए। कुछ को फांसी हुई, लेकिन आजाद, आजाद रहे। साइमन कमीशन के विरोध में सन् 1928 में हुए प्रदर्शन में पुलिस की मार से लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई। इनकी मृत्यु का बदला लेने के लिए आजाद, भगत सिंह, तथा राजगुरु ने पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या कर दी। उन्हें अंग्रेज पुलिस कभी पकड़ न सकी। 27 फरवरी, सन् 1931 को आजाद अल्फ्रेड पार्क, इलाहाबाद में अपने क्रांतिकारी साथियों के साथ मंत्रणा कर रहे थे तभी किसी गद्दार ने उनके वहां होने की सूचना अंग्रेजी शासन को दे दी। पूरा पार्क पुलिस द्वारा घेर लिया गया। चारों तरफ से गोलियां चल रही थीं। आजाद भी जवाब में गोली दाग रहे थे। उन्होंने अपने साथियों को सुरक्षित बाहर निकाल दिया तथा अकेले मोर्चे पर डठे रहे। जब आजाद के पास एक ही गोली बची तो उन्होंने स्वयं ही अपनी कनपटी पर माल ली। घेरों पुलिस उनके खौफ से उनके पास नहीं आई। आजाद ने पहले ही प्रतिज्ञा की थी कि कभी भी वे जीवित शासन के हाथ नहीं आएंगे। उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा पूरी की। Tags :

बाबर का जीवन परिचय

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • आज के आर्टिकल में हम जानेंगे कि बाबर कौन था (Babar History in Hindi)। बाबर का जीवन परिचय (Babar Ka Jivan Parichay), बाबर का इतिहास (Babar History in Hindi), बाबर के युद्ध (Babar Ke Yudh) के बारे में जानेंगे। बाबर कौन था – Babar History in Hindi बाबर का जीवन परिचय – Babar ka Jivan Parichay पूरा नाम जहीर-उद-दीन मुहम्मद बाबर जन्म 14 फरवरी 1483 (23 फरवरी 1483) जन्मस्थान उज्बेकिस्तान के फरगना घाटी के अन्दीझ़ान नामक शहर में मकबरा काबुल मृत्यु 26 दिसंबर 1530 मृत्युस्थान आगरा, मुगल साम्राज्य मकबरा काबुल शासन 30 अप्रैल 1526-26 दिसम्बर 1530 ई. पिता उमर शेख मिर्जा माता कुतलुग निगार खानम दादा मिर्जा अबु शेख दादी आईशां दौलत बेगम नाना यूनुस खान नानी एहसान दौलत बेगम भाई चंगेज खान चाचा अहमद मिर्जा धर्म इस्लाम राजवंश तिमुरिड (तैमूर वंश) जीवनी बाबरनामा (चगताई भाषा) उपाधि पादशाह, कलंदर, गाजी, हजरत-फिरदौस-मकानी, जीवनी लेखकों का राजकुमार, मालियों का मुकुट (राजकुमार) संस्थापक मुगल वंश का संस्थापक पत्नियाँ आयेशा सुलतान बेगम, जैनाब सुलतान बेगम, मौसमा सुलतान बेगम, माहिम बेगम, गुलरुख बेगम, दिलदार बेगम, मुबारका युरुफझाई, गुलनार अघाचा। पुत्र-पुत्री हुमायूँ, कामरान मिर्जा, अस्करी मिर्जा, हिन्दाल मिर्जा, फख-उन-निस्सा, गुलरंग बेगम, गुलबदन बेगम। बाबर का जन्म कब हुआ – Babar Ka Janm Kab Hua Tha बाबर (Babar ka Janm) का जन्म 14 फरवरी 1483 को उज्बेकिस्तान के फरगना घाटी के अन्दीझ़ान नामक शहर (ट्रांस ऑक्सियाना प्रांत) में हुआ। बाबर के पिता का नाम (Babar ke Pita ka Naam) उमर शेख मिर्जा था, जो फरगना की जागीर का मालिक था तथा उसकी माता का नाम कुतलुग ...

गांधी जी का जन्म और मृत्यु कब हुई थी

गांधी जी का जन्म और मृत्यु कब हुई थी – गांधी जी ने अपनी मां से सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलना और अपने कर्तव्यों का पालन करना सीखा था। इंग्लैंड में पढ़ाई के दौरान उन्हें कई बार अपमान का सामना करना पड़ा, फिर भी वे रुके नहीं। तो आइये जानते है सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले महात्मा गांधी जी के बारे (About Mahatma Gandhi In Hindi) – महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय हिंदी में (Mahatma Gandhi Biography In Hindi) • असली नाम – मोहनदास करमचंद्र गाँधी • पिता का नाम – करमचंद गांधी • माता का नाम – पुतलीबाई • पत्नी का नाम – कस्तूरबा गांधी • जन्म दिनांक – 2 अक्टूबर, 1869 • मृत्यु दिनांक – 30 जनवरी 1948 • जन्म स्थान – गुजरात, पोरबंदर • धर्म – हिन्दू • पुत्री – नहीं • पुत्र – हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास • हत्या करने वाले का नाम – नाथूराम गोडसे गांधी जी का जन्म और मृत्यु कब हुई थी हिंदी में (Gandhi Ji Ka Janam Aur Mrityu Kab Hui Thi) महात्मा गांधी की जीवनी संघर्षों से भरी है लेकिन बहुत प्रेरक है। 2 अक्टूबर 1869 को जन्मे गांधीजी का निधन 30 जनवरी 1948 को हुआ था। यानी गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था, जबकि मृत्यु 30 जनवरी 1948 को हुई थी। महात्मा गांधी का जन्म कब हुआ था और कहाँ (Mahatma Gandhi Ka Janam Kab Hua Tha) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। महात्मा के पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। उनके पिता ब्रिटिश शासन के दौरान पोरबंदर और राजकोट के दीवान थे। महात्मा गांधी का असली नाम मोहनदास करमचंद गांधी था और वे तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। गांधीजी का सादा जीवन उनकी मां से प्रेरित था। गांधीजी का पालन-पोषण एक वैष्णव...

महावीर स्वामी की मृत्यु कब हुई

तीर्थंकर महावीर का केवलिकाल ३० वर्ष का था। उनके के संघ में १४००० मुनि, ३६००० आर्यिकाएँ, १००००० श्रावक और ३००००० श्रविकाएँ थी।[10] भगवान महावीर ने ईसापूर्व 527, 72 वर्ष की आयु में बिहार के पावापुरी (राजगीर) में कार्तिक कृष्ण अमावस्या को निर्वाण (मोक्ष) प्राप्त किया। उनके साथ अन्य कोई मुनि मोक्ष नहीं गए | पावापुरी में एक जल मंदिर स्थित है जिसके बारे में कहा जाता है कि यही वह स्थान है जहाँ से महावीर स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

गांधी जी का जन्म और मृत्यु कब हुई थी

गांधी जी का जन्म और मृत्यु कब हुई थी – गांधी जी ने अपनी मां से सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलना और अपने कर्तव्यों का पालन करना सीखा था। इंग्लैंड में पढ़ाई के दौरान उन्हें कई बार अपमान का सामना करना पड़ा, फिर भी वे रुके नहीं। तो आइये जानते है सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले महात्मा गांधी जी के बारे (About Mahatma Gandhi In Hindi) – महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय हिंदी में (Mahatma Gandhi Biography In Hindi) • असली नाम – मोहनदास करमचंद्र गाँधी • पिता का नाम – करमचंद गांधी • माता का नाम – पुतलीबाई • पत्नी का नाम – कस्तूरबा गांधी • जन्म दिनांक – 2 अक्टूबर, 1869 • मृत्यु दिनांक – 30 जनवरी 1948 • जन्म स्थान – गुजरात, पोरबंदर • धर्म – हिन्दू • पुत्री – नहीं • पुत्र – हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास • हत्या करने वाले का नाम – नाथूराम गोडसे गांधी जी का जन्म और मृत्यु कब हुई थी हिंदी में (Gandhi Ji Ka Janam Aur Mrityu Kab Hui Thi) महात्मा गांधी की जीवनी संघर्षों से भरी है लेकिन बहुत प्रेरक है। 2 अक्टूबर 1869 को जन्मे गांधीजी का निधन 30 जनवरी 1948 को हुआ था। यानी गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था, जबकि मृत्यु 30 जनवरी 1948 को हुई थी। महात्मा गांधी का जन्म कब हुआ था और कहाँ (Mahatma Gandhi Ka Janam Kab Hua Tha) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। महात्मा के पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। उनके पिता ब्रिटिश शासन के दौरान पोरबंदर और राजकोट के दीवान थे। महात्मा गांधी का असली नाम मोहनदास करमचंद गांधी था और वे तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। गांधीजी का सादा जीवन उनकी मां से प्रेरित था। गांधीजी का पालन-पोषण एक वैष्णव...

बाबर का जीवन परिचय

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स्वामी विवेकानंद की जीवनी ~ Biography Of Swami Vivekananda In Hindi

स्वामी विवेकानन्द ( जन्म: १२ जनवरी, १८६३ – मृत्यु: ४ जुलाई, १९०२) वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् १८९३ में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का वेदान्त अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण की शुरुआत ” मेरे अमेरिकी भाइयों एवं बहनों” के साथ करने के लिए जाना जाता है। उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था। स्वामी विवेकानन्द का जन्म १२ जनवरी सन्‌ १८६3 को कलकत्ता में हुआ था। इनका बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ था। इनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। उनके पिता पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेन्द्र को भी अँग्रेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के ढर्रे पर चलाना चाहते थे। इनकी माता श्रीमती भुवनेश्वरी देवीजी धार्मिक विचारों की महिला थीं। उनका अधिकांश समय भगवान् शिव की पूजा-अर्चना में व्यतीत होता था। नरेन्द्र की बुद्धि बचपन से बड़ी तीव्र थी और परमात्मा को पाने की लालसा भी प्रबल थी। इस हेतु वे पहले‘ब्रह्म समाज’ में गये किन्तु वहाँ उनके चित्त को सन्तोष नहीं हुआ। वे वेदान्त और योग को पश्चिम संस्कृति में प्रचलित करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देना चाहते थे। विवेकानंद बड़े स्‍वपन्‍द्रष्‍टा थे। उन्‍होंने एक नये समाज की कल्‍पना की थी , ऐसा समाज जिसमें धर्म या जाति के आधार पर मनुष्‍य-मनुष्‍य में कोई भेद नही...