Swami vivekananda in hindi

  1. Swami Vivekananda Biography in Hindi
  2. "व्यावहारिक वेदांत" स्वामी विवेकानंद कृत: Vivekananda's Pracitcal Vedanta in Hindi
  3. स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) का जीवन परिचय
  4. स्वामी विवेकानंद पर भाषण
  5. "व्यावहारिक वेदांत" स्वामी विवेकानंद कृत: Vivekananda's Pracitcal Vedanta in Hindi
  6. स्वामी विवेकानंद पर भाषण
  7. स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) का जीवन परिचय
  8. Swami Vivekananda Biography in Hindi


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Swami Vivekananda Biography in Hindi

स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय – Swami Vivekananda Biography in Hindi स्वामी विवेकानन्द के जीवन से जुडी सभी जानकारी हिन्दी में। Swami Vivekananda Biography in Hindi – स्वामी विवेकानंद एक महान ब्यक्ति, सर्वश्रेष्ठ शिक्षक, सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। इनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। इनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। इनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था, जो कलकत्ता हाई कोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। उनकी माता भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों की महिला थीं, स्वामी जी के दादा दुर्गाचरण दत्ता, संस्कृत और फारसी के विद्वान थे, उन्होंने 25 की उम्र में घर छोड़ दिया और एक साधु बन गए। बचपन से ही स्वामी विवेकानन्द (नरेन्द्र) अत्यन्त कुशाग्र बुद्धि के तो थे ही नटखट भी थे। स्वामी जी अपने साथी बच्चों के साथ वे खूब शरारत करते थे, मौका मिलने पर अपने अध्यापकों के साथ भी शरारत करने से नहीं चूकते थे। उनके वहां नियमित रूप से पूजा पाठ होती रहती थी। उनके माता श्री को पुराण,रामायण, महाभारत आदि की कथा सुनने का बहुत शौक था। माता-पिता के संस्कारों और धार्मिक वातावरण के कारण बालक (स्वामी जी) के मन में बचपन से ही ईश्वर को जानने और उसे प्राप्त करने की लालसा दिखायी देने लगी थी। स्वामी विवेकानंद की शिक्षा – स्वामी जी बचपन से ही बहुत तेज बुद्धि के थे, उस समय बालक लोग विद्यालय में 6-7 की उम्र होने के बाद ही दाखिला लेते थे, सन् 1871 में, 8 साल की उम्र में, स्वामी जी ने ईश्वर चंद्र विद्यासागर के मेट्रोपोलिटन संस्थान में दाखिला लिया जहाँ वे स्कूल गए। 1877 में उनका पूरा परिवार रायपुर चला गया। 1879 में, कलकत्ता में अपने परिवार ...

"व्यावहारिक वेदांत" स्वामी विवेकानंद कृत: Vivekananda's Pracitcal Vedanta in Hindi

उनका यही चिंतन “व्यावहारिक वेदांत” के रूप में परिणत हुआ। दरअस्ल, स्वामी विवेकानंद ने वेदांत के व्यावहारिक उपयोग पर चार व्याख्यान दिए थे। ये व्याख्यान सन् 1896 में लंदन में दिए गए थे। इन्हीं व्याख्यानों का संकलन है उनकी यह प्रसिद्ध पुस्तक। यूँ तो यह पुस्तक छोटी-सी है, लेकिन इसमें वेदांत दर्शन की–विशेषतः अद्वैत सिद्धांत की–व्यावहारिकता पर चर्चा की गई है। मुझे यह पुस्तक साक्षात् उपनिषदों का निचोड़ लगती है। किस तरह जीवन को आध्यात्मिक, उदात्त और सफल बनाया जाए–यह जानना हो तो इस पुस्तक को एक बार ज़रूर पढ़ें। We are happy to bring Swami Vivekananda’s “Practical Vedant” in Hindi for you. It is one of the best books written on Vedant in modern times. It can be said that Swami Vivekananda brought Vedanta out from ancient scriptures to common people. He believed and preached that the principles of Vedanta can be used by everyone in all spheres of life. This thought of his materialized in the form of this book called “Vyavharik Jeevan Mein Vedanta”. This book contains four of his lectures given in London during 1896. It teaches practical applicability of Vedant–especially, of Advaita philosophy–in life. This book can be called the essence of all Upanishads. I hope you are going to appreciate our effort to bring Practical Vedanta in Hindi. March 3, 2021 at 1:27 pm Permalink दीपक जी, हिंदीपथ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ही स्वामी विवेकानंद के संपूर्ण साहित्य को हिंदी में जन-जन तक पहुँचाना है। हम इसपर तेज़ी-से कार्य कर रहे हैं। आशा है कि शीघ्र ही संपूर्ण विवेकानन्द साहित्य हिंदी में यहाँ आप प...

स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) का जीवन परिचय

Table of Contents • • • • • • • • स्वामी विवेकानंद जीवनी (जीवनी), प्रेरक प्रसाद, अनमोल विचार हिंदी में (Swami Vivekananda’s Biography and inspirational story in Hindi) स्वामी विवेकानंद भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति के जीवंत अवतार थे। जिन्होंने पूरे विश्व को भारत की संस्कृति, धर्म और नैतिक मूल्यों के मूल से परिचित कराया। स्वामी जी वेद, साहित्य और इतिहास की विधा में पारंगत थे। पिछले लेख में, हमने महत्वपूर्ण विषय Dr. APJ अब्दुल कलाम का इतिहास व जीवन परिचय और Meesho App क्या है और इस से पैसे कैसे कमाए? सम्पूर्ण जानकारी ! के बारे में अच्छे से और सम्पूर्ण जानकारी प्रदान कर चुके हैं। जीवन परिचय बिंदु जीवन परिचय नाम (Name) स्वामी विवेकानंद वास्तविक नाम (Real Name) नरेन्द्र दास दत्त पिता का नाम (Father Name) विश्वनाथ दत्त माता का नाम (Mother Name) भुवनेश्वरी देवी जन्म दिनांक (Birth Date) 12 जनवरी 1863 जन्म स्थान (Birth Place) कलकत्ता गुरु का नाम (Guru/Teacher) रामकृष्ण परमहंस प्रसिद्दी कारण (Known For) संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में हिंदू दर्शन के सिद्धांतों का प्रसार पेशा (Profession) आध्यात्मिक गुरु मृत्यु दिनांक (Death) 4 जुलाई 1902 मृत्यु स्थान (Death Place) बेलूर मठ, बंगाल स्वामी विवेकानंद ने संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में हिंदू आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार किया। उनका जन्म कलकत्ता के एक हाई-प्रोफाइल परिवार में हुआ था। उनका असली नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। छोटी उम्र में ही वे गुरु रामकृष्ण परमहंस के संपर्क में आ गए और सनातन धर्म के प्रति उनका झुकाव बढ़ने लगा। गुरु रामकृष्ण परमहंस से मिलने से पहले वे एक सामान्य इंसान की तरह अपना सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे थे। गुरुजी न...

स्वामी विवेकानंद पर भाषण

Speech on Swami Vivekananda in Hindi: स्वामी विवेकानंद भारत के सबसे प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेताओं में से एक थे। इसके साथ साथ वो एक विपुल विचारक, महान वक्ता और परम देशभक्त थे। साल 1893 में शिकागो में आयोजित धर्म संसद में उन्होंने हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। इसके बाद पूरी दुनिया में उनको ख्याति मिली थी।स्वामी विवेकानंद काजन्म12 जनवरी साल 1863 कोहुआ था और उनकी मृत्यु 4 जुलाई 1904 के दिन हुई थी। विषय सूची • • • • • स्वामी विवेकानंद पर भाषण हिंदी में | Speech on Swami Vivekananda in Hindi स्वामी विवेकानंद पर भाषण (500 शब्द) आदरणीय महोदय और मेरे प्यारे साथियों, सबको मेरा नमस्कार। आप सभी ने मुझे इस मंच पर एक महान व्यक्तित्व स्वामी विवेकानंद के बारे में बोलने का मौका दिया। उसके लिए में आप सबका आभारी हूँ। आप सब भी स्वामी विवेकानंद के नाम से परिचित जरूर होंगे। स्वामी विवेकांनद वो महान हस्ती थे, जिन्होंने पूरी दुनिया को हिन्दू धर्म का परिचय करवाया और भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया। साल 1863 को 12 जनवरी के दिन कोलकाता में उनका जन्म हुआ था। बचपन में उनका नाम नरेन्द्र था। बचपन में ही उनके पिता की मृत्यु हो जाने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उनकी माता द्वारा घर में धार्मिक कार्य अधिक होते थे, इसलिए पढ़ाई से ज्यादा उनकी रूचि अध्यात्मिक की और ज्यादा थी। उन्हें बचपन से ही परमात्मा को पाने की तीव्र इच्छा थी। विवेकानंदजी की बुद्धि बचपन से बड़ी तीव्र थी, इसलिए उन्होंने केवल 25 साल की उम्र में ही वेद, पुराण, बाइबल, कुरआन, गुरुग्रंथ साहिब, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, साहित्य और संगीत तमाम का ज्ञान ले लिया था। फिर भी उनके किसी प्रकार का संतोष प्राप्त नहीं हुआ। अंत में उन्ह...

"व्यावहारिक वेदांत" स्वामी विवेकानंद कृत: Vivekananda's Pracitcal Vedanta in Hindi

उनका यही चिंतन “व्यावहारिक वेदांत” के रूप में परिणत हुआ। दरअस्ल, स्वामी विवेकानंद ने वेदांत के व्यावहारिक उपयोग पर चार व्याख्यान दिए थे। ये व्याख्यान सन् 1896 में लंदन में दिए गए थे। इन्हीं व्याख्यानों का संकलन है उनकी यह प्रसिद्ध पुस्तक। यूँ तो यह पुस्तक छोटी-सी है, लेकिन इसमें वेदांत दर्शन की–विशेषतः अद्वैत सिद्धांत की–व्यावहारिकता पर चर्चा की गई है। मुझे यह पुस्तक साक्षात् उपनिषदों का निचोड़ लगती है। किस तरह जीवन को आध्यात्मिक, उदात्त और सफल बनाया जाए–यह जानना हो तो इस पुस्तक को एक बार ज़रूर पढ़ें। We are happy to bring Swami Vivekananda’s “Practical Vedant” in Hindi for you. It is one of the best books written on Vedant in modern times. It can be said that Swami Vivekananda brought Vedanta out from ancient scriptures to common people. He believed and preached that the principles of Vedanta can be used by everyone in all spheres of life. This thought of his materialized in the form of this book called “Vyavharik Jeevan Mein Vedanta”. This book contains four of his lectures given in London during 1896. It teaches practical applicability of Vedant–especially, of Advaita philosophy–in life. This book can be called the essence of all Upanishads. I hope you are going to appreciate our effort to bring Practical Vedanta in Hindi. March 3, 2021 at 1:27 pm Permalink दीपक जी, हिंदीपथ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ही स्वामी विवेकानंद के संपूर्ण साहित्य को हिंदी में जन-जन तक पहुँचाना है। हम इसपर तेज़ी-से कार्य कर रहे हैं। आशा है कि शीघ्र ही संपूर्ण विवेकानन्द साहित्य हिंदी में यहाँ आप प...

स्वामी विवेकानंद पर भाषण

Speech on Swami Vivekananda in Hindi: स्वामी विवेकानंद भारत के सबसे प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेताओं में से एक थे। इसके साथ साथ वो एक विपुल विचारक, महान वक्ता और परम देशभक्त थे। साल 1893 में शिकागो में आयोजित धर्म संसद में उन्होंने हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। इसके बाद पूरी दुनिया में उनको ख्याति मिली थी।स्वामी विवेकानंद काजन्म12 जनवरी साल 1863 कोहुआ था और उनकी मृत्यु 4 जुलाई 1904 के दिन हुई थी। विषय सूची • • • • • स्वामी विवेकानंद पर भाषण हिंदी में | Speech on Swami Vivekananda in Hindi स्वामी विवेकानंद पर भाषण (500 शब्द) आदरणीय महोदय और मेरे प्यारे साथियों, सबको मेरा नमस्कार। आप सभी ने मुझे इस मंच पर एक महान व्यक्तित्व स्वामी विवेकानंद के बारे में बोलने का मौका दिया। उसके लिए में आप सबका आभारी हूँ। आप सब भी स्वामी विवेकानंद के नाम से परिचित जरूर होंगे। स्वामी विवेकांनद वो महान हस्ती थे, जिन्होंने पूरी दुनिया को हिन्दू धर्म का परिचय करवाया और भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया। साल 1863 को 12 जनवरी के दिन कोलकाता में उनका जन्म हुआ था। बचपन में उनका नाम नरेन्द्र था। बचपन में ही उनके पिता की मृत्यु हो जाने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उनकी माता द्वारा घर में धार्मिक कार्य अधिक होते थे, इसलिए पढ़ाई से ज्यादा उनकी रूचि अध्यात्मिक की और ज्यादा थी। उन्हें बचपन से ही परमात्मा को पाने की तीव्र इच्छा थी। विवेकानंदजी की बुद्धि बचपन से बड़ी तीव्र थी, इसलिए उन्होंने केवल 25 साल की उम्र में ही वेद, पुराण, बाइबल, कुरआन, गुरुग्रंथ साहिब, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, साहित्य और संगीत तमाम का ज्ञान ले लिया था। फिर भी उनके किसी प्रकार का संतोष प्राप्त नहीं हुआ। अंत में उन्ह...

स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) का जीवन परिचय

Table of Contents • • • • • • • • स्वामी विवेकानंद जीवनी (जीवनी), प्रेरक प्रसाद, अनमोल विचार हिंदी में (Swami Vivekananda’s Biography and inspirational story in Hindi) स्वामी विवेकानंद भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति के जीवंत अवतार थे। जिन्होंने पूरे विश्व को भारत की संस्कृति, धर्म और नैतिक मूल्यों के मूल से परिचित कराया। स्वामी जी वेद, साहित्य और इतिहास की विधा में पारंगत थे। पिछले लेख में, हमने महत्वपूर्ण विषय Dr. APJ अब्दुल कलाम का इतिहास व जीवन परिचय और Meesho App क्या है और इस से पैसे कैसे कमाए? सम्पूर्ण जानकारी ! के बारे में अच्छे से और सम्पूर्ण जानकारी प्रदान कर चुके हैं। जीवन परिचय बिंदु जीवन परिचय नाम (Name) स्वामी विवेकानंद वास्तविक नाम (Real Name) नरेन्द्र दास दत्त पिता का नाम (Father Name) विश्वनाथ दत्त माता का नाम (Mother Name) भुवनेश्वरी देवी जन्म दिनांक (Birth Date) 12 जनवरी 1863 जन्म स्थान (Birth Place) कलकत्ता गुरु का नाम (Guru/Teacher) रामकृष्ण परमहंस प्रसिद्दी कारण (Known For) संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में हिंदू दर्शन के सिद्धांतों का प्रसार पेशा (Profession) आध्यात्मिक गुरु मृत्यु दिनांक (Death) 4 जुलाई 1902 मृत्यु स्थान (Death Place) बेलूर मठ, बंगाल स्वामी विवेकानंद ने संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में हिंदू आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार किया। उनका जन्म कलकत्ता के एक हाई-प्रोफाइल परिवार में हुआ था। उनका असली नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। छोटी उम्र में ही वे गुरु रामकृष्ण परमहंस के संपर्क में आ गए और सनातन धर्म के प्रति उनका झुकाव बढ़ने लगा। गुरु रामकृष्ण परमहंस से मिलने से पहले वे एक सामान्य इंसान की तरह अपना सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे थे। गुरुजी न...

Swami Vivekananda Biography in Hindi

स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय – Swami Vivekananda Biography in Hindi स्वामी विवेकानन्द के जीवन से जुडी सभी जानकारी हिन्दी में। Swami Vivekananda Biography in Hindi – स्वामी विवेकानंद एक महान ब्यक्ति, सर्वश्रेष्ठ शिक्षक, सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। इनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। इनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। इनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था, जो कलकत्ता हाई कोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। उनकी माता भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों की महिला थीं, स्वामी जी के दादा दुर्गाचरण दत्ता, संस्कृत और फारसी के विद्वान थे, उन्होंने 25 की उम्र में घर छोड़ दिया और एक साधु बन गए। बचपन से ही स्वामी विवेकानन्द (नरेन्द्र) अत्यन्त कुशाग्र बुद्धि के तो थे ही नटखट भी थे। स्वामी जी अपने साथी बच्चों के साथ वे खूब शरारत करते थे, मौका मिलने पर अपने अध्यापकों के साथ भी शरारत करने से नहीं चूकते थे। उनके वहां नियमित रूप से पूजा पाठ होती रहती थी। उनके माता श्री को पुराण,रामायण, महाभारत आदि की कथा सुनने का बहुत शौक था। माता-पिता के संस्कारों और धार्मिक वातावरण के कारण बालक (स्वामी जी) के मन में बचपन से ही ईश्वर को जानने और उसे प्राप्त करने की लालसा दिखायी देने लगी थी। स्वामी विवेकानंद की शिक्षा – स्वामी जी बचपन से ही बहुत तेज बुद्धि के थे, उस समय बालक लोग विद्यालय में 6-7 की उम्र होने के बाद ही दाखिला लेते थे, सन् 1871 में, 8 साल की उम्र में, स्वामी जी ने ईश्वर चंद्र विद्यासागर के मेट्रोपोलिटन संस्थान में दाखिला लिया जहाँ वे स्कूल गए। 1877 में उनका पूरा परिवार रायपुर चला गया। 1879 में, कलकत्ता में अपने परिवार ...