Swar sandhi kise kahate hain

  1. संधि किसे कहते हैं
  2. स्वर संधि (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
  3. Swar Sandhi Kise Kahate Hain
  4. स्वर संधि किसे कहते हैं, स्वर संधि के भेद, उदाहरण
  5. Sandhi Kise Kahate Hain
  6. स्वर संधि किसे कहते हैं, स्वर संधि के भेद, उदाहरण
  7. Swar Sandhi In Hindi : स्वर संधि किसे है ? स्वर संधि के भेद , उदाहरण
  8. Swar Sandhi Kise Kahate Hain
  9. Sandhi Kise Kahate Hain
  10. संधि किसे कहते हैं


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संधि किसे कहते हैं

संधि किसे कहते हैं (संधि की परिभाषा) - संधि का अर्थ है मेल, मिलना या जुड़ना। ज ब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि एवं दुसरे शब्द कि पहली ध्वनि मिलकर जो परिवर्तन अथवा विकार उत्पन्न करती है, उसे ही संधि कहते हैं। इस लेख में आप संधि एवं स्वर संधि के बारे मे अच्छे से जान पाएंगे एवं साथ ही अंत मे संधि के MCQ दिये गए हैं जो कि परीक्षा कि दृष्टि से महत्वपूर्ण है। दो स्वरों के मेल से जो विकार उत्पन हो स्वर संधि कहलाती हैसूर्य+ अस्त- सुर्यास्त नव+आगत- नवागत सप्त-ऋषि- सप्तर्षि स्वर संधि के भेद ( Swar Sandhi Ke Bhed )- 1.दीर्घ संधि- जब हस्व (अ, इ, उ,) या दीर्घ (आ, ई, ऊ) के बाद क्रमशः हस्व(अ, इ, उ) या दीर्घ (आ, ई, ऊ) आयें तो दोनों मिलकर क्रमशः आ, ई, ऊ में परिवर्तित हो जाता है अ+अ अथवा आ = आ इ+इ अथवा ई = ई उ+उ अथवा ऊ = ऊ Trick- बड़ी मात्रा(आ, ई, ऊ) उदाहरण- मतानुसार- मत+ अनुसार परीक्षार्थी- परीक्षा + अर्थी सत्याग्रह- सत्य + आग्रह योगीन्द्र- योगी + इंद्र धातूष्मा- धातु + ऊष्मा देवागमन- देव + आगमन 2.गुण संधि- जब अ या आ के बाद हस्व (इ, उ,) या दीर्घ (ई, ऊ,) या ऋ आये तो दोनों के मिलने पर क्रमशः ए, ओ, अर हो जाता है। अ अथवा आ + इ अथवा ई = ए अ अथवा आ + उ अथवा ऊ =ओ अ अथवा आ + ऋ = अर Trick- ए, ओ, अर(छोटी एक मात्र) उदाहरण- नरेंद्र - नर + इंद्र परमेश्वर - परम + ईश्वर मानवोचित - मानव + उचित महोत्सव - महा + उत्सव दयोर्मी - दया + उर्मि सप्तर्षि - सप्त + ऋषि राजर्षि - राज + ऋषि 3.वृद्धि संधि- जब अ, या आ के बाद ए या ऐ हो तो दोनों मिलकर ऐ हो जाते हैं व यदि अ, आ के बाद ओ, औ आये तो दोनों मिलकर औ हो जाता है। अ अथवा आ + ए अथवा ऐ = ऐ अ अथवा आ + ओ अथवा औ= औ Trick- ऐ, औ( बड़ी मात्रा) उदाहरण- लोकैषण - ...

स्वर संधि (परिभाषा, भेद और उदाहरण)

स्वर संधि किसे कहते है? स्वर संधि की परिभाषा (Swar Sandhi ki Paribhasha): जब दो स्वर के मिलने से या आपस में जुड़ने से जो परिवर्तन आता है, वह स्वर संधि कहलाती है। दूसरे शब्दों में यदि बात की जाए तो जब स्वर के साथ स्वर का मेल हो और जो परिवर्तन होता है, वह स्वर संधि कहलाता है। हिंदी भाषा में स्वरों की संख्या 11 है। • वार्ता + आलय = वार्तालय • पुस्तक + आलय = पुस्तकालय ऊपर उदाहरण में आप स्पष्ट रूप से देख सकते है कि दो स्वरों के मिलने से परिवर्तन होता है। यहां पर प्रस्तुत उदाहरण में आप देख सकते हैं कि जब दो स्वरों को आपस में मिलाया गया तो मुख्य शब्द में परिवर्तन देखने को मिला। अतः इस उदाहरण को स्वर संधि का मुख्य उदाहरण माना जाएगा। स्वर संधि के उदाहरण (Swar Sandhi ke Udaharan) अ + अ= आ दोनों स्वर अ और अ के मिलने पर आ बनता है। इसके उदाहरण निचे दिए गए है। • परम + अर्थ = परमार्थ • धर्म + अर्थ = धर्मार्थ अ + आ = आ स्वर अ और दूसरा स्वर आ के मिलने से आ बनता है। इसके उदाहरण नीचे दिए गए है। • हिम + आलय = हिमालय • धर्म + आत्मा = धर्मात्मा आ + आ = आ दोनों आ स्वर की मिलने से आ बनता है। इसके उदाहरण नीचे दिए गए है। • रेखा + अंकित = रेखांकित • सीमा + अन्त = सीमान्त स्वर संधि के प्रकार (Swar Sandhi ke Prakar) हिंदी व्याकरण में संधि की सबसे बड़ी इकाई स्वर संधि है। स्वर संधि जिसको 5 भागों में बांटा गया है। स्वर संधि के प्रकार नीचे निम्न रूप से दिए गए है। • दीर्घ संधि • • • • निष्कर्ष हमने यहाँ पर स्वर संधि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Swar Sandhi Kise Kahate Hain

संधि की परिभाषा संधि शब्द सम् + धि के मेल से बना है, जिसका अर्थ होता है मेल। जब किसी दो निकटवर्ती वर्णों के आपस में मिलने से जो विकार या परिवर्तन होता है, वह संधि कहलाता है। संधि के भेद हिंदी व्याकरण की यदि बात की जाए तो सामान्य रूप में संधि के तीन प्रकार होते हैं, जो निम्नलिखित हैं: • स्वर संधि • व्यंजन संधि • विसर्ग संधि Swar Sandhi Kise Kahate Hain? स्वर संधि की परिभाषा (स्वर संधि की परिभाषा) : दो स्वरों के आपस में मिलने या मिलने से जो परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहते हैं। दूसरे शब्दों में जब स्वर के साथ स्वर का योग हो और उसमें परिवर्तन हो तो उसे स्वर संधि कहते हैं। हिन्दी भाषा में स्वरों की संख्या 11 है। बात + बात = बात किताब + कमरा = पुस्तकालय ऊपर के उदाहरण में आप स्वयं देख सकते हैं कि कैसे दो स्वर एक साथ आने पर बदल जाते हैं। आप यहाँ दिए गए उदाहरण से देख सकते हैं कि दो स्वरों के मेल से प्राथमिक शब्द बदल जाता है। नतीजतन, यह उदाहरण स्वर समझौते के प्राथमिक उदाहरण के रूप में काम करेगा। स्वरों के उदाहरण अ + अ= आ आ तब बनता है जब अ और अ दोनों स्वर एक साथ जुड़ते हैं। इसके उदाहरण नीचे दिए गए हैं। • परम + अर्थ = परमार्थ • धर्म + अर्थ = धर्मार्थ • अ + आ = आ स्वर अ और दूसरे स्वर आ को मिलाने से आ बनता है। इसके उदाहरण नीचे दिए गए हैं। • हिम + आलय = हिमालय • धर्म + आत्मा = धर्मात्मा • आ + आ = आ दोनों आ स्वर की मिलने से आ बनता है। इसके उदाहरण नीचे दिए गए है। रेखा + अंकित = रेखांकित सीमा + अन्त = सीमान्त स्वर संधि के प्रकार व्याकरण में संधि की सबसे बड़ी इकाई स्वर संधि है।स्वर संधि जिसको 5 भागों में बांटा गया है। स्वर संधि के प्रकार नीचे बताए गए हैं। • दीर्घ संधि • गुण संधि • वृद्धि...

स्वर संधि किसे कहते हैं, स्वर संधि के भेद, उदाहरण

Swar sandhi kise kahate hain| स्वर संधि किसे कहते हैं आज हम इसके बारे में विस्तार पूर्वक अध्यन करेंगे स्वर संधि, स्वर संधि के भेद तथा उदाहरण के बारे में भी देखेंगे तो शुरू करते हैं. स्वर संधि किसे कहते हैं जब एक शब्द अथवा रूपिम् के अन्य स्वर दूसरे शब्द अथवा रूपिम् के अन्य स्वर से मिलते हैं, तो उसे स्वर संधि कहते हैं। स्वर सन्धि के 5 भेद होते हैं – • दीर्घ संधि • गुण संधि • वृद्धि संधि • यण् संधि • अयादि संधि दीर्घ संधि किसे कहते हैं अ, आ, इ, ई, उ, ऊ में से कोई भी स्वर अपने सजातीय वर्ग के हस्व या दीर्घ स्वर के निकट आते हैं तब दोनों स्वरों के बदले उस वर्ग का दीर्घ स्वर हो जाता है। दीर्घ संधि के उदाहरण अ+ अ= आ शब्द + अर्थ = शब्दार्थ अन्न + अभाव = अन्नाभाव. अ+ आ = आ हिम + आलय = हिमालय अनाथ + आलय = अनाथालय. गुण संधि किसे कहते हैं यदि अ तथा आ के बाद इ, ई, उ, ऊ या ‘ऋ’ का प्रयोग हो तो उनसे मिलकर क्रमश: ‘ए’‘ओ’ तथा अंतस्थ: ‘र’ होते हैं। इस विकार को ‘ गुण संधि‘ कहते हैं. उदाहरण – अ + इ = ए शुभ + इच्छा = शुभेच्छा नर + इन्द्र = नरेन्द्र देव + इन्द्र = देवेन्द्र अ + ई = ए परम + ईश्वर = परमेश्वर गण + ईश = गणेश सुर + ईश = सुरेश वृद्धि संधि किसे कहते हैं अ या आ के बाद यदि ए/ऐ या औ स्वर आते हैं तो दोनों के स्थान पर क्रमश: ऐ तथा औ हो जाते हैं। इसे ही वृद्धि सन्धि कहते हैं। उदाहरण- अ + ए = ऐ एक + एक = एकैक, | लोक + एषणा = लोकैषणा अ + ऐ = ऐ मत + ऐक्य = मतैक्य, | भाव + ऐक्य = भावैक्य आ + ए = ऐ सदा + एव = सदैव, | तथा + एव = तथैव आ + ऐ = ऐ महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य अ + औ = औ वन + औषधि = वनौषधि आ + ओ = औ महा + औषधि = महौषधि, | महा + ओज = महौज अपवाद –अ अथवा अ के आगे ओष्ठ्य आए तो विकल्प से ओ अथवा औ ...

Sandhi Kise Kahate Hain

संधि किसे कहते हैं (sandhi kise kahate hain) संधि का शाब्दिक अर्थ है मेल। व्याकरण में जब दो या दो से अधिक वर्ण परस्पर मिलते हैं, तब एक नया रूप धारण कर लेते हैं। इस मेल को संधि कहते हैं। संधि के उदाहरण – • महा + ईश = महेश, • नर + इंद्र = नरेन्द्र, • देव + आलय + देवालय आदि। उदाहरण में दिए गए शब्द शब्दों में पहले शब्द के अंतिम संधि का परिणाम है। संधि के अंतर्गत पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की प्रथम ध्वनि में मेल होकर परिवर्तन घटित होता है; जैसे- जगत् + ईश = जगदीश, हित + उपदेश + हितोपदेश। जब दो स्वर आपस में मिलते हैं तो उसे स्वर संधि कहते हैं। इसके अंतर्गत पहले शब्द का अंतिम वर्ण तथा दूसरे शब्द का पहला वर्ण स्वर होता है और ये परस्पर मिलकर नया रूप धारण करते हैं। जैसे – विद्या + आलय= विद्यालय, रमा + ईश = रमेश इत्यादी। चलिए अब स्वर संधि के भेद (swar sandhi ke bhed) के बारे में जानते हैं। दीर्घ संधि के उदाहरण- (अ + अ = आ)– • धर्म + अर्थ = धर्मार्थ • सत्य + अर्थी (अ + आ = आ)- • परम = आत्मा + परमात्मा • देव + आलय = देवालय (आ + अ = आ)- • विद्या + अर्थी = विद्यार्थी • परीक्षा + अर्थी = परीक्षार्थी (आ + आ = आ)- • विद्या + आलय = विद्यालय • महा + आत्मा = महात्मा (इ + इ = ई)- • रवि + इन्द्र = रवीन्द्र • अभि + इष्ट = अभीष्ट (इ + ई = ई)- • गिरि + ईश = गिरीश • हरि + ईश = हरीश (ई + इ = ई)- • मही + इंद्र = महिंद्र • योगी + इंद्र = योगीन्द्र (ई + ई = ई)- • सती + ईश = सतीश • रजनी + ईश = रजनीश (उ + उ = ऊ)- • सु + उक्ति – सूक्ति • भानु + उदय = भानुदय (उ + ऊ = ऊ)- • लघु + उर्मी = लघूर्मि • लघु + ऊर्जा = लघुर्जा (ऊ + उ = ऊ)- • वधू + उत्सव = वधूत्सव • भू + उत्सर्ग = भूत्सर्ग (ऊ + ऊ = ऊ)- • ...

स्वर संधि किसे कहते हैं, स्वर संधि के भेद, उदाहरण

Swar sandhi kise kahate hain| स्वर संधि किसे कहते हैं आज हम इसके बारे में विस्तार पूर्वक अध्यन करेंगे स्वर संधि, स्वर संधि के भेद तथा उदाहरण के बारे में भी देखेंगे तो शुरू करते हैं. स्वर संधि किसे कहते हैं जब एक शब्द अथवा रूपिम् के अन्य स्वर दूसरे शब्द अथवा रूपिम् के अन्य स्वर से मिलते हैं, तो उसे स्वर संधि कहते हैं। स्वर सन्धि के 5 भेद होते हैं – • दीर्घ संधि • गुण संधि • वृद्धि संधि • यण् संधि • अयादि संधि दीर्घ संधि किसे कहते हैं अ, आ, इ, ई, उ, ऊ में से कोई भी स्वर अपने सजातीय वर्ग के हस्व या दीर्घ स्वर के निकट आते हैं तब दोनों स्वरों के बदले उस वर्ग का दीर्घ स्वर हो जाता है। दीर्घ संधि के उदाहरण अ+ अ= आ शब्द + अर्थ = शब्दार्थ अन्न + अभाव = अन्नाभाव. अ+ आ = आ हिम + आलय = हिमालय अनाथ + आलय = अनाथालय. गुण संधि किसे कहते हैं यदि अ तथा आ के बाद इ, ई, उ, ऊ या ‘ऋ’ का प्रयोग हो तो उनसे मिलकर क्रमश: ‘ए’‘ओ’ तथा अंतस्थ: ‘र’ होते हैं। इस विकार को ‘ गुण संधि‘ कहते हैं. उदाहरण – अ + इ = ए शुभ + इच्छा = शुभेच्छा नर + इन्द्र = नरेन्द्र देव + इन्द्र = देवेन्द्र अ + ई = ए परम + ईश्वर = परमेश्वर गण + ईश = गणेश सुर + ईश = सुरेश वृद्धि संधि किसे कहते हैं अ या आ के बाद यदि ए/ऐ या औ स्वर आते हैं तो दोनों के स्थान पर क्रमश: ऐ तथा औ हो जाते हैं। इसे ही वृद्धि सन्धि कहते हैं। उदाहरण- अ + ए = ऐ एक + एक = एकैक, | लोक + एषणा = लोकैषणा अ + ऐ = ऐ मत + ऐक्य = मतैक्य, | भाव + ऐक्य = भावैक्य आ + ए = ऐ सदा + एव = सदैव, | तथा + एव = तथैव आ + ऐ = ऐ महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य अ + औ = औ वन + औषधि = वनौषधि आ + ओ = औ महा + औषधि = महौषधि, | महा + ओज = महौज अपवाद –अ अथवा अ के आगे ओष्ठ्य आए तो विकल्प से ओ अथवा औ ...

Swar Sandhi In Hindi : स्वर संधि किसे है ? स्वर संधि के भेद , उदाहरण

Swar Sandhi In Hindi : स्वर संधि किसे है ? स्वर संधि के भेद , उदाहरण इस लेख में हम स्वर (Swar Sandhi) के बारे में चर्चा करेंगे। एंव विभिन सवालो के जवाब जानेंगे जैसे स्वर संधि किसे कहते है। स्वर संधि के भेद एंव स्वर संधि के उदाहरण क्या है। स्वर संधि के कितने भेद होते है। swar sandhi ke kitne bhed hote hain विभिन परीक्षा की दृष्टि से यहा नोट्स पीडीऍफ़ भी दी गयी है जिसे अप्प डाउनलोड कर सकते है। स्वर संधि की परिभाषा (Swar Sandhi ki Paribhasha) दो स्वरों के मेल से उत्पन्न हुआ विकार स्वर संधि कहलाता है। यह विकार छह रूपों में आ सकता है इसलिए स्वर-संधि के छह प्रकार हैं- (1) दीर्घ संधि, (2) गुण संधि वधि संधि, (4) यण संधि, (5) अयादि संधि, (6) स्वर संधि के कुछ विशेष रूप। स्वर संधि के भेद (Swar Sandhi ke Bhed) 1. दीर्घ संधि :- जब एक ही स्वर के दो रूप ह्रस्व (अ, इ उ) और दीर्घ (आ, ई, ऊ ) एक दूसरे के बाद आ जाएँ तो दोनों मिलकर उसका दीर्घवाला स्वर (अर्थात् आ, ई, ऊ) हो जाता है। अ/आ + अ/आ = आ (ा) • युग + अंतर = युगांतर • दिव्य + अस्त्र = दिव्यास्त्र • हस्त + अंतरण = हस्तांतरण • राष्ट्र + अध्यक्ष = राष्ट्राध्यक्ष • आग्नेय + अस्त्र = आग्नेयास्त्र • दिवस + अंत = दिवसांत • उदय + अचल = उदयाचल • अस्त + अचल = अस्ताचल • लोहित + अंग = लोहितांग (मंगल ग्रह) • उप + अध्याय (अधि + आय) = उपाध्याय • ध्वंस + अवशेष = ध्वंसावशेष • नयन + अभिराम = नयनाभिराम इ/ई + इ/ई = ई ( ी) • प्राप्ति + इच्छा = प्राप्तीच्छा • अति + इंद्रिय = अतींद्रिय • प्रति + इत = प्रतीत • गिरि + इंद्र = गिरींद्र • रवि + इंद्र = रवींद्र • मणि + इंद्र = मणींद्र • कवि + इंद्र = कवींद्र • मुनि + इंद्र = मुनींद्र • योगिन् + ईश्वर = योगीश्वर (न का...

Swar Sandhi Kise Kahate Hain

संधि की परिभाषा संधि शब्द सम् + धि के मेल से बना है, जिसका अर्थ होता है मेल। जब किसी दो निकटवर्ती वर्णों के आपस में मिलने से जो विकार या परिवर्तन होता है, वह संधि कहलाता है। संधि के भेद हिंदी व्याकरण की यदि बात की जाए तो सामान्य रूप में संधि के तीन प्रकार होते हैं, जो निम्नलिखित हैं: • स्वर संधि • व्यंजन संधि • विसर्ग संधि Swar Sandhi Kise Kahate Hain? स्वर संधि की परिभाषा (स्वर संधि की परिभाषा) : दो स्वरों के आपस में मिलने या मिलने से जो परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहते हैं। दूसरे शब्दों में जब स्वर के साथ स्वर का योग हो और उसमें परिवर्तन हो तो उसे स्वर संधि कहते हैं। हिन्दी भाषा में स्वरों की संख्या 11 है। बात + बात = बात किताब + कमरा = पुस्तकालय ऊपर के उदाहरण में आप स्वयं देख सकते हैं कि कैसे दो स्वर एक साथ आने पर बदल जाते हैं। आप यहाँ दिए गए उदाहरण से देख सकते हैं कि दो स्वरों के मेल से प्राथमिक शब्द बदल जाता है। नतीजतन, यह उदाहरण स्वर समझौते के प्राथमिक उदाहरण के रूप में काम करेगा। स्वरों के उदाहरण अ + अ= आ आ तब बनता है जब अ और अ दोनों स्वर एक साथ जुड़ते हैं। इसके उदाहरण नीचे दिए गए हैं। • परम + अर्थ = परमार्थ • धर्म + अर्थ = धर्मार्थ • अ + आ = आ स्वर अ और दूसरे स्वर आ को मिलाने से आ बनता है। इसके उदाहरण नीचे दिए गए हैं। • हिम + आलय = हिमालय • धर्म + आत्मा = धर्मात्मा • आ + आ = आ दोनों आ स्वर की मिलने से आ बनता है। इसके उदाहरण नीचे दिए गए है। रेखा + अंकित = रेखांकित सीमा + अन्त = सीमान्त स्वर संधि के प्रकार व्याकरण में संधि की सबसे बड़ी इकाई स्वर संधि है।स्वर संधि जिसको 5 भागों में बांटा गया है। स्वर संधि के प्रकार नीचे बताए गए हैं। • दीर्घ संधि • गुण संधि • वृद्धि...

Sandhi Kise Kahate Hain

संधि किसे कहते हैं (sandhi kise kahate hain) संधि का शाब्दिक अर्थ है मेल। व्याकरण में जब दो या दो से अधिक वर्ण परस्पर मिलते हैं, तब एक नया रूप धारण कर लेते हैं। इस मेल को संधि कहते हैं। संधि के उदाहरण – • महा + ईश = महेश, • नर + इंद्र = नरेन्द्र, • देव + आलय + देवालय आदि। उदाहरण में दिए गए शब्द शब्दों में पहले शब्द के अंतिम संधि का परिणाम है। संधि के अंतर्गत पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की प्रथम ध्वनि में मेल होकर परिवर्तन घटित होता है; जैसे- जगत् + ईश = जगदीश, हित + उपदेश + हितोपदेश। जब दो स्वर आपस में मिलते हैं तो उसे स्वर संधि कहते हैं। इसके अंतर्गत पहले शब्द का अंतिम वर्ण तथा दूसरे शब्द का पहला वर्ण स्वर होता है और ये परस्पर मिलकर नया रूप धारण करते हैं। जैसे – विद्या + आलय= विद्यालय, रमा + ईश = रमेश इत्यादी। चलिए अब स्वर संधि के भेद (swar sandhi ke bhed) के बारे में जानते हैं। दीर्घ संधि के उदाहरण- (अ + अ = आ)– • धर्म + अर्थ = धर्मार्थ • सत्य + अर्थी (अ + आ = आ)- • परम = आत्मा + परमात्मा • देव + आलय = देवालय (आ + अ = आ)- • विद्या + अर्थी = विद्यार्थी • परीक्षा + अर्थी = परीक्षार्थी (आ + आ = आ)- • विद्या + आलय = विद्यालय • महा + आत्मा = महात्मा (इ + इ = ई)- • रवि + इन्द्र = रवीन्द्र • अभि + इष्ट = अभीष्ट (इ + ई = ई)- • गिरि + ईश = गिरीश • हरि + ईश = हरीश (ई + इ = ई)- • मही + इंद्र = महिंद्र • योगी + इंद्र = योगीन्द्र (ई + ई = ई)- • सती + ईश = सतीश • रजनी + ईश = रजनीश (उ + उ = ऊ)- • सु + उक्ति – सूक्ति • भानु + उदय = भानुदय (उ + ऊ = ऊ)- • लघु + उर्मी = लघूर्मि • लघु + ऊर्जा = लघुर्जा (ऊ + उ = ऊ)- • वधू + उत्सव = वधूत्सव • भू + उत्सर्ग = भूत्सर्ग (ऊ + ऊ = ऊ)- • ...

संधि किसे कहते हैं

संधि किसे कहते हैं (संधि की परिभाषा) - संधि का अर्थ है मेल, मिलना या जुड़ना। ज ब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि एवं दुसरे शब्द कि पहली ध्वनि मिलकर जो परिवर्तन अथवा विकार उत्पन्न करती है, उसे ही संधि कहते हैं। इस लेख में आप संधि एवं स्वर संधि के बारे मे अच्छे से जान पाएंगे एवं साथ ही अंत मे संधि के MCQ दिये गए हैं जो कि परीक्षा कि दृष्टि से महत्वपूर्ण है। दो स्वरों के मेल से जो विकार उत्पन हो स्वर संधि कहलाती हैसूर्य+ अस्त- सुर्यास्त नव+आगत- नवागत सप्त-ऋषि- सप्तर्षि स्वर संधि के भेद ( Swar Sandhi Ke Bhed )- 1.दीर्घ संधि- जब हस्व (अ, इ, उ,) या दीर्घ (आ, ई, ऊ) के बाद क्रमशः हस्व(अ, इ, उ) या दीर्घ (आ, ई, ऊ) आयें तो दोनों मिलकर क्रमशः आ, ई, ऊ में परिवर्तित हो जाता है अ+अ अथवा आ = आ इ+इ अथवा ई = ई उ+उ अथवा ऊ = ऊ Trick- बड़ी मात्रा(आ, ई, ऊ) उदाहरण- मतानुसार- मत+ अनुसार परीक्षार्थी- परीक्षा + अर्थी सत्याग्रह- सत्य + आग्रह योगीन्द्र- योगी + इंद्र धातूष्मा- धातु + ऊष्मा देवागमन- देव + आगमन 2.गुण संधि- जब अ या आ के बाद हस्व (इ, उ,) या दीर्घ (ई, ऊ,) या ऋ आये तो दोनों के मिलने पर क्रमशः ए, ओ, अर हो जाता है। अ अथवा आ + इ अथवा ई = ए अ अथवा आ + उ अथवा ऊ =ओ अ अथवा आ + ऋ = अर Trick- ए, ओ, अर(छोटी एक मात्र) उदाहरण- नरेंद्र - नर + इंद्र परमेश्वर - परम + ईश्वर मानवोचित - मानव + उचित महोत्सव - महा + उत्सव दयोर्मी - दया + उर्मि सप्तर्षि - सप्त + ऋषि राजर्षि - राज + ऋषि 3.वृद्धि संधि- जब अ, या आ के बाद ए या ऐ हो तो दोनों मिलकर ऐ हो जाते हैं व यदि अ, आ के बाद ओ, औ आये तो दोनों मिलकर औ हो जाता है। अ अथवा आ + ए अथवा ऐ = ऐ अ अथवा आ + ओ अथवा औ= औ Trick- ऐ, औ( बड़ी मात्रा) उदाहरण- लोकैषण - ...