Swarg kise kahate hain

  1. स्वर किसे कहते हैं? (परिभाषा और भेद)
  2. Ho Teri Stuti Aur Aradhana Lyrics
  3. इतिहास किसे कहते हैं
  4. स्वर संधि किसे कहते हैं
  5. Harsv Swar Kise Kahate Hain
  6. स्वर किसे कहते हैं? (परिभाषा और भेद)
  7. Harsv Swar Kise Kahate Hain
  8. Ho Teri Stuti Aur Aradhana Lyrics
  9. इतिहास किसे कहते हैं
  10. स्वर संधि किसे कहते हैं


Download: Swarg kise kahate hain
Size: 33.58 MB

स्वर किसे कहते हैं? (परिभाषा और भेद)

Image: Swar Kise Kahate Hain हम पूरा प्रयत्न करेंगे कि आज के इस विषय को हम आपको अच्छे से स्पष्ट कर पाएं। यहां पर आप जानेंगे स्वर किसे कहते हैं? एवं इसके कितने भेद होते हैं। इन सभी से संबंधित और अन्य आवश्यक इससे जुड़ी हुई जानकारियां आपको पढ़ने को मिलने वाली है। अर्थात आप इस लेख को अंतिम तक अवश्य पढ़ें और आज के इस विषय को स्पष्ट करें। विषय सूची • • • • • • • • स्वर किसे कहते हैं? वर्तमान में परंपरागत रूप से हिंदी भाषा में लेखनी के आधार पर स्वर की संख्या 13 मानी गई है, इस 13 स्वर में से 2 अनुस्वार (अं, अ:), एक अर्ध अनुस्वार (ऋ) और 10 स्वर (अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ) माने गए हैं। हिंदी भाषा में मूल रूप से स्वरों की संख्या 11 होती है, जिसमें अर्ध अनुस्वार जुड़ा हुआ होता है, इसमें अनुस्वार को नहीं जोड़ा जाता। स्वर की परिभाषा Swar ki Paribhasha: हिंदी व्याकरण के ऐसे वर्ण जिनका बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से आसानी से उच्चारण किया जा सके, ऐसे वर्णों को स्वर कहा जाता है, अर्थात स्वर एक ऐसी ध्वनि है, जिसे स्वतंत्र रूप से आसानी से बोला जा सकता है। उदाहरण: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अ:। Read Also: स्वर के कितने भेद होते हैं? स्वर के भेद (Swar ke Bhed): उच्चारण के आधार पर स्वर को चार खंडों में विभाजित किया गया है, जोकि नीचे इस प्रकार से निम्नलिखित है। Swar Kitne Hote Hain • मात्रा के आधार पर। • तालु की स्थिति के आधार पर। • ओष्ठ आकृति के आधार पर। • जीव के क्रियाशील के आधार पर। मात्रा के आधार पर स्वर कितने प्रकार के होते हैं? यदि हम बात करें उच्चारण के आधार पर स्वर्ग के प्रकार की, तो उच्चारण के आधार पर क्रमागत रूप से स्वर कुल 3 प्रकार के होते हैं, जो कि इस प्रकार से निम्नलि...

Ho Teri Stuti Aur Aradhana Lyrics

दोस्तों आज का Lyrics है Ho Teri Stuti Aur Aradhana यह सुंदर प्रार्थना गीत अत्यंत मनमोहक और अनमोल है। इस प्रार्थना को अपने प्रभु के सामने करने से प्रभु हम पर प्रसन्न होते हैं। नीचे हमने हो तेरी स्तुति और आराधनाSong Lyrics in Hindi और English दोनों भाषाओं में दे रखा है। आप आसानी से यह लिरिक्स पढ़ सकते हैं। हाले हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह हो तेरी स्तुति और आराधना हो तेरी स्तुति और आराधना करता हूँ मै तुझ से ये प्रार्थना महिमा से तेरी तू इस जगह को भर जो भी तू चाहे तू यहाँ पे कर।। हाले हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह हाले हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह करुणा से तेरी नया दिन दिखता है ढाल बन कर मेरी मुझे बचाता है।। जब मै पुकारू तू दौड़ आता है जब मै गिरू मुझे तू उठाता है।। हाले हल्लेलुयाह.. सारे जहाँ मै तुझ सा कोई नहीं तुझ को छोड़ कोई प्रभु मेरा है ही नहीं।। घुटने मै टेकुं बस तेरे सामने तू है मेरा प्रभु तू मेरा पिता।। हाले हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह Ho Teri Stuti Aur Aradhana Lyrics In English Haale Halleluyaah Halleluyaah Halleluyaah Ho Teri Stuti Aur Araadhana Ho Teri Stuti Aur Araadhana Karta Hoon Main Tujh Se Ye Praarthana Mahima Se Teri Tu Is Jagah Ko Bhar Jo Bhi Tu Chaahe Tu Yahan Pe Kar Haale Halleluyaah Halleluyaah Halleluyaah Haale Halleluyaah Halleluyaah Halleluyaah Karuna Se Teri Naya Din Dikhata Hai Dhaal Ban Kar Meri Mujhe Bachata Hai Jab Mai Pukaaroo Tu Daud Aata Hai Jab Mai Giroo Mujhe Uthaata Hai Haale Halleluyaah………… Saare Jahaan Main Tujh Sa Koi Nahin Tujh Ko Chhod Koee Prabhu Mera Hai Hee Nahin Ghutane Mai Tekun Bas Tere Samne Tu Hai Mera Prabhu Tu...

इतिहास किसे कहते हैं

इतिहास किसे कहते है – itihaas kise kahate hain इतिहास किसे कहते हैं(itihas kise kahate hain )अक्सर इस सवाल का उत्तर जानने की जिज्ञासा लाखों लोगों में होती है। तभी तो हजारों लोग इस प्रश्न का जवाव गूगल पर जानना चाहते हैं। इतिहास से अभिप्राय उने विगत घटनाओं से है। जिसमें देश समाज, ब्रह्मांड से जुड़ी हुई समस्त पिछली घटनाओ और उन घटनाओं के विषय में अवधारणाओं का उल्लेख किया जाता है। इतिहास किसे कहते हैं – ITIHAAS KISE KAHATE HAIN इतिहास का अर्थ – itihaas ka arth kya hai इतिहास का शाब्दिक अर्थ की बाद की जाय तो यह हिन्दी के दो शब्दों के मेल से बना है। इति और हास, इति का मतलब होता है बीती हुई और हास का मतलब कहानी से है। इस प्रकार इतिहास का अर्थ (itihas ka arth) होता है बीती हुई कहानी। इस प्रकार इसे इस रूप में समझा जा सकता है, की इतिहास वह शास्त्र है जिसमें विगत घटित घटनाओं के बारें में हमें जानकारी मिलती है। इतिहास के प्रकार ऊपर आपने इतिहास के अर्थ के बारें में जाना की इतिहास से क्या अभिप्राय है। अब हम इतिहास की उपयोगिता और इतिहास के प्रकार के बारें में जानते हैं। इतिहास को वर्गीकृत करना कठिन है। लेकिन सुविधा की दृष्टि से इतिहास को मुख्य रूप से भागों में बांटा जा सकता है। • प्राचीन इतिहास • मध्यकालीन इतिहास • आधुनिक इतिहास READ नीमराना किले का इतिहास और जानकारी | Neemrana Fort Palace History in Hindi इस वर्गीकरण के अलावा भी इतिहास के और भी प्रकार हो सकते हैं। सामाजिक इतिहास, साँस्कृतिक इतिहास, राजनीतिक इतिहास, धार्मिक इतिहास, आर्थिक इतिहास इत्यादि। इतिहास क्या है परिभाषा– itihas ki paribhasha kya hai अक्सर लोग इतिहास की परिभाषा जानना चाहते हैं की इतिहास क्या है। इतिहास की परिभाषा इन...

स्वर संधि किसे कहते हैं

स्वर संधि से सम्बंधित प्रश्न कक्षा 10 और 12 के बोर्ड की परीक्षा में जरुर पुछे जाते है, इसलिए यदि आप उन विद्यार्थियों में से है जो इस समय बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहा है तो, यह लेख आपके लिये काफी महत्वपुर्ण है इसलिए आप इसे पूरे ध्यानपूर्वक से जरुर पढ़े। इसके अलावा यह लेख उन विद्यार्थियों के लिये भी काफी महत्वपुर्ण एवं उपयोगी है, जो इस समय किसी प्रतियोगी परीक्षा तैयारी कर रहे है। क्योकी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी स्वर संधि से सम्बंधित बहुत से प्रश्न पुछे जाते है। यहा इस लेख में हम स्वर संधि से सम्बंधित उन सभी महत्वपुर्ण प्रश्नों को समझेंगे जो, आपके बोर्ड परीक्षा या प्रतियोगी परीक्षा में पुछे जा सकते है जैसे की - स्वर संधि किसे कहते हैं, स्वर संधि की परिभाषा क्या है, स्वर संधि के कितने भेद हैं और स्वर संधि का उदाहरण क्या है आदि। इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर एकदम विस्तार से देखने को मिल जायेंगे, इसलिए यदि आप वास्तव में Swar Sandhi Kise Kahate Hain अच्छे से समझना चाहते हैं तो, इस लेख को पुरा अन्त तक जरुर पढ़े। सन्धि उदाहरण अ + अ = आ पुष्प + अवली = पुष्पावली अ + आ = आ हिम + आलय = हिमालय आ + अ = आ माया + अधीन = मायाधीन आ + आ = आ विद्या + आलय = विद्यालय इ + इ = ई कवि + इच्छा = कवीच्छा इ + ई = ई हरी + ईश = हरीश ई + इ = ई मही + इन्द्र = महीन्द्र इ + ई = ई नदी + ईश = नदीश उ + उ = ऊ सु + उक्ति = सूक्ति उ + ऊ = ऊ सिन्धु + ऊर्मि = सिन्धूर्मि ऊ + उ = ऊ वधू + उत्सव = वधूत्सव ऊ + ऊ = ऊ भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व ऋ + ऋ = ॠ मातृ + ऋण = मातृण जब अ अथवा आ के आगे 'इ' अथवा 'ई' आता है तो इनके स्थान पर ए हो जाता है। इसी प्रकार अ या आ के आगे उ या ऊ आता है तो ओ हो जाता है तथा अ या आ के आ...

Harsv Swar Kise Kahate Hain

Harsv Swar: स्वर वर्ण वो होते हैं, जिनके उच्चारण करते वक़्त किसी अन्य दूसरे वर्ण की मदद की आवश्यक नही ली जाती हैं, उनको कहा जाता हैं, जबकि और हम इस पोस्ट में आपको ह्रस्व स्वर कितने होते हैं? हर्ष स्वर किसे कहते हैं, के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। हर्ष स्वर का एक भेद होता हैं, अगर इसकी व्याख्या करें तो, वो सभी स्वरों जिनके उच्चारण करते वक़्त में कम से कम समय लगता हैं, उनको Hasv Swar कहा जाता हैं। हृस्व स्वर कुल चार प्रकार होते हैं, जो की निम्न हैं — अ, इ, उ, ऋ। अगर आप क्या Hasv Swar का परिभाषा जानना चाहते हैं, एवं कुल संख्या एवं उनके उदाहरण जानना चाहते हैं? तो आप एकदम सही पोस्ट पढ़ने जा रहे हैं। कृपया आप Harsh Swar पोस्ट को अंत तक ध्यानपूर्वक अवश्य ही पढ़े, हम इस पोस्ट में harsh swar kitne prkar ke hote hain के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करने जा रहे हैं। • 1 ह्रस्व स्वर किसे कहते हैं • 2 हर्षस्वर के उदाहरण • 3 Last Word: ह्रस्व स्वर किसे कहते हैं हर्षस्वर (Hasv Swar) को एक दूसरे नाम से भी जाना जाता है, हर्ष स्वर का दूसरा नाम मात्रिक स्वर भी है। और इसकी व्याख्या करें तो, वो सभी स्वर जिनके स्वरों के उच्चारण करते वक़्त काफी कम समय लगता हैं, यानि की एक मात्रा भर का समय लगता हैं, उन सभी स्वरों को हृस्व स्वर कहा जाता हैं। Harsv Swar कितने होते हैं जैसा के हमने आपको ऊपर में ही बताया की, अ, इ, उ, ऋ, यानि की कुल चार (4) हर्षस्वर शामिल होते हैं। Hasv Swarकेकितनेभेदहोते हैं अ इ उ ऋ यहां हम आपको बताना चाहेंगे की, दो हर्षस्वरों में संधि करके ही दीर्घ स्वर को उच्चारित किया जा सकता है। इसके साथ ही आपको ये भी पता होना चाहिए की, उच्चारण के अनुसार स्वर के कुल तीन प्रकार होते हैं. जिनम...

स्वर किसे कहते हैं? (परिभाषा और भेद)

Image: Swar Kise Kahate Hain हम पूरा प्रयत्न करेंगे कि आज के इस विषय को हम आपको अच्छे से स्पष्ट कर पाएं। यहां पर आप जानेंगे स्वर किसे कहते हैं? एवं इसके कितने भेद होते हैं। इन सभी से संबंधित और अन्य आवश्यक इससे जुड़ी हुई जानकारियां आपको पढ़ने को मिलने वाली है। अर्थात आप इस लेख को अंतिम तक अवश्य पढ़ें और आज के इस विषय को स्पष्ट करें। विषय सूची • • • • • • • • स्वर किसे कहते हैं? वर्तमान में परंपरागत रूप से हिंदी भाषा में लेखनी के आधार पर स्वर की संख्या 13 मानी गई है, इस 13 स्वर में से 2 अनुस्वार (अं, अ:), एक अर्ध अनुस्वार (ऋ) और 10 स्वर (अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ) माने गए हैं। हिंदी भाषा में मूल रूप से स्वरों की संख्या 11 होती है, जिसमें अर्ध अनुस्वार जुड़ा हुआ होता है, इसमें अनुस्वार को नहीं जोड़ा जाता। स्वर की परिभाषा Swar ki Paribhasha: हिंदी व्याकरण के ऐसे वर्ण जिनका बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से आसानी से उच्चारण किया जा सके, ऐसे वर्णों को स्वर कहा जाता है, अर्थात स्वर एक ऐसी ध्वनि है, जिसे स्वतंत्र रूप से आसानी से बोला जा सकता है। उदाहरण: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अ:। Read Also: स्वर के कितने भेद होते हैं? स्वर के भेद (Swar ke Bhed): उच्चारण के आधार पर स्वर को चार खंडों में विभाजित किया गया है, जोकि नीचे इस प्रकार से निम्नलिखित है। Swar Kitne Hote Hain • मात्रा के आधार पर। • तालु की स्थिति के आधार पर। • ओष्ठ आकृति के आधार पर। • जीव के क्रियाशील के आधार पर। मात्रा के आधार पर स्वर कितने प्रकार के होते हैं? यदि हम बात करें उच्चारण के आधार पर स्वर्ग के प्रकार की, तो उच्चारण के आधार पर क्रमागत रूप से स्वर कुल 3 प्रकार के होते हैं, जो कि इस प्रकार से निम्नलि...

Harsv Swar Kise Kahate Hain

Harsv Swar: स्वर वर्ण वो होते हैं, जिनके उच्चारण करते वक़्त किसी अन्य दूसरे वर्ण की मदद की आवश्यक नही ली जाती हैं, उनको कहा जाता हैं, जबकि और हम इस पोस्ट में आपको ह्रस्व स्वर कितने होते हैं? हर्ष स्वर किसे कहते हैं, के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। हर्ष स्वर का एक भेद होता हैं, अगर इसकी व्याख्या करें तो, वो सभी स्वरों जिनके उच्चारण करते वक़्त में कम से कम समय लगता हैं, उनको Hasv Swar कहा जाता हैं। हृस्व स्वर कुल चार प्रकार होते हैं, जो की निम्न हैं — अ, इ, उ, ऋ। अगर आप क्या Hasv Swar का परिभाषा जानना चाहते हैं, एवं कुल संख्या एवं उनके उदाहरण जानना चाहते हैं? तो आप एकदम सही पोस्ट पढ़ने जा रहे हैं। कृपया आप Harsh Swar पोस्ट को अंत तक ध्यानपूर्वक अवश्य ही पढ़े, हम इस पोस्ट में harsh swar kitne prkar ke hote hain के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करने जा रहे हैं। • 1 ह्रस्व स्वर किसे कहते हैं • 2 हर्षस्वर के उदाहरण • 3 Last Word: ह्रस्व स्वर किसे कहते हैं हर्षस्वर (Hasv Swar) को एक दूसरे नाम से भी जाना जाता है, हर्ष स्वर का दूसरा नाम मात्रिक स्वर भी है। और इसकी व्याख्या करें तो, वो सभी स्वर जिनके स्वरों के उच्चारण करते वक़्त काफी कम समय लगता हैं, यानि की एक मात्रा भर का समय लगता हैं, उन सभी स्वरों को हृस्व स्वर कहा जाता हैं। Harsv Swar कितने होते हैं जैसा के हमने आपको ऊपर में ही बताया की, अ, इ, उ, ऋ, यानि की कुल चार (4) हर्षस्वर शामिल होते हैं। Hasv Swarकेकितनेभेदहोते हैं अ इ उ ऋ यहां हम आपको बताना चाहेंगे की, दो हर्षस्वरों में संधि करके ही दीर्घ स्वर को उच्चारित किया जा सकता है। इसके साथ ही आपको ये भी पता होना चाहिए की, उच्चारण के अनुसार स्वर के कुल तीन प्रकार होते हैं. जिनम...

Ho Teri Stuti Aur Aradhana Lyrics

दोस्तों आज का Lyrics है Ho Teri Stuti Aur Aradhana यह सुंदर प्रार्थना गीत अत्यंत मनमोहक और अनमोल है। इस प्रार्थना को अपने प्रभु के सामने करने से प्रभु हम पर प्रसन्न होते हैं। नीचे हमने हो तेरी स्तुति और आराधनाSong Lyrics in Hindi और English दोनों भाषाओं में दे रखा है। आप आसानी से यह लिरिक्स पढ़ सकते हैं। हाले हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह हो तेरी स्तुति और आराधना हो तेरी स्तुति और आराधना करता हूँ मै तुझ से ये प्रार्थना महिमा से तेरी तू इस जगह को भर जो भी तू चाहे तू यहाँ पे कर।। हाले हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह हाले हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह करुणा से तेरी नया दिन दिखता है ढाल बन कर मेरी मुझे बचाता है।। जब मै पुकारू तू दौड़ आता है जब मै गिरू मुझे तू उठाता है।। हाले हल्लेलुयाह.. सारे जहाँ मै तुझ सा कोई नहीं तुझ को छोड़ कोई प्रभु मेरा है ही नहीं।। घुटने मै टेकुं बस तेरे सामने तू है मेरा प्रभु तू मेरा पिता।। हाले हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह हल्लेलुयाह Ho Teri Stuti Aur Aradhana Lyrics In English Haale Halleluyaah Halleluyaah Halleluyaah Ho Teri Stuti Aur Araadhana Ho Teri Stuti Aur Araadhana Karta Hoon Main Tujh Se Ye Praarthana Mahima Se Teri Tu Is Jagah Ko Bhar Jo Bhi Tu Chaahe Tu Yahan Pe Kar Haale Halleluyaah Halleluyaah Halleluyaah Haale Halleluyaah Halleluyaah Halleluyaah Karuna Se Teri Naya Din Dikhata Hai Dhaal Ban Kar Meri Mujhe Bachata Hai Jab Mai Pukaaroo Tu Daud Aata Hai Jab Mai Giroo Mujhe Uthaata Hai Haale Halleluyaah………… Saare Jahaan Main Tujh Sa Koi Nahin Tujh Ko Chhod Koee Prabhu Mera Hai Hee Nahin Ghutane Mai Tekun Bas Tere Samne Tu Hai Mera Prabhu Tu...

इतिहास किसे कहते हैं

इतिहास किसे कहते है – itihaas kise kahate hain इतिहास किसे कहते हैं(itihas kise kahate hain )अक्सर इस सवाल का उत्तर जानने की जिज्ञासा लाखों लोगों में होती है। तभी तो हजारों लोग इस प्रश्न का जवाव गूगल पर जानना चाहते हैं। इतिहास से अभिप्राय उने विगत घटनाओं से है। जिसमें देश समाज, ब्रह्मांड से जुड़ी हुई समस्त पिछली घटनाओ और उन घटनाओं के विषय में अवधारणाओं का उल्लेख किया जाता है। इतिहास किसे कहते हैं – ITIHAAS KISE KAHATE HAIN इतिहास का अर्थ – itihaas ka arth kya hai इतिहास का शाब्दिक अर्थ की बाद की जाय तो यह हिन्दी के दो शब्दों के मेल से बना है। इति और हास, इति का मतलब होता है बीती हुई और हास का मतलब कहानी से है। इस प्रकार इतिहास का अर्थ (itihas ka arth) होता है बीती हुई कहानी। इस प्रकार इसे इस रूप में समझा जा सकता है, की इतिहास वह शास्त्र है जिसमें विगत घटित घटनाओं के बारें में हमें जानकारी मिलती है। इतिहास के प्रकार ऊपर आपने इतिहास के अर्थ के बारें में जाना की इतिहास से क्या अभिप्राय है। अब हम इतिहास की उपयोगिता और इतिहास के प्रकार के बारें में जानते हैं। इतिहास को वर्गीकृत करना कठिन है। लेकिन सुविधा की दृष्टि से इतिहास को मुख्य रूप से भागों में बांटा जा सकता है। • प्राचीन इतिहास • मध्यकालीन इतिहास • आधुनिक इतिहास READ नीमराना किले का इतिहास और जानकारी | Neemrana Fort Palace History in Hindi इस वर्गीकरण के अलावा भी इतिहास के और भी प्रकार हो सकते हैं। सामाजिक इतिहास, साँस्कृतिक इतिहास, राजनीतिक इतिहास, धार्मिक इतिहास, आर्थिक इतिहास इत्यादि। इतिहास क्या है परिभाषा– itihas ki paribhasha kya hai अक्सर लोग इतिहास की परिभाषा जानना चाहते हैं की इतिहास क्या है। इतिहास की परिभाषा इन...

स्वर संधि किसे कहते हैं

स्वर संधि से सम्बंधित प्रश्न कक्षा 10 और 12 के बोर्ड की परीक्षा में जरुर पुछे जाते है, इसलिए यदि आप उन विद्यार्थियों में से है जो इस समय बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहा है तो, यह लेख आपके लिये काफी महत्वपुर्ण है इसलिए आप इसे पूरे ध्यानपूर्वक से जरुर पढ़े। इसके अलावा यह लेख उन विद्यार्थियों के लिये भी काफी महत्वपुर्ण एवं उपयोगी है, जो इस समय किसी प्रतियोगी परीक्षा तैयारी कर रहे है। क्योकी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी स्वर संधि से सम्बंधित बहुत से प्रश्न पुछे जाते है। यहा इस लेख में हम स्वर संधि से सम्बंधित उन सभी महत्वपुर्ण प्रश्नों को समझेंगे जो, आपके बोर्ड परीक्षा या प्रतियोगी परीक्षा में पुछे जा सकते है जैसे की - स्वर संधि किसे कहते हैं, स्वर संधि की परिभाषा क्या है, स्वर संधि के कितने भेद हैं और स्वर संधि का उदाहरण क्या है आदि। इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर एकदम विस्तार से देखने को मिल जायेंगे, इसलिए यदि आप वास्तव में Swar Sandhi Kise Kahate Hain अच्छे से समझना चाहते हैं तो, इस लेख को पुरा अन्त तक जरुर पढ़े। सन्धि उदाहरण अ + अ = आ पुष्प + अवली = पुष्पावली अ + आ = आ हिम + आलय = हिमालय आ + अ = आ माया + अधीन = मायाधीन आ + आ = आ विद्या + आलय = विद्यालय इ + इ = ई कवि + इच्छा = कवीच्छा इ + ई = ई हरी + ईश = हरीश ई + इ = ई मही + इन्द्र = महीन्द्र इ + ई = ई नदी + ईश = नदीश उ + उ = ऊ सु + उक्ति = सूक्ति उ + ऊ = ऊ सिन्धु + ऊर्मि = सिन्धूर्मि ऊ + उ = ऊ वधू + उत्सव = वधूत्सव ऊ + ऊ = ऊ भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व ऋ + ऋ = ॠ मातृ + ऋण = मातृण जब अ अथवा आ के आगे 'इ' अथवा 'ई' आता है तो इनके स्थान पर ए हो जाता है। इसी प्रकार अ या आ के आगे उ या ऊ आता है तो ओ हो जाता है तथा अ या आ के आ...