ताशकंद समझौता किन देशों के बीच हुआ

  1. जेनेवा समझौता क्या है एवं किन देशों के बीच हुआ
  2. ताशकंद समझौता कब और किन किन के बीच हुआ?
  3. ताशकंद समझौता क्या है?
  4. शिमला समझौता क्यों असफल रहा? – ElegantAnswer.com
  5. जेनेवा समझौता क्या है एवं किन देशों के बीच हुआ
  6. शिमला समझौता क्यों असफल रहा? – ElegantAnswer.com
  7. ताशकंद समझौता कब और किन किन के बीच हुआ?
  8. ताशकंद समझौता क्या है?
  9. जेनेवा समझौता क्या है एवं किन देशों के बीच हुआ
  10. ताशकंद समझौता कब और किन किन के बीच हुआ?


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जेनेवा समझौता क्या है एवं किन देशों के बीच हुआ

Table of Contents • • • • • • • • • • जेनेवा समझौता क्या है ? जेनेवा समझौता दो या दो से अधिक देशो के बीच युद्ध काल में कुछ नियमों को निर्धारित करने वाला एक समझौता है, जिसके अनुसार युद्धकाल में भी बंदी बनाये गए सैनिक और असैनिक के साथ मानवीय भावना का ध्यान रखा जाएँ। इस प्रकार यह नियम इस बात का निर्धारण करता है कि युद्धकाल में जब सम्बंधित देशो के सैनिक किसी कारण से दुश्मन देश की सीमा को पार करके चला जाएँ और उसे बंदी बना लिया जाता है तो उसके साथ किसी प्रकार की बर्बरता नहीं होनी चाहिए बल्कि उसके साथ भी सभी प्रकार की मानवीय भावना का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस समझौता के अनुसार उस पर अंतर्राष्ट्रीय कानून लागू हो जाता है और उसे प्रिजनर ऑफ वॉर भी कहा जाता है। इस कानून में कई नियम है इसके अंतर्गत बंदी के साथ सभी प्रकार की मानवीय भावनाओ का ध्यान रखते हुए उसे अपने देश को वापस भेजा जाना आवश्यक है। जेनेवा समझौता का नियम स्विट्जरलैंड का एक प्रमुख शहर जेनेवा में एक कानून बनाया गया था जिसके अंतर्गत दो या दो से अधिक देशो के बीच जब युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाए और उस अवधि में कोई सैनिक या नागरिक किसी कारण से दुश्मन देशो की सीमा में प्रवेश करने पर उन्हें बंदी बना लिया गया हो तो उसके साथ मानवीय व्यवहार किया जाना चाहिए। यह संधि युद्धकाल में बंदी बनाये गए सैनिक व नागरिक के साथ सभी प्रकार की बर्बरता पर रोक लगाता है और वैसी स्थिति में उन पर अंतर्राष्ट्रीय कानून अर्थात जेनेवा समझौता के तहत सुविधा उपलब्ध कराना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर सम्बंधित देशो के कार्य जेनेवा समझौता के विरुद्ध माना जाएगा। वर्तमान में इस संधि पर अब तक 194 देशो ने हस्ताक्षर किये है जिसमे भारत और पकिस्तान भी शामिल है...

ताशकंद समझौता कब और किन किन के बीच हुआ?

ताशकन्द समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 10 जनवरी 1966 को हुआ एक शान्ति समझौता था। [कृपया उद्धरण जोड़ें] इस समझौते के अनुसार यह तय हुआ कि भारत और पाकिस्तान अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने झगड़ों को शान्तिपूर्ण ढंग से तय करेंगे। यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान की लम्बी वार्ता के उपरान्त 11 जनवरी 1966 ई. को ताशकंद सोवियत संघ , वर्तमान उज़्बेकिस्तान में हुआ। [कृपया उद्धरण जोड़ें] • भारत और पाकिस्तान शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने-अपने झगड़ों को शान्तिपूर्ण ढंग से तय करेंगे। • दोनों देश 25 फ़रवरी 1966 तक अपनी सेनाएँ 5 अगस्त 1965 की सीमा रेखा पर पीछे हटा लेंगे। • इन दोनों देशों के बीच आपसी हित के मामलों में शिखर वार्ताएँ तथा अन्य स्तरों पर वार्ताएँ जारी रहेंगी। • भारत और पाकिस्तान के बीच सम्बन्ध एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर आधारित होंगे। • दोनों देशों के बीच राजनयिक सम्बन्ध फिर से स्थापित कर दिये जाएँगे। • एक-दूसरे के बीच में प्रचार के कार्य को फिर से सुचारू कर दिया जाएगा। • आर्थिक एवं व्यापारिक सम्बन्धों तथा संचार सम्बन्धों की फिर से स्थापना तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान फिर से शुरू करने पर विचार किया जाएगा। • ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न की जाएँगी कि लोगों का निर्गमन बंद हो। • शरणार्थियों की समस्याओं तथा अवैध प्रवासी प्रश्न पर विचार-विमर्श जारी रखा जाएगा तथा हाल के संघर्ष में ज़ब्त की गई एक दूसरे की सम्पत्ति को लौटाने के प्रश्न पर विचार किया जाएगा। प्रभाव[संपादित करें] इस समझौते के क्रियान्वयन के फलस्वरूप दोनों पक्षों की सेनाएँ उस सीमा रेखा पर वापस लौट गईं, जहाँ पर वे युद्ध के पूर्व में तैनात...

ताशकंद समझौता क्या है?

भारत ने आजादी के बाद अन्य देशों के साथ अपने संबंध सुदृढ़ बनाने के लिए बहुत सारे समझौते किए हैं।देश में अमन शांति बनाए रखने के प्रयास में हमारे देश के नेताओं ने,समझौते के रूप में सराहनीय कदम उठाए हैं।ताशकंद समझौता भी इन्हीं समझौते में से एक है।आज हम इस लेख के माध्यम से जानेगेकि Tashkand Samjhauta kab hua. तो आप हमारे साथ इस लेख के अंत तक जरूर बन रहे। ताशकंद समझौता क्या है? (tashkand samjhauta kya hai) यह एक शांति समझौता था जो भारत और पाकिस्तान के बीचहुए युद्ध को हल करने के लिए किया गया था।इस समझौते के अनुसार कुछ नियम तय किए गए जो झगड़ों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने और शक्तियों का प्रयोग ना करने के संबंध में थे।यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान के द्वारा एक लंबी बातचीत के बाद किया गया था। यह समझौता ताशकंद संधि के नाम से भी मशहूर हुआ। ताशकंद समझौते के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच निम्नलिखित बातें तय हुई:- • जब कभी भारत और पाकिस्तान के बीच झगड़े होंगे तो उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से तय किया जाएगा। • दोनों • दोनों देश अपनी सेना को सीमा रेखा से पीछेहटा लेंगे। • इन दोनों देशों के हित में की जाने वालीबातचीत जारी रहेगी। • भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के आंतरिक मामलों में interfere नहीं करेंगे। • दोनों देशों के मध्य राजनीतिक संबंधों को फिर से स्थापित किया जाएगा। • दोनों देशों के बीच में प्रचार कार्य को फिर से शुरू कर दिया जाएगा। • बिजनेस और फाइनेंशियल संबंध को फिर से स्थापित करने पर विचार किया जाएगा। • लोगों के निर्गमन को बंद करने के लिए अनुकूल परिस्थितियों बनाई जाएंगी। • हाल ही में हुए युद्धमे जब्त की गई एक दूसरे की संपत्ति को वापस...

शिमला समझौता क्यों असफल रहा? – ElegantAnswer.com

शिमला समझौता क्यों असफल रहा? इसे सुनेंरोकेंइस सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख नेता थे- जवाहरलाल नेहरू, मुहम्मद अली जिन्ना, इस्माइल ख़ाँ, सरदार वल्लभ भाई पटेल, अबुल कलाम आज़ाद, ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ाँ, तारा सिंह आदि। ब्रिटिश भारत की प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों में से एक ‘मुस्लिम लीग’ की ज़िद के कारण यह सम्मेलन असफल हो गया। शिमला समझौता का मतलब क्या है? इसे सुनेंरोकेंइस समझौते में पाकस्तान ने वादा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर समेत जितने भी विवाद हैं। उनका हल आपसी बातचीत के जरिए शांतिपूर्वक से किया जाएगा। कोई भी विवादों अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नहीं उठाया जाएगा। समझौते में यह भी कहा गया कि युद्ध बंदियों की अदला-बदली होगी। मुला समझौता कब हुआ? इसे सुनेंरोकेंसवाल: शिमला समझौता कब और किन किन देशों के बीच हुआ? 2 जुलाई 1972 को प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो द्वारा हस्ताक्षरित शिमला समझौता 1971 के युद्ध के परिणामों को उलटने की मांग वाली एक शांति संधि से कहीं अधिक था। ताशकंद समझौता क्यों हुआ था? इसे सुनेंरोकेंइस समझौते के अनुसार यह तय हुआ कि भारत और पाकिस्तान अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने झगड़ों को शान्तिपूर्ण ढंग से तय करेंगे। यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान की लम्बी वार्ता के उपरान्त 11 जनवरी 1966 ई. को ताशकंद सोवियत संघ , वर्तमान उज्बेकिस्तान में हुआ। शिमला शिक्षा सम्मेलन 1901 कितने दिन तक चला था? इसे सुनेंरोकें(Shimla Accord, 1901) यह सम्मेलन 15 दिन तक चला था। इसकी अध्यक्षता स्वयं लॉर्ड कर्जन ने की थी। शिमला समझौते के समय भारत का वायसराय कौन था? इसे सुनें...

जेनेवा समझौता क्या है एवं किन देशों के बीच हुआ

Table of Contents • • • • • • • • • • जेनेवा समझौता क्या है ? जेनेवा समझौता दो या दो से अधिक देशो के बीच युद्ध काल में कुछ नियमों को निर्धारित करने वाला एक समझौता है, जिसके अनुसार युद्धकाल में भी बंदी बनाये गए सैनिक और असैनिक के साथ मानवीय भावना का ध्यान रखा जाएँ। इस प्रकार यह नियम इस बात का निर्धारण करता है कि युद्धकाल में जब सम्बंधित देशो के सैनिक किसी कारण से दुश्मन देश की सीमा को पार करके चला जाएँ और उसे बंदी बना लिया जाता है तो उसके साथ किसी प्रकार की बर्बरता नहीं होनी चाहिए बल्कि उसके साथ भी सभी प्रकार की मानवीय भावना का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस समझौता के अनुसार उस पर अंतर्राष्ट्रीय कानून लागू हो जाता है और उसे प्रिजनर ऑफ वॉर भी कहा जाता है। इस कानून में कई नियम है इसके अंतर्गत बंदी के साथ सभी प्रकार की मानवीय भावनाओ का ध्यान रखते हुए उसे अपने देश को वापस भेजा जाना आवश्यक है। जेनेवा समझौता का नियम स्विट्जरलैंड का एक प्रमुख शहर जेनेवा में एक कानून बनाया गया था जिसके अंतर्गत दो या दो से अधिक देशो के बीच जब युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाए और उस अवधि में कोई सैनिक या नागरिक किसी कारण से दुश्मन देशो की सीमा में प्रवेश करने पर उन्हें बंदी बना लिया गया हो तो उसके साथ मानवीय व्यवहार किया जाना चाहिए। यह संधि युद्धकाल में बंदी बनाये गए सैनिक व नागरिक के साथ सभी प्रकार की बर्बरता पर रोक लगाता है और वैसी स्थिति में उन पर अंतर्राष्ट्रीय कानून अर्थात जेनेवा समझौता के तहत सुविधा उपलब्ध कराना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर सम्बंधित देशो के कार्य जेनेवा समझौता के विरुद्ध माना जाएगा। वर्तमान में इस संधि पर अब तक 194 देशो ने हस्ताक्षर किये है जिसमे भारत और पकिस्तान भी शामिल है...

शिमला समझौता क्यों असफल रहा? – ElegantAnswer.com

शिमला समझौता क्यों असफल रहा? इसे सुनेंरोकेंइस सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख नेता थे- जवाहरलाल नेहरू, मुहम्मद अली जिन्ना, इस्माइल ख़ाँ, सरदार वल्लभ भाई पटेल, अबुल कलाम आज़ाद, ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ाँ, तारा सिंह आदि। ब्रिटिश भारत की प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों में से एक ‘मुस्लिम लीग’ की ज़िद के कारण यह सम्मेलन असफल हो गया। शिमला समझौता का मतलब क्या है? इसे सुनेंरोकेंइस समझौते में पाकस्तान ने वादा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर समेत जितने भी विवाद हैं। उनका हल आपसी बातचीत के जरिए शांतिपूर्वक से किया जाएगा। कोई भी विवादों अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नहीं उठाया जाएगा। समझौते में यह भी कहा गया कि युद्ध बंदियों की अदला-बदली होगी। मुला समझौता कब हुआ? इसे सुनेंरोकेंसवाल: शिमला समझौता कब और किन किन देशों के बीच हुआ? 2 जुलाई 1972 को प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो द्वारा हस्ताक्षरित शिमला समझौता 1971 के युद्ध के परिणामों को उलटने की मांग वाली एक शांति संधि से कहीं अधिक था। ताशकंद समझौता क्यों हुआ था? इसे सुनेंरोकेंइस समझौते के अनुसार यह तय हुआ कि भारत और पाकिस्तान अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने झगड़ों को शान्तिपूर्ण ढंग से तय करेंगे। यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान की लम्बी वार्ता के उपरान्त 11 जनवरी 1966 ई. को ताशकंद सोवियत संघ , वर्तमान उज्बेकिस्तान में हुआ। शिमला शिक्षा सम्मेलन 1901 कितने दिन तक चला था? इसे सुनेंरोकें(Shimla Accord, 1901) यह सम्मेलन 15 दिन तक चला था। इसकी अध्यक्षता स्वयं लॉर्ड कर्जन ने की थी। शिमला समझौते के समय भारत का वायसराय कौन था? इसे सुनें...

ताशकंद समझौता कब और किन किन के बीच हुआ?

ताशकन्द समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 10 जनवरी 1966 को हुआ एक शान्ति समझौता था। [कृपया उद्धरण जोड़ें] इस समझौते के अनुसार यह तय हुआ कि भारत और पाकिस्तान अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने झगड़ों को शान्तिपूर्ण ढंग से तय करेंगे। यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान की लम्बी वार्ता के उपरान्त 11 जनवरी 1966 ई. को ताशकंद सोवियत संघ , वर्तमान उज़्बेकिस्तान में हुआ। [कृपया उद्धरण जोड़ें] • भारत और पाकिस्तान शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने-अपने झगड़ों को शान्तिपूर्ण ढंग से तय करेंगे। • दोनों देश 25 फ़रवरी 1966 तक अपनी सेनाएँ 5 अगस्त 1965 की सीमा रेखा पर पीछे हटा लेंगे। • इन दोनों देशों के बीच आपसी हित के मामलों में शिखर वार्ताएँ तथा अन्य स्तरों पर वार्ताएँ जारी रहेंगी। • भारत और पाकिस्तान के बीच सम्बन्ध एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर आधारित होंगे। • दोनों देशों के बीच राजनयिक सम्बन्ध फिर से स्थापित कर दिये जाएँगे। • एक-दूसरे के बीच में प्रचार के कार्य को फिर से सुचारू कर दिया जाएगा। • आर्थिक एवं व्यापारिक सम्बन्धों तथा संचार सम्बन्धों की फिर से स्थापना तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान फिर से शुरू करने पर विचार किया जाएगा। • ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न की जाएँगी कि लोगों का निर्गमन बंद हो। • शरणार्थियों की समस्याओं तथा अवैध प्रवासी प्रश्न पर विचार-विमर्श जारी रखा जाएगा तथा हाल के संघर्ष में ज़ब्त की गई एक दूसरे की सम्पत्ति को लौटाने के प्रश्न पर विचार किया जाएगा। प्रभाव[संपादित करें] इस समझौते के क्रियान्वयन के फलस्वरूप दोनों पक्षों की सेनाएँ उस सीमा रेखा पर वापस लौट गईं, जहाँ पर वे युद्ध के पूर्व में तैनात...

ताशकंद समझौता क्या है?

भारत ने आजादी के बाद अन्य देशों के साथ अपने संबंध सुदृढ़ बनाने के लिए बहुत सारे समझौते किए हैं।देश में अमन शांति बनाए रखने के प्रयास में हमारे देश के नेताओं ने,समझौते के रूप में सराहनीय कदम उठाए हैं।ताशकंद समझौता भी इन्हीं समझौते में से एक है।आज हम इस लेख के माध्यम से जानेगेकि Tashkand Samjhauta kab hua. तो आप हमारे साथ इस लेख के अंत तक जरूर बन रहे। ताशकंद समझौता क्या है? (tashkand samjhauta kya hai) यह एक शांति समझौता था जो भारत और पाकिस्तान के बीचहुए युद्ध को हल करने के लिए किया गया था।इस समझौते के अनुसार कुछ नियम तय किए गए जो झगड़ों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने और शक्तियों का प्रयोग ना करने के संबंध में थे।यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान के द्वारा एक लंबी बातचीत के बाद किया गया था। यह समझौता ताशकंद संधि के नाम से भी मशहूर हुआ। ताशकंद समझौते के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच निम्नलिखित बातें तय हुई:- • जब कभी भारत और पाकिस्तान के बीच झगड़े होंगे तो उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से तय किया जाएगा। • दोनों • दोनों देश अपनी सेना को सीमा रेखा से पीछेहटा लेंगे। • इन दोनों देशों के हित में की जाने वालीबातचीत जारी रहेगी। • भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के आंतरिक मामलों में interfere नहीं करेंगे। • दोनों देशों के मध्य राजनीतिक संबंधों को फिर से स्थापित किया जाएगा। • दोनों देशों के बीच में प्रचार कार्य को फिर से शुरू कर दिया जाएगा। • बिजनेस और फाइनेंशियल संबंध को फिर से स्थापित करने पर विचार किया जाएगा। • लोगों के निर्गमन को बंद करने के लिए अनुकूल परिस्थितियों बनाई जाएंगी। • हाल ही में हुए युद्धमे जब्त की गई एक दूसरे की संपत्ति को वापस...

जेनेवा समझौता क्या है एवं किन देशों के बीच हुआ

Table of Contents • • • • • • • • • • जेनेवा समझौता क्या है ? जेनेवा समझौता दो या दो से अधिक देशो के बीच युद्ध काल में कुछ नियमों को निर्धारित करने वाला एक समझौता है, जिसके अनुसार युद्धकाल में भी बंदी बनाये गए सैनिक और असैनिक के साथ मानवीय भावना का ध्यान रखा जाएँ। इस प्रकार यह नियम इस बात का निर्धारण करता है कि युद्धकाल में जब सम्बंधित देशो के सैनिक किसी कारण से दुश्मन देश की सीमा को पार करके चला जाएँ और उसे बंदी बना लिया जाता है तो उसके साथ किसी प्रकार की बर्बरता नहीं होनी चाहिए बल्कि उसके साथ भी सभी प्रकार की मानवीय भावना का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस समझौता के अनुसार उस पर अंतर्राष्ट्रीय कानून लागू हो जाता है और उसे प्रिजनर ऑफ वॉर भी कहा जाता है। इस कानून में कई नियम है इसके अंतर्गत बंदी के साथ सभी प्रकार की मानवीय भावनाओ का ध्यान रखते हुए उसे अपने देश को वापस भेजा जाना आवश्यक है। जेनेवा समझौता का नियम स्विट्जरलैंड का एक प्रमुख शहर जेनेवा में एक कानून बनाया गया था जिसके अंतर्गत दो या दो से अधिक देशो के बीच जब युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाए और उस अवधि में कोई सैनिक या नागरिक किसी कारण से दुश्मन देशो की सीमा में प्रवेश करने पर उन्हें बंदी बना लिया गया हो तो उसके साथ मानवीय व्यवहार किया जाना चाहिए। यह संधि युद्धकाल में बंदी बनाये गए सैनिक व नागरिक के साथ सभी प्रकार की बर्बरता पर रोक लगाता है और वैसी स्थिति में उन पर अंतर्राष्ट्रीय कानून अर्थात जेनेवा समझौता के तहत सुविधा उपलब्ध कराना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर सम्बंधित देशो के कार्य जेनेवा समझौता के विरुद्ध माना जाएगा। वर्तमान में इस संधि पर अब तक 194 देशो ने हस्ताक्षर किये है जिसमे भारत और पकिस्तान भी शामिल है...

ताशकंद समझौता कब और किन किन के बीच हुआ?

ताशकन्द समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 10 जनवरी 1966 को हुआ एक शान्ति समझौता था। [कृपया उद्धरण जोड़ें] इस समझौते के अनुसार यह तय हुआ कि भारत और पाकिस्तान अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने झगड़ों को शान्तिपूर्ण ढंग से तय करेंगे। यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान की लम्बी वार्ता के उपरान्त 11 जनवरी 1966 ई. को ताशकंद सोवियत संघ , वर्तमान उज़्बेकिस्तान में हुआ। [कृपया उद्धरण जोड़ें] • भारत और पाकिस्तान शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने-अपने झगड़ों को शान्तिपूर्ण ढंग से तय करेंगे। • दोनों देश 25 फ़रवरी 1966 तक अपनी सेनाएँ 5 अगस्त 1965 की सीमा रेखा पर पीछे हटा लेंगे। • इन दोनों देशों के बीच आपसी हित के मामलों में शिखर वार्ताएँ तथा अन्य स्तरों पर वार्ताएँ जारी रहेंगी। • भारत और पाकिस्तान के बीच सम्बन्ध एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर आधारित होंगे। • दोनों देशों के बीच राजनयिक सम्बन्ध फिर से स्थापित कर दिये जाएँगे। • एक-दूसरे के बीच में प्रचार के कार्य को फिर से सुचारू कर दिया जाएगा। • आर्थिक एवं व्यापारिक सम्बन्धों तथा संचार सम्बन्धों की फिर से स्थापना तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान फिर से शुरू करने पर विचार किया जाएगा। • ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न की जाएँगी कि लोगों का निर्गमन बंद हो। • शरणार्थियों की समस्याओं तथा अवैध प्रवासी प्रश्न पर विचार-विमर्श जारी रखा जाएगा तथा हाल के संघर्ष में ज़ब्त की गई एक दूसरे की सम्पत्ति को लौटाने के प्रश्न पर विचार किया जाएगा। प्रभाव[संपादित करें] इस समझौते के क्रियान्वयन के फलस्वरूप दोनों पक्षों की सेनाएँ उस सीमा रेखा पर वापस लौट गईं, जहाँ पर वे युद्ध के पूर्व में तैनात...