Tansen ka janm kahan hua tha

  1. Akbar Ka Vitt Mantri Kaun Tha? अकबर का वित्त मंत्री कौन था ?
  2. हबीब तनवीर
  3. जनकपुर मंदिर को माना जाता है सीता की जन्मभूमि, 300 साल से ज्यादा पुरानी मूर्ति है यहां
  4. भिखारी ठाकुर
  5. भगवान महावीर स्वामी का जन्म कहा हुआ था


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जानिए:

गौतम बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के पास इस्थित लुम्बिनी नामक वन में हुआ था। यह स्थान आपको अटपटा जरूर लग रहा होगा मगर यह नेपाल में स्थित है। गौतम बुद्ध के जन्म के पीछे भी एक रोचक कहानी है कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना है, कि कपिलवस्तु की महारानी जिनका नाम महामाया देवी था वह, अपने नैहर यानी कि अपने पिता के गांव देवदह जा रही थीं, और वह गर्भवती थी, और उनका नौंवा महीना चल रहा था, और देवदह जाने पर रास्ते में एक लुम्बिनी वन पड़ता था। और लुम्बिनी में एक शुद्धोधन नामक राजा का घर था तो उन्ही के घर पर गौतम बुद्ध का जन्म हुआ। ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध के जन्म के लगभग सात दिन के बाद ही उनके माता का देहांत हो चुका था और उनके जाने के बाद गौतम बुद्ध का लालन-पालन उनके मौसी गौतमी ने किया था, गौतम बुद्ध जब पैदा हुए थे तब इनका नाम सिद्धार्थ रखा गया था। गौतम बुद्ध कौन थे ? गौतम बुद्ध एक महान चरित्र वाले व्यक्ति थे इनका उल्लेख इतिहास के पन्नों में बड़े ही विचित्र शब्दों में किया गया है, इनके कर्मों के वजह से इन्हें भगवान का रूप भी दिया गया है। बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो इनके कर्मों और सिद्धांतों के अनुसार अपना धर्म परिवर्तन करके इनके ही धर्म का पालन करते हैं, और इनके नाम से ही एक धर्म भी बनाया गया है जिसे लोग बौद्ध धर्म के नाम से जानते हैं। गौतम बुद्ध अपने विचार ज्ञान समृद्धि के बदौलत दुनिया को एक नई राह प्रदान किए थे, और कई सारे लोग ऐसे भी हैं जो इनके बताए गए राह पर चलते हैं और वह काफी सुखी और संपन्न भी हैं। आप जान करके हैरान होंगे कि बौद्ध धर्म के विश्व में कुल अनुवाई तकरीबन 25% के आस पास है। कुछ देशों के सर्वे के अनुसार जापान, थाईलैंड, चीन, कंबोडिया, अमेरिका, साउथ कोरिया, मंगोलिया, वियतनाम, ने...

Akbar Ka Vitt Mantri Kaun Tha? अकबर का वित्त मंत्री कौन था ?

akbar Ka Vitt Mantri Kaun Tha ? अकबर का वित्त मंत्री कौन था ? दोस्तों अकबर को कौन नहीं जानता है । हां मैं बात कर रहा हूं बादशाह अकबर की जिसके बारे में हम सब ने इतिहास में खूब पड़ा है क्योंकि इतिहास ने अकबर के बारे में बहुत कुछ बताया है । जैसा कि हमें पता है अकबर हुमायूं का बेटा था और हुमायूं बाबर का बेटा था और उसी हुमायूं के बेटे का नाम अकबर था । इस ब्लॉग पोस्ट में हम अकबर के बारे में काफी कुछ जानेंगे जैसे Akbar Ka Vitt Mantri Kaun Tha ? अकबर का वित्त मंत्री कौन था ? अकबर के कितने बेटे थे ? अकबर के पिता का नाम। अकबर की कितनी पत्नियां थीं ? अकबर के 9 रत्न का नामदोस्तों समय व्यर्थ ना करते हुए बताना शुरू करते हैं । XXVII) अकबर के समकालीन कवि ? Akbar Ka Vitt Mantri Kaun Tha ? अकबर का वित्त मंत्री कौन था ? अकबर का वित्त मंत्री टोडरमल था । आपकी जानकारी के लिए बता दूं या अकबर के 9 रत्न में से एक थे और यह अकबर के बहुत ही खास थे । टोडरमल अकबर के नवरत्नों में से एक था जो अकबर के समय में मुग़ल साम्राज्य का वित्त मंत्री भी था। टोडरमल का जन्म सीतापुर जिले के लहरपुर में हुआ था। आपको बता दें की अकबर का वित्त मंत्री टोडरमल के बारे में जाना है अब आइए अकबर के बारे में और भी छोटी-छोटी जानकारी देता हूं । • Cricbuzz क्या है और इसे कैसे Use करते हैं ? • Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Biography in Hindi – जीवन परिचय • Top 10 Amrita Pritam Poems । अमृता प्रीतम की 10 कवितायें । अकबर से जुड़े सवाल और जवाब ।

हबीब तनवीर

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जनकपुर मंदिर को माना जाता है सीता की जन्मभूमि, 300 साल से ज्यादा पुरानी मूर्ति है यहां

जीवन मंत्र डेस्क.आज सीता नवमी है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि और पुष्य नक्षत्र के योग में कन्या के रुप में सीता जी प्रकट हुई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब राजा जनक सन्तान-प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे। उसी समय राजा जनक को पृथ्वी से एक कलश में कन्या प्राप्त हुईं। हल से जोती हुई भूमि को सीता कहा जाता है और हल के आगे की नोक को सीत कहते हैं। इसलिए उस कन्या का नाम सीता रखा गया है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार माता सीता का जन्म जनकपुर में हुआ था। जनकपुर का प्राचीन नाम मिथिला तथा विदेहनगरी था। भगवान श्रीराम से विवाह के पहले सीता ने ज़्यादातर समय यहीं व्यतीत किया था। महाभारत काल में जनकपुरएक जंगल के रूप में था। जहाँ साधु-महात्मा तपस्या किया करते थे। पुराणों के अनुसार जनकपुर के चारों ओर रक्षक देवता के रुप में शिलानाथ, कपिलेश्वर, कूपेश्वर, कल्याणेश्वर, जलेश्वर, क्षीरेश्वर, तथा मिथिलेश्वर नाम से शिव मंदिर थे। जो कि अब भी हैं। जनकपुर, सीतामढ़ी अथवा दरभंगा से 24 मील दूर नेपाल में है। • जनकपुर के सीता मंदिर की खासियत माता सीता का ये मंदिर क़रीब 4860 वर्ग फ़ीट में फैला हुआ है।मन्दिर के विशाल परिसर के आसपास लगभग 115 सरोवर हैं। इसके अलावा कई कुण्ड भी हैं, जिनमें गंगासागर, परशुराम कुण्ड एवं धनुष-सागर अधिक प्रसिद्ध हैं। इस मंदिर में मां सीता की प्राचीनमूर्ति है जो 1657 के आसपास की बताई जाती है। • जनकपुर मंदिर का इतिहास और महत्व जनकपुर में रहने वाले लोगों ने बताया कि पहले यहां जंगल था। एक संत यहां साधना-तपस्या के लिए आए। इस दौरान उन्हें माता सीता की एक मूर्ति मिली, जो सोने की थी। उन्होंने ही इसे वहां स्थापित किया था। इ...

भिखारी ठाकुर

17:30, 4 julaee 2014 (IST) bhikhari thakur ( Bhikhari Thakur, janm: jivan parichay bhikhari thakur ka janm sahityik parichay bhikhari thakur ka rachanatmak sansar behad saral hai- deshaj aur saral. isamean vishamataean, samanti hiansa, manushy ke chhal-prapanch- ye sab kuchh bhare hue haian aur ve apani kalam ki noank se aur pradarshan ki yuktiyoan se in pho doan mean nashtar chubhote haian. unaki bhasha mean chuhal hai, vyangy hai, par ve apani rachanaean pramukh natak • bideshiya • bhaee-virodh • beti-viyog • kaliyug-prem • radheshyam-bahar • biraha-bahar • naqal bhaand a netua ke • gabaraghichor • ganga snan (asnan) • vidhava-vilap • putravadh • nanad-bhaujaee any shiv vivah, ek anokha kalakar bhikhari thakur ka poora rachanatmak sansar lokonmukh hai. unaki yah lokonmukhata hamari bhav-sanpada ko aur jivan ke sangharsh aur du:kh se upaji pi da ko ek santulan ke sath prastut karati hai. ve du:kh ka bhi utsav manate hue dikhate haian. ve trejedi ko k aaumedi banae bina k aaumedi ke star par jakar prastut karate haian. natak ko drishy-kavy kaha gaya hai. apane natakoan mean kavitaee karate hue ve kavita mean drishyoan ko bharate haian. unake kathanak bahut pechadar haian- ve sadharan aur samany haian, par apane rachanatmak sparshoan se ve sadharan aur bahut had tak saralikrit kathanak mean sadharan aur vishisht kathy bhar dete haian. vah yah sab jivananubhav ke bal par karate haian. ve itane siddhahast haian ki apane jivananubhavoan ke bal par rachi gee kavitaoan se hamare...

भगवान महावीर स्वामी का जन्म कहा हुआ था

अनुक्रम • • • • • • • भगवान महावीर स्वामी का जन्म कहा हुआ था? ( mahaveer ka janm kahan hua tha | bhagwan mahaveer swami ka janm kahan hua tha) भगवान महावीर का जन्म स्थान ईसा से 599 वर्ष पूर्व वैशाली गणराज्य के क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था. वैशाली वर्तमान में बिहार राज्य के वैशाली जिले में स्थित एक गाँव हैं. भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता हैं – सम्पूर्ण जानकारी भगवान महावीर स्वामी की जानकारी भगवान महावीर जैन धर्म के 24 वे और अंतिम तीर्थकर थे. उनका जन्म ढाई हजार साल पहले हुआ था. जैन धर्म के ग्रंथो के अनुसार समय-समय पर धर्म का रास्ता बताने के लिए धरती पर तीर्थकरो का जन्म होता हैं. जिसमे भगवान ऋषभदेव प्रथम तीर्थकर थे. और भगवान महावीर अंतिम और 24 वे तीर्थकर थे. भगवान महावीर ने 30 साल की उम्र में राज भवन त्याग कर दिया था. और 12 वर्ष तक तप किया था. जिसके बाद उन्हें केवलज्ञान की प्राप्ति हुई थी. उन्होंने केवलज्ञान प्राप्त कर पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा की स्थापना के लिए प्रयत्न किये. भगवान महावीर से अहिंसा को सबसे उन्नत गुण बताया. और जैन धर्म के पंचशील सिध्दांत अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य और ब्रह्मचर्य बताए. उन्होंने बताया की इस दुनिया में सभी आत्माए एक समान हैं. इसलिए हमे किसी अन्य के साथ भी ऐसा ही व्यवहार करना चाहिए. जैसा हम खुद के साथ चाहते हैं. उन्होंने दुनिया को “जियो और जीने दो” का सिध्दांत बतलाया था. अकबरनामा के लेखक कौन हैं | आइन-ए-अकबरी किसने लिखा हैं भगवान महावीर स्वामी का जन्म भगवान महावीर का जन्म चैत्र शुल्क की तेरस को इक्ष्वाकु वंश के क्षत्रिय राजा सिध्दार्थ और रानी त्रिशला के यहा हुआ था. भगवान महावीर का जन्म ईसा से 599 वर्ष पहले हुआ था. उनके जन्म के बाद राज्य ...

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