तेनालीराम की कहानी इन हिंदी

  1. तेनालीराम की कहानियाँ
  2. तेनालीराम की कहानी
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  4. स्वर्ग की कुंजी
  5. Top 20+ Best Tenali Raman Stories In Hindi


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तेनालीराम की कहानियाँ

तेनालीराम तेनालीराम का जन्म सोलहवीं शताब्दी में भारत के आन्ध्रप्रदेश राज्य के गुन्टूर जिले के गाँव – गरलापाडु में एक तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ। वह कवि थे, व तेलुगू साहित्य के महान ज्ञानी थे। अपने वाक चातुर्य के कारण वह काफी प्रख्यात थे। और उन्हे “विकट कवि” के उपनाम से संबोधित किया जाता था। जब महाराज कृष्णदेव राय विजयनगर की राजगद्दी पर विराजमान थे, तब तेनालीराम उनके दरबार में एक हास्य कवि और मंत्री सहायक की भूमिका में उपस्थित हुआ करते थे। तेनालीराम राज्य से जुड़ी विकट परेशानीयों से उभरने के लिए महाराज की मदद करते थे। उनकी बुद्धि चातुर्य और ज्ञान बोध से जुड़ी कई कहानियाँ बहुत ही लोकप्रिय हैं ।

तेनालीराम की कहानी

Best Tenali Rama stories in Hindi with moral values. तेनालीराम की कहानियां हिंदी में नैतिक शिक्षा व महत्वपूर्ण सन्देश के साथ। तेनालीराम प्रखर बुद्धि के थे, वह मुख्य रूप से हास्य विनोद के लिए जाने जाते हैं। किंतु उनके सभी क्रियाकलाप किसी ना किसी संदेश को देते नजर आते हैं। विद्वता के लिए भी तेनालीराम जाने जाते हैं, माना जाता है उनकी विद्वता के लिए स्वयं साक्षात काली मां का आशीर्वाद था। Table of Contents • • • • • • कर्ज से मिली मुक्ति ( Tenali Rama stories with moral value ) तेनालीराम की पत्नी काफी दिनों से बीमार थी , यह बीमारी धीरे-धीरे गंभीर रूप लेती जा रही थी। तेनालीराम के पास इतना धन नहीं था कि वह ठीक प्रकार से अपनी पत्नी का इलाज करवा सके। इलाज के लिए उसे खूब सारे धन की आवश्यकता थी।तेनालीराम ने महाराज से कर्ज लेने का विचार किया और दरबार में उपस्थित हो गया। तेनालीराम – महाराज की जय हो ! मुझे अपनी पत्नी के इलाज के लिए धन की आवश्यकता है। आप मुझे राजकोष से उधार दे देते तो कृपा होती। महाराज- तेनालीराम तुम हमारे प्रिय मंत्री हो और दरबार के श्रृंगार। तुम्हें जितना धन अपनी पत्नी के इलाज के लिए चाहिए वह राजकोष से ले लो। तेनालीराम – धन्यवाद महाराज आपका सदैव आभारी रहूंगा। तेनालीराम को राजकोष से जरूरत अनुसार धन प्राप्त हो गया। पत्नी का इलाज ठीक प्रकार से होने के बाद तेनालीराम की पत्नी स्वस्थ और कुशल हो गई। अब तेनालीराम के सामने यह बड़ा प्रश्न था कि वह महाराज को धन कहां से लौटाएगा इस विचार में वह महाराज से दूरियां बनाता रहा। महाराज तेनालीराम के विचार को संभवत जान गए थे इसलिए वह तेनालीराम से निरंतर राजकोष का धन लौटाने को कहते रहते। मगर तेनालीराम उस धन को कहां से लौटाता। महाराज जब भी त...

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कौन बड़ा हिंदी कहानी, कौन बड़ा तेनालीराम स्टोरी इन हिंदी एक बार राजा कॄष्णदेव राय महल में अपनी रानी के पास विराजमान थे। तेनालीराम की बात चली, तो बोले सचमुच हमारे दरबार में उस जैसा चतुर कोई और नहीं हैं इसलिए अभी तक तो कोई उसे हरा नहीं पाया हैं। सुनकर रानी बोली आप कल तेनालीराम को भोजन के लिए महल में आमंत्रित करें। मैं उसे जरुर हरा दूंगी। राजा ने मुस्कुराकर हामी भर ली । अगले दिन रानी ने अपने अपने हाथों से स्वादिष्ट पकवान बनाए। राजा के साथ बैठा तेनालीराम उन पकवानों की जी भर के प्रशंसा करता हुआ, खाता जा रहा था। खाने के बाद रानी ने उसे बढिया पान का बीडा भी खाने को दिया। तेनालीराम मुस्कराकर बोला “सचमुच, आज जैसा खाने का आनंद तो मुझे कभी नहीं आया!” तभी रानी ने अचानक पूछ लिया, “अच्छा तेनालीराम एक बात बताओ। राजा बडे हैं या मैं? अब तो तेनालीराम चकराया। राजा-रानी दोनों ही उत्सुकता से देख रहे थे कि भला तेनालीराम क्या जवाब देता हैं। अचानक तेनालीराम को जाने क्या सूझा, उसने दोनों हाथ जोडकर पहले धरती को प्रणाम किया, फिर एकाएक जमीन पर गिर पडा। रानी घबराकर बोली “अरे-अरे, यह क्या तेनालीराम?” तेनालीराम उठकर खडा हुआ, और बोला “महारानी जी, मेरे लिए तो आप धरती हैं और राजा आसमान! दोनों में से किसे छोटा, किसे बडा कहूं कुछ समझ में नहीं आ रहा हैं! वैसे आज महारानी के हाथों का बना भोजन इतना स्वादिष्ट था कि उहीं को बडा कहना होगा इसलिए मैं धरती को ही दंडवत प्रणाम कर रहा था।” सुनकर राजा और रानी दोनों की हंसी छूट गई। रानी बोली “सचमुच तुम चतुर हो तेनालीराम। मुझे जिता दिया, पर हारकर भी खुद जीत गए।” इस पर महारानी और राजा कॄष्णदेव राय के साथ तेनालीराम भी खिल-खिलाकर हंस दिए।

स्वर्ग की कुंजी

• • यहाँ पढ़ें: स्वर्ग की कुंजी – तेनालीराम की कहानी | swarg ki kunji Tenali rama ki kahani | The Key To Heaven Tenali Raman Story in Hindi एक बार विजयनगर राज्य में एक साधु आया। लोगों के बीच में अफवाहें फैली हुई थी कि वह ऋषि चमत्कार कर सकता है, इससे सभी खुश थे। आस-पास और दूर के लोग धन और भोजन लेकर ऋषि के दर्शन करने वहा चले आए। तेनालीराम इस समाचार से संतुष्ट नहीं था। उसने महसूस किया कि कुछ बात निश्चित रूप से गलत है। इसलिए उसने खुद ही सब कुछ जांचने का फैसला किया। वह उस जगह पहुंच गया, जहां कई लोग एक रस्म के लिए इकट्ठे हुए थे। साधु उनके बीच में अपनी आंखें बंद करके बैठा कुछ बुदबुदा रहा था। तेनालीराम ने साधु के होंठों के हिलने की गति से यह जानने का फैसला किया कि वह कौन सा मंत्र पढ़ रहा है? The Key To Heaven Tenali Raman Story in Hindi तेनालीराम एक विद्वान् था। वह जल्द ही समझ गया कि साधु एक धोखेबाज है और कुछ नहीं है, क्योंकि मंत्र उच्चारण के रूप में वह कुछ अनाप-शनाप कह रहा था। उसने साधु को सबक सिखाने का निर्णय किया। यहाँ पढ़ें: वह अपने आसन से उठकर साधु के पास चला गया और वह साधु की दाढ़ी से एक लहराते बाल को खींच कर बोला. “मुझे स्वर्ग में जाने के लिए कुजी मिल गयी है।” उसने घोषणा की “ये साधु एक महान मनुष्य हैं। अगर आप इनकी दाढ़ी से एक बाल लेकर अपने पास रखेगें, तो आप मरने के बाद सीधे स्वर्ग जाएंगे।” साधु जो अभी अपनी दाढ़ी के खिंचने से लगी चोट के कारण सदमे में था, उसे ये एहसास हो गया कि अब उसके साथ क्या होने वाला है। वह अपनी जान बचाने के लिए सरपट भागने लगा और लोग भी उसका पीछा करते हुए उसके पीछे भागने लगे। STORY -तेनालीराम…. स्वर्ग की खोज video

Top 20+ Best Tenali Raman Stories In Hindi

• • • • • • • दोस्तों हम सबने तेनालीरामा की चतुराई के बहुत किस्से सुने हैं। तेनालीरामा अपनी बुद्धिमता से किसी भी परेशानी को आसानी से हल कर देते थे। अपने इसी गुण के कारण वह राजा को सबसे प्रिय थे। आज इस लेख में हम तेनाली के बारे में जानेंगे, और उनकी बहुत सी रोचक कहानियाँ भी पढ़ेंगें। तेनाली राम का जन्म पंद्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध के दौरान एक तेलुगु भाषी नियोगी हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता गरलापति राम थे, जिन्होंने संथारावुरू में रामलिंगेश्वर स्वामी मंदिर में पुजारी के रूप में कार्य किया था तेनाली राम को बचपन में कोई औपचारिक शिक्षा नहीं मिली, लेकिन ज्ञान की प्यास के कारण वे एक महान विद्वान बन गए। तेनाली राम राजा कृष्णदेवराय के दरबार में एक तेलुगु कवि और सलाहकार थे, जो विजयनगर राज्य के शासक थे जिसे अब आंध्र प्रदेश के रूप में जाना जाता है। उन्हें अपनी मजाकिया और विनोदी कहानियों के कारण अदालत के जेस्टर के रूप में भी जाना जाता था। तेनाली राम को अपनी बुद्धि और मूल्यों का उपयोग करके मुद्दों को हल करने के लिए महारत हासिल थी, और इसलिए, उनकी कहानियां बच्चों के लिए महान ज्ञान से भरी रोचक कहानियों का एक संग्रह हैं। इन पौराणिक कहानियों को 16 वीं शताब्दी की शुरुआत से पारित किया गया है। हाल ही में उन्होंने एक पुनरुद्धार देखा है जो कार्टून नेटवर्क (भारत) द्वारा एनिमेटेड श्रृंखला के लिए धन्यवाद है जिसे ‘द एडवेंचर्स ऑफ तेनाली रमन’ कहा जाता है। शो की सफलता और उनकी कहानियों ने एनिमेटेड श्रृंखला राजगुरु और तेनालीराम की तरह स्पिन-ऑफ का नेतृत्व किया जो स्टार उत्सव पर प्रसारित किया गया था और अब यूट्यूब पर उपलब्ध है। इन रोचक कहानियों को पढ़ने के अलावा ओर कुछ भी आकर्षण नहीं हो सकता,...