तेरी मेरी कहानी मूवी

  1. तेरी मेरी कहानी
  2. TERI MERI KAHANI LYRICS
  3. तेरी मेरी कहानी (Teri Meri Kahaani) 2012: कास्ट एंड क्रू, स्टोरी, कहानी, फोटो, तस्वीरें, रिव्यू, रिलीज़ डेट, वीडियो और ट्रेलर
  4. भाई ने मेरी चूत में लंड घुसाया जब मम्मी पापा बाहर गए : सच्ची कहानी
  5. मा बेटा और बहन की चुदाई कहानी
  6. तेरी मेरी कहानी


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तेरी मेरी कहानी

हैलो फ्रैंड्स! आपको तो पता ही है कि प्यार-मोहब्बत की कहानियां बॉलीवुड को जमाने से डॉमिनेट करती रही हैं। अब जरा सोचिए कि प्रेम के अलग-अलग दौर का अंदाज आपको एक ही फिल्म में देखने को मिले तो कितना दिलचस्प होगा। जी हां, आपका अंदाजा सही है। मैं बात करने जा रही हूं कुणाल कोहली की नई फिल्म 'तेरी मेरी कहानी' की- जहां कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की गई है। कहानी मैं हमेशा से ही सोचती थी कि क्या 100 साल में प्रेम के बदलते स्वरूप को किसी फिल्म में दिखाया जा सकता है? 'तेरी मेरी कहानी' का प्रोमो देखकर ही मुझे समझ में आ गया (आपको भी आ गया होगा... है न?) कि इस फिल्म में अलग-अलग पीरियड के प्रेम को दिखाया होगा। अब आज की जेनरेशन के लिए यह जानना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि 1910 के दौर में प्रेम कितनी मुश्किलों से भरा होता होगा। फिल्म शुरू होती है 1960 के दौर से। जहां लखनऊ से रुख़सार (प्रियंका चोपड़ा) अपनी सहेली माही (प्राची देसाई) के साथ घर से भागकर हीरोइन बनने बंबई आ जाती है और सुपरस्टार बन जाती है। गोविंद (शाहिद कपूर) भी अपनी किस्मत आजमाने मुंबई आता है। रास्ते में उसकी मुलाकात सुपरस्टार रुख़सार से हो जाती है। दोनों को एक-दूसरे की कंपनी अच्छी लगती है। अनजाने में माही भी गोविंद से प्यार कर बैठती है। दूसरी तरफ 2012 का दौर है, जब मीरा (नेहा शर्मा) से पूरी तरह से ब्रेकअप हुए बिना ही कृष (शाहिद कपूर) को राधा (प्रियंका चोपड़ा) से प्यार हो जाता है। अब एक और प्रेम कहानी, दौर है 1910 का। जहां जावेद (शाहिद कपूर) एक आवारा लड़का है और लड़कियों के पीछे भागना उसका काम है। जावेद आराधना (प्रियंका चोपड़ा) को देख उस पर फिदा हो जाता है और उसे इंप्रैस करने की कोशिश करने लगता है। फिल्म का टर्निंग प्वाइंट तब आता है जब त...

TERI MERI KAHANI LYRICS

Teri Meri Kahani Lyrics - Ranu Mondal who use to sing at Ranaghat Railway Station (West Bengal) is getting her due. Recently when Himesh Reshammiya spotted her in the Sony Entertainment's music reality show - Superstar Singer, he asked to sing in his upcoming Hindi movie Happy Hardy & Heer. The song is sung by Ranu Mandal and Himesh Reshammiya. Shabbir Ahmed has written the तेरी मेरी कहानी Lyrics in Hindi. "Teri Meri Kahani" Images The full official song is finally out now. The song is sung by Ranu Mondal and Himesh Reshammiya Teri Meri Kahani Lyrics: Aa.. aa.. Teri.. meri.. teri meri Teri meri kahani Teri.. meri.. teri meri Teri meri kahani Kabhi udti mehak Kabhi geeli fiza Kabhi pak duaa... Kabhi dhoop kadak Kabhi chhaaon naram Kabhi sard hawa... Teri.. meri.. teri meri Teri meri kahani Teri.. meri.. teri meri Teri meri kahani Teri.. meri.. teri meri Teri meri kahani Teri.. meri.. teri meri Teri meri kahani Tum se hi hai dil ki lagi Tum se hi hai deewangi Tum se hi hai mera jahaan Tum se hi hai yeh zindagi Jaane tu, jaane yeh dil Aur jaane khuda Jeena mera mushqil hai Hoke tumse judaa Mere dil pe hai tere nishaan Tere bina hai adhoora jahaan Hai yahan koi tumsa kahaan Kabhi udti mehak Kabhi geeli fiza Kabhi paak duaa... Kabhi dhoop kadak Kabhi chhaaon naram Kabhi sard hawa... Teri.. meri.. teri meri Teri meri kahani Teri.. meri.. teri meri Teri meri kahani Teri.. meri.. teri meri Teri meri kahani Teri.. meri.. teri meri Teri meri kahani आ.. आ.. तेरी..मेरी.. तेरी मेरी तेर...

तेरी मेरी कहानी (Teri Meri Kahaani) 2012: कास्ट एंड क्रू, स्टोरी, कहानी, फोटो, तस्वीरें, रिव्यू, रिलीज़ डेट, वीडियो और ट्रेलर

फिल्म की कहानी शुरु होती है 1910 के दशक से। इस दशक में कहानी है पंजावी लड़की आराधना और मुस्लिम लड़के जावेद की। जावेद एक कवि है और दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं। दूसरे दशक (1960) में शाहिद कपूर एक संघर्षरत संगीतकार गोविंद की भूमिका निभाएंगे और प्रियंका एक अभिनेत्री रुख्सार के किरदार में नज़र आएंगी। प्रियंका ने इसमें लखनऊ शहर की लड़की बनी हैं जो अपनी दोस्त के साथ घर से भाग जाती है ताकि फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर बना सके। इस दशक में प्राची देसाई भी एक मार्डन लड़की का किरदार निभाएंगी। फिल्म में आखिरी दशक...

भाई ने मेरी चूत में लंड घुसाया जब मम्मी पापा बाहर गए : सच्ची कहानी

ये कहानी 1 साल पहलेकि है जब मैं कॉलेज के फर्स्ट एअर मे थी मे रे घर मैं मैं मॅमी पापा ओर एक मेरा बड़ा भाई हम चार लोग है ये उस समय की बात है जब शादी की सीजन चल रही थी ओर मेरी कॉलेज की एग्ज़ॅम थी .उस समय हमारे शहर मे रहने वाले अंकल की बेटी की शादी थी .एस मे मेरी एग्ज़ॅम होने से मेरे मॅमी पापा गये थे ओर हम भाई बहन दो ही घर पे थे मेने अभी तक किसी से सेक्स किया नही था. मे सुबह एग्ज़ॅम के लिए घर से निकल गयी ओर दोपहर को वापस आ गयी उस समय भैया बाहर गये हुआ थे तो मेने अंदर से दरवाजा बंद करके फ्रेश होने के लिए नहाने चली गयी .जब मे नाहकर बाहर आई तो भैया ने दरवाजा खटखटाया. तो मे टॉवेल मे ही थी ओर दरवाजा खोलने चली गयी ओर दरवाजा खोला तो भैया मुझे देख ते ही देखते रहे माने भैया बोला क्या हुआ तो उसने कुछ नही ऐसा बताके चला गया, मेने कही बार नोट किया है की भाई या कही बार मुझे तिरसी नज़र से देखते है.तो माने भी आज भाई से चुदवाने की ठान ली वो मुजसे 2साल बड़ा था मे कपड़े चेंज करके आई ओर खाना लगाया फिर हम ने खाना खाया. उस वक्त भी भैया मुझे घूर घूर के देख रहे थे…..मेने वो भी नोट किया फिर हू अपने अपने कमरे में चले गये थोड़ी देर बाद भाई के कमरे से कुछ आवाज़ आने लगी तो छुपते हुआ वाहा देखने गयी मे देखते ही दंग रह गयी.भाई अपने कमरे में ब्लू फिल्म देख के अपने लंड को सहला रहा था मैं ये देख रही थी . फिर मेने उसका दरवाजा खत खटाया तो भैया ने फिल्म बंद करके वो दरवाजा खोल ने आया मेने उसके लॅंड पे नज़र डाली तो उसका लंड साफ खड़ा दिखाई दे रहा था.मेने भाई से कहा भाई मेरे पैर मे दर्द हो रहा है ऐसा कहा तो उसने कहा लाओ मे मालिश कर देता हू उसने मेरे पेर मे मालिश की तो मेने कहा थोड़ा ओर उपर से करते करते उसका हाथ मेरी जा...

मा बेटा और बहन की चुदाई कहानी

मा बेटा और बहन की चुदाई कहानी ही मेरा नाम आमिर है और मेरी उमर 20 साल है है. मेरी एक छ्होटी बहन शुमैला है. वा अभी २१ साल है और कॉलेज मैं है. मों अब 40 की हैं. मों स्कूल मैं टीचर हैं और मैं यूनिवर्सिटी मैं हूँ. हमलोग करांची से है. पापा का 2 साल पहले इंतेक़ाल हो गया था. अब घर मैं सिर्फ़ हम टीन लोग ही हैं. यह अब से 6 मंत पहले हुवा था. एक रात मम्मी बहुत उदास लग रही थी. मैं समझ गया वा पापा को याद कर रही हैं. मैने उनको बहलाया और खुश करने की कोशिश की. मम्मी मेरे गले लग रोने लगी. तब मैने कहा, “मम्मी हम दोनो आपको बहुत प्यार करते हैं, हमलोग मिलकर पापा की कमी महसूस नही होने देंगे.” शुमैला भी वहाँ आ गयी थी, वा भी मम्मी से बोली, “हन मम्मी प्लीज़ आप दिल छ्होटा ना करिए. भाईजान हैं ना हम दोनो की देखभाल के लिए. भाईजान हमलोगो का कितना ख़याल रखते हैं.””हन बेटी पर कुच्छ ख्याल सिर्फ़ तेरे पापा ही रख सकते थे.””नही मम्मी आप भाईजान से कह कर्ट उ देखिए.”खैर फिर बात धीरे धीरे नॉर्मल हो गया. उसी रात शुमैला अपने रूम मैं थी.मैं रात को टाय्लेट के लिए उठा तू टाय्लेट जाते हुवे मम्मी के रूम से कुच्छ आवाज़ आई. 12 बाज चुके थे और मम्मी अभी तक जाग रही हैं, यह सोचकर उनके रूम की तरफ गया. मम्मी के रूम का दरवाज़ा खुला था. मैं खोलकर अंदर गया तू चौंक गया. मम्मी अपनी शलवार उतरे अपनी छूट मैं एक मोमबत्ती दल रही थी. दरवाज़े के खुलने की आवाज़ पर उन्होने मुड़कर देखा. मुझे देख वा घबरा सी गयी. मैं भी शर्मा गया की बिना नॉक किए आ गया. मैं वापस मुड़ा तू मम्मी ने कहा, “बेटा आमिर प्लीज़ किसी से कहना नही.”“नही मम्मी मैं किससे कहूँगा?”“बेटा जब से तेरे पापा इस दुनिया से गये है तब से आज टक्क मैं..”“श मम्मी मैं भी अब समझता हूँ. यह आपक...

तेरी मेरी कहानी

अर्चना एक आधुनिक,समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली महिला है जिस की आयु 60 वर्ष है और अपने रिटायर्ड के पति हरि प्रसाद के साथ रहती है। प्रकृति से गहरा प्रेम है। आंगन में कई किस्म के पेड़ - पौधे है। हरा भरा आँगन घर को मनोरम बनाता है . जिसे देखते ही मन खुश हो जाता है ! अर्चना की दो बेटियाँ है , दोनों बेटियां ससुराल में जा बसी है। बेटियो का भी घर काफी खुशहाल है। इस घर में अर्चना और हरि प्रसाद दोनों एक दुसरे का सहारा बन कर रहते है। ज्यादा समय सत्संग , पूजा - पाठ में ही व्यतीत होता है ! फोन रखते ही अर्चना उदास हो गई। उसे अतीत की बातें याद आने लगी। खो गई उस वक्त में जब नारायणी को पहली बार देखी थी। कुछ ही दिन में अर्चना और हरि प्रसाद का दिल जीत लिया था नारायणी ने। आज से ठीक 4 साल पहले भी तो उसका ही फोन आया था। तब नारायणी की आवाज में आत्म विश्वास था। अर्चना ने ही तो फोन उठाया था। फोन उठाते ही े आवाज सुनाई दी थी। एक ही बेटा तो था नवीन। , नारायणी को बहू बनाकर वह बहुत खुश थी। पढ़ी - लिखी , सुंदर , सुशील और सबसे प्यार करने वाली थी नारायणी। नारायणी हर माहौल के अनुकुल खुद को ढाल लेती थी। शादी के बाद उसने जीन्स पहनना बंद कर दिया था। साड़ी और सूट पहनती थी। हेयर स्टाइल भी बदल ली थी। छोटेे - छोटे बालों को बढ़ाना शुरू कर दिया था। नवीन और नारायणी बहुत खुश थे। पर इस खुशी की उमर कहाॅ इतनी लम्बी थी। ,,,, कौन जनता था कि सब कुछ इतना जल्दी खत्म हो जायगा। कितना रोई थी वो ? रोते - रोते बोली थी - ‘‘ मुझे मत निकालो , इस घर से माँ , इस घर मेरे नवीन की यादें हैं,मेरा प्यार नवीन से सिर्फ देह का ही नही था ,आत्मिक है माँ और हमेशा रहेगा,मैं तो हर पल नवीन को अपने आस-पास महसूस करती हू ,जैसे वो मुझे देख रहा हो ...