तिब्बत के बारे में 5 पंक्तियां लिखें

  1. जानिए भारत से सटे तिब्‍बत के बारे में सबकुछ, क्‍यों कभी इसकी वजह से प्‍यास से नहीं मरेगा चीन
  2. तिब्बत है ... विवरण, स्थान, जलवायु, इतिहास और दिलचस्प तथ्य
  3. तिब्बत
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  5. dna analysis chinese president xi jinping secret visit to tibet pla ladakh arunachal pradesh


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जानिए भारत से सटे तिब्‍बत के बारे में सबकुछ, क्‍यों कभी इसकी वजह से प्‍यास से नहीं मरेगा चीन

जानिए भारत से सटे तिब्‍बत के बारे में सबकुछ, क्‍यों कभी इसकी वजह से प्‍यास से नहीं मरेगा चीन यहां पर लिथियम, यूरेनियम और सबसे अहम यहां भरपूर मात्रा में पानी पाया जाता है. इतना ही नहीं तिब्बत दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे लंबा पठार है. एशिया में बहने वाली कई बड़ी नदियां तिब्‍बत से ही निकलती हैं. ऐसे में जब भी पानी की किल्लत होगी ये इलाका चीन के लिए फायदे का साबित होगा. चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने अचानक तिब्‍बत का दौरा किया है. ये दुनिया का वो हिस्‍सा है जो अक्‍सर विवादों में रहता है. तिब्‍बत पर सन् 1906-1907 में चीन ने धोखे से अपना कब्‍जा कर लिया था. उसने यहां पर याटुंग ग्याड्से समेत गरटोक में अपनी चौकियां स्थापित कर लीं. तब से लेकर पिछले 70 सालों से तिब्‍बत पर चीन हावी है. तिब्‍बत, चीन की धोखाधड़ी का सुबूत है. आज भी तिब्‍बत से आए कुछ लोग लद्दाख और कुछ हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहते हैं. दलाई लामा जो तिब्‍बतियों के धर्मगुरु हैं, वो पिछले कई सालों से धर्मशाला में निर्वासित जीवन जी रहे हैं. जानिए भारत से सटे तिब्‍बत के बारे में सबकुछ. अशांति से भरा तिब्‍बत हिमालय के उत्तर में स्थित तिब्बत 12 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ और अशांति से भरा एक कटा हुआ इलाका है. इसका इतिहास कई तरह के झटकों और परेशानियों से भरा हुआ है. 23 मई, 1951 को तिब्बत ने चीन के इस विवादित समझौते पर साइन किए थे. 13वीं शातब्दी में तिब्बत, मंगोल साम्राज्य का हिस्सा था और जीत के बाद से इसे हमेशा स्वायत्तता हासिल रही. साल 1850 के दौर में रूस और ब्रिटेन के बीच मध्य एशिया पर कब्‍जा करने की रेस शुरू हुई. इसे देखते हुए तिब्बत की सरकार ने किसी भी विदेशियों के लिए अपने देश की सीमा बंद कर दी. विदेशियों के ...

तिब्बत है ... विवरण, स्थान, जलवायु, इतिहास और दिलचस्प तथ्य

तिब्बत पृथ्वी पर सबसे रहस्यमय और पहुंच योग्य जगह है। स्थानीय वनस्पति और जानवरों की विविधता की सुंदरता विशेष रूप से आश्चर्यजनक है। तिब्बत क्या है, और इसका इतिहास क्या है, लेख में और पढ़ें। तिब्बत के बारे में पूरी जानकारी तिब्बत अपने इतिहास में समृद्ध है, जैसा प्रमाणित हैउन समय के कई स्रोत जब तिब्बती संस्कृति का अस्तित्व अन्य पड़ोसी देशों से स्वतंत्र रूप से हुआ था। विस्तृत विवरण के साथ तिब्बत का इतिहास बंगाल से मंगोलिया के साम्राज्य के विस्तार की अवधि से ज्ञात हो गया। आइए मुख्य ऐतिहासिक मील का पत्थर सूचीबद्ध करें: • बौद्ध धर्म का प्रसार। यह अवधि 617 से 650 साल तक, सॉन्सेन गैम्पो के शासनकाल पर पड़ती है। त्सार की मौत के बाद, सत्ता आधिकारिक तौर पर अपने पोते के पास जाती है, हालांकि मंत्री वास्तव में शासन करते थे, जिसने बौद्ध धर्म को गिरा दिया। • बुद्ध की शिक्षाओं की बहाली 755-797 पर पड़ती हैgg। उस समय शिक्षण के ग्रंथों का अनुवाद तिब्बती भाषा में किया जाता है, समे विश्वविद्यालय मठ में बनाया जा रहा है, जो आज बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। • मठों और मंदिरों का निर्माण, देश की सरकार में भिक्षुओं की शुरूआत (815 से 838 साल तक)। • बौद्ध धर्म का उत्पीड़न, क्योंकि देश का शासन बान धर्म के समर्थक लैंडर्म के राजा के हाथों में है। वैज्ञानिकों और भिक्षुओं को देश से भागना पड़ा। • छोटे साम्राज्यों में तिब्बत का पतन। यह लैंडर्म की मृत्यु के बाद हुआ, इसलिए 842 से 1247 तक व्यवस्थित ऐतिहासिक जानकारी अनुपस्थित है, क्योंकि शासक के वारिस नहीं थे। • अन्य देशों से तिब्बत में औपनिवेशिक हितों। उनकी प्रतिद्वंद्विता की समाप्ति 1 9 03-1904 में तिब्बत के ब्रिटिश अभियान का संगठन है। • 1 9 11 में तिब्बत...

तिब्बत

तिब्बती निर्वासित लोग के दावेदारी: "बिसाल तिब्बत" क्षेत्र चीन के ऑटोनॉमस प्रशासनिक खंड तिब्बत खुदमुख्तार इलाका, चीन के अंदर चीनी अधिकार में, भारत के दावेदारी भारत के अधिकार में, चीन के दावेदारी तिब्बती संस्कृति के परभाव वाला अन्य इलाका तिब्बती लोगन के ई मूल निवास क्षेत्र हवे आ अउरी कई गो जाति के लोगन के भी मूल अस्थान हवे जइसे कि मोनपा लोग, जियांग लोग आ ल्होबा लोग एही जगह के मूल निवासी हवे। हाल के दसक में चीनी हान लोग आ हुई लोग भी चीन द्वारा बसावल गइल बा। इहाँ के मुख्य धरम तिब्बती बौद्ध धरम हवे, एकरे अलावा तिब्बती मुसलमान आ कुछ ईसाई लोग भी अल्पसंख्यक के रूप में निवास करे ला। तिब्बत के संस्कृति आ कला, संगीत आ आर्किटेक्चर पर तिब्बती तिब्बत के धार्मिक नेता आ मुखिया, दलाई लामा आजकाल्ह भारत में निर्वासित (इलाका बदर) शरणार्थी के रूप में रहे लें आ तिब्बत के ढेर सारा लोग भी। ई Languages • Afrikaans • Alemannisch • አማርኛ • Aragonés • Ænglisc • العربية • مصرى • Asturianu • अवधी • Azərbaycanca • Basa Bali • Žemaitėška • Bikol Central • Беларуская • Беларуская (тарашкевіца) • Български • বাংলা • བོད་ཡིག • Brezhoneg • Bosanski • Буряад • Català • 閩東語 / Mìng-dĕ̤ng-ngṳ̄ • Нохчийн • کوردی • Čeština • Чӑвашла • Cymraeg • Dansk • Deutsch • Zazaki • ཇོང་ཁ • Ελληνικά • English • Español • Eesti • Euskara • فارسی • Suomi • Võro • Føroyskt • Français • Nordfriisk • Frysk • Gaeilge • Gàidhlig • Galego • ગુજરાતી • Hawaiʻi • עברית • हिन्दी • Fiji Hindi • Hrvatski • Kreyòl ayisyen • Magyar • Հայերեն • Interlingua • Bahasa Indonesia • Interlingue • Ilokano • Ido • Italiano • 日本語 • La .lojban. • Jawa •...

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dna analysis chinese president xi jinping secret visit to tibet pla ladakh arunachal pradesh

dna analysis chinese president xi jinping secret visit to tibet pla ladakh arunachal pradesh | भारत के खिलाफ चीन की नई चाल, समझिए शी जिनपिंग की तिब्बत यात्रा की 5 बड़ी बातें | Hindi News, पाकिस्तान-चीन DNA ANALYSIS: Arunachal Pradesh के पास China की नई चाल, समझिए शी जिनपिंग की तिब्बत यात्रा की 5 बड़ी बातें खबर ये है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुधवार 21 जुलाई को अचानक भारत और चीन की सीमा के पास मौजूद तिब्बत के निंगची (Nyingchi) शहर पहुंचे. तिब्बत का ये शहर भारत के अरुणाचल प्रदेश से सिर्फ 17 किलोमीटर दूर है. ये खबर इसलिए अहम है क्योंकि, अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास चीन के राष्ट्रपति का पहुंचना भारत की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है. पिछले 30 वर्षों में ये पहला मौका है, जब चीन का कोई राष्ट्रपति तिब्बत पहुंचा है. शी जिनपिंग आखिरी बार वर्ष 2011 में चीन के उप-राष्ट्रपति के रूप में यहां आए थे. शी जिनपिंग न सिर्फ चीन के राष्ट्रपति हैं, बल्कि वो चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी PLA के कमांडर इन चीफ भी हैं. भारत और चीन की सेना के बीच पिछले साल गलवान में जो कुछ हुआ उसकी यादें आज भी भारत के हर नागरिक के मन में ताजा है. इसलिए शी जिनपिंग के इस तिब्बत दौरे को बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए. भारत के लिए खड़ी हो सकती हैं मुश्किलें तिब्बत का निंगची शहर अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है और अरुणाचल प्रदेश को चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है, जबकि सच ये है कि लद्दाख की तरह अरुणचाल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है. निंगची में ही चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर एक बांध बना रहा है. ब्रह्मपुत्र को चीन की भाषा में यारलुंग ज़ांग्बो (Yarlung Zangbo) कहा जाता है. इस नदी का उद्गम स्थल तिब्बत में क...