तिहाड़ जेल कहां पर है

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  2. Why Tamil Nadu Police Deployed Instead Of Delhi Police For The Security Of Prisoners In Tihar Jail Abpp
  3. Tihar's security questioned after Prince's murder
  4. तिहाड़ जेल में क्या चाहिए, बस पैसे खर्च करो, सब मिलेगा!
  5. Tihar's security questioned after Prince's murder
  6. तिहाड़ जेल में क्या चाहिए, बस पैसे खर्च करो, सब मिलेगा!
  7. Why Tamil Nadu Police Deployed Instead Of Delhi Police For The Security Of Prisoners In Tihar Jail Abpp
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देश की खबरें

देश की खबरें | अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए तिहाड़ में प्लास्टिक के ‘एग्जॉस्ट फैन’, एलईडी लाइट लगेंगी Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल ने कारागार में बंद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कई उपाय किये हैं जिनमें हाल ही में 2,000 से अधिक ‘एग्जॉस्ट फैन’ को प्लास्टिक वाले पंखों से बदलने और ‘डार्क स्पॉट्स’ पर पर्याप्त रोशनी के इंतजाम शामिल हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। नयी दिल्ली, 13 जून राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल ने कारागार में बंद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कई उपाय किये हैं जिनमें हाल ही में 2,000 से अधिक ‘एग्जॉस्ट फैन’ को प्लास्टिक वाले पंखों से बदलने और ‘डार्क स्पॉट्स’ पर पर्याप्त रोशनी के इंतजाम शामिल हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि दो मई को जेल के अंदर ताजपुरिया की नृशंस हत्या के बाद, दिल्ली जेल महानिदेशक संजय बेनीवाल ने तिहाड़ जेल के वार्डों से ‘खतरनाक वस्तुओं’ को हटाने के लिए एक परिपत्र जारी किया था, जिसका इस्तेमाल कैदी ‘कामचलाऊ हथियार’ के रूप में कर सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को यह जिम्मा दिया गया है और इसने तिहाड़ की केंद्रीय कारागार संख्या-एक और अन्य के लिए निविदाएं जारी की हैं। उन्होंने कहा कि निविदा मंजूर किये जाने के एक महीने के भीतर काम पूरा करना होगा। जेल अधिकारियों के अनुसार, तिहाड़ जेल प्रशासन ने कैदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और निकट भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए 2,000 से अधिक एग्जॉस्ट फैन को बैरकों क...

Why Tamil Nadu Police Deployed Instead Of Delhi Police For The Security Of Prisoners In Tihar Jail Abpp

भारत का सबसे सुरक्षित और एशिया की सबसे बड़ी जेल कही जाने वाले तिहाड़ जेल पिछले एक हफ्ते से लगातार चर्चे में है. इस जेल को लेकर हमेशा ऐसा कहा जाता है कि यहां का पहरा इतना सख्त है कि बिना इजाजत एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता. लेकिन पिछले हफ्ते जेल के अंदर टिल्लू ताजपुरिया और अप्रैल में हुई प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद यहां की सिक्योरिटी और सख्त पहरे पर सवाल उठने लगे हैं. गैंगवार के बाद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या का 2 सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसे देखने के बाद न सिर्फ लोग हैरान रह गए बल्कि दिल्ली की सबसे सुरक्षित जेल वाली छवि भी टूट गई है. दरअसल पहले फुटेज में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया पर कुछ कैदी किसी नुकीले लोहे से 90 बार वार करते नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरे सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि कैदी गैंगस्टर पुलिसवालों के सामने ही घायल टिल्लू पर हमला कर रहे हैं. इस घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए तिहाड़ जेल में तैनात तमिलनाडु स्पेशल पुलिस (TNSP) के सात कर्मियों को वापिस भेज दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि ये वही सात जवान हैं जो हत्या के वक्त वहां तैनात थे. ऐसे में सवाल उठता है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान क्यों तैनात किए जाते हैं? तमिलनाडु पुलिस के तैनात किए जाने की ये है वजह दरअसल तिहाड़ जेल में लंबे समय से तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान तैनात किए जाते रहे हैं. ऐसा करने का मकसद ये रहता है कि तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान यहां के कैदियों और स्टाफ की भाषा नहीं समझ पाएगी. क्योंकि तमिलनाडु में ज्यादातर लोग आम बोलचाल में तमिल भाषा का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें हिंदी नहीं समझ आती है. ऐसे में अगर जेल में तैनात जवान और कै...

Tihar's security questioned after Prince's murder

अलेश राजू तिहाड़ जेल में शुक्रवार शाम हुई प्रिंस तेवतिया की हत्या कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी तिहाड़ जेल में कैदियों के बीच चाकूबाजी और खूनी खेल होते रहे हैं। जेल वेन में तो दर्जनों बार कैदियों में पुलिस के सामने चाकूबाजी हुई है। सीरियल किलर के नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज 1986 में तो फूलन देवी हत्याकांड के आरोपी शेर सिंह राणा 31 मई 2018 का नाटकीय अंदाज में फरार हो जाना जेल प्रशासन की तमाम सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लगाता है। एशिया की सबसे सुरक्षित माने जाने वाली तिहाड़ जेल में लगातार सुधार के दावों के बावजूद कैदियों के पास से मोबाइल, चाकू और हथियार बरामद होते रहे हैं। शेर सिंह राणा के फरार होने के बाद सुरक्षा व्यवस्था : फूलन देवी हत्याकांड के आरोपी शेर सिंह राणा 17 फरवरी 2004 को फिल्मी अंदाज में तिहाड़ जेल से फरार हो गया था। 17 फरवरी 2004 को सुबह 6:55 मिनट पर तिहाड़ जेल में राणा से मिलने एक पुलिस अफसर आता है। कहता है कि कोर्ट में राणा की पेशी है इसलिए ले जाना है। महज 10 मिनट के अंदर यानी 7:05 मिनट पर राणा तिहाड़ से चला जाता है। 40 मिनट बाद यानी पौने आठ बजे पता चलता है कि राणा कोर्ट नहीं गया है बल्कि जेल से फरार हो गया है। बावजूद इसके एक भी हफ्ता ऐसा नहीं जाता, जब कैदी बीमारी का नाटक नहीं करते, आत्महत्या का प्रयास नहीं करते या भागने की कोशिश नहीं करते। जेल में हथियार कहां से आते हैं प्रिंस तेवतिया के परिजनों ने भी आरोप लगाया कि जेल में चाकू कैसे गई, उसका खुलासा होना चाहिए। तेवतिया की पत्नी और मां भी तिहाड़ की सुरक्षा पर सवाल उठा रहीं हैं। मां का कहना है कि हत्या में पुलिस की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा मां ने कहा कि जेल के अंदर चाकू छूरी कैसे पह...

तिहाड़ जेल में क्या चाहिए, बस पैसे खर्च करो, सब मिलेगा!

मंगलवार की सुबह सवेरे देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश को एक झकझोरते हुए सवाल ने बुरी तरह झकझोरते हुए जगाया। मंगलवार की सुबह ही तिहाड़ जेल से गैंगवॉर और एक गैंग्स्टर के कत्ल की खबर सामने आई। कत्ल हुआ था सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया और कत्ल का इल्जाम लगा था उसके पुराने दोस्त और नए जानी दुश्मन जितेंद्र गोगी गैंग पर। टिल्लू और गोगी की दुश्मनी जितनी खतरनाक थी, उनके कत्ल और कत्ल की जगह भी उतनी ही अजीब... एक तरफ जितेंद्र गोगी का कत्ल जहां भरी अदालत के अंदर हुआ, वहीं टिल्लू का कत्ल जेल के अंदर... अदालत और जेल का एक दूसरे से करीबी रिश्ता है... किसी भी जुर्म में गुनहगारों को सज़ा सुनाए जाने के लिए पहले अदालत में ही लाया जाता है और फिर सज़ा के बाद जेल ही उनका ठिकाना होता है... यानी अदालत गुनहगारों को जेल की सलाखों के पीछे भेज कर उनके जुर्म का हिसाब-किताब करती है... लेकिन यहां पहला जुर्म अदालत के अंदर हुआ, दूसरा तिहाड़ जेल के अंदर, जहां जुर्म को अंजाम देनेवालों का हिसाब किताब होता है... गैंगवार ने उठाया जेल की सुरक्षा पर सवाल लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि जिस तिहाड़ जेल की गिनती देश की सबसे सुरक्षित जेल के तौर पर होती है, आखिर उसी जेल में गैंगस्टर कर एक दूसरे पर हमला कैसे कर डालते हैं? कैसे पलक झपकते वो एक दूसरे की जान ले लेते हैं? आखिर जेल की सुरक्षा व्यवस्था में कहां कमी रह जाती है? क्यों साल दर साल तिहाड़ में गैंगवार का सिलसिला चलता ही रहता है? तो इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको तिहाड़ जेल को करीब से देखने और समझने की जरूरत है... तिहाड़ को बेशक हाई सिक्योरिटी जेलों में गिना जाता हो, लेकिन इसके अंदर होनेवाली गैंगवार की वारदात यहां के सुरक्षा इंतजामों की पोल खोलती है.....

Tihar's security questioned after Prince's murder

अलेश राजू तिहाड़ जेल में शुक्रवार शाम हुई प्रिंस तेवतिया की हत्या कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी तिहाड़ जेल में कैदियों के बीच चाकूबाजी और खूनी खेल होते रहे हैं। जेल वेन में तो दर्जनों बार कैदियों में पुलिस के सामने चाकूबाजी हुई है। सीरियल किलर के नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज 1986 में तो फूलन देवी हत्याकांड के आरोपी शेर सिंह राणा 31 मई 2018 का नाटकीय अंदाज में फरार हो जाना जेल प्रशासन की तमाम सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लगाता है। एशिया की सबसे सुरक्षित माने जाने वाली तिहाड़ जेल में लगातार सुधार के दावों के बावजूद कैदियों के पास से मोबाइल, चाकू और हथियार बरामद होते रहे हैं। शेर सिंह राणा के फरार होने के बाद सुरक्षा व्यवस्था : फूलन देवी हत्याकांड के आरोपी शेर सिंह राणा 17 फरवरी 2004 को फिल्मी अंदाज में तिहाड़ जेल से फरार हो गया था। 17 फरवरी 2004 को सुबह 6:55 मिनट पर तिहाड़ जेल में राणा से मिलने एक पुलिस अफसर आता है। कहता है कि कोर्ट में राणा की पेशी है इसलिए ले जाना है। महज 10 मिनट के अंदर यानी 7:05 मिनट पर राणा तिहाड़ से चला जाता है। 40 मिनट बाद यानी पौने आठ बजे पता चलता है कि राणा कोर्ट नहीं गया है बल्कि जेल से फरार हो गया है। बावजूद इसके एक भी हफ्ता ऐसा नहीं जाता, जब कैदी बीमारी का नाटक नहीं करते, आत्महत्या का प्रयास नहीं करते या भागने की कोशिश नहीं करते। जेल में हथियार कहां से आते हैं प्रिंस तेवतिया के परिजनों ने भी आरोप लगाया कि जेल में चाकू कैसे गई, उसका खुलासा होना चाहिए। तेवतिया की पत्नी और मां भी तिहाड़ की सुरक्षा पर सवाल उठा रहीं हैं। मां का कहना है कि हत्या में पुलिस की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा मां ने कहा कि जेल के अंदर चाकू छूरी कैसे पह...

तिहाड़ जेल में क्या चाहिए, बस पैसे खर्च करो, सब मिलेगा!

मंगलवार की सुबह सवेरे देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश को एक झकझोरते हुए सवाल ने बुरी तरह झकझोरते हुए जगाया। मंगलवार की सुबह ही तिहाड़ जेल से गैंगवॉर और एक गैंग्स्टर के कत्ल की खबर सामने आई। कत्ल हुआ था सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया और कत्ल का इल्जाम लगा था उसके पुराने दोस्त और नए जानी दुश्मन जितेंद्र गोगी गैंग पर। टिल्लू और गोगी की दुश्मनी जितनी खतरनाक थी, उनके कत्ल और कत्ल की जगह भी उतनी ही अजीब... एक तरफ जितेंद्र गोगी का कत्ल जहां भरी अदालत के अंदर हुआ, वहीं टिल्लू का कत्ल जेल के अंदर... अदालत और जेल का एक दूसरे से करीबी रिश्ता है... किसी भी जुर्म में गुनहगारों को सज़ा सुनाए जाने के लिए पहले अदालत में ही लाया जाता है और फिर सज़ा के बाद जेल ही उनका ठिकाना होता है... यानी अदालत गुनहगारों को जेल की सलाखों के पीछे भेज कर उनके जुर्म का हिसाब-किताब करती है... लेकिन यहां पहला जुर्म अदालत के अंदर हुआ, दूसरा तिहाड़ जेल के अंदर, जहां जुर्म को अंजाम देनेवालों का हिसाब किताब होता है... गैंगवार ने उठाया जेल की सुरक्षा पर सवाल लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि जिस तिहाड़ जेल की गिनती देश की सबसे सुरक्षित जेल के तौर पर होती है, आखिर उसी जेल में गैंगस्टर कर एक दूसरे पर हमला कैसे कर डालते हैं? कैसे पलक झपकते वो एक दूसरे की जान ले लेते हैं? आखिर जेल की सुरक्षा व्यवस्था में कहां कमी रह जाती है? क्यों साल दर साल तिहाड़ में गैंगवार का सिलसिला चलता ही रहता है? तो इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको तिहाड़ जेल को करीब से देखने और समझने की जरूरत है... तिहाड़ को बेशक हाई सिक्योरिटी जेलों में गिना जाता हो, लेकिन इसके अंदर होनेवाली गैंगवार की वारदात यहां के सुरक्षा इंतजामों की पोल खोलती है.....

Why Tamil Nadu Police Deployed Instead Of Delhi Police For The Security Of Prisoners In Tihar Jail Abpp

भारत का सबसे सुरक्षित और एशिया की सबसे बड़ी जेल कही जाने वाले तिहाड़ जेल पिछले एक हफ्ते से लगातार चर्चे में है. इस जेल को लेकर हमेशा ऐसा कहा जाता है कि यहां का पहरा इतना सख्त है कि बिना इजाजत एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता. लेकिन पिछले हफ्ते जेल के अंदर टिल्लू ताजपुरिया और अप्रैल में हुई प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद यहां की सिक्योरिटी और सख्त पहरे पर सवाल उठने लगे हैं. गैंगवार के बाद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या का 2 सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसे देखने के बाद न सिर्फ लोग हैरान रह गए बल्कि दिल्ली की सबसे सुरक्षित जेल वाली छवि भी टूट गई है. दरअसल पहले फुटेज में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया पर कुछ कैदी किसी नुकीले लोहे से 90 बार वार करते नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरे सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि कैदी गैंगस्टर पुलिसवालों के सामने ही घायल टिल्लू पर हमला कर रहे हैं. इस घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए तिहाड़ जेल में तैनात तमिलनाडु स्पेशल पुलिस (TNSP) के सात कर्मियों को वापिस भेज दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि ये वही सात जवान हैं जो हत्या के वक्त वहां तैनात थे. ऐसे में सवाल उठता है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान क्यों तैनात किए जाते हैं? तमिलनाडु पुलिस के तैनात किए जाने की ये है वजह दरअसल तिहाड़ जेल में लंबे समय से तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान तैनात किए जाते रहे हैं. ऐसा करने का मकसद ये रहता है कि तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान यहां के कैदियों और स्टाफ की भाषा नहीं समझ पाएगी. क्योंकि तमिलनाडु में ज्यादातर लोग आम बोलचाल में तमिल भाषा का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें हिंदी नहीं समझ आती है. ऐसे में अगर जेल में तैनात जवान और कै...

देश की खबरें

देश की खबरें | अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए तिहाड़ में प्लास्टिक के ‘एग्जॉस्ट फैन’, एलईडी लाइट लगेंगी Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल ने कारागार में बंद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कई उपाय किये हैं जिनमें हाल ही में 2,000 से अधिक ‘एग्जॉस्ट फैन’ को प्लास्टिक वाले पंखों से बदलने और ‘डार्क स्पॉट्स’ पर पर्याप्त रोशनी के इंतजाम शामिल हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। नयी दिल्ली, 13 जून राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल ने कारागार में बंद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कई उपाय किये हैं जिनमें हाल ही में 2,000 से अधिक ‘एग्जॉस्ट फैन’ को प्लास्टिक वाले पंखों से बदलने और ‘डार्क स्पॉट्स’ पर पर्याप्त रोशनी के इंतजाम शामिल हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि दो मई को जेल के अंदर ताजपुरिया की नृशंस हत्या के बाद, दिल्ली जेल महानिदेशक संजय बेनीवाल ने तिहाड़ जेल के वार्डों से ‘खतरनाक वस्तुओं’ को हटाने के लिए एक परिपत्र जारी किया था, जिसका इस्तेमाल कैदी ‘कामचलाऊ हथियार’ के रूप में कर सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को यह जिम्मा दिया गया है और इसने तिहाड़ की केंद्रीय कारागार संख्या-एक और अन्य के लिए निविदाएं जारी की हैं। उन्होंने कहा कि निविदा मंजूर किये जाने के एक महीने के भीतर काम पूरा करना होगा। जेल अधिकारियों के अनुसार, तिहाड़ जेल प्रशासन ने कैदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और निकट भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए 2,000 से अधिक एग्जॉस्ट फैन को बैरकों क...

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देश की खबरें | अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए तिहाड़ में प्लास्टिक के ‘एग्जॉस्ट फैन’, एलईडी लाइट लगेंगी Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल ने कारागार में बंद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कई उपाय किये हैं जिनमें हाल ही में 2,000 से अधिक ‘एग्जॉस्ट फैन’ को प्लास्टिक वाले पंखों से बदलने और ‘डार्क स्पॉट्स’ पर पर्याप्त रोशनी के इंतजाम शामिल हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। नयी दिल्ली, 13 जून राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल ने कारागार में बंद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कई उपाय किये हैं जिनमें हाल ही में 2,000 से अधिक ‘एग्जॉस्ट फैन’ को प्लास्टिक वाले पंखों से बदलने और ‘डार्क स्पॉट्स’ पर पर्याप्त रोशनी के इंतजाम शामिल हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि दो मई को जेल के अंदर ताजपुरिया की नृशंस हत्या के बाद, दिल्ली जेल महानिदेशक संजय बेनीवाल ने तिहाड़ जेल के वार्डों से ‘खतरनाक वस्तुओं’ को हटाने के लिए एक परिपत्र जारी किया था, जिसका इस्तेमाल कैदी ‘कामचलाऊ हथियार’ के रूप में कर सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को यह जिम्मा दिया गया है और इसने तिहाड़ की केंद्रीय कारागार संख्या-एक और अन्य के लिए निविदाएं जारी की हैं। उन्होंने कहा कि निविदा मंजूर किये जाने के एक महीने के भीतर काम पूरा करना होगा। जेल अधिकारियों के अनुसार, तिहाड़ जेल प्रशासन ने कैदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और निकट भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए 2,000 से अधिक एग्जॉस्ट फैन को बैरकों क...

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भारत का सबसे सुरक्षित और एशिया की सबसे बड़ी जेल कही जाने वाले तिहाड़ जेल पिछले एक हफ्ते से लगातार चर्चे में है. इस जेल को लेकर हमेशा ऐसा कहा जाता है कि यहां का पहरा इतना सख्त है कि बिना इजाजत एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता. लेकिन पिछले हफ्ते जेल के अंदर टिल्लू ताजपुरिया और अप्रैल में हुई प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद यहां की सिक्योरिटी और सख्त पहरे पर सवाल उठने लगे हैं. गैंगवार के बाद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या का 2 सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसे देखने के बाद न सिर्फ लोग हैरान रह गए बल्कि दिल्ली की सबसे सुरक्षित जेल वाली छवि भी टूट गई है. दरअसल पहले फुटेज में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया पर कुछ कैदी किसी नुकीले लोहे से 90 बार वार करते नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरे सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि कैदी गैंगस्टर पुलिसवालों के सामने ही घायल टिल्लू पर हमला कर रहे हैं. इस घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए तिहाड़ जेल में तैनात तमिलनाडु स्पेशल पुलिस (TNSP) के सात कर्मियों को वापिस भेज दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि ये वही सात जवान हैं जो हत्या के वक्त वहां तैनात थे. ऐसे में सवाल उठता है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान क्यों तैनात किए जाते हैं? तमिलनाडु पुलिस के तैनात किए जाने की ये है वजह दरअसल तिहाड़ जेल में लंबे समय से तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान तैनात किए जाते रहे हैं. ऐसा करने का मकसद ये रहता है कि तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान यहां के कैदियों और स्टाफ की भाषा नहीं समझ पाएगी. क्योंकि तमिलनाडु में ज्यादातर लोग आम बोलचाल में तमिल भाषा का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें हिंदी नहीं समझ आती है. ऐसे में अगर जेल में तैनात जवान और कै...