तिरंगा कलर नाम

  1. [PDF] भारतीय महापुरुषों के नाम की सूची और उनके नारे
  2. Rashtriy Dhwaj तिरंगा का इतिहास
  3. तिरंगा फोटो डाउनलोड
  4. तिरंगा
  5. A to Z Name Indian Flag Image Tiranga Flag Photo Profile Pic
  6. भारतीय तिरंगा ( Tiranga ) कब और कैसे बना?
  7. भारतीय ध्वज तिरंगा का इतिहास
  8. जानिए तिरंगे का इतिहास, क्यों यही बना राष्ट्रीय ध्वज, क्या हैं फहराने के नियम


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[PDF] भारतीय महापुरुषों के नाम की सूची और उनके नारे

आज के इस पोस्ट Indian History Ke Pramukh Nare Aur Isse Related Mahapurush | भारतीय इतिहास के प्रमुख नारे तथा इससे सम्बन्धित महापुरुष PDF Download - GyAAnigk में हम भारतीय महापुरुषों द्वारा दिए गए नारों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। आज के सवाल कुछ इस प्रकार होंगे 👇🏻👇🏻 • इंकलाब जिंदाबाद और साम्राज्यवाद का नाश हो का नारा किसने दिया था? • कर मत दोका नारा किसने दिया था? • जय जवान जय किसानका नारा किसने दिया था? • सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है का नारा किसने दिया था? • भगत सिंह - 1:-"इंकलाब जिंदाबाद नारे को मशहूर उर्दू शायर " मौलाना हसरत मोहनी" सन् 1921 में लिखा था और भगत सिंह ने इस नारे का उपयोग 1929 में किया था। • 2:- " साम्राज्यवाद का नाश हो" का नारा भी भगत सिंह जी ने ही दिया है। • सुभाष चन्द्र बोस - 1:- " दिल्ली चलो" का नारा नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने 'सुप्रीम कमाण्डर' के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए "दिल्ली चलो!" का नारा दिया था। • 2:- "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" का नारा रंगून के जुबली हॉल में अपने ऐतिहासिक भाषण में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने संबोधन के समय ही "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा" का नारा दिया था। • आबिद हसन सफ़रानी - 1:- " जय हिन्द" का नारा भारतीय क्रान्तिकारी " आबिद हसन सफ़रानी" द्वारा दिया गया था। इसका शाब्दिक अर्थ "भारत की विजय" है। • महात्मा गांधी - 1:- " करो या मरो का नारा" महात्मा गांधी जी ने 8 अगस्त 1942 को दिया था। • 2:-" भारत छोड़ो" का नारा भी महात्मा गांधी जी ने 8 अगस्त 1942 को दिया था। • 3:- " हे राम" महात्मा गांधी जी के अंतिम शब्द थे। • पण्डित जवाहर लाल नेहरू - 1:- " व्हू लिव्स इ...

Rashtriy Dhwaj तिरंगा का इतिहास

तिरंगे झंडे से जुड़े रोचक तथ्‍य | Facts about National Flag in Hindi Rashtriy Dhwaj तिरंगा हम सभी को जान से भी प्‍यारा होता है। हमें बचपन से ही सिखाया जाता है कि हमें तिरंगे का हमेशा सम्‍मान करना है। 15 अगस्‍त और 26 जनवरी को हम सभी अपने घरों और दफ्तर पर तिरंगा झंडा अवश्‍य फहराते है। आज ऑनलाइन के इस जमाने में लोग Rashtriy Dhwaj तिरंगा को अपनी प्रोफाइल फोटो तक बना लेते हैं। क्‍योंकि हर भारतीय तिरंगे को अपनी जान से भी ज्‍यादा प्यार करता है। आज हम अपनी इस पोस्‍ट में आपको तिरंगे झंडे से जुड़े कुछ रोचक तथ्‍य बताने जा रह‍े हैं। जिन्‍हें जानने के बाद आप अपने देश के तिरंगे झंडे के और भी ज्‍यादा फैन हो जाएंगे। Related Rashtriy Dhwaj तिरंगा का इतिहास Rashtriy Dhwaj तिरंगा को आज आप जिस स्‍वरूप में हम देखते हैं उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। इसे तिरंगा इसलिए कहा जाता है कि क्‍योंकि ये कुल तीन रंगों से मिलकर बना होता है। इसमें सबसे ऊपर केसरिया और नीचे हरा रंग होता है। जबकि बीच में सफेद रंग दिया होता है जिसमें बीच में नेवी ब्‍लू के अंदर अशोक चक्र मौजूद होता है। Facts about National Flag in Hindi (1-5) • भारतीय Rashtriy Dhwaj में शुरूआत में आशोक चक्र की बजाय चरखा रखा हुआ था। तिरंगे में ये बदलाव साल 1931 में किया गया था। लेकिन जब इस बदलाव के तौर पर चरखे की बजाय अशोक चक्र में बदला गया तो महात्‍मा गांधी बहुत नाराज हो गए थे। उन्‍होंने यहां तक कह दिया था कि वो इस तिरंगे को सलाम ही नहीं करेंगे। जिसके बाद उन्‍हें काफी मान मनोअल करके मनाया गया था। • पूरे देश में • किसी भी मंच पर या • देश में यदि हम मंदिर की बात करें तो रांची का ‘पहाड़ी मंदिर’ एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां तिरंगा झंडा फहराया जात...

तिरंगा फोटो डाउनलोड

तिरंगा फोटो डाउनलोड | Tiranga Photos Download Tiranga Photo भारतीय तिरंगा को इसके वर्तमान स्‍वरूप में 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था, जो 15 अगस्‍त 1947 को अंग्रेजों से राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया गया. तिरंगा भारतीय लोगो के लिए बेहद महत्वपूर्ण और गौरव का विषय है. तिरंगा नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन रंग हैं, केसरिया, सफेद और हरा. इसके मौजूदा स्वरूप का विकास भी कई पड़ावों में हुआ है. अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था. तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था. तिरंगे से जुड़े तथ्य 29 मई, 1953 को यूनियन जैक और नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ माउंट एवरेस्ट पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था। भीकाजी रुस्तम कामा पहले भारतीय थे जिन्होंने विदेशी धरती पर झंडा फहराया. भारत के झंडे में तीन समान आकार की क्षैतिज धारियां होती हैं. इसके केंद्र में मध्य पट्टी में 24 समान दूरी वाली तीलियों के साथ गहरे नीले रंग में अशोक चक्र का डिज़ाइन है. पहले भारतीय ध्वज में धार्मिक प्रतीक थे और बीच में वंदे मातरम के साथ आठ गुलाब थे। इसे 7 अगस्त, 1906 को कोलकाता के पारसी बागान चौक पर फहराया गया था. दूसरे भारतीय ध्वज में आंशिक संशोधन थे। इसे जर्मनी में भीकाजी कामा ने फहराया था. बाल गंगाधर तिलक ने वर्ष 1917 में एक अलग प्रकार के झंडे का इस्तेमाल किया। झंडे में ऊपर बाईं ओर यूनियन जैक और ऊपर दाएं कोने पर क्रिसेंट था। इसमें सात तारे भी थे. 1921 में, एक नया झंडा जिसमें धर्मों के अनुसार रंग थे, अस्तित्व में आया। इस ध्वज को केंद्र में अशोक चक्र के साथ डिजाइन किया गया था. आध्यात्मिक घुसपैठ से बचने के लिए एक नया झंडा अस्तित्व में आया। इसके बीच में एक ...

तिरंगा

नाम तिरंगा प्रयोग राष्ट्रीय ध्वज अनुपात 2:3 अंगीकृत रूपरेखा तिरंगे में सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में अभिकल्पनाकर्ता संबंधित लेख विशेष सन् अन्य जानकारी हर ' तिरंगा ( Tirangā) झंडा भी कहा जाता है। झंडे की चौड़ाई और लम्‍बाई का अनुपात 2:3 है। सफ़ेद पट्टी के केंद्र में गहरा रंगों का महत्त्व तिरंगे में • 'केसरिया' यानी 'भगवा रंग' वैराग्य का रंग है। हमारे आज़ादी के दीवानों ने इस रंग को सबसे पहले अपने ध्वज में इसलिए सम्मिलित किया, जिससे आने वाले दिनों में देश के नेता अपना लाभ छोड़ कर देश के विकास में खुद को समर्पित कर दें। जैसे • 'श्वेत रंग' • 'हरा रंग' प्रकृति से संबंध और संपन्नता को दर्शाता है। • ध्वज के केंद्र में स्थित अशोक चक्र धर्म के 24 नियमों की याद दिलाता है। तिरंगे का निर्माण हमारे राष्ट्रीय ध्वज का सिस्टर निवेदिता ध्वज के नाम से जाना गया। यह ध्वज तिरंगे का उचित प्रयोग राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश की पहचान है। इसलिए हर भारतीय का यह कर्तव्य है कि वह भारतीय तिरंगे को पूरा सम्मान दे। कोई भी व्यक्ति तिरंगे की गरिमा को धूमिल ना करे, इसके लिए भारतीय क़ानून में कुछ धाराएँ बनाई गई है। फ्लैग कोड इंडिया- 2002 में राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ी कुछ ख़ास बातों का ज़िक्र किया गया है, जिसे हम भारतीयों को जानना ज़रूरी है। सन् तिरंगे का सम्मान झंडा ऊँचा रहे हमारा... विश्व विजयी तिरंगा प्यारा... उपरोक्त गीत तिरंगे की बनावट पर देश में काफ़ी ध्यान दिया जाता है, क्योंकि ये हमारे सम्मान से जुड़ा हुआ है। हर तिरंगे में अशोक चक्र श्वेत रंग के तीन चौथाई भाग में ही होना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज खादी के कपड़े का होना चाहिए। आज जो ध्वज हमारे देश की पहचान है, उसे इस रूप में ढालने वाले थे- पिंगली वेंकैया। इसी के ...

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भारतीय तिरंगा ( Tiranga ) कब और कैसे बना?

तिरंगे के रंग का मतलब – Tirange Ke Rang Ka Matlab तिरंगे ( Tirange ) में मौजूद केसरिया रंग को साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। वहीं सफेद रंग सच्चाई, शांति और पवित्रता की न‍िशानी है। तिरंगे के तीसरे यानी हरे रंग को सन्पन्नता का प्रतीक माना जाता है। ये रंग मिलकर देश के गौरव का प्रतीक बनाते हैं और भाईचारे के संदेश के साथ ही जीवन को लेकर ज्ञान भी देते हैं| भारत का राष्ट्रीय ध्वज ( Tiranga ) देश के सभी नागरिकों का गौरव है। दिवंगत प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसे “न केवल अपने लिए स्वतंत्रता का ध्वज, बल्कि सभी लोगों के लिए स्वतंत्रता का प्रतीक” कहा। राष्ट्रीय ध्वज संप्रभुता, अखंडता और समानता का प्रतीक है। भारत का तिरंगा किसने बनाया उसका नाम – Bharat Ka Tiranga Kisne Banaya अभी जो तिरंगा ( tiranga ) फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था. तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था| वर्ष 1931 ध्वज के इतिहास में एक यादगार वर्ष है। तिरंगे ध्वज को हमारे राष्ट्रीय ध्वज ( rashtriya dhwaj ) के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। यह ध्वज जो वर्तमान स्वरूप का पूर्वज है, केसरिया, सफेद और मध्य में गांधी जी के चलते हुए चरखे के साथ था। यह जानना अत्यंत रोचक है कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज ( national flag ) अपने आरंभ से किन-किन परिवर्तनों से गुजरा। इसे हमारे स्वतंत्रता के राष्ट्रीय संग्राम के दौरान खोजा गया या मान्यता दी गई। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का विकास आज के इस रूप में पहुंचने के लिए अनेक दौरों से गुजरा। हमारे राष्ट्रीय ध्वज ( rashtriya dhwaj ) के विकास में कुछ ऐतिहासिक पड़ाव इस प्रकार हैं| इसे भी पढ़ें: प्रथम राष्ट्रीय ध्वज कब और कहां फहराया गया प्रथम राष...

भारतीय ध्वज तिरंगा का इतिहास

भारतीय ध्वज तिरंगा का इतिहास, भारत में झंडा नियम, भारतीय ध्वज का अर्थ, Information about National flag of India in Hindi भारतीय ध्वज तिरंगा का इतिहास, राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जानकारी, भारत के राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास, तिरंगा झंडा का इतिहास, information about National flag of India, भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा पर निबंध भारत के राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहते हैं। हमारा राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश की गौरव का प्रतीक है। आन-बान और शान का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज का महत्व का अंदाजा इसी बाद से लगाया जा सकता है। इस भारतीय ध्वज के आन-बान और शान के लिए भारत माता के कितने वीर सपूत अपने प्राण न्योछावर कर दिए। लेकिन मरते दम तक भी तिरंगा को झुकने नहीं दिया। भारतीय ध्वज के वर्तमान पारुप को 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा के द्वारा अंगीकार किया गया। आइये जानते है राष्ट्रीय ध्वज के बारे में विस्तार से , भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण किसने किया – Who invented national flag of india Tiranga in Hindi Information about National flag of India in Hindi – भारतीय ध्वज तिरंगा का इतिहास क्या आप जानते हैं भारतीय तिरंगा किस व्यक्ति ने बनाया था। तिरंगा झंडा कब और किसने बनाया आईए जानते हैं। भारत के राष्ट्र ध्वज का डिजाइनर पिंगली वेंकैया को माना जाता है। पिंगली वैंकैया का जन्म 2 अगस्त 1876, को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के पास हुआ था। उन्होंने 5 साल तक करीब 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज का अध्ययन किया। फलतः उन्होंने भारतीय ध्वज का डिजाइन तैयार किया था। पिंगली वेंकैया ने लाल और हरे रंग का इस्तेमाल कर भारतीय ध्वज का पारुप तैयार किया। इसमें लाल रंग हिन्दू धर्म के लिए और हरा रंग मुस्लिम समुदाय के प्रतीक के तौर पर...

जानिए तिरंगे का इतिहास, क्यों यही बना राष्ट्रीय ध्वज, क्या हैं फहराने के नियम

भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज को इसके वर्तमान स्‍वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था, जो 15 अगस्‍त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्‍वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व की गई थी. इसे 15 अगस्‍त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया गया. हमारे लिए तिरंगा बेहद महत्वपूर्ण और गौरव का विषय है. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन रंग हैं, केसरिया, सफेद और हरा. इसके मौजूदा स्वरूप का विकास भी कई पड़ावों में हुआ है. अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था. तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था. वहीं क्या आप जानते हैं कि तिरंगे को फहराने के कुछ नियम भी हैं. जानें तिरंगे से जुड़े तथ्य:- किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुंह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए. बताया जाता है कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे. रांची का पहाड़ी मंदिर भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहां तिरंगा फहराया जाता हैं. 493 मीटर की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा झंडा भी रांची में ही फहराया गया है. देश में 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भी हो सकती है. तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए. प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है. तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा, जिसका अनुपात 3:2 तय है. वहीं जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी...