तिरुपति बालाजी दर्शन टाइम टेबल

  1. तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास, रहस्य और यात्रा की संपूर्ण जानकारी
  2. आम लोग 11 जून से कर पाएंगे तिरुपति बालाजी के दर्शन, हर घंटे में केवल 500 लोगों को मिलेगी अनुमति
  3. तिरुपति बालाजी मंदिर: कालातीत आस्था का प्रतीक
  4. तिरुपति बालाजी मंदिर
  5. tirupati opens darshan slots for january 2022 bala ji devotees have to pay rupees 1 crore
  6. तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास, रहस्य और यात्रा की संपूर्ण जानकारी
  7. tirupati opens darshan slots for january 2022 bala ji devotees have to pay rupees 1 crore
  8. आम लोग 11 जून से कर पाएंगे तिरुपति बालाजी के दर्शन, हर घंटे में केवल 500 लोगों को मिलेगी अनुमति
  9. तिरुपति बालाजी मंदिर: कालातीत आस्था का प्रतीक
  10. तिरुपति बालाजी मंदिर


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तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास, रहस्य और यात्रा की संपूर्ण जानकारी

दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से हम तिरुपति बालाजी मंदिर यात्रा की संपूर्ण जानकारी के बारे में विस्तार से जानने वाले है जिसमे तिरुपति बालाजी का इतिहास, रहस्य, कहानी, तिरुपति कैसे जाएं, तिरुपति जाने का सही समय, तिरुपति का प्रसिद्ध भोजन और तिरुपति में घूमने की जगह आदि शामिल हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के आंध्रप्रदेश राज्य के चितूर जिले में स्थित है जो हिंदुओ की धार्मिक आस्था का बहुत ही पवित्र और प्रसिद्ध स्थान है। तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित यह मंदिर हिंदुओ के आराध्य भगवान विष्णु के अवतार श्री वेंकटेश्वर जी को समर्पित है। तिरुपति बालाजी मंदिर भारत का सबसे अमीर मंदिर है जहां पर हर महीने लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं पूरे साल यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है। कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से यहां पर प्रार्थना करता है भगवान तिरुपति बालाजी उनकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। तो आइए दोस्तो तिरुपति बालाजी मंदिर यात्रा की संपूर्ण जानकारी के हर बिंदु पर विस्तार से जानते हैं। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास और कहानी एक बार महान ऋषि भृगु यह जानना चाहते थे कि 3 पवित्र देवताओं में सबसे बड़े कौनसे देवता हैं। कथानुसार कहा जाता है कि महर्षि भृगु एक बार भगवान विष्णु के धाम बैकुंठ पधारे थे और आते ही शेष शय्या पर योग निद्रा में लेटे भगवान विष्णु की छाती पर लात मारी तब भगवान विष्णु ने तुरंत महर्षि भृगु के चरण पकड़ लिए थे और ऋषिवर से पूछने लगे की आप के पैर में चोट तो नही लगी परन्तु देवी लक्ष्मी को महर्षि भृगु का यह व्यवहार बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और भगवान विष्णु द्वारा महर्षि भृगु को कोई भी दंड न...

आम लोग 11 जून से कर पाएंगे तिरुपति बालाजी के दर्शन, हर घंटे में केवल 500 लोगों को मिलेगी अनुमति

आम लोग 11 जून से कर पाएंगे तिरुपति बालाजी के दर्शन, हर घंटे में केवल 500 लोगों को मिलेगी अनुमति दिशानिर्देशों के मुताबिक, एक दिन में केवल 6000 लोगों के दर्शन हो सकेंगे। हर घंटे में केवल 500 लोगों को अनुमति मिल पाएगी। इस संबंध में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् ट्रस्ट ने ये भी साफ किया है कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक 10 से कम और 65 साल से अधिक आयु वाले लोगों को दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। • मंदिर के कर्मचारी 6 और 7 जून को इंट्रानेट के जरिए दर्शन की अनुमति ले पाएंगे। शुरुआती तीन दिन 8, 9 और 10 जून को मंदिर के कर्मचारी और उनके परिजनों को दर्शन की अनुमति रहेगी। मंदिर में कुछ 21 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं। • 10 जून से लोकल दर्शनार्थियों के लिए टोकन काउंटर खुलेंगे। हर घंटे में केवल 500 लोगों को अनुमति मिल पाएगी। • 11 जून से 3000 लोगों के लिए 300 रुपए वाले वीआईपी दर्शन टिकट उपलब्ध होंगे। इसकी बुकिंग ऑनलाइन ही होगी। इसके लिए ऑनलाइन कोटा 8 जून से ही शुरू हो जाएगा। लोग अपनी मनचाही तारीख के लिए टिकट बुक करा पाएंगे। • गांवों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी ऑनलाइन अनुमति अनिवार्य होगी। इसके लिए पंचायत कर्मचारी ग्रामीणों की सहायता करेंगे। • वीआईपी दर्शन सुबह 6.30 से 7.30 बजे तक होंगे। इसके लिए भी वीआईपी को सेल्फ प्रोटोकॉल में ही जाना होगा। कोई सिफारिश पत्र नहीं दिया जाएगा। • मंदिर में श्रीवारी हुंडी के नजदीक श्रद्धालुओं को हैंड सेनेटाइडर दिया जाएगा। • मंदिर में मास्क लगाना, हैंड सैनिटाइज करना, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल टैम्परेचर आदि चीजें अनिवार्य होंगी। • मंदिर में श्रद्धालुओं को जो रूम धर्मशालाओं में अलॉट किया जाएगा वो एक बार खाली होने के बाद दोबारा किसी दूसरे को 12 घंटे ब...

तिरुपति बालाजी मंदिर: कालातीत आस्था का प्रतीक

आंध्र प्रदेश के तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर भारत के उन मंदिरों में से एक है जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिये जाते तो हैं लेकिन इनमें से कुछ लोगों को ही पता है कि ये मंदिर कितना पुराना है। मंदिर को लेकर कई दंतकथाएं हैं लेकिन एक बात जो हम अच्छी तरह जानते हैं वो ये कि ये हज़ार बरसों से पूजा-अर्चना का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है और इसे दक्षिण में पल्लव से लेकर विजयनगर के राय राजवंश का संरक्षण प्राप्त था। इस मंदिर में आज भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ये मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के तिरुपति शहर में तिरुमाला अथवा तिरुमलय पहाड़ी पर स्थित है। ये पूर्वी घाटों में शेषाचलम पर्वतमाला का हिस्सा है जिसकी सात चोटियां हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि ये सात चोटियां नागराज आदिशेष के सात फनों का प्रतिनिधित्व करती हैं। पर्वतमाला को देखने से लगता है मानों कोई सांप कुंडली मारे बैठा हो। पास की पहाड़ियों से दिखता तिरुपति बालाजी मंदिर | लिव हिस्ट्री इंडिया कहा जाता है कि तिरुमाला के भगवान श्री वेंकटेश्वर का आरंभिक उल्लेख ई.पू.दूसरी सदी के तमिल साहित्यिक ग्रंथ तोल्काप्पियम में मिला था। श्री वेंकटेश्वर सात पर्वतों के भगवान के रुप में जाने जाते हैं और ऐसा विश्वास किया जाता है कि वह कलि युग (हिंदू धर्म के अनुसार विश्व की चार अवस्थाओं में से एक) में भागवान विष्णु के अवतार हैं। श्री वेंकटेश्वर मंदिर के साथ कई कथाएं जुड़ी हुई हैं और इनमें एक कथा ये भी है कि यहां मुख्य देवता की प्रतिमा स्वयंभू मूर्ति है। इसी वजह से मंदिर को अपने तमाम श्रृद्धालों के लिये पवित्र स्थान माना जाता है। पुराणों में मंदिर को लेकर कई कहानी-क़िस्से हैं। वराह पुराण के अनुसार मंदिर का निर्माण टों...

तिरुपति बालाजी मंदिर

भगवान विष्णु अवतार, तिरुपति बालाजी का दिल्ली में प्रसिद्ध मंदिर श्री वेंकटेश्वर स्वामी वारी मंदिर (तेलुगु: శ్రీ వెంకటేశ్వర స్వామి వారీ ఆలయం) उद्यान-मार्ग पर स्थित है। जिसे दिल्ली तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर का संचालन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के द्वारा ही किया जाता है, मंदिर के खुलने से बंद होने तक भगवान तिरुपति की चार बार विधिवत आरती तथा भोग लगाया जाता है। मंदिर में, प्रत्येक शुक्रवार को भगवान तिरुपति बालाजी के अभिषेक दर्शन का लाभ लिया जा सकता है। प्रत्येक रविवार को मंदिर मे कल्याण उत्सव का आयोजन किया जाता है। तथा प्रत्येक रात्रि मे एकांत सेवा का भी लाभ उठा सकते हैं। तिरुमाला से लाए गये विशेष लड्डूओं का आनंद अब दिल्ली के तिरुपति बालाजी मंदिर में भी प्राप्त किया जा सकता है।

tirupati opens darshan slots for january 2022 bala ji devotees have to pay rupees 1 crore

नई दिल्ली: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने आंध्र प्रदेश में स्थित भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर में दर्शन के लिए स्लॉट बुक करने की शुरुआत की है. जनवरी महीने के लिए फिलहाल 4, 60,000 टिकट ऑनलाइन जारी किए हैं. पहाड़ों के बीच स्थित यह मंदिर कोरोनो महामारी की वजह से बंद किया गया था. ऐसे में भक्तों को दो साल बाद कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ दर्शनों की इजाजत मिली है. TTD ने आज सुबह 9 बजे से तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की आधिकारिक वेबसाइट पर जनवरी महीने के लिए सर्वदर्शन (SSD) टोकन जारी करने की शुरुआत कर दी है. भक्त ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से टिकट खरीद सकते हैं. मंदिर बोर्ड ने दर्शनों के लिए भक्तों के पास कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज और कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य किया है. हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, कुल टिकट की कीमत 1 करोड़ रुपये होगी वहीं शुक्रवार के दिन तीर्थयात्रियों को दर्शनों के लिए 1.50 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. ये भी पढ़ें- इस तरह होगा धन का इस्तेमाल रिपोर्ट के अनुसार, देवस्थानम बोर्ड तीन प्रमुख परियोजनाओं के लिए इस धन का उपयोग करने की योजना बना रहा है. जिसमें सुपर स्पेशियलिटी बच्चों के अस्पताल का निर्माण भी शामिल है. 25 दिसंबर को, टिकट जारी होने की घोषणा होते हैं बोर्ड की वेबसाइट पर फौरन करीब 14 लाख विजिटर्स आए और 55 मिनट के भीतर पूरा स्लॉट बुक हो गया. हाथों हाथ बुक हुआ स्लॉट देवस्थानम बोर्ड ने 1 जनवरी और 13 जनवरी से 22 जनवरी के लिए रोजाना 20,000 टिकट का इंतजाम किया है. वहीं 2 जनवरी से 12 जनवरी और 23 से 31 जनवरी तक प्रति दिन 12,000 टिकट जारी किए हैं. वहीं दूसरी तरफ बोर्ड ने 1, 2, और 13, 22 और 26 जनवरी के लिए 5,500 वर्चु...

तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास, रहस्य और यात्रा की संपूर्ण जानकारी

दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से हम तिरुपति बालाजी मंदिर यात्रा की संपूर्ण जानकारी के बारे में विस्तार से जानने वाले है जिसमे तिरुपति बालाजी का इतिहास, रहस्य, कहानी, तिरुपति कैसे जाएं, तिरुपति जाने का सही समय, तिरुपति का प्रसिद्ध भोजन और तिरुपति में घूमने की जगह आदि शामिल हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के आंध्रप्रदेश राज्य के चितूर जिले में स्थित है जो हिंदुओ की धार्मिक आस्था का बहुत ही पवित्र और प्रसिद्ध स्थान है। तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित यह मंदिर हिंदुओ के आराध्य भगवान विष्णु के अवतार श्री वेंकटेश्वर जी को समर्पित है। तिरुपति बालाजी मंदिर भारत का सबसे अमीर मंदिर है जहां पर हर महीने लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं पूरे साल यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है। कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से यहां पर प्रार्थना करता है भगवान तिरुपति बालाजी उनकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। तो आइए दोस्तो तिरुपति बालाजी मंदिर यात्रा की संपूर्ण जानकारी के हर बिंदु पर विस्तार से जानते हैं। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास और कहानी एक बार महान ऋषि भृगु यह जानना चाहते थे कि 3 पवित्र देवताओं में सबसे बड़े कौनसे देवता हैं। कथानुसार कहा जाता है कि महर्षि भृगु एक बार भगवान विष्णु के धाम बैकुंठ पधारे थे और आते ही शेष शय्या पर योग निद्रा में लेटे भगवान विष्णु की छाती पर लात मारी तब भगवान विष्णु ने तुरंत महर्षि भृगु के चरण पकड़ लिए थे और ऋषिवर से पूछने लगे की आप के पैर में चोट तो नही लगी परन्तु देवी लक्ष्मी को महर्षि भृगु का यह व्यवहार बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और भगवान विष्णु द्वारा महर्षि भृगु को कोई भी दंड न...

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नई दिल्ली: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने आंध्र प्रदेश में स्थित भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर में दर्शन के लिए स्लॉट बुक करने की शुरुआत की है. जनवरी महीने के लिए फिलहाल 4, 60,000 टिकट ऑनलाइन जारी किए हैं. पहाड़ों के बीच स्थित यह मंदिर कोरोनो महामारी की वजह से बंद किया गया था. ऐसे में भक्तों को दो साल बाद कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ दर्शनों की इजाजत मिली है. TTD ने आज सुबह 9 बजे से तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की आधिकारिक वेबसाइट पर जनवरी महीने के लिए सर्वदर्शन (SSD) टोकन जारी करने की शुरुआत कर दी है. भक्त ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से टिकट खरीद सकते हैं. मंदिर बोर्ड ने दर्शनों के लिए भक्तों के पास कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज और कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य किया है. हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, कुल टिकट की कीमत 1 करोड़ रुपये होगी वहीं शुक्रवार के दिन तीर्थयात्रियों को दर्शनों के लिए 1.50 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. ये भी पढ़ें- इस तरह होगा धन का इस्तेमाल रिपोर्ट के अनुसार, देवस्थानम बोर्ड तीन प्रमुख परियोजनाओं के लिए इस धन का उपयोग करने की योजना बना रहा है. जिसमें सुपर स्पेशियलिटी बच्चों के अस्पताल का निर्माण भी शामिल है. 25 दिसंबर को, टिकट जारी होने की घोषणा होते हैं बोर्ड की वेबसाइट पर फौरन करीब 14 लाख विजिटर्स आए और 55 मिनट के भीतर पूरा स्लॉट बुक हो गया. हाथों हाथ बुक हुआ स्लॉट देवस्थानम बोर्ड ने 1 जनवरी और 13 जनवरी से 22 जनवरी के लिए रोजाना 20,000 टिकट का इंतजाम किया है. वहीं 2 जनवरी से 12 जनवरी और 23 से 31 जनवरी तक प्रति दिन 12,000 टिकट जारी किए हैं. वहीं दूसरी तरफ बोर्ड ने 1, 2, और 13, 22 और 26 जनवरी के लिए 5,500 वर्चु...

आम लोग 11 जून से कर पाएंगे तिरुपति बालाजी के दर्शन, हर घंटे में केवल 500 लोगों को मिलेगी अनुमति

आम लोग 11 जून से कर पाएंगे तिरुपति बालाजी के दर्शन, हर घंटे में केवल 500 लोगों को मिलेगी अनुमति दिशानिर्देशों के मुताबिक, एक दिन में केवल 6000 लोगों के दर्शन हो सकेंगे। हर घंटे में केवल 500 लोगों को अनुमति मिल पाएगी। इस संबंध में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् ट्रस्ट ने ये भी साफ किया है कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक 10 से कम और 65 साल से अधिक आयु वाले लोगों को दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। • मंदिर के कर्मचारी 6 और 7 जून को इंट्रानेट के जरिए दर्शन की अनुमति ले पाएंगे। शुरुआती तीन दिन 8, 9 और 10 जून को मंदिर के कर्मचारी और उनके परिजनों को दर्शन की अनुमति रहेगी। मंदिर में कुछ 21 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं। • 10 जून से लोकल दर्शनार्थियों के लिए टोकन काउंटर खुलेंगे। हर घंटे में केवल 500 लोगों को अनुमति मिल पाएगी। • 11 जून से 3000 लोगों के लिए 300 रुपए वाले वीआईपी दर्शन टिकट उपलब्ध होंगे। इसकी बुकिंग ऑनलाइन ही होगी। इसके लिए ऑनलाइन कोटा 8 जून से ही शुरू हो जाएगा। लोग अपनी मनचाही तारीख के लिए टिकट बुक करा पाएंगे। • गांवों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी ऑनलाइन अनुमति अनिवार्य होगी। इसके लिए पंचायत कर्मचारी ग्रामीणों की सहायता करेंगे। • वीआईपी दर्शन सुबह 6.30 से 7.30 बजे तक होंगे। इसके लिए भी वीआईपी को सेल्फ प्रोटोकॉल में ही जाना होगा। कोई सिफारिश पत्र नहीं दिया जाएगा। • मंदिर में श्रीवारी हुंडी के नजदीक श्रद्धालुओं को हैंड सेनेटाइडर दिया जाएगा। • मंदिर में मास्क लगाना, हैंड सैनिटाइज करना, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल टैम्परेचर आदि चीजें अनिवार्य होंगी। • मंदिर में श्रद्धालुओं को जो रूम धर्मशालाओं में अलॉट किया जाएगा वो एक बार खाली होने के बाद दोबारा किसी दूसरे को 12 घंटे ब...

तिरुपति बालाजी मंदिर: कालातीत आस्था का प्रतीक

आंध्र प्रदेश के तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर भारत के उन मंदिरों में से एक है जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिये जाते तो हैं लेकिन इनमें से कुछ लोगों को ही पता है कि ये मंदिर कितना पुराना है। मंदिर को लेकर कई दंतकथाएं हैं लेकिन एक बात जो हम अच्छी तरह जानते हैं वो ये कि ये हज़ार बरसों से पूजा-अर्चना का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है और इसे दक्षिण में पल्लव से लेकर विजयनगर के राय राजवंश का संरक्षण प्राप्त था। इस मंदिर में आज भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ये मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के तिरुपति शहर में तिरुमाला अथवा तिरुमलय पहाड़ी पर स्थित है। ये पूर्वी घाटों में शेषाचलम पर्वतमाला का हिस्सा है जिसकी सात चोटियां हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि ये सात चोटियां नागराज आदिशेष के सात फनों का प्रतिनिधित्व करती हैं। पर्वतमाला को देखने से लगता है मानों कोई सांप कुंडली मारे बैठा हो। पास की पहाड़ियों से दिखता तिरुपति बालाजी मंदिर | लिव हिस्ट्री इंडिया कहा जाता है कि तिरुमाला के भगवान श्री वेंकटेश्वर का आरंभिक उल्लेख ई.पू.दूसरी सदी के तमिल साहित्यिक ग्रंथ तोल्काप्पियम में मिला था। श्री वेंकटेश्वर सात पर्वतों के भगवान के रुप में जाने जाते हैं और ऐसा विश्वास किया जाता है कि वह कलि युग (हिंदू धर्म के अनुसार विश्व की चार अवस्थाओं में से एक) में भागवान विष्णु के अवतार हैं। श्री वेंकटेश्वर मंदिर के साथ कई कथाएं जुड़ी हुई हैं और इनमें एक कथा ये भी है कि यहां मुख्य देवता की प्रतिमा स्वयंभू मूर्ति है। इसी वजह से मंदिर को अपने तमाम श्रृद्धालों के लिये पवित्र स्थान माना जाता है। पुराणों में मंदिर को लेकर कई कहानी-क़िस्से हैं। वराह पुराण के अनुसार मंदिर का निर्माण टों...

तिरुपति बालाजी मंदिर

भगवान विष्णु अवतार, तिरुपति बालाजी का दिल्ली में प्रसिद्ध मंदिर श्री वेंकटेश्वर स्वामी वारी मंदिर (तेलुगु: శ్రీ వెంకటేశ్వర స్వామి వారీ ఆలయం) उद्यान-मार्ग पर स्थित है। जिसे दिल्ली तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर का संचालन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के द्वारा ही किया जाता है, मंदिर के खुलने से बंद होने तक भगवान तिरुपति की चार बार विधिवत आरती तथा भोग लगाया जाता है। मंदिर में, प्रत्येक शुक्रवार को भगवान तिरुपति बालाजी के अभिषेक दर्शन का लाभ लिया जा सकता है। प्रत्येक रविवार को मंदिर मे कल्याण उत्सव का आयोजन किया जाता है। तथा प्रत्येक रात्रि मे एकांत सेवा का भी लाभ उठा सकते हैं। तिरुमाला से लाए गये विशेष लड्डूओं का आनंद अब दिल्ली के तिरुपति बालाजी मंदिर में भी प्राप्त किया जा सकता है।