तनाव क्या है

  1. कृषक तनाव क्या है?
  2. तनाव क्या है ? इसके लक्षण एवं कारणों का विवेचन
  3. तनाव के कारण कई बीमारी हो सकती है, इसलिए मैनेज करना सीखें।
  4. तनाव क्या है, क्यों होता है? लक्षण और उपचार
  5. तनाव प्रबंधन
  6. तनाव प्रबंधन एवं तनाव क्या है?
  7. मनोसामाजिक तनाव क्या हैं: उदाहरण, जोखिम, प्रबंधन कैसे करें
  8. मानसिक तनाव से होने वाली बीमारी का इलाज क्या है और जाने इसके लक्षण?


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कृषक तनाव क्या है?

कृषक तनाव/असंतोष क्या है? (krishak tanav ka arth) भूमि संबंधी तनाव का अर्थ भूमि से जुड़े हुए विभिन्न वर्गों के सम्बन्धों मे अथवा कृषकों की समस्याओं के परिणामस्वरूप विकसित तनाव है। दूसरे शब्दों मे भूमि या कृषि से जुड़ी समस्याओं से सम्बंधित उत्पन्न तनाव को ही कृषक तनाव कहा जाता है। आर. बी. पाण्डेय के अनुसार " कोई भी आन्दोलन कृषक आन्दोलन हो सकता है बर्शेंत उसका मूल उद्देश्य कृषकों के अधिकार की लड़ाई हो, चाहे वह कृषकों द्वारा गठित हो अथवा अन्य समूहों द्वारा। डाॅ. राधाकमल मुखर्जी के अनुसार " कृषि अर्थव्यवस्था मे सामूहिक कार्यों का दुरूपयोग, लगान वसूल करने वालों की संख्या मे वृद्धि, भूमि का बिना रोक-टोक गिरवी रखा जाना, भूमि का हस्तांतरण तथा कुटीर उद्योगों का पतन इन सब कारणों से भूमिहीन श्रमिकों की संख्या मे निरंतर वृद्धि हो रही है। ग्रामीण स्त्रोतों के असमान वितरण का सीधा संबंध आय की असमानता और जीवन की भौतिक दवाओं से है। जिन लोगों के पास भूमि नही है और जो दूसरों की भूमि को जोतते है या जो भूमिहीन श्रमिकों के रूप में कार्य करते है। कृषि श्रमिकों के लिये अपनी कार्यक्षमता या कुशलता बढ़ाने के लिये कोई प्रेरणा नही पाई जाती है। अतः स्त्रोतों के असमान वितरण के कारण मालिक या भू-स्वामी तथा किसान और भूमिहीन श्रमिक की आय और जीवन की भौतिक दशाओं या रहन-सहन के स्तर में बहुत अधिक अंतर पाया जाता है। यह परिस्थिति कृषक असन्तोष के लिये उत्तरदायी है। ग्रामीण क्षेत्रों मे कृषि असन्तोष का अन्य कारण काम करने के इच्छुक व्यक्तियों के लिये काम का नही पाया जाना या बेकारी एवं अर्द्ध-बेकारी है। यहां कृषि श्रमिकों को कठिनता से पूरे वर्ष काम मिल पाता है। अतः वर्ष मे कई दिनों तक इन्हें बेकार रहना पड़ता है। इसलि...

तनाव क्या है ? इसके लक्षण एवं कारणों का विवेचन

कहने का तात्पर्य यह है कि जब व्यक्ति के सामने कोई ऐसी समस्या या परिस्थिति आ जाती है। जब उसे लगे कि यह समस्या या परिस्थिति उसकी क्षमताओं के नियंत्रण से बाहर है अर्थात् उस परेशानी परिस्थिति से निपटने में उसकी सामर्थ्य कम पड़ रहीं है। स्वयं को निर्बल एवं असमर्थ पा रही है तो व्यक्ति तनावग्रस्त हो जाता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि व्यक्ति के शरीर एवं मन को समय-समय पर मिलने वाली चुनौतियाँ, जिनका सामना करने में वह स्वयं को असहाय एवं असमर्थ मानता है। उसमें तनाव को जन्म देता है। तनाव की परिभाषाबेरोन- ‘‘तनाव एक ऐसी बहुआयामी प्रक्रिया है जो हम लोग में वैसी घटनाओं के प्रति अनुक्रियाओं के रूप में उत्पन्न होती है, जो हमारे दैहिक एवं मनोवैज्ञानिक कार्यो को विघटित करता है या विघटित करने की धमकी देता है।’’ माॅर्गन ‘‘हम लोग तनाव को एक आन्तरिक अवस्था के रूप में परिभाषित करते हैं, जो शरीर की दैहिक माँगों (बीमारी की अवस्थायें, व्यायाम, अत्यधिक तापक्रम इत्यादि) या वैसे पर्यावरणी एवं सामाजिक परिस्थितियाँ जिसे सचमुच में हानिकारक, अनियंत्रण योग्य तथा निबटने के मौजूद साधनों को चुनौती देने वाला के रूप में मूल्यांकित किया जाता है। से उत्पन्न होता है।’’ हेन्स शैली‘‘तनाव से तात्पर्य शरीर द्वारा आवश्यकतानुसार किये गये अविशिष्ट अनुक्रिया से होता है।’’ तनाव की प्रमुखविशेषताएँ • तनाव एक अनुक्रिया है। • तनाव उत्पन्न होने के अनेक कारण हो सकते हैं। अत: यह एक बहुआयामी प्रक्रिया है। • तनाव में परिस्थितियाँ व्यक्ति के नियंत्रण से बाहर होती है। • तनाव उत्पन्न होने पर व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक दोनों प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। • तनाव की स्थिति की कोई निश्चित समया विधि नहीं है। यह थोड़े समय के...

तनाव के कारण कई बीमारी हो सकती है, इसलिए मैनेज करना सीखें।

तनाव के प्रकार और उसकी विशेषताएं एक्यूट स्ट्रेस : यह तनाव की सबसे सामान्य प्रक्रिया है। यह शॉर्ट टर्म होता है। इसके कारण वर्तमान, पूर्व या फिर भविष्य में होने वाले किसी प्रकार की बात को लेकर व्यक्ति चिंतित हो सकता है। क्रॉनिक स्ट्रेस : ये भी पढ़े 77 फीसदी लक्षण तनाव के कारण यूएस स्ट्रेस स्टेटिक्स के अनुसार 77 फीसदी फिजिकल लक्षण सिर्फ स्ट्रेस के कारण देखने को मिलते हैं। वहीं दूसरी ओर करीब 73 फीसदी साइकोलॉजिकल लक्षण देखने को मिलते हैं। वहीं तनाव से जूझने वाले 48 फीसदी लोगों का मानना है कि तनाव के कारण उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को नुकसान पहुंचता है। इन स्टेटिटिक्स प्वाइंट्स के अनुसार शुरुआत में हमें यही पता चलता है कि स्ट्रेस व एंजाइटी के सिर्फ नकारात्मक पहलू ही है, लेकिन बात यही खत्म नहीं होती। इन दोनों तनाव के कारण ही स्वास्थ को नुकसान पहुंचता है, वहीं मनोचिकित्सक बताते हैं कि यदि कोई स्ट्रेस व एंजाइटी से ग्रसित हो जाता है तो उसके परिणामों से बचाया नहीं जा सकता है। साइकोलॉजिस्ट व पीएचडी कर चुके लीसा डैमोर ने कहा कि हमारी जिंदगी में स्ट्रेस भी एक हिस्सा है। यदि हम एक बार तनाव झेल लें तो उसके जरिए ही हम जिंदगी में आने वाली मुश्किलों का सामना कर सकते हैं। वहीं नई मुश्किलों से निपटने के लिए हम हमेशा तैयार रहते हैं। यह भी स्ट्रेस के फायदे में से एक है। यह भी पढ़े : अपनी मदद करने के लिए तनाव कारणों को इन टिप्स से करें कम – मन में चल रही बातों को लिखें, ताकि उसका कोई तर्क हो, वहीं अपनी प्राइऑरिटी सेट करने के साथ उसका हल तलाशने की कोशिश करनी चाहिए – अपनी जिम्मेदारी तय करें वहीं उसके लिए डेडलाइन फिक्स करें और तय समय में अंजाम दें, वहीं अपने आसपास के लोगों को अपने तनाव के बारे मे...

तनाव क्या है, क्यों होता है? लक्षण और उपचार

तनाव प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण मानसिक या भावनात्मक तनाव की स्थिति है। आज के सक्रिय जीवन के परिणामस्वरूप, कई लोग, चाहे वे इसे महसूस करते हों या नहीं, गंभीर तनाव के अधीन हो सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि 33% वयस्कों में उच्च था stres वह कहता है कि वह जीवित है। परंतु तनाव को दूर करने के लिए प्रयास के बिना, यह पुरानी हो सकती है और अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है। तनाव क्या है? तनाव खतरे के खिलाफ शरीर की प्राकृतिक रक्षा है। यह हार्मोन के स्राव को सुनिश्चित करता है जो खतरे से बचने के लिए शरीर की प्रणालियों को तैयार करता है। इसे "युद्ध या पलायन तंत्र" कहा जाता है। जब लोगों को एक चुनौती या खतरे का सामना करना पड़ता है, तो वे आंशिक रूप से शारीरिक रूप से प्रतिक्रिया करते हैं। शरीर बड़ी मात्रा में कोर्टिसोल, एपिनेफ्रीन और नॉरपेनेफ्रिन रसायन का उत्पादन करता है। ये निम्नलिखित शारीरिक प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करते हैं: रक्तचाप में वृद्धि - मांसपेशियों की तैयारी में वृद्धि - बाहर निकलें जागृत होना ये सभी कारक किसी व्यक्ति की संभावित खतरनाक या चुनौतीपूर्ण स्थिति पर प्रतिक्रिया करने की क्षमता में सुधार करते हैं। नॉरपेनेफ्रिन और एपिनेफ्रीन हृदय गति को बढ़ाते हैं। पर्यावरणीय कारक जो इस प्रतिक्रिया को ट्रिगर करते हैं तनाव के कारक यह कहा जाता है। तनाव के कारक उदाहरणों में आवाज, आक्रामक व्यवहार, एक तेज रफ्तार कार, फिल्मों में भयानक क्षण शामिल हैं। तनाव की भावना , तनाव संख्या की वृद्धि के साथ बढ़ता है। तनाव के भौतिक प्रभाव क्या हैं? तनाव पाचन और प्रतिरक्षा प्रणाली जैसे शरीर के कुछ सामान्य कार्यों को धीमा कर देता है। यह सांस लेने, रक्त प्रवाह, सतर्कता और मांसपेशियों के तत्काल उपयोग के लि...

तनाव प्रबंधन

अनुक्रम • 1 ऐतिहासिक नींव • 2 तनाव प्रबंधन के मॉडल • 2.1 संव्यवहारिक मॉडल • 2.2 स्वास्थ्य प्राप्ति / स्वाभाविक स्वास्थ्य मॉडल • 3 तनाव प्रबंधन की तकनीक • 3.1 तनाव मापना • 3.2 तनाव प्रबंधन की प्रभावशीलता • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ • 6 बाहरी कड़ियाँ ऐतिहासिक नींव [ ] मानव में तनाव के अनुवर्ती अध्ययन के बाद रिचर्ड रेह और दूसरों का मानना है कि तनाव के कारण अलग, जीवन में तनाव का परिमाण और आगे जीवन में तनाव के उत्पादन की औसत डिग्री द्वारा वर्गीकृत किया जा सकता है (प्रमुखत: तनाव प्रबंधन के मॉडल [ ] संव्यवहारिक मॉडल [ ] 1984 में नियमानुसार एक प्रभावी तनाव प्रबंधन कार्यक्रम को विकसित करने के लिये सबसे पहले यह आवश्यक है कि व्यक्ति के अन्दर केन्द्रित कारकों की पहचान जो तनाव पर प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप करते हैं और उन पर नियंत्रण करते हो. लैजेरस और फोकमैन की व्याख्या के अनुसार तनाव लोग और उनके बाहरी वातावरण के बीच संव्यवहार पर केंद्रित है (जिसे संव्यवहारिक मॉडल के रूप में जाना जाता है). मॉडल तनाव की अवधारणा करता है कि कैसे एक व्यक्ति अपने तनाव की वजह का मूल्यांकन करता है और अपने संसाधनों के द्वारा तनाव पर काबू पाता है। मॉडल का प्रस्ताव है कि अगर तनाव कारक - तनाव लिंक टूटता है तो एक संभावित तनाव सकारात्मक या चुनौती देने के बजाय एक खतरे के रूप में माना जाता है और अगर तनावग्रसित को यह विश्वास है कि तनाव से सामना करने की रणनीतियों में कोई कमी नहीं है बल्कि पर्याप्त रूप से है, यह जरूरी नहीं है कि तनाव उपस्थित संभवनीय कारकों का अनुसरण करे. मॉडल का प्रस्ताव है कि तनाव को कम किया जा सकता है, तनावग्रसित लोगों की मदद उनकी तनाव पैदा करने वाले कारकों के प्रति अपनी धारणा बदलने और तनाव से निबटन...

तनाव प्रबंधन एवं तनाव क्या है?

तनाव प्रबंधन तनाव क्या है?stress management in Hindi हम तनाव(stress) में हैं, ऐसा हम तब कहते हैं जब हम खुद को काम के बोझ तले दबा हुआ महसूस करते हैं। और इस विषय में अनिश्चित होते हैं कि हमें जो दायित्व(responsibility) दिए गए हैं उन्हें संभालने के लिए हम सक्षम(capable) है भी या नहीं। ऐसा कुछ भी जो हमारे हित को चुनौती दे या उसके लिए खतरा बने तनाव(stress) के रूप में परिभाषित(define) किया जा सकता है। यहां यह ध्यान देना आवश्यक है कि तनाव अच्छा और बुरा दोनों हो सकता हैl एक ओर जहां अच्छा तनाव(good stress) हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। दूसरी ओर नकारात्मक तनाव(bad stress) हमारी मानसिक(mental) और शारीरिक(physical) स्वास्थ्य दोनों को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए नकारात्मक तनाव को कुशलता पूर्वक प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है। तनाव के कारण(causes of stress): तनाव आंतरिक और बाहरी दोनों कारण से हो सकता है। तनाव में आंतरिक कारण(internal causes of stress): 1) लगातार चिंता करना 2) निराशा बाद 3) कठोर मानसिकता 4) नकारात्मक आत्मा वार्ता 5) वास्तविक अपेक्षाएं 6) पूर्ण रूप से शामिल या पूर्ण रूप से बाह्य प्रवृत्त तनाव के बाहरी कारण(external causes of stress): 1) जीवन में प्रमुख परिवर्तन कार्य 2) स्कूल में कठिनाइयां 3) संबंधों में कठिनाइयां 4) वित्तीय कठिनाइयां 5) अत्यधिक कार्य की मात्रा 6) अपने बच्चों/ और या परिवार के विषय में चिंता करना। तनाव के लक्षण(sign of stress): तनाव की उपस्थिति(presence of stress) कई तरीके से व्यक्त हो सकती है। तनाव के संज्ञानात्मक, भावनात्मक, शारीरिक और स्वभाव संबंधी लक्षणों(sign) पर एक नजर डालें- Sign of stress Sign of stress तनाव प्रबंधन के लिए सुझाव(advise for stres...

मनोसामाजिक तनाव क्या हैं: उदाहरण, जोखिम, प्रबंधन कैसे करें

परिचय जीवन एक ऊबड़-खाबड़ सवारी है। लोग रोजमर्रा की जिंदगी में तनाव का अनुभव करते हैं। बहुत से लोग उतार-चढ़ाव से बच सकते हैं। लेकिन कभी-कभी, कुछ बड़ा होता है जो कई लोगों के लिए अंत जैसा लगता है। कभी-कभी, ऐसी स्थितियां एक महत्वपूर्ण मोड़ बन जाती हैं जो उनके बाकी के जीवन को परिभाषित करती हैं। स्वाभाविक रूप से, यह व्यक्ति के लापरवाह जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा छीन लेता है । मनोसामाजिक तनाव एक काल्पनिक या मौजूदा सामाजिक खतरा है जो लोगों के जीवन को हमेशा के लिए बदल देता है। वहाँ से वापस उछलने में बहुत लंबा समय लग सकता है। ये बहुत कर लगाने वाले होते हैं और एक व्यक्ति को अकेला, अलग-थलग और अवांछित महसूस करा सकते हैं। मनोसामाजिक तनावों से प्रेरित तनाव अक्सर अपूरणीय क्षति की तरह लगता है। ये पैदा कर सकते हैं • प्रमुख तनाव • मनोवैज्ञानिक तनाव का विकास • पहले से मौजूद विकार को बढ़ाना मनोसामाजिक तनाव क्या हैं? मनोसामाजिक तनावों को प्रमुख जीवन-परिवर्तनकारी घटनाएँ कहा जा सकता है। यह घटना इतनी अधिक तीव्रता की होती है कि यह बड़े तनाव का कारण बनती है। यह अक्सर एक मनोवैज्ञानिक विकार के विकास का कारण बन सकता है। मनोसामाजिक तनाव पहले से मौजूद मनोवैज्ञानिक विकारों को भी बढ़ा सकते हैं। यह मनोसामाजिक तनाव इसलिए होता है क्योंकि ये घटनाएं जीवन को हमेशा के लिए बदल देती हैं। इससे वापस आने में अक्सर स्वीकृति, समय, चिकित्सा और उपचार की आवश्यकता होती है। मनोसामाजिक तनावों के प्रभाव मनोसामाजिक तनाव किसी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं । मनोसामाजिक तनावों के कुछ बाद के प्रभाव हैं- • विश्वास नहीं हो रहा था कि ऐसा हो गया • शरीर को सदमे में भेजो • लोग खोया हुआ महसूस करते हैं • अत्यधिक तनाव का कार...

मानसिक तनाव से होने वाली बीमारी का इलाज क्या है और जाने इसके लक्षण?

आज की दुनिया में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो तनावग्रस्त न हो। तनाव में रहना अच्छी बात है, लेकिन अत्यधिक तनाव में रहना खतरनाक हो सकता है। जब यह तनाव हमें अपने दैनिक जीवन में परेशान करने लगता है, तभी समस्या उत्पन्न होती है। जो व्यक्ति हमेशा तनाव में रहता है, उसे इलाज के लिए किसी से सलाह लेनी चाहिए। याद रखें इसमें शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है। यह कोई पागलपन या बीमारी नहीं है, बल्कि यह किसी भी व्यक्ति को कभी भी हो सकती है। स्ट्रेस डिप्रेशन एक तरह का मानसिक विकार है। ऐसा होना पर नकारात्मक विचार हमारे मन पर हावी होने के बाद हमारी मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हमारा ...