Transformer kise kahate hain

  1. काल किसे कहते है
  2. वर्ण किसे कहते है
  3. सर्वनाम किसे कहते हैं
  4. यौगिक किसे कहते है
  5. लोकतंत्र का अर्थ


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काल किसे कहते है

Kal Ke Kitne Bhed Hote Hain काल के भेद :- काल के तीन भेद होते है। • वर्तमान काल • भूतकाल • भविष्यत् काल 1. वर्तमान काल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि काम अभी चल रहा है उसे वर्तमान काल कहते हैं। जैसे- • वह गाना गा रहा है। • सीता खा रही है। • मैं खेल रहा हूं। वर्तमान काल के तीन उपभेद होते हैं- • सामान्य वर्तमान • अपूर्ण वर्तमान • संदिग्ध वर्तमान। सामान्य वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से उसका वर्तमान में होना ज्ञात हो वह सामान्य वर्तमान होता है जैसे- • वह अच्छा गाना गाती है। • मोहन खेलता है। अपूर्ण वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि काम अभी चल रहा है उसे अपूर्ण वर्तमान कहते हैं। जैसे- • मैं गा रही हूँ। • तुम नहा रहे हो। संदिग्ध वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से बीत रहे समय में किसी काम के होने में संदेह प्रकट हो उसे संदिग्ध वर्तमान कहते हैं। जैसे- • राधा नाच रही होगी। • मोहन पढ़ रहा होगा। 2. भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध हो उसे भूतकाल कहते हैं। जैसे- • राम ने पत्र लिखा। • वह चली गई। भूतकाल के छह भेद होते हैं- सामान्य भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से साधारणतः क्रिया का बीते समय में होना पाया जाये उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं। जैसे – • राधा ने खाना खाया। आसन्न भूतकाल- आसन्न भूतकाल से यह जाना जाता है कि काम भूतकाल से शुरू होकर अभी-अभी समाप्त हुआ है। जैसे – • मैं खाना खा चुका हूँ। पूर्ण भूतकाल- क्रिया के जिस रूप में काम का बहुत समय पहले बीत जाने का बोध होता है उसे पूर्णभूत काल कहते हैं। जैसे – • डॉ. रोगी को देख चुका था। • रोगी ठीक हो चुका था। अपूर्ण भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि काम बीते समय शुरू हुआ था किंतु समाप्त भूतकाल में सूचित न हो उसे...

वर्ण किसे कहते है

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • दोस्तो अगर आसान तरीके से समझें तो वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते है, जिसका खंड न हो; जैसे- क् ,प् , ख् , च इत्यादि। ’रानी ’ शब्द की दो ध्वनियाँ है- ’रा ’ और ’नी’। इनके भी चार खंड है- र्+आ, न्+ई। अब आप यह समझें कि हम इसके बाद इन चार ध्वनियों के टुकङे नहीं कर सकते। इसलिए ये मूल ध्वनियाँ वर्ण का अक्षर होती है। वर्ण वह छोटी-सी ध्वनि है, जिसके टुकङे नहीं किए जा सकते। वर्ण हमारी वाणी की सबसे छोटी इकाई है। मूलतः हिन्दी में 52 वर्ण होते है। वर्णों के उच्चारण समूह को ’वर्णमाला’ कहते है। वर्ण और उच्चारण का बङा ही गहरा सम्बन्ध होता है। इनको एक को दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। स्वर- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ व्यंजन क्या होते है – Vyanjan Kya Hote Hain Varn Kise Kahate Hain वर्ण कितने प्रकार के होते है – Varn kitne prakar ke hote hain आइए इसके बारे में चर्चा करतें है हिंदी के वर्ण- स्वर और व्यंजन वर्ण के दो प्रमुख तत्व है- स्वर और व्यंजन। इन दोनों के योग से ही वर्णों का अस्तित्व होता है। स्वर – Swar स्वर का उच्चारण बिना अवरोध अथवा विघ्न-बाधा के होता है। इनके उच्चारण में किसी दूसरे वर्ण की सहायता नहीं ली जाती। ये सभी स्वतंत्र है। इनके उच्चारण में भीतर से आती हुई वायु मुख से निर्बाध रूप/बिना बाधा से निकलती है। सामान्यतः इसके उच्चारण में कंठ, तालु का प्रयोग होता है। उ, ऊ के उच्चारण में होठों का प्रयोग होता है। हिंदी में स्वर की संख्या ग्यारह है। • ह्रस्व स्वर- अ, इ, उ, ऋ • दीर्घ स्वर- आ, ई, ऊ • संयुक्त स्वर- ए, ऐ, ओ, औ संस्कृत में ’ऋ’ का प्रयोग होता है। वर्तमान में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में इसका व्यवहार नाममात्र ही रह गया है है। फ...

सर्वनाम किसे कहते हैं

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • सर्वनाम (Sarvanam) संज्ञा शब्दों के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम (Sarvanam) कहते हैं। सर्वनाम एक विकारी शब्द है। सर्वनाम शब्द ‘सर्व’ और ‘नाम’ के संयोग से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ सबका नाम होता है। सर्वनाम का रुपांतरण वचन और कारक की वजह से होता है, लेकिन सर्वनाम का रुपांतरण लिंग की वजह से कभी नहीं होता है। हिंदी में ग्यारह सर्वनाम होते हैं। हिंदी के सर्वनाम मैं, तू, आप, यह, वह, सो, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या हैं। • मैं – इसका इस्तेमाल वक्ता स्वयं के लिए करता है। • तू – इसका इस्तेमाल वक्ता की बात सुनने वाले के लिए किया जाता है। • यह – आस-पास की किसी वस्तु को इंगित करने के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है। • वह – दूर की किसी वस्तु को इंगित करने के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है। सर्वनाम के उदाहरण | Sarvanam Ke Udaharan • वह पैन मेरा नहीं है। • यह घर मेरे दादाजी ने बनवाया था। • मैंने आज व्यायाम नहीं किया। • तुम एक बहादुर लड़की हो। • कोई आ रहा है। • वे कुछ खा रहे हैं। • वह कौन है, जो खेत में घुस रहा है? • पिताजी कल किसकी बात कर रहे थे? सर्वनाम कौन-कौन से होते हैं मैं, तू, आप, यह, वह, सो, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या सर्वनाम होते हैं. हिंदी में 11 सर्वनाम होते हैं। इन ग्यारह सर्वनामों को मूल सर्वनाम कहते हैं। यही ग्यारह सर्वनाम पुरुष, वचन और कारक के आधार पर अपना रूपांतरण करके अन्य सर्वनाम बनाते हैं, जिन्हें यौगिक सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम का प्रयोग क्यों किया जाता है? सर्वनाम का उपयोग भाषा को सुंदर बनाने के लिए तथा संज्ञा शब्दों की पुनरावृत्ति को कम करने के लिए सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किया जा...

यौगिक किसे कहते है

Table of Contents • • • Yogik Kise Kahate Hain In Hindi यौगिक किसे कहते है (Y ogik Kise Kahate Hain) :- दो या दो से अधिक तत्व या पदार्थ जब एक निश्चित अनुपात में रासायनिक अभिक्रिया करके रासायनिक बंधो द्वारा आपस में मिलकर एक नए पदार्थ निर्माण करते हैं। इस नए पदार्थ को ही यौगिक कहते है। उदाहरण – जल एक यौगिक है जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन तत्वों से मिलकर बना होता है। जब ये तत्व एक निश्चित अनुपात में रासायनिक बन्धो या रासायनिक क्रिया द्वारा जुड़े हुए रहते है। जब किसी यौगिक का सूत्र लिखा जाता है तो इसमें इन तत्वों के अनुपात को भी प्रदर्शित किया जाता है जैसे जल एक यौगिक का निर्माण है जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन तत्वों के संयोग से बनता है। जल के निर्माण के लिए ऑक्सीजन हाइड्रोजन के दो परमाणु , ऑक्सीजन के एक परमाणु के साथ बंध द्वारा जुड़े रहते है अर्थात जल के एक अणु के निर्माण में हाइड्रोजन परमाणु के दो परमाणु और ऑक्सीजन का एक परमाणु संयोग करता है इसलिए जल के रासायनिक सूत्र को H 2O द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। Yogik Ke Prakar यौगिक के प्रकार :- यौगिक दो प्रकार के होते हैं। (1) कार्बनिक यौगिक :- कार्बन, हाइड्रोजन के व्युत्पन्न कार्बनिक यौगिक कहलाते है। (2) अकार्बनिक यौगिक :- हाइड्रोकार्बन को छोड़कर शेष सभी यौगिक अकार्बनिक यौगिक कहलाते है। Yogik kya Hai यौगिक क्या है :- भिन्न-भिन्न प्रकार के परमाणुओं के एक निश्चित अनुपात में संयोजन से बने शुद्ध पदार्थ को यौगिक कहते हैं। यौगिकों की विशेषता :- यौगिकों की निम्न विशेषताएं हैं। • यौगिक तत्वों के निश्चित अनुपात के संयोग से बनते हैं। • यौगिकों के निर्माण में प्रकाश ऊष्मा, विद्युत आदि का अवशोषण या निष्कासन होता है। • प्रत्येक यौगिक शुद्ध एवं संमागी...

लोकतंत्र का अर्थ

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • आज के आर्टिकल में हम लोकतंत्र क्या है (Loktantra Kya Hai), इसकी परिभाषा, गुण, दोषं, प्रकारों को विस्तार से पढेंगे। (Loktantra ka Arth, Loktantra kise kahate hain, Loktantra ki Paribhasha, Loktantra Kya Hai, Loktantra ke Prakar, Loktantra ki Visheshta) लोकतंत्र क्या है – Loktantra Kya Hai लोकतंत्र उस सरकार को कहते हैं जिससे प्रत्येक व्यक्ति भाग लेता है इसमें जनता प्रत्यक्ष रूप से अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से शासन करती है। लोकतंत्र का अर्थ है – जनता का शासन अथवा एक ऐसी शासन प्रणाली जिसमें सर्वोच्च सत्ता जनता के पास होती है। लोकतंत्र का अर्थ क्या है – Loktantra ka Arth लोकतंत्र का अर्थ – लोकतंत्र शब्द दो शब्दों लोक+तंत्र से बना है जिसका अर्थ है – लोगों का शासन। लोकतंत्र का अंग्रेजी पर्याय Democracy है, जो दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है – ’डेमो’ (Demos)– जनता तथा ’क्रेटिया’ (Kratia) शक्ति अथवा शासन। लोकतंत्र का अर्थ है – जनता का शासन। लोकतंत्र किसे कहते है – Loktantra kise kahate hain ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें राजसत्ता किसी एक व्यक्ति या कुछ व्यक्तियों के हाथों में न होकर संपूर्ण जनता में निहित होती है। उसे लोकतंत्र कहते है। लोकतंत्र क्या है – Loktantra Kya Hai लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसके अन्तर्गत जनता अपनी स्वेच्छा से निर्वाचन में आए हुए किसी भी दल को मत देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है, तथा उसकी सत्ता बना सकती है। यहां लोगों के सरकार से अभिप्राय प्रत्यक्ष प्रजांतंत्र है, सरकार लोगों पर शासन करती है। सरकार लोगों की है, सरकार लोगों द्वारा निर्वाचित और निर्देशित होती है। सर...