Tripitak kya hai

  1. त्रिपिटक (Tripitak) Meaning In English Tripitak in English इंग्लिश
  2. Tripitak Kya Hain


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त्रिपिटक (Tripitak) Meaning In English Tripitak in English इंग्लिश

त्रिपिटक का अन्ग्रेजी में अर्थ त्रिपिटक (Tripitak) = त्रिपिटक संज्ञा पुं॰ [सं॰] भगवान् बुद्ध के उपदेशों का बडा़ संग्रह जो उनकी मृत्यु के उपरांत उनके शिष्यों और अनुयायियों ने समय समय पर किया और जिसे बौद्ध लोग अपना प्रधान धर्मग्रंथ मानते हैं । विशेष—यह तीन भागों में, जिन्हें पिटक कहते हैं, विभक्त है । इनके नाम ये हैं—सूत्रपिटक, विनयपिटक, अभिधर्मपिटक । सूत्रपिटक में बुद्ध के साधारण छोटे और बडे़ ऐसे उपदेशों का संग्रह है जो उन्होंने भिन्न भिन्न घटनाओं और अवसरों पर किए थे । विनयपिटक में भिक्षुओं और श्रावकों आदि के आचार के संबंध की बातें हैं । अभिधर्मपिटक में चित्त, चैतिक धर्म और निर्वाण का वर्णन है । यही अभिधर्म बौद्ध दर्शन का मूल हो । यद्यपि बौद्ध धर्म के महायान, हीनयान और मध्यमयान नाम के तीन यानों का पता चलता है और इन्हीं के अनुसार त्रिपिटक के भी तीन संस्करण होने चाहिए, तथापि आजकल मध्ययमान का संस्करण नहीं मिलता । हीन- यान का त्रिपिटक पाली भाषा में है और बरमा, स्याम तथा लंका के बौद्धों का यह प्रधान और माननीय ग्रंथ है । इस यान के संबंध का अभिधर्म से पृथक् कोई दर्शन ग्रंथ नहीं है । महायान के त्रिपिटक का संस्करण संस्कृत में है और इसका प्रचार नेपाल, तिब्बत, भूटान, आसाम, चीन, जापान और साइबैरिया के बौद्धों में है । इस यान के संबंध के चार दार्शनिक संप्रदाय हैं जिन्हें सौत्रांतिक, माध्यमिक, योगाचार और वैभाषिक कहते हैं । इस यान के संबंध के मूल ग्रंथों के कुछ अंश नेपाल, चीन, तिब्बत और जापान में अबतक मिलते हैं । पहले पहल महात्मा बुद्द के निर्वाण के उपरांत उनके शिष्यों ने उनके उपदेशों का संगह राजगृह के समीप एक गुहा में किया था । फिर महाराज अशोक ने अपने समय में उसका दूसरा संस्करण बौद्धों के...

Tripitak Kya Hain

Tripitak kya hain - त्रिपिटक क्या है त्रिपिटक से जुड़ी हर वह जानकारी हम जिस पोस्ट पर आपके साथ साझा करने वाले हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं में आपको देखने को मिलता है इस पूरे पोस्ट को जरूर देखें और त्रिपिटक से संबंधित सारे महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखें। सबसे पहले बात करते है कि त्रिपिटक क्या है, हम आपको बता दें कि त्रिपिटक का संबंध "बौद्ध धर्म" से है। त्रिपिटक के मुख्यतः तीन भाग हैं। 1. विनय पिटक 2. सुत पिटक और 3. अभिधम पिटक विनय पिटक :- विनय पिटक की रचना उपाधि ने की थी जिसमें बौद्ध संघ के नियम के बारे में बात कही गई है.. सुत पिटक :- सतबीर की रचना आनंद की है, इसमें बुद्ध के उपदेशों एवं संवादों का संग्रह है अभिधम पिटक:- इसमें बुद्ध के आध्यात्मिक एवं दार्शनिक विचारों का संग्रह किया गया है, अभिधम पिटक की रचना तिस्य ने कि है।