Triveni mein kaun sa samas hai

  1. त्रिनेत्र में कौन सा समास है?
  2. समास की परिभाषा भेद, उदाहरण
  3. Samas in Hindi
  4. समास की परिभाषा और उसके भेद उदाहरण सहित
  5. समास की परिभाषा और उसके भेद उदाहरण सहित
  6. समास की परिभाषा भेद, उदाहरण
  7. Samas in Hindi
  8. त्रिनेत्र में कौन सा समास है?


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त्रिनेत्र में कौन सा समास है?

त्रिनेत्र शब्द में समास (Trinetra Mein Kaun sa Samas Hai) त्रिनेत्र में प्रयुक्त समास का नाम क्या है? त्रिनेत्र में द्विगु समास है। Trinetra Mein Kaun sa Samas Hai? Trinetra Shabd mein Dvigu Samas Hai. त्रिनेत्र का समास विग्रह क्या है? त्रिनेत्र का समास विग्रह तीन नेत्रों का समाहार है। Trinetra ka Samas Vigrah kya hai? Teen Netraon ka smahar तीन नेत्रों का समाहार समूह का समस्त पद है? त्रिनेत्र द्विगु समास की परिभाषा वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। जैसे- चौराहा, छमाही, त्रिवेणी,चतुर्वेद । “चौराहा का पहला वर्ण है चौ जिसका मतलब होता है चार। चार एक संख्यावाचक विशेषण है। चौराहा बने पर समस्तपद चार राहों के समूह का बोध करा रहा है।” हम देख सकते कि “तिरंगा में पहला वर्ण है ति जिसका मतलब तीन होता है। यह शब्द एक संख्यावाची विशेषण शब्द है। अतः यह उदाहरण द्विगु समास के अंतर्गत आयेंगे।” द्विगु समास की परिभाषा: वह समास जिसमें पहला पद संख्यावाचक विशेषण हो और अन्य सभी पद किसी समूह या किसी समाहार का बोध करवाते हो, उन वाक्यों को द्विगु समास कहा जाता है। द्विगु समास के उदाहरण • दशक: दससालों का समूह • शताब्दी: सौसालों का समूह • सप्ताह: सातदिनों का समूह • महीना: तीसदिनों का समूह • सप्ततंत्र: साततंत्रों का समाहार • दोपहर : दोपहरों का समाहार ऊपर जो उदाहरण दिए गए हैं इनमें पूर्व पद संख्यावाचक विशेषण है। यह स्पष्ट रुप से दिखाई दे रहा है और बाकी अन्य समस्त पद किसी ने किसी समूह या समाहार का बोध करवा रहे हैं। जिस प्रकार देख सकते हैं कि दोपहर में पहला पद जो संख्यावाचक विशेषण है और बाद में समाहार का बोध ...

समास की परिभाषा भेद, उदाहरण

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Samas in Hindi

In this page we are providing all Samas in Hindi (समास इन हिंदी) | Samas ki Paribhasha Aur Uske Bhed, Udaharan (Examples) – Hindi Grammar What is Samas in Hindi समास‘संक्षिप्तिकरण’ को समास कहते हैं। दूसरे शब्दों में समास संक्षेप करने की एक प्रक्रिया है। दो या दो से अधिक शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा कारक चिह्नों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतन्त्र शब्द को समास हिंदी में (Types of Samas in Hindi Grammar) समास में विषय : • समास क्या है? (Samas kya hey) • समास के प्रश्न (Samas key prashn) • समास परिभाषा व भेद (Samas Paribhasha va Bhed) • बहुव्रीहि समास के उदाहरण (Bahuvir Samas key Udaharan) • समास के भेद का चार्ट (Samas key Bhed ka Chart) • कर्मधारय समास (Karmadhaaray Samaas) • समास के प्रकार और उदाहरण (Samaas Ke Prakaar aur Udaaharan) इस उदाहरण में ‘दया’ और ‘सागर’ इन दो शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले ‘का’ प्रत्यय का लोप होकर एक स्वतन्त्र शब्द बना ‘दयासागर’। समासों के परम्परागत छ: भेद हैं- • • • • • • Samas Vigraha Examples in Hindi 1. द्वन्द्व समास जिस समास में पूर्वपद और उत्तरपद दोनों ही प्रधान हों अर्थात् अर्थ की दृष्टि से दोनों का स्वतन्त्र अस्तित्व हो और उनके मध्य संयोजक शब्द का लोप हो तो द्वन्द्व समास कहलाता है; जैसे • माता-पिता = माता और पिता • राम-कृष्ण = राम और कृष्ण • भाई-बहन = भाई और बहन • पाप-पुण्य = पाप और पुण्य • सुख-दुःख = सुख और दुःख 2. द्विगु समास जिस समास में पूर्वपद संख्यावाचक हो, द्विगु समास कहलाता है। जैसे- • नवरत्न = नौ रत्नों का समूह • सप्तदीप = सात दीपों का समूह • त्रिभुवन = तीन भुवनों का समूह •...

समास की परिभाषा और उसके भेद उदाहरण सहित

समास की परिभाषा समास के कितने भेद हैं समास के प्रकार और उदाहरण समास किसे कहते हैं और उसके भेद समास पहचानने की ट्रिक समास का शाब्दिक अर्थ क्या होता है समास के कितने भेद होते हैं samas hindi grammar with tricks samaas ke prakaar tatpurus samas hindi tet questions samas tricks in hindi hindi vyakaran hindi samas objective question ७. नत्र समास :- इसमे नही का बोध होता है। जैसे - अनपढ़,अनजान ,अज्ञान । कर्मधारय और बहुब्रीहि समास में अंतर जब साधारण अर्थ में लिया जाता है तब कर्मधारय समास होता है . जब विशेष अर्थ में लिया जाता है तब बहुब्रीहि समास होता है . जैसे - लम्बोदर - लम्बा है उदर जिसका अर्थात गणेश - बहुब्रीहि. लम्बोदर - लम्बा उदर - कर्मधारय. नीलकंठ - नील कंठ जिसका अर्थात महादेव जी - बहुब्रीहि . नीलकंठ - नीलकंठ - कर्मधारय . द्विगु और बहुब्रीहि समास में अंतर जब संख्यावाचक पद संख्या का ज्ञान कराता है ,तब द्विगु समास होता है ,जब त्रिवेणी = तीन वेणी है जिसको अर्थात गंगा ,यमुना तथा सरस्वती का संगम = बहुब्रीहि . त्रिवेणी = तीन वेणियों का समूह = द्विगु समास आर.बाबूराज जैन "हिंदी कुंज" नामक वेब साईट का हिंदी के प्रचार - प्रसार में बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसमें और विस्तार से अन्य कई विषयों में प्रकाश डाला जा सकता है। जैसे:- संधि, पद, पदबंध, वाक्य, वाक्य-भेद आदि कई विषय हैं जिनमें विविध उदाहरणों से और अच्छा बनाया जा सकता है। फिर भी प्रयास प्रशंसनीय है। द्वारा : आर.बाबूराज जैन, पुदुच्चेरी बेनामी It would be highly beneficial for us if the administrator of this blog could enable "printing" and "Cut copy paste" options so that we can use the content offline and to make it more user friendl...

समास की परिभाषा और उसके भेद उदाहरण सहित

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समास की परिभाषा भेद, उदाहरण

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Samas in Hindi

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त्रिनेत्र में कौन सा समास है?

त्रिनेत्र शब्द में समास (Trinetra Mein Kaun sa Samas Hai) त्रिनेत्र में प्रयुक्त समास का नाम क्या है? त्रिनेत्र में द्विगु समास है। Trinetra Mein Kaun sa Samas Hai? Trinetra Shabd mein Dvigu Samas Hai. त्रिनेत्र का समास विग्रह क्या है? त्रिनेत्र का समास विग्रह तीन नेत्रों का समाहार है। Trinetra ka Samas Vigrah kya hai? Teen Netraon ka smahar तीन नेत्रों का समाहार समूह का समस्त पद है? त्रिनेत्र द्विगु समास की परिभाषा वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। जैसे- चौराहा, छमाही, त्रिवेणी,चतुर्वेद । “चौराहा का पहला वर्ण है चौ जिसका मतलब होता है चार। चार एक संख्यावाचक विशेषण है। चौराहा बने पर समस्तपद चार राहों के समूह का बोध करा रहा है।” हम देख सकते कि “तिरंगा में पहला वर्ण है ति जिसका मतलब तीन होता है। यह शब्द एक संख्यावाची विशेषण शब्द है। अतः यह उदाहरण द्विगु समास के अंतर्गत आयेंगे।” द्विगु समास की परिभाषा: वह समास जिसमें पहला पद संख्यावाचक विशेषण हो और अन्य सभी पद किसी समूह या किसी समाहार का बोध करवाते हो, उन वाक्यों को द्विगु समास कहा जाता है। द्विगु समास के उदाहरण • दशक: दससालों का समूह • शताब्दी: सौसालों का समूह • सप्ताह: सातदिनों का समूह • महीना: तीसदिनों का समूह • सप्ततंत्र: साततंत्रों का समाहार • दोपहर : दोपहरों का समाहार ऊपर जो उदाहरण दिए गए हैं इनमें पूर्व पद संख्यावाचक विशेषण है। यह स्पष्ट रुप से दिखाई दे रहा है और बाकी अन्य समस्त पद किसी ने किसी समूह या समाहार का बोध करवा रहे हैं। जिस प्रकार देख सकते हैं कि दोपहर में पहला पद जो संख्यावाचक विशेषण है और बाद में समाहार का बोध ...