टॉन्सिल का घरेलू उपचार

  1. टॉन्सिल के घरेलू उपचार और परहेज
  2. Tonsils Problem Increases In Cold Weather, Here Are 5 Home Remedies To Manage Tonsillitis
  3. Tonsils ka Ilaj Aur Lakshan
  4. Tonsil Ka Ilaj in Hindi
  5. टॉन्सिल के लिए 5 घरेलू उपचार: उपचार और राहत
  6. Tonsils in Hindi
  7. टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज
  8. टॉन्सिल का इलाज और घरेलू नुस्खे
  9. Tonsil Ka Gharelu Upchar
  10. टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज


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टॉन्सिल के घरेलू उपचार और परहेज

Aug 1, 2022 नमक से टॉन्सिल का इलाज (Salt: Home Remedy to Treat Tonsils in Hindi) नमक के पानी से गरारा करें। इससे सूजन कम होती है। यह टॉन्सिल को घर पर ही ठीक करने (tonsillitis treatment at home) का बहुत ही आसान उपाय है। नींबू से टॉन्सिल का घरेलू उपचार (Lemon: Home Remedies for Tonsil Treatment in Hindi) –एक चम्मच शहद में नींबू के रस की 2-3 बूंद मिलाकर बच्चे को दिन में तीन बार सेवन कराएं। –गरम पानी में नींबू का रस और ताजा अदरक पीस कर मिलाएं। इस पानी से हर 30 मिनट में गरारा करें। –गरम पानी में नींबू का रस, चुटकी भर नमक, तथा काली मिर्च मिला कर गरारा करें। टॉन्सिल के घरेलू इलाज के लिए अदरक का प्रयोग (Ginger help to reduce Tonsillitis Symptoms in Hindi) अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर चाटने से सूजन तथा दर्द से आराम मिलता है। दूध और हल्दी से टॉन्सिल का उपचार (Milk with Turmeric: Home Remedies for Tonsillitis Treatment in Hindi) गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी डालकर रात में सोने से पहले सेवन करें। हल्दी का सेवन टॉन्सिल के साथ-साथ कई रोगों को ठीक करने में मदद करता है। टॉन्सिल का घरेलू इलाज फिटकरी से (Alom: Home Remedy to Treat Tonsils Disease in Hindi) फिटकरी के पाउडर को पानी में उबालकर गरारा करें। यह टॉन्सिल की परेशानी को कम कर आपको आराम पहुंचाता है। टॉन्सिल का घरेलू इलाज लहसुन के सेवन से (Garlic Help to Reduce Tonsillitis Symptoms in Hindi) पानी में 4-5 लहसुन डाल कर उबाल लें। इस पानी से गरारा करें। यह घरेलू इलाज (Tonsil ka ilaj) सूजन और जलन से आराम दिलाता है। टॉन्सिल का घरेलू उपचार मेथी से (Methi: Home Remedies to Cure Tonsillitis in Hindi) 6-7 ग्राम मेथी के बीजों को एक लीटर पानी में...

Tonsils Problem Increases In Cold Weather, Here Are 5 Home Remedies To Manage Tonsillitis

Home Remedies For Tonsils: ठंड के मौसम में बढ़ जात है टॉन्सिल की समस्या, यहां हैं टॉन्सिलिटिस को मैनेज के 5 घरेलू उपचार Tonsillitis Home Remedies: कुछ मामलों में टॉन्सिल का दर्द असहनीय हो जाता है और सतह पर सफेद धब्बे दिखाई दे सकते हैं, जो संक्रमण का संकेत दे सकते हैं. यहां टॉन्सिल के इलाज के कुछ आसान घरेलू उपचार दिए गए हैं. How To Get Rid Of Tonsillitis: हालांकि टॉन्सिलिटिस एक ऐसा संक्रमण है जो साल के किसी भी समय हो सकता है. यह फ्लू और ठंड के मौसम में अधिक बार होता है. वयस्कों और बच्चों में टोनिलिटिस का नंबर एक कारण आम सर्दी है. टोंसिलिटिस या तो वायरल या जीवाणु संक्रमण के कारण होता है. टॉन्सिल क्या होते हैं और ये कैसे संक्रमित होते हैं? ये एक ऐसा सवाल है जो हर किसी के दिमाग में घूम रहा है. सूजे हुए टॉन्सिल में कुछ कोशिकाएं होती हैं जो आपके शरीर में प्रवेश करने वाले किसी भी संक्रमण को रोक लेती हैं. हालांकि, कभी-कभी, टॉन्सिल खुद ही उन्हीं कीटाणुओं से संक्रमित हो सकते हैं जिनका वे विरोध करने के लिए काम करते हैं. जब ऐसा होता है, तो टॉन्सिल सूज जाते हैं, जिससे दर्द और परेशानी होती है. कुछ मामलों में यहां टॉन्सिल के लिए कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं | Here Are Some Home Remedies For Tonsils 1. नमक का पानी टॉन्सिलिटिस के लिए सबसे अच्छा और सबसे प्रसिद्ध घरेलू उपाय गर्म नमक के पानी से गरारे करना है. गर्म पानी का सुखदायक प्रभाव होगा और नमक संक्रमण या बैक्टीरिया को मारने में मदद करेगा. साथ ही, नमक सूजन को कम करने में मदद करता है, जिससे आपको तुरंत राहत मिलती है. जानें इसे कैसे करते हैं: • एक कप गर्म पानी में एक चम्मच टेबल सॉल्ट मिलाएं. • घोल से गरारे करें. इसे निगलें नहीं. गरारे करने के ...

Tonsils ka Ilaj Aur Lakshan

Table of Contents • • • • • • टॉन्सिल क्या है – Tonsil in Hindi टॉन्सिल आपके गले के पिछले हिस्से में मौजूद टिश्यू का जोड़ा होता है। ये टिश्यू एक रक्षा तंत्र के रूप में कार्य करते हैं और आपके शरीर को संक्रमण होने से रोकने में मदद करते हैं। जब टॉन्सिल संक्रमित हो जाते हैं, तो स्थिति को टॉन्सिलिटिस कहा जाता है। टॉन्सिलिटिस किसी भी उम्र में हो सकता है और यह बचपन की एक आम बीमारी है। टॉन्सिल के लक्षण (tonsils ke lakshan) में गले में खराश, टॉन्सिल में सूजन और बुखार शामिल हैं। टॉन्सिलिटिस संक्रामक है और विभिन्न प्रकार के सामान्य वायरस और बैक्टीरिया के कारण हो सकते हैं, जैसे स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया, जो गले के संक्रमण का कारण बनता है। गले के संक्रमण के कारण होने वाले टॉन्सिलिटिस का इलाज न होने पर गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। टॉन्सिल होने के कारण – Tonsil Hone ke Karan आपके गले में मौजूद टॉन्सिल ही टॉन्सिल की बीमारी के खिलाफ आपकी रक्षा करते हैं। वे सफेद टॉन्सिल के लक्षण – Tonsils Symptoms in Hindi हर बीमारी आने से पहले अपने लक्षण दिखाना शुरू कर देती है। फिर वो छोटा सा टॉन्सिल का घरेलू उपचार – Tonsils Treatment at Home in Hindi टॉन्सिल का इलाज (tonsils ka ilaj) घर के बड़े-बुजुर्ग अपने घरेलू उपचार से कर दिया करते हैं। हालांकि अगर आपको बुखार जो 103°F (39.5°C) से अधिक हो, मांसपेशी में कमज़ोरी, गर्दन में अकड़न के अलावा 2 दिनों के बाद भी गले में खराश दूर नहीं होती है तो हम सलाह देंगे की आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। लेकिन अगर इनमें से कुछ भी नजर नहीं आता है तो आप टॉन्सिल का घरेलू उपचार (tonsils home remedies in hindi) भी कर सकते हैं। हम यहां आपको ऐसे ही कुछ घरेलू उपचार (tonsil ka gharel...

Tonsil Ka Ilaj in Hindi

आमतौर पर प्रत्येक टॉन्सिल 2.5 सेंटीमीटर लंबा, 2.0 सेमी चौड़ा और 1.2 सेमी मोटा होता है. टॉन्सिल्स एक रक्षा तंत्र के रूप में कार्य करते हैं. वे संक्रमण से आपके शरीर की रक्षा करने में मदद करते हैं. जब टॉन्सिल्स संक्रमित हो जाते हैं, तो इस स्थिति को 'टॉन्सिलाइटिस' कहा जाता है. टॉन्सिलाइटिस एक बेहद आम प्रकार का संक्रमण है जिसके होने की कोई निश्चित उम्र नहीं होती है. यदि हम टॉन्सिलाइटिस में नजर आने वाले लक्षणों की बात करें तो इसमें बुखार, टॉन्सिल्स में सूजन एवं गले में खराश इत्यादि हैं. यह स्थिति संक्रामक होती है और विभिन्न वायरस और जीवाणुओं के कारण हो सकती है. आइए टॉन्सिलाइटिस के लक्षण और उपचार के बारे में जानें. टॉन्सिल के लक्षण - Tonsil Ke Lakshan in Hindi टॉन्सिलाइटिस के संकेत और लक्षण टॉन्सिलाइटिस सबसे ज्यादा पूर्व-स्कूली आयु वाले तथा मध्य-किशोरावस्था के बच्चों को प्रभावित करता है. टॉन्सिलाइटिस के साधारण संकेतों और लक्षणों में शामिल हैं • लाल और सूजे हुए टॉन्सिल्स टॉन्सिल पर सफेद या पीले रंग का आवरण या धब्बे गले में खराश निगलने में परेशानी या दर्द बुखार गर्दन में उपस्थित मुलायम ग्रंथियों का बढ़ना खरखरी, धीमी या भारी आवाज़ सांसों की बदबू पेट में दर्द गर्दन में अकड़न सिरदर्द • बहुत छोटे बच्चों में जो अपनी बातों को कह पाने में असमर्थ होते हैं, उनमें टॉन्सिलाइटिस के ये लक्षण शामिल हो सकते हैं – निगलने में मुश्किल या दर्द होने की वजह से लार टपकाना खाने के लिए मना करना असामान्य रूप से चिड़चिड़ा होना डॉक्टर को कब दिखाएं. • यदि आपके बच्चे में ऐसे लक्षण हैं, जो टॉन्सिलाइटिस का संकेत कर सकते हैं तो इसका सटीक निदान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है. अपने डॉक्टर से बात करें अगर आपका बच्चा ये अनुभ...

टॉन्सिल के लिए 5 घरेलू उपचार: उपचार और राहत

सामग्री • • • • • • • • प्रीग्ल्ड टॉन्सिलिटिस एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब टॉन्सिल संक्रमित हो जाते हैं। यह बैक्टीरिया और वायरस दोनों के कारण हो सकता है • सूजे हुए या सूजे हुए टॉन्सिल • गला खराब होना • निगलते समय दर्द • बुखार • कर्कश आवाज • बदबूदार सांस • कान का दर्द टॉन्सिलिटिस का कारण बनने वाले वायरल संक्रमण अपने आप दूर हो जाते हैं। जीवाणु संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता हो सकती है। उपचार टॉन्सिलिटिस के लक्षणों से राहत देने पर भी ध्यान केंद्रित कर सकता है, जैसे कि सूजन और दर्द को दूर करने के लिए इबुप्रोफेन जैसे एनएसएआईडी का उपयोग करना। ऐसे कई घरेलू उपचार हैं जो टॉन्सिलिटिस के लक्षणों का प्रभावी ढंग से इलाज या कम कर सकते हैं। 1. नमक के पानी के गरारे करें गर्म नमक के पानी से गरारे और कुल्ला कर सकते हैं लगभग 4 औंस गर्म पानी में लगभग आधा चम्मच नमक मिलाएं। तब तक हिलाएं जब तक नमक घुल न जाए। कुछ सेकंड के लिए अपने मुंह से गरारे करें और घुमाएं, फिर इसे थूक दें। आप नियमित पानी से कुल्ला कर सकते हैं। 2. लीकोरिस पेस्टिल्स लोज़ेंज गले की ख़राश को शांत करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन सभी को समान नहीं बनाया जाता है। कुछ लोज़ेंज़ में प्राकृतिक विरोधी भड़काऊ गुणों वाले तत्व या ऐसे तत्व होते हैं जो दर्द को अपने आप शांत कर सकते हैं। मीठी मीठी दूध वाली सामग्री वाली मीठी मीठी गोलियां हो सकती हैं घुटन के खतरे के कारण छोटे बच्चों को लोजेंज नहीं दी जानी चाहिए। इसके बजाय, इस उम्र के बच्चों के लिए थ्रोट स्प्रे अक्सर बेहतर विकल्प होता है। यदि आप निश्चित नहीं हैं, तो उनके बाल रोग विशेषज्ञ को बुलाएँ। आप अमेज़न पर नद्यपान लॉलीपॉप खरीद सकते हैं। 3. कच्चे शहद के साथ गर्म चाय चाय जैसे ...

Tonsils in Hindi

जब भी कोई व्यक्ति टॉन्सिल (T onsils) की बीमारी से परेशान होता है तो उसका खाना-पीना बंद हो जाता है। आयुर्वेदिक के अनुसार, टॉन्सिल्स की बीमारी आयुर्वेदीय उपचार से शरीर के दोषों को ठीक कर सकते हैं, जिससे टॉन्सिल्स की सर्जरी कराने की स्थिति नहीं आती। टॉन्सिल स्टोन (T onsil stones) भी ऐसी ही एक समस्या है जिसमें टॉन्सिल में मौजूद गड्ढों में खाने के छोटे छोटे टुकड़े जमा होकर स्टोन का रूप धारण कर लेते हैं। इसे टॉन्सिलोलिथ्स (T onsilloliths) भी कहते हैं। टॉन्सिल स्टोन (T onsil stones) की समस्या बढ़ जाने पर इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। Contents • 1 टॉन्सिल क्या है? (What is Tonsillitis or Tonsils in Hindi?) • 2 टॉन्सिल होने के कारण (Tonsils Causes in Hindi) • 3 टॉन्सिल्स के लक्षण (Tonsillitis Symptoms in Hindi) • 4 टॉन्सिल का इलाज करने के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Tonsillitis Treatment in Hindi) • 4.1 नमक से टॉन्सिल का इलाज (Salt: Home Remedy to Treat Tonsils in Hindi) • 4.2 नींबू से टॉन्सिल का घरेलू उपचार (Lemon: Home Remedies for Tonsil Treatment in Hindi) • 4.3 टॉन्सिल के घरेलू इलाज के लिए अदरक का प्रयोग (Ginger help to reduce Tonsillitis Symptoms in Hindi) • 4.4 दूध और हल्दी से टॉन्सिल का उपचार (Milk with Turmeric: Home Remedies for Tonsillitis Treatment in Hindi) • 4.5 टॉन्सिल का घरेलू इलाज फिटकरी से (Alom: Home Remedy to Treat Tonsils Disease in Hindi) • 4.6 टॉन्सिल का घरेलू इलाज लहसुन के सेवन से (Garlic Help to Reduce Tonsillitis Symptoms • 4.7 in Hindi) • 4.8 टॉन्सिल का घरेलू उपचार मेथी से (Methi: Home Remedies to Cure Tonsillitis in Hindi) • 4.9 टॉन्सिल के इलाज ...

टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज

टॉन्सिलाइटिस क्या है? What is Tonsillitis? हमारे मुंह के अंदर गले के पीछे ऊतक के दो अंडाकार आकार के पैड होते हैं जिन्हें टॉन्सिल्स कहा जाता है। टॉन्सिल्स में आई सूजन को ही टॉन्सिलिटिस कहा जाता है। टॉन्सिलिटिस होने की वजह से पीड़ित को गले में खराश, निगलने में कठिनाई, गर्दन के किनारों पर कोमल लिम्फ नोड्स और काफी बार बोलने में भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। टॉन्सिलिटिस के अधिकांश मामले एक सामान्य वायरस के संक्रमण के कारण होते हैं, लेकिन बैक्टीरिया के संक्रमण से भी टॉन्सिलिटिस हो सकता है। आमतौर पर टॉन्सिलाइटिस स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया (streptococcal bacteria) के कारण होता है, जो कि स्ट्रेप थ्रोट (एक जीवाणु संक्रमण जिसके कारण गले में सूजन और दर्द होता है) का कारण बनता है। स्ट्रेप थ्रोट के कारण होने वाले टॉन्सिलाइटिस का यदि उपचार न करवाया जाये तो गंभीर जटिलतायें पैदा हो सकती हैं।चूंकि टॉन्सिलिटिस के लिए उपयुक्त उपचार कारण पर निर्भर करता है, इसलिए शीघ्र और सटीक निदान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। टॉन्सिल को हटाने के लिए सर्जरी की जा सकती है जो कि तब की जाती है जब यह समस्या बार-बार होने लग जाए और व्यक्ति को इसकी वजह से कई जटिलताओं का सामना करना पड़े। टॉन्सिल्स (टॉन्सिलिटिस) के कितने प्रकार है? How many types of tonsils are there? जो लोग टॉन्सिलाइटिस से जूझते हैं उन्हें इसकी गंभीरता के बारे में काफी अच्छे से मालूम है। बाकी आप इसकी गंभीरता के बारे में इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि इसके छः प्रकार होते हैं। टॉन्सिलाइटिस के सभी छः प्रकारों को निचे वर्णित किया गया है :- एक्यूट टॉन्सिलाइटिस Acute Tonsillitis :- टॉन्सिलाइटिस के इस पराक्र में एक जीवाणु या वायरस टॉन्सिल्स को संक्रमित क...

टॉन्सिल का इलाज और घरेलू नुस्खे

टॉन्सिल का इलाज गले के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ मांस की गांठ सी होती है जिसे हम टॉन्सिल कहते हैं। जब इनमे सूजनआ जाती है इसे हम टॉन्सिल होना कहते हैं। ये सूजन कम या ज्यादा हो सकती है। इसमें गले में बहुत दर्द होता है। इनमें पैदा होने वाली सूजन को टॉन्सिलाइटिस कहा है। इसमें गले में बहुत दर्दहोता है तथा खाने का स्वाद भी पता नहीं चलता है। टॉन्सिल का इलाज आइये जानें टॉन्सिल का इलाज आयुर्वेदिक, टॉन्सिल का इलाज घर पर कैसे करें, गरम पानी से करें टॉन्सिल का इलाज । टॉन्सिल के लक्षण – Tonsil Symptoms (Lakshan) In Hindi टॉन्सिल का कारण – Tonsil Ka Karan In Hindi टॉन्सिल के प्रकार – Tonsil Ke Prakar / Tonsil Types In Hindi टॉन्सिल का देसी इलाज – Tonsil Ka Ilaj टॉन्सिल में क्या न करे – Tonsil Mein Kya Na Kare ■ कमर दर्द दूर करने के 5 आसान घरेलू उपाय चावल या ज्यादा ठन्डे पेय पदार्थों का सेवन-मैदा तथा ज्यादा खट्टी वस्तुओं का अधिक प्रयोग करना टॉन्सिल बढ़ने का मुख्य कारण है । इन सबसे अम्ल (गैस) बढ़ जाती है जिससे टॉन्सिल के लक्षण Tonsil Symptoms (Lakshan) In Hindi • कान के निचले भाग में भी दर्द रहता है। • शरीर में कमजोरीलगने लगती है । • गले में खराश महसूस होना । • दर्द के कारण बुखा र भी रहता है । • कंठ में तेज दर्द रहना । ■ आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है मुलेठी, रोजाना करें सेवन और फिर देखें चमत्कार टॉन्सिल का कारण Tonsil Ka Karan In Hindi • सर्दी • ठण्ड मौसम के कारण । • ice cream खाने या ठंडी शीतल पेय को पीने से । • ठंडी चीज के सेवन करने से । • किसी तरह के virus या bacteria के कारण हमारे गले में संक्रमण होने से । ■ सर्दी, खांसी, जुकाम में रामबाण है ये जादुई नुस्खे, देंगे मिनटों में आराम टॉन्स...

Tonsil Ka Gharelu Upchar

व्यक्ति के मुंह में टॉन्सिल बाहरी इंफेक्शन से सुरक्षा करते हैं। ये गले के दोनों तरफ होते हैं। बता दें कि टॉन्सिल में होने वाले इंफेक्शन को टॉन्सिलाइटिस कहा जाता हैं। इसका समस्या का आमतौर पर तब पता चलता है जब टॉन्सिल में सूजन आ जाती हैं और फिर उनमें काफी दर्द होता है। वैसे तो यह बहुत सामान्य समस्या होती है लेकिन जब यह दिक्कत 1-2 महीने तक हो रही हो तो यह समस्या सामान्य नही होती। ऐसे में जल्दी से जल्दी इसका उपचार करना चाहिए। यदि यह समस्या लगातार बनी रहे तो इससे आपको तेज बुखार, थकान, कुछ भी खाने-निगलने मे दिक्कत आदि दिक्कत होती है। जानते हैं टॉन्सिल के घरेलू उपचार क्या है। नींबू - टॉन्सिलाइटिस की समस्या होने पर नींबू का उपचार बहुत ही अच्छा घरेलू नुस्खा है। इसके लिए ताजे नींबू के रस को निकारल कर गर्म पानी में डालें और उसमें शहद और नमक मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। ऐसा दिन में कम से कम तीन बार करना है। ऐसा करने से टॉन्सिलिटिस से होने वाली परेशानी से आराम मिलने लग जाएगा। दूध - टॉन्सिलिटिस की समस्या होने पर उबलते हुए दूध में एक चुटकी हल्दी और चुटकीभर कालीमिर्च का पाउडर मिलाकर सोते समय पीना चाहिए। इससे टॉन्सिलिटिस के दर्द से राहत मिलती है। साथ ही इससे टॉन्सिलिटिस से होने वाले सूजन में भी आराम मिलता है। गाजर जूस - गाजर में विटामिन ए पाया जाता है और इसके साथ ही इसमें एंटी टॉक्सिन गुण भी पाए जाते हैं जो विषैले तत्वों और टॉन्सिलिटिस को कम करने में मदद करता है। मेथी - टॉन्सिलिटिस की परेशानी होने पर मेथी का उपयोग लाभकारी होता है। इसके लिए लगभग एक लीटर पानी लेकर उसमे तीन चम्मच मेथी का दाना हल्का उबाल लें। फिर इस पानी से दिनभर गरारे करें। दो दिन तक लगातार गरारे करने से टॉन्सिलिटिस से आराम मिल जाए...

टॉन्सिल (टॉन्सिलाइटिस) के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज

टॉन्सिलाइटिस क्या है? What is Tonsillitis? हमारे मुंह के अंदर गले के पीछे ऊतक के दो अंडाकार आकार के पैड होते हैं जिन्हें टॉन्सिल्स कहा जाता है। टॉन्सिल्स में आई सूजन को ही टॉन्सिलिटिस कहा जाता है। टॉन्सिलिटिस होने की वजह से पीड़ित को गले में खराश, निगलने में कठिनाई, गर्दन के किनारों पर कोमल लिम्फ नोड्स और काफी बार बोलने में भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। टॉन्सिलिटिस के अधिकांश मामले एक सामान्य वायरस के संक्रमण के कारण होते हैं, लेकिन बैक्टीरिया के संक्रमण से भी टॉन्सिलिटिस हो सकता है। आमतौर पर टॉन्सिलाइटिस स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया (streptococcal bacteria) के कारण होता है, जो कि स्ट्रेप थ्रोट (एक जीवाणु संक्रमण जिसके कारण गले में सूजन और दर्द होता है) का कारण बनता है। स्ट्रेप थ्रोट के कारण होने वाले टॉन्सिलाइटिस का यदि उपचार न करवाया जाये तो गंभीर जटिलतायें पैदा हो सकती हैं।चूंकि टॉन्सिलिटिस के लिए उपयुक्त उपचार कारण पर निर्भर करता है, इसलिए शीघ्र और सटीक निदान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। टॉन्सिल को हटाने के लिए सर्जरी की जा सकती है जो कि तब की जाती है जब यह समस्या बार-बार होने लग जाए और व्यक्ति को इसकी वजह से कई जटिलताओं का सामना करना पड़े। टॉन्सिल्स (टॉन्सिलिटिस) के कितने प्रकार है? How many types of tonsils are there? जो लोग टॉन्सिलाइटिस से जूझते हैं उन्हें इसकी गंभीरता के बारे में काफी अच्छे से मालूम है। बाकी आप इसकी गंभीरता के बारे में इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि इसके छः प्रकार होते हैं। टॉन्सिलाइटिस के सभी छः प्रकारों को निचे वर्णित किया गया है :- एक्यूट टॉन्सिलाइटिस Acute Tonsillitis :- टॉन्सिलाइटिस के इस पराक्र में एक जीवाणु या वायरस टॉन्सिल्स को संक्रमित क...