टॉन्सिल का ऑपरेशन कब होता है

  1. बच्चेदानी या गर्भाशय निकालने का ऑपरेशन कब जरूरी : शंका समाधान – MyBapuji
  2. टॉन्सिल बढ़ने से क्या दिक्कत होती है? – ElegantAnswer.com
  3. टॉन्सिल के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज
  4. लड़कियों को हिस्टीरिया की बीमारी कैसे होती है / हिस्टीरिया रोग का आयुर्वेदिक इलाज
  5. टॉन्सिल का ऑपरेशन कब करना चाहिए? – ElegantAnswer.com
  6. अंडकोष का ऑपरेशन कैसे होता है? – ElegantAnswer.com
  7. गले के टॉन्सिल इन्फेक्शन को कहिये टाटा
  8. सेक्‍स के बाद ब्‍लीडिंग होना है इस बीमारी का संकेत, जानें कब डॉक्‍टर के पास जाएं
  9. तोंसिल्लेक्टोमी के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज
  10. गले के टॉन्सिल इन्फेक्शन को कहिये टाटा


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बच्चेदानी या गर्भाशय निकालने का ऑपरेशन कब जरूरी : शंका समाधान – MyBapuji

कब पड़ती है बच्चेदानी या गर्भाशय निकलवाने की जरूरत : प्रौढ़ावस्था तक पहुंचते-पहुंचते प्रायः महिलाएं गर्भाशय के कुछ विकारों से ग्रस्त हो जाती हैं जिनमें रक्तप्रदर, गर्भाशय शोथ, गर्भाशय वृद्धि, गर्भाशय भ्रंश, गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा पर छाले होना, गर्भाशय में गांठ (Tumour) होना या तन्तु अंकुर (Fibroid) या सौत्रमांसाबुर्द (Fibromyoma) होना आदि विकार उल्लेखनीय हैं। इन विकारों को यदि औषधि-प्रयोग से दूर कर दिया जाए तब तो ठीक अन्यथा लम्बे समय तक यदि इनमें से कोई विकार बना ही रहे, इलाज करने पर भी ठीक होता ही न हो तो प्रायः कैंसर हो जाने का खतरा रहता है। जब तक जांच में कैंसर का होना न पाया जाए तब तक दवाइयों के प्रयोग से बीमारी दूर करने की कोशिश जारी रखी जा सकती है लेकिन जांच में अगर कैंसर होना पाया जाए तो फिर तत्काल आपरेशन करके गर्भाशय निकाल देने के सिवा कोई चारा नहीं रहता। इस विषय में आम तौर पर स्त्री-पुरुषों को सही जानकारी नहीं होती कि ऐसे किसी विकार के होने पर क्या करना चाहिए। जहां तक ऑपरेशन करने न करने का प्रश्न है तो इसका निर्णय करना तो लेडी डॉक्टर का ही काम हो सकता है पर ऑपरेशन का नाम सुन कर प्रायः रुग्ण महिला के प्राण सूख जाते हैं और इसी डर से ज्यादातर महिलाएं रोग को छिपाए रखती हैं या मामले को टालती रहती हैं। इस विषय में वस्तुस्थिति और हितकारी कार्यवाही क्या हो सकती है आइये जाने सुप्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं सिद्ध हस्त लेडी सर्जन डॉ. (श्रीमती) शैला त्यागी जी से – प्रश्न – कृपया यह बताएं कि किसी महिला का गर्भाशय, ऑपरेशन करके, निकाल देना कब ज़रूरी हो जाता है ? डॉ. (श्रीमती) शैला त्यागी – आम तौर पर यह देखने में आया है कि महिलाओं के मन में इस ऑपरेशन के नाम से ही भय उत्पन्न...

टॉन्सिल बढ़ने से क्या दिक्कत होती है? – ElegantAnswer.com

टॉन्सिल बढ़ने से क्या दिक्कत होती है? इसे सुनेंरोकेंटॉन्सिल में सूजन बढ़ जाता है, जिस वजह से टॉन्सिलाइटिस की समस्या हो जाती है। कभी-कभी टॉन्सिल बढ़ने के कारण आपको असहजता होने लगती है और आपको सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगती है। टॉन्सिल होने पर बुखार, सिरदर्द, खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गले में टॉन्सिल कैसे बढ़ता है? इसे सुनेंरोकेंयह वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है, जिसकी वजह से टॉन्सिल का आकार बढ़ जाता है। टॉन्सिल ऐसी बामारी है जिसे घरेलू उपचार से भी ठीक किया जा सकता है। नई दिल्ली। Home Remedies for Tonsil: टॉन्सिल्स यानि गले के अंदर, प्रभावित भाग में बैक्टीरियल इंफेक्शन होना। गले का इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक हो जाता है? इसे सुनेंरोकेंगले के संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए आप एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर नमक की मदद ले सकते हैं. इसके लिए आप एक चौथाई छोटी चम्मच नमक एक कप गर्म पानी में डालें. अब इस पानी से दिन में दो से तीन बार गरारा करें. यह बैक्टीरिया को खत्म कर जल्द आराम पहुंचाता है. • अदरक – गर्म पानी में नींबू का रस और ताजा अदरक पीस कर मिला दें। • दूध – कच्चे पपीते को दूध में मिलाकर गरारा करने से भी टॉन्सिल्स में आराम मिलता है। • सेंधा नमक – गले की परेशानी में नमक बेहद फायदेमंद साबित होता है। गले में इन्फेक्शन के लक्षण क्या है? गले में दर्द के लक्षण (Throat Pain Symptoms) • गले में खुजली व खराश जैसी सनसनी. • निगलने व बोलते समय दर्द का बढ़ना. • खाद्य पदार्थों को निगलने में कठिनाई होना. • गले का सूखना. • गर्दन की ग्रन्थियों में सूजन व दर्द होना. • टॉन्सिल में सूजन होना. • आवाज में कर्कशता. • आवाज धीमी होना. गले की एलर्जी को कैसे ठीक करें? इस...

टॉन्सिल के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

अगर कभी किसी को गले में खराश या जलन महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हो सकता है कि यह टॉन्सिल के लक्षण हों। यह समस्या खान-पान के कारण हो सकती है। दरअसल, कई खाद्य व पेय पदार्थों में बैक्टीरिया होते हैं, जो हमें दिखाई नहीं देते, लेकिन ये गले में मौजूद टॉन्सिल को संक्रमित कर सकते हैं। टॉन्सिल में संक्रमण के कारण गले में सूजन, दर्द, खराश और जलन हो सकती हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम बताएंगे कि टॉन्सिल क्या है। साथ ही टॉन्सिल्स के घरेलू नुस्खे से जुड़ी कई रोचक जानकारियां आपको देंगे। यहां जो घरेलू उपचार बताए गए हैं, वो टॉन्सिल की समस्या से राहत दिला सकते हैं। वहीं, अगर किसी में टॉन्सिल की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से इलाज करवाना ही बेहतर होगा। पढ़ना जारी रखें चलिए, एक नजर टॉन्सिल के प्रकार पर डालते हैं। टॉन्सिल्स के प्रकार – Types of Tonsillitis Hindi टॉन्सिल के प्रकार को उसके लक्षण के अनुसार वर्गीकृत किया जा सकता है। • एक्यूट टॉन्सिल- इसे टॉन्सिल में आई सूजन के रूप में भी जाना जाता है। यह मुख्य रूप से संक्रमण के कारण होता है। टॉन्सिल का यह प्रकार फैरिंक्स यानी जीभ के पीछे के भाग (गले का एक हिस्सा) को प्रभावित करता है। टॉन्सिल का यह प्रकार ज्यादातर युवाओं को प्रभावित करता है ( • रिकरेंट टॉन्सिल- टॉन्सिल की समस्या को एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से ठीक किया जा सकता है, लेकिन कुछ बच्चों में यह समस्या बार-बार उत्पन्न हो जाती है, जिसे रिकरेंट टॉन्सिल कहा जाता है। फिलहाल, यह बताना मुश्किल है कि कुछ बच्चों को यह समस्या क्यों होती है ( • क्रोनिक टॉन्सिल- यह टॉन्सिल का कठिन संक्रमण हो सकता है। इस कारण गले में टॉन्सिल स्टोन (एक प्रकार का चिकना पदार्थ ...

लड़कियों को हिस्टीरिया की बीमारी कैसे होती है / हिस्टीरिया रोग का आयुर्वेदिक इलाज

लड़कियों को हिस्टीरिया की बीमारी कैसे होती है / हिस्टीरिया रोग का आयुर्वेदिक इलाज –आज के समय में लोगो का जीवन काफी भागदौड़ वाला हो गया हैं. इस वजह से लोग अपनी दिनचर्या पर ध्यान नही दे पाते हैं. और गलत दिनचर्या के आदि बन जाते हैं. इस वजह से कई बार लोग मानसिक तनाव में भी रहते हैं. मानसिक तनाव से होने वाले रोग भी काफी हैं. जैसे की हिस्टीरिया की बीमारी अधिक मानसिक तनाव लेने से होती हैं. यह बीमारी आज के समय में अधिक देखी जाती हैं. लेकिन लडकियों में यह बीमारी पुरुष के तुलना मे अधिक पाई जाती हैं. क्योंकि लडकियों का स्वभाव अधिक संवेदनशील होता हैं. इसलिए वह हिस्टीरिया की बीमारी की शिकार बन जाती हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की लड़कियों में हिस्टीरिया की बीमारी कैसे होती है . इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. • अगर लड़की में अधिक आलस भरा पड़ा हैं. और वह काम से दूर भाग रही हैं. हमेशा आराम करना और सोना पसंद करती हैं. तो लगातार दिनों तक ऐसी आदत लडकियों को हिस्टीरिया की बीमारी दे सकती हैं. इस वजह से लडकियों को हिस्टीरिया की बीमारी होती हैं. और यह प्रमुख कारण भी माना जाता हैं. • लडकियों में घबराहट काफी अधिक होता हैं. लड़कियां अगर कुछ भी गलत देख लेती हैं. या सुन लेती हैं. तो अचानक से लडकियों के शरीर में घबराहट शुरू हो जाती हैं. और इसका सीधा असर उनके दिमाग पर पड़ता हैं. ऐसी घबराहट के कारण भी लडकियों को हिस्टीरिया की बीमारी हो जाती हैं. • अगर कोई लड़की डिप्रेशन का शिकार हुई हैं. हमेशा लड़की डिप्रेशन में रहती हैं. तो इस कारण भी लडकियों में हिस्टीरिया की ...

टॉन्सिल का ऑपरेशन कब करना चाहिए? – ElegantAnswer.com

टॉन्सिल का ऑपरेशन कब करना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंलंदन: वयस्कों के गले में लगातार रहने वाला दर्द, खुजली, और जकड़न जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए टॉन्सिल का ऑपरेशन एक कारगर उपाय है। टॉन्सिल कितने दिन में ठीक हो जाता है? इसे सुनेंरोकेंकैसे होता है टॉन्सिल्स आम तौर पर ये एक हफ्ते में ठीक हो जाता है। लेकिन इंफेक्शन ज्यादा हो तो इसे ठीक होने में अधिक समय लगता है। टॉन्सिल को कैसे ठीक किया जाये? • टॉन्सिलाइटिस के उपचार के लिए नींबू बहुत ही अच्छा घरेलू उपचार है। • नमक के पानी से गरारा करें। • मुंह की तकलीफ में सिरका बेहद लाभप्रद होता है। • एक चुटकी हल्दी पाउडर में उबला हुआ गर्म दूध मिला कर रात में सोने से पहले इसका सेवन करें। • तुलसी एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर होता है। टॉन्सिल के ऑपरेशन में कितना खर्चा आता है? इसे सुनेंरोकेंनिजी में 20 से 40 हजार खर्चा, जिला अस्पताल में लेप्रोस्कोपी सर्जरी मुफ्त टॉन्सिल की जांच कैसे होती है? इसे सुनेंरोकेंटॉन्सिल की पहचान के लिए उपकरण का उपयोग कर गले और कान को देखते हैं। साथ ही सूजन ग्रंथियों (लिम्फ नोड्स) की जांच के लिए गर्दन को छूकर महसूस करता है। सांस की जांच स्टेथोस्कोप से करता हैं। यदि बच्चे को संक्रमण साल भर में ५-७ बार से ज्यादा हो तो टॉन्सिल की सर्जरी करते हैं। गले में टॉन्सिल बढ़ने से क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंटॉन्सिल क्या है आसान शब्दों में कहें तो टॉन्सिल जीवाणुओं को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है। इसमें किसी भी प्रकार के इंफेक्शन होने से टॉन्सिल बढ़ने लगता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को बातचीत करने में दिक्कत होती है। बच्चे टॉन्सिल संक्रमण के अधिक शिकार होते हैं। गले में टॉन्सिल क्यों बढ़ता है? इसे सुनेंरोकेंटॉन्सिल क...

अंडकोष का ऑपरेशन कैसे होता है? – ElegantAnswer.com

हर्निया के ऑपरेशन में कितना खर्चा आता है? इसे सुनेंरोकेंहर्निया का दर्द झेल रहे मरीज अब बेहद कम खर्च में इसकी सर्जरी करवा सकेंगे। केजीएमयू के सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने नई विधि से इसकी सर्जरी शुरू की है। इसका इस्तेमाल कर मरीज के पेट में 40 हजार रुपये के बजाय 1200 रुपये कीमत वाली जाली लगाई जा सकती है। इससे ऑपरेशन का खर्च 50 हजार रुपये के बजाए महज पांच हजार रुपये आया। अंडकोष का पानी कैसे निकाले? इसे सुनेंरोकेंकाटेरी की जड़ को सुखाकर उसे बारीक़ करके पीस लें| इस बारीक़ मिश्रण की 10 ग्राम की मात्रा में लगभग 7 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण भी मिला दें| अब इन दोनों के मिश्रण को हल्के गर्म पानी के साथ खाएं| इस तरह के उपचार को नियमित रूप से कम से कम 6 से 7 दिनों तक करें. काली मिर्च और लगभग उससे दुगनी मात्रा में जीरा लें. अंडकोष के डॉक्टर को क्या कहते हैं? वृषण के नीचे एक थैली होती है जिसे अंडकोष कहा जाता है।…वृषण वृषण टेस्टिस, टेस्टिकल पुरुष (मानव) वृषण लैटिन टेस्टिस ग्रे की शरी‍रिकी subject #258 1236 धमनी टेस्टिकुलर शिरा क्या हर्निया बिना ऑपरेशन के ठीक हो सकता है? इसे सुनेंरोकेंभारत में नाभि का हर्निया, कमर और जांघों के ज्वॉइंट्स में हर्निया, पेट के निचले हिस्से में स्पोर्टल हर्निया, सर्जरी वाली जगह पर इनसिजनल हर्निया बहुत कॉमन है। योग के जरिए बिना सर्जरी के हर्निया को क्योर किया जा सकता है। स्वामी रामदेव ने आज योग के जरिए हर्निया को ठीक करने का सटीक उपाय बताया है। हर्निया का ऑपरेशन कब करना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंमहिलाओं और पुरूषों दोनों को यह समस्या हो सकती है। आमतौर पर हर्निया का कोई खास लक्षण नहीं होता है लेकिन जब पेट में तेज दर्द होने लगे तो आपको डॉक्टर से संपर्क कर लेनी चाहिए। ज्य...

गले के टॉन्सिल इन्फेक्शन को कहिये टाटा

गले के टॉन्सिल इन्फेक्शन को कहिये टाटा | Gale ke tonsils infection ko kahiye tata ● अक्सर बड़ी बीमारियों के डर से हम छोटी बीमारियों को नजरअंदाज कर देते हैं। बड़ी बीमारियां न हों, इसके लिए तो हम अपने खानपान का पूरा ध्यान रखते हैं, लेकिन छोटी-सी दिखने वाली बीमारी को बढ़ा लेते हैं। ऐसी ही एक आम-सी लगने वाली बीमारी है टॉन्सिलाइटस। इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। टॉन्सिलाइटिस के बारे में पूरी जानकारी| 》क्या है टॉन्सिल्स यह बादाम के आकार के ऐसे अंग हैं, जो हमारे मुंह के अंदर गले के दोनों तरफ होते हैं। टॉन्सिल्स हमारे शरीर के सिक्युरिटी गार्ड के रूप में काम करते हैं और बाहरी इन्फेक्शन से हमारी हिफाजत करते हैं। ये बाहर से आने वाली किसी भी बीमारी को हमारे शरीर में दाखिल होने से रोकते हैं। अगर हमारे टॉन्सिल मजबूत होंगे तो वे बीमारी को शरीर में जाने से तो रोकेंगे ही, साथ ही खुद भी उस बीमारी या इन्फेक्शन से बच जाएंगे। अगर टॉन्सिल्स कमजोर होंगे तो वे बीमारी को शरीर में जाने से तो रोक लेंगे लेकिन खुद बीमार हो जाएंगे यानी उनमें सूजन आ जाएंगी, वे लाल हो जाएंगे, उनमें दर्द होगा जिससे बुखार हो जाएगा। इसके अलावा कुछ भी खाने-पीने या निगलने में दिक्कत होगी। 》क्या है टॉन्सिलाइटस टॉन्सिल में होने वाले इन्फेक्शन को टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। टॉन्सिलाइटिस की समस्या क्रॉनिक (लगातार बनी रहे) हो जाए तो ठीक नहीं है। टॉन्सिलाइटस को क्रॉनिक तब कहेंगे, जब यह समस्या हर एक-दो महीने में बार-बार हो रही हो। एक बार टॉन्सिलाइटिस होने पर अगर यह प्रॉब्लम दोबारा छह महीने बाद हो तो वह नॉर्मल है। CLICK HERE TO READ: आइए आज बनाये एक ऐसा चमत्‍कारी काढ़ा, जो 2 दिनों में ही सर्दी और जुकाम को कर दे गायब कितनी तरह का होता है ट...

सेक्‍स के बाद ब्‍लीडिंग होना है इस बीमारी का संकेत, जानें कब डॉक्‍टर के पास जाएं

Bleeding After Intercourse Might Be Sign of Cervical Cancer : कुछ महिलाओं को सेक्‍स के बाद योन‍ि में ब्‍लीडिंग की शिकायत होती है। आमतौर पर पीरियड्स के दौरान सेक्‍स करने पर योन‍ि से ब्‍लीडिंग होती है। लेक‍िन कई बार यौन संबंध बनाने के बाद भी ब्‍लीडिंग होती है उसके पीछे बहुत सारे कारण होते हैं? जैसे इंफेक्‍शन या सर्विकल कैंसर भी एक बड़ी वजह हो सकती है। सेक्‍स के बाद क्‍यों होती है ब्‍लीडिंग? सेक्स के बाद ब्लीडिंग को पोस्ट कोइटल ब्लीडिंग भी कहा जाता है। ये समस्‍या क‍िसी भी उम्र की महिलाओं को हो सकती है, लेक‍िन जो महिलाएं मेनोपॉज से ग्रसित नहीं होती हैं। उनमें ये समस्‍या सर्विक्‍स के कारण होती है और दूसरे कारण भी हो सकते है। सवाईकल और वजाइना कैंसर के वजह से सेक्‍स के बाद योनी में खून आता है। - मल्‍टीपल सेक्‍स पार्टनर बनाने से बचें। -हर तीन वर्ष में एक पेप टेस्ट करवाएं, क्योंकि समय पर पता लगने से इलाज में आसानी होती है। -धूम्रपान छोड़ दें, क्योंकि सिगरेट में निकोटीन और अन्य घटकों को रक्त की धारा से गुजरना पड़ता है और यह सब गर्भाशय-ग्रीवा में जमा होता है, जहां वे ग्रीवा कोशिकाओं के विकास में बाधक बनते हैं। स्मोकिंग इम्यूनिटी को भी कमजोर करता है। -फल, सब्जियों और पूर्ण अनाज से समृद्ध हेल्दी डाइट का सेवन करें लेकिन मोटापे से दूर रहें। डॉक्‍टर से कब मिलें अगर सेक्‍स के बाद आपको ब्‍लीडिंग की समस्‍या होती है तो तुरंत गायनाकोलॉजिस्‍ट से मिलकर अपनी समस्‍याओं के बारे में बताएं। - उल्‍टी होना -सिर में दर्द - कमर में दर्द - योनि में जलन और सफेद पानी आना - पेशाब के दौरान जलन - ब्‍लीडिंग होना - योनि में खुजली और जलन - सेक्‍स के दौरान तेज दर्द और जलन - पीठ के नीचे दर्द होना। क्‍या करें? अगर य...

तोंसिल्लेक्टोमी के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज

टॉन्सिल्लेक्टोमी एक ऐसी सर्जरी है जिसमें गले से टॉन्सिल निकाले जाते हैं। इस ऑपरेशन से बार-बार हो रहे यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें टॉन्सिल सूज जाते हैं या संक्रमित हो जाते हैं और खाने या पीने में कठिनाई होती है। टॉन्सिल में संक्रमण के कारण होने वाला टॉन्सिल को सर्जरी के माध्यम से हटाना दर्द और असुविधा से बचने का सबसे अच्छा विकल्प होता है। जब टॉन्सिल संक्रमित हो जाते हैं या सूजन हो जाती है, तो टॉन्सिल्लेक्टोमी एक मानक उपचार (टॉन्सिलाइटिस) होता है। टॉन्सिल्लेक्टोमी अब आमतौर पर स्लीप एपनिया के लिए किया जाता है। टॉन्सिल्लेक्टोमी एक चिकित्सा उपचार है जिसमें टॉन्सिल को हटा दिया जाता है। टॉन्सिल्स तीन प्रकार के होते हैं। • गले में टॉन्सिल। • ग्रसनी में एडेनोइड और टॉन्सिल: नाक में ये होते हैं। • जीभ के टॉन्सिल। सर्जरी करते समय टॉन्सिल को नियमित रूप से हटा दिया जाता है। इंट्राकैप्सुलर टॉन्सिल्लेक्टोमी सर्जरी में, क्षतिग्रस्त टॉन्सिल के टिश्यू को हटा दिया जाता है, और गर्दन की मांसपेशियों की सुरक्षा के लिए एक पतली परत को छोड़ दिया जाता है। हालांकि, इस प्रकार के टॉन्सिल्लेक्टोमी में कम दर्द होता है। सर्जरी के की मदद से टॉन्सिल्स जल्द ही ठीक हो जाते हैं और साथ ही मरीज़ आसानी से खाने-पीने लगता है। टॉन्सिल्लेक्टोमी की पूरी प्रक्रिया में दोनों टॉन्सिल को हटाना शामिल है। इस प्रकार का टॉन्सिल्लेक्टोमी सर्जन द्वारा किया जाता है जहां, अन्य धातु उपकरणों के साथ, टॉन्सिल को हटा दिया जाता है। उसके बाद, वे रक्तस्राव को रोकने के लिए टांके का उपयोग करते हैं। कुछ अलग तकनीकों का उपयोग करके भी टॉन्सिल को हटाया जा सकता है, जैसे टॉन्सिल को अल्ट्रासोनिक स्केलपेल का उपयोग करके निकाला जाता है, जो टॉन्सिल को निक...

गले के टॉन्सिल इन्फेक्शन को कहिये टाटा

गले के टॉन्सिल इन्फेक्शन को कहिये टाटा | Gale ke tonsils infection ko kahiye tata ● अक्सर बड़ी बीमारियों के डर से हम छोटी बीमारियों को नजरअंदाज कर देते हैं। बड़ी बीमारियां न हों, इसके लिए तो हम अपने खानपान का पूरा ध्यान रखते हैं, लेकिन छोटी-सी दिखने वाली बीमारी को बढ़ा लेते हैं। ऐसी ही एक आम-सी लगने वाली बीमारी है टॉन्सिलाइटस। इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। टॉन्सिलाइटिस के बारे में पूरी जानकारी| 》क्या है टॉन्सिल्स यह बादाम के आकार के ऐसे अंग हैं, जो हमारे मुंह के अंदर गले के दोनों तरफ होते हैं। टॉन्सिल्स हमारे शरीर के सिक्युरिटी गार्ड के रूप में काम करते हैं और बाहरी इन्फेक्शन से हमारी हिफाजत करते हैं। ये बाहर से आने वाली किसी भी बीमारी को हमारे शरीर में दाखिल होने से रोकते हैं। अगर हमारे टॉन्सिल मजबूत होंगे तो वे बीमारी को शरीर में जाने से तो रोकेंगे ही, साथ ही खुद भी उस बीमारी या इन्फेक्शन से बच जाएंगे। अगर टॉन्सिल्स कमजोर होंगे तो वे बीमारी को शरीर में जाने से तो रोक लेंगे लेकिन खुद बीमार हो जाएंगे यानी उनमें सूजन आ जाएंगी, वे लाल हो जाएंगे, उनमें दर्द होगा जिससे बुखार हो जाएगा। इसके अलावा कुछ भी खाने-पीने या निगलने में दिक्कत होगी। 》क्या है टॉन्सिलाइटस टॉन्सिल में होने वाले इन्फेक्शन को टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। टॉन्सिलाइटिस की समस्या क्रॉनिक (लगातार बनी रहे) हो जाए तो ठीक नहीं है। टॉन्सिलाइटस को क्रॉनिक तब कहेंगे, जब यह समस्या हर एक-दो महीने में बार-बार हो रही हो। एक बार टॉन्सिलाइटिस होने पर अगर यह प्रॉब्लम दोबारा छह महीने बाद हो तो वह नॉर्मल है। CLICK HERE TO READ: आइए आज बनाये एक ऐसा चमत्‍कारी काढ़ा, जो 2 दिनों में ही सर्दी और जुकाम को कर दे गायब कितनी तरह का होता है ट...