टॉन्सिल क्यों होता है

  1. What Causes Tonsil Cancer Know Symptoms in Hindi
  2. टॉन्सिल कितने प्रकार के होते हैं? – ElegantAnswer.com
  3. टॉन्सिल कैंसर क्या होता है? इसके कारण, लक्षण और ट्रीटमेंट के बारें में जानें
  4. टॉन्सिल का ऑपरेशन कब होता है / टॉन्सिल बढ़ने से क्या होता है
  5. टॉन्सिल क्या होता है, कारण, लक्षण व इलाज़ ?
  6. टॉन्सिल ग्रेडिंग
  7. टॉन्सिल या ग्रंथि में एक तरफ दर्द होता है (दाएं या बाएं) 2021
  8. टॉन्सिल कौन सी बीमारी है? – Expert
  9. टॉन्सिल ग्रेडिंग
  10. What Causes Tonsil Cancer Know Symptoms in Hindi


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What Causes Tonsil Cancer Know Symptoms in Hindi

Tonsil Cancer in Hindi: टॉन्सिल्स मुंह के भीतर मौजूद दो पैड्स होते हैं, जिन्हें शरीर के इम्यून सिस्टम का हिस्सा माना जाता है। टॉन्सिल्स से जुड़ी समस्याओं को कई बार लोग नजरअंदाज कर देते हैं। टॉन्सिल्स में परेशानी होने पर आपको खाने में या भोजन निगलने में दिक्कत होती है। इसकी वजह से आपको गले में दर्द, सूजन और खराश या खांसी की समस्या भी हो सकती है। टॉन्सिल्स में इन्फेक्शन होने पर आपको इन परेशानियों का खतरा रहता है। लेकिन जरूरी नहीं कि ये लक्षण सिर्फ टॉन्सिल्स में इन्फेक्शन की वजह से हों, कई बार ये लक्षण टॉन्सिल्स कैंसर के शुरूआती संकेत होते हैं। टॉन्सिल्स कैंसर की समस्या शुरुआत में दिखने वाले लक्षणों को पहचानकर इलाज लेने से आप जल्दी ठीक हो सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं टॉन्सिल्स कैंसर के कारण, लक्षण और इलाज। टॉन्सिल्स कैंसर कैसे होता है?- What Causes Tonsils Cancer in Hindi तंबाकू और पान मसाला आदि का सेवन करने वाले लोगों में टॉन्सिल्स कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। टॉन्सिल्स कैंसर की समस्या आपको किसी भी उम्र में हो सकती है। शुरुआत मं कैंसर कोशिकाएं टॉन्सिल्स को शिकार बनाती हैं, फिर धीरे-धीरे यह आसपास के अंगों में विकसित होने लगती हैं। टॉन्सिल्स की हेल्दी सेल्स के डीएनए में बदलाव के बाद कैंसर कोशिकाओं का विकास शुरू होता है। टॉन्सिल्स कैंसर का कोई सटीक कारण अभी तक पता नहीं चला है लेकिन कई शोध और अध्ययनों में यह कहा गया है कि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) की वजह से यह समस्या ज्यादातर लोगों में फैलती है। इसे भी पढ़ें: कैंसर में होने वाली भारी थकान से कैसे बचें? एक्सपर्ट से जानें सही उपाय टॉन्सिल्स कैंसर के प्रमुख रिस्क फैक्टर्स मेयो क्लिनिक पर मौजूद जानकारी के मुताबिक टॉन्...

टॉन्सिल कितने प्रकार के होते हैं? – ElegantAnswer.com

टॉन्सिल कितने प्रकार के होते हैं? दो प्रकार के टॉंसिलिटिस होते हैं उनके कुछ लक्षण (Symptoms of Tonsils in Hindi) इस प्रकार हैं: • आवर्ती टॉंसिलिटिस: इसमें एक वर्ष में कई बार टॉन्सिल्स होते हैं जो बहुत ही तीव्र होते हैं • क्रोनिक टॉंसिलिटिस: इसमें टॉन्सिल्स लम्बे समय के लिए होते हैं। इसके कुछ अन्य लक्षण भी होते है जिसमें निम्न शामिल हैं: गले में दर्द का क्या कारण है? इसे सुनेंरोकेंगले में दर्द होने के कारण (Throat Pain Causes) गले में दर्द होने का सबसे आम कारण वायरल संक्रमण है. सर्दी-जुकाम के कारण गले में दर्द हो सकता है. इसके अलावा गले में दर्द की वजह सोर थ्रोट या स्ट्रेप थ्रोट दोनों हो सकते हैं. गले में सूजन का कारण क्या है? इसे सुनेंरोकेंठंड में सर्दी-खांसी के कारण गले में दर्द, खराश या सूजन की समस्या होना आम बात है। इसके अलावा प्रदूषण की वजह से भी कुछ लोगों को ऐसी दिक्कतें हो जाती हैं। गले में एलर्जी होने पर खाने-पीने में दिक्कत होती है। अगर खांसी लंबे समय तक बनी रहे तो टॉन्सिल होने का भी खतरा बढ़ जाता है। गले में दर्द हो रहा है क्या करना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंयदि आपके गले में दर्द या सूजन जैसी प्रॉब्लम बनी रहती है तो गर्म पानी का सेवन जरूर करते रहना चाहिए। आप इसमें आधा चम्मच हल्दी और काला नमक भी मिला सकते हैं। इस पानी को तो पिएं ही साथ ही साथ गरारे भी करते हैं। ये जल्द ही गले में होने वाले दर्द से आराम दिलाने में काफी हद तक आपकी मदद करेगा। टॉन्सिल क्यों बढ़ते हैं? इसे सुनेंरोकेंटॉन्सिल का प्रमुख कार्य बाह्य संक्रमण से शरीर की रक्षा करना है। आसान शब्दों में कहें तो टॉन्सिल जीवाणुओं को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है। इसमें किसी भी प्रकार के इंफेक्शन होने से टॉन्सिल बढ़न...

टॉन्सिल कैंसर क्या होता है? इसके कारण, लक्षण और ट्रीटमेंट के बारें में जानें

To Start receiving timely alerts please follow the below steps: • Click on the Menu icon of the browser, it opens up a list of options. • Click on the “Options ”, it opens up the settings page, • Here click on the “Privacy & Security” options listed on the left hand side of the page. • Scroll down the page to the “Permission” section . • Here click on the “Settings” tab of the Notification option. • A pop up will open with all listed sites, select the option “ALLOW“, for the respective site under the status head to allow the notification. • Once the changes is done, click on the “Save Changes” option to save the changes. टॉन्सिल कैंसर, पीड़ित व्यक्ति में तब होता है जब टॉन्सिल बनाने वाली सेल्स में असामान्य तरीके से वृद्धि होने लगती है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, 60 में से 1 महिला और 40 में से 1 महिला को टॉन्सिल कैंसर का खतरा होता है। सिर और गर्दन के कैंसर उन सेल्स में शुरू होते हैं जो सिर और गर्दन की म्यूकोसल सरफेज़ की लाइन बनाते हैं। मुंह, गले, नेसल कैविटी, टॉन्सिल, जबान, वॉइस बॉक्स, सालवरी ग्लैंड्स, पैरा नेजल साइनस, मसल्स और सिर में नसों के अंदर और गर्दन। टॉन्सिल कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को निगलने में कठिनाई, सूजन और गर्दन में दर्द, जबड़े में अकड़न, कान में दर्द की शिकायत होती है। टॉन्सिल कैंसर के खतरे को कैसे कम किया जा सकता है ? टॉन्सिल कैंसर के खतरे को कम करने के लिए आप ये काम कर सकते हैं- तंबाकू का इस्तेमाल ना करें- अगर आप तम्बाकू या स्मोंकिग का सेवन करते हैं तो रोक दें। अगर आप वर्तमान में किसी भी तरह के टोबैको का यूज करते हैं तो अपने डॉक्टर से इसको किस तरह से छो...

टॉन्सिल का ऑपरेशन कब होता है / टॉन्सिल बढ़ने से क्या होता है

टॉन्सिल का ऑपरेशन कब होता है / टॉन्सिल बढ़ने से क्या होता है –जब गले में टॉन्सिल की समस्या उत्पन्न होती हैं. तो काफी पीड़ादायक हो जाता हैं. गले में टॉन्सिल की समस्या उत्पन्न होने पर गले में खराश, खाना निगलने में परेशानी, बार-बार बुखार आना, गले में सुजन आदि समस्या उत्पन्न होती हैं. ऐसे में कई बार टॉन्सिल का ऑपरेशन करवाना पड़ता हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की टॉन्सिल का ऑपरेशन कब होता हैं . इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. Table of Contents • • • • टॉन्सिल का ऑपरेशन कब होता है गले में से टॉन्सिल निकालने के लिए जो सर्जरी की जाती हैं. इस सर्जरी को टॉन्सिलेक्टोमी के नाम से जाना जाता हैं. जब गले में टॉन्सिल की समस्या उत्पन्न होती हैं. तो सबसे पहले डॉक्टर के द्वारा दवाइयां देकर उपचार किया जाता हैं. अगर दवाई देकर उपचार नही होता हैं. तो इसके बाद टॉन्सिलेक्टोमी की सर्जरी की जाती हैं. अगर आपको नीचे दी गई बीमारी हैं. तो टॉन्सिलेक्टोमी यानी की टॉन्सिल का ऑपरेशन किया जाता हैं. • अगर टॉन्सिल बढ़ने से अधिक समस्या हो रही हैं. तो टॉन्सिल का ऑपरेशन करवाना पड़ता हैं. • अगर टॉन्सिल से जुड़े अन्य दुर्लभ रोग उत्पन्न होते हैं. तो ऐसी स्थिति में भी टॉन्सिल का ऑपरेशन करवाना पड़ता हैं. • अगर टॉन्सिल होने के बाद टॉन्सिल में ब्लीडिंग हो रहा हैं. तो यह बड़ा ही गंभीर माना जाता हैं. ऐसे में दवाइयों के भरोसे नही रहकर टॉन्सिल का ऑपरेशन जल्दी ही करवाना पड़ता हैं. • अगर गले में लंबे समय से टॉन्सिल हैं. और टॉन...

टॉन्सिल क्या होता है, कारण, लक्षण व इलाज़ ?

टॉन्सिल (Tonsil) हमारे गले के अन्दर दो छोटे-छोटे अंग होते हैं, अंग्रेजी में इसे लिम्फ नोड्स कहते हैं।जब हम पूरा मुह खोलकर शीशे में देखते हैं, तो गले में दोनों तरफ जो अंग दिखायी देता है, वही टॉन्सिल होता है, यह सामान्य रूप से हल्का गुलाबी होता है। आम बोलचाल की भाषा में हम बोलते हैं कि टॉन्सिल हो गया है, जोकि वास्तव में टॉन्सिल में होने वाला इंफेक्शन (Tonsil Infection) होता है, जिसे टॉन्सिलाइटिस कहा जाता है।वायरस या बैक्टीरिया से संक्रमित होने के कारण टॉन्सिलाइटिस होता है। संक्रमण की अवस्था में टॉन्सिल लाल रंग के हो जाते हैं और इनमें सूजन भी हो जाती है। टॉन्सिल होने के कारण – • बारिस में भीग जाने से • मौसम बदलते समय • ज्यादातर बाहर के खाने, खट्टी चीज या चटपटी चीज खाने से • आइस क्रीम खाने से या फ्रिज से तुरंत निकालकर कोई ठंडी चीज खाने – पीने से टॉन्सिल के लक्षण – इन स्थितियों में गले में खरांस या गले मे दर्द (Tonsil Pain),दिनभर कमजोरी लग्न, सिर दर्द होने लगता है और कुछ भी खाने-पीने, यहाँ तक कि थूक निगलने में भी समस्या होती है। कभी-कभी यह इंफेक्शन गले से कानों तक फैल जाता है, तो कान में भी दर्द होता है और बुखार भी आ जाता है। • टॉन्सिलाइटिस वायरल भी हो सकता है। जो आमतौर पर • वायरल टॉन्सिलाइटिस आमतौर पर माइल्ड(Mild Tonsillitis) होता है। • बैक्टीरियल टॉन्सिलाइटिस (Bacterial Tonsillitis) ज्यादातर सीवियर होता है। टॉन्सिलाइटिस की समस्या ज्यादातर स्कूल जाने वाले बच्चों या 30 साल से कम उम्र के लोगों को होती है। क्या काम करता है टॉन्सिल – • टॉन्सिल लोकल इम्युनिटी को बनाये रखता है। • बॉडी के डिफेंस सिस्टम का चेकअप करते रहना इसके मुख्य कार्य हैं। टॉन्सिलाइटिस दो प्रकार के होते हैं – • एक...

टॉन्सिल ग्रेडिंग

टॉन्सिल की सूजन से मरीज के स्वास्थ्य पर बड़ा असर पड़ सकता है। टॉन्सिलाइटिस बच्चों के स्वास्थ्य को काफी प्रभावित करता है। यह या तो बच्चे के विकास में देरी कर सकता है या व्यवहार संबंधी समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इसलिए, डॉक्टर लगातार बच्चों के टॉन्सिल की निगरानी करते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि किसी कारण से उनके आकार में बदलाव आया है या नहीं। इसके अलावा, वे एक ग्रेडिंग प्रणाली का उपयोग गले में किसी अन्य समस्या की संभावना को खारिज करने के लिए करते हैं जो उनके विकास को स्थिर कर रहा है। टॉन्सिल ग्रेडिंग क्या है? What is Tonsil Grading? टॉन्सिल ग्रेडिंग एक ऐसा पैमाना है जो ईएनटी डॉक्टर टॉन्सिल के आकार में होने वाले बदलाव की जांच के लिए भरोसा करते हैं। इसका उपयोग टॉन्सिल के आकार को निर्धारित करने के साथ-साथ टॉन्सिल को ग्रेड करने और किसी भी परिवर्तन को दस्तावेज करने के लिए नियमित रूप से आकार की निगरानी करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, आकार की निरंतर निगरानी से डॉक्टरों को यह निर्धारित करने में मदद मिल सकती है कि उपचार में देरी से खर्राटों और अंततः अवरोधक स्लीप एपनिया (ओएसए) हो सकता है। विभिन्न प्रकार के ग्रेडिंग सिस्टम हैं जिनका उपयोग डॉक्टर वैश्विक स्तर पर करते हैं। हालांकि, ये सभी ब्रोडस्की ग्रेडिंग सिस्टम और फ्रीडमैन ग्रेडिंग सिस्टम की तरह विश्वसनीय नहीं हैं। टॉन्सिल आकार का मानकीकृत ग्रेडिंग – Standardized Grading of Tonsil Size ब्रोडस्की टॉन्सिल आकार के लिए ग्रेडिंग प्रणाली शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे। इस ग्रेडिंग सिस्टम को विकसित करने के पीछे उनका मुख्य विचार यह था कि डॉक्टर टॉन्सिल इज़ाफ़ा की सीमा की जांच करने में सक्षम होंगे। उनके द्वारा विकसित पैमाने के अन...

टॉन्सिल या ग्रंथि में एक तरफ दर्द होता है (दाएं या बाएं) 2021

गले में खराश ग्रसनी और टॉन्सिल के श्लेष्म झिल्ली के संक्रामक और भड़काऊ घावों का एक उत्कृष्ट लक्षण है, जो सभी आयु वर्ग के रोगियों में होता है। हालांकि, वायरल, बैक्टीरियल, फंगल ग्रसनीशोथ और टॉन्सिलिटिस के साथ, यह आमतौर पर प्रकृति में द्विपक्षीय होता है। ऐसी स्थितियां जब एक तरफ टॉन्सिल में दर्द होता है, बहुत कम आम हैं और संक्रामक और गैर-संक्रामक दोनों कारकों से शुरू हो सकते हैं। समय पर निदान स्थापित करना और उपचार चुनना महत्वपूर्ण है - इससे खतरनाक जटिलताओं से बचने में मदद मिलेगी। ऐसा करने के लिए आपको अंदाजा होना चाहिए कि सिर्फ एक तरफ दर्द क्यों होता है। कारण दर्द एक लक्षण है जिसे विशिष्ट नहीं कहा जा सकता है। यह कई रोगों में प्रकट होता है; दर्द में निहित विकृति को सूचीबद्ध करना, बिना किसी अपवाद के लगभग सभी चिकित्सा विषयों का तुरंत उल्लेख करना उचित है। यदि आप एनजाइना या ग्रसनीशोथ के साथ दर्द सिंड्रोम की मुख्य विशेषताओं के बारे में सोचते हैं, तो आप याद रख सकते हैं: निगलते समय दर्द आमतौर पर रोगी को दोनों तरफ से परेशान करता है। लेकिन जब एकतरफा दर्द की स्पष्ट रूप से परिभाषित अनुभूति होती है, तो रोगी के इस तरह के विकृति होने की संभावना को मान लेना सार्थक है: • पैराटोन्सिलिटिस। • इंट्राटोन्सिलिटिस। • ईगल-स्टर्लिंग सिंड्रोम। • टॉन्सिल की चोट। • ग्लोसोफेरींजल न्यूराल्जिया। निम्नलिखित अनुभागों में, सूचीबद्ध बीमारियों में से प्रत्येक के एटियलजि पर विस्तार से विचार करना उचित है। अंतिम निदान की स्थापना और उपचार का चयन केवल एक योग्य चिकित्सक द्वारा किया जाता है। लेकिन परामर्श से पहले ही रोगी स्वयं लक्षणों की विशेषताओं का आकलन करके कारणों का पता लगाने के करीब आ सकता है। प्रारंभिक निदान के दौर...

टॉन्सिल कौन सी बीमारी है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • टॉन्सिल कौन सी बीमारी है? टॉन्सिलाइटिस या टॉन्सिल गले से जुड़ी बीमारी है जिसमें गले के दोनों ओर सूजन आ जाती है। शुरुआत में मुंह के अंदर गले के दोनों ओर दर्द महसूस होता है और बार-बार बुखार भी आता है। टॉन्सिल के कारण कई अन्य तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी घेर सकती हैं। टॉन्सिल क्यों होता है? हमारे गले के दोनों ओर ओवल शेप के अंग हैं जिन्हें टॉन्सिल्स कहा जाता है। किसी प्रकार के बैक्टीरिया या इंफेक्शन के संपर्क में आने पर इनमें सूजन आना व जलन होना शुरू हो जाती है। आमतौर पर इनका रंग हमारी जीभ जैसा ही होता है लेकिन इंफेक्शन होने पर यह सुर्ख लाल हो जाते हैं और इन पर सफेद स्पॉट दिखाई देने लगते हैं। READ: इंटरनेट से हिंदी में क्या कहते हैं? गले में टॉन्सिल के क्या लक्षण होते हैं? टॉन्सिल के लक्षण • गले में तेज दर्द होता है। • खाना निगलने में कठिनाई होती है। • कान के निचले भाग में दर्द होता है। • जबड़ों के निचले हिस्से में सूजन। • गले में खराश महसूस होती है। • कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ापन। • छोटे बच्चों में सांस लेने में तकलीफ। गले में टॉन्सिल होने पर क्या करें? टॉन्सिल्स में आजमाएं, यह 5 घरेलू उपाय • अदरक – गर्म पानी में नींबू का रस और ताजा अदरक पीस कर मिला दें। • दूध – कच्चे पपीते को दूध में मिलाकर गरारा करने से भी टॉन्सिल्स में आराम मिलता है। • सेंधा नमक – गले की परेशानी में नमक बेहद फायदेमंद साबित होता है। • सिरका – मुंह की तकलीफ में सिरका बेहद लाभप्रद होता है। टॉन्सिल कितने दिन तक रहता है? कभी-कभी, वे संक्रमित या सूज जाते हैं, इस स्थिति को टॉन्सिलिटिस के रूप में जाना जाता है। यह समस्या आमतौर पर बच्चों में देखी जाती है। यह एक असंक्रामक रोग है और ...

टॉन्सिल ग्रेडिंग

टॉन्सिल की सूजन से मरीज के स्वास्थ्य पर बड़ा असर पड़ सकता है। टॉन्सिलाइटिस बच्चों के स्वास्थ्य को काफी प्रभावित करता है। यह या तो बच्चे के विकास में देरी कर सकता है या व्यवहार संबंधी समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इसलिए, डॉक्टर लगातार बच्चों के टॉन्सिल की निगरानी करते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि किसी कारण से उनके आकार में बदलाव आया है या नहीं। इसके अलावा, वे एक ग्रेडिंग प्रणाली का उपयोग गले में किसी अन्य समस्या की संभावना को खारिज करने के लिए करते हैं जो उनके विकास को स्थिर कर रहा है। टॉन्सिल ग्रेडिंग क्या है? What is Tonsil Grading? टॉन्सिल ग्रेडिंग एक ऐसा पैमाना है जो ईएनटी डॉक्टर टॉन्सिल के आकार में होने वाले बदलाव की जांच के लिए भरोसा करते हैं। इसका उपयोग टॉन्सिल के आकार को निर्धारित करने के साथ-साथ टॉन्सिल को ग्रेड करने और किसी भी परिवर्तन को दस्तावेज करने के लिए नियमित रूप से आकार की निगरानी करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, आकार की निरंतर निगरानी से डॉक्टरों को यह निर्धारित करने में मदद मिल सकती है कि उपचार में देरी से खर्राटों और अंततः अवरोधक स्लीप एपनिया (ओएसए) हो सकता है। विभिन्न प्रकार के ग्रेडिंग सिस्टम हैं जिनका उपयोग डॉक्टर वैश्विक स्तर पर करते हैं। हालांकि, ये सभी ब्रोडस्की ग्रेडिंग सिस्टम और फ्रीडमैन ग्रेडिंग सिस्टम की तरह विश्वसनीय नहीं हैं। टॉन्सिल आकार का मानकीकृत ग्रेडिंग – Standardized Grading of Tonsil Size ब्रोडस्की टॉन्सिल आकार के लिए ग्रेडिंग प्रणाली शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे। इस ग्रेडिंग सिस्टम को विकसित करने के पीछे उनका मुख्य विचार यह था कि डॉक्टर टॉन्सिल इज़ाफ़ा की सीमा की जांच करने में सक्षम होंगे। उनके द्वारा विकसित पैमाने के अन...

What Causes Tonsil Cancer Know Symptoms in Hindi

Tonsil Cancer in Hindi: टॉन्सिल्स मुंह के भीतर मौजूद दो पैड्स होते हैं, जिन्हें शरीर के इम्यून सिस्टम का हिस्सा माना जाता है। टॉन्सिल्स से जुड़ी समस्याओं को कई बार लोग नजरअंदाज कर देते हैं। टॉन्सिल्स में परेशानी होने पर आपको खाने में या भोजन निगलने में दिक्कत होती है। इसकी वजह से आपको गले में दर्द, सूजन और खराश या खांसी की समस्या भी हो सकती है। टॉन्सिल्स में इन्फेक्शन होने पर आपको इन परेशानियों का खतरा रहता है। लेकिन जरूरी नहीं कि ये लक्षण सिर्फ टॉन्सिल्स में इन्फेक्शन की वजह से हों, कई बार ये लक्षण टॉन्सिल्स कैंसर के शुरूआती संकेत होते हैं। टॉन्सिल्स कैंसर की समस्या शुरुआत में दिखने वाले लक्षणों को पहचानकर इलाज लेने से आप जल्दी ठीक हो सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं टॉन्सिल्स कैंसर के कारण, लक्षण और इलाज। टॉन्सिल्स कैंसर कैसे होता है?- What Causes Tonsils Cancer in Hindi तंबाकू और पान मसाला आदि का सेवन करने वाले लोगों में टॉन्सिल्स कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। टॉन्सिल्स कैंसर की समस्या आपको किसी भी उम्र में हो सकती है। शुरुआत मं कैंसर कोशिकाएं टॉन्सिल्स को शिकार बनाती हैं, फिर धीरे-धीरे यह आसपास के अंगों में विकसित होने लगती हैं। टॉन्सिल्स की हेल्दी सेल्स के डीएनए में बदलाव के बाद कैंसर कोशिकाओं का विकास शुरू होता है। टॉन्सिल्स कैंसर का कोई सटीक कारण अभी तक पता नहीं चला है लेकिन कई शोध और अध्ययनों में यह कहा गया है कि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) की वजह से यह समस्या ज्यादातर लोगों में फैलती है। इसे भी पढ़ें: कैंसर में होने वाली भारी थकान से कैसे बचें? एक्सपर्ट से जानें सही उपाय टॉन्सिल्स कैंसर के प्रमुख रिस्क फैक्टर्स मेयो क्लिनिक पर मौजूद जानकारी के मुताबिक टॉन्...