टोनी चिड़िया की कहानियां

  1. Soni Chidiya ki Kahani
  2. सोने की चिड़िया की कहानी
  3. चिड़िया की कहानी
  4. 3 चिड़िया की कहानी नैतिक शिक्षा के साथ
  5. टोनी चिड़िया की कहानी – बच्चो की कहानियां, प्रेरणादायक कहानियां का संग्रह – कहानियों का भंडार


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Soni Chidiya ki Kahani

Soni Chidiya ki Kahani| सोनी चिड़िया की कहानी : एक नदी के पास बड़ा सा पेड़ था जिस पर सोनी चिड़िया रहती थी | सोनी चिड़िया पेड़ पर घोंसला बनाई थी | और कुछ दिनों के बाद उस घोसले में अंडे दिए | और अंडों पर बैठ गई | कुछ दिनों के बाद अंडों में से बच्चे बाहर निकले जो खूबसूरत थे | सोनी चिड़िया बच्चों की देखभाल करती थी | बच्चों के लिए दाना पानी का इंतजाम करती थी | बच्चों के खाने-पीने की सामग्री के लिए वहां खेत से अनाज चुनकर लाने का विचार किया | इस तरह अपने बच्चों को घोंसला में छोड़कर दाना पानी का इंतजाम करने के लिए एक किसान के खेत की तरफ चली गई | वह एक किसान का खेत था जिसमें चिड़ियों का झुंड आता और दाना खाकर वहां से किसान से बच कर चले जाते | किसान का फसल खराब कर चिड़िया उड़ जाती थी | इस तरह चिड़िया का झुंड आता और दाना खाकर फसल खराब करके बचकर चली जाती थी | चिड़ियों के झुंड के साथ सोनी चिड़िया भी मिलकर आई और दाना खाने लगी | वह किसान की फसल पर जाल बिछा हुआ था | चिड़ियों का झुंड जाल से बचकर उड़ गया लेकिन सोनी चिड़िया उसकी जाल में फस गई थी | किसान चिड़ियों के मुश्किल से बचने के लिए फसल में जाल डाल दिया था | और इस जाल से चिड़ियों का झुंड बच गया |लेकिन उस किसान की जाल में फस गई थी | और सोचने लगी के मेरी दो बच्चों को कौन देखभाल करेगा और दाना पानी कौन खिलाएगा | इतने में किसान वहां अपने जाल को निकालने के लिए खेत के पास आया | किसान ने देखा के जाल के अंदर एक सोनी चिड़िया फस गई थी | किसान ने उस को जाल से निकाला और देखा कि वह एक प्यारी सी चिड़िया है | किसान ने उस को पिंजरे में बंद कर दिया है | वो पिंजरा एक पेड़ पर लटका दिया था | वो पिंजरे में बंद होकर पेड़ पर लटक रही थी| इतने में वहां पर एक आदमी...

सोने की चिड़िया की कहानी

सोने की चिड़िया की कहानी लालची किसान और सोने की चिड़िया की कहानी बहुत समय पहले की बात है। एक पीपल के पेड़ के नीचे एक चिड़िया का बच्चा जख्मी हालत में पडा था। वंहा से एक किसान गुजरा। किसान ने चिड़िया के बच्चे को तडपते हुए देखा तो उसने उसे उठा लिया और अपने घर ले आया और चिड़िया की बच्चे की मलहम पट्टी की और दाना पानी दिया। एक दो दिन में चिड़िया का बच्चा एकदम स्वस्थ और ठीक हो गया। किसान के बच्चे दिन भर चिड़िया के बच्चे के साथ खेलते रहते थे धीरे धीरे चिड़िया का बच्चा बड़ा होने लगा। उसके छोटे छोटे पंख निकल रहे थे उसके पंखों का रंग सुनहरी था। धीरे धीरे समय बीतता गया। चिड़िया का बच्चा बड़ा हो चूका था और उसके पंख भी बड़े बड़े हो चुके थे। चिड़िया और किसान के बच्चे दिन भर साथ साथ खेलते रहते थे। एक दिन चिड़िया का एक पंख टूटकर गिरा तो किसान के बच्चों ने उसे उठा लिया और अपने पिता को दिखाया। किसान उस सुनहरी पंख को देख कर आश्चर्य चकित हुआ और उस सुनहरी पंख को लेकर सुनार के पास गया। सुनार ने किसान को कहा की ये पंख असली सोने का है। किसान ने उस सुनहरी पंख को बेचकर खूब सारे रुपये ले लिये। अब किसान का जीवन अच्छा कट रहा था। चिड़िया का प्रत्येक चार पांच दिन में एक पंख टूटकर गिर जाता था और किसान उसे बेचकर खूब सारे रूपये ले आता था। ये भी पढ़ें - 1. 2. सबसे अच्छा गेम कोनसा है ? 3. 4. जीटीए 5 गेम डाउनलोड 5. 6. google डूडल के मशहूर गेम 7. टर्बो ड्राइविंग रेसिंग 3 d 8. winzo गेम कैसे डाउनलोड करें 9. ज़ोंबी वाला गेम 10. कोई गेम खेलो 11. डायनासौर वाला गेम 12. ट्रेन वाला गेम डाउनलोड सोने की चिड़िया की कहानी एक दिन किसान बेठा बेठा सोच रहा था। अब किसान के मन में लालच आ चूका था। किसान ने सोचा की क्यों ना इस चिड़िया के सारे पंख ...

चिड़िया की कहानी

Chidiya Ki Kahani – जीवन में जब ऐसे कई मौके आते है जब हमे लगता है की हमे दुसरो पर निर्भर होने के बजाय अपने कार्य खुद से करना चाहिए, क्युकी हम दुसरो के भरोसे बैठे रहे तो क्या पता तय समय पर होने वाला हमारा कार्य ठीक उसी समय पर हो जाय, तो आज हम एक ऐसी एक चिड़िया की कहानी (Moral Story in Hindi) बताने जा रहे है जिस कहानी से हम यह सीख ले सकते है की हमे अपने जीवन में दुसरो पर निर्भर होने के बजाय अपना काम खुद से करना चाहिए. “माँ, आज हमारा यहाँ अंतिम दिन है. रात में हमें दूसरे स्थान के लिए यहाँ से निकला होगा.” चिड़िया ने उत्तर दिया, “इतनी जल्दी नहीं बच्चों. मुझे नहीं लगता कि कल खेत में फसल की कटाई होगी.” Chidiya Ki Kahani | Bird Moral Story in Hindi चिड़िया की कही बात सही साबित हुई. दूसरे दिन किसान का पड़ोसी खेत में नहीं आया और फ़सल की कटाई न हो सकी. शाम को किसान खेत में आया और खेत को जैसे का तैसा देख बुदबुदाने लगा कि ये पड़ोसी तो नहीं आया. ऐसा करता हूँ कल अपने किसी रिश्तेदार को भेज देता हूँ.” चिड़िया के बच्चों ने फिर से किसान की बात सुन ली और परेशान हो गए. जब चिड़िया को उन्होंने ये बात बताई, तो वह बोली, “तुम लोग चिंता मत करो. आज रात हमें जाने की ज़रुरत नहीं है. मुझे नहीं लगता कि किसान का रिश्तेदार आएगा.” ठीक ऐसा ही हुआ और किसान का रिश्तेदार अगले दिन खेत नहीं पहुँचा. चिड़िया के बच्चे हैरान थे कि उनकी माँ की हर बात सही हो रही है. अगली शाम किसान जब खेत आया, तो खेत की वही स्थिति देख बुदबुदाने लगा कि ये लोग तो कहने के बाद भी कटाई के लिए आते नहीं है. कल मैं ख़ुद आकर फ़सल की कटाई शुरू करूंगा. चिड़िया के बच्चों ने किसान की ये बात भी सुन ली. अपनी माँ को जब उन्होंने ये बताया तो वह बोली, “बच्चों, अब समय ...

3 चिड़िया की कहानी नैतिक शिक्षा के साथ

बाल मनोरंजन पर आधारित कहानीयां बालकों के विकास के लिए कारगर होता है। इस लेख में आप चिड़िया की कहानी का संकलन प्राप्त करेंगे, जिन्हें पढ़कर आप इनके जीवन तथा उनसे जुड़ी हुई घटनाओं को पढ़कर प्रेरणा प्राप्त करेंगे। यह लेख नन्हे मेहमानों को समर्पित है जो हिंदी विभाग के स्पेशल मेहमान है। आशा है हिंदी विभाग के नन्हे मेहमानों की बौद्धिक क्षमता का निरंतर विकास होता रहेगा हम आपके लिए और रुचि की कहानियां लिखते रहेंगे। पहली कहानी Table of Contents • • • • • • चिड़िया की कहानी ( चिड़िया और किसान की कहानी ) राधेश्याम ने धान काटने में मस्त था, उसने इस धान की फसल को उपजाने के लिए कड़ी मेहनत की थी। तब जाकर उसे धान की लहराती हुई फसल प्राप्त मिली। खेत के किनारे नीम का पेड़ था, जिस पर चुनमुन अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ घोसला बनाकर रहती। रात के सन्नाटे में उसकी आवाज दूर गांव तक पहुंच जाया करती थी। चुनमुन की कुशलता लोग उसकी आवाज से जान लिया करते थे। आज चुनमुन के खुशी का ठिकाना नहीं था, उसे आज खूब सारा अनाज राधेश्याम के खेत से मिलने वाला था। उसके बच्चे भी खूब सारा खाना खाने और भंडार करने की खुशी में चहचहा रहे थे। राधेश्याम और उसका परिवार चुनमुन के खुशी से और खुश हो रहा था। उसकी खुशी दोगुनी हो गई थी। आज चुनमुन का परिवार और राधेश्याम के परिवार में खुशी की बहार थी। एक और राधेश्याम का परिवार बोरियों में धान भर रहा था, तो दूसरी ओर चुनमुन अपने चौंच में धान के दाने बटोर घोसले में ले जा रही थी। कुछ दिनों के लिए चुनमुन ने अपना खाना जमा कर लिया था, शायद बरसात के दिनों में उसके काम आ सके। दूसरी कहानी राजा और चिड़िया की कहानी राजा वीरेंद्र सिंह का उद्यान बहुत ही आकर्षक और मनमोहक था, उसमें अनेकों किस्म के प...

टोनी चिड़िया की कहानी – बच्चो की कहानियां, प्रेरणादायक कहानियां का संग्रह – कहानियों का भंडार

इस कहानी में दो सुंदर टोनी चिड़िया की कहानी है। समुद्र किनारे अपना घोसला बना कर रहटी है। उस कोमल चिड़िया का नाम टीटियोहा पक्षी है। वो एक दूसरे के साथ शांति से रहते है। लेकिन एक दिन उसने अपने घोसले में अंडे रखकर दोनों खाने की तलाश में जाते है और बाद में आकर देखते है तो घोसले में उनके अंडे नहीं थे। उसके अंडे समद्र की लहरे निगल गई थी। बाद में मादा चिड़िया खूब लगी और नर चिड़िया ने एक उपाय निकला जिसकी वजह से उसे अंडे वापस मिल गई। यह कहानी बहुत ही रोमांचक है। टिटियोहा पक्षियों का एक जोड़ा, पति-पत्नी समुद्र के किनारे रहते थे। मादा टिटिभा पक्षी अंडे देने और परिवार पालने की उम्मीद कर रही थी। जब अंडे देने का समय आया, तो उसने अपने पति से अंडे देने के लिए एक सुरक्षित जगह की तलाश करने के लिए कहा, “मेरे प्रिय, कृपया मेरे लिए अंडे देने के लिए कोई अच्छी और सुरक्षित जगह की तलाश करें क्योंकि मेरे लिए अंडे देने का समय लगभग आ गया है।” उन्हें।”लेकिन नर टिटियोहा पक्षी ने कहा, “प्यारे, इस समुद्र के किनारे से बेहतर जगह दुनिया में कहां हो सकती है? कृपया अपने अंडे यहां दें।” वह असहमत थी, “पूर्णिमा की रात समुद्र की लहरें इतनी ऊँची होती हैं कि वे एक हाथी को भी इसमें खींच सकती हैं। नहीं, कृपया यहाँ से दूर कोई स्थान खोजें।”नर टिटियोभा पक्षी हँसा और जोर देकर कहा, रात में टिटहरी का बोलना“समुद्र मेरे बच्चों को कोई नुकसान पहुँचाने की हिम्मत भी नहीं करेगा! बेवजह डरो मत और बिना किसी चिंता के यहाँ अंडे दो।”पूरे समय, समुद्र यह सुनता रहा था, और उसने सोचा, “उस जैसी छोटी चिड़िया से, इस तरह की ढिठाई की उम्मीद नहीं की जा सकती। मैं निश्चित रूप से उसके अंडे ले लूंगा और देखूंगा कि वह उसके बाद क्या करता है और उसे सबक सिखा...