ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर कार्य

  1. परिणामित्र या ट्रांसफॉर्मर का कार्य सिद्धान्त
  2. ट्रान्सफार्मर किस सिद्धान पर कार्य करता है ? एक आदर्श ट्रान्सफ
  3. ट्रांसफार्मर क्या है? कार्य सिद्धांत और प्रकार – Electric Jankari
  4. ट्रांसफार्मर क्या है और इसका कार्य सिद्धांत
  5. [Solved] ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत किस पर आधारित
  6. ट्रांसफार्मर क्या है और इसका कार्य सिद्धांत
  7. ट्रांसफार्मर क्या है? कार्य सिद्धांत और प्रकार – Electric Jankari
  8. ट्रान्सफार्मर किस सिद्धान पर कार्य करता है ? एक आदर्श ट्रान्सफ
  9. परिणामित्र या ट्रांसफॉर्मर का कार्य सिद्धान्त
  10. [Solved] ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत किस पर आधारित


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परिणामित्र या ट्रांसफॉर्मर का कार्य सिद्धान्त

परिणामित्र याट्रांसफॉर्मर का कार्य सिद्धान्त (working principle of transformer in hindi)— ट्रांसफार्मर इंडक्शन (induction) पर आधारित एक स्टैटिक (static) मशीन है जो विद्युत ऊर्जा को एक सर्किट से दूसरे सर्किट में स्थानांतरित करती है। स्टैटिक का अर्थ होता है की इसमें कोई घूमने वाला भाग नही होता है। ट्रांसफार्मर फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन/electromagnetic induction) के सिद्धांत पर कार्य करता है। ट्रांसफार्मर के कार्य करने का सिद्धांत पारस्परिक प्रेरण (म्यूच्यूअल इंडक्शन/mutual induction) सह प्रेरण/अन्योन्य प्रेरण है। इसमें कोई घूमने वाला भाग नहीं होता है अतः इसमें घूर्णन हानिया नहीं होती है। सामान्यता इसमें दो क्वायल (चालक) स्थिर होती है तथा उनमें प्रेरण द्वारा ईएमएफ (emf) उत्पन्न होता है प्रेरित ईएमएफ स्थैतिक प्रेरित ईएमएफ कहा जाता है। इसकी दक्षता अन्य मशीनों की तुलना में उच्च होती है (92%—98%) तक दक्षता उच्च होने का कारण यह है कि इसमें केवल दो हानियां आयरन हानि (iron losses) और कापर हानिया (copper losses) होती है। इसमें अन्य मशीनों की तरह मेकेनिकल या घूर्णन हानि नहीं होती है। 1. वोल्टेज (voltage)—ट्रांसफॉर्मर का उपयोग वोल्टेज के मान को बदलने के लिए किया जाता है। ट्रांसफार्मर द्वारा वोल्टेज का स्टेप अप, स्टेप डाउन या समान मान पर परिवर्तन किया जाता है अर्थात ट्रांसफॉर्मर इनपुट का इनपुट से कम, इनपुट से अधिक अथवा इनपुट के समान मान पर वोल्टेज का परिवर्तन कर सकता है। समान्यत: ट्रांसफार्मर का उपयोग वोल्टेज को स्टेप अप (step up) या स्टेप डाउन (step down) करने के लिए करते है। 2. विद्युत धारा (current)—जब ट्रांसफार्मर वोल्टेज को परिवर्तित करता है तो उस...

ट्रान्सफार्मर किस सिद्धान पर कार्य करता है ? एक आदर्श ट्रान्सफ

Question Updated on: 13/06/2023 ट्रान्सफार्मर किस सिद्धान पर कार्य करता है ? एक आदर्श ट्रान्सफार्मर के प्राथमिक तथा द्वितीयक कुंडलियों में क्रमशः 2000 तथा 50 फेरे है | प्राथमिक कुंडली को 120 वोल्ट के मुख्य स्त्रोत से जोड़ा गया है तथा द्वितिक कुंडली 0.6 ओम प्रतिरोध के बल्ब से जोड़ी गयी है | गणना कीजिए (i) द्वितीयक के सिरों के बीच वोल्टेज , (ii) बल्ब में धरा, (iii) प्राथमिक कुण्डली में धारा तथा (iv ) प्राथमिक व द्वितिक कुण्डली में शक्ति | लुगाई हमारा यह क्वेश्चन है यूपी बोर्ड 2000 12 की फिजिक्स का सातवा किशन है इसके बारे में देखेंगे तो ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है ठीक है पहला बिंदुओं नहीं है पूछा है उसके बाद में क्या है एक आदर्श ट्रांसफार्मर के ट्रांसफार्मर के प्राथमिक तथा द्वितीयक कुंडलियों में क्रमशः कर्म से 2000 तथा 50 फेरे उसकी प्राथमिक तथा द्वितीयक कुंडली में हैं आप हमें दे रखा है इनकी संख्या दे रखी है ठीक है और बात दूसरी आगे क्या दिया हुआ इसमें प्राथमिक कुंडली को 120 वोल्ट के मुख्य स्रोत से जोड़ा गया है ठीक है तथा द्वितीय कुंडली में 0.6 ओम का जो प्रतिरोध है प्रतिरोध के बल्ब से जोड़ी गई है नहीं यहां पर जो बल्ब जोड़ा गया वह कितना है जीरो से सुरक्षा एवं का प्रतिरोध है ठीक है आगे पूछा है ना इसमें अब यहां पर पूछा है दिया हुआ है की गणना की द्वितीय द्वितीय के शेरों के बीच वोल्टेज नहीं जो दितीय कुंडली है उसके सिरों को जो वोल्टता होगी वह यहां पर बतानी है दूसरा बिंदु पूछा है इसके लिए यहां पर बल्ब में तो यहां पर जो बल्ब लगाया है उसमें धारा कितनी होगी और तीसरा दिन जो हमने पूछा कि प्राथमिक कुंडली में धारा जो प्रश्न कुंडली है उसमें धारा क्या होगी तथा तथा प्राथमिक चौथा बि...

ट्रांसफार्मर क्या है? कार्य सिद्धांत और प्रकार – Electric Jankari

पोस्ट में ये जानकारी है - • • • • • • • ट्रांसफार्मर क्या है ट्रांसफार्मर एक ऐसी युक्ति है जो प्रत्यावर्ती धारा ( ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत ट्रांसफार्मर म्यूचुअल इण्डक्टेंस (Mutual Inductance) के सिद्धांत पर कार्य करता है। ट्रांसफार्मर की संरचना ट्रांसफार्मर में दो वाइण्डिंग्स होती है – • प्राथमिक वाइण्डिंग (Primary Winding) • द्वितीयक वाइण्डिंग (Secondary Winding) जो वाइण्डिंग इनपुट विद्युत सप्लाई से संयोजित की जाती है वह प्राइमरी वाइण्डिंग होती है। तथा जो वाइण्डिंग लोड से संयोजित होती है वह सेकेंडरी वाइण्डिंग होती है। ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते है ट्रांसफार्मर कई प्रकार के होते हैं – फेज संख्या के आधार पर • सिंगल फेज ट्रांसफार्मर • 3 फेज ट्रांसफार्मर आउटपुट के आधार पर • Step up (उच्चाई ट्रांसफार्मर) • Step Down (अपचायी ट्रांसफार्मर) कोर (Core) के आधार पर • शैल प्रकार का • क्रोड प्रकार का • बैरी प्रकार का इसके अलावा ट्रांसफार्मर का वर्गीकरण और भी प्रकार से किया जाता है जैसे – पावर ट्रांसफार्मर तथा डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर आदि। Step Down और Step up ट्रांसफार्मर क्या है? Step Down (उच्चायी) –इस प्रकार के ट्रांसफार्मर में अधिक वोल्टेज की विद्युत ऊर्जा इनपुट की जाती है और आउटपुट के में कम वोल्टेज की विद्युत ऊर्जा प्राप्त होती है। Step up (अपचायी) –इस प्रकार के ट्रांसफार्मर में कम वोल्टेज की विद्युत ऊर्जा इनपुट की जाती है और आउटपुट के में अधिक वोल्टेज की विद्युत ऊर्जा प्राप्त होती है। ट्रांसफार्मर कैसे कार्य करता है? ट्रांसफार्मर में जब प्राइमरी वाइण्डिंग में विद्युत ऊर्जा प्रवाहित की जाती है तो प्राइमरी वाइण्डिंग के चारों ओर विद्युत इस चुम्बकीय क्षेत्र के प्रभा...

ट्रांसफार्मर क्या है और इसका कार्य सिद्धांत

जब से विद्युत की उत्पत्ति हुई है, तब से लोगों ने इसका पूरा इस्तमाल करना प्रारंम्भ कर दिया है. और करें भी क्यूँ न Electricity के फायेदे जो इतने सारे हैं. विद्युत निकलने से लेकर उसे फ़ैलाने की प्रक्रिया में Transformer की एक अलग ही भूमिका होती है. शायद आप में बहत लोग ये जानते हों की ट्रांसफार्मर क्या है और ये किस सिद्धांत पर कार्य करता है ? हम पाने आस पड़ोस में बहुत से प्रकार के Transformer देखते हैं. कुछ के आकार २ छोटे होते हैं तब कुछ के आकार बहुत ही बड़े होते हैं. इन्हें इनकी जरुरत के हिसाब से इस्तमाल किया जाता है. हम में से ऐसे बहुत से लोग है जिन्होंने की ट्रांसफार्मर देखा तो है लेकिन उन्हें ये नहीं पता होता है की ये किस कार्य में लगते हैं। ट्रांसफार्मर की संरचना दिखने में भले ही एक दैत्य जैसा machine हैं लेकिन इसकी उपयोगिता के विषय में जानकर शायद आप भी अचंभित हो जाएँ. यदि आपको सच में इन मचिनों के विषय में कुछ भी नहीं पता तब आज का यह article Transformer क्या होते हैं और काम कैसे करते हैं जरुर ही आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को ट्रांसफार्मरकी परिभाषा के साथ साथ उसी उपयोगिता के सन्दर्भ में पूर्ण जानकारी प्रदान की जाये जिससे आपको इसे सही तरीके से समझने में आसानी होगी. तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं। इसमें जो electrical circuit Source की electrical power को receive करता है उसे primary winding कहते हैं और दूसरी circuit जो electric energy deliver करती है load को उसे secondary winding कहा जाता है। ट्रांसफार्मर का आविष्कार किसने किया इलेक्ट्रिक ट्रांसफार्मर का आविष्कार विलियम स्टेनले ने 1885में संयुक्त राज्य अमेरिका में किया था...

[Solved] ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत किस पर आधारित

• अवधारणा : • पारस्परिक प्रेरण :जब किसी कुंडल के माध्यम से गुजारी गई विद्युत धारा समय के साथ परिवर्तित होती हैतो पास के कुंडलमें एक emfको प्रेरित होता है, फिर इस घटना को पारस्परिक प्रेरण कहा जाता है। • फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम:जब भी परिपथ/ कुंडल के माध्यम से गुजरने वाली बल (चुंबकीय फ्लक्स) की चुंबकीय रेखाओं की संख्या बदल जाती हैतो प्रेरित emfनामक एक emfपरिपथ में उत्पन्न होता है। • ट्रांसफार्मर:एक विद्युत उपकरण जिसका उपयोग विद्युत ऊर्जा को एक विद्युत परिपथ से दूसरे में स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है, ट्रांसफार्मर कहलाता है। • एक ट्रांसफार्मर में, दो कुंडलहोते हैं- प्राथमिक कुण्डल (P) औरद्वितीयक कुण्डल (S)। • • दोनों कुण्डलविद्युत रूप से अलग और प्रेरणिक हैं लेकिन प्रतिष्टम्भ के मार्ग के माध्यम से चुंबकीय रूप से जुड़े हुए हैं। • जब प्राथमिक कुण्डल में धारा परिवर्तित होती है, तो द्वितीयक कुण्डल से संबंधित फ्लक्सभी परिवर्तित होताहै। • साथ ही, फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण सिद्धांत के कारण द्वितीयक कुण्डल मेंEMF प्रेरित होता है। • विद्युतीय शक्ति चुंबकीय फ्लक्सके माध्यम सेप्राथमिक कुण्डल से द्वितीयक कुण्डल में स्थानांतरित होती है और इस घटना कोपारस्परिक प्रेरण कहा जाता है। व्याख्या: उपरोक्त स्पष्टीकरण सेकह सकते हैं कि, • ट्रांसफार्मर विद्युत ऊर्जा को एक परिपथ से दूसरे में स्थानांतरित करता है। • ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत पारस्परिक प्रेरण है। तो विकल्प 2 सही है। • लोरेंत्ज़ सिद्धांतएक चुंबकीय और विद्युत क्षेत्र में गतिमान आवेशित कण पर बल देता है। • मैक्सवेल नियमविद्युत चुम्बकीय तरंग से संबंधित है। • गॉस नियमएक बंद सतह के माध्यम से विद्युत अभिवाह देता ...

ट्रांसफार्मर क्या है और इसका कार्य सिद्धांत

जब से विद्युत की उत्पत्ति हुई है, तब से लोगों ने इसका पूरा इस्तमाल करना प्रारंम्भ कर दिया है. और करें भी क्यूँ न Electricity के फायेदे जो इतने सारे हैं. विद्युत निकलने से लेकर उसे फ़ैलाने की प्रक्रिया में Transformer की एक अलग ही भूमिका होती है. शायद आप में बहत लोग ये जानते हों की ट्रांसफार्मर क्या है और ये किस सिद्धांत पर कार्य करता है ? हम पाने आस पड़ोस में बहुत से प्रकार के Transformer देखते हैं. कुछ के आकार २ छोटे होते हैं तब कुछ के आकार बहुत ही बड़े होते हैं. इन्हें इनकी जरुरत के हिसाब से इस्तमाल किया जाता है. हम में से ऐसे बहुत से लोग है जिन्होंने की ट्रांसफार्मर देखा तो है लेकिन उन्हें ये नहीं पता होता है की ये किस कार्य में लगते हैं। ट्रांसफार्मर की संरचना दिखने में भले ही एक दैत्य जैसा machine हैं लेकिन इसकी उपयोगिता के विषय में जानकर शायद आप भी अचंभित हो जाएँ. यदि आपको सच में इन मचिनों के विषय में कुछ भी नहीं पता तब आज का यह article Transformer क्या होते हैं और काम कैसे करते हैं जरुर ही आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को ट्रांसफार्मरकी परिभाषा के साथ साथ उसी उपयोगिता के सन्दर्भ में पूर्ण जानकारी प्रदान की जाये जिससे आपको इसे सही तरीके से समझने में आसानी होगी. तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं। इसमें जो electrical circuit Source की electrical power को receive करता है उसे primary winding कहते हैं और दूसरी circuit जो electric energy deliver करती है load को उसे secondary winding कहा जाता है। ट्रांसफार्मर का आविष्कार किसने किया इलेक्ट्रिक ट्रांसफार्मर का आविष्कार विलियम स्टेनले ने 1885में संयुक्त राज्य अमेरिका में किया था...

ट्रांसफार्मर क्या है? कार्य सिद्धांत और प्रकार – Electric Jankari

पोस्ट में ये जानकारी है - • • • • • • • ट्रांसफार्मर क्या है ट्रांसफार्मर एक ऐसी युक्ति है जो प्रत्यावर्ती धारा ( ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत ट्रांसफार्मर म्यूचुअल इण्डक्टेंस (Mutual Inductance) के सिद्धांत पर कार्य करता है। ट्रांसफार्मर की संरचना ट्रांसफार्मर में दो वाइण्डिंग्स होती है – • प्राथमिक वाइण्डिंग (Primary Winding) • द्वितीयक वाइण्डिंग (Secondary Winding) जो वाइण्डिंग इनपुट विद्युत सप्लाई से संयोजित की जाती है वह प्राइमरी वाइण्डिंग होती है। तथा जो वाइण्डिंग लोड से संयोजित होती है वह सेकेंडरी वाइण्डिंग होती है। ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते है ट्रांसफार्मर कई प्रकार के होते हैं – फेज संख्या के आधार पर • सिंगल फेज ट्रांसफार्मर • 3 फेज ट्रांसफार्मर आउटपुट के आधार पर • Step up (उच्चाई ट्रांसफार्मर) • Step Down (अपचायी ट्रांसफार्मर) कोर (Core) के आधार पर • शैल प्रकार का • क्रोड प्रकार का • बैरी प्रकार का इसके अलावा ट्रांसफार्मर का वर्गीकरण और भी प्रकार से किया जाता है जैसे – पावर ट्रांसफार्मर तथा डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर आदि। Step Down और Step up ट्रांसफार्मर क्या है? Step Down (उच्चायी) –इस प्रकार के ट्रांसफार्मर में अधिक वोल्टेज की विद्युत ऊर्जा इनपुट की जाती है और आउटपुट के में कम वोल्टेज की विद्युत ऊर्जा प्राप्त होती है। Step up (अपचायी) –इस प्रकार के ट्रांसफार्मर में कम वोल्टेज की विद्युत ऊर्जा इनपुट की जाती है और आउटपुट के में अधिक वोल्टेज की विद्युत ऊर्जा प्राप्त होती है। ट्रांसफार्मर कैसे कार्य करता है? ट्रांसफार्मर में जब प्राइमरी वाइण्डिंग में विद्युत ऊर्जा प्रवाहित की जाती है तो प्राइमरी वाइण्डिंग के चारों ओर विद्युत इस चुम्बकीय क्षेत्र के प्रभा...

ट्रान्सफार्मर किस सिद्धान पर कार्य करता है ? एक आदर्श ट्रान्सफ

Question Updated on: 13/06/2023 ट्रान्सफार्मर किस सिद्धान पर कार्य करता है ? एक आदर्श ट्रान्सफार्मर के प्राथमिक तथा द्वितीयक कुंडलियों में क्रमशः 2000 तथा 50 फेरे है | प्राथमिक कुंडली को 120 वोल्ट के मुख्य स्त्रोत से जोड़ा गया है तथा द्वितिक कुंडली 0.6 ओम प्रतिरोध के बल्ब से जोड़ी गयी है | गणना कीजिए (i) द्वितीयक के सिरों के बीच वोल्टेज , (ii) बल्ब में धरा, (iii) प्राथमिक कुण्डली में धारा तथा (iv ) प्राथमिक व द्वितिक कुण्डली में शक्ति | लुगाई हमारा यह क्वेश्चन है यूपी बोर्ड 2000 12 की फिजिक्स का सातवा किशन है इसके बारे में देखेंगे तो ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर कार्य करता है ठीक है पहला बिंदुओं नहीं है पूछा है उसके बाद में क्या है एक आदर्श ट्रांसफार्मर के ट्रांसफार्मर के प्राथमिक तथा द्वितीयक कुंडलियों में क्रमशः कर्म से 2000 तथा 50 फेरे उसकी प्राथमिक तथा द्वितीयक कुंडली में हैं आप हमें दे रखा है इनकी संख्या दे रखी है ठीक है और बात दूसरी आगे क्या दिया हुआ इसमें प्राथमिक कुंडली को 120 वोल्ट के मुख्य स्रोत से जोड़ा गया है ठीक है तथा द्वितीय कुंडली में 0.6 ओम का जो प्रतिरोध है प्रतिरोध के बल्ब से जोड़ी गई है नहीं यहां पर जो बल्ब जोड़ा गया वह कितना है जीरो से सुरक्षा एवं का प्रतिरोध है ठीक है आगे पूछा है ना इसमें अब यहां पर पूछा है दिया हुआ है की गणना की द्वितीय द्वितीय के शेरों के बीच वोल्टेज नहीं जो दितीय कुंडली है उसके सिरों को जो वोल्टता होगी वह यहां पर बतानी है दूसरा बिंदु पूछा है इसके लिए यहां पर बल्ब में तो यहां पर जो बल्ब लगाया है उसमें धारा कितनी होगी और तीसरा दिन जो हमने पूछा कि प्राथमिक कुंडली में धारा जो प्रश्न कुंडली है उसमें धारा क्या होगी तथा तथा प्राथमिक चौथा बि...

परिणामित्र या ट्रांसफॉर्मर का कार्य सिद्धान्त

परिणामित्र याट्रांसफॉर्मर का कार्य सिद्धान्त (working principle of transformer in hindi)— ट्रांसफार्मर इंडक्शन (induction) पर आधारित एक स्टैटिक (static) मशीन है जो विद्युत ऊर्जा को एक सर्किट से दूसरे सर्किट में स्थानांतरित करती है। स्टैटिक का अर्थ होता है की इसमें कोई घूमने वाला भाग नही होता है। ट्रांसफार्मर फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन/electromagnetic induction) के सिद्धांत पर कार्य करता है। ट्रांसफार्मर के कार्य करने का सिद्धांत पारस्परिक प्रेरण (म्यूच्यूअल इंडक्शन/mutual induction) सह प्रेरण/अन्योन्य प्रेरण है। इसमें कोई घूमने वाला भाग नहीं होता है अतः इसमें घूर्णन हानिया नहीं होती है। सामान्यता इसमें दो क्वायल (चालक) स्थिर होती है तथा उनमें प्रेरण द्वारा ईएमएफ (emf) उत्पन्न होता है प्रेरित ईएमएफ स्थैतिक प्रेरित ईएमएफ कहा जाता है। इसकी दक्षता अन्य मशीनों की तुलना में उच्च होती है (92%—98%) तक दक्षता उच्च होने का कारण यह है कि इसमें केवल दो हानियां आयरन हानि (iron losses) और कापर हानिया (copper losses) होती है। इसमें अन्य मशीनों की तरह मेकेनिकल या घूर्णन हानि नहीं होती है। 1. वोल्टेज (voltage)—ट्रांसफॉर्मर का उपयोग वोल्टेज के मान को बदलने के लिए किया जाता है। ट्रांसफार्मर द्वारा वोल्टेज का स्टेप अप, स्टेप डाउन या समान मान पर परिवर्तन किया जाता है अर्थात ट्रांसफॉर्मर इनपुट का इनपुट से कम, इनपुट से अधिक अथवा इनपुट के समान मान पर वोल्टेज का परिवर्तन कर सकता है। समान्यत: ट्रांसफार्मर का उपयोग वोल्टेज को स्टेप अप (step up) या स्टेप डाउन (step down) करने के लिए करते है। 2. विद्युत धारा (current)—जब ट्रांसफार्मर वोल्टेज को परिवर्तित करता है तो उस...

[Solved] ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत किस पर आधारित

• अवधारणा : • पारस्परिक प्रेरण :जब किसी कुंडल के माध्यम से गुजारी गई विद्युत धारा समय के साथ परिवर्तित होती हैतो पास के कुंडलमें एक emfको प्रेरित होता है, फिर इस घटना को पारस्परिक प्रेरण कहा जाता है। • फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम:जब भी परिपथ/ कुंडल के माध्यम से गुजरने वाली बल (चुंबकीय फ्लक्स) की चुंबकीय रेखाओं की संख्या बदल जाती हैतो प्रेरित emfनामक एक emfपरिपथ में उत्पन्न होता है। • ट्रांसफार्मर:एक विद्युत उपकरण जिसका उपयोग विद्युत ऊर्जा को एक विद्युत परिपथ से दूसरे में स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है, ट्रांसफार्मर कहलाता है। • एक ट्रांसफार्मर में, दो कुंडलहोते हैं- प्राथमिक कुण्डल (P) औरद्वितीयक कुण्डल (S)। • • दोनों कुण्डलविद्युत रूप से अलग और प्रेरणिक हैं लेकिन प्रतिष्टम्भ के मार्ग के माध्यम से चुंबकीय रूप से जुड़े हुए हैं। • जब प्राथमिक कुण्डल में धारा परिवर्तित होती है, तो द्वितीयक कुण्डल से संबंधित फ्लक्सभी परिवर्तित होताहै। • साथ ही, फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण सिद्धांत के कारण द्वितीयक कुण्डल मेंEMF प्रेरित होता है। • विद्युतीय शक्ति चुंबकीय फ्लक्सके माध्यम सेप्राथमिक कुण्डल से द्वितीयक कुण्डल में स्थानांतरित होती है और इस घटना कोपारस्परिक प्रेरण कहा जाता है। व्याख्या: उपरोक्त स्पष्टीकरण सेकह सकते हैं कि, • ट्रांसफार्मर विद्युत ऊर्जा को एक परिपथ से दूसरे में स्थानांतरित करता है। • ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत पारस्परिक प्रेरण है। तो विकल्प 2 सही है। • लोरेंत्ज़ सिद्धांतएक चुंबकीय और विद्युत क्षेत्र में गतिमान आवेशित कण पर बल देता है। • मैक्सवेल नियमविद्युत चुम्बकीय तरंग से संबंधित है। • गॉस नियमएक बंद सतह के माध्यम से विद्युत अभिवाह देता ...