टुनटुनी चिड़िया की कहानी

  1. Story for kids in hindi
  2. भूखी चिड़िया की कहानी
  3. पंचतंत्र की कहानी: भूखी चिड़िया
  4. चिंटी और चिड़िया की कहानी Chiti aur chidiya ki kahani
  5. चिड़िया वाली कहानी
  6. कहानी : चिड़िया ने सिखाई राजा को ज्ञान की 4 बातें
  7. चिड़िया और हाथी की कहानी (Hindi Stories For Kids


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Story for kids in hindi

Story for kids in hindi | child story in hindi चिड़िया की कहानी :- (Bird story for kids in hindi) एक जंगल में एक बहुत बड़ा सा पेड़ था उस पेड़ पर तरह तरह के पक्षी (Bird) रहते थे पेड़ पर एक बहुत सुंदर चिड़िया (Bird) थी जिसे सब सुनहरी चिड़िया (Bird) कहते थे सुनहरी चिड़िया बहुत अच्छी थी वह किसी को परेशान नहीं करती थी और जरूरत पड़ने पर सब की सहायता करते थे. Story for kids in hindi, child story in hindi, उसी पेड़ पर एक दूसरी चिड़िया भी रहती थी जिसका नाम मोना था वह दूसरों से कभी भी अच्छे से ना तो बात करती थी और ना ही किसी की सहायता करती थी इसीलिए मोना से सभी पक्षी (Bird) चिढ़ते थे मोना सुनहरी “चिड़िया” (Bird) से बहुत चिढ़ती थी, क्योंकि सब सुनहरी “चिड़िया” से ही बात करते थे उसको यह बहुत बुरा लगता था एक दिन सुनहरी “चिड़िया” के घर कुछ मेहमान आए मोना को इस बात की पता चल गया वह चुपके से सुनहरी चिड़िया के घर गई और मेहमानों के खाने में बहुत सारे छोटे छोटे पत्थर मिला दिए. कबीले के पास की गुफा हिंदी कहानी जब सुनहरी “चिड़िया” के घर मेहमान खाना खाने लगे तो खाने में पत्थर देख कर उन्होंने सुनहरी “चिड़िया” को बहुत बुरा भला कहा और उसके घर से बिना खाना खाए ही चले गए वही पेड़ पर मोना सब देख रही थी उसने जब देखा की सुनहरी “चिड़िया” के घर से मेहमान चले गए तो वह बड़ी खुश हुई कुछ दिनों बाद जंगल में एक शिकारी आया उसने उस पेड़ पर बैठी “चिड़िया” को पकड़ने के लिए नीचे दाना डाल दिया मोना को लालच आ गया वह दाना के उठाने के लिए नीचे गई तो शिकारी ने उसे जाल में पकड़ लिया मोना ने अपने आप को छुड़ाने की बहुत कोशिश की लेकिन नाकामयाब रही और अपने पंख ऐसे ही फड़फड़ाती रही दो शेर की नयी कहानी जोर से चिल्लाने लगी मुझे बच...

भूखी चिड़िया की कहानी

भूखी चिड़िया की कहानी भूखी चिड़िया की कहानी एक बार की बात है टोनी चिड़िया नाम की एक छोटी सी चिड़िया रहती थी। टोनी चिड़िया अपनी माँ , पिताजी और 5 भाइयों के साथ घोंसले में रहती थी। टोनी चिड़िया के पंख छोटे और मुलायम थे , छाती के पंख लाल और बाकि शरीर के पंख भूरे रंग के थे। टोनी चिड़िया और उसका परिवार एक बड़े चर्च के घंटाघर पर बने घोंसले में रहता था और उसकी माँ ने उसे घंटियों की ताल पर चहकना सिखाया था। घंटाघर के पास एक इमारत थी जहाँ पक्षियों से प्यार करने वाली एक बूढ़ी औरत रहती थी और हर दिन , वह टोनी चिड़िया और उसके परिवार के लिए खिड़की पर ब्रेड डालती थी। एक दिन बेचारी बुढ़िया गंभीर रूप से बीमार पड़ गई और उसकी मृत्यु हो गई। टोनी चिड़िया और उसका परिवार , जो भोजन के लिए उस पर निर्भर थे , उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा था। भूखी चिड़िया की कहानी टोनी चिड़िया के पिता ने कीड़ों का शिकार करने का फैसला किया लेकिन दुर्भाग्य से उसे केवल 3 कीड़े मिले और वे 8 थे। इसलिए , उसने टोनी चिड़िया और उसके 2 भाइयों सहित केवल छोटों को खिलाने का फैसला किया। कीड़ो का शिकार नहीं हो रहा था , टोनी चिड़िया और उसके बड़े भाई और उसकी माँ ने भोजन के लिए खिड़कियों पर चोंच मारने का फैसला किया , लेकिन लोगों ने उन्हें खाने के लिए बिना कुछ दिए ही उनको भगा दिया। एक दिन एक बेकरी वाले ने उन्हें भगाने के लिए उन पर राख से भरी एक बोरी फेंकी और टोनी चिड़िया और उसके बड़े भाई और उसकी माँ भूरे हो गए। यह भी पढ़ें - 1. 2. ? 3. 4. 5. 6. google डूडल के मशहूर गेम 7. d 8. winzo गेम कैसे डाउनलोड करें 9. 10. 11. 12. भूखी चिड़िया की कहानी उधर टोनी चिड़िया के पिता को आखिरकार एक ऐसी जगह मिल गई थी , जहां कभी खाने की कमी नहीं थी और वह वं...

पंचतंत्र की कहानी: भूखी चिड़िया

सालों पहले एक घंटाघर में टींकू चिड़िया अपने माता-पिता और 5 भाइयों के साथ रहती थी। टींकू चिड़िया छोटी सी थी। उसके पंख मुलायम थे। उसकी मां ने उसे घंटाघर की ताल पर चहकना सिखाया था। घंटाघर के पास ही एक घर था, जिसमें पक्षियों से प्यार करने वाली एक महिला रहती थी। वह टींकू चिड़िया और उसके परिवार के लिए रोज रोटी का टुकड़ा डालती थी। एक दिन वह बीमार पड़ गई और उसकी मौत हो गई। टींकू चिड़िया और उसका पूरा परिवार उस औरत के खाने पर निर्भर था। अब उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं था और न ही वो अपने लिए खान जुटाने के लिए कुछ करते हैं। एक दिन भूख से बेहाल होने पर टींकू चिड़िया के पिता ने कीड़ों का शिकार करने का फैसला किया। काफी मेहनत करने के बाद उन्हें 3 कीड़े मिले, जो परिवार के लिए काफी नहीं थे। वे 8 लोग थे, इसलिए उन्होंने टींकू और उसके 2 छोटे भाइयों को खिलाने के लिए कीड़े साइड में रख दिए। इधर, खाने की तलाश में भटक रही टींकू, उसके भाई और उसकी मां ने एक घर की खिड़की में चोंच मारी, ताकि कुछ मिल जाए, लेकिन कुछ नहीं मिला। उल्टा घर के मालिक ने उनपर राख फेंक दी, जिससे तीनों भूरे रंग के हो गए। उधर, काफी तलाश करने के बाद टींकू के पिता को एक ऐसी जगह मिली, जहां काफी संख्या में कीड़े थे। उनके कई दिनों के खाने का इंतजाम हो चुका था। वह जब खुशी-खुशी घर पहुंचा, तो वहां कोई नहीं मिला। वह परेशान हो गया। तभी टींकू चिड़िया, उसका भाई और मां वापस लौटे, तो पिता उन्हें पहचान नहीं पाए और गुस्से में उन्होंने सबको भगा दिया। टींकू ने पिता को समझाने की काफी कोशिश की। उसने बार-बार बताया कि किसी ने उनके ऊपर रंग फेंका है, लेकिन टींकू के हाथ असफलता ही लगी। उसकी मां और भाई भी निराश हो गए, लेकिन टींकू ने हार नहीं मानी। वह उन्हे...

चिंटी और चिड़िया की कहानी Chiti aur chidiya ki kahani

Chiti aur chidiya ki kahani दोस्तों कुछ कहानिया होती हैं जो हमें कुछ ऐसी सीख दे जाती हैं जिससे हम अपने जीवन में आने वाली परेशानी से बच सकते हैं.आज भी हम आपके लिए एक ऐसी ही कहानी Chiti aur chidiya ki kahani लाये है तो चलिए पढ़ते हैं हमारी आज की इस प्रेरणादायक कहानी को और अपने जीवन में लाभ उठाये. Chiti aur chidiya ki kahani काफी समय पहले एक चींटी और चिड़िया आपस में दोस्त थे.चींटी समझदार थी वह अपने भविष्य के लिए खाना बचा बचा कर रखती थी लेकिन चिड़िया सिर्फ अपने अभी के बारे में सोचती थी वह अपने भविष्य के बारे में नहीं सोचती थी.एक दिन उस चीटी ने अपनी दोस्त चिड़िया से कहा कि तुम भी मेरी तरह भविष्य के लिए कुछ भोजन बचा कर रखा करो जिससे तुम्हें परेशानी का सामना करना ना पड़े लेकिन उस चिड़िया ने उसकी बात नहीं मानी और वहां से चली गई.एक दिन उस जंगल में बहुत जोर की बरसात आ गई. काफी दिनों तक पानी बरसता रहा तो चिड़िया अपने घोंसले से भोजन जुटाने के लिए कही आ न जा सकी.उसको बहुत जोर की भूख लगी थी वह अपने बच्चों को भी भोजन कराना चाहती थी लेकिन भोजन उसके घोसले में नहीं था और पानी बरसने के कारण वह अपने घोंसले से दूर भी नहीं जा सकती थी वह और उसके बच्चे भूख के मारे तड़पने लगे इसलिए फिर उसको अपनी दोस्त की बात याद आई लेकिन अब वो चिड़िया कर भी क्या सकती थी वो सिर्फ पछताती रही इसलिए दोस्तों हमको भविष्य के लिए भी कुछ करना चाहिए,अपने उज्जवल भविष्य के लिए पहले से ही प्लानिंग बनाना चाहिए,हमें सेविंग भी करना चाहिए जिससे आने वाली मुसीबत से हम बच सके. Related- दोस्तों अगर आपको हमारी ये कहानी Chiti aur chidiya ki kahani पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें और हमारा फेसबुक पेज लाइक करना ना भूलें और हमें कमेंटस कर यह...

चिड़िया वाली कहानी

चिड़िया वाली कहानी, कौवे और चिड़िया की कहानी, गौरैया चिड़िया की कहानी, टूनी चिड़िया की कहानी, सांप और चिड़िया की कहानी, चिड़िया की कहानी, रानी चिड़िया की कहानी, जादुई चिड़िया की कहानी, चिड़िया और चील के बच्चे की कहानी, chidiya ki kahani, chidiya wali kahani, आज के दौर में भी छोटे बच्चे बिना कहानी सुने नही सो पाते है। उन्हें रोज रोज एक नई कहानी चाहिए ही होता है। जिसे सुनना उन्हें बहुत अच्छा लगता है। खास कर बच्चो को चिड़िया की कहानियां ज्यादा भाती है। वो बहुत ही ध्यान से चिड़िया की कहानी सुनते है। उन्हें चिड़ियों से संबंधित कहानियां ही सुनना पसंद करते है। ऐसे में हम आपको ऐसे ही मजेदार कहानियां सुनने जा रहे है जिसे पढ़कर सुना कर बच्चे खुश हो जायेगे और कहानी के अंत में एक सीख भी मिलेगी। अतः यह लेख पूरा अंतिम तक जरूर पढ़ें। तो चलिए आपको चिड़िया की कहानी, चिड़िया वाली कहानी आपको बताते है। Table of Contents • • • • चिड़िया वाली कहानी – चिड़िया की कहानी 1) चिड़िया की कहानी सर्दियों का मौसम चल रहा था। एक दिन बहुत ही ज्यादा ठंड पड़ जाती है। लाडो चिड़िया बोली – अरे बाप रे! आज सुबह इतनी ज्यादा ठंड है…. मुझे कुछ तो करना पड़ेगा। अगर मेरा घोंसला गरम रखना है तो मुझे आग जलाने के लिए लकड़ियां जमा करनी पड़ेगी…. नहीं तो, मैं इस ठंड में मर ही जाऊंगी। लेकिन मैं ये काम अकेले नहीं कर सकती….. मुझे किसी की मदद लेनी पड़ेगी। इतना सोचने के बाद लाडो चिड़िया मीनू चिडिया के पास चली जाती है। लाडो चिड़िया बोली – अरे मीनू मौसी, तुम क्या कर रही हो? मीनू चिड़िया बोली – कुछ नही लाडो! लाडो चिड़िया बोली – अच्छा ठीक है! मीनू चिड़िया बोली – तुम बताओ?.. तुम यहां कैसे? लाडो चिड़िया बोली – अरे कुछ नही.. अभी ठंड का मौ...

कहानी : चिड़िया ने सिखाई राजा को ज्ञान की 4 बातें

हेलो दोस्तों ! आज हम किसी मोटिवेशनल व्यक्तित्व के बारे में नहीं बात कर रहे हैं बल्कि आपको एक कहानी सुनाने जा रहे हैं. यह कहानी वैसे तो एक राजा और एक चिड़िया की है, लेकिन इस कहानी में कुछ अच्छी बातें हैं जिन्हें हमें अपनी लाइफ में अपनाना चाहिए. तो चलिए पहले पढ़ते हैं कि आखिर यह कहानी है क्या ? इस कहानी में एक राजा होता है जिसके पास एक बड़ा और आलीशान महल रहता है. महल के अन्दर सभी सुख और सुविधाएँ होती हैं. इसके साथ ही इस आलिशान महल में एक बहुत ही सुंदर बगीचा भी होता है. राजा के इस बगीचे में एक खुबसूरत अंगूर का पेड़ था. इस अंगूर के पेड़ पर अच्छी तादाद में अंगूर भी लगते और वे काफी अच्छे दिखाई देते. रोजाना इस अंगूर के पेड़ पर एक चिड़िया आती और अंगूर खाती. चिड़िया अंगूर तो खाती लेकिन वह केवल मीठे अंगूर ही खाती और खट्टे अंगूर नीचे फेंक देती. यह सिलसिला इस पेड़ पर कई दिनों से देखने को मिल रहा था. इस पूरे वाकये को एक माली रोज ही देखता था. माली ने कई दिनों तक उस चिड़िया को वहां से भगाने के कई प्रयास किए और कोशिश की कि वह चिड़िया को सबक सिखाए, लेकिन वह सफल नहीं हुआ और वह चिड़िया वहां आती रही. चिड़िया हर बार किसी ना किसी तरह से खुद को बचा लेती और अगले दिन फिर आ जाती. आखिरकार माली इन सब से परेशान होकर राजा के पास गया और राजा को सारो बात विस्तार से बताई. राजा ने माली को कहा कि वे खुद इस मामले को देखेंगे और समझेंगे कि आगे क्या करना है. राजा ने अगले दिन खुद इस काम को देखने के लिए बगीचे का रुख किया. राजा ने अपनी सुझबुझ से इस बार चिड़िया को पकड़ लिया. लेकिन चिड़िया भी कुछ कम समझदार नहीं थी और उसने राजा के सामने अपनी बात रखी. चिड़िया ने राजा से कहा कि मैं आपको 4 ज्ञान की बातें बता सकती हूँ लेकिन इसके बदले में...

चिड़िया और हाथी की कहानी (Hindi Stories For Kids

4.2/5 - (4 votes) चिड़िया का एक जोड़ा एक वृक्ष में घोंसला बनाकर रहा करता था। समय के साथ चिड़िया ने उसी घोसले में अंडे दिए। कुछ समय बाद कड़ी धुप से परशान से एक हाथी उस वृक्ष की छांव में आकर बैठ गया और सो गया। चिड़िया यह देखती रही। कुछ देर बाद जब हाथी नींद से जागा तो उसने मस्त होकर पेड़ की एक डाली तोड़ डाली जिससे उस चिड़िया के अंडे निचे गिरकर टूट गए पर किसी तरह चिड़िया की जान बच गई। चिड़िया दुखी होकर रोने लगी। जब भी चिड़िया को वो दुर्घटना याद आती तो वह अपने आपको रोने से नहीं रोक पाती थी। एक दिन उसके प्रिय मित्र कठफोड़वे ने उसे रोते हुए देख लिया और उसके दुखी होने का कारण पूछा – चिड़िया ने कहा – “प्रिय! एक दुष्ट हाथी ने मेरे अंडो को फोड़ दिया अब मैं उससे बदला लेना चाहती हूँ जिससे मेरे बच्चों के मरने से पैदा हुआ मेरा दुःख दूर हो सके, अगर तुम मेरे सच्चे मित्र हो तो मेरा इस कार्य में साथ दो।” कठफोडवे ने जवाब दिया – “यह भी कोई पूछने योग्य बात है मैं तुम्हारा सच्चा मित्र हूँ इसलिए उस हाथी को मारने के लिए तुम्हारा साथ जरूर दूंगा मेरी एक मक्खी मित्र है जो बहुत ही होशियार है वह हाथी को मारने में हमारा साथ देगी।” कठफोड़वा और चिड़िया दोनों मक्खी के पास जाते हैं और कठफोड़वा कहता है – “मित्र ! ये चिड़िया मेरी परम मित्र है इसके अण्डे एक हाथी ने फोड़ दिए हैं इसलिए यह उस हाथी से बदला लेना चाहती है।” मक्खी कहती है- “ठीक है मैं तुम्हारी सहायता अवश्य करुँगी हम मिलकर मेरे परम मित्र मेंढक के पास चलते हैं वह हाथी को मारने के लिए हमें उचित सलाह देगा।“ सभी मेढक के पास जाकर उसके आगे खड़े हो जाते हैं और पूरी बात बताते हैं। इसपर मेढ़क कहता है – “ठीक हैं मैं इस काम में तुम्हारी सहायता जरूर करूँगा, मक्खी...