तुलसीदास

  1. कवितावली
  2. गोस्वामी तुलसीदास
  3. गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय
  4. Tulsidas Biography In Hindi
  5. तुलसीदास जी का जीवन परिचय
  6. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2


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कवितावली

कवि मूल शीर्षक कवितावली मुख्य पात्र प्रकाशक देश भाषा शैली विषय श्रीराम की जीवनकथा भाग सात काण्डों में विभाजित मुखपृष्ठ रचना सजिल्द टिप्पणी इसके कवितावली रचना काल 16वीं साहित्यिक विशेषताएँ कवितावली की छंद रचना इन छन्दों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है - • एक तो वे जो रामकथा के सम्बन्ध के है और • दूसरे वे जो अन्य विविध विषयों के हैं। समस्त छन्द सात खण्डों में विभक्त हैं। प्रथम प्रकार के छ्न्द रचना के लंका- काण्ड तक आते हैं और द्वितीय प्रकार के छन्द उत्तरकाण्ड में रख दिये गये हैं। कथा कथा- सम्बन्धी छन्द ' कवितावली का काव्य- शिल्प 'कवितावली' का काव्य- शिल्प मुक्तक काव्य का है। उक्तियों की विलक्षणता, अनुप्रासों की छटा, लयपूर्ण शब्दों की स्थापना कथा भाग के छ्न्दों में दर्शनीय है। आगे रीति काल में यह काव्य शैली बहुत लोकप्रिय हुई और इस प्रकार तुलसीदास इस काव्य शैली के प्रथम कवियों में से ज्ञात होते हैं फिर भी उनकी 'कवितावली' के छ्न्दों में पूरी प्रौढ़ता दिखाई पड़ती है। कुछ छ्न्द तो मुक्तक शिल्प की दृष्टि से इतने सुन्दर बन पड़े हैं कि उनसे सुन्दर छ्न्द पूरे रीति साहित्य में भी कदाचित ही मिल सकेंगे, यथा बालकाण्ड के प्रथम सात छ्न्द। इसका कारण कदाचित यह है कि इसके अधिकतर छन्द तुलसीदास के कवि जीवन के उत्तरार्ध के है। इसकी कथा पूर्ण रूप से 'रामचरित मानस' का अनुसरण करती है, यह तथ्य भी इसी अनुमान की पुष्टि करता है। कवितावली का रचना- काल हिन्दी रीति धारा का प्रारम्भ केशव की ' कवितावली का संकलन 'कवितावली' का संकलन कब हुआ होगा, यह विचारणीय है, क्योंकि रचना तिथि का उल्लेख नहीं हुआ है। इसकी जो भी प्रतियाँ अभी तक मिली हैं, उनके छ्न्दों तथा छ्न्द- क्रम में अंतिम कुछ छन्दों को छोड़कर कोई ...

गोस्वामी तुलसीदास

प्रश्न 1. गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय देते हुए उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए। गोस्वामी तुलसीदास भक्तिकाल की सगुण भक्तिधारा की रामभक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि हैं। उनका रामकथा पर आधारित महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ एक विश्वविख्यात रचना है। जिसमें मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्श चरित्र के माध्यम से मानव को नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी गई है। उनके काव्य में भक्ति, ज्ञान एवं कर्म की त्रिवेणी प्रवाहित हो रही है। तुलसी का काव्य लोकमंगल की भावना से ओतप्रोत है तथा उसमें समन्वय की विराट चेष्टा की गई है। हिन्दी काव्य में तुलसी सर्वश्रेष्ठ कवि के रूप में प्रतिष्ठित हैं तथा आचार्य रामचन्द्र शुक्ल तो उन्हें ऐसा महान कवि मानते हैं जो कवियों का मापदण्ड बन चुके हैं। जीवन परिचय तुलसीदास के जन्म संवत् तथा जन्म स्थान के सम्बन्ध में पर्याप्त विवाद है। उनके जीवन परिचय को जानने के लिए महात्मा रघुवरदास द्वारा रचित ‘तुलसी चरित’, शिवसिंह सरोज’ नामक हिन्दी साहित्य का इतिहास ग्रन्थ और प्रसिद्ध रामभक्त रामगुलाम द्विवेदी की मान्यताओं का ही आधार ग्रहण किया जाता रहा है। तुलसी के विषय में यह दोहा प्रचलित है- पन्द्रह सौ चौवन बिसे, कालिन्दी के तीर। श्रावण शुक्ला सप्तमी, तुलसी धर्यो शरीर। इसके आधार पर तुलसीदास का जन्म संवत् 1554 विक्रमी (अथात् 1498 ई.) में स्वीकार किया जाता है किन्तु यह इसलिए स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि तब उनकी आयु 126 वर्ष बैठती है, जो उचित नहीं लगती। अधिकांश विद्वान तुलसी का जन्म संवत् 1589 (अर्थात 1532 ई.) स्वीकार करते है जो अधिक तर्कसंगत भी है। यद्यपि इनके जन्मस्थान के विषय में विवाद है फिर भी प्रामाणिक रूप में इनका जन्म बांदा जिले के राजापर ग्राम में हआ था। इनके पिता का नाम आत्म...

गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय

तुलसीदास का जीवन परिचय, गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय, tulsidas ka bachpan, tulsidas ki shiksha, tulsidas ka bachpan in hindi, tulsidas ji ka bachpan, tulsidas ka jivan parichay, तुलसीदास के बचपन का नाम, tulsidas ji kon the, तुलसीदास के गुरु कौन थे, तुलसीदास कौन थे (tulsidas ji kaun the) तुलसीदास जी हिन्दी के अद्वितीय कवि हैं। उनकी गिनती भारत के महान कवि और संत के रूप में की जाती है। वे वेद पुराण के ज्ञाता और हिन्दी के मर्मज्ञ विद्वान थे। तुलसीदास जी का पूरा नाम गोस्वामी तुलसीदास था। तुलसीदास जी ने भगवान राम के जीवन गाथा को सरल भाषा में हिन्दू समुदाय के घर-घर तक पहुंचाया। गोस्वामी तुलसीदास ने राम और शिव की भक्ति के विभेद को दूर कर शैव और वैष्णव समुदाय के बीच समन्वय प्रस्तुत किया। तुलसीदास का जीवन परिचय – BIOGRAPHY OF TULSIDAS IN HINDI तुलसी दास जी ने ईश्वर, जीव और माया के बारें में अपने स्पष्ट विचार रखे हैं। उनके द्वारा रचित महाकाव्य रामचरितमानस एक प्रसिद्ध धर्म ग्रंथ हैं। जिसका पाठ पुण्यदायक माना गया है। कुछ लोग उन्हें रामायण के रचियाता महर्षि बाल्मीकि के अवतार भी कहते हैं। उनके द्वारा रचित महाकाव्य रामचरितमानस के कारण रामायण का पाठ घर-घर में संभव हुआ। तुलसी दास जी अवधि और ब्रजभाषा दोनो में निपुण थे साथ ही वे हिन्दी और संस्कृत के परम ज्ञानी थे। इन्हें भी पढ़ें : – भारत का शेक्सपियर कहे जाने वाले महाकवि कालिदास का जीवन परिचय कहते हैं की तुलसीदास जी अपने पत्नी के भटकार सुनकर भगवान श्री राम के परम भक्त बन गए। मान्यता है की चित्रकूट के घाट पर हनुमान के सहयोग से प्रभु श्रीराम ने tulsidas ji को दर्शन दिए थे। तो दोस्तों आइये शुरू करते हैं तुलसीदास का जीवन परिचय विस्तार से : – ग...

Tulsidas Biography In Hindi

नमस्कार मित्रो आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है ,आज हम Tulsidas Biography In Hindi में भारतीय तथा विश्व साहित्य के महान कवी और संस्कृत के मुख्य तजज्ञ tulsidas ji ka jivan parichay बताने वाले है। संस्कृत से वास्वतिक रामायण को अनुवादित करने वाले तुलसीदास जी हिन्दी और भारतीय तथा विश्व साहित्य के महान कवि हैं। तुलसीदास के द्वारा ही बनारस के प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर की स्थापना हुयी , tulsidas ke dohe पुरे भारत में ख्यात नाम है। आज tulsidas kiske bhakt the ?, tulsidas in hindi और tulsidas ki rachnaye in hindi की जानकारी बताने वाले है। अपनी मृत्यु तक वो वाराणसी में ही रहे। वाराणसी का तुलसी घाट का नाम उन्हीं के नाम पर पड़ा है। गोस्वामी तुलसीदास एक महान हिन्दू संत, समाजसुधारक के साथ ही दर्शनशास्त्र और कई प्रसिद्ध किताबों के भी रचयिता थे। राम के प्रति अथाह प्रेम की वजह से ही वे महान महाकाव्य रामचरित मानस के लेखक बने। तुलसीदास को हमेशा वाल्मिकी (संस्कृत में रामायण और हनुमान चालीसा के वास्वतिक रचयिता) के अवतरण के रुप में प्रशंसा मिली। तुलसीदास ने अपना पूरा जीवन शुरुआत से अंत तक बनारस में ही व्यतीत किया था। तो चलिए तुलसीदास का साहित्यिक परिचय करवाते है। नाम गोस्वामी तुलसीदास जन्म सवंत 1589 जन्म स्थान राजापुर ( उत्तर प्रदेश ) पिता आत्माराम माता हुलसी पत्नी रत्नावली गुरु श्री नरहरिदास भाषा वज्र तथा अवधी भाषा धर्म हिन्दू दर्शन वैष्णव मृत्यु 1623 ई० (संवत 1680 वि०) वाराणसी Tulsidas Biography In Hindi – तुलसीदास का जन्म श्रावण मास के सातवें दिन में चमकदार अर्ध चन्द्रमा के समय पर हुआ था। उत्तर प्रदेश के यमुना नदी के किनारे राजापुर (चित्रकुट) को तुलसीदास का जन्म स्थान माना जाता है। इनके मात...

तुलसीदास जी का जीवन परिचय

तुलसीदासजीकाजीवनपरिचय– Biography of Tulsidas in Hindi तुलसीदासजीकेबारेमें– Tulsidas Information in Hindi पूरानाम (Name) गोस्वामीतुलसीदास जन्म (Birthday) सवंत 1589 जन्मस्थान (Birthplace) राजापुर, बाँदा, उत्तरप्रदेश माता (Mother Name) हुलसीदेवी पिता (Father Name) आत्मारामदुबे शिक्षा (Education) बचपनसेहीवेद, पुराणएवंउपनिषदोंकीशिक्षामिलीथी। विवाह (Wife Name) रत्नावलीकेसाथ। बच्चे (Son Name) तारक धर्म हिन्दूधर्म प्रसिद्ध कविऔरसंत गुरु / शिक्षक (Guru) नरहरिदास खिताब/सम्मान (Achievements) गोस्वामी, अभिनववाल्मीकि, इत्यादि साहित्यिककार्य (Rachnaye) रामचरितमानस, विनयपत्रिका, दोहावली, कवितावली, हनुमानचालीसा, वैराग्यसन्दीपनी, जानकीमंगल, पार्वतीमंगल, इत्यादि कथन (Quotes) सीयराममयसबजगजानी।करउँप्रनामजोरिजुगपानी॥ तुलसीदासजीकाजीवनपरिचय– tulsidas ki kahani Tulsidas –तुलसीदासकेजन्मऔरप्रारंभिकजीवनकेआस-पासकेविवरणअस्पष्टहैं। Tulsidas –तुलसीदासकेजन्मकेवर्षकेबारेमेंमतभेदहैहालांकिकहाजाताहैंकीउनकाजन्मसंवत 1589 मेंहुआहै।इनकेजन्मकेसम्बन्धमेंनीचेलिखाकहादोहाप्रसिद्धहै। “पन्द्रहसौचौवनविसेकालिन्दीकेतीर। श्रावणशुक्लासप्तमी , तुलसीधरयोशरीर।। ” तुलसीदासजीकेमाता-पिता: तुलसीदासजीकाकैसेपड़ारामबोलानाम: Tulsidas –तुलसीदासजीकेजन्मकोलेकरफिलहालकईमतभेदहैं।ऐसाकहाजाताहैकिवह 12 महीनेतकअपनीमांकेगर्भमेंथेऔरवेअन्यबच्चोंसेअलग 32 दांतोंकेसाथपैदाहुएथेइसकेसाथहीवेबाकीबच्चोंकीतरहजन्मकेसमयरोएनहींथे, बल्किउन्होनें“राम”शब्दकहाथाजिसकेकारणउन्हें“रामबोला”नामदियागयाथा। उनकेजन्मकेसमयज्योतिषियोंनेबतायाथाकि Tulsidas –तुलसीदासअशुभसमयमेंपैदाहुएथेसाथहीयेभीकहाथाकिवेअपनेमाता-पिताकेऊपरसंकटरहेंगेजिसकेकुछदिनबादउनकीमाताहुलसीजीकादेहांतहोगयाऔरकुछदिन...

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2 तुलसीदास are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for तुलसीदास are extremely popular among Class 10 students for Hindi तुलसीदास Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of Class 10 Hindi Chapter 2 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class Class 10 Hindi are prepared by experts and are 100% accurate. Answer: परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनु ष के टूट जाने पर निम्नलिखित तर्क दिए - (1) हमें तो यह अ साधारण शिव धुनष साधारण धनुष की भाँति लगा। (2) श्री राम को तो ये धनुष, नए धनुष के समान लगा। (3) श्री राम ने इसे तोड़ा नहीं बस उनके छूते ही धनुष स्वत: टूट गया। (4) इस धनुष को तोड़ते हुए उन्होंने किसी लाभ व हानि के विषय में नहीं सोचा था। (5) उन्होंने ऐसे अनेक धनुषों को बालपन में यूँ ही तोड़ दिया था। इसलिए यही सोचकर उनसे यह कार्य हो गया। Page No 14: Answer: परशुराम के क्रोध करने पर श्री राम ने धीरज से काम लिया। उन्होंने नम्रता पूर्ण वचनों का सहारा लेकर परशुराम के क्रोध को शांत करने का प्रयास किया। परशुराम जी क्रोधी स्वभाव के थे। श्री राम उनके क्रोध पर शीतल जल के समान शब्दों व आचरण का आश्रय ले रहे थे। यही कारण था कि उन्होंने स्वयं को उनका सेवक बताया व उनसे अपने लिए आज्ञा करने का निवेदन किया। उनकी भाषा अत्यंत कोमल व मीठी थी और परशुराम के क्रोधित होने पर भी वह अपनी कोमलता को नहीं छोड़ते थे। इसके विपरीत लक्ष्मण परशुराम की भ...