तुलसीदास का जीवन परिचय class 10

  1. पढ़िए गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय
  2. महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – Tulsidas Essay In Hindi – Learn Cram
  3. तुलसीदास का जीवन परिचय और रचनाएं, जन्म और मृत्यु कब हुई, कृतियां, दोहे - Gyan Light
  4. तुलसीदास का जीवन परिचय


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पढ़िए गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय

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महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – Tulsidas Essay In Hindi – Learn Cram

महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Essay On Tulsidas In Hindi) मेरे प्रिय कवि तुलसीदास – My Dear Poet Tulsidas) रूपरेखा– • प्रस्तावना, • जीवन और कृतियाँ, • तुलसी की युगीन परिस्थिति, • लोकनायक तुलसी की समन्वय की साधना, • तुलसी का काव्य–वैभव, • उपसंहार।। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – Mahaakavi Tulaseedaas Ka Jeevan Parichay Nibandh प्रस्तावना– मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित्र–गायक, भारतीय समाज के उन्नायक और काव्यरसिकों को परमानन्ददायक, गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस के समन्वय–सरोवर में स्नान कराके जन–मन के सारे ताप–संताप दूर कर दिए हैं। तुलसी ने शोषित, पीड़ित और अपमानित जनता को आश्वासन दिया था कि- “जब–जब होइ धरम की हानी। बाढहि असुर अधम अभिमानी॥ तब–तब धरि प्रभु मनुज शरीरा। हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा॥” इस कारण तुलसी और उनका कृतित्व विश्व के आस्तिकजनों के लिए आस्था और विश्वास का आधार बना हुआ है। इसी कारण ‘तुलसी’ मेरे प्रिय साहित्यकार और कवि हैं। जीवन और कृतियाँ– भारतीयों के कण्ठहार गोस्वामी तुलसीदास ने अपने जन्म से किस भू–भाग को धन्य किया? यह विषय विवादग्रस्त है, तथापि उनकी एक महामानव के रूप में प्रतिष्ठा निर्विवाद है। वह सोरों के थे कि राजपुर के अथवा वाराह क्षेत्र के थे, यह चिन्तन इतिहास–प्रेमियों के लिए चिन्ता का विषय भले ही हो, पर काव्य–प्रेमियों के लिए तो तुलसी सार्वजनीन और सार्वक्षेत्रीय हैं। पुत्र के रूप में तुलसी सौभाग्यशाली न थे। पिता और माता दोनों के स्नेह की छाया से वंचित तुलसी की शैशव–गाथा बड़ी करुणापूर्ण है–”मात–पिता जग जाहि तज्यौ, विधिहू न लिखी कछु भाग भलाई।” यह पंक्ति तुलसी के विपन्...

तुलसीदास का जीवन परिचय और रचनाएं, जन्म और मृत्यु कब हुई, कृतियां, दोहे - Gyan Light

तुलसीदास का जीवन परिचय संत कवि तुलसीदास जी का उद्देश्य केवल ईश्वर की आराधना ही करना था । वे एक आदर्श व्यक्ति थे। इसलिए उन्होंने अपना आराध्य श्री राम भगवान को बनाया था। उन्होंने उनके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण बात को अपनाया की उनका संपूर्ण जीवन एक मर्यादा की डोर से बंधा था। उन्होंने हमेशा दूसरों की भुलाई करी, वे एक योग्य पुत्र, एक सहयोगी भाई, एक आदर्श पति, संकट में साथ देने वाला सच्चा मित्र। उनकी प्रत्येक अच्छाई को तुलसीदास जी ने अपने जीवन में उतार कर श्री राम जी के जीवन का गुणगान किया। तुलसीदास का जीवन परिचय तुलसीदास जी का जन्म गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म 1532 ई० में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के राजापुर गांव में हुआ था। कुछ विद्वान उनका जन्म स्थान सोरो भी मानते हैं। मूल नक्षत्र में उत्पन्न होने से इनके माता-पिता ने इन्हें त्याग दिए जाने के कारण भिक्षाटन द्वारा जीवन यापन करने लगे। तुलसीदास जी की माता जी का नाम हुलसी था। और तुलसीदास जी के पिताजी का नाम आत्माराम दुबे था। और कई स्त्रोतों का दावा है। कि तुलसीदास जी पराशर गोत्र (वंश) के थे। ये एक सरयूपारीण ब्राह्मण थे। जबकि अन्य लोग इन्हें कान्यकुब्ज ब्राह्मण मारते थे। इनके जन्म के समय कई अनोखी बातें देखने में आई थी। तुलसीदास जी की मृत्यु 1623 ई० ( संवत 1680 विक्रमी. ) वाराणसी में हुई थी। जन्म सन् 1532 ई० को जन्म स्थान बांदा जिले के राजापुर ग्राम में पिता का नाम श्री आत्माराम दुबे माता का नाम श्रीमती हुलसी रचनाएं श्रीरामचरितमानस, विनय पत्रिका, गीतावली, कवितावली, जानकी मंगल आदि मृत्यु सन् 1623 ई० में तुलसीदास जी की शिक्षा बाबा नरहरी दास की कृपा उनकी रामभक्ति में अनुरक्ति हुई। और उन्ही से उन्होंने ज्ञान पाया। गुरु जी से शिक्षा दीक्...

तुलसीदास का जीवन परिचय

Goswami tulsidas ka jivan parichay class 10, तुलसीदास का जीवन परिचय एवं रचनाएं in Hindi PDF Download: गोस्वामी तुलसीदास, हिन्दी साहित्य के महान कवि एवं सन्त रहे हैं। उनका जन्म 16वीं शताब्दी के गंगावंशीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। तुलसीदास का जन्मस्थान उत्तर प्रदेश के प्रयागजन्य (वराणसी) नगर में हुआ था। उनके पिता का नाम अत्रेय था और माता का नाम हुलसी था। तुलसीदास के जीवनकाल में भारत में साम्राज्यवादी मुग़ल साम्राज्य था, जिसके अंतर्गत धर्म-निरपेक्षता आदि के कारण कई लोग विपरीत वादी तत्त्वों के चलते उदासीन हुए और धार्मिक विचारधारा को अपनाने की दिशा में आगे बढ़े। तुलसीदास भी इन्हीं में से एक थे। तुलसीदास का जीवन साहित्य, धार्मिक काव्य और आध्यात्मिक विचारधारा में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने 'रामचरितमानस' की रचना की, जो श्रीराम के जीवन के अनुभवों पर आधारित है। इस काव्य के माध्यम से उन्होंने भारतीय साहित्य को नया आयाम दिया। इसके अलावा उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास की कृतियों में 'हनुमान चालीसा', 'कवितावली', 'विनय पत्रिका' आदि उपन्यास भी लिखे हैं। उनकी रचनाएं भक्ति, प्रेम, आत्म-समर्पण और ज्ञान को बताती हैं। गोस्वामी तुलसीदास एक महान हिंदी साहित्यकार और संत थे। उनका जन्म 16वीं शताब्दी के उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज (वाराणसी) जिले में हुआ। उनकी रचनाओं ने हिंदी साहित्य को नये आयाम दिए और उन्होंने आदिकावी वाल्मीकि के महाकाव्य "रामायण" को हिंदी में पुनर्संचारित किया। तुलसीदास के ग्रन्थों में धार्मिक, सामाजिक और मानवीय मुद्दों पर व्यापक विचार व्यक्त होते हैं। यहां हम उनके जीवन के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। तुलसीदास का जन्म सन् 1532 में हुआ था। उनके असली...