उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण

  1. CLASS 10 NCERT NOTES अध्याय 4 : वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (HINDI)
  2. Class 11 Economics
  3. नोट्स, पाठ
  4. उदारीकरण,निजीकरण और वैश्विकरण क्या है।? » Udaarikaran Nijikaran Aur Vaishvikaran Kya Hai
  5. वैश्वीकरण, निजीकरण और उदारीकरण के बीच अंतर
  6. वैश्वीकरण, उदारीकरण और निजीकरण के बीच अंतर


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CLASS 10 NCERT NOTES अध्याय 4 : वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (HINDI)

भारतीय अर्थव्यवस्था। विदेश व्यापार कैसे बाजारों का एकीकरण करता है ? भारत में वैश्वीकरण का प्रभाव । वैश्विकरण निजीकरण उदारीकरण बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ विदेशी निवेश WTO विश्व व्यापार संगठन WB विश्व बैंक सेज SEZ। ☆ भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में सातवें स्थान पर है, जनसंख्या में इसका दूसरा स्थान है।1991 से भारत में बहुत तेज आर्थिक प्रगति हुई है जब से उदारीकरण और आर्थिक सुधार की नीति लागू की गयी है और भारत विश्व की एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरकर आया है ○ भारतीय अर्थव्यवस्था :- भारत एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है। एक तरफ निजी क्षेत्र को व्यापारिक स्वतंत्रता मिलती है वहीं सामाजिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सरकारी नियंत्रण भी बना रहता है। इस प्रकार स्वतंत्र उद्यम और सरकारी नियंत्रण के मिले जुले समावेश की प्रणाली मिश्रित अर्थव्यवस्था कहलाती है। ○ विदेश व्यापार कैसे बाजारों का एकीकरण करता है ? • विश्व के अधिंकाश भाग तेज़ी से एक-दूसरे से जुड़ते जा रहे हैं। • विदेश व्यापार उत्पादकों को अपने देश के बाजार से बाहर के बाजारों में पहुँचने का अवसर प्रदान करता है। • खरीददारों के समक्ष दूसरे देश में उत्पादित वस्तुओं के आयात से विकल्पों का विस्तार होता है । • देशों के बीच इस पारस्परिक जुड़ाव के अनेक आयाम है :- 1.आर्थिक 2.सांस्कृतिक 3.सामाजिक 4.राजनीतिक ☆ विश्व भर के उत्पादन को एक दूसरे से जोड़ना :- • बहुराष्ट्रीय कपंनियाँ उसी स्थान पर उत्पादन इकाई स्थापित करती हैं जो बाजार के नजदीक हो , जहाँ कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम उपलब्ध हो तथा सरकारी नीतियाँ अनुकूल हो । • इनके द्वारा निवेश किए गए धन को विदेशी निवेश कहते हैं । • स्थानीय कपंन...

Class 11 Economics

11 Class Economics – II Chapter 3 उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण एक समीक्षा Notes In Hindi Economic Reforms Since 1991 Board CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board Textbook NCERT Class Class 11 Subject Economics 2ND BOOK Chapter Chapter 3 Chapter Name उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण एक समीक्षा Economic Reforms Since 1991 Category Class 11 Economics Notes in Hindi Medium Hindi Class 11 Economics – II Chapter 3 उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण एक समीक्षा Notes In Hindi जिसमे हम उदारीकरण , निजीकरण , वैश्वीकरण , भारतीय अर्थव्यवस्था सुधारों का दौर आदि के बारे में पड़ेंगे । Class 11 Economics – II Chapter 3 उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण एक समीक्षा Economic Reforms Since 1991 Notes In Hindi 📚 अध्याय = 3 📚 💠 उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण एक समीक्षा 💠 ✴️ स्वतंत्र भारत में समाजवादी तथा पूँजीवादी अर्थव्यवस्था के गुणों को सम्मिलित करते हुए मिश्रित आर्थिक ढांचे को स्वीकार किया गया । भारतीय अर्थव्यवस्था की अक्षम प्रबंधन ने 1980 के दशक तक वित्तीय संकट उत्पन्न कर दिया । सरकारी नीतियों और प्रशासन के क्रियान्वयन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र तथा टैक्स ( कर ) सरकार के आय के स्रोत हैं । भारत में 1991 से भारत सरकार द्वारा कई आर्थिक सुधार किए गए । ❇️आर्थिक सुधार की आवश्यकता :- 🔹1990 – 91 में भारत की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय थी । 1991 के दौरान विदेशी ऋण के कारण भारत के सामने एक आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया तथा सरकार विदेशों से लिए गए उधार के पुनर्भुगतान की स्थिति में नहीं थी । • विदेशी व्यापार खाते में घाटा बढ़ता जा रहा था । • 1988 से 1991 तक इसके बढ़ने क...

नोट्स, पाठ

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उदारीकरण,निजीकरण और वैश्विकरण क्या है।? » Udaarikaran Nijikaran Aur Vaishvikaran Kya Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। संध्या काल में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार करते हुए भारतीय गवर्नमेंट ने एक नई पॉलिसी लाया जिसे LPG पॉलिसी कहा जाता है LPG का अर्थ होता है लिब्रलाइजेशन प्राइवेटाइजेशन ग्लोबलाइजेशन का अर्थ है अपने अर्थव्यवस्था को लेवल करना ज्यादा रेस्ट्रिक्शन ना लगाना जैसे की पहले बहुत ही ज्यादा रेस्ट्रिक्शन था व्यवसाय करने में बहुत ज्यादा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट लाइसेंस वगैरा-वगैरा तो आपसे बहुत सारी चीजों में ऐसी चीजों में जॉब में अनिवार्य नहीं है उसमें लाइसेंस कोटा वगैरह को हटा दिया गया और अर्थव्यवस्था को लीडर बनाया गया प्राइवेटाइजेशन का अर्थ है जो सरकी जो कार्य सरकार कर रही थी उसे प्राइवेट हाथों में 4:00 पर उसका कुछ सॉफ्टवेयर कुशल संपादन करना जिससे कि ज्यादा प्राइवेटाइजेशन हो और ज्यादा से ज्यादा और स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन का अर्थ होता है एक अर्थव्यवस्था का विश्व के सभी अर्थव्यवस्थाओं से कनेक्ट करना एक अर्थव्यवस्था को दूसरे अर्थव्यवस्था से जोड़ना ही प्रिपरेशन कहा गया है तो सरकार ने इस पॉलिसी को अपनाया लिबरेशन प्राइवेटाइजेशन ऑफ़ ग्लोबलाइजेशन उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण की नीति को अपनाया सन 1991 में इसका यही तात्पर्य है sandhya kaal mein bharatiya arthavyavastha mein sudhaar karte hue bharatiya government ne ek nayi policy laya jise LPG policy kaha jata hai LPG ka arth hota hai libralaijeshan privatisation globalization ka arth hai apne arthavyavastha ko level karna zyada restriction na lagana jaise ki pehle BA hut hi zyada restriction tha vyavasaya karne mein BA hut zyada distri...

वैश्वीकरण, निजीकरण और उदारीकरण के बीच अंतर

वैश्वीकरण, निजीकरण और उदारीकरण के बीच अंतर | Read this article in Hindi to learn about the differences between globalization, privatization and liberalization. उदारीकरण के सामाजिक आर्थिक निहितार्थ बहुआयामी हैं । वैश्वीकरण के आर्थिक आयाम ज्यादा सुप्रकट और दूरगामी हैं । लोगों को काम-काज, रोजगार, कार्य दशाएँ, आमदनी, परिवारों के सामाजिक स्तर, समाज, स्वतंत्रता और सामाजिक, सांस्कृतिक पहचान, महिला सशक्तिकरण पर वैश्वीकरण के बहुत-से प्रभाव होते हैं । वैश्वीकरण ( Globalization): वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक और मानवीय घटनाओं की अंतः क्रियाओं की अवधारणा को वैश्वीकरण कहा जाता है । वैश्वीकरण से आशय विश्व के विभिन्न देशों के बीच परस्पर बढ़ते ओर रुझान है । वैश्वीकरण प्राथमिक तौर पर आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक प्रौद्योगिकीय तत्वों का परस्पर आदान-प्रदान करना है, जो समाजों, राष्ट्रों और देशों के बीच घटित होता है । दूसरे शब्दों में यह एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक समाज अर्थव्यवस्था, उत्पादन, वितरण, सांस्कृतिक, कला, संगीत, फैशन, परंपराओं एवं जीवन-शैली के क्षेत्र में बाहरी प्रभावों के प्रति अपने-आपको खोलता है । ADVERTISEMENTS: वैश्वीकरण का सबसे महत्त्वपूर्ण स्वरूप आर्थिक वैश्वीकरण है । आर्थिक वैश्वीकरण में पूंजी, श्रम, प्रौद्योगिक एवं उत्पादों का मुफ्त आदान-प्रदान होता है । इस प्रकार के मुफ्त आदान-प्रदान से अर्थव्यवस्था, संस्कृति, सामाजिक एवं आर्थिक वातावरण पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है । आर्थिक वैश्वीकरण में विदेशी-निवेशों को, विदेशी कर्जों एवं और आदिवासी भुगतानों के अंतः वाह की अनुमति देना है । संक्षिप्त में वैश्वीकरण सीमाविहीन विश्व है । इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लि...

वैश्वीकरण, उदारीकरण और निजीकरण के बीच अंतर

वैश्वीकरण, उदारीकरण और निजीकरण के बीच अंतर | Difference Between Globalization, Liberalization and Privatization in Hindi! वैश्वीकरण (Globalization in India): वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक एवं मानवीय घटनाओं की अन्त क्रियाओं की अवधारणा को वैश्वीकरण के रूप में जाना जाता है । इससे आशय विश्व के विभिन्न देशों के बीच परस्पर बढ़ते जुडाव की ओर रुझान से है । यह प्राथमिक तौर पर आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, प्रौद्योगिकीय तत्वों का परस्पर आदान-प्रदान है जो समाजों, राष्ट्रों एवं देशों के बीच घटित होता है । दूसरे शब्दों में यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक समाज अर्थव्यवस्था उत्पादन वितरण व्यापार संस्कृति कला संगीत फैशन परम्पराओं व जीवन शैली के क्षेत्रों में बाहरी प्रभावों के प्रति अपने आप को खोजता है । वैश्वीकरण एवं उदारीकरण के आर्थिक-समाजिक निहितार्थ बहुआयामी हैं । वैश्वीकरण के आर्थिक आयाम अधिक सुप्रकट एवं दूरगामी हैं । लोगों के काम-काज, रोजगार कार्य दशायें, आमदनी, परिवार के सामाजिक स्तर, आजादी और सामाजिक सुरक्षा, संस्कृति, पहचान, महिला सशक्तीकरण पर वैश्वीकरण के नाना प्रकार के प्रभाव होते हैं । ADVERTISEMENTS: यद्यपि देशों का परस्पर जुड़ाव अति प्राचीन काल से जारी है । इस प्रक्रिया को पहली बार २०वीं सदी के उत्तरार्द्ध के आस-पास वैश्वीकरण का नाम दिया गया । वैश्वीकरण पर अधिकतर साहित्य 1970 और 1980 के दशकों के उत्तरार्द्ध से प्रकाश में आया । समसामयिक वैश्वीकरण भूतकाल में देखी गई प्रक्रिया से मुख्यतौर पर परस्पर आदान-प्रदान और जुड़ाव के परिणाम के अर्थों में भिन्न है । आज हर चीज पहले की तुलना में अधिक तेज गति से होती है । वैश्वीकरण की मौजूदा प्रक्रिया जिसका आमतौर पर देशों के बीच व्याप...