उज्जैन होटल नियर महाकालेश्वर टेम्पल

  1. उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर कब और कैसे जाये, कहाँ घूमे
  2. उज्जैन के 16 मुख्य धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल
  3. महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के बारे में पूरी जानकारी
  4. चिंतामण गणेश मंदिर उज्जैन
  5. Mahakaleshwar Mandir: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर का करना चाहते हैं दर्शन, तो ये है सफर की पूरी जानकारी
  6. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे
  7. Mahakal Temple Ujjain: इसी माह आम लोगों के लिए फिर खुल जाएगा महाकालेश्वर धाम, नोट कर लें Opening Date और नए नियम
  8. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे
  9. उज्जैन के 16 मुख्य धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल
  10. उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर कब और कैसे जाये, कहाँ घूमे


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उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर कब और कैसे जाये, कहाँ घूमे

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरोमें से एक है जो भगवान शिव को समर्पित है। सच कहा जाए तो यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसे सबसे पवित्र शिव मंदिरो में से एकहोना चाहिए। उज्जैन में स्थित, रुद्र सागर झील के पक्ष में व्यवस्थित किया गया है, जिसमें शिव की प्रत्यक्ष देवत्व लिंगम संरचना में है जिसे अन्यथा स्वयंभू कहा जाता है। महाकालेश्वर का प्रतीक दक्षिणामूर्ति के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह दक्षिण का सामना कर रहा है, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में एक उल्लेखनीय घटक है। गर्भगृह के पश्चिम, उत्तर और पूर्व में गणेश, पार्वती और कार्तिकेय के चित्र पेश किए गए हैं। दक्षिण की ओर भगवान शिव के वाहन नंदी की तस्वीर है। श्री महाकालेश्वर उज्जैन शहर का सबसे महत्वपूर्ण मंदिरहै और इसी तरह इसकी भस्म आरती के लिए भी जाना जाता है। महाकालेश्वर मंदिर का इतिहास महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन का एक आकर्षक इतिहास है। कहा जाता है कि राजा चंद्रसेन ने अतीत में उज्जैन शहर पर शासन किया था। राजा भगवान शिव के परम भक्त थे। श्रीखर, एक युवक, उसके समर्पण से प्रेरित था और उसकी प्रार्थनाओं में भाग लेना चाहता था। दुर्भाग्य से, शाही घुड़सवार सेना ने उसे ठुकरा दिया। महाकालेश्वर मंदिर संयोग से, उस समय कई पड़ोसी राजा उज्जैन पर हमले की तैयारी कर रहे थे। जब श्रीखर और ग्राम पुजारी वृधि को यह पता चला, तो वे उत्साहपूर्वक प्रार्थना करने लगे। भगवान शिव ने उनकी विनती सुनी और हमेशा के लिए एक लिंगम के रूप में शहर की रक्षा करने का फैसला किया। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर तब शासक राजा और उनके वंशजों द्वारा बनाया गया था। उज्जैन महाकाल मंदिर पर कई बार हमला किया गया और अंततः क्षतिग्रस्त और ध्वस्त हो गया। ह...

उज्जैन के 16 मुख्य धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल

पुराणों में उल्लेख है कि भारत की पवित्रतम सप्तपुरियों में अवन्तिका अर्थात उज्जैन भी एक है। इसी आधार पर उज्जैन का धार्मिक महत्व अतिविशिष्ट है। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर का यहां स्‍थित होना। उपरोक्त दोनों तथ्‍य उज्जैन की प्रतिष्ठा एवं महत्व को और भी अधिक बढ़ाने में सहायक होते हैं। यहां पर श्मशान, ऊषर, क्षेत्र, पीठ एवं वन- ये 5 विशेष संयोग एक ही स्थल पर उपलब्ध हैं। यह संयोग उज्जैन की महिमा को और भी अधिक गरिमामय बनाता है। उक्त दृष्टिकोण से मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर‍ स्‍थित उज्जैन प्राचीनकाल से ही धर्म, दर्शन, संस्कृति, विद्या एवं आस्था का केंद्र रहा है। इसी आधार पर यहां कई धार्मिक स्थलों का निर्माण स्वाभाविक रूप से हुआ। हिन्दू धर्म और संस्कृति के पोषक अनेक राजाओं, धर्मगुरुओं एवं महंतों ने जनसहयोग से इस महातीर्थ को सुंदर एवं आकर्षक मंदिरों, आराधना स्थलों आदि से श्रृंगारित किया। उज्जैन के प्राचीन मंदिर एवं पूजा स्थल जहां एक ओर पुरातत्व शास्त्र की बहुमूल्य धरोहर हैं, वहीं दूसरी ओर ये हमारी आस्‍था एवं विश्वास के आदर्श केंद भी हैं। अर्थात् ब्रह्मांड में सर्वपूज्य माने गए तीनों लिंगों में भूलोक में स्‍थित भगवान महाकाल प्रधान हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों में इनकी गणना होती है। उज्जैन के प्रथम और शाश्वत शासक भी महाराजाधिराज श्री महाकाल ही हैं, तभी तो उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है। दक्षिणमुखी होने से इनका विशेष तांत्रिक महत्व भी है। ये कालचक्र के प्रवर्तक हैं तथा भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले बाबा महाकालेश्वर के दर्शन मात्र से ही प्राणिमात्र की काल मृत्यु से रक्षा होती है, ऐसी शास्त्रों की मान्यता है। भारत के नाभिस्थल में, क...

महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के बारे में पूरी जानकारी

4/5 - (22 votes) Mahakal Temple Ujjain In Hindi : महाकालेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो मध्य प्रदेश राज्य में रुद्र सागर झील के किनारे बसे प्राचीन शहर उज्जैन में स्थित है जो हिंदुओं के सबसे पवित्र और उत्कृष्ट तीर्थ स्थानों में से एक है। इस मंदिर में दक्षिण मुखी महाकालेश्वर महादेव भगवान शिव की पूजा की जाती है। महाकाल के यहां प्रतिदिन सुबह के समय भस्म आरती होती है। इस आरती की खासियत यह है कि इसमें मुर्दे की भस्म से महाकाल का श्रृंगार किया जाता है। इस जगह को भगवान शिव का पवित्र निवास स्थान माना जाता है। यहां पर आधुनिक और व्यस्त जीवन शैली होने के बाद भी यह मंदिर यहां आने वाले पर्यटकों को पूरी तरह से मन की शांति प्रदान करता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह एक अत्यंत पुण्यदायी मंदिर है। माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन मात्र से मोक्ष की प्राप्ति होती है। Tabel Content • • • • • • • • • • • • • • • • • • 1. उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर फेमस क्यों है- Why Is Mahakaleshwar Mandir Ujjain is Famous In Hindi उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर, रुद्र सागर झील के किनारे स्थित है। महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। भगवान शिव का यह मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है जिसको भगवान शिव का सबसे पवित्र निवास स्थान माना जाता है। भगवान शिव मंदिर के प्रमुख देवता हैं जो लिंगम रूप में वहां मौजूद हैं। महाकालेश्वर मंदिर को भारत के टॉप 10 तंत्र मंदिरों में से एक माना जाता है। यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ भस्म-आरती (राख की रस्म) की रस्म निभाई जाती है। यह आरती रोज़ भगवान शिव को जगाने के लिए की जाती है। भगवान शिव का आशीर्वाद लेने ...

चिंतामण गणेश मंदिर उज्जैन

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से करीब 6 किलोमीटर दूर ग्राम जवास्या में भगवान गणेश का प्राचीनतम मंदिर स्थित है। इसे चिंतामण गणेश के नाम से जाना जाता है। गर्भगृह में प्रवेश करते ही हमें गौरीसुत गणेश की तीन प्रतिमाएं दिखाई देती हैं। यहां पार्वतीनंदन तीन रूपों में विराजमान हैं। पहला चिंतामण, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक। ऐसी मान्यता है कि चिंतामण गणेश चिंता से मुक्ति प्रदान करते हैं, जबकि इच्छामन अपने भक्तों की कामनाएं पूर्ण करते हैं। गणेश का सिद्धिविनायक स्वरूप सिद्धि प्रदान करता है। इस अद्भुत मंदिर की मूर्तियां स्वयंभू हैं। गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले जैसे ही आप ऊपर नजर उठाएंगे तो चिंतामण गणेश का एक श्लोक भी लिखा हुआ दिखाई देता है... जब भगवान श्रीराम ने सीता और लक्ष्मण के साथ अवंतिका खंड के महाकाल वन में प्रवेश किया था तब अपनी यात्रा की निर्विघ्नता के लिए षट् विनायकों की स्थापना की थी। ऐसी भी मान्यता है कि लंका से लौटते समय भगवान राम, सीता एवं लक्ष्मण यहां रुके थे। यहीं पास में एक बावड़ी भी है जिसे लक्ष्मण बावड़ी के नाम से जाना जाता है। बावड़ी करीब 80 फुट गहरी है। मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित सीताराम ने बताया कि गणेश चतुर्थी, तिल चतुर्थी और प्रत्येक बुधवार को यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। चैत्र मास के प्रत्येक बुधवार को यहां मेला भी भरता है। मनोकामना पूर्ण होने पर हजारों श्रद्धालु दूरदराज से पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचते हैं। सीताराम पुजारी बताते हैं कि सिंदूर और वर्क से प्रात: गणेशजी का श्रृंगार किया जाता है, जबकि पर्व और उत्सव के दौरान दो बार भी लंबोदर गणेश का श्रृंगार किया जाता है।

Mahakaleshwar Mandir: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर का करना चाहते हैं दर्शन, तो ये है सफर की पूरी जानकारी

डीएनए हिंदी: सर्दियों के मौसम में घूमने फिरने (Travel in Winter) का मजा ही अलग है. ऐसे में अगर आप भी इस मौसम में कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं और मध्य प्रदेश के किसी पर्यटन स्थल जाने की सोच रहे हैं तो सामान पैक कर लें. इस मौसम में मध्य प्रदेश घूमना मजेदार रहेगा. वैसे तो मध्य प्रदेश में बहुत सारे पर्यटन स्थल हैं वहीं अगर तीर्थ स्थलों की बात करें तो भी मध्य प्रदेश में कई विकल्प मिल जाएंगे. यहां विश्व प्रसिद्ध दो ज्योतिर्लिंग स्थित हैं. ऐसे में आप महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग ( Mahakaleshwar Mandir Darshan) के दर्शन के लिए जा सकते हैं. अगर आप पहली बार उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो सफर से जुड़ी सभी जानकारी जान लें. यहां हम आपको बता रहे हैं महाकाल यात्रा के बारे में ताकि आपको यात्रा में किसी तरह की परेशानी न हो और आप कम पैसों में मजेदार सफर का लुत्फ उठा सके. चलिए जानते हैं उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर तक पहुंचने की पूरी जानकारी.. कैसे पहुंचे महाकालेश्वर मंदिर?(How To Reach Mahakaleshwar Jyotirlinga In Hindi) मध्य प्रदेश के उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर की दूरी लगभग दो किलोमीटर है. ऐसे में आप आसानी से स्थानीय टैक्सी, कैब के माध्यम से मंदिर पहुंच सकते हैं. इसके अलावा रेलवे स्टेशन से मंदिर के मार्ग में कई सारे होटल, धर्मशालाएं भी हैं. यहां आप अपने बजट के मुताबिक होटल या धर्मशाला में कमरा बुक कर सकते हैं. यह भी पढ़ें- महाकाल मंदिर में 1 रात भी नहीं टिक सका कोई राजा जानिए इसके पीछे का रहस्य महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के नियम (Mahakaleshwar Mandir Darshan Niyam) भक्तों के लिए महाकालेश्वर मंदिर सुबह 6 बजे से ही खुल जाता है. इसके लिए आप मं...

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे

आज आपको महाकाल के मंदिर “महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे” के बारे में बताने वाला हूं। भगवान भोलेनाथ का यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर की मान्यता भगवान शिव के अन्य मंदिरों की तुलना में काफी अलग है। आइए अब जान लेते हैं कि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे? विषय - सूची • • • • • • • महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कहां स्थित है? भगवान शिव का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के उज्जैन शहर में स्थित है, जिनका दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा बनी रहती है, लेकिन शिवरात्रि पर्व और सावन के महीने में इस मंदिर में देश के विभिन्न शहरों से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बनती है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं – How To Reach Mahakaleshwar Jyotirlinga. उज्जैन जिले के उज्जैन शहर में स्थित भगवान शिव के मंदिर जाने में आपको देश के किसी भी कोने से कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि इस मंदिर के आसपास ही रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बस स्टेशन तीनों की सुविधा उपलब्ध है। आइए समय व्यतीत न करते हुए जानते हैं कि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे? फ्लाइट से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे – How To Reach Mahakaleshwar Jyotirlinga Ujjain By Flight In Hindi. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का सबसे करीबी एयरपोर्ट इंदौर में स्थित देवी अहिल्ल्याबाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो इस मंदिर से करीब 57 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। देवी अहिल्या बाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश के बहुत सारे हवाई अड्डों जैसे मुंबई, बैंगलोर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई से जुड़ा हुआ है। इंदौर में स्थित इस एयरपोर्ट से आपको भगवान भोलेनाथ के मंदि...

Mahakal Temple Ujjain: इसी माह आम लोगों के लिए फिर खुल जाएगा महाकालेश्वर धाम, नोट कर लें Opening Date और नए नियम

• • Faith Hindi • Mahakal Temple Ujjain: इसी माह आम लोगों के लिए फिर खुल जाएगा महाकालेश्वर धाम, नोट कर लें Opening Date और नए नियम Mahakal Temple Ujjain: इसी माह आम लोगों के लिए फिर खुल जाएगा महाकालेश्वर धाम, नोट कर लें Opening Date और नए नियम देश के प्रमुख ज्योर्तिलिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर के श्रद्धालुओं को एक बार फिर दर्शन हो सकेंगे. महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में 28 जून से दर्शन के लिए पट खोलने का फैसला लिया गया है. ऑनलाइन बुकिंग करवाने पर स्लॉट अनुसार दर्शन की अनुमति दी जायेगी. वेक्सीनेशन सर्टिफिकेट (एक डोज लगवाने पर भी) या 24 से 48 घंटे पूर्व की कोविड रिपोर्ट दिखाने पर ही मन्दिर परिसर में प्रवेश दिया जायेगा. बैठक में तय किया गया है कि महाकालेश्वर मन्दिर परिसर में सभी देवस्थान दर्शन हेतु खुले रहेंगे. शीघ्र दर्शन के काउंटर खोले जाएंगे, किन्तु शीघ्र दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों को भी वेक्सीनेशन सर्टिफिकेट अथवा कोविड जांच रिपोर्ट दिखाना होगी. श्रद्धालुओं को 28 जून से प्रात छह बजे से रात्रि आठ बजे तक सात स्लॉट में ऑनलाइन बुकिंग के बाद दर्शन की अनुमति दी जायेगी. मन्दिर में सेल्फी लेने पर प्रतिबंध रहेगा. गर्भगृह एवं नन्दी हाल में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. इसके साथ ही कोरेाना संक्रमण को ध्यान में रखकर तय किया गया है कि भस्म आरती एवं शयन आरती में सामान्य श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. निशुल्क अन्नक्षेत्र को आधी क्षमता के साथ प्रारम्भ करने की अनुमति दी गई है. (एजेंसी से इनपुट)

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे

आज आपको महाकाल के मंदिर “महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे” के बारे में बताने वाला हूं। भगवान भोलेनाथ का यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर की मान्यता भगवान शिव के अन्य मंदिरों की तुलना में काफी अलग है। आइए अब जान लेते हैं कि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे? विषय - सूची • • • • • • • महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कहां स्थित है? भगवान शिव का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के उज्जैन शहर में स्थित है, जिनका दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा बनी रहती है, लेकिन शिवरात्रि पर्व और सावन के महीने में इस मंदिर में देश के विभिन्न शहरों से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बनती है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे जाएं – How To Reach Mahakaleshwar Jyotirlinga. उज्जैन जिले के उज्जैन शहर में स्थित भगवान शिव के मंदिर जाने में आपको देश के किसी भी कोने से कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि इस मंदिर के आसपास ही रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बस स्टेशन तीनों की सुविधा उपलब्ध है। आइए समय व्यतीत न करते हुए जानते हैं कि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे? फ्लाइट से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे – How To Reach Mahakaleshwar Jyotirlinga Ujjain By Flight In Hindi. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का सबसे करीबी एयरपोर्ट इंदौर में स्थित देवी अहिल्ल्याबाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो इस मंदिर से करीब 57 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। देवी अहिल्या बाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश के बहुत सारे हवाई अड्डों जैसे मुंबई, बैंगलोर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई से जुड़ा हुआ है। इंदौर में स्थित इस एयरपोर्ट से आपको भगवान भोलेनाथ के मंदि...

उज्जैन के 16 मुख्य धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल

पुराणों में उल्लेख है कि भारत की पवित्रतम सप्तपुरियों में अवन्तिका अर्थात उज्जैन भी एक है। इसी आधार पर उज्जैन का धार्मिक महत्व अतिविशिष्ट है। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर का यहां स्‍थित होना। उपरोक्त दोनों तथ्‍य उज्जैन की प्रतिष्ठा एवं महत्व को और भी अधिक बढ़ाने में सहायक होते हैं। यहां पर श्मशान, ऊषर, क्षेत्र, पीठ एवं वन- ये 5 विशेष संयोग एक ही स्थल पर उपलब्ध हैं। यह संयोग उज्जैन की महिमा को और भी अधिक गरिमामय बनाता है। उक्त दृष्टिकोण से मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर‍ स्‍थित उज्जैन प्राचीनकाल से ही धर्म, दर्शन, संस्कृति, विद्या एवं आस्था का केंद्र रहा है। इसी आधार पर यहां कई धार्मिक स्थलों का निर्माण स्वाभाविक रूप से हुआ। हिन्दू धर्म और संस्कृति के पोषक अनेक राजाओं, धर्मगुरुओं एवं महंतों ने जनसहयोग से इस महातीर्थ को सुंदर एवं आकर्षक मंदिरों, आराधना स्थलों आदि से श्रृंगारित किया। उज्जैन के प्राचीन मंदिर एवं पूजा स्थल जहां एक ओर पुरातत्व शास्त्र की बहुमूल्य धरोहर हैं, वहीं दूसरी ओर ये हमारी आस्‍था एवं विश्वास के आदर्श केंद भी हैं। अर्थात् ब्रह्मांड में सर्वपूज्य माने गए तीनों लिंगों में भूलोक में स्‍थित भगवान महाकाल प्रधान हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों में इनकी गणना होती है। उज्जैन के प्रथम और शाश्वत शासक भी महाराजाधिराज श्री महाकाल ही हैं, तभी तो उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है। दक्षिणमुखी होने से इनका विशेष तांत्रिक महत्व भी है। ये कालचक्र के प्रवर्तक हैं तथा भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले बाबा महाकालेश्वर के दर्शन मात्र से ही प्राणिमात्र की काल मृत्यु से रक्षा होती है, ऐसी शास्त्रों की मान्यता है। भारत के नाभिस्थल में, क...

उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर कब और कैसे जाये, कहाँ घूमे

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरोमें से एक है जो भगवान शिव को समर्पित है। सच कहा जाए तो यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसे सबसे पवित्र शिव मंदिरो में से एकहोना चाहिए। उज्जैन में स्थित, रुद्र सागर झील के पक्ष में व्यवस्थित किया गया है, जिसमें शिव की प्रत्यक्ष देवत्व लिंगम संरचना में है जिसे अन्यथा स्वयंभू कहा जाता है। महाकालेश्वर का प्रतीक दक्षिणामूर्ति के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह दक्षिण का सामना कर रहा है, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में एक उल्लेखनीय घटक है। गर्भगृह के पश्चिम, उत्तर और पूर्व में गणेश, पार्वती और कार्तिकेय के चित्र पेश किए गए हैं। दक्षिण की ओर भगवान शिव के वाहन नंदी की तस्वीर है। श्री महाकालेश्वर उज्जैन शहर का सबसे महत्वपूर्ण मंदिरहै और इसी तरह इसकी भस्म आरती के लिए भी जाना जाता है। महाकालेश्वर मंदिर का इतिहास महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन का एक आकर्षक इतिहास है। कहा जाता है कि राजा चंद्रसेन ने अतीत में उज्जैन शहर पर शासन किया था। राजा भगवान शिव के परम भक्त थे। श्रीखर, एक युवक, उसके समर्पण से प्रेरित था और उसकी प्रार्थनाओं में भाग लेना चाहता था। दुर्भाग्य से, शाही घुड़सवार सेना ने उसे ठुकरा दिया। महाकालेश्वर मंदिर संयोग से, उस समय कई पड़ोसी राजा उज्जैन पर हमले की तैयारी कर रहे थे। जब श्रीखर और ग्राम पुजारी वृधि को यह पता चला, तो वे उत्साहपूर्वक प्रार्थना करने लगे। भगवान शिव ने उनकी विनती सुनी और हमेशा के लिए एक लिंगम के रूप में शहर की रक्षा करने का फैसला किया। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर तब शासक राजा और उनके वंशजों द्वारा बनाया गया था। उज्जैन महाकाल मंदिर पर कई बार हमला किया गया और अंततः क्षतिग्रस्त और ध्वस्त हो गया। ह...