Understanding disciplines and subjects in hindi

  1. विषयों एवं विद्यालयी विषयों की समझ (अध्ययन विषय (डिसीप्लीन) का अर्थ एवं परिभाषाएँ) definition and meaning of understanding discipline and school subjects in hindi
  2. विषयों एवं विद्यालयी विषयों की समझ( मूल्य शिक्षा का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, आवश्यकता) Meaning and Definitions of Values
  3. UNDERSTANDING DISCIPLINE AND SUBJECT , विषय और अनुशासन की समझ PREVIOUS YEAR QUESTION PAPER , SAMPLE PAPER , QUESTION BANK
  4. UNDERSTANDING DISCIPLINE AND SUBJECT (विषय और अनुशासन की समझ)
  5. Understanding Disciplines And Subjects In Hindi Medium: Buy Understanding Disciplines And Subjects In Hindi Medium by DR. RAJESH KUMAR VASHISHT at Low Price in India


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विषयों एवं विद्यालयी विषयों की समझ (अध्ययन विषय (डिसीप्लीन) का अर्थ एवं परिभाषाएँ) definition and meaning of understanding discipline and school subjects in hindi

Discipline अंग्रेजी भाषा का शब्द है जिसकी उत्पत्ति लैटिन शब्द 'डिसाइपुलस' (Discipules) शब्द से हुई है जिसका हिन्दी में अर्थ है 'सीखना' या 'आज्ञापालन (To learn or obedience) | कुछ शिक्षाविदों का मत है कि Discipline शब्द अंग्रेजी भाषा के डिसाइपिल शब्द से उत्पन्न हुआ है और 'डिसाइपिल' का अर्थ है 'शिष्य' या छात्र (Pupil) | Discipline शब्द की उत्पत्ति Disciplina से भी मानी जाती है जिसका अर्थ है- अध्यापन (Teaching)। वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र को अध्ययन विषय (Discipline) के रूप में व्यक्त किया जाता है।अध्ययन विषय वस्तुओं तथा घटनाओं के किसी विशिष्ट क्षेत्र सम्बन्धी ज्ञान का संगठन है। इन वस्तुओं तथा घटनाओं के अन्तर्गत वे तथ्य, प्रदत्त, पर्यवेक्षण,अनुभूतियाँ आदि सम्मिलित रहती हैं जो उस ज्ञान के आधारभूत घटकों को निर्मित करते हैं। कोई ज्ञान किसी अध्ययन विषय के क्षेत्र में आता है या नहीं, इसका निर्धारण करने के लिए आधारित नियम एवं परिभाषाएँ निर्मित कर ली जाती है। इस आधार पर अध्ययन विषयों में कुछ विशिष्ट लक्षण परिलक्षित होते हैं। ये लक्षण विश्लेषणात्मक, सरलीकरण, संश्लेषणात्मक, समन्वय एवं गत्यात्मकता आधारित होते है। इसकी संकल्पनात्मक तथा संश्लेषणात्मक दिशा होती है साथ ही प्रत्येक अध्ययन विषयों की एक मान्य संरचना तथा अपना पाठ्यक्रम होता है जिसमें नवीन ज्ञान को समाहित किया जाता है अर्थात् उसके विस्तार क्षेत्र में वृद्धि करके, उसे और अच्छा बनाने, अधिक वैध बनाने के सम्बन्ध में निश्चित नियम होते हैं। चूँकि प्रत्येक अध्ययन विषय का अपना इतिहास एवं परम्पराएँ होती हैं और यही बात उसकी संरचना तथा उसके नियमों के निर्धारण के लिए उत्तरदायी होती है। (3.) प्रणाली उपागम तकनीक :- प्रणाली उपागम का अर्थ कि...

विषयों एवं विद्यालयी विषयों की समझ( मूल्य शिक्षा का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, आवश्यकता) Meaning and Definitions of Values

'मूल्य' सहित जीवन ही अर्थपूर्ण होता है, मूल्यरहित जीवन का कुछ भी महत्त्व नहीं होता है। जो मनुष्य मूल्यों को महत्त्व देता है, वो समाज में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। ऐसा व्यक्ति समय को महत्त्व देता है, तथा वह प्रत्येक पल का भरपूर आनन्द लेता है एवं उसका भरपूर उपयोग करता है। अतः प्रत्येक वस्तु जिसका महत्त्व होता है, उसे हम मूल्य कहते हैं। सत्य, ईमानदारी, अच्छाई आदि 'मूल्य' हैं, जबकि झूठ, बेईमानी, आदि 'अवमूल्य' हैं। Value शब्द का उद्भव 'Valure' से हुआ है जो कि लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका तात्पर्य महत्त्व, उपयोगिता अथवा वांछनीयता से लगाया जाता है। मूल्य समाज में विभिन्न आदर्शों, प्रतिमानों के रूप में समाज को उचित दिशा निर्देशन प्रदान करते हैं।समाज में व्याप्त मूल्य एवं आदर्श सामाजिक व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण की दृष्टि से वांछनीय एवं उपयोगी हैं। मूल्य एक ऐसी आचरण-संहिता या सद्गुणों का समूह है, जिसे व्यक्ति अपनाकर अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकता है। भारतीय धर्म ग्रन्थों में मूल्य के लिए 'शील' शब्द का प्रयोग हुआ है जो मूल्य का पर्याय नहीं वरन्‘नजदीकी' शब्द है। मूल्य की कुछ परिभाषाएँ इस प्रकार हैं- मूल्य शिक्षा का तात्पर्य ऐसी शिक्षा से है जिसमें मूल्यों पर बल दिया जाता है और इसके अन्तर्गत ऐसी प्रणाली का संगठन किया जाता है जो शिक्षा के सभी अंग जैसे- पाठ्यक्रम, शिक्षण विधियाँ,उद्देश्य एवं शिक्षक आदि सभी मूल्यों का संवर्द्धन करने में तत्पर हो।आज जो सर्वत्र मूल्यों का प्रश्न दिखाई दे रहा है, उसे दूर करने के लिए शिक्षा ही एक उपयुक्त माध्यम हो सकती है। इसलिए शिक्षाशास्त्रियों ने इस विषय पर चिन्तन करके मूल्यों को पुनः स्थापित करने के लिए भरपूर प्रयास किए और “मूल्य शिक्षा” की ...

UNDERSTANDING DISCIPLINE AND SUBJECT , विषय और अनुशासन की समझ PREVIOUS YEAR QUESTION PAPER , SAMPLE PAPER , QUESTION BANK

UNDERSTANDING DISCIPLINES AND SUBJECT Previous Year Question Paperb, Sample Paper , Question Bank विषय और अनुशासन की समझ Post Title:- UNDERSTANDING DISCIPLINES AND SUBJECT (विषय और अनुशासन की समझ ) के कई विश्वविद्यालय के क्वेश्चन बैंक ) LAST UPDATE 31 अगस्त २०२२ Short Information संछिप्त जानकारी इस पेज मेंLANGUAGE ACROSS THE CURRICULUM के एक से ज्यादा विश्वविद्यालय के क्वेश्चन दिया गया है | Sample Paper B.Ed. (1 year ) Annual Examination 2021 [Paper : C-5] Time : Three Hours. ] UNDERSTANDING DISCIPLINES AND SUBJECT Session, 2020-2022 [ Maximum Marks : 40 Note:Candidates are required to give their answers in their own words as far as practicable. The questions are of equal value. Answer five questions in all, select ing at least one from each unit. नोट: परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें। सभी प्रश्नों का मान बराबर है। प्रत्येक इकाई से कम-से-कम एक प्रश्न चुनते हुए, कुल पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए। Unit-I/इकाई-I Q1. What do you mean by Academic Discipline? Describe the characteristics of Academic Discipline. (8) शैक्षिक अनुशासन से आप क्या समझते है? शैक्षिक अनुशासन की विशेषताओं का वर्णन कीजिए। Q2. Discuss the salient features of curriculum and syllabus developed by NCERT Delhi. (8) एन.सी.ई.आर.टी दिल्ली द्वारा विकसित पाठ्यचर्या और पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषताओं पर चर्चा कीजिए। Q3. Ellaborate the various methods of curriculum Organization. (8) पाठ्यक्रम संगठन की विभिन्न विधियों को विस्तार पूर्वक लिखें। Unit-II / इकाई-II Q4. Explain 'Teaching of Maths and science as ...

UNDERSTANDING DISCIPLINE AND SUBJECT (विषय और अनुशासन की समझ)

शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञान को उसके स्वरूप उपयोगिता के क्षेत्र एवं अध्ययन के आधार पर दो वर्गों में बांटा गया है। साधारण रूप से वह सभी विषय वस्तु जो विद्यालयों में पढ़ाया जाता है उसे विषय की संज्ञा दी जाती है तथा वही विषय जब उच्च स्तर के शिक्षण एवं अध्ययन के रूप में प्रयोग किया जाता है तो उसे अनुशासन या Academic Discipline की संज्ञा दी जाती है। सामान्य रूप से Subject एवं Discipline ज्ञान की प्राप्ति , अध्ययन की दृष्टिकोण से , छात्रों के विकास के दृष्टिकोण से समान प्रतीत होते हैं। जैसे एक विषय विशेष को जब बालक विद्यालय स्तर पर अध्ययन करता है , तो विषय subject के रूप में जाना जाता है , परंतु जब वही विषय सूक्ष्म अध्ययन , अनुसंधान आदि के लिए उच्च स्तर पर अध्ययन की जाती है तो वह अनुशासन के रूप में जानी जाती है। इस विडंबना को समझने के लिए हमें सब्जेक्ट और डिसीप्लिन दोनों को पृथक रूप से समझना होगा , उनके अर्थ , क्षेत्र , उद्देश्य एवं स्वरूप को समझना होगा। प्रत्येक विषय के अध्ययन क्षेत्र , विधि , उपयोगिता उसके अलग - अलग स्वरूप प्रकट करते हैं , 20 आई जब सामाजिक विकास के विषय के रूप में अध्ययन किए जाते हैं तो सामाजिक विज्ञान का रूप प्रकट करते हैं , जब सत्य की खोज एवं वैज्ञानिक विधि द्वारा अध्ययन किया जाता है तो उसका स्वरूप वैज्ञानिक प्रकट होता है। मुख्य रूप से विषय के तीन स्वरूप दिखाई पड़ते हैं :- बालक के विकास में घर, विद्यालय तथा समुदाय के योगदान (Co ntribution of Home School and community in the development of child) स्किनर के अनुसार- " विकास प्रक्रियाओं की निरंतरता का सिद्धांत इस बात पर बल देता है कि व्यक्ति में कोई परिवर्तन आकस्मिक नहीं होता।" सोरेनसन के अनुसार- " वृद्धि से आशय ...

Understanding Disciplines And Subjects In Hindi Medium: Buy Understanding Disciplines And Subjects In Hindi Medium by DR. RAJESH KUMAR VASHISHT at Low Price in India

This “Understanding Disciplines And Subjects”Book is dedicated to all the M.D.U./ C.S.R.U./K.U.K./C.D.L.U. B.Ed. Students who want to score good in exams in minimum time. All the topics are according to the latest prescribed syllabus with detailed notes, unit summary in the form of most important questions asked in the examinations.