उर्दू में तारीफ के शब्द

  1. उर्दू और हिंदी के बीच अंतर
  2. तकलीफ़ शब्द के अर्थ
  3. ज़
  4. तलफ़्फ़ुज़ [उर्दू लफ़्ज़ों के सही उच्चारण] – wholistic wellness space
  5. उर्दू उपन्यास ‘अल्लाह मियां का कारखाना’ को बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान, 2023
  6. 45 Urdu Words in Hindi 2022
  7. हर्फ़ शब्द के अर्थ
  8. उर्दू उपन्यास ‘अल्लाह मियां का कारखाना’ को बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान, 2023
  9. ज़
  10. 45 Urdu Words in Hindi 2022


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उर्दू और हिंदी के बीच अंतर

उर्दू बनाम हिंदी उर्दू और हिंदी दोनों एक ही भाषा के दो रूप हैं। हालांकि वे अपेक्षाकृत समान भाषा हैं, उनके पास दो अलग-अलग लेखन प्रणालियां हैं उर्दू और हिंदी दोनों ही भाषा मूल हैं वे भारत-यूरोपीय और इंडो-आर्यन भाषा परिवारों से आए थे। दोनों भाषाएं संस्कृत से ली गई हैं। इस वजह से उनके पास एक ही इंडिक बेस है और इसी तरह की ध्वनिवाही और व्याकरण है। वे एक ही क्षेत्र (दक्षिण एशिया) को भी साझा करते हैं जहां वे मुख्य रूप से बोली जाती हैं। दो भाषाओं के बीच मुख्य अंतर उनके सहयोग है। हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसका प्रयोग हिंदी लोगों द्वारा किया जाता है और भारत की मूल और प्रमुख आबादी है। दूसरी ओर, उर्दू पाकिस्तान और मुसलमानों के साथ जुड़ा हुआ है हिंदी ज्यादातर भारत में बोली जाती है और इसकी राष्ट्रीय भाषा के रूप में कार्य करता है। यह पाकिस्तान में उर्दू के लिए जाता है जहां यह एक राष्ट्रीय भाषा है इसके अतिरिक्त, भारत में राज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में उर्दू भी बोली जाती है। दोनों भाषाएं भारत और पाकिस्तान के बाहर के देशों में अपनी आबादी के द्वारा बोली जाती हैं। दोनों हिंदी और उर्दू में फ़ारसी, अरबी, और तुर्किक के प्रभाव होते हैं हालांकि, प्रत्येक भाषा में प्रतिशत अलग है उर्दू में बहुत सारे विदेशी प्रभाव और ऋण-शब्द हैं, जबकि हिंदी में एक ही विदेशी शब्दावली का कम आवेदन होता है। दोनों भाषाओं में देशी, अरबी, फ़ारसी, और अंग्रेजी भाषा के कई सामान्य शब्द और शब्दकोश शामिल हैं। हिंदी और उर्दू में, लिंग (पुरुष और महिला) के लिए केवल दो रूप हैं। व्याकरण के संदर्भ में, विषय के बाद क्रियाएँ गिर जाती हैं। साथ ही, क्रियाएं विषयों से संबंधित नहीं हैं बोलचाल स्तर पर, उर्दू और हिंदी दोनों के स्पीकर एक-दूसरे को...

तकलीफ़ शब्द के अर्थ

व्याख्या यह ज़ौक़ का एक ख़ूबसूरत शे’र है और इसमें ज़ौक़ ने एक अहम नुक्ते वाली बात बताई है। हालांकि इस शे’र का अहम लफ़्ज़ तकल्लुफ़ है मगर तकलीफ़ और तकल्लुफ़ की रियायत भी खूब मज़ा देती है। ज़ौक़ इस शे’र में तकल्लुफ़ यानी बनावट की नई बात पर रौशनी डालते हैं। बनावट वो चीज़ होती है जिसमें हक़ीक़त न हो यानी जो बनावटी हो। बनावट ज़िंदगी के सारे मामले में भी होती है और रिश्तों में भी। आम मामले में बनावट से तात्पर्य ये है कि आदमी अपनी वो हैसियत दिखाने की कोशिश करे जो वो नहीं है और रिश्तों में बनावट से तात्पर्य ऐसी भावनाओं को प्रगट करना जो वास्तविक न हों। बहरहाल मामला जो भी है अगर इंसान आम मामले में बनावट से काम ले तो ख़ुद को ही नुक़्सान पहुँचाता है और अगर रिश्तों में बनावट से काम ले तो एक न एक दिन तो बनावट खुल ही जाती है फिर रिश्ते टूट जाते हैं। ज़ौक़ कहते कि दरअसल बनावट और दिखावा एक भरपूर तकलीफ़ है और जो आदमी बनावट से काम नहीं लेता हालांकि वक़्ती तौर पर उसे तकलीफ़ महसूस होती है मगर आख़िरकार वह आराम में होता है। इसलिए इंसान को दिखावे से बचना चाहिए। शफ़क़ सुपुरी

ज़

अनुक्रम • 1 घोष वर्त्स्य संघर्षी • 2 भारतीय भाषाओं में • 3 ज और ज़ की सहस्वानिकी • 4 इन्हें भी देखिये • 5 बाहरी कड़ियाँ • 6 सन्दर्भ घोष वर्त्स्य संघर्षी [ ] ज़ को भारतीय भाषाओं में [ ] 'ज़' की ध्वनी के बारे में एक ग़लत धारणा है के इसे भारत में केवल अरबी-फ़ारसी या अंग्रेजी के शब्दों की वजह से ही मान्यता प्राप्त है। भारत में कई भाषाओं में यह संस्कृत से उत्पन्न मूल शब्दों के लिए भी प्रयोग होता है। मसलन • 'ज़ाच' - अर्थ: अंगूर, संस्कृत 'द्राक्ष' इसका मूल है • 'ज़्रा' या 'ज़ा' - अर्थ:भाई, संस्कृत 'भ्रात' इसका मूल है • 'পূজা' (puza/पुज़ा) - अर्थः 'पूजा' • 'জীৱন' (ziwôn/ज़िवॉन) - अर्थः 'जीवन' • 'জংঘল' (zôngghôl/ज़ॉंघॉल) - अर्थः 'जंगल' • 'ৰজা' (rôza/रॉज़ा) - अर्थः 'राजा' • 'জল' (zôl/ज़ॉल) - अर्थः 'जल' कई पश्चिमी पहाड़ी भाषाओँ में भी 'ज़' प्रचलित है, मसलन हिमाचल की कुछ पहाड़ी भाषाओँ में 'आज' को अक्सर 'आज़' ही बोला जाता है। ज और ज़ की सहस्वानिकी [ ] कुछ पश्चिमी हिन्दीभाषी क्षेत्रों में 'ज़' और 'ज' की मुक्त • 'लहजे' की जगह 'लहज़ा' बोल देते हैं • 'ज़ंजीर' की जगह 'ज़ंज़ीर', 'जंजीर' या 'जंज़ीर' बोल देते हैं • अंग्रेज़ी बोलते हुए 'ऍजुकेटिड' (educated) की जगह 'ऍज़ुकेटिड' बोल देते हैं इन्हें भी देखिये [ ] • • • बाहरी कड़ियाँ [ ] • • सन्दर्भ [ ]

तलफ़्फ़ुज़ [उर्दू लफ़्ज़ों के सही उच्चारण] – wholistic wellness space

जब आपकी परवरिश एक उर्दू भाषी परिवार में नहीं होती तो आप उर्दू बोलने में अक्सर गलतियां कर बैठते हैं. मैंने भी उर्दू बड़ी उम्र में सीखी ! जुबान तो कुछ समझ में आ गई मगर तलफ़्फ़ुज़ के मामले में अपने गुरुओं से बहुत डांट खाई! और जब कुछ थोड़ी बहुत समझ आने लगी तब ज़ीरो का जीरो और बगैर अप्रैल के ही हर तरफ़ फूलों की जगह फ़ूल नज़र आने लगे! किसी तरह उनसे बचते बचाते सुधरने की कुछ कोशिश की जो आज आपके साथ साझा कर रही हूँ! कुछ मूल जानकारी: • तलफ़्फ़ुज़ शब्द का अर्थ है उच्चारण, यानि सही तरीक़े से किसी भी शब्द का उचारण करना। • शुद्ध उच्चारण की कमी से मानी ही बदल सकते हैं – जैसे कि वह जाता है को बह जाता है कर देना – हालांकि व और ब एक जैसे दिखते हैं, मगर वह सर्वनाम है और बह क्रिया– तो एक के बदले दूसरा नहीं आ सकता! • कुछ ध्वनियाँ विदेश से भारत में आईं, जिनके सही उच्चारण को बोलने का ज़रिया तब हिन्दी में मौजूद न था। • ये ध्वनियाँ थीं: “क़, ख़, ग़, फ़ और ज़” जो अरबी, फारसी, तुर्की और अंग्रेज़ी ज़ुबानों में मौजूद थीं। • वैसे हिंदी में “ क, ख, ग, फ और ज” ध्वनियाँ पहले से ही थीं। • तो बस, इन आगत ध्वनियों के सही उच्चारण के लिए क, ख, ग, फ और ज के नीचे एक बिंदु लगाया गया , जिसे नुक़्ता कहते हैं। • क, ख, गमें नुक़्ते का प्रयोग हिंदी भाषा में अनिवार्य नहीं है परन्तु ‘ज़’ और ‘फ़’में नुक़्ता लगाना ज़रूरी है। • क्यूँकि हिन्दी-भाषियों के लिए इनका प्रयोग नया था, तो कुछ लफ़्ज़ों के तलफ़्फ़ुज़ या उच्चारण को ले कर मुश्किलें सामने आईं। अक्सर ग़लती उन्हीं नुक़ते वाले शब्दों में होती रहीं! • उच्चारण के लिए लफ़्ज़ों के मूल स्रोत मददगार साबित होते हैं – जैसे ‘ शाद‘ [खुशी] से नाशाद भी बनता है और शादमानी भी! • उर्दू लचीली है...

उर्दू उपन्यास ‘अल्लाह मियां का कारखाना’ को बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान, 2023

इसके साथ ही अन्य पांच उपन्यास- ‘अभिप्रेत काल’, ‘चीनी कोठी’, ‘घर पालनो छेले’, ‘नदीष्ट’ और ‘नेमत खाना’ इस वर्ष की प्रक्रिया में उपविजेता रहे। मोहसिन खान को 21 लाख व सईद अहमद को 15 लाख रूपए की सम्मान राशि व प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया जबकि अन्य पांच उपविजेता लेखकों, संबंधित हिंदी अनुवादकों को तीन लाख और दो-दो लाख रूपए की सम्मान राशि प्रदान की गई। पुरस्कार निर्णायक समिति की अध्यक्षता लेखक, अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित गीतांजलि श्री ने की। भारतीय कवि अरुण कमल, पुष्पेश पंत, उपान्यासकार सुश्री अनामिका, लेखक-अनुवादक प्रभात रंजन सहित पांच सदस्यों ने छह नामांकित पुस्तकों में से विजेता का चयन किया। बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक संजीव चड्ढा ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा बैंक ऑफ बड़ौदा की विरासत महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ से मिली है, जिन्हें एक सुधारक के साथ-साथ साहित्य और कला का पारखी माना जाता है। इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रतिभाशाली लेखकों को एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करने के लिए यह सम्मान स्थापित किया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में कई भाषा, बोली हैं और यह विविधता, विरासत को समृद्ध करती है हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। कार्यपालक निदेशक अजय के. खुराना ने बताया कि 41 किताबों में छह को सम्मान के लिए चुना गया है। डीजीएम संजय सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। सम्मान समारोह सूफी गायकों और वडाली ब्रदर्स की संगीत प्रस्तुति के साथ संपन्न हुआ।

45 Urdu Words in Hindi 2022

भारत में बोली जाने वाली 22 भाषाओं में से एक भाषा उर्दू भी है। यह अदब की भाषा है और इसमें तहज़ीब दिखती है। यह दिलों को जोड़ने वाली भाषा है। उर्दू के शब्द (urdu shabd) दिल में उतरते हैं तो मिठास घोल जाते हैं और शायद इसीलिए जहां पहले उर्दू के शब्दों का इस्तेमाल सिर्फ शेरो-शायरी में हुआ करता था, वहीं अब इनका इस्तेमाल आम बोलचाल में भी बखूबी होने लगा है। जाने-अनजाने हम उर्दू भाषा के कई शब्दों का इस्तेमाल अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में करने लगे हैं। ज़िंदगी, वक़्त, सफ़र, कोशिश, किताब, ख़बर, बदतमीज़, इंतज़ार, मेहमान, हाल-फ़िलहाल, ताक़त आदि उर्दू के कुछ ऐसे शब्द हैं, जिनका इस्तेमाल हम रोज़ाना अपनी आम बातचीत में करते हैं। कई बार ऐसा होता है कि हम उर्दू ज़बान बोलना चाहते हैं और बोलते भी हैं लेकिन हमें पता नहीं होता कि किस शब्द का क्या मतलब होता है। इसके लिए कई बार हम अपने दोस्तों की मदद लेते हैं या फिर उन शब्दों को गूगल पर ढूंढते हैं। यहां हम आपके लिए कुछ ऐसे शब्द लेकर आए हैं, जिन्हें आप अपनी रोज़ाना की आम बातचीत में इस्तेमाल कर अपनी ज़बान को और भी ज़्यादा खूबसूरत बना सकते हैं। उर्दू शब्दों का संग्रह – Collection of Urdu Words in Hindi इंग्लिश और हिंदी के अलावा उर्दू भाषा के शब्द (urdu shabd) भी आज-कल काफी चलन में हैं। बॉलीवुड गानों से लेकर ख़बरों तक में उर्दू के तमाम शब्दों का इस्तेमाल होने लगा है। उदाहरण: आज मनुष्य का सबसे बड़ा मसला ये है कि वातावरण को कैसे सुरक्षित रखा जाये। उर्दू में तारीफ के शब्द – Urdu Compliment Words in Hindi “माना कि सुरूर है तेरी बातों में मगर एक खामोशी भी ज़रूरी है कुछ इन निगाहों को भी तो कहने दो, बात इनके बिना भी अधूरी है” …. जी हां, इसी तरह प्यार का इज़हार हो ...

हर्फ़ शब्द के अर्थ

اسم، مذکر، قدیم/فرسودہ، واحد • انسان کے منھ سے جو آوازیں نکلتی ہیں ان آوازوں کو تحریر میں لانے کے لیے مقرّر علامات اور نشانات ، حروفِ تہجّی ، حاصل بالمصدر . . . کبھی ماضی واحد مذکر کے ساتھ حرف نون لانے سے ، جیسے ، لگان ، تکان. • نقص ، عیب ، اعتراض ، نُکتہ چینی. • حیف ، افسوس ، حسرت. • شک ، شبہ ، کلام کی گنجائش. • قرات. • (تصوف) اوسکو کہتے ہیں جس سے خداوند تعالیٰ خطاب فرمائے. • (قواعد) وہ کلمہ جو تنہا کچھ معنی نہیں دیتا جب تک کہ اس کے ساتھ کوئی اور کلمہ نہ ملے ، سے "میں" "پر" "تک" "کو" وغیرہ حرف ہیں. • ۔ع۔ بالفتح۔۱۔کنارہ۔ ۲۔تیزی۔ ۳۔دھار۔ ۴۔حرف تہجی۔ ۵۔پہاڑ کی چوٹی فارسیوں نے بمعنی سخن اور عیب بھی استعمال کیا ہے۔) مذکر۔ ۱۔حروف۔ تہجّی۔ ۲۔بات۔ سخن۔کلمہ۔ لفظ۔ ع ۳۔نقص۔ عیب۔ طنز۔ ؎ ۴۔ حیف۔ اسوس۔ حسرت۔ ؎ ۵۔ (علم صرف) مذکر۔ وہ کلمہ جس کے معنی دوسرے لفظ کے بغیر سمجھ میں نہ آئیں۔ • بات ، سخن ، کلام. • لفظ. • کنارہ ، سرا ، پہاڑ کا بالائی حصہ ، چٹان ، چوٹی ؛ قلم ک اسرا جس میں ٹیڑھا قط ہو ، ٹیڑھا لکھنا .

उर्दू उपन्यास ‘अल्लाह मियां का कारखाना’ को बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान, 2023

इसके साथ ही अन्य पांच उपन्यास- ‘अभिप्रेत काल’, ‘चीनी कोठी’, ‘घर पालनो छेले’, ‘नदीष्ट’ और ‘नेमत खाना’ इस वर्ष की प्रक्रिया में उपविजेता रहे। मोहसिन खान को 21 लाख व सईद अहमद को 15 लाख रूपए की सम्मान राशि व प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया जबकि अन्य पांच उपविजेता लेखकों, संबंधित हिंदी अनुवादकों को तीन लाख और दो-दो लाख रूपए की सम्मान राशि प्रदान की गई। पुरस्कार निर्णायक समिति की अध्यक्षता लेखक, अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित गीतांजलि श्री ने की। भारतीय कवि अरुण कमल, पुष्पेश पंत, उपान्यासकार सुश्री अनामिका, लेखक-अनुवादक प्रभात रंजन सहित पांच सदस्यों ने छह नामांकित पुस्तकों में से विजेता का चयन किया। बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक संजीव चड्ढा ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा बैंक ऑफ बड़ौदा की विरासत महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ से मिली है, जिन्हें एक सुधारक के साथ-साथ साहित्य और कला का पारखी माना जाता है। इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रतिभाशाली लेखकों को एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करने के लिए यह सम्मान स्थापित किया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में कई भाषा, बोली हैं और यह विविधता, विरासत को समृद्ध करती है हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। कार्यपालक निदेशक अजय के. खुराना ने बताया कि 41 किताबों में छह को सम्मान के लिए चुना गया है। डीजीएम संजय सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। सम्मान समारोह सूफी गायकों और वडाली ब्रदर्स की संगीत प्रस्तुति के साथ संपन्न हुआ।

ज़

अनुक्रम • 1 घोष वर्त्स्य संघर्षी • 2 भारतीय भाषाओं में • 3 ज और ज़ की सहस्वानिकी • 4 इन्हें भी देखिये • 5 बाहरी कड़ियाँ • 6 सन्दर्भ घोष वर्त्स्य संघर्षी [ ] ज़ को भारतीय भाषाओं में [ ] 'ज़' की ध्वनी के बारे में एक ग़लत धारणा है के इसे भारत में केवल अरबी-फ़ारसी या अंग्रेजी के शब्दों की वजह से ही मान्यता प्राप्त है। भारत में कई भाषाओं में यह संस्कृत से उत्पन्न मूल शब्दों के लिए भी प्रयोग होता है। मसलन • 'ज़ाच' - अर्थ: अंगूर, संस्कृत 'द्राक्ष' इसका मूल है • 'ज़्रा' या 'ज़ा' - अर्थ:भाई, संस्कृत 'भ्रात' इसका मूल है • 'পূজা' (puza/पुज़ा) - अर्थः 'पूजा' • 'জীৱন' (ziwôn/ज़िवॉन) - अर्थः 'जीवन' • 'জংঘল' (zôngghôl/ज़ॉंघॉल) - अर्थः 'जंगल' • 'ৰজা' (rôza/रॉज़ा) - अर्थः 'राजा' • 'জল' (zôl/ज़ॉल) - अर्थः 'जल' कई पश्चिमी पहाड़ी भाषाओँ में भी 'ज़' प्रचलित है, मसलन हिमाचल की कुछ पहाड़ी भाषाओँ में 'आज' को अक्सर 'आज़' ही बोला जाता है। ज और ज़ की सहस्वानिकी [ ] कुछ पश्चिमी हिन्दीभाषी क्षेत्रों में 'ज़' और 'ज' की मुक्त • 'लहजे' की जगह 'लहज़ा' बोल देते हैं • 'ज़ंजीर' की जगह 'ज़ंज़ीर', 'जंजीर' या 'जंज़ीर' बोल देते हैं • अंग्रेज़ी बोलते हुए 'ऍजुकेटिड' (educated) की जगह 'ऍज़ुकेटिड' बोल देते हैं इन्हें भी देखिये [ ] • • • बाहरी कड़ियाँ [ ] • • सन्दर्भ [ ]

45 Urdu Words in Hindi 2022

भारत में बोली जाने वाली 22 भाषाओं में से एक भाषा उर्दू भी है। यह अदब की भाषा है और इसमें तहज़ीब दिखती है। यह दिलों को जोड़ने वाली भाषा है। उर्दू के शब्द (urdu shabd) दिल में उतरते हैं तो मिठास घोल जाते हैं और शायद इसीलिए जहां पहले उर्दू के शब्दों का इस्तेमाल सिर्फ शेरो-शायरी में हुआ करता था, वहीं अब इनका इस्तेमाल आम बोलचाल में भी बखूबी होने लगा है। जाने-अनजाने हम उर्दू भाषा के कई शब्दों का इस्तेमाल अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में करने लगे हैं। ज़िंदगी, वक़्त, सफ़र, कोशिश, किताब, ख़बर, बदतमीज़, इंतज़ार, मेहमान, हाल-फ़िलहाल, ताक़त आदि उर्दू के कुछ ऐसे शब्द हैं, जिनका इस्तेमाल हम रोज़ाना अपनी आम बातचीत में करते हैं। कई बार ऐसा होता है कि हम उर्दू ज़बान बोलना चाहते हैं और बोलते भी हैं लेकिन हमें पता नहीं होता कि किस शब्द का क्या मतलब होता है। इसके लिए कई बार हम अपने दोस्तों की मदद लेते हैं या फिर उन शब्दों को गूगल पर ढूंढते हैं। यहां हम आपके लिए कुछ ऐसे शब्द लेकर आए हैं, जिन्हें आप अपनी रोज़ाना की आम बातचीत में इस्तेमाल कर अपनी ज़बान को और भी ज़्यादा खूबसूरत बना सकते हैं। उर्दू शब्दों का संग्रह – Collection of Urdu Words in Hindi इंग्लिश और हिंदी के अलावा उर्दू भाषा के शब्द (urdu shabd) भी आज-कल काफी चलन में हैं। बॉलीवुड गानों से लेकर ख़बरों तक में उर्दू के तमाम शब्दों का इस्तेमाल होने लगा है। उदाहरण: आज मनुष्य का सबसे बड़ा मसला ये है कि वातावरण को कैसे सुरक्षित रखा जाये। उर्दू में तारीफ के शब्द – Urdu Compliment Words in Hindi “माना कि सुरूर है तेरी बातों में मगर एक खामोशी भी ज़रूरी है कुछ इन निगाहों को भी तो कहने दो, बात इनके बिना भी अधूरी है” …. जी हां, इसी तरह प्यार का इज़हार हो ...