उत्तर मुखी मकान में शौचालय किधर होना चाहिए

  1. वास्तु शास्त्र : पश्चिम मुखी घर में शौचालय किधर होना चाहिये लाभ हानि जाने
  2. दक्षिण मुखी मकान का वास्तु नक्शा कैसा होगा
  3. शौचालय में किधर मुंह करके बैठना चाहिए?
  4. पूर्व दिशा में क्या होना चाहिए वास्तु अनुसार?
  5. उत्तर मुखी घर वास्तु योजना
  6. सीढ़ी की ऊंचाई कितनी होनी चाहिए? – ElegantAnswer.com


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वास्तु शास्त्र : पश्चिम मुखी घर में शौचालय किधर होना चाहिये लाभ हानि जाने

Join 2,380 other subscribers आज के मॉडर्न युग में बहुत से घर पश्चिम मुखी बने होते हैं हालांकि पूर्वजों के अनुसार पश्चिम की ओर घर का मुख्य दरवाजा होना वास्तु शास्त्र के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता फिर भी अगर आपका घर पश्चिम मुखी है तो पश्चिम मुखी घर में शौचालय भी उचित होना जरूरी है। हालांकि लोग घर बनवाते समय नजर अंदाज कर देते हैं और शौचालय का विशेष ध्यान नहीं देते हैं बल्कि जहां पर जगह खाली मिल जाती है वहीं पर शौचालय बनवा देते हैं जबकि वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय का उचित जगह पर होना घर के लिए शुभ है। • • ☘ पढ़े थोड़ा हटके ☘ • • वास्तु शास्त्र कहता है कि पश्चिम मुखी घर में शौचालय नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होता है जिससे घर परिवार परेशान हो सकता है और कई प्रकार की समस्याओं से व्यक्ति का जीवन प्रभावित हो सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय वास्तु शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जो घर की हर वस्तु को सही जगह पर रखने के लिए कहता है अगर आप वास्तु के अनुसार हर चीज को अपनी सही जगह पर लगाते हैं या रखते हैं तो आपको कभी भी किसी भी प्रकार की परेशानी जीवन में नहीं मिलेगी। ( यह लेख आप ऐसे में शौचालय जैसी चीज को वास्तु शास्त्र के अनुसार सही जगह पर बनाना जरूरी है अन्यथा आपको कई सारी परेशानी मिलेंगी प्रमुख रूप से घर परिवारके बच्चों पर इसका प्रभाव नकारात्मक पड़ता है और व्यक्ति को धन हानि होने की संभावना ज्यादा रहती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार निम्नलिखित दिशाओं में घर का शौचालय नहीं बनवाना चाहिए इससे कई सारी मुसीबतें होती हैं आइए हम जानते हैं। • वास्तु के अनुसार पश्चिम दिशा में शौचालय नहीं बनाना चाहिए इससे घर परिवार के लोगों की इच्छाएं कभी पूर्ण नहीं होती। ...

दक्षिण मुखी मकान का वास्तु नक्शा कैसा होगा

हमारा भारत विभिन्न संस्कृतियों का घर है, जिनमें से प्रत्येक में विविध प्रकार की मान्यताएं हैं और इसलिए यह देश की संस्कृति में गहराई से समाया हुआ है। वास्तु शास्त्र प्राचीन वास्तुशिल्प प्रणाली का नाम है जो यह निर्धारित करता है कि खगोल विज्ञान, ज्योतिष, विज्ञान और कला के आधार पर घर के कई घटकों को कहां रखा जाए। कई कारणों से, लोग घर के विचारों से दूर रहते हैं जो दक्षिण की ओर उन्मुख होते हैं। हालांकि, वास्तु शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक अभिविन्यास लाभ प्रदान करता है। इसलिए मैं आपको बताने जा रहा हूँ की दक्षिण मुखी मकान का वास्तु नक्शा किस प्रकार बनाना चाहिए ताकि वो आपको किसी तरह से हानि न पहुँचाए। अपने घर को वास्तु के हिसाब से सही दिशा में बनवाने में NoBroker के एक्सपर्ट इंटीरियर डिज़ाइनरस की सहायता ले। दक्षिण मुखी मकान का वास्तु नक्शा दक्षिण की ओर मुख वाला घर यह बताता है कि आप दक्षिण की ओर मुख करके घर से बाहर निकलें। यदि आप अपने घर के अंदर हैं और दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार का सामना करते हैं, तो आपका घर दक्षिण दिशा में कहा जाता है। दक्षिण मुखी मकान शुभ या अशुभ? कई लोग दक्षिणमुखी डिजाइनों के आसपास कई अंधविश्वास या मान्यताओं के कारण इस वास्तु घर को खरीदने से हिचकिचाते हैं। हालांकि, दक्षिण-मुखी स्थान को आमतौर पर उत्कृष्ट या प्रतिकूल के रूप में वर्गीकृत करने का कोई तरीका नहीं है। हालांकि, आप साधारण वास्तु संशोधन करके दक्षिणमुखी संपत्ति में सुधार कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण मुखी घर का नक्शा के लाभ • दक्षिण मुखी घर होने के कई फायदे हैं। • दिन भर धूप के संपर्क में वृद्धि • अधिक दिन के उजाले होने से ऊर्जा लागत में कमी आती है। • अधिक प्रकाश के कारण बागवानी के लिए बढ़े हुए...

शौचालय में किधर मुंह करके बैठना चाहिए?

वास्तु शास्त्र में बताये गए उपाय पूरी तरह से वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित होते हैं। वास्तु में किसी भी नए घर या भवन के निर्माण से पहले सूर्य की किरणों, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र तथा भौगोलिक स्थिति का पूरा ध्यान रखा जाता है। घर को बनवाने से पहले हर व्यक्ति यही चाहता है कि नए घर में उसका जीवन सुख-शांति से बीते। इसलिए, घर बनाने के दौरान वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) भी निर्धारित होती है। शौचालय अगर गलत दिशा में हो तो इससे आपके घर में धन की हानि, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आदि जैसे प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकते है। इसलिए, ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) हेतु ये 15 उपयोगी टिप्स अपनाएं। Table of Contents Show • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा हमने यहाँ वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) संबंधी कुछ सुझाव दिए है: वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 1 : बाथरूम का स्थान तय करें घर का उत्तर-पश्चिम या उत्तर दिशा वह स्थान है जहां कचरा रखा जाता है। इसलिए, आपका बाथरूम हमेशा उत्तर-पश्चिमी कोने में या आपके घर के उत्तर की ओर होना चाहिए। इससे आपका घर नकारात्मक ऊर्जा से बचा रहता है तथा घर में सकारात्मकता आती है। नकारात्मकता दूर करने के लिए वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा (Toilet Seat Direction As Per Vastu) 2 : टॉयलेट सीट की दिशा वास्तु के अनुसार शौचालय की दिशा पर विचार करना महत्वपूर्ण है। टॉयलेट की सी...

पूर्व दिशा में क्या होना चाहिए वास्तु अनुसार?

• होम • वीडियो • सर्च • ई-पेपर • • Hindi News • National • Vastu Shastra For Home: Vastu Tips For Main Gate To Bedroom And Kitchen वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा होना चाहिए घर, जानिए मेन गेट से बेडरुम तक किस चीज के लिए कौन सी दिशा है सही वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कौन सी दिशा में क्या होना चाहिए। इसका उल्लेख कई वास्तु ग्रंथों में मिलता है। भवन भास्कर और विश्वकर्मा प्रकाश सहित अन्य ग्रंथों में भी मिलता है। वास्तु के अनुसार एक आदर्श मकान का मेनगेट सिर्फ पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। वहीं आपके घर का ढलान पूर्व, उत्तर या पूर्व-उत्तर (इशान कोण) की और होना शुभ माना गया है। इस तरह वास्तु के अनुसार घर के कमरे, हॉल, किचन, बाथरुम और बेडरुम एक खास दिशा में होने चाहिए। जिससे घर में वास्तुदोष नहीं होता और लोग सुखी रहते हैं। पूर्व दिशा - पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा है। इस दिशा से सकारात्मक व ऊर्जावान किरणें हमारे घर में प्रवेश करती हैं। यदि घर का मेनगेट इस दिशा में है तो बहुत अच्छा है। खिड़की भी रख सकते हैं। पश्चिम दिशा -आपका रसोईघर या टॉयलेट इस दिशा में होना चाहिए। रसोईघर और टॉयलेट पास- पास न हो, इसका भी ध्यान रखें। उत्तर दिशा - इस दिशा में घर के सबसे ज्यादा खिड़की और दरवाजे होने चाहिए। घर की बालकॉनी व वॉश बेसिन भी इसी दिशा में होना चाहिए। यदि मेनगेट इस दिशा में है और अति उत्तम। दक्षिण दिशा - दक्षिण दिशा में किसी भी प्रकार का खुलापन, शौचालय आदि नहीं होना चाहिए। घर में इस स्थान पर भारी सामान रखें। यदि इस दिशा में द्वार या खिड़की है तो घर में नकारात्मक ऊर्जा रहेगी और ऑक्सीजन का लेवल भी कम हो जाएग। इससे घर में क्लेश बढ़ता है। उत्तर-पूर्व दिशा - इसे ईशान दिशा भी कहते हैं। यह दि...

उत्तर मुखी घर वास्तु योजना

वास्तु शास्त्र वास्तुकला का पारंपरिक भारतीय विज्ञान है जिसका उद्देश्य खुशी, कल्याण और समृद्धि सुनिश्चित करना है। चूँकि उत्तर भगवान कुबेर की दिशा है - धन के रक्षक, धन और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए उत्तरमुखी घर वास्तु योजना की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि उत्तरमुखी घर होना ही शुभ होता है। लेकिन यह एकमात्र कारक नहीं है जो सुनिश्चित करता है कि सब ठीक है। वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर मुखी घर की योजना वास्तु के अनुसार, आपके उत्तरमुखी घर के प्रत्येक नुक्कड़ और कोने पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है, प्रवेश द्वार और रसोई से लेकर आपके बेडरूम और बाथरूम तक। अपने उत्तरमुखी घर को वास्तु शिकायत करने के लिए नीचे दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। 1. उत्तर मुखी घर वास्तु योजना - लिविंग रूम यह भी सुनिश्चित करें कि कोई भी भारी फर्नीचर, जैसे टेबल या सोफा, लिविंग एरिया के पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए। इसके विपरीत इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और उपकरण घर के आग्नेय क्षेत्र में होने चाहिए। 2. उत्तर मुखी घर वास्तु योजना - किचन वास्तु उत्तरमुखी घर के लिए रसोई वास्तु वास्तु योजना (स्रोत: घर के मास्टर बेडरूम की बात करें तो वास्तु के अनुसार उत्तरमुखी घर की योजना के अनुसार, दक्षिण पश्चिम दिशा में दरवाजा पश्चिम, उत्तर या पूर्व की दीवार में होना बेहतर होता है। आपको दक्षिण-पूर्व दिशा से बचना चाहिए; यह झगड़े का कारण बन सकता है, क्योंकि अग्नि दिशा पर शासन करती है। इसके अलावा पलंग घर की दक्षिण या पूर्व दिशा में होना चाहिए और कभी भी दरवाजे के सामने नहीं होना चाहिए। नोट: वास्तु के अनुसार पश्चिम दिशा बच्चों के बेडरूम के लिए आदर्श है, जबकि उत्तर-पश्चिम अतिथि बेडरूम...

सीढ़ी की ऊंचाई कितनी होनी चाहिए? – ElegantAnswer.com

सीढ़ी की ऊंचाई कितनी होनी चाहिए? इसे सुनेंरोकेंसीढ़ी की ऊंचाई 4 इंच से 7.75 इंच होनी चाहिए, जबकि थ्रेड की लेंथ 10 से 11.25 मीटर्स के बीच होनी चाहिए. घर की सीढ़ियां कौन सी दिशा में होनी चाहिए? इसे सुनेंरोकेंवास्तुशास्त्र के नियम के अनुसार सीढ़ियों का निर्माण उत्तर से दक्षिण की ओर अथवा पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर करवाना चाहिए। जो लोग पूर्व दिशा की ओर से सीढ़ी बनवा रहे हों उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सीढ़ी पूर्व दिशा की दीवार से लगी हुई नहीं हो। लेट्रिन बाथरूम कौन सी दिशा में होना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंवास्तु के मुताबिक घर में शौचालय किस दिशा में होना चाहिए बाथरूम घर के उत्तर या उत्तर-पश्चिम कोने में होना चाहिए. बाथरूम दक्षिण दिशा, दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी न बनवाएं, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इससे घर में लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. पूर्व मुखी मकान कैसे बनाएं? इसे सुनेंरोकेंपूर्व मुखी घर और उत्तर दिशा वाली दीवार दक्षिण और पश्चिम दिशा वाली दीवार से पतली और छोटी होने चाहिए। उत्तर पूर्व दिशा में सीढियाँ नही होनी चाहिए। kitchen vastu for east facing house : उत्तर पूर्व कोने में किचन भी नही होना चाहिए। उत्तर और पूर्व दोनों दिशा में कोई बड़ा पेड़ भी नही होना चाहिए। मुख्य द्वार के सामने सीढ़ी हो तो क्या करे? इसे सुनेंरोकेंइससे संतान के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। ऐसे में सीढ़ी की दिशा बदलने के लिए आप उस सीढ़ी के अगल-बगल कहीं भी एक स्टेप और सीढ़ी बना दें। मुख्य द्वार के सामने सी‍ढ़ियां नहीं होनी चाहिए। यदि सीढ़ी ऐसे बन गई है तो या तो मुख्य द्वार बदले या दोनों के बीच कोई डिवाइडर खड़ा कर दें। सीढ़ियों के नीचे क्या बना सकते हैं? इसे सुनेंरोकेंस...