उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव 2022 आरक्षण

  1. UP Nikay Chunav: बिना OBC आरक्षण के होंगे चुनाव, हाईकोर्ट के फैसले से सरकार को झटका, ड्राफ्ट नोटिफिकेशन खारिज
  2. UP Nikay Chunav Results Congress Wins Nagar Palika President Seat In Raebareli
  3. UP Government affidavit on OBC Reservation in nagar nikay chunav 2022 Lucknow highcourt ATUP
  4. यूपी निकाय चुनाव: हाईकोर्ट के फैसले पर CM योगी का आया रिएक्शन, बोले
  5. UP निकाय चुनाव के आरक्षण में फंसा पेच, जानिए क्या है ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला जहां फंसा मामला
  6. UP Local Body Polls Would Be Conducted Without OBC Reservation: Allahabad HCs Big Order
  7. Lucknow Uttar Pradesh UP Nagar Nikay Chunav 2022 Candidates Campaigning Before Reservation Tickets Issued ANN


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UP Nikay Chunav: बिना OBC आरक्षण के होंगे चुनाव, हाईकोर्ट के फैसले से सरकार को झटका, ड्राफ्ट नोटिफिकेशन खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव को लेकर बीते शनिवार को फैसला सुरक्षित रखा था. न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने सुनाया फैसला. लखनऊ. उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव (UP Local Urban Body Elections) को लेकर ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट ने अहम् फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए निकाय चुनावों के लिए 5 दिसम्बर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही न्यायालय ने राज्य सरकार को निकाय चुनावों को बिना ओबीसी आरक्षण के ही कराने के आदेश दिए हैं. यह निर्णय न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद एक साथ आदेश पारित किए हैं. हुआ यूं कि इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ ने निकाय चुनाव को लेकर बीते शनिवार को सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रखा था. कोर्ट ने मामले से जुड़ी चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर रोक लगाई थी. न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवनिया की पीठ में वैभव पांडेय एवं अन्य की ओर से जनहित याचिकाएं डाली गई थीं. याचिकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण में नियमों को दरकिनार किया गया है. इस पर कोर्ट ने 27 दिसंबर तक चुनाव की तारीखों के ऐलान पर अंतरिम रोक लगा रखी है. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा पेश हुए थे. अपनी दलीलों में उन्होंने कहा था कि शहरी स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण, सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में मिलने वाले आरक्षण से अलग है. स्थायी अधिवक्ता ने दी यह दलील याचिकाओं का विरोध...

UP Nikay Chunav Results Congress Wins Nagar Palika President Seat In Raebareli

UP Nikay Chunav Results: कांग्रेस के लिए खुशखबरी, इस जिले में जीत लिया नगर पालिका अध्यक्ष का पद, रहा है गढ़ UP Nikay Chunav Results Live: निकाय चुनाव में यूं तो BJP ने महापौर की ज्यादातर सीटों पर जीत दर्ज कर ली हैं जबकि कांग्रेस को वहां भी निराशा ही हाथ लगी. हालांकि रायबरेली का नतीजा इसके लिए राहत भरा है. Raebareli News: रायबरेली राजनीति के दृष्टि से कांग्रेस (Congress) के लिए हमेशा ही अहम रही है. यहां चुनाव विधानसभा स्तर के हों या लोकसभा या फिर स्थानीय निकाय चुनाव, कांग्रेस किसी भी कीमत पर इसे खोना नहीं चाहती. वहीं, रायबरेली में नगर पालिका के 34 वार्ड हैं जिसमें से अधिकांश पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है जबकि दो वार्ड बीजेपी के खाते में गए हैं. वहीं, अगर यूपी की अन्य प्रमुख पार्टियों की बात करें तो एसपी, बीएसपी और कांग्रेस वार्ड में अपना खाता नहीं खोल पाई है. अब प्रत्याशियों को मिले वोट की बात करें तो नगर पालिका के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस को 43359 वोट मिले हैं. कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी को 17,757 वोटों से हराया है. बीजेपी के प्रत्याशी को 25602 वोट मिले हैं जबकि सपा को 10537 और बसपा को महज 1054 वोट ही मिले. 2023 में इसलिए कराए गए चुनाव उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव 2022 में कराए जाने थे लेकिन आरक्षण के मुद्दे पर चुनाव तब नहीं कराए जा सके. न्यायालय की हरी झंडी के बाद आखिरकार मई में चुनाव कराए गए जो दो चरणों में संपन्न हुए. यहां 4 और 11 मई को 17 महापौर और 1,401 पार्षदों, नगर पालिका परिषदों के 199 अध्यक्ष, नगर पालिका परिषदों के 5327 सदस्य, नगर पंचायतों के 544 अध्यक्ष और नगर पंचायतों के 7178 सदस्यों के निर्वाचन के लिए चुनाव कराया गया. वहीं, 19 पार्षद निर्विरोध...

UP Government affidavit on OBC Reservation in nagar nikay chunav 2022 Lucknow highcourt ATUP

UP Government affidavit on OBC Reservation in nagar nikay chunav 2022 Lucknow highcourt ATUP | UP Nagar Nikay Chunav 2022 : नगर निकाय चुनाव आरक्षण पर हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में ये 10 दलीलें रखीं यूपी सरकार ने | Hindi News, उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव UP Nagar Nikay Chunav 2022 : नगर निकाय चुनाव आरक्षण पर हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में ये 10 दलीलें रखीं यूपी सरकार ने UP Nagar Nikay Chunav 2022 : उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2022 को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई हुई. ओबीसी आरक्षण को लेकर यूपी सरकार ने 10 बड़ी दलीलें जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान रखी. हालांकि हाईकोर्ट इन दलीलों पर कितना सहमत होता है, ये बस कुछ समय की बात है. न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ रायबरेली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. 1-स्थानीय निकाय चुनाव मामले में प्रदेश सरकार ने कहा है कि 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए 2--शहरी विकास विभाग के सचिव रंजन कुमार ने हलफनामे में कहा है कि ट्रांसजेंडर्स को चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा सकता 3. हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि किन प्रावधानों के तहत निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति की गई 4. सरकार ने कहा है कि 5 दिसंबर, 2011 के हाईकोर्ट के फैसले के तहत इसका प्रावधान है 5. जनहित याचिकाओं में निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का उचित लाभ दिए जाने व सीटों के रोटेशन के मुद्दे उठाए गए हैं. याचियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत, जब तक राज्य सरकार तिहरे परीक्षण की औपचारिकता ...

यूपी निकाय चुनाव: हाईकोर्ट के फैसले पर CM योगी का आया रिएक्शन, बोले

• • Uttar Pradesh • यूपी निकाय चुनाव: हाईकोर्ट के फैसले पर CM योगी का आया रिएक्शन, बोले- OBC आरक्षण के बाद ही...' यूपी निकाय चुनाव: हाईकोर्ट के फैसले पर CM योगी का आया रिएक्शन, बोले- OBC आरक्षण के बाद ही...' UP Local Body Poll 2022 Update योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.. (PTI फाइल फोटो) इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव (UP Local Body Poll 2022 Update) को लेकर बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने कहा है कि OBC के लिए आरक्षित अब सभी सीटें जनरल मानी जाएंगी. कोर्ट ने कहा कि जब तक ट्रिपल टेस्ट न हो, तब तक OBC आरक्षण नहीं होगा. सरकार या निर्वाचन आयोग बिना ओबीसी आरक्षण (UP OBC Reservation) के चुनाव करवा सकते हैं. इन सबके बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रिएक्शन आया है. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी. Also Read: • • • उत्तर प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में एक आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके उपरान्त ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा। — Yogi Adityanath (@myogiadityanat...

UP निकाय चुनाव के आरक्षण में फंसा पेच, जानिए क्या है ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला जहां फंसा मामला

शरद पाठक ने बताया, 'अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के अलग-अलग स्थितियां हैं जिसमें राज्य सरकार को तय करना होगा कि वह अपने राज्य में ओबीसी को कितना आरक्षण देना चाहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट का एक फॉर्मूला दिया. बता दें कि आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट यानी 3 स्तर पर मानक रखे जाएंगे जिसे ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला कहा गया है. इसके अनुसार राज्य को एक कमीशन बनाना होगा. जो अन्य पिछड़ा वर्ग की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट देगा और जिसके आधार पर आरक्षण लागू होगा. इस टेस्ट में देखना होगा कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आर्थिक-शैक्षणिक स्थिति है? उनको आरक्षण देने की जरूरत है या नहीं? उनको आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं. साथ ही कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक ना हो. इसे ट्रिपल टेस्ट का नाम दिया गया है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्देश में कहा कि अगर अन्य पिछड़ा वर्ग को ट्रिपल टेस्ट के तहत आरक्षण नहीं दिया तो अन्य पिछड़ा वर्ग की सीटों को अनारक्षित माना जाएगा. बता दें कि शरद पाठक ने हमने इसी पर हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच को याचिका दी है, जिसमें पूछा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने निकाय चुनाव में आरक्षण को लागू करने के लिए ट्रिपल टेस्ट लागू किया गया है या नहीं? जिस पर अब उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब देना है. अब यह सरकार को तय करना है कि राज्य में जो पिछड़ा वर्ग आयोग है उसी को एक नोटिफिकेशन जारी कर अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की भी मान्यता दे दे या फिर एक अन्य आयोग अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए गठित किया जाए. अब तक राज्य सरकार ने कोर्ट को बताने के लिए समय मांगा है. अभी तक लिखित तौर पर सरकार की तरफ से...

UP Local Body Polls Would Be Conducted Without OBC Reservation: Allahabad HCs Big Order

यूपी निकाय चुनाव को लेकर हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा फैसला दिया है. अदालत ने यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि इस बार बगैर आरक्षण के निकाय चुनाव करवाए जाएं. अदालत का कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्धारित ट्रिपल टेस्‍ट ना हो तब तक आरक्षण को लागूनहीं किया जाए. हाईकोर्ट ने 2017 के ओबीसी रैपिड सर्वे को नकार दिया है. नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा,परंतु पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा! — Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) हाईकोर्ट ने निकाय चुनावों के लिए 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को भी खारिज किया है. इस फ़ैसले के बाद विपक्षी दलों ने यूपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. सपा, कांग्रेस ने मांग की है कि बिना आरक्षण निकाय चुनाव न कराए जाएं. डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने हाईकोर्ट के निकाय चुनाव पर फैसले के बाद ट्वीट किया. आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है,कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी। आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछडों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील है। — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) उन्होंने लिखा है कि निकाय चुनाव के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. जबकि अखिलेश यादव ने इस मसले पर बीजेपी को घेरते हुए लिखा,आज आरक्षण विरोधी बीजेपीनिकाय चुनाव में ओबीसी आरक...

Lucknow Uttar Pradesh UP Nagar Nikay Chunav 2022 Candidates Campaigning Before Reservation Tickets Issued ANN

UP Nagar Nikay chunav 2022: यूपी निकाय चुनाव को लेकर सभी वर्गवार प्रत्येक सीट पर आरक्षण (UP Nikay Chunav reservation) जारी होने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन साथ ही जिनको भरोसा है कि टिकट जरूर मिलेगा वे अपनी तैयारी में घर-घर जा रहे हैं. इनमें कई सीट ऐसी भी हैं जो आरक्षण के चलते 2017 में महिला आरक्षित हो गयीं थीं. तब जिन्होंने मजबूरी में अपनी पत्नियों को मैदान में उतारा वे अब इस उम्मीद से अपने लिए तैयारी में लगे हैं कि इस बार आरक्षण बदलेगा. लखनऊ (Lucknow Nikay Chunav 2022) में करीब 38 महिला पार्षद 2017 में चुनाव जीतकर आयीं थीं. चुनाव लड़ने की तैयारी में लखनऊ में ऐसे तमाम चेहरे हैं जो 2012 से 2017 तक तो पार्षद रहे लेकिन 2017 में वही सीट महिला की होने पर अपनी पत्नी या घर की किसी सदस्य को चुनाव लड़वाया. कई ऐसे भी हैं जो 2017 में पहली बार चुनाव लड़ने वाले थे लेकिन सीट महिला होने से पत्नी को चुनाव लड़वाया. अब ये लोग बदले समीकरण की उम्मीद लगाए खुद चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. पत्नी के काम का 5 साल का लेख जोखा लेकर सबसे साथ मांग रहे हैं. ये भी उम्मीद लगाए बैठे इस्माइल गंज प्रथम वार्ड से 2012 में कांग्रेस के मुकेश सिंह चौहान पार्षद चुने गए लेकिन 2017 में सीट महिला हो गयी तब अपनी पत्नी अमित सिंह को चुनाव लड़ाया और वे जीत भी गयीं. 5 साल पति-पत्नी ने मिलकर क्षेत्र में काम किया लेकिन इस बार उम्मीद लगाए बैठे हैं कि आरक्षण बदलेगा और मुकेश सिंह खुद चुनाव लड़ने की तैयारी में है. वहीं कॉल्विन महानगर वार्ड में 2017 में बीजेपी से विनीत सिंह पार्षद चुनी गईं. इससे पहले 2012 में इनके पति प्रमोद राजन पार्षद बने थे. इस बार एक बार फिर से प्रमोद को उम्मीद है कि वे खुद चुनाव लड़ पाएं. हालांकि उनका कहना है कि ...