उत्तरांचल से उत्तराखंड कब बना

  1. उत्तराखंड की स्थापना कब हुई थी?
  2. Uttarakhand History: Today Is The Foundation Day Of Uttarakhand, Know Its History
  3. उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन
  4. उत्तराखंड राज्य का गठन कब हुआ था?
  5. उत्तराखंड का इतिहास : समझें सभी ऐतिहासिक घटनाओं को आसानी से
  6. उत्तराखंड की स्थापना कब हुई थी?
  7. उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन
  8. Uttarakhand History: Today Is The Foundation Day Of Uttarakhand, Know Its History
  9. उत्तराखंड राज्य का गठन कब हुआ था?
  10. उत्तराखंड का इतिहास : समझें सभी ऐतिहासिक घटनाओं को आसानी से


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उत्तराखंड की स्थापना कब हुई थी?

उत्तराखंड की स्थापना 9 नवम्बर, 2000 थी। उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण 9 नवम्बर 2000 को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। 9 नवंबर, 2000 को उत्तराखंड उत्तर प्रदेश से अलग होकर भारतीय संघ का 27वां राज्य बना। इसकी सीमाएं पूर्व में नेपाल, उत्तर में तिब्बत, पश्चिम में हिमाचल प्रदेश एवं दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व में उत्तर प्रदेश स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से इस राज्य को तीन भागों में बांटा जा सकता है। — कुमाऊं क्षेत्र, गढ़वाल क्षेत्र एवं तराई प्रदेश। नंदादेवी, माउंट कामेट, त्रिशूल, नंदाकोट, बंदरपूंछ, ढूंगारी, गंगोत्री, चौखम्भा, केदारनाथ, नीलंकठ इत्यादि यहां की प्रमुख चोटियां हैं। Tags :

Uttarakhand History: Today Is The Foundation Day Of Uttarakhand, Know Its History

Uttarakhand Foundation Day 2021: नौ नवंबर की तारीख इतिहास में उत्तराखंड के स्थापना दिवस के तौर पर दर्ज हैं. पृथक उत्तराखंड की मांग को लेकर कई वर्षों तक चले आंदोलन के बाद आखिरकार 9 नवंबर 2000 को उत्तराखण्ड को सत्ताइसवें राज्य के रूप में भारत गणराज्य में शामिल किया गया था. वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से पुकारा जाता था, लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया. यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने इस खास मौके पर उत्तराखंड वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं भेजी हैं. उत्तराखंड की सीमाएं उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हुई है उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहे उत्तराखंड की सीमाएं उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हुई है. पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं. हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है. उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि कई प्राचीन धार्मिक स्थलों के साथ ही यह राज्य हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र मानी जाने वाली देश की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना का उद्गम स्थल है. उत्तराखंड राज्य में बहुत समृद्ध प्राकृतिक संसाधन हैं उत्तराखंड राज्य में बहुत समृद्ध प्राकृतिक संसाधन हैं जिनमें ग्लेशियर, नदियां, घने जंगल और बर्फ से ढकी पर्वत चोटियाँ शामिल हैं. इसमें चार सबसे पवित्र और श्रद्धेय हिंदू मंदिर भी हैं जिन्हें उत्तराखंड के चार धाम के रूप में भी जाना जाता है. बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री. राज्य की राजधानी देहरादून है. 1 जनवरी, 2007 को उत्तरांचल का नाम बदलकर उत्तराखंड किया गया था उ...

उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन

अनुक्रम • 1 पृष्ठभूमि • 2 संक्षिप्त इतिहास • 3 राज्य आन्दोलन की घटनाएँ • 3.1 खटीमा गोलीकाण्ड • 3.2 मसूरी गोलीकाण्ड • 3.3 रामपुर तिराहा (मुज़फ़्फ़रनगर) गोलीकाण्ड • 3.4 देहरादून गोलीकाण्ड • 3.5 कोटद्वार काण्ड • 3.6 नैनीताल गोलीकाण्ड • 3.7 श्रीयन्त्र टापू (श्रीनगर) काण्ड • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ • 6 बाहरी कड़ियाँ पृष्ठभूमि [ ] उत्तरांचल हिमालय पर्वत क्षेत्र के एक बड़े भाग में स्थित है। इस क्षेत्र की सीमायें चीन, तिब्बत एवं नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को छूती हैं। उत्तर प्रदेश की सभी छोटी-बड़ी नदियों का उद्गम इसी क्षेत्र से हुआ है। उत्तरांचल क्षेत्र में छोटी-छोटी पहाड़ियों से लेकर उँची पर्वत श्रंखलाये तक विद्यमान हैं। इनमें अधिकांश समय तक बर्फ से ढकी रहने वाली नन्दा देवी, त्रिशुल, केदारनाथ, नीलकंठ तथा चौखंभा पर्वत चोटियाँ हैं। परिस्थितकीय विभिन्नताओं के कारण इस क्षेत्र में भिन्न-भिन्न वनस्पतियाँ व जीव-जन्तु विद्यमान हैं। उत्तरांचल आन्दोलन - उत्तरांचल को अलग राज्य की मान्यता देने को लेकर उत्तरांचल आन्दोलन सन् १९५७ में प्रारंभ हुआ। उत्तरांचलवासियों की मांग है कि कई राज्य ऐसे हैं जिनका क्षेत्रफल और जनसंख्या प्रस्तावित उत्तरांतल राज्य से काफी कम है। इसके अतिरिक्त पहाड़ों का दुर्गम जीवन और पिछड़े होने की वजह से इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास नहीं हो पा रहा है। अत: उत्तराखण्ड को उत्तर प्रदेश से अलग करके उसे सम्पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। हालांकि उत्तराखण्ड राज्य बनाये जाने के टिहरी के पूर्व नरेश मानवेन्द्र शाह के १९५७ के आन्दोलन से पूर्व ही १९५२ में कम्युनिस्ट नेता पी.सी. जोशी ने पर्वतीय क्षेत्र को स्वायता देने की सर्वप्रथम मांग रखी थी। १९६२ को चीन के साथ युद्ध के समय इ...

उत्तराखंड राज्य का गठन कब हुआ था?

Explanation : उत्तराखंड राज्य का गठन 9 नवंबर 2000 हुआ था। कई वर्षों के आंदोलन के पश्चात उत्तर प्रदेश से अलग कर भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में उत्तराखंड का गठन किया गया था। सन 2000 से 2006 तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया। राज्य की सीमाएं उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसकी ग्रीष्म राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। Explanation : उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय अल्मोड़ा में स्थित है। लेकिन उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड की बैठक में बोर्ड का मुख्यालय अल्मोड़ा से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। इसी बैठक में चार नई चाय फैक्ट्र • नई शिक्षा नीति (NEP) लागू करने वाला देश का पहला राज्य कौन बना है?

उत्तराखंड का इतिहास : समझें सभी ऐतिहासिक घटनाओं को आसानी से

हिमालय की गोद में स्थित उत्तराखंड की भूमि अनादि काल से ही अनेकों रोचक और आश्चर्यजनक घटनाओं की गवाह रही है। विभिन्न कालखंडो में देवताओं, ऋषि मुनियों और मानव जाति की गतिविधियों के परिणामस्वरूप आधुनिक उत्तराखंड का सृजन हुआ। इन गतिविधियों और घटनाओं को हम उत्तराखंड के इतिहास के माध्यम से समझते सकते हैं। उत्तराखंड के इतिहास को जानने से पहले नज़र डालते हैं उत्तराखंड राज्य के संक्षिप्त परिचय पर …. - Advertisement - उत्तराखंड का परिचय भारत का उत्तरी राज्य ‘उत्तराखंड’ संस्कृत के शब्दों ‘उत्तर’ और ‘खण्ड’ से मिलकर बना है। जिसका मतलब है ‘उत्तर में स्थित भूमि’ यानी उत्तराखंड। उत्तराखंड की भूमि में अति प्राचीन काल से ही देवी देवताओं का निवास होने के कारण इसे ‘देवभूमि’ भी कहा जाता है। 9 नवम्बर 2000 को भारत के सत्ताइसवें राज्य के रूप में उत्तराखंड (उत्तरांचल) का सृजन हुआ। सन 2000 से 2006 तक यह ‘उत्तरांचल’ के नाम से जाना जाता था। 1 जनवरी सन 2007 को उत्तराँचल का नाम ‘उत्तराखंड’ किया गया। प्रशासन की दृष्टि से राज्य को दो मंडलों गढ़वाल और कुमाऊँ मंडल में बांटा गया है। राज्य में कुल 13 जिले हैं जिसमें से 6 कुमाऊँ और 7 जिले गढ़वाल मंडल में स्थित हैं। राज्य का कुल क्षेत्रफल 53483 वर्ग किमी है। राज्य में कुल 5 लोकसभा और 71 विधानसभा शीट हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित है। ‘गैरसैण’ उत्तराखंड राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी स्थित है। ‘गैरसैंण’उत्तराखंड के चमोली जिले में राजधानी देहरादून करीब 260 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उत्तराखंड का इतिहास उत्तरखण्ड का इतिहास अत्यधिक प्राचीन है। यहाँ से प्राप्त पुरातात्विक अवशेष इस बात का प्रमाण हैं कि इस क्षेत्र में पाषाण। काल से ही सभ्यताओं का विकास...

उत्तराखंड की स्थापना कब हुई थी?

उत्तराखंड की स्थापना 9 नवम्बर, 2000 थी। उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण 9 नवम्बर 2000 को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। 9 नवंबर, 2000 को उत्तराखंड उत्तर प्रदेश से अलग होकर भारतीय संघ का 27वां राज्य बना। इसकी सीमाएं पूर्व में नेपाल, उत्तर में तिब्बत, पश्चिम में हिमाचल प्रदेश एवं दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व में उत्तर प्रदेश स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से इस राज्य को तीन भागों में बांटा जा सकता है। — कुमाऊं क्षेत्र, गढ़वाल क्षेत्र एवं तराई प्रदेश। नंदादेवी, माउंट कामेट, त्रिशूल, नंदाकोट, बंदरपूंछ, ढूंगारी, गंगोत्री, चौखम्भा, केदारनाथ, नीलंकठ इत्यादि यहां की प्रमुख चोटियां हैं। Tags :

उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन

अनुक्रम • 1 पृष्ठभूमि • 2 संक्षिप्त इतिहास • 3 राज्य आन्दोलन की घटनाएँ • 3.1 खटीमा गोलीकाण्ड • 3.2 मसूरी गोलीकाण्ड • 3.3 रामपुर तिराहा (मुज़फ़्फ़रनगर) गोलीकाण्ड • 3.4 देहरादून गोलीकाण्ड • 3.5 कोटद्वार काण्ड • 3.6 नैनीताल गोलीकाण्ड • 3.7 श्रीयन्त्र टापू (श्रीनगर) काण्ड • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ • 6 बाहरी कड़ियाँ पृष्ठभूमि [ ] उत्तरांचल हिमालय पर्वत क्षेत्र के एक बड़े भाग में स्थित है। इस क्षेत्र की सीमायें चीन, तिब्बत एवं नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को छूती हैं। उत्तर प्रदेश की सभी छोटी-बड़ी नदियों का उद्गम इसी क्षेत्र से हुआ है। उत्तरांचल क्षेत्र में छोटी-छोटी पहाड़ियों से लेकर उँची पर्वत श्रंखलाये तक विद्यमान हैं। इनमें अधिकांश समय तक बर्फ से ढकी रहने वाली नन्दा देवी, त्रिशुल, केदारनाथ, नीलकंठ तथा चौखंभा पर्वत चोटियाँ हैं। परिस्थितकीय विभिन्नताओं के कारण इस क्षेत्र में भिन्न-भिन्न वनस्पतियाँ व जीव-जन्तु विद्यमान हैं। उत्तरांचल आन्दोलन - उत्तरांचल को अलग राज्य की मान्यता देने को लेकर उत्तरांचल आन्दोलन सन् १९५७ में प्रारंभ हुआ। उत्तरांचलवासियों की मांग है कि कई राज्य ऐसे हैं जिनका क्षेत्रफल और जनसंख्या प्रस्तावित उत्तरांतल राज्य से काफी कम है। इसके अतिरिक्त पहाड़ों का दुर्गम जीवन और पिछड़े होने की वजह से इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास नहीं हो पा रहा है। अत: उत्तराखण्ड को उत्तर प्रदेश से अलग करके उसे सम्पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। हालांकि उत्तराखण्ड राज्य बनाये जाने के टिहरी के पूर्व नरेश मानवेन्द्र शाह के १९५७ के आन्दोलन से पूर्व ही १९५२ में कम्युनिस्ट नेता पी.सी. जोशी ने पर्वतीय क्षेत्र को स्वायता देने की सर्वप्रथम मांग रखी थी। १९६२ को चीन के साथ युद्ध के समय इ...

Uttarakhand History: Today Is The Foundation Day Of Uttarakhand, Know Its History

Uttarakhand Foundation Day 2021: नौ नवंबर की तारीख इतिहास में उत्तराखंड के स्थापना दिवस के तौर पर दर्ज हैं. पृथक उत्तराखंड की मांग को लेकर कई वर्षों तक चले आंदोलन के बाद आखिरकार 9 नवंबर 2000 को उत्तराखण्ड को सत्ताइसवें राज्य के रूप में भारत गणराज्य में शामिल किया गया था. वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से पुकारा जाता था, लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया. यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने इस खास मौके पर उत्तराखंड वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं भेजी हैं. उत्तराखंड की सीमाएं उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हुई है उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहे उत्तराखंड की सीमाएं उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हुई है. पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं. हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है. उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि कई प्राचीन धार्मिक स्थलों के साथ ही यह राज्य हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र मानी जाने वाली देश की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना का उद्गम स्थल है. उत्तराखंड राज्य में बहुत समृद्ध प्राकृतिक संसाधन हैं उत्तराखंड राज्य में बहुत समृद्ध प्राकृतिक संसाधन हैं जिनमें ग्लेशियर, नदियां, घने जंगल और बर्फ से ढकी पर्वत चोटियाँ शामिल हैं. इसमें चार सबसे पवित्र और श्रद्धेय हिंदू मंदिर भी हैं जिन्हें उत्तराखंड के चार धाम के रूप में भी जाना जाता है. बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री. राज्य की राजधानी देहरादून है. 1 जनवरी, 2007 को उत्तरांचल का नाम बदलकर उत्तराखंड किया गया था उ...

उत्तराखंड राज्य का गठन कब हुआ था?

Explanation : उत्तराखंड राज्य का गठन 9 नवंबर 2000 हुआ था। कई वर्षों के आंदोलन के पश्चात उत्तर प्रदेश से अलग कर भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में उत्तराखंड का गठन किया गया था। सन 2000 से 2006 तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया। राज्य की सीमाएं उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसकी ग्रीष्म राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। Explanation : उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय अल्मोड़ा में स्थित है। लेकिन उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड की बैठक में बोर्ड का मुख्यालय अल्मोड़ा से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। इसी बैठक में चार नई चाय फैक्ट्र • नई शिक्षा नीति (NEP) लागू करने वाला देश का पहला राज्य कौन बना है?

उत्तराखंड का इतिहास : समझें सभी ऐतिहासिक घटनाओं को आसानी से

हिमालय की गोद में स्थित उत्तराखंड की भूमि अनादि काल से ही अनेकों रोचक और आश्चर्यजनक घटनाओं की गवाह रही है। विभिन्न कालखंडो में देवताओं, ऋषि मुनियों और मानव जाति की गतिविधियों के परिणामस्वरूप आधुनिक उत्तराखंड का सृजन हुआ। इन गतिविधियों और घटनाओं को हम उत्तराखंड के इतिहास के माध्यम से समझते सकते हैं। उत्तराखंड के इतिहास को जानने से पहले नज़र डालते हैं उत्तराखंड राज्य के संक्षिप्त परिचय पर …. - Advertisement - उत्तराखंड का परिचय भारत का उत्तरी राज्य ‘उत्तराखंड’ संस्कृत के शब्दों ‘उत्तर’ और ‘खण्ड’ से मिलकर बना है। जिसका मतलब है ‘उत्तर में स्थित भूमि’ यानी उत्तराखंड। उत्तराखंड की भूमि में अति प्राचीन काल से ही देवी देवताओं का निवास होने के कारण इसे ‘देवभूमि’ भी कहा जाता है। 9 नवम्बर 2000 को भारत के सत्ताइसवें राज्य के रूप में उत्तराखंड (उत्तरांचल) का सृजन हुआ। सन 2000 से 2006 तक यह ‘उत्तरांचल’ के नाम से जाना जाता था। 1 जनवरी सन 2007 को उत्तराँचल का नाम ‘उत्तराखंड’ किया गया। प्रशासन की दृष्टि से राज्य को दो मंडलों गढ़वाल और कुमाऊँ मंडल में बांटा गया है। राज्य में कुल 13 जिले हैं जिसमें से 6 कुमाऊँ और 7 जिले गढ़वाल मंडल में स्थित हैं। राज्य का कुल क्षेत्रफल 53483 वर्ग किमी है। राज्य में कुल 5 लोकसभा और 71 विधानसभा शीट हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित है। ‘गैरसैण’ उत्तराखंड राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी स्थित है। ‘गैरसैंण’उत्तराखंड के चमोली जिले में राजधानी देहरादून करीब 260 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उत्तराखंड का इतिहास उत्तरखण्ड का इतिहास अत्यधिक प्राचीन है। यहाँ से प्राप्त पुरातात्विक अवशेष इस बात का प्रमाण हैं कि इस क्षेत्र में पाषाण। काल से ही सभ्यताओं का विकास...