वाल्मीकि जयंती कब है 2022

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  2. महर्षि वाल्मीकि जयंती 2023, जीवन परिचय
  3. ???? वाल्मीकि जयंती 2022: कब और क्यों मनाई जाती है? कैसें मिली रामायण लिखने की प्रेरणा (Photos)
  4. Valmiki Jayanti 2022 : इस बार वाल्मीकि जयंती पर आप अपनों को भेजें यह खास संदेश !
  5. वाल्मीकि जयंती कब है
  6. Valmiki Jayanti 2022 Date Shubh Muhurat And Importance Of Valmiki Jayanti
  7. Valmiki Jayanti 2022 This One Incident Changed The Life Of Adikavi Valmiki Know How He Became A Maharishi Valmiki
  8. Valmiki Jayanti 2022: वाल्मीकि जयंती कब है? रामायण के रचनाकर महर्षि वाल्मीकि कैसे बने एक डाकू
  9. Valmiki Jayanti 2022: When Is Valmiki Jayanti? How The Entire Character Of Maharishi Valmiki Became A Source O


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valmiki jayanti kab hai 2022 mein date time shubh samay muhurat mahatav maharishi valmiki ko kisne bnaya daaku se mahagyani valmiki jayanti ka kyu manai jati hai hindi Latest News in Hindi, Newstrack Samachar, Aaj Ki Taja Khabar

valmiki jayanti kab hai 2022 mein date time shubh samay muhurat mahatav maharishi valmiki ko kisne bnaya daaku se mahagyani valmiki jayanti ka kyu manai jati hai hindi Latest News in Hindi, Newstrack Samachar, Aaj Ki Taja Khabar | वाल्मीकी जयंती 2022 में कब और क्यों मनाई जाती है Valmiki Jayanti kab hai 2022 In Hindi : जानिए डाकू से महाऋषि बनने की कहानी : newstrack • 21 की उम्र में बेहद बोल्ड हैं अवनीत कौर, देखें ये 10 तस्वीरें • व्हाइट ड्रेस में परियों जैसी लगीं शनाया कपूर, देखें तस्वीरें • दिल्ली के पास इन हिल स्टेशनों में मनाएं छुट्टियां • बालों को स्ट्रेट करने के घरेलू नुस्खे • इन 5 तरीकों से कम करें हार्ट अटैक का खतरा • टाइगर श्रॉफ की बोल्ड बहन, हुस्न से मचाती हैं कहर • नवाजुद्दीन-अवनीत के किसिंग सीन पर मचा बवाल • विजय देवरकोंडा संग रोमांस करेंगी मृणाल ठाकुर! • सारा ने शेयर की सबसे खूबसूरत तस्वीरें, फ्लोरल ड्रेस में लगीं हसीन • आलिया ने क्यूट अदाओं से जीता दिल, स्माइल पर दिल हार बैठे फैंस और देखें फोटो स्टोरी Valmiki Jayanti kab hai 2022 In Hindi : असत्य से सत्य की मार्ग पर चलकर महाज्ञानी बनने वाले महाऋषि वाल्मीकि का जीवन प्रेरणादायक है। जो क्रूरता से दया, सबलता दृढ़ता की ओर जाने वाला है। महृर्षि वाल्मिकि ने संस्कृत में महाकाव्य रामायण की रचना के साथ श्रीराम के संपूर्ण जीवन को चरितार्थ किया और लव-कुछ के संरक्षक गुरु भी रहे। वाल्मीकि जयंती क्यों मनाई जाती है? महर्षि वाल्मीकि ( Valmiki Jayanti) का जन्म आश्विन मास की शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था। महर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में कोई स्पष्ट प्रमाण तो नहीं है लेकिन पौराणिक मान्यताओं के अनुसार उनका जन्म महर्षि कश्यप और अदित...

महर्षि वाल्मीकि जयंती 2023, जीवन परिचय

Valmiki Jayanti 2023, Maharishi Valmiki Biography in Hindi: महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण पूरे विश्व में विख्यात है। महर्षि वाल्मीकि के द्वारा संस्कृत भाषा में लिखी गई रामायण सबसे प्राचीन महाकाव्य है। रामायण महाकाव्य लगभग 21 भाषाओं में उपलब्ध है। संस्कृत के प्रथम महाकाव्य की रचना करने के कारण इन्हें आदिकवि भी कहा जाता है। महर्षि वाल्मीकि जयंती 2023 तिथि (Valmiki Jayanti 2023): रविवार, 28 अक्टूबर 2023 शरद पूर्णिमा तिथि: 28 अक्‍टूबर सुबह 4:17 बजे से 29 अक्टूबर सुबह 1:53 तक महर्षि वाल्मीकि का जीवन परिचय एक नजर में (Maharishi Valmiki Biography in Hindi) नाम महर्षि वाल्मीकि उपनाम आदिकवि जन्म आश्विन शुक्ल पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा) माता चर्षणी पिता वरुण भाई भृगु ऋषि रचनाएँ रामायण वाल्मीकि जयंती कब है? वाल्मीकि जयंती क्यों मनाई जाती है? Why Valmiki Jayanti is celebrated? रामायण महाकाव्य के रचियतामहर्षि वाल्मीकि के जन्म दिवस के रुप में वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है। वाल्मीकि जयंती कैसे मनाई जाती है? How Valmiki Jayanti is celebrated? स्वयंसेवी संस्थाएं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा बाल्मीकि जयंती के मौके पर फल,मिष्ठान व खाने आदि का वितरण किया जाता है। इस दिन कुछ धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमे लोगों को प्रेरित करने के लिए तथा बुरे कर्मों से दूर रहकर सद्‍मार्ग पर चलने के लिए वाल्मीकि जी के जीवन परिवर्तन की कथा सुनाई जाती है। इस दिन रामायण का पाठ और राम नाम का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है। वाल्मीकि जयंती का महत्व वाल्मीकि जयंती का इतिहास (Valmiki Jayanti History) महर्षि वाल्मीकि के बचपन का नाम रत्नाकर था। बचपन में एक भीलनी द्वारा इनका अपहरण कर लिया गया और फिर...

???? वाल्मीकि जयंती 2022: कब और क्यों मनाई जाती है? कैसें मिली रामायण लिखने की प्रेरणा (Photos)

Maharishi Valmiki Jayanti 2022: वाल्मीकि जयंती कब, क्यों और कैसे मनाई जाती है? (शरद पूर्णिमा) फैक्ट्स और शुभकामना फोटोज Maharishi Valmiki Jayanti 2022: हिंदू महाकाव्य रामायण लिखने वाले संस्कृत कवि ऋषि वाल्मीकि की जन्म जयंती प्रत्येक वर्ष आश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि (जिसे शरद पूर्णिमा भी कहा जाता है) को मनायी जाती है। इस साल 2022 में भगवान् बाल्मीकि जी की जयंती 09 अक्टूबर को रविवार के दिन मनाई जा रही है। इस साल २०२२ में शरद पूर्णिमा तिथि 09 अक्‍टूबर को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से 10 अक्टूबर सुबह 2 बजकर 54 मिनट तक रहेगी। यह तिथि हर साल बदलती है और भारतीय चंद्र कैलेंडर द्वारा निर्धारित की जाती है। यह ज्यादातर सितंबर के अंत या अक्टूबर के महीने में पड़ती है। Maharishi Balmiki Jayanti Subhkamnaye Images Maharishi Valmiki Jayanti 2022 Information in Hindi नाम: महर्षि वाल्‍मीकि जयंती (वाल्मीकि प्रगट दिवस) आवृत्ति: वार्षिक तिथि: रविवार, 09 अक्टूबर 2022, आश्विन शुक्ला पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा) कारण: भगवान वाल्मीकि की जयंती विधि: व्रत, पूजा, कथा, भजन-कीर्तन, वाल्मीकि मंदिर अगली बार: 28 अक्टूबर 2023 (शनिवार) विषय सूची • • • • • • • महर्षि वाल्मीकि जयंती क्यों मनाई जाती है? महत्व भारतीय संस्कृति में हिंदू धर्म के उपासकों के आदर्श माने जाने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन को संस्कृत भाषा में महाकाव्य के रूप में पिरो कर रामायण की रचना करने वाले आदि कवि महर्षि वाल्मीकि जी को भगवान् का दर्जा दिया जाता है। ऐसा बताया जाता है कि राजमहल से आने के बाद उन्होंने ही माता सीता को आश्रय दिया था और श्रीराम के दोनों बेटों लव और कुश का जन्म उन्ही के आश्रम में हुआ था और वहीँ दोनों की शिक्षा दीक्...

Valmiki Jayanti 2022 : इस बार वाल्मीकि जयंती पर आप अपनों को भेजें यह खास संदेश !

इस बार बाल्मीकि जयंती 9 अक्टूबर 2022 को रविवार के दिन मनाई जाएगी. आखिर कौन थे महर्षि वाल्मीकि जी? कहते हैं कि वाल्मीकि जी का जन्म महर्षि कश्यप और अदिति की नवी संतान वरुण और पत्नी चर्षणी के घर में हुआ था। बचपन मे ही भील समुदाय के लोग उन्हें चुरा कर ले गए थे। और उनकी परवरिश भील समाज में ही हुई थी। वाल्मीकि जी से पहले उनका नाम रत्नाकर हुआ करता था। महर्षि वाल्मीकि जी संस्कृत रामायण के प्रसिद्ध रचयिता थे। जो आदि कवि के रूप में प्रसिद्ध थे।उन्होंने संस्कृत भाषा में रामायण की रचना की और महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण वाल्मीकि रामायण केहलाई गई। रामायण एक काव्य है। जो भगवान श्री राम के जीवन के माध्यम से हमें जीवन के सत्य व कर्तव्य से परिचित करवाती है. इस पावन पर्व पर अपनों को भेजेंगे प्रेम भरे संदेश- • जीवन कर्म के बारे में है और धर्म के बिना कर्म का कोई महत्व नहीं होता, जब आप एक धन्य जीवन के लिए अपना कर्म करते हैं तो हमेशा धर्म का पालन करें... आपको महर्षि वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं • आप ज्ञान,धन ,प्रतिष्ठा और शांति इकट्ठा कर सकते हैं लेकिन अगर अपने प्रेम, आदर ,सम्मान को भुला दिया तो आप जीवन के असली दरवाजे से क्यों गए हैं... वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं • प्रकट दिवस के शुभ अवसर पर "आइए हम महर्षि वाल्मीकि जी से अपने अस्तित्व का उद्देश्य खोजने और एक सुंदर कल के लिए अच्छे कर्म करने का आशीर्वाद लेते हैं ...महर्षि वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं • आप बहुत सारा पैसा तो कमा सकते हैं और जीवन में बहुत सारा ज्ञान इकट्ठा कर सकते हैं लेकिन अगर आप में प्रेम नहीं कमाया तो आपका जीवन व्यर्थ है ...महर्षि वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं • भगवान वाल्मीकि जी का जीवन हमें सिखाता है कि हम अच्छे या बु...

वाल्मीकि जयंती कब है

Valmiki Jayanti 2022 Date: भारत की पावन धरती पर एक से बढ़कर एक ऋषि मुनियों ने जन्म लिया है| महान ऋषि मुनियों की धरती भारत भूमि में एक ऐसे ही ऋषि वाल्मीकि का जन्म हुआ जिन्होनें रामायण जैसे महाकाव्य की रचना की जिसने दुनिया को विश्वबन्धुता-भाईचारे का सन्देश दिया| इनके जन्मदिवस को वाल्मीकि जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है| आइये जानते हैं इस साल वाल्मीकि जयंती कब है और क्या है इस दिन का महत्त्व: महर्षि वाल्मीकि रामायण के रचयिता हैं| उन्होंने संस्कृत में रामायण की रचना की थी| उनके द्वारा रची गई रामायण को लोग वाल्मीकि रामायण के नाम से जानते हैं| संस्कृत के प्रथम महाकाव्य की रचना करने के कारण उन्हें आदि कवि भी कहा जाता है| असाधारण प्रतिभा के धनी महर्षि वाल्मीकि का जीवन हमें सही मार्ग में चलने को प्रेरित करता है और यह भी समझाता है कि जीवन में घटने वाली प्रत्येक घटना, चाहे वह कितनी भी छोटी न हो, उससे मनुष्य प्रेरणा लेकर अपने जीवन में परिवर्तन ला सकता है| वाल्मीकि जी के जीवन में घटी एक घटना ने उनके जीवन को देखने का नजरिया ही बदल दिया और उनको एक डाकू रत्नाकार से महा पूजनीय ऋषि की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया| महर्षि वाल्मीकि, भृगु के वंश के ब्राह्मण थे| भाग्य ने उन्हें बचपन में ही लुटेरों के परिवार को सौंप दिया था जहाँ उनका पालन-पोषण हुआ| बड़े होने पर वे एक डाकू बन गए| उनकी आजीविका लूटपाट पर निर्भर रहती थी| एक दिन जब वे जंगल में छुपकर लूटने के लिए किसी राहगीर का इंतज़ार कर रहे थे, तो वहां नारद मुनि प्रकट हुए| नारद मुनि उस समय पृथ्वी लोक के भ्रमण पर थे| ऋषि नारद के साथ आकस्मिक संपर्क ने उनका जीवन पूरी तरह बदल दिया| रामनाम या राम के नाम की पुनरावृत्ति से...

Valmiki Jayanti 2022 Date Shubh Muhurat And Importance Of Valmiki Jayanti

Valmiki Jayanti 2022 Date: वाल्मीकि जयंती हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल वाल्मीकि जयंती (Valmiki Jayanti 2022) 09 अक्टूबर, रविवार को मनाई जाएगी. इस दिन आदिकवि महर्षि वाल्मीकि (Maharshi Valmiki) की पूजा होती है. महर्षि वाल्मीकि ने ही रामायण (Ramayana) सर्वप्रथम संस्कृत भाषा में लिखा था, इसलिए इन्हें आदिकवि कहा जाता है. आइए जानते हैं वाल्मीकि जयंती का शुभ मुहूर्त (Valmiki Jayanti Shubh Muhurat) और महत्व. वाल्मीकि जयंती आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 09 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से शुरू हो रही है. वहीं आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि का समापन 10 अक्टूबर को सुबह 2 बजकर 54 मिनट पर हो रहा है. ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के अनुसार इस साल वाल्मीकि जयंती 09 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इस तरह पड़ा आदिकवि का नाम वाल्मीकि पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बार महर्षि वाल्मीकि कई दिनों तक तपस्या में लीन थे. वे तपस्या में इतने अधिक मग्न हो गए कि उनके शरीर पर दीमक लग गया और उन्हें इस बात का पता भी ना चल सका. महर्षि नें जब अपनी साधना को पूर्ण करने बाद आंखें खोली तो उसके बाद अपने शरीर से दीमक को हटाया. मान्यतानुसार दीमक जब किसी स्थान पर अपना घर बना लेता है तो उसे ही वाल्मीकि कहा जाता है. कहते हैं कि इसी कारण से महर्षि का नाम वाल्मीकि पड़ा. वाल्मीकि जयंती का महत्व | Valmiki Jayanti Importance हिंदू धर्म में वाल्मीकि जयंती का खास महत्व है. महर्षि वाल्मीकि ने सबसे पहले रामायण की रचना संस्कृत में की. रामायण हिंदू धर्म का एक प्रमुख महाकाव्य है. वाल्मीकि जयंती के दिन देशभर में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इ...

Valmiki Jayanti 2022 This One Incident Changed The Life Of Adikavi Valmiki Know How He Became A Maharishi Valmiki

Valmiki Jayanti 2022: वाल्मीकि जयंती हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है. इस साल महर्षि वाल्मीकि जयंती 09 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक आदिकवि वाल्मीकि ने रामायण महाकाव्य की रचना की थी. जिस कारण से इन्हें आदिकवि कहा जाता है. वाल्मीकि जयंती पर हर साल जगह-जगह सांस्कृति कार्यक्रमों के आयोजन और झांकी निकाली जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महर्षि वाल्मीकि अपने प्रारंभिक जीवन काल में एक डाकू थे. मगर एक घटना ने उनका जीवन बदल दिया. आइए जानते हैं कि वाल्मीकि कैसे एक डाकू से महर्षि और आदिकवि कहलाए. धार्मिक कथाओं के अनुसार, पहले महर्षि वाल्मीकि का नाम रत्नाकर था. ये अपने जीवने के प्रारंभिक काल में लोगों को लूटकर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण किया करते थे. कहा जाता है कि एक बार जब वे जंगल में ये काम कर रहे थे तो उस दौरान उनकी मुलाकात नारद मुनि से हुई. रत्नाकर ने नारद मुनि को भी लूटने के इरादे पकड़ा. जिसके बाद नारद जी ने रत्नाकर से पूजा- 'तुम यह काम क्यों कर रहे हो'. जिसके जवाब में रत्नाकर ने कहा कि वह अपने और परिवार के जीवनयापन के लिए ऐसा कर रहा है. फिर नारद मुनि ने रत्नाकर से पूछा कि क्या तुम्हारे इस पाप के भारी परिवार के सदस्य होंगे. रत्नाकर के पास इसका कोई उचित जवाब नहीं था. वह सोच में पड़ गया कि और कहा कि उसका परिवार उसके साथ हमेशा खड़ा रहेगा. तब नारद मुनि ने कहा कि घर जाकर परिवार के सदस्यों के पूछकर आओं के कि क्या तुम्हारे पाप से भागी वे बनेंगे. जिसके बाद रत्नाकर घर जाकर परिवार के सदस्यों के इसके बारे में पूछा. तब परिवार के सदस्यों ने इनकार कर दिया और कहा कि वे दुष्कर्म में उसका साथ नहीं देंगे. कहते हैं कि इस घटना के बाद से रत्नाकर को ग्ल...

Valmiki Jayanti 2022: वाल्मीकि जयंती कब है? रामायण के रचनाकर महर्षि वाल्मीकि कैसे बने एक डाकू

वाल्मीकि जयंती 2022: अश्विन की तारीख की तारीख तारीख है इसी दिन रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का जन्म हुआ था। इस साल वाल्मीकि की जयंती 9 अक्टूबर 2022 को है। वाल्मी ऋषी को दिकवी भी कहा गया है, अन्युन रामायण में संस्कृत में लिधी जीसे प्रचीन में। देश में कई जगहों पर उनके जन्मदिन पर धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। आइए जानते हैं महर्षि वाल्मीकि से जुड़ी जानकारी। • अश्विन पूर्णिमा प्रारंभ तिथि – 09 अक्टूबर 2022, सुबह 03 बजकर 41 • अश्विन पूर्णिमा तिथि तिथि किशिश – 10 अप्रैल 2022, सुबह 02 बास्कर 24 वाल्मीकि का नाम कैसे पड़ा? पौराणिक कथा के अनुसार एक बार महर्षि वाल्मीकि तपस्या में बैठे थे। महर्षि ने अपनी साधना पूरी करने के बाद ही अपनी आँखें खोलीं। फिर दीमकों को हत्या। दिमक जिस जीस ज़ापना गर बना लेटी है, अगु इने वाल्मी के नाम से जेजेक। वाल्मीकि जयंती कथा (वाल्मीकि जयंती कथा) महर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में कई मत हैं, जिनके अनुसार महर्षि कश्यप के 9वें पुत्र का जन्म हुआ। रिसोर्सी भृगु इंके बेडे भ्राता मैनेज हैन। वाल्मीकि एक ब्राह्मण कुल में पैदा हुए थे और युवावस्था में ही डकैत बन गए थे। कहा जाता है कि जन्म के बाद भील समुदाय के लोग उन्हें चुपके से अपने बच्चों के पास ले गए। वहीं उनकी परवरिश हुई। वाल्मी से पहले इनेनु रत्नाकर नाम से प्रसन्नता था। रत्नाकर ने लूटपाट और चोरी जैसे गलत काम किए, लेकिन एक घटना ने उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल दी। इस घटना ने बदल दी उनकी जिंदगी एक बार जाब शाम डूकू ने डॉनार मुनि को बांदी बाना। नारद जी ने कहा, “तुम्हें क्या मिलेगा?” रत्नाकर ने कहा कि मैं परिवार के लिए यही करता हूं। नारद जी ने उनसे कहा कि तुम किसके लिए गलत रास्ते पर चल रहे हो, उनसे पूछो, तुम्हारा पाप...

Valmiki Jayanti 2022: When Is Valmiki Jayanti? How The Entire Character Of Maharishi Valmiki Became A Source O

Valmiki Jayanti 2022: वाल्मीकि जयंती कब है? रामायण के रचनाकर महर्षि वाल्मीकि का संपूर्ण चरित्र कैसे बना प्रेरणा स्त्रोत शरद पूर्णिमा का समय वाल्मीकि जयंती के रुप में भी मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन महर्षि वाल्मीकि का जन्म हुआ था और जिनकी महान रचना रामायण द्वारा संसार को एक अमूल्य कृति की प्राप्ति संभव हो पाई. हिंदू धर्म में वाल्मीकि जी का स्थान अत्यंत ही श्रेष्ठस्थ रहा है. वह एक महान लेखक और ऋषि, महर्षि रहे हैं. मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों रामायण की रचना से दिया संसार को महान ज्ञान पारंपरिक हिंदू पंचांग के अनुसार, वाल्मीकि जयंती अश्विन के महीने में पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है. महर्षि वाल्मीकि महान हिंदू महाकाव्य रामायण के लेखक हैं और उन्हें 'आदि कवि' या संस्कृत साहित्य के पहले कवि के रूप में भी जाना जाता है. रामायण, भगवान राम की कहानी का चित्रण करते हुए सबसे पहले उनके द्वारा संस्कृत भाषा में लिखी गई थी और इसमें 24,000 श्लोक हैं जो विभिन्न काण्ड में विभाजित हैं. वाल्मीकि जयंती को संपूर्ण भारत में ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता रहा है. इस दिन भारत के उत्तरी क्षेत्रों में इसकी विशालता काफी दिखाई देती है. इसे प्रगति दिवस के रुप में भी पुकारा जाता है. कब है वाल्मीकि जयंती वाल्मीकि जयंती 2022 09 अक्टूबर, रविवार को मनाई जाएगी. अश्विन पूर्णिमा तिथि का समय: 09 अक्टूबर, 3:42 पूर्वाह्न से आरंभ होगा ओर 10 अक्टूबर, 2:24 पूर्वाह्न तक यह व्याप्त रहने वाली है. इस दिन कोजागर नामक शुभ व्रत को भी रखा जाएगा. जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है वाल्मीकि जयंती महत्व वाल्मीकि जयंती पर लोग प्रसिद्ध भक्त संत और कवि...