वाल्मीकि का जन्म कब और कहां हुआ

  1. b r ambedkar death anniversary know all facts and details about ambedkar life struggle in hindi
  2. महर्षि वाल्मीकि का जन्म कब हुआ था? – ElegantAnswer.com
  3. MCQ Questions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12 एक फूल की चाह with Answers
  4. महर्षि वाल्मीकि का जीवन परिचय जीवनी Maharishi Valmiki Biography In Hindi


Download: वाल्मीकि का जन्म कब और कहां हुआ
Size: 58.24 MB

जानिए:

गौतम बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के पास इस्थित लुम्बिनी नामक वन में हुआ था। यह स्थान आपको अटपटा जरूर लग रहा होगा मगर यह नेपाल में स्थित है। गौतम बुद्ध के जन्म के पीछे भी एक रोचक कहानी है कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना है, कि कपिलवस्तु की महारानी जिनका नाम महामाया देवी था वह, अपने नैहर यानी कि अपने पिता के गांव देवदह जा रही थीं, और वह गर्भवती थी, और उनका नौंवा महीना चल रहा था, और देवदह जाने पर रास्ते में एक लुम्बिनी वन पड़ता था। और लुम्बिनी में एक शुद्धोधन नामक राजा का घर था तो उन्ही के घर पर गौतम बुद्ध का जन्म हुआ। ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध के जन्म के लगभग सात दिन के बाद ही उनके माता का देहांत हो चुका था और उनके जाने के बाद गौतम बुद्ध का लालन-पालन उनके मौसी गौतमी ने किया था, गौतम बुद्ध जब पैदा हुए थे तब इनका नाम सिद्धार्थ रखा गया था। गौतम बुद्ध कौन थे ? गौतम बुद्ध एक महान चरित्र वाले व्यक्ति थे इनका उल्लेख इतिहास के पन्नों में बड़े ही विचित्र शब्दों में किया गया है, इनके कर्मों के वजह से इन्हें भगवान का रूप भी दिया गया है। बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो इनके कर्मों और सिद्धांतों के अनुसार अपना धर्म परिवर्तन करके इनके ही धर्म का पालन करते हैं, और इनके नाम से ही एक धर्म भी बनाया गया है जिसे लोग बौद्ध धर्म के नाम से जानते हैं। गौतम बुद्ध अपने विचार ज्ञान समृद्धि के बदौलत दुनिया को एक नई राह प्रदान किए थे, और कई सारे लोग ऐसे भी हैं जो इनके बताए गए राह पर चलते हैं और वह काफी सुखी और संपन्न भी हैं। आप जान करके हैरान होंगे कि बौद्ध धर्म के विश्व में कुल अनुवाई तकरीबन 25% के आस पास है। कुछ देशों के सर्वे के अनुसार जापान, थाईलैंड, चीन, कंबोडिया, अमेरिका, साउथ कोरिया, मंगोलिया, वियतनाम, ने...

b r ambedkar death anniversary know all facts and details about ambedkar life struggle in hindi

आंबेडकर का जन्म कब और कहां हुआ. आंबेडकर का जन्म 14 अप्रेल 1891 को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू नगर में हुआ था, गौरतलब है कि वर्ष 2003 में इस शहर का नाम महू से बदलकर डॉ. आंबेडकर नगर कर दिया गया है. उनका परिवार मूलतः मराठी था और धार्मिक तौर पर कबीर पंथी था. आंबेडकर की शिक्षा यात्रा भारत के प्रथम कानून मंत्री आंबेडकर की प्राथमिक शिक्षा सातारा नगर के राजवाड़ा चौक पर स्थित गवर्न्मेण्ट हाईस्कूल में अंग्रेजी की पहली कक्षा में प्रवेश लेने से शुरू हुआ. 1997 में उनका परिवार मुम्बई चला गया और उनकी माध्यमिक तक कि शिक्षा फिर मुम्बई की एल्फिंस्टोन रोड पर स्थित गवर्न्मेंट हाईस्कूल में हुई. आंबेडकर की उच्च शिक्षा का आरंभ बॉम्बे विश्वविद्यालय से हुई, उन्होंने वहां से स्नातक डिग्री प्राप्त की.1913 ई० में आंबेडकर अमेरिका चले गए और वहां की कोलंबिया विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की. अमेरिका के बाद वो लंदन गए और वहां के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में "इवोल्युशन ओफ प्रोविन्शिअल फिनान्स इन ब्रिटिश इंडिया" के टॉपिक पर उनके शोध कार्य किया जिसके लिए अर्थशास्त्र में उन्हें पीएचडी की डिग्री मिली.लंदन प्रवास के दौरान ही उन्होंने लॉ की शिक्षा भी प्रारम्भ कर ली.1922 में वो दोबारा लंदन गए और एम.एस.सी की डिग्री और लॉ की अपनी अधूरी डिग्री भी पूरी की.इसके बाद भी उन्होंने शिक्षा जारी रखी और कुल चार पीएचडी डिग्री हासिल की. कौन कौन सी किताबें लिखीं आंबेडकर ने आंबेडकर अपने दौर के सभी राजनेताओं से ज्यादा पठन पाठन में संलग्न रहें. ग्यारह अलग अलग भाषाओं पर पकड़ रखने वाले आंबेडकर ने कुल 32 किताबें, 10 वक्तव्य के साथ चार रिसर्च थीसिस के साथ भी ढेर सारे पुस्तकों की समीक्षाएं भी लिखी. भारतीय बौद्धों ...

महर्षि वाल्मीकि का जन्म कब हुआ था? – ElegantAnswer.com

महर्षि वाल्मीकि का जन्म कब हुआ था? इसे सुनेंरोकेंवाल्मीकि का जन्म हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार अश्विन महीने की पूर्णिमा को हुआ था। वाल्मीकि का असली नाम क्या था? इसे सुनेंरोकेंडाकू से ऐसे बने वाल्मीकि पौराणिक कथाओं के अनुसार वाल्मीकि का असली नाम रत्नाकर था, जो पहले लुटेरे हुआ करते थे और उन्होंने नारद मुनि को लूटने की कोशिश की। वाल्मीकि को आदिकवि क्यों कहा जाता है? इसे सुनेंरोकेंआदिकवि शब्द ‘आदि’ और ‘कवि’ के मेल से बना है। ‘आदि’ का अर्थ होता है ‘प्रथम’ और ‘कवि’ का अर्थ होता है ‘काव्य का रचयिता’। वाल्मीकि ऋषि ने संस्कृत के प्रथम महाकाव्य रामायण की रचना की थी। यही कारण है कि महर्षि वाल्मीकि आदिकवि कहलाए। महा ऋषि के पिता का क्या नाम था? इसे सुनेंरोकेंमहर्षि वाल्मीकि का जन्म भृगु कुल से उत्पन्न ब्राह्मण कश्यप और अदिति के नवम पुत्र वरुण(आदित्य) जिनका एक नाम प्रचेत भी था से हुआ। इनकी माता का नाम चरषणी व भाई भृगु थे। बचपन मे एक भीलनी ने इनका अपहरण कर लिया तथा भील समाज मे इनका पालन पोषण हुआ। इनका प्रारंभिक नाम रत्नाकर था। वाल्मीकि कौन सी जाती है? इसे सुनेंरोकेंवाल्मीकि मूल रूप से दलित(द्रविड़) समुदाय हैआदि धर्म (वाल्मीकि धर्म) को मानने वाली एक जाति व समुदाय है। इनका पारम्परिक काम शिक्षित होना, खोज करना, युद्ध कार्य करना रहा है। वाल्मीकि समाज कौन है? इसे सुनेंरोकेंवाल्मीकि (Valmiki) भारत में पाया जाने वाला एक जाति या संप्रदाय है. वाल्मीकि शब्द का प्रयोग पूरे भारत में विभिन्न समुदायों द्वारा किया जाता है, जो खुद को रामायण के रचयिता भगवान वाल्मीकि के वंशज होने का दावा करते हैं. यह एक मार्शल जातीय समुदाय है, पारंपरिक रूप से इनका कार्य युद्ध करना रहा है. वाल्मीकि रामायण कितनी पुरानी है?...

MCQ Questions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12 एक फूल की चाह with Answers

• NCERT Solutions Menu Toggle • NCERT Solutions for Class 12 • NCERT Solutions for Class 11 • NCERT Solutions for Class 10 • NCERT Solutions for Class 9 • NCERT Solutions for Class 8 • NCERT Solutions for Class 7 • NCERT Solutions for Class 6 • NCERT Books • TS Grewal Solutions • MCQ Questions Menu Toggle • NCERT MCQ Students who are searching for NCERT MCQ Questions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12 एक फूल की चाह with Answers Pdf free download can refer to this page thoroughly. Because here we have compiled a list of एक फूल की चाह Class 9 MCQs Questions with Answers Practicing the Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12 MCQ with Answers aids students to learn all the fundamental concepts and prepare effectively for the exams. MCQ of एक फूल की चाह Class 9 with Answers are prepared based on the latest exam pattern & CBSE guidelines. Here are the links available online for Free Download of Class 9 Hindi एक फूल की चाह MCQ Multiple Choice Questions with Answers PDF. Question 1. सुखिया किस प्रकार पड़ी हुई थी? (a) चुपचाप (b) अटल शांति-सी धारण करके (c) बिल्कुल निर्जीव (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं। Answer Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं। Question 2. मंदिर कहाँ स्थित था? (a) नदी के किनारे (b) शहर से बाहर (c) ऊँचे पर्वत की चोटी पर (d) नगर के बीचों-बीच। Answer Answer: (c) ऊँचे पर्वत की चोटी पर Question 3. कवि ने मंदिर के कलश की तुलना किससे की है? (a) घड़े से (b) पर्वत की चोटी से (c) खिलते हुए गुलाब से (d) खिलते हुए कमल से। Answer Answer: (d) खिलते हुए कमल से। Question 4. भक्त क्या...

महर्षि वाल्मीकि का जीवन परिचय जीवनी Maharishi Valmiki Biography In Hindi

महर्षि वाल्मीकि का जीवन परिचय जीवनी इतिहास Maharishi Valmiki Biography In Hindi: इंसान की इच्छाशक्ति अगर मज़बूत हो और वह अपने आपको बदलने की ठान ले तो वो कुछ भी कर सकता है। ऐसे ही एक महापुरुष थे महर्षि वाल्मीकि जो कि आदि रामायण के रचयिता थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि वाल्मीकि पहले डाकू थे। लेकिन एक घटना के बाद उन्होंने अपने जीवन को पूरी तरह बदलने का फैसला ले लिया और बाद में वो महान कवियों में से एक बने। चलिये विस्तार से जानते हैं। वाल्मीकि का जीवन परिचय Maharishi Valmiki Biography In Hindi नाम महर्षि वाल्मीकि पिता प्रचेता वास्तविक नाम रत्नाकर पेशा डाकू , महाकवि रचना रामायण जन्म दिवस आश्विन पूर्णिमा वाल्मीकि कौन थे? महर्षि वाल्मीकि पहले डाकू थे जिनका पालन पोषण भील समाज में हुआ। लेकिन वास्तव में वो भील नहीं थे बल्कि उन्हें एक भीलनी ने चुरा लिया था। असल में वो प्रचेता के पुत्र थे और पुराणों के अनुसार प्रचेता ब्रह्मा जी के पुत्र थे। वाल्मीकि जी को प्राचीन समय के महान ऋषिओं में से एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। रामायण के रचियता होने के साथ साथ वाल्मीकि जी एक हिंदी कवि के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। अयोध्या छोड़ने के बाद माता सीता को अपने आश्रम में जगह देने वाले और उनके दोनों बेटों को ज्ञान देने वाले वाल्मीकि जी ही थे। उन्हें एक प्रसिद्ध हिंदी कवि के और ज्योतिषी के रूप में भी जाना जाता है। कैसे मिली वाल्मीकि को रामायण लिखने की प्रेरणा? जब रत्नाकर को अपने द्वारा किये गए पापों का एहसास हुआ तो रत्नाकर ने गलत मार्ग को छोड़ कर सच्चाई और सही रास्ते पर चलने का फैसला किया। लेकिन अज्ञानता के कारण उन्हें कुछ पता नहीं था इसलिए उन्होंने नारदमुनि से ही सलाह ली। नारदमुनि ने उन्हें राम का नाम जपन...