वायु प्रदूषण इन हिंदी

  1. Essay on Pollution in Hindi
  2. वायु प्रदूषण: भारत का सबसे बड़ा स्वास्थ्य जोखिम
  3. वायु प्रदूषण का गहराता खतरा
  4. Slight increase in air pollution
  5. वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in Hindi)


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Essay on Pollution in Hindi

Essay on Pollution in Hindi पर्यावरण प्रदूषण एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो बहुत ही तेजी से हमारे वातावरण को प्रदुषण कर रहा है! पर्यावरण प्रदूषण वातावरण को हानिकारक पहुचाने वाला सबसे पहला प्रदूषण है! पर्यावरण प्रदूषण कई प्रकार के होते है जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, थर्मल प्रदूषण, मिट्टी प्रदूषण और प्रकाश प्रदूषण! ये सभीपर्यावरण प्रदूषण अलग अलग तरह से हमारे वातावरण को नुकसान पहुचाते है! अगर बात करे पर्यावरण प्रदूषण की तो इसका सबसे मुख्य कारण वनों की कटाई और खतरनाक गैसीय उत्सर्जन है जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषण बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है! अगर बात करे पिछले 10 सालो की तो इन 10 सालो में पूरी दुनिया में पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ा है! और ये पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर समस्या बन गया है! पृथ्वी एक ऐसा ग्रह है जहाहवा और पानी ये दोनोंबुनियादी चीजें आपस में संतुलन बनाये रखती है! जिसके कारण पृथ्वी पर जीवन की सम्भंवान होती है! अगर पृथ्वी पर मनुष्य , जानवर, पौधों, हवा और पानीना होता तो पृथ्वी भी दुसरे ग्रह की तरह होती जहा पर जीवन की थोड़ी भी संभावना नहीं होती है! मनुष्य , जानवर, पौधों, हवा और पानीहमारे पृथ्वी संतुलन बनाये रखती है! अगर इन सभी चीजों का आपस से संतुलन टूट गया तो पृथ्वी का अन्त हो जायेगा! लेकिन आज के समय में जिस तरह से पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है! उससे तो यही लगता है की इन सभी चीजों का संतुलन बिगड़ रहा है! ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, आर्गन और जल वाष्प इन सभी चीजों का भी संतुलन बहुत तेजी से बिगड़ रहा है! जो की हमारे लिए बहुत बुरी बात है! पृथ्वी को अपने संतुलन से बिगड़ने का मुख्य कारण पर्यावरण प्रदूषण है! और पर्यावरण को सबसे ज्यादा मानव प्रदूषण ...

वायु प्रदूषण: भारत का सबसे बड़ा स्वास्थ्य जोखिम

संदर्भ: - • स्टेटऑफ़ग्लोबलएयर 2020 कीरिपोर्टकेअनुसारवायुप्रदूषणभारतकासबसेबड़ास्वास्थ्यजोखिमहै। परिचय :- • हालहीमेंयूएसबेस्डहेल्थइफ़ेक्टइंस्टिट्यूटद्वाराएकप्रतिवेदनप्रस्तुतकियागया।इसप्रतिवेदनकेअनुसारइससमयवायुप्रदूषण (आउटडोरतथाइनडोर), भारतहेतुसबसेबड़ास्वास्थ्यजोखिमबनचुकाहै।भारतमेंवायुप्र्दूषणजनितबीमारियोंसेवर्ष 2019 मेंलगभग 1.67 मिलियनलोगोंकीमृत्युहुई।यद्यपिकोविडकेफलस्वरूपलगेलॉकडाउनमेंवायुप्रदूषणकुछकमहुआथापरन्तुयहअबफिरसेबढ़गया।कईशहरोमेंस्थिति"वेरीपूअर"कीश्रेणीमेंपहुंचगईहै।वर्तमानमेंकोरोनावायरसकेसाथइसकाप्रभावभारतकेलिएअत्यंतविकटस्थितियांउत्पन्नकरदेगाअतःजल्दसेजल्दइसपरप्रभावीकार्यवाहीकीआवश्यकताहै। प्रतिवेदनकेमुख्यविन्दु • 2019 मेंआउटडोरतथाइनडोरप्रदूषणकेकारणभारतमें 1.67 मिलियनलोगोंकीमृत्युहुईहैजोमुख्यतःस्ट्रोक , ह्रदयघात , लंगकैंसर , क्रोनिकलंगडिजीजकेरूपमेंहुईहै। • इनआकड़ोमें 1,16,000 शिशुभीसम्मिलितहैं। • शिशुमृत्युकेकारणोंमेंपी.एम.-2.5 सर्वाधिकउत्तरदायीकारणहैजोआधेसेअधिकशिशुमृत्युहेतुउत्तरदायीहै। • शिशुमृत्युकेअन्यकारणोंमेंसॉलिडफ्यूल , चारकोलइत्यादिकाप्रयोगमुख्यहै। • सम्पूर्णविश्वमें 83.2 माइक्रोग्राम /घनमीटरकेसाथभारतसर्वाधिकप्रतिव्यक्तिप्रदूषणएक्सपोज़रकासामनाकररहाहै।इसकेउपरान्तक्रमश: नेपालतथानाइजरहैं। • ऐसेदेशजहाँजनसंख्याकमहैवहांप्रतिव्यक्तिप्रदूषणएक्सपोज़र 8 माइक्रोग्राम /घनमीटरसेभीकमहै। • नवीनसाक्ष्योंकेअनुसारदक्षिणएशियातथाउपसहाराक्षेत्रमेंउत्पन्नशिशुवायुप्रदूषणसेमृत्युकेलिएसर्वाधिकसुभेद्यहैं। दोहरासंकट : कोरोनाकेसाथवायुप्रदूषण • इससमयजहाँभारतसहितसम्पूर्णविश्वकोरोनासंकटसेजूझरहेहैंऐसेमेंवायुप्रदूषणकाबढ़नाअत्यंतहीचिंताजनकहै। • वायुप्रदूषणकोरोनाकेप्रतिलोगोंकीसुभेद्यताकोबढ़ादेगाक्योंकिकोरोन...

वायु प्रदूषण का गहराता खतरा

सुधीर कुमार वायु गुणवत्ता को लेकर जब-तब जारी होते रहे वैश्विक सूचकांकों में भारत की स्थिति दयनीय ही रही है। पिछले कुछ सालों में तो पहले बीस-तीस शहरों में सर्वाधिक शहर भारत के ही आते रहे हैं जहां वायु प्रदूषण से स्थिति काफी गंभीर है। स्विटजरलैंड की ‘आइक्यू एयर’ संस्था द्वारा पिछले दिनों जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक-2020 रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के तीस सबसे प्रदूषित शहरों में बाईस शहर भारत के हैं। इस सूचकांक में चीन का खोतान शहर शीर्ष पर है, जबकि भारत में उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद दुनिया का दूसरा सर्वाधिक प्रदूषित शहर पाया गया। अब यह स्थापित तथ्य है कि विकसित और अमीर देश प्रदूषण फैलाने में अपेक्षाकृत आगे हैं और इसका दंश निम्न और मध्यम आय वाले देशों को ही अधिक भुगतना पड़ रहा है। कहने को अमीर देशों के गुट पर्यावरण और जलवायु संकट से निपटने के लिए बड़ी-बड़ी बातें करते थकते नहीं, लेकिन ऐसी कोई पहल भी नहीं करते जिससे समस्या का समाधान निकलने का रास्ता। बल्कि प्रदूषण का ठीकरा और इसके रोकने के उपायों को लेकर गरीब और विकासशील देशों पर ही दबाव बनाया जाता है। दुनिया का एक चौथाई वायु प्रदूषण भारतीय उपमहाद्वीप के चार देशों- बांग्लादेश, भारत, नेपाल और पाकिस्तान में देखने को मिलता है। वायु प्रदूषण केवल जनस्वास्थ्य और पर्यावरण को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि जीवन-प्रत्याशा, अर्थव्यवस्था, पर्यटन और समाज पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। वायु प्रदूषण की गहराती समस्या वर्तमान और भावी दोनों पीढ़ियों के लिए मुसीबतें खड़ी करती हैं। ब्रिटिश स्वास्थ्य पत्रिका- द लैंसेट की ‘प्लेनेटरी हेल्थ रिपोर्ट-2020’ के मुताबिक 2019 में भारत में वायु प्रदूषण से सत्रह लाख मौतें हुईं, जो उस वर्ष देश में होने वाली कुल मौतों की ...

Slight increase in air pollution

नोएडा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा के वायु प्रदूषण में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई। नोएडा का एक्यूआई 200 और ग्रेटर नोएडा का 168 दर्ज किया गया। आने वाले दिनों में भी एक्यूआई 200 से कम रहने का अनुमान है। एक दिन पहले रविवार को नोएडा-ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 170 से कम रहा था। नोएडा का अधिकतम तापमान 41 डिग्री और न्यूनतम 30 डिग्री दर्ज किया गया।

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in Hindi)

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - जीवन की तीन अनिवार्य आवश्यकताएँ हैं - वायु, जल और भोजन। इनके बिना मनुष्य जीवन संभव नहीं हैं। इन तीनों में वायु सबसे अनिवार्य है क्योंकि इसके बिना मानव का दो मिनट भी जीवित रहना मुश्किल होगा। इस तरह हम समझ सकते हैं कि स्वच्छ वायु हमारे लिए कितना जरूरी है। वायु गैसों का मिश्रण है, इस मिश्रण का लगभग 78% प्रतिशत भाग नाइट्रोजन और 21% भाग ऑक्सीजन है। कार्बन डाई ऑक्साइड, मिथेन, आर्गन, जल वाष्प की भी वायु में अल्प मात्रा में मौजूद रहती है। Latest: होली पर निबंध के लिए यह लेख पढ़ें। वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in Hindi) - कक्षा 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें औद्योगीकà...