वैश्वीकरण के दो दुष्परिणाम लिखिए।

  1. वैश्वीकरण: इतिहास, विशेषताएँ, कारण, परिणाम
  2. वैश्वीकरण की कोई दो उपलब्धियाँ लिखिए।
  3. वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभावों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  4. वैश्वीकरण को प्रोत्साहित करने वाले प्रमुख चार कारक लिखिए। Answer... सामाजिक विज्ञान question answer collection
  5. वैश्वीकरण के दो दुष्परिणाम लिखिए? Vaishvikaran ke do dushparinam likhiye


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वैश्वीकरण: इतिहास, विशेषताएँ, कारण, परिणाम

वीडियो: भारत और वैश्वीकरण for notes join our telegram channel https://t.me/joinchat/VTP0VVrTs83SweR- विषय • वैश्वीकरण का इतिहास • पृष्ठभूमि • वैश्वीकरण की प्रक्रिया आज • वैश्वीकरण के लक्षण • यह एक गतिशील प्रक्रिया है • नए बाजारों का निर्माण • दूरसंचार बाजार का शोषण • एक कंप्यूटर समाज की उत्पत्ति • मुक्त व्यापार की स्थापना • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली • विभिन्न संस्कृतियों के बीच आदान-प्रदान • अंतर्राष्ट्रीय नियम • संप्रभुता को खतरा • अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक आंदोलन • अधिक सहनशीलता • कारण • परिणाम • वैश्वीकरण के प्रकार • सांस्कृतिक वैश्वीकरण • आर्थिक वैश्वीकरण • राजनीतिक वैश्वीकरण • संदर्भ भूमंडलीकरण इसमें एक बड़े पैमाने पर राजनीतिक, सामाजिक, तकनीकी, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रक्रिया शामिल है जो ग्रह के विभिन्न देशों को जोड़ती है, उनके बाजारों और उनकी सामाजिक विशेषताओं को परस्पर जोड़ती है। यह एक गतिशील प्रक्रिया है जो मुख्य रूप से प्रौद्योगिकी और आज मौजूद व्यापक संचार नेटवर्क पर निर्भर करती है। वैश्वीकरण एक जटिल अवधारणा है जिसके पूरे विकास में अलग-अलग परिभाषाएं हैं। उदाहरण के लिए, प्रोफेसर जेम्स एच। मित्तलमैन (1944) कहते हैं कि वैश्वीकरण में अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं के साथ घरेलू संरचनाओं का एक संलयन शामिल है जो एक देश की संस्कृति, राजनीति और महामारी विज्ञान को दूसरे देश में प्रवेश करने की अनुमति देता है। इसके अलावा, मित्तलमैन के अनुसार, वैश्वीकरण बाजार से प्रेरित है (जो कि देशों के बीच आर्थिक आदान-प्रदान है) और यह राजनीति द्वारा संचालित एक प्रक्रिया नहीं है। इस लेखक के लिए, वैश्वीकरण पूंजी के इतिहास में एक ऐसा चरण है जिसने विभिन्न देशों को एक ही प्रणाली में एकजुट करना संभव ...

वैश्वीकरण की कोई दो उपलब्धियाँ लिखिए।

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वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभावों का विस्तार से वर्णन कीजिए।

वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभावों को मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा जा सकता है- I. वैश्वीकरण के सकारात्मक आर्थिक प्रभाव- 1. वस्तुओं के व्यापार में वृद्धि–वैश्वीकरण के कारण सम्पूर्ण विश्व में वस्तुओं के व्यापार में वृद्धि हुई है। अलग-अलग देशों ने अपने यहाँ होने वाले आयात पर लगने वाले प्रतिबन्धों को कम किया है। 2. पूँजी के प्रवाह में वृद्धि-वैश्वीकरण के कारण सम्पूर्ण विश्व में पूँजी की आवाजाही में वृद्धि हुई है। पूँजी के आवाजाही पर अब अपेक्षाकृत कम प्रतिबन्ध है। अब धनी देश के निवेशकर्ता अपने धन का अपने देश के स्थान पर कहीं और निवेश कर सकते हैं विशेषकर विकासशील देशों में जहाँ उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होगा। 3. विचारों के समक्ष राष्ट्र की सीमाओं की बाधा नहीं-वैश्वीकरण के कारण अब विचारों के समक्ष राष्ट्र की सीमाओं की बाधा नहीं रहीं, उनका प्रवाह अबाध हो गया है। इण्टरनेट एवं कम्प्यूटर से जुड़ी सेवाओं का विस्तार इसका एक उदाहरण है। 4. व्यक्तियों के आवागमन में वृद्धि-वैश्वीकरण के कारण एक देश से दूसरे देश में लोगों के आवागमन में वृद्धि हुई है। एक देश के लोग दूसरे देश में काम-धन्धा कर रहे हैं। यद्यपि लोगों का आवागमन वस्तुओं और पूँजी के प्रवाह की गति से नहीं बढ़ा है। 5. आर्थिक समृद्धि का बढ़ना-वैश्वीकरण के कारण लोगों की आर्थिक समृद्धि बढ़ी है और खुलेपन के कारण अधिकाधिक जनसंख्या की खुशहाली बढ़ती है। 6. पारस्परिक जुड़ाव का बढ़ना-आर्थिक वैश्वीकरण से लोगों में पारस्परिक जुड़ाव बढ़ रहा है। पारस्परिक निर्भरता की गति अब तीव्र हो गयी है। वैश्वीकरण के फलस्वरूप विश्व के विभिन्न भागों में सहकार, व्यवसाय एवं लोगों के मध्य जुड़ाव बढ़ रहा है। II. वैश्वीकरण के नकारात्मक आर्थिक प्रभाव ⦁ जनता का विभाजन-आर्थि...

वैश्वीकरण को प्रोत्साहित करने वाले प्रमुख चार कारक लिखिए। Answer... सामाजिक विज्ञान question answer collection

Que : 422. वैश्वीकरण को प्रोत्साहित करने वाले प्रमुख चार कारक लिखिए। Answer: वैश्वीकरण, समूचे विश्व में राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है। वैश्वीकरण राज्यों तथा समाजों के बीच बहुगुणित सघनता है, जोकि आज के विश्वव्यवस्था कीप्रमुख पहचान बन सकता है। यह अवधारणा उन तथ्यों को रेखांकित करती है, जिसके आधार पर विश्वके एक क्षेत्र में निर्णयों, गतिविधियों तथा घटनाओं का प्रभाव विश्व के दूसरे भागों पर प्रभावी रूप सेपड़ता है। वैश्वीकरण को दो संदर्भों - विस्तार तथा सघनता के परिप्रेक्ष्य मेंसमझा जा सकता है। एक ओर, यह उन प्रक्रियाओं के समुच्चय को निर्दिष्ट करता है, जो समूची विश्वव्यवस्था को समाहित करता है। दूसरी ओर, यह राज्यों तथा समाजों के बीच, जोकि एक पूरे वैश्विकसमुदाय का निर्माण कर सकती है, बढ़ती सघनता को प्रकट करता है। तदनुसार, वैश्विक प्रक्रियाओं केफैलाव के साथ-साथ उसका संघनीकरण भी साथ-साथ चलता है वैश्वीकरण के मुख्य कारक प्रौद्योगिकीय विकास तथा बाज़ार-प्रचलित आर्थिक विकास प्रणाली है।इन प्रक्रियाओं के द्वारा, वैश्वीकरण, राष्ट्र राज्यों के बीच अन्तर्निर्भरता का बीजारोपण कर सकती है।प्रशासनिक, राजनीतिक, सामाजिक -आर्थिक, सांस्कृतिक तथा प्रौद्योगिकीय बदलावों को दृष्टिगतरखते हुए, एक स्वतंत्र वातावरण के निर्माण की परिकल्पना है। वैश्वीकरण, प्रक्रियाओं, अंतरसंबंधों तथा सांस्कृतिक तथा वातावरणीय सभी शामिल कर सकती हैं।

वैश्वीकरण के दो दुष्परिणाम लिखिए? Vaishvikaran ke do dushparinam likhiye

सवाल: वैश्वीकरण के दो दुष्परिणाम लिखिए? वैश्वीकरण के द्वारा होने वाले दो दुष्परिणाम निम्नलिखित हो सकते हैं: 1. समान्यता की कमी: वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप, विभिन्न देशों और क्षेत्रों के बीच समान्यता की कमी हो सकती है। इसके कारण धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विषयों में विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। यह स्थानीय समाजों की भावनाओं और भौगोलिक परिस्थितियों को प्रभावित करके सांस्कृतिक और इंटरनेशनल टेंशन का कारण बन सकता है। 2. आर्थिक असमानता: वैश्वीकरण के कुछ क्षेत्रों में, असामान्य मानव संसाधनों, वित्तीय प्रणालियों, और बाजारों का एकत्रीकरण आर्थिक असमानता को बढ़ा सकता है। यह वैश्विक मुद्रा व्यापार, उच्चतम मूल्य उत्पादों का उत्पादन और वित्तीय प्रणाली की प्रभावशीलता के कारण हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, देशों और समुदायों के बीच आर्थिक असमानता बढ़ सकती है, जो सामाजिक और आर्थिक स्थायित्व में असंतुलन का कारण बना सकती है। यह दो दुष्परिणाम वैश्वीकरण के कुछ आम संदर्भ हैं, हालांकि इससे जुड़े और अन्य प्रभाव भी हो सकते हैं जो विषय और संदर्भ पर आधारित होंगे।