वैश्वीकरण क्या है

  1. वैश्वीकरण क्या है
  2. वैश्वीकरण क्या है
  3. वैश्वीकरण की परिभाषाएँ


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वैश्वीकरण क्या है

Table of Contents • • • • • • वैश्वीकरण (Globalisation) वैश्वीकरण एक जटिल आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक प्रक्रिया है। सामाजिक वैज्ञानिकों की दृष्टि में वैश्वीकरण की प्रक्रिया समय और दूरी का राष्ट्र-राज्य से आगे संकुचन उत्पन्न करती है। यह पूँजी, श्रम, उत्पाद, प्रौद्योगिकी और सूचना के माध्यम से आधुनिकीकरण, राष्ट्र-निर्माण एवं राष्ट्रों के बीच गठबंधन के साथ ही उत्पन्न हो रही है। इसमें वैश्विक अन्तर्सम्बद्धता का त्वरित विचार, सम्बन्ध और सम्पर्क, चिरस्थाई सांस्कृतिक अन्तःक्रियाओं और विनिमय पर बल दिया जाता है। प्रतियोगिता, दक्षता, बेहतर उत्पादकता एवं प्रौद्योगिकी के विकास के माध्यम से प्रगति की सम्भावना होती है। वैश्वीकरण के बारे में विभिन्न विद्वानों के भिन्न-भिन्न मत हैं। कुछ विद्वान मानते हैं कि वैश्वीकरण कोई नई प्रक्रिया नहीं है। उपनिवेशवाद के आरम्भ होने के साथ ही वैश्वीकरण की प्रक्रिया भी प्रारम्भ हो गई थी। इंग्लैण्ड और फ्रांस जैसे देशों ने एशिया एवं दुनिया के अन्य देशों से कच्चा माल उपनिवेशवादी देशों को भेजकर औद्योगिक वस्तुओं का निर्माण किया तथा पुनः उन वस्तुओं को उन्हीं देशों के बाजारों में विक्रय हेतु भेजा। परन्तु इस प्रकार का वैश्वीकरण व्यवसाय अथवा व्यापारिक लाभ से ओतप्रोत था और आज के परिप्रेक्ष्य में वैश्वीकरण का अर्थ सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं राजनैतिक एकरुपता तथा आदान-प्रदान से लगाया जाता है। वैश्वीकरण की विशेषताएँ (Characteristics of Globalisation) वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जहाँ वैश्विक मुद्दों को संसार की दृष्टि से देखा जाता है एवं उन मुद्दों को समझने व समझाने के लिए विश्वव्यापी सहयोग व सम्बन्धों को बनाये रखने का प्रयास किया जाता है। वैश्वीकरण राज्यो...

वैश्वीकरण क्या है

Contents अतः इस उद्देश्य से विश्व का सूचना एवं परिवहन साधनों के माध्यम से एकाकार हो जाना वैश्वीकरण है। इस प्रकार की व्यवस्थाओं में खुली अर्थव्यवस्थाओं का जन्म होता है, जो प्रतिबन्धों से मुक्त तथा जिसमें स्वतन्त्र व्यापार होता है। इस प्रकार वैश्वीकरण में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों या नियमों का स्थान महत्वपूर्ण हो जाता है। वैश्वीकरण का अर्थ वैश्वीकरण का अभिप्राय किसी देश की अर्थव्यवस्था को विश्व के अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं से जोड़ने से है जिससे व्यावसायिक क्रियाओं का विश्व स्तर पर विस्तार हो सके तथा देशों की प्रतिस्पर्द्धात्मक क्षमता का विकास हो। इस प्रकार वैश्वीकरण को अन्तर्राष्ट्रीयकरण के रूप में भी देखा जाता है। अन्य शब्दों में, वैश्वीकरण का अर्थ देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है। वैश्वीकरण की परिभाषाएं वैश्वीकरण को विभिन्न अर्थशास्त्रियों नेनिम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया है- ऑस्कर लेन्जे के अनुसार- "आधुनिक समय में अल्प विकसित देशों के आर्थिक विकास का भविष्य मुख्यतः अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग पर निर्भर करता है।' प्रो. दीपक नैयर के अनुसार- "आर्थिक क्रियाओं का किसी देश की राजनैतिक सीमाओं के बाहर तक विस्तार करने को वैश्वीकरण कहते हैं।" प्रो. एन. वाघुल के शब्दों में- "वैश्वीकरण शब्द बाजार क्षेत्र के तीव्र गति से विस्तार को प्रकट करता है, जो विश्वव्यापी पहुँच रखता है।" जॉन नैसविट एवं पोर्टसिया अबुर्डिन के अनुसार- "इसे ऐसे विश्व के रूप में देखा जाना चाहिए, जिसमें सभी देशों का व्यापार किसी एक देश की ओर गतिमान हो रहा हो। इसमें सम्पूर्ण विश्व एक अर्थव्यवस्था है तथा एक बाजार है।" अतः उपर्युक्त परिभाषाओं से यह निष्कर्ष निकलता है कि "वैश्वीकरण वह प्रक्...

वैश्वीकरण की परिभाषाएँ

वैश्वीकरण एक प्रक्रिया (Process) है, जबकि वैश्विकृत विश्व (Globalized World) लक्ष्य है, जिसे हासिल किया जाना है। साधारणत: यह एक आर्थिक संकल्पना है परंतु इसके राजनीतिक, सांस्कृतिक, प्रोद्योगिकी आयाम भी हैं। वैश्वीकरण आखिरकार क्या है? इसके प्रमुख घटक क्या है? इसके लिए वैश्वीकरण की कोई सार्वभौमिक एवं निश्चित परिभाषा नहीं है। सामान्य अर्थों में वैश्वीकरण से तात्पर्य भौगोलिक सीमाओं का न होना तथा भौगोलिक दूरियों की समाप्ति को माना जा सकता है। अर्थात् अलग-अलग राष्ट्रों (देशों) एवं व्यक्तियों से संबंधित विचारों, तकनीकों, संस्कृतियों तथा अर्थव्यवस्थाओं के बीच घटती दूरियां तथा अदान-प्रदान है। वैश्वीकरण की परिभाषाएँ- थॉमस मैथ्यू के अनुसार- “वैश्वीकरण परिवर्तन की एक ऐसी प्रक्रिया है, जो सीमा-पार क्रियाओं की वृद्धि तथा सूचना प्रौद्योगिकी के प्रसार के संयोग से घटित होती है तथा जो विश्व स्तर पर सम्प्रेषण में सहायक होती है।” प्रो. मधु दण्डवते के अनुसार, “वैश्वीकरण से आशय किसी एक अर्थव्यवस्था का अर्थव्यवस्था के साथ समन्वय करना है, ताकि विकास तथा व्यापार की सन्तुलित वृद्धि हो सके तथा सम्पत्ति के चक्रकार समुद्र के बीच से सम्पत्ति के द्वीपों को समाप्त किया जा सके।” • संस्कृति का अर्थ एवं परिभाषा देते हुए मूल्य और संस्कृति में सम्बन्ध प्रदर्शित कीजिए। • • • • इसी भी पढ़ें… • TET/CTET NOTES and Pevious Year paper एक ही pdf में download करे- • UP TET 2014 Previous Year paper pdf में download करे- • CTET SYLLABUS: कक्षा 1 से 5 तक के लिए हिंदी मीडियम अभ्यर्थियों हेतु • दोस्तों अगर आपको किसी भी प्रकार का सवाल है या ebook की आपको आवश्यकता है तो आप निचे comment कर सकते है. आपको किसी परीक्षा की जानकारी...