Vaishvikaran kya hai

  1. वैश्वीकरण (Vaishvikaran) क्या है, कारक, प्रभाव
  2. आर्थिक वैश्वीकरण
  3. वैश्वीकरण क्या है
  4. अधिवर्ष क्या होता है?
  5. वैश्वीकरण क्या है? (vaishvikaran kya hai)
  6. उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण
  7. वैश्वीकरण क्या है? वैश्वीकरण के कारण। वैश्वीकरण के प्रभाव ।पूरी जानकारी


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वैश्वीकरण (Vaishvikaran) क्या है, कारक, प्रभाव

इस आर्टिकल में हम समझेंगे कि वैश्वीकरण (Vaishvikaran) क्या है, कारक, प्रभाव और अन्य तथ्यों के बारे में समझेंगे विगत कुछ वर्षो से अधिकांश बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने उत्पादन के लिए सस्ते स्थानों की तलाश की है। जिसके वजह से इन देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश में वृद्धि हो रही है और विभिन्न देशों के बीच विदेशी व्यापार में भी वृद्धि हो रही है। 1.1.1.1 प्रतिस्पर्धा और रोजगार की अनिश्चितता: वैश्वीकरण (Vaishvikaran) क्या है: हम सभी जानते है कि विदेशी व्यापार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा बड़ा हिस्सा नियंत्रित होता है, जिसके कारण विभिन्न देशों के बाजार और उत्पादनों में एकत्रित होता है, इसे वैश्वीकरण भी कहा जाता है. जो कि विभिन्न देशों के बीच परस्पर सम्बन्ध और तीव्र एकता की प्रक्रिया है। इससे वस्तुएँ, सेवाएँ, निवेश और प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान होती हैं। 1990-91 और 2014-15 के बीच विदेशी व्यापार कई गुना बढ़ गया है। भारत ने वर्ष 1990-91 में कुल 33,150 करोड रूपए की सामग्री का निर्यात किया। वर्ष 2014-15 में यह राशि बढ़कर 1935,000 करोड़ रूपए हो गई। इन्हें भी पढ़े: वैश्वीकरण के कारक (Vaishvikaran Ke Karak): • प्रौद्योगिकी: वैश्वीकरण की प्रक्रिया को तीव्र करने में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT, Information and communication technology) के विकास ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज के समय को अनेक कंपनियों ने इसी technology का लाभ उठा कर अपने बिजनेस को फैलाया है। उन्हें उत्पादन से संबंधित त्वरित जानकारी मिलती है जिसे विश्लेषण करके और उसके आधार पर निर्णय लिए जाते हैं। भारत में वैश्वीकरण का प्रभाव (Impact of Globalization in India in Hindi): आपको बता दे कि वैश्वीकरण का प्रभाव भ...

आर्थिक वैश्वीकरण

मलेशिया की सबसे [ ] वैश्वीकरण अमीर और वैश्वीकरण राष्ट्रों के बीच प्रति व्यक्ति आय अंतर को कम कर रहे हैं। संदर्भ [ ] • Gao, Shangquan (2000). (PDF). • Bordo, Michael D.; Taylor, Alan M.; Williamson, Jeffrey G. (1 November 2007). Globalization in Historical Perspective. University of Chicago Press. 978-0-226-06599-1. • Held, David, संपा॰ (2004). A Globalizing World?: Culture, Economics, Politics (2nd संस्करण). London; New York: Routledge, in association with the Open University. • James, Paul; Gills, Barry (2007). Globalization and Economy, Vol. 1: Global Markets and Capitalism. London: Sage Publications. • James, Paul; Patomäki, Heikki (2007). Globalization and Economy, Vol. 2: Global Finance and the New Global Economy. London: Sage Publications. • James, Paul; Palen, Ronen (2007). Globalization and Economy, Vol. 3: Global Economic Regimes and Institutions. London: Sage Publications. • James, Paul; O’Brien, Robert (2007). Globalization and Economy, Vol. 4: Globalizing Labour. London: Sage Publications. • Raynolds, Laura T.; Murray, Douglas; Wilkinson, John (11 June 2007). Fair Trade: The Challenges of Transforming Globalization. Routledge. 978-1-134-00263-4. • UNDP (2013). (PDF) . अभिगमन तिथि 14 July 2014. • Eun, Cheol S.; Resnick, Bruce G. (2012). International Financial Management. McGraw-Hill Education (Asia) and China Machine Press. 978-0-07-803465-7. बाहरी कड़ियाँ [ ] • • • Babones, Salvatore (15 April 2008). The Blackwell Companion to Globalization. John Wiley & Sons....

वैश्वीकरण क्या है

- Advertisement - किसी भी देश को आगे बढ़ने में वैश्वीकरण में अपना सबसे बड़ा सहयोग दिया है। यदि आप यह सोच रहे हैं कि वैश्वीकरण क्या है और यह कैसे शुरू हुआ और कैसे इसने हमें लाभ पहुंचाया तो आप इन सभी का जवाब हमारी इस पोस्ट “ वैश्वीकरण क्या है – परिभाषा, प्रभाव और परिणाम” मैं पा सकते हैं। इसके साथ-साथ आपको यहां पर वैश्वीकरण का इतिहास और इससे होने वाले लाभ और हानि आदि के बारे में भी जानने को मिलेगा। • • • • • • • • वैश्वीकरण क्या है – What is Globalisation in Hindi जब भी किसी देश में व्यापार बढ़ता है तो उस देश का बाजार व्यापार के अनुसार छोटा लगने लगता है और एक नए बाजार की कमी महसूस होने लगती है जिसके कारण दुसरे देशों के बाजारों से सम्बन्ध स्थापित किया जाता है। इस प्रकार जिस तरह व्यापार बढ़ रहा है इस प्रवृति ने दुनिया के सब देशों को निकट ला दिया है। जिससे पूरी दुनिया के बाजारों का एकीकरण हुआ है। ऐसा होने से लगने लगा है जैसे पूरा विश्व किसी बड़े गाँव के जैसा है जिसमें एक ही बाजार है। जब एक देश में निर्मित वस्तुओं को दुसरे देश के बाजारों में बेचा जाता है तो इसको हम वैश्वीकरण कहते हैं। व्यापार को बढ़ाने और नए बाजारों की खोज ने परिवहन के साधनों में भी बढ़ोतरी की है। क्योंकि एक देश के बाजार का दुसरे देश के बाजार से सम्बन्ध स्थापित करने में परिवहन के साधनों की अहम् भूमिका है। वैश्वीकरण ने पूरी दुनिया के बाजारों को बहुत निकट ला दिया है, और इन सब बाजारों ने मिलकर एक नए विश्व बाजार का रूप ले लिया है ऐसा प्रतीत हो रहा है। सब बाजार मिलकर एक इकाई के रूप में कार्य कर रहे हैं। - Advertisement - इस प्रकार हम कह सकते हैं की वैश्वीकरण का अर्थ है सब देशों का मिलकर, परस्पर समन्वय और सहयोग से एक बाजार...

अधिवर्ष क्या होता है?

5/5 - (11 votes) अधिवर्ष (Leap Year) क्या है? हर 4 साल में हमें इस तथ्य का सामना करना पड़ता है कि फरवरी में, 28 दिनों के बजाय, 29 होते हैं। तब ही Leap year होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी, सूर्य के चारों ओर थोड़ा तेज चक्कर लगाती है। जिससे हर 4 साल में फरवरी में एक अतिरिक्त दिन जुड़ जाता है। लीप ईयर कब आता है किसी भी कैलेंडर में देखें कि वर्ष में 29 फरवरी है या नहीं। एक लीप वर्ष का शेषफल 4 से विभाज्य होता है। मान लीजिए 2000 एक लीप वर्ष है, तो अगला लीप वर्ष 2004 होगा। आप यह जानने के लिए उस साल का कैलेंडर देख सकते हैं, यदि उस साल के कैलेंडर में फरवरी 29 तक है तो वह वर्ष एक लीप वर्ष हैं। 2000 से 2300 तक लीप वर्ष की सूची 2000, 2004, 2008, 2012, 2016, 2020, 2024, 2028, 2032,2036, 2040, 2044, 2048, 2052, 2056, 2060, 2064, 2068, 2072, 2080, 2084, 2088, 2092, 2096, 2104, 2108, 2112, 2116, 2120, 2124, 2128, 2132, 2136, 2140, 2144, 2148, 2252, 2256, 2260, 2264, 2268, 2272, 2276, 2280, 2284, 2288, 2292, 2296, 2300 इत्यादि। क्या कोई अपवाद हैं? हां, खगोलीय और कैलेंडर वर्ष के अधिक पूर्ण सामंजस्य के लिए, उन वर्षों को लीप वर्ष नहीं बनाने का निर्णय लिया गया, जो 00 पर समाप्त होते हैं। लेकिन यहां भी, एक अपवाद है: इन वर्षों में से प्रत्येक चौथा (00 – 400, 800, 1200, 1600, 2000, 2400, … में समाप्त) भी लीप वर्ष हैं। अंधविश्वास यह लोकप्रिय रूप से माना जाता है कि लीप वर्ष बहुत अशुभ और कभी-कभी दुखद होते हैं। यह भी माना जाता है कि Leap year में शादी करना, स्थानांतरित करना, नौकरी बदलना, बच्चे पैदा करना, विशेष रूप से पहला बच्चा अशुभ होता हैं। हालाँकि, कुछ लोग इन तिथियों को विशेष महत्व नहीं दे...

वैश्वीकरण क्या है? (vaishvikaran kya hai)

वैश्वीकरण क्या है? (vaishvikaran kya hai) वैश्वीकरण क्या है: • वैश्वीकरण एक आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, और सांस्कृतिक माध्यम है जिसका मुख्य उद्देश्य विश्व में संबंधों, व्यापार, संचार, विदेशी निवेश, विचार-विमर्श, और सहयोग को बढ़ाना है। • वैश्वीकरण के माध्यम से, विभिन्न देशों के बीच अधिक संबंध और सहयोग के अवसर प्राप्त होते हैं जो आर्थिक विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास, सांस्कृतिक विनिमय, और ग्लोबल समाधान पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वैश्वीकरण के कारण: • वैश्वीकरण के मुख्य कारणों में वैश्विक विपणन की बढ़ती आवश्यकता, वैश्विक यात्रा और संचार के विकास, और वैश्विक संगठनों की प्रभावशाली भूमिका शामिल हैं। • आर्थिक मुद्दों की महत्ता बढ़ने के साथ, व्यापार, उद्यमिता, और नवाचारों की संभावनाएं विश्व में बढ़ रही हैं, जिससे वैश्वीकरण की आवश्यकता बढ़ती है। • सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश में अधिकांश लोगों की पहुंच और जागरूकता बढ़ने से, उनकी अपेक्षाएं बढ़ गई हैं और उनके मनोरंजन और उपभोग के प्रति उत्पन्न आकर्षण भी बढ़ा है। इससे वैश्वीकरण को बढ़ावा मिलता है। वैश्वीकरण का उद्देश्य: • वैश्वीकरण का मुख्य उद्देश्य विश्व के विभिन्न क्षेत्रों और देशों के बीच सहयोग, समझौता, और विचार-विमर्श को प्रोत्साहित करना है। • वैश्वीकरण के माध्यम से, विश्व में आर्थिक विकास, रोजगार के अवसर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास, सामाजिक न्याय, मानवाधिकार, और पर्यावरणीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सकती है। • वैश्वीकरण का उद्देश्य विभिन्न राष्ट्रों के बीच न्यायसंगत, सामान्य और समान आधार पर विश्व शांति, सुरक्षा, और सहयोग को स्थापित करना है। वैश्वीकरण के सिद्धांत: • सहयोग: वैश्वीकरण का मूल सिद्धांत सहयोग है, जो विश्...

उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण

• दे • वा • सं 1980 का दशक उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरणमाँडल ( एक अधिक कुशल स्तर करने के लिए देश की अर्थव्यवस्था को उठाने पर लक्षित व्यापार, विनिर्माण करने का संबंध है, और वित्तीय सेवाओं ने उद्योगों के साथ जगह ले ली है कि सुधारों की श्रृंखला। इन आर्थिक सुधारों को एक महत्वपूर्ण तरीके से देश के समग्र आर्थिक विकास को प्रभावित किया था। उदारीकरण उदारीकरण सरकार के नियमों में आई कमी को दर्शाता है। भारत में निजीकरण और वैश्वीकरण निजीकरण के रूप में अच्छी तरह से निजी क्षेत्र के लिए व्यापार और सेवाओं और अनुक्रम • 1 एलपीजी और भारत के आर्थिक सुधार नीति • 2 नरसिंह राव समिति की सिफारिशें • 2.1 नीति की मुख्य विशेषताएं • 2.2 इस प्रकार इस नीति के व्यापक सुविधाओं थे: • 3 उदारीकरण • 3.1 भारतीय उद्योग ने उदारीकरण के लिए सम्मान के साथ जगह ले ली है: • 4 निजीकरण • 5 वैश्वीकरण • 6 इन्हेंभीदेखें एलपीजी और भारत के आर्थिक सुधार नीति [ ] 15 अगस्त 1947 को अपनी स्वतंत्रता के बाद, भारत गणराज्य समाजवादी आर्थिक रणनीतियों के लिए अटक गया। 1980 के दशक में राजीव गांधी भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री, आर्थिक पुनर्गठन उपायों के एक नंबर शुरू कर दिया। 1991 में, देश के खाड़ी युद्ध और तत्कालीन सोवियत संघ के पतन के बाद भुगतान दुविधा की एक संतुलन का अनुभव किया। देश स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड और 20 टन सोने की 47 टन की राशि जमा करने के लिए किया था। इस आईएमएफ या अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक वसूली संधि के तहत जरूरी हो गया था। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष व्यवस्थित आर्थिक पुनर्संगठन के एक दृश्य की कल्पना करने के भारत जरूरी हो। नतीजतन, देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने आ...

वैश्वीकरण क्या है? वैश्वीकरण के कारण। वैश्वीकरण के प्रभाव ।पूरी जानकारी

वैश्वीकरण क्या है (Meaning Of Globalization in Hindi) • विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव । • एक अवधारणा के रूप में वैश्वीकरण की बुनियादी बात है – प्रवाह। प्रवाह कई तरह का हो सकता है – विचारो , पूंजी , व्यक्तियों, वस्तुओ का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में मुक्त प्रवाह । वैश्वीकरण के कारण • उन्नत प्रौद्योगिकी वैश्वीकरण का सबसे मुख्य कारण माना जाता है। • टेलीग्राफ, टेलीफ़ोन, माइक्रोचिप, इंटरनेट आदि के अविष्कारों ने विश्व के विभिन्न भागो के बीच संचार की क्रांति कर दिखाई है । • विचारो, पूंजी , वस्तुओ और व्यक्तियों का प्रवाह प्रौद्योगिकी के कारण बढ़ा है । • विश्व के लोगो में पारस्परिक जुड़ाव की भावना के कारण भी वैश्वीकरण को बढ़ावा मिला है । • पर्यावरण की वैश्विक समस्याओ जैसे सुनामी , जलवायु परिवर्तन आदि में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग के कारण भी वैश्वीकरण को बढ़ावा मिला है । • विश्व के विभिन्न देशो में होने वाली आर्थिक घटनाओ का प्रभाव भी अन्य देश की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है । वैश्वीकरण के प्रभाव 1. वैश्वीकरण के राजनीतिक प्रभाव सकारात्मक • वैश्वीकरण के फलस्वरूप राज्य की ताकत में इजाफ़ा हुआ है । • अब राज्य के हाथो में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी मौजूद है जिसके बूते राज्य अपने नागरिको के बारे में सूचनाएँ जुटा सकते है । • सूचनाओं के माध्यम से राज्य बेहतर तरीके से काम कर सकते है । • इसके कारण उनकी काम करने की क्षमता बढ़ी है । नकारात्मक • वैश्वीकरण के कारण राज्य की क्षमता में कमी आई है । • कल्याणकारी राज्य की धारणा का स्थान अब न्यूनतम हस्तक्षेपकारी राज्य ने ले लिया है । • अब राज्य सिर्फ कुछेक कार्यो तक सीमित है जैसे कानून व्यवस्था बनाए रखना और नागरिको की सुरक्षा । • लोक कल्याणकारी राज्य की जगह अब बाजार ही ...