वैष्णो देवी का इतिहास

  1. Vaishno Devi Temple History
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  3. Haryanvi Dancer Sapna Choudhary at Maa Vaishno Devi temple video viral
  4. वैष्णो देवी किसका अवतार है
  5. माता रानी माँ वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास
  6. Vaishno Devi Temple In Jammu And Kashmir Know The History Katra
  7. वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास और मान्यताएं
  8. वैष्णो देवी गुफा मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा
  9. वैष्णो देवी


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Vaishno Devi Temple History

वैष्णो देवी मंदिर का परिचय Vaishno Devi Temple History In Hindi :- वैष्णोदेवी मंदिर भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है जिसमें पीठासीन देवता के रूप में माता वैष्णोदेवी हैं। मंदिर जम्मू और कश्मीर में एक गुफा के अंदर स्थित है। पवित्र तीर्थ त्रिकुटा पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों पर समुद्र तल से 5300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और जम्मू शहर से 48 किमी दूर है। वैष्णो देवी मंदिर प्राथमिक देवता की मूर्ति एक प्राकृतिक चट्टान के आकार की है जिसे पिंडी कहा जाता है। गर्भगृह में तीन पिंडी हैं जो देवी सरस्वती, लक्ष्मी और दुर्गा का प्रतिनिधित्व करती हैं। तीन संरचनाएं तीन दैवीय विशेषताओं का भी प्रतीक हैं – माता की रचना, संरक्षण और विनाश। अनुमानित संख्या में आठ मिलियन तीर्थयात्री हर साल पवित्र स्थल की यात्रा करते हैं, जिससे यह थिरुमाला तिरुपति के बाद दूसरा सबसे अधिक देखा जाने वाला तीर्थ स्थल बन जाता है। History of Vaishno Devi Mandir in Hindi वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास History of Vaishno Devi Mandir in Hindi :- भूवैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार पवित्र गुफा की आयु एक लाख वर्ष मानी जाती है। ऋग्वेद में त्रिकूट पर्वत का उल्लेख मिलता है, हालांकि देवी मां की पूजा का कोई उल्लेख नहीं मिलता। माँ शक्ति का पहला उल्लेख महान हिंदू महाकाव्य महाभारत में है, जब पांडवों के योद्धा अर्जुन को भगवान कृष्ण ने देवी शक्ति का आशीर्वाद लेने की सलाह दी थी। अर्जुन देवी माता को ‘जंबुकटक चित्यैशु नित्यं सन्निहितलय’ कहकर संबोधित करते हैं, जिसका अर्थ है ‘आप जो हमेशा जम्बू में पहाड़ की ढलान पर मंदिर में निवास करते हैं’ (शायद वर्तमान जम्मू का जिक्र करते हुए)। यह भी माना जाता है कि पांडवों ने ही मां शक्ति की कृतज्ञता में...

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Haryanvi Dancer Sapna Choudhary at Maa Vaishno Devi temple video viral

Video: मशहूर हरियाणवी डांसर सपना चौधरी हाल ही में मां वैष्णो देवी मंदिर पहुंची थीं. यहां उन्होंने आम भक्तों की तरह और पूरी सादगी के साथ मां के दर्शन किए. दर्शन के बाद उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए बताया कि मां ने बहुत अच्छे दर्शन दिए. उन्होंने सभी साथी भक्तजनों का खूब धन्यवाद जिन्होंने मुझे पहचाना पर बिकुल परेशान नहीं किया. By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device and the processing of information obtained via those cookies (including about your preferences, device and online activity) by us and our commercial partners to enhance site navigation, personalise ads, analyze site usage, and assist in our marketing efforts. More information can be found in our Accept All Cookies Manage Consent Preferences Strictly Necessary Cookies These cookies are necessary for the website to function and cannot be switched off in our systems. They are usually only set in response to actions made by you which amount to a request for services, such as setting your privacy preferences, logging in or filling in forms. You can set your browser to block or alert you about these cookies, but some parts of the site will not then work or you may not be able to login. Targeting Cookies These cookies may be set through our site by our advertising partners. They may be used by those companies to build a profile of your interests and show you relevant adverts on other sites. They are also used to limit the number of times you see an advert as well as help measu...

वैष्णो देवी किसका अवतार है

ऐसा माना जाता है की वैष्णो देवी के दर्शन से भक्तो की सभी समस्या का निवारण होता हैं. यह स्थान दर्शन के साथ-साथ रमणीय भी हैं. यह स्थान लोगो को आकर्षित करता हैं. इसलिए भी इस स्थान पर लोग देवी माँ के दर्शन साथ साथ पवित्र स्थल के दर्शन करने के लिए आते हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की वैष्णो देवी किसका अवतार है. तथा इसका इतिहास और इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. अनुक्रम • • • • वैष्णो देवी किसका अवतार है / वैष्णो देवी का इतिहास वैष्णो देवी को वैष्णो माता के रूप से भी जाना जाता हैं. वैष्णो देवी को माता सरस्वती, माता महाकाली तथा माता महालक्ष्मी का अवतार माना जाता हैं. कुछ प्राचीन ग्रंथो के अनुसार त्रेता युग में वैष्णो देवी ने पार्वती, लक्ष्मी तथा सरस्वती के रूप में मानव के कल्याण के लिए सुंदर राजकुमारी का अवतार लिया था. यह रूप धारण करके माता ने त्रिकुटा पर्वत पर गुफा के अंदर तपस्या आरंभ की थी. इसके पश्चात समय आने पर उनका शरीर तीन दिव्य ऊर्जा में विलीन हो गया था. जो महासरस्वती, महालक्ष्मी तथा महाकाली का अवतार माना गया. तब से आज दिन तक वैष्णो देवी त्रिकुटा पर्वत पर प्राचीन गुफा में मौजूद हैं. और लाखों की संख्या में भक्तगण माता के दर्शन करने के लिए पहुँचते हैं. पूजन पूर्ण हो जाने के बाद माता ने अपना असली रूप धारण करके श्री धर को पुरे गाँव को भंडारे में बुलाने के लिए आज्ञा दी. तब श्री धर ने भैरवनाथ तथा उनके शिष्यों को भी भंडारे में आने के लिए आमंत्रित किया. भंडारा शुरू होने पर भैरवनाथ ने मांस म...

माता रानी माँ वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास

वैष्णो देवी को माता रानी, त्रिकुटा और वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है। वैष्णो देवी को हिन्दू धर्म में देवी माँ महालक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। भारत में “माँ” या “माता” शब्द का उपयोग “जन्म देने वाली माँ” क लिए किया जाता है और अक्सर इसका उपयोग वैष्णो देवी के नाम से पहले भी किया जाता है। वैष्णो देवी का मंदिर – Vaishno Devi Temple हिन्दू देवियों को समर्पित एक मंदिर है, जो जम्मू और कश्मीर राज्य के त्रिकुटा पर्वत श्रुंखला के कतरा में स्थित है। माता रानी माँ वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास – Vaishno Devi Temple History वैष्णो देवी का मंदिर कतरा से 13.5 किलोमीटर की दुरी पर बना हुआ है और कतरा से मंदिर जाने के लिए परिवहन की सुविधा भी की गयी है। श्रद्धालु पालखी और इलेक्ट्रिक गाड़ी के जरिये मंदिर जा सकते है, जिसमे 2 से 4 लोग आसानी से बैठ सकते है। कतरा से संजीछत तक हेलीकाप्टर की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाती है, जो कतरा से 9.5 किलोमीटर दूर है। श्री माता वैष्णो देवी जी को जाने वाले तीर्थ यात्रा सबसे पवित्र और प्रसिद्ध तीर्थ यात्रा हैं, जिसमे लाखो तीर्थ यात्री पैदल यात्रा करते हैं । वैष्णो देवी माता का मंदिर दुनियाभर में मूह मांगी मुरादे पूरी करने वाली माता के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर त्रिकुटा की पहाडियों की गुफा में बना हुआ है। लाखो लोग इस पवित्र गुफा के दर्शन के लिए हर साल आते है। इतना ही नहीं बल्कि हर साल यहाँ आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या तो अब 1 करोड़ से भी उपर जा चुकी है। श्रद्धालुओ का माँ वैष्णो देवी पर अटूट विश्वास होने की वजह से यह मंदिर केवल भारत ही नही बल्कि विदेशो में भी प्रसिद्ध है। माता की पवित्र गुफा सतह से 5200 फीट की ऊंचाई पर बनी है। यात्रियों को कतरा के बेस कैंप स...

Vaishno Devi Temple In Jammu And Kashmir Know The History Katra

Vaishno Devi Temple : वैष्णों देवी हिंदुओं का प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है, जो समुद्र तल से करीब 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. हिंदुओं के इस प्रसिद्ध धार्मिक स्थल की दूरी कटरा से करीब 14 किमी है. यह धार्मिक स्थल जम्मू के त्रिकुटा पर्वत पर स्थित है, ऐसे में वैष्णों माता के इस पवित्र धर्म स्थल पर दर्शन के लिए जाने वाले यात्रियों को ये 14 किमी की दूरी समतल न चल कर पहाड़ पर ऊपर की ओर चलनी पड़ती है. हालांकि पहले पैदल न जाने वालों के लिए खच्चर और पालकी की व्यवस्था थी. अब इन दोनों साधनों के साथ ही हेलिकॉप्टर और बैटरी रिक्शा की भी व्यवस्था है. क्या है वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड वैष्णों देवी के मंदिर के देख रेख का जिम्मा माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के पास है. इस बोर्ड का गठन साल 1986 में किया गया था. ये बोर्ड दान में मिले पैसे से वहां की सुविधाओं के अलावा रखरखाव का काम देखता है. श्राइन बोर्ड के द्वारा ही मंदिर की साफ सफाई से लेकर विकास कार्यों तक के खर्च किए जाते हैं. खास है वैष्णों देवी मंदिर को लेकर ये बातें वैष्णों माता का मंदिर गुफा में है. बताया जाता है कि माता इसी गुफा में निवास करती थीं. त्रिकुटा की पहाड़ी पर स्थित इस गुफा में जिस जगह माता निवास करती थीं उस गुफा की लंबाई करीब 98 मीटर है. गुफा में माता एक चबुतरा बना हुआ है. जिसपर एक साथ तीन मुर्तियां बनी हुई हैं. जिसमें दाएं देवी काली, बीच में लक्ष्मी और बाएं सरस्वती माता विराजमान करती हैं. अर्द्धकुमारी और भैरवनाथ मंदिर को लेकर ये मान्यता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले यात्री अर्द्धकुमारी के मंदिर से होकर जाते हैं. जो कि वैष्णों देवी जाने वाले मार्ग में वैष्णों देवी मंदिर और कटरा के करीब बीच में ही है. यहां पर माता वैष्णों की ...

वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास और मान्यताएं

वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास और मान्यताएं माता वैष्णो देवी को लेकर कई कथाएँ प्रचलित हैं ऐसी ही एक प्रसिद्ध प्राचीन कहानी है माता वैष्णो के परम भक्त श्रीधर की वे वर्तमान कटरा कस्बे से 2 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित हंसली गांव में रहता थे एक बार उन्होंने अपने घर पर कन्या भोज का आयोजन किया। भोजन के बाद सारी कन्याएं अपने घर चली गई। एक कन्या नहीं गई। वह कन्या जिसका स्वरूप दिव्य था। मान्यता है की श्रीधर की भक्ति से प्रसन्न होकर माता वैष्णो ने कन्या रूप में उनको दर्शन दिए. उस कन्या ने पंडित से माता का भंडारा आयोजित करने के लिए कहा उन्होंने कहा में गरीब इतने लोगो का भोजन कहा से लाऊंगा कन्या ने कहा माता सब पूर्ण करेगी चिंता मत करो कहकर विलुप्त हो गई। श्रीधर ने अपने गाँव में माता का भण्डारा रखा और श्रीधर ने आस पास के सभी गांव वालो व साधु-संतों को भंडारे में पधारने का निमंत्रण दिया। पहली बार तो गाँववालों को विश्वास ही नहीं हुआ कि निर्धन श्रीधर भण्डारा कर रहा है। श्रीधर ने एक स्वार्थी राक्षस भैरवनाथ को भी उसके शिष्यों के साथ आमंत्रित किया था। भंडारे के एक दिन पहले, पंडित श्रीधर सो नहीं पा रहे थे यह सोचकर की वह मेहमानों को भोजन कैसे करा सकेंगे भंडारे वाले दिन पुनः श्रीधर अनुरोध करते हुए सभी के घर बारी-बारी गए ताकि उन्हें खाना बनाने की सामग्री मिले और वह खाना बना कर मेहमानों को भंडारे वाले दिन खिला सके। जितने लोगों ने उनकी मदद की वह काफी नहीं थी क्योंकि मेहमान बहुत ज्यादा थे इतनी कम सामग्री और इतनी कम जगह दोनों ही समस्या थी। वह सुबह तक समस्याओं से घिरे हुए थे और बस उसे अब देवी मां से ही आस थी। वह अपनी झोपड़ी के बाहर पूजा के लिए बैठ गए,दोपहर तक साधू संत मेहमान आना शुरू हो गए थे श्रीधर को पूजा ...

वैष्णो देवी गुफा मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा

वैष्णो देवी का विश्व प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में कटरा नगर के समीप की पहाड़ियों पर स्थित है। इन पहाड़ियों को त्रिकुटा पहाड़ी कहते हैं। यहीं पर लगभग 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है मातारानी का मंदिर। यह भारत में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सर्वाधिक देखा जाने वाला धार्मिक तीर्थ स्थल है। मंदिर परिचय : त्रिकुटा की पहाड़ियों पर स्थित एक गुफा में माता वैष्णो देवी की स्वयंभू तीन मूर्तियां हैं। देवी काली (दाएं), सरस्वती (बाएं) और लक्ष्मी (मध्य), पिण्डी के रूप में गुफा में विराजित हैं। इन तीनों पिण्डियों के सम्मि‍लित रूप को वैष्णो देवी माता कहा जाता है। इस स्थान को माता का भवन कहा जाता है। पवित्र गुफा की लंबाई 98 फीट है। इस गुफा में एक बड़ा चबूतरा बना हुआ है। इस चबूतरे पर माता का आसन है जहां देवी त्रिकुटा अपनी माताओं के साथ विराजमान रहती हैं। भवन वह स्थान है जहां माता ने भैरवनाथ का वध किया था। प्राचीन गुफा के समक्ष भैरो का शरीर मौजूद है और उसका सिर उड़कर तीन किलोमीटर दूर भैरो घाटी में चला गया और शरीर यहां रह गया। जिस स्थान पर सिर गिरा, आज उस स्थान को 'भैरोनाथ के मंदिर' के नाम से जाना जाता है। कटरा से ही वैष्णो देवी की पैदल चढ़ाई शुरू होती है जो भवन तक करीब 13 किलोमीटर और भैरो मंदिर तक 14.5 किलोमीटर है। मंदिर की पौराणिक कथा :मंदिर के संबंध में कई तरह की कथाएं प्रचलित हैं। एक बार त्रिकुटा की पहाड़ी पर एक सुंदर कन्या को देखकर भैरवनाथ उससे पकड़ने के लिए दौड़े। तब वह कन्या वायु रूप में बदलकर त्रिकूटा पर्वत की ओर उड़ चलीं। भैरवनाथ भी उनके पीछे भागे। माना जाता है कि तभी मां की रक्षा के लिए वहां पवनपुत्र हनुमान पहुंच गए। हनुमानजी को प...

वैष्णो देवी

• इतिहास • घूमने के स्थान • कैसे पहुंचा जाये वैष्णो देवी दूसरे प्रमुख हिंदुओं में से एक हैं भारत में तीर्थ स्थल. दिव्य देवता का आशीर्वाद लेने के लिए देश के हर हिस्से से हिंदू भक्त इस मंदिर में आते हैं। कटरा में, त्रिकुटा पहाड़ों के ऊपर स्थित, यह मंदिर वैष्णो देवी माता की प्राप्ति के लिए उत्साही उपासकों को आकर्षित करता है दर्शन। यह क्षेत्र केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा है शक्ति पीठ पूरे देश में फैले 108 पीठों में से। यहीं पर देवी सती की खोपड़ी गिरी थी और इसे बहुत पवित्र स्थान माना जाता है। हजारों तीर्थयात्री अपने रास्ते पर चलते हैं और देवी के मंदिर में प्रार्थना करने के लिए मंदिर तक 13 किमी की चढ़ाई चढ़ते हैं। मंदिर छोटी गुफाओं में स्थित है। देवी की प्रतिमा साढ़े पांच फुट ऊंची शिला के रूप में प्रकट हुई है। यह तीन सिरों वाला या तीन सिर वाला होता है पिंडी. भक्त लाल माता की चुनरी, सूखे मेवे, मिठाई, साड़ी, फूल, चोला, चांदी या सोने के आभूषण आदि ले जाते हैं। यदि आप अपनी छुट्टी पर जम्मू और आध्यात्मिक शांति चाहते हैं कश्मीर, तो यह जगह बिलकुल सही है। वैष्णो देवी, जिसे माता रानी भी कहा जाता है, हिंदू पारंपरिक मिथक के अनुसार देवी दुर्गा का एक रूप है। आपको वहां ले जाने के लिए विभिन्न विक्रेताओं द्वारा घोड़े और पालकी उपलब्ध हैं। हेलीकाप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं जो तीर्थयात्रियों को मंदिर के करीब ले जाती हैं। पूरे रास्ते में स्नैक्स, भोजन और विभिन्न धार्मिक उत्पादों की पेशकश करने वाली दुकानों के गुच्छों से भरा हुआ है। कुल मिलाकर, एक असाधारण जगह यदि आप हिंदू धर्म और प्रकृति दोनों से प्रभावित हैं। योजना वैष्णो देवी यात्रा और आध्यात्मिक वाइब्स में डूब जाते हैं। वैष्णोदेवी जाने का सबसे अच्छा ...