विभवांतर किसे कहते हैं

  1. संतुलित आहार किसे कहते हैं? स्वस्थ जीवन में संतुलित आहार के तत्व का महत्व क्या है?
  2. विशेषण किसे कहते हैं। परिभाषा, भेद और उदाहरण
  3. विद्युत धारा
  4. प्रतिरोध का संयोजन, श्रेणी क्रम तथा समांतर क्रम संयोजन किसे कहते हैं सूत्र क्या है
  5. विभवांतर
  6. विभवांतर क्या है ?
  7. कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 10 विद्युत धारा और इसके प्रभाव एनसीईआरटी समाधान
  8. Reddit
  9. विभातार किसे कहते हैं? » Vibhatar Kise Kehte Hain


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संतुलित आहार किसे कहते हैं? स्वस्थ जीवन में संतुलित आहार के तत्व का महत्व क्या है?

स्वस्थ जीवन के लिए संतुलित आहार की उपयोगिता अत्यधिक महत्वपूर्ण है इसलिए हमें यह जानना जरूरी है कि संतुलित आहार किसे कहते हैं और संतुलित आहार के तत्वों का महत्व क्या है? जिसमें हम अपने दैनिक जीवन में भोजन को कितना और किस प्रकार से ग्रहण करना चाहिए यह जानेंगे। अलग-अलग जगहों पर हमारी संस्कृति और भोजन अलग होती है इसलिए आपने देखा होगा कि किसी खास क्षेत्र के लोग या तो स्वस्थ होते हैं या फिर अस्वस्थ। यदि हमें अपने शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखना है तो हमें संतुलित आहार करनी चाहिए जिससे हमारे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े और हम हमेशा स्वस्थ रहें। विषय सूची • • • • • • • • संतुलित आहार किसे कहते हैं? ऐसा आहार जिसमें सभी प्रकार के महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, प्रोटीन और वसा आदि संतुलित रूप से मौजूद हो उस आहार को संतुलित आहार कहते हैं। संतुलित आहार को संतुलित भोजन भी कहते हैं और इस प्रकार के आहार हमारे शरीर को हमेशा स्वस्थ बनाए रखने में हमारी मदद करता है। यदि हम संतुलित आहार को सरल भाषा में समझें तो हम यहां पाएंगे कि संतुलित आहार वह है जिसमें शरीर के लिए आवश्यक सभी आवश्यक पोषक तत्व शामिल होते हैं। यह भी पढ़ें: संतुलित आहार क्या है? एक संतुलित आहार वह है जिसमें सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा और विटामिन, खनिज, प्रोटीन, फाइबर और प्रोटीन शामिल होते हैं। एक संतुलित आहार में अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए पौष्टिक और पर्याप्त भोजन शामिल होता है। संतुलित आहार का अर्थ है ऐसा आहार जिसमें निश्चित मात्रा और अनुपात में विभिन्न प्रकार के भोजन शामिल हों। संतुलित आहार यह सुनिश्चित करता है कि शरीर की जरूरतों के लिए पर्याप्त पोषण हो जिससे हम स्...

विशेषण किसे कहते हैं। परिभाषा, भेद और उदाहरण

विशेषण (Visheshan in Hindi Grammar) विशेषणकीपरिभाषा–संज्ञाअथवासर्वनामशब्दोंकीविशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाणआदि) बतानेवालेशब्द विशेषणकहलातेहैं। जैसे–बड़ा, काला, लंबा, दयालु, भारी, सुन्दर, अच्छा, गन्दा, बुरा, एक, दोआदि। उदाहरण– वहआदमीछोटाहै। कालालड़काखेलरहाहै। मोटाहाथीदौड़नहींपाताहै। बड़ाकुत्ताभौंकरहाहै। इनसभीदिएगएवाक्योंमेंछोटा, काला, मोटाऔरबड़ाशब्दविशेषणहै।इनके विशेष्यहै‘आदमी’, ‘लड़का’, ‘हाथी’और‘कुत्ता’।इनमेंछोटा, काला, मोटाऔरबड़ाशब्द‘आदमी’, ‘लड़का’, ‘हाथी’और‘कुत्ता’कीविशेषताबतलारहेहैं।अतःविशेषताबतलानेकेकारणयह विशेषणशब्दहै। #. विशेष्य–जिस जैसे–सीतासुंदरहै। इसमेंसुंदरविशेषणहैऔरसीताविशेष्यहै।विशेषणशब्दविशेष्यसेपूर्वभीआतेहैंऔरउसकेबादमेंभीआतेहैं। विशेषणकेभेद– Visheshan Ke Bhed in Hindi हिन्दीव्याकरणमेंविशेषणकेमुख्यतः 5 भेदयाप्रकारहोतेहैंजोकीनीचेबतायागयाहैं– 1 . गुणवाचकविशेषण 2 . परिमाणवाचकविशेषण 3 . संख्यावाचकविशेषण 4 . सार्वनामिकविशेषण 5 . व्यक्तिवाचकविशेषण 1 . गुणवाचकविशेषण परिभाषा–जिनविशेषणशब्दोंसेसंज्ञाअथवासर्वनामशब्दोंकेगुण-दोषकाबोधहो, वहगुणवाचकविशेषणकहलातेहैं। जैसे– मैंखट्टीइमलीनहींखाताहूँ। कालाबंदरदौड़रहाहै। इनदोनोंवाक्योंमेंखट्टाऔरकालाकिसीकेगुणवरंगकीविशेषताबतातेहैं।अतःयहगुणवाचकविशेषणहै। # . प्रमुखगुणवाचकविशेषण– (क.) गुण-दोष–अच्छा, बुरा, कायर, वीर, डरपोक, भला, सुंदर, चतुर, सच्चा, झूठा, दयालु, दानी, पवित्रआदि। उदाहरण–महाराणाप्रतापवीरयोद्धाथे। (ख.) रंग–लाल, हरा, पीला, सफेद, ब्लू, नीला, चमकीलाआदि। उदाहरण–मुझेसफेदकमीजपसंदआतीहै। (ग.) रूप–आकर्षक, मनोहर, सुंदर, कुरूपआदि। उदाहरण–श्रीकृष्णकाबालरूपबहुतमनमोहकथा। (घ.) समय–अगला, पिछला, दोपहर, संध्या, सवेरा, ताजाआदि। उदाहरण–दोपहरके...

विद्युत धारा

अनुक्रम • 1 परिभाषा • 2 धारा घनत्व • 3 ओम का नियम • 4 परम्परागत धारा • 5 धारा के उदाहरण • 6 विद्युतचुम्बकत्व • 7 विद्युत सुरक्षा • 8 सन्दर्भ • 9 इन्हें भी देखें • 10 बाहरी कङियाँ परिभाषा [ ] धारा का परिमाण युक्ति 1 mA मानव को इसका आभास हो पाता है। 10 mA 100 mA विद्युत का झटका 1 A 10 A 2000 W का हीटर 100 A मोटरगाड़ियों का स्टार्टर मोटर 1 kA रेलगाड़ियों की मोटर 10 kA ऋणात्मक तड़ित 100 kA धनात्मक तड़ित किसी सतह, जैसे किसी तांबे के यदि किसी चालक के किसी अनुप्रस्थ काट से Q कूलम्ब का आवेश t समय में निकला; तो औसत धारा I = Q t I = Q / t (यदि धारा समय के साथ अपरिवर्ती हो) विद्युत धारा की SI इकाई एम्पीयर की परिभाषा: किसी विद्युत परिपथ में 1 कूलॉम आवेश 1 सेकण्ड में प्रवाहित होता है तो उस परिपथ में विद्युत धारा का मान 1 एम्पीयर होता है। उदाहरण किसी तार में 10 सेकण्ड में 50 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है तो उस तार में प्रवाहित विद्युत धारा का मान 50 कूलॉम / 10 सेकण्ड = 5 एम्पीयर धारा घनत्व [ ] इकाई क्षेत्रफल से प्रवाहित होने वाली धारा की मात्रा को धारा घनत्व (करेंट डेन्सिटी) कहते हैं। इससे J से प्रदर्शित करते हैं। यदि किसी चालक से I धारा प्रवाहित हो रही है और धारा के प्रवाह के लम्बवत उस चालक का क्षेत्रफल A हो तो, धारा घनत्व J = I A जहाँ I V R है। परम्परागत धारा [ ] • Afrikaans • Alemannisch • Aragonés • العربية • Asturianu • Azərbaycanca • تۆرکجه • Башҡортса • Boarisch • Žemaitėška • Bikol Central • Беларуская • Беларуская (тарашкевіца) • Български • বাংলা • Bosanski • Буряад • Català • Нохчийн • کوردی • Čeština • Чӑвашла • Cymraeg • Dansk • Deutsch • Ελληνικά • English • Esperanto • Es...

प्रतिरोध का संयोजन, श्रेणी क्रम तथा समांतर क्रम संयोजन किसे कहते हैं सूत्र क्या है

विषय सूची • • • प्रतिरोध का संयोजन अनेक प्रकार के कार्यों के लिए कभी-कभी एक से अधिक प्रतिरोधों को जोड़ने की आवश्यकता पड़ जाती है। दो या दो से अधिक प्रतिरोधों को आपस में जोड़ने को ही प्रतिरोध का संयोजन (combination of resistances in Hindi) कहते हैं। प्रतिरोधों का संयोजन दो प्रकार का होता है। 1. श्रेणी क्रम संयोजन 2. समांतर श्रेणी संयोजन Note – समांतर क्रम संयोजन का एनसीईआरटी बुक में नाम पार्श्व क्रम संयोजन है। इसलिए कहीं पार्श्व क्रम संयोजन लिखा हुआ है तो इसका मतलब यह समांतर क्रम संयोजन है। 1. प्रतिरोध का श्रेणी क्रम संयोजन वह संयोजन जिसमें पहले प्रतिरोध का दूसरा सिरा, दूसरे प्रतिरोध के पहले सिरे से जोड़ देते हैं तथा दूसरे प्रतिरोध का दूसरा सिरा तीसरे प्रतिरोध के पहले सिरे से जोड़ देते हैं। और यदि तीन से अधिक प्रतिरोध हैं तो आगे भी इसी क्रम में जोड़ देते हैं। तभ प्रतिरोध के इस संयोजन को श्रेणी क्रम संयोजन कहते हैं। माना तीन प्रतिरोध R 1, R 2 तथा R 3 श्रेणी क्रम में जुड़े हैं। तब इन प्रतिरोधों में समान विद्युत धारा i प्रवाहित होगी। जबकि इन प्रतिरोध के सिरों पर विभवांतर क्रमशः V 1, V 2 व V 3 है। तो V 1 = iR 1 V 2 = iR 2 V 3 = iR 3 माना X और Y बिंदुओं के बीच कुल विभवांतर V है तो V = V 1 + V 2 + V 3 मान रखने पर V = iR 1 + iR 2 + iR 3 समीकरण (1) माना X और Y बिंदुओं के बीच तुल्य प्रतिरोध R है। तो V = iR समीकरण (2) समीकरण (1) व समीकरण (2) की तुलना करने पर iR = iR 1 + iR 2 + iR 3 iR = i(R 1 + R 2 + R 3) \footnotesize \boxed यही प्रतिरोध का श्रेणी क्रम संयोजन का सूत्र है। श्रेणी क्रम में जुड़े सभी प्रतिरोध पर विद्युत धारा का मान समान होता है। अतः स्पष्ट होता है। कि तीन या अधिक प्रत...

विभवांतर

किन्हीं दो बिन्दुओं के विभवान्तर (पोटेन्शियल डिफरेन्स) या 'वोल्टता' (voltage) कहते हैं। दूसरे शब्दों में, इकाई धनावेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में किए गए कार्य को उन दो बिन्दुओं के बीच का विभवान्तर कहते हैं। विभवान्तर को विभवान्तर का SI मात्रक v=w/q अर्थात w=कार्य, q=आवेश चूँकि जब हम किसी बिंदु आवेश को किसी दूसरे आवेश के वैद्युत क्षेत्र में एक स्थान b से दूसरे स्थान a तक ले जाते है। तो हमें वैद्युत बल के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है। यही कार्य उन दोनों स्थानों के बीच वैधुत विभवांतर है। सूत्र- Va-Vb = W/q जहाँ w आवेश को b से a तक ले जाने में किया कार्य है। • Afrikaans • العربية • Azərbaycanca • تۆرکجه • Boarisch • Беларуская • Беларуская (тарашкевіца) • Български • বাংলা • Bosanski • Català • Cebuano • کوردی • Čeština • Чӑвашла • Cymraeg • Dansk • Deutsch • Ελληνικά • English • Esperanto • Español • Eesti • Euskara • Estremeñu • فارسی • Suomi • Français • Nordfriisk • Gaeilge • Galego • עברית • Hrvatski • Magyar • Հայերեն • Interlingua • Bahasa Indonesia • Íslenska • Italiano • 日本語 • Jawa • Қазақша • 한국어 • Кыргызча • Latina • Lombard • Lietuvių • Latviešu • Malagasy • Македонски • മലയാളം • Монгол • मराठी • Bahasa Melayu • မြန်မာဘာသာ • Nederlands • Norsk nynorsk • Norsk bokmål • ਪੰਜਾਬੀ • Polski • پنجابی • پښتو • Português • Runa Simi • Română • Русский • Scots • Srpskohrvatski / српскохрватски • සිංහල • Simple English • Slovenčina • Slovenščina • Shqip • Српски / srpski • Sunda • Svenska • Kiswahili • தமிழ் • తెలుగు • ไทย • Tagalog • Türkçe • Татарча / tatarça ...

विभवांतर क्या है ?

हमारे पास क्वेश्चन का दिया हुआ है कि विभवांतर क्या है तो हमें इसका उत्तर देखना है ठीक है तू जैसा कि जो है नाम से स्पष्ट है क्या कि विभवांतर विभवांतर विभवांतर का अर्थ होता है विभव में अंतर विभव में अंतर यानी कि दो बिंदुओं के बीच जितना भी विवो में अंतर होगा उसका विभांतर कहेंगे ठीक है इसको और अच्छे समझते हैं हम कि मान लिया हमने यहां पर क्या है कि एक बिंदु है जिसका नाम दे दिया हमने कैप्टन दूसरा बिंदु यह है जिसका नाम दे दिया हमने कैप्टन भी ठीक हैं हमारे लिए हमारे पास क्या है क्यों आवेश है ठीक है इस क्यों आवेश को हमें इस बिंदु से इस बिंदु तक लेकर जाना है ठीक है इस आदेश को जो है यहां से यहां तक लेकर जाने के लिए हमें कुछ कार्य करना पड़ा हुआ होगा ठीक है तू उसको हमने मान लिया यह डब्ल्यू है तो इनके बीच का अंतर है विभवांतर है उसको गर्म विच दिखाएं उसको मगर बी से दिखाएं तभी क्या होगा वी बराबर होगा डब्लू अपन चुके ठीक है यानी इन दोनों बिंदुओं के बीच जो भी हो में अंतर है या नहीं विभवांतर है उसको कैसे निकालेंगे डब्ल्यू अपऑन यू से ठीक है अब अगर हम तो इसकी परिभाषा देकर तो इसकी परिभाषा में कुछ इस तरीके से दे सकते हैं कि अगर क्यों कमान जो है क्या हो एक कूलाम हो अगर क्यों कमान एक कूलाम हो एक कूलाम हो तो भी कितना आ जाएगा भी आ जाएगा डब्लू के बराबर ठीक है यानी कि हम कह सकते हैं कि एकांक आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में जो किया हुआ कार्य होगा वही क्या होगा उन दोनों बिंदुओं के बीच विभवांतर होगा ठीक है तो यही बात नहीं आपको यहां पर लिख कर बता दिया क्या कि एकांक आवेश को एकदम दूसरे दूसरे बिंदु तक मैंने कि यहां पर एग्जांपल के लिए ऐसे अभी तक ठीक है ले जाने में किया गया कार्य यानी यहां पर ने म...

कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 10 विद्युत धारा और इसके प्रभाव एनसीईआरटी समाधान

कक्षा 7 विज्ञान अध्याय 10 विद्युत धारा और इसके प्रभाव एनसीईआरटी समाधान – सलूशन, प्रश्न उत्तर तथा पठन सामाग्री शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए यहाँ उपलब्ध है। कक्षा सातवीं विज्ञान अध्याय 10 के ये समाधान यूपी बोर्ड और एमपी बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने की सीबीएसई बोर्ड के छात्रों के लिए। कक्षा 7वीं विज्ञान के समाधान विद्युत धारा: अगर एक टार्च बल्ब को एक तार द्‌वारा विद्युत परिपथ से जोड़ दिया जाए तो वह जल जाएगा क्योंकि विद्युत धारा में उर्जा होती है जिसे विद्युतीय उर्जा कहते हैं। विद्युत धारा विद्युतीय बल्बों को जला सकती है, पंखे चला सकती है, ताप उत्पादन द्‌वारा भोजन पका सकती है तथा बहुत-सारे तरीकों से हमारे उपयोग में लाई जा सकती है। विद्युतीय उर्जा, विद्युत-धारा की सर्वाधिक प्रयोग मे आने वाली उर्जाओं का रूप है जिसका घरेलू तथा औद्योगिक क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है। विद्युत परिपथ: एक विद्युत परिपथ, विद्युत धारा के परिपथ के विभिन्न घटकों से प्रवाहित होने का एक निरंतर मार्ग है जो विद्युत के एक स्रोत से जुड़ा हुआ रहता है। विद्युत परिपथ के घटक हैं- बल्ब, तारें, कुंजी, शुष्क सेल, एमीटर, प्रतिरोधक आदि। एक साधारण विद्युत परिपथ, जिसे चित्र द्‌वारा दर्शाया गया है, खुला अथवा बंद परिपथ हो सकता है। विद्युत धारा का तापीय प्रभाव: जब एक विद्युत प्रवाह एक तार से होकर गुजरता है, तार गर्म हो जाता है। इसे विद्युत धारा के तापीय प्रभाव के रूप में जाना जाता है। जिसका उपयोग कई ताप अनुप्रयोगों में किया जाता है। जैसे: विद्युत हीटर, विद्युत स्त्री, प्रकाश बल्ब आदि। विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव: जब विद्युत धारा प्रवाह एक तार के माध्यम से बहता है यह इसके चारों ओर चुंबकीय ...

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विभातार किसे कहते हैं? » Vibhatar Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका प्रश्न है विभवांतर किसे कहते हैं लेकिन आपने गलत पूछा भी भातार किसे किसे कहते हैं कि चालक तार के दो शेरों के बीच उत्पन्न विवो विवो के अंतर को ही हम विभांतर कहते हैं धन्यवाद इसका मात्रक बोलता है धन्यवाद aapka prashna hai vibhavantar kise kehte hain lekin aapne galat poocha bhi bhatar kise kise kehte hain ki chaalak taar ke do sheron ke beech utpann vivo vivo ke antar ko hi hum vibhantar kehte hain dhanyavad iska matrak bolta hai dhanyavad आपका प्रश्न है विभवांतर किसे कहते हैं लेकिन आपने गलत पूछा भी भातार किसे किसे कहते हैं कि च