विद्युत चुंबकीय तरंगों की प्रकृति होती है

  1. विद्युत चुम्बकीय विकिरण क्या है ?
  2. तरंग किसे कहते हैं तरंग कितने प्रकार का होता है
  3. विद्युत चुंबकीय तरंगें क्या है
  4. बहुविकल्पीय प्रश्न : निर्वात का परावैद्युतांक होता है
  5. विद्युत चुम्बकीय तरंग (electromagnetic radiation in hindi) , विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम क्या है , परिभाषा , खोज किसने की
  6. [Solved] वातावरण में विद्युत चुम्बकीय तरंगों के प्रसा


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विद्युत चुम्बकीय विकिरण क्या है ?

सूर्य का उत्सर्जित प्रकाश विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा के रूप में है, लेकिन दृश्य प्रकाश विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का केवल एक छोटा सा हिस्सा है, जिसमें विद्युत चुम्बकीय तरंगदैर्ध्य की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। सूर्य के प्रकाश में विद्युत चुम्बकीय तरंगें इन्फ्रारेड (IR) से लेकर पराबैंगनी किरणों (UV) तक होती हैं। सूर्य से दृश्यमान प्रकाश विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में आईआर और यूवी के बीच है। अंतरिक्ष या किसी भौतिक माध्यम से तरंगों या कणों के रूप में ऊर्जा के उत्सर्जन या संचरण को विकिरण कहा जाता है। यहाँ पढ़ें विद्युत चुम्बकीय विकिरण क्या है ? इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन ऊर्जा का एक रूप है जो विद्युत और चुंबकीय अशांति को उत्पन्न करने या वैक्यूम या पदार्थ के माध्यम से यात्रा करने वाले विद्युत आवेशित कणों की गति से उत्पन्न होता है। सूर्य की बाहरी सतह से निकलने वाले विद्युत चुम्बकीय विकिरण में विकिरण तरंगों के चार स्पेक्ट्रा होते हैं जो नीचे दिए गए हैं 1. विद्युत चुम्बकीय तरंगों के पहले स्पेक्ट्रम में गामा किरणें, कठोर एक्स-रे, नरम एक्स-रे और अल्ट्रा वायलेट किरणें शामिल हैं। 2. विद्युत चुम्बकीय विकिरण तरंगों के दूसरे स्पेक्ट्रम को दृश्य प्रकाश का स्पेक्ट्रम भी कहा जाता है जिसमें वायलेट, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल किरण शामिल हैं। 3. विद्युत चुम्बकीय विकिरण तरंगों के तीसरे स्पेक्ट्रम को अवरक्त स्पेक्ट्रम कहा जाता है। 4. इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन तरंगों के चौथे स्पेक्ट्रम में माइक्रोवेव, रडार वेव्स और रेडियो तरंगों सहित लंबी तरंगें होती हैं। विद्युत चुम्बकीय विकिरण के लक्षण 1. विद्युत चुम्बकीय तरंगों की श्रेणी को विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम कहा जाता है। 2. विद्युत चुम्बकीय स्प...

तरंग किसे कहते हैं तरंग कितने प्रकार का होता है

यंहा जाने tarang in hindi, अनुदैर्ध्य तरंग in hindi, अनुप्रस्थ तरंग in hindi, तरंग के प्रकार तथा तरंग से सम्बंधित और भी जानकारी. तरंग किसे कहते हैं तरंगें एक प्रकार का विक्षोभ (disturbance) होती हैं, जो किसी माध्यम में कणों को गतिशील करती हुई आगे बढ़ती है। तरंगों की गति की प्रक्रिया में माध्यम के कणों का स्थानांतरण हुए बिना ऊर्जा का स्थानांतरण होता है। तरंगों को दो भागों में बाँटा जा सकता है- यांत्रिक तरंगें और विद्युत चुंबकीय तरंगें। यांत्रिक तरंग किसे कहते हैं ऐसी तरंगें, जिनके संचरण के लिये माध्यम की आवश्यकता होती है। यह माध्यम द्रव्य की कोई भी अवस्था यथा-ठोस, द्रव अथवा गैस हो सकती है। जिन माध्यमों में ये तरंगें संचरण करती हैं, उनमें प्रत्यास्थता तथा जड़त्व का गुण होना चाहिये। यांत्रिक तरंगे दो प्रकार की होती हैं (1) अनुप्रस्थ तरंगें (2) अनुदैर्ध्य तरंगें अनुप्रस्थ तरंग किसे कहते हैं यांत्रिक तरंगों की गति के दौरान माध्यम के कण दोलन करते हैं। इन कणों का दोलन तरंगों की गति के दिशा के लंबवत् अथवा समानांतर होता है। जब माध्यम के कण तरंग गति की दिशा के लंबवत् कंपन करते हैं तो ऐसी तरंगों को ‘ अनुप्रस्थ तरंगें‘ कहते हैं। अनुप्रस्थ तरंगों के उदाहरण जलीय तरंगें, भूकंप के दौरान उत्पन्न S तरंगें, पृष्ठीय तरंगें (Surface wave) इत्यादि। अनुदैर्ध्य तरंग किसे कहते हैं जब माध्यम के कण तरंग गति की दिशा के समानांतर कंपन करते हैं तो उसे ‘ अनुदैर्ध्य तरंगें‘ कहते हैं। जैसे:- ध्वनि तरंगें, P- तरंगें (भूकंपीय तरंग) इत्यादि। अनुदैर्ध्य तरंगों की विशेषताएँ ये तरंगें सभी माध्यमों (ठोस, द्रव, गैस) में उत्पन्न की जा सकती हैं इन तरंगों का संचरण संपीडन एवं विरलन के रूप में होता है। अनुप्रस्थ और अनु...

विद्युत चुंबकीय तरंगें क्या है

हेलो स्टूडेंट आज हम इस पोस्ट में विद्युत चुंबकीय तरंगें क्या है पढ़ेंगे। वे तरंगें जिन्हें संचरित होने के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है उन्हें विद्युत चुम्बकीय तरंग कहते है | अर्थात विद्युत चुंबकीय तरंगें निर्वात में भी संचरित हो जाती है। चूँकि इन तरंगों को संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए अन्तरिक्ष में संचार के लिए अर्थात वार्ता के लिए इन्ही तरंगों का उपयोग किया जाता है। विद्युत चुम्बकीय तरंगें प्रकाश के वेग से गति करती है , तथा ये तरंग फोटोन से मिलकर बनी होती है। जब कोई चुम्बकीय क्षेत्र समय के साथ परिवर्तित हो रहा हो तो इसके कारण विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है और ठीक इसके विपरीत अर्थात एक परिवर्तनशील विद्युत क्षेत्र , चुम्बकीय क्षेत्र को उत्पन्न करता है। विद्युत चुम्बकीय तरंगों के संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती तथा ये तरंगें निर्वात (space) में भी संचरित हो सकती हैं। ये तरंगें चुम्बकीय एवं विद्युत क्षेत्रों के दोलन से उत्पन्न होने वाली अनुप्रस्थ तरंगें हैं। प्रकाश तरंगें, ऊष्मीय विकिरण, एक्स किरणें, रेडियो तरंगें आदि विद्युत-चुम्बकीय तरंगों के उदाहरण हैं। इन तरंगों का तरंग दैध्र्य परास (wave length) काफी विस्तृत होता है। इनका परास 10 -14मी. से लेकर 10 4 मी. तक होता है। Table of Contents • • • विद्युत चुम्बकीय तरंगों के गुण: • इन तरंगों पर कोई आवेश विद्यमान नहीं रहता है अर्थात ये उदासीन तरंगें है। • इन तरंगों में विद्युत क्षेत्र , चुम्बकीय क्षेत्र और संचरण सदिश , सभी एक दुसरे के लम्बवत स्थित रहते है। • ये अनुप्रस्थ तरंगें होती है अर्थात इसमें इन तरंगों का दोलन , संचरण की दिशा के लम्बवत होता है। • विद्युतचुम्बकीय तरंगें प्रकाश के वेग...

बहुविकल्पीय प्रश्न : निर्वात का परावैद्युतांक होता है

Que : 1. बहुविकल्पीय प्रश्न : 1. निर्वात का परावैद्युतांक होता है (A) 8.85 × 10 -12 F/m (B) 8.85 × 10 -11 F/m (C) 8.85 x 10 12 F/m (D) 8.85 × 10 11 Fm 2. वैद्युत-द्विध्रुव का SI मात्रक होता है (A) CN (B) Cm (C) C (D) C/m 3. कूलॉम नियम का सदिश रूप होता है 7. वायु के लिए परावैद्युत सामर्थ्य होता है (A) 3 x 10 6 Vm -1 (B) 4 × 10 6 Vm -1 (C) 5 x 10 6 Vm -1 (D) 10 6 Vm -1 8. किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता होती है (A) E = Eq (B) E = F / q (C) E= 1/2 Fq (D) E = q / F 12. रेटिना पर बनने वाला प्रतिबिंव होता है (A) वास्तविक एवं सीधा (B) वास्तविक एवं उलटा (C) काल्पिनिक एवं सीधा (D) काल्पनिक एवं उलटा 13. खगोलीय दूरबीन की आवर्धन क्षमता होता है (A) f o/f e (B) -f o/f e (C) -f e/f o (D) f e/f o 14. निम्नलिखित में कौन इंद्रधनुष के निर्माण का कारण होता है ? (A) प्रकीर्णन (B) विवर्तन (C) वर्ण-विक्षेपण (D) अपवर्तन 16. संपर्कित दो लेंसों की शक्ति होती है (A) P = P 1+P 2 (B) P = P 1 x P 2 (C) P = P 1/P 2 (D) P = P 1 (P 2 + P 1) 17. यदि μ g = 3/2 और μ w = 4/3 तब w μ g होता है (A) 2 (B) 1/3 (C) 9/8 (D) 8/9 18. काँच के लिए क्रांतिक कोण होता है (A) 20° (B) 30° (C) 48° (D) 42° ( लगभग) 19. विद्युत-चुंबकीय तरंगों की प्रकृति होती है (A) अनुप्रस्थ (B) अनुदैर्ध्य (C) (A) और ( B) दोनों (D) विद्युतीय 20. त्रिपार्श्व के पदार्थ का अपवर्तनांक होता है 21. प्रकाशीय पथ के बराबर होता है (A) अपवर्तनांक x पथ की लंबाई (B) अपवर्तनांक / पथ की लंबाई (C) पथ की लंबाई (D) पथ की लंबाई / अपवर्तनांक 22. 4 डायोप्टर क्षमता वाले लेंस की फोकस दूरी होती है (A) 0.25 cm (B) 0.25 cm (C) 0.35 cm (D) 0.35 cm 23. निम्नलिखित...

विद्युत चुम्बकीय तरंग (electromagnetic radiation in hindi) , विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम क्या है , परिभाषा , खोज किसने की

विद्युत चुम्बकीय तरंगो के गुण • विद्युत चुम्बकीय तरंग अनुपृस्थ प्रकृति की होती है। • विद्युत चुम्बकिय तरंगो का निर्वात में C = 1/√u 0E 0 = w/k • विद्युत चुम्बकीय तरंगों का माध्यम में वेग – V = 1/√uE = 1/√[u 0u r][E 0E r] = 1/√u 0E 0x 1/√u rE r V = C/√u rE r= C/n यहाँ n = √u rE rमाध्यम का • विद्युत चुम्बकीय तरंगो में विद्युत क्षेत्र के कम्पन्न व चुम्बकीय क्षेत्र के कम्पन्न परस्पर एक दुसरे के लम्बवत होते है तथा दोनों कम्पन्न तरंग संचरण की दिशा के भी लम्बवत होते है। • विद्युत चुम्बकीय तरंगों में विद्युत क्षेत्र व चुम्बकीय क्षेत्र दोनों ही परिवर्तित क्षेत्र होते है। • विधुत चुंबकीय तरंगो का ऊर्जा घनत्व विद्युत क्षेत्र के विद्युत क्षेत्र का ऊर्जा घनत्व U e= E 0E 2/2 चुम्बकीय क्षेत्र का ऊर्जा घनत्व U b= B 2/2u 0 विद्युत चुम्बकीय तरंग का कुल ऊर्जा घनत्व = U = U e+ U b U = E 0E 2/2 + B 2/2u 0 U e= E 0E 2/2 चूँकि C = E/B U e= E 0(BC) 2/2 U e= E 0B 2C 2/2 U e= E 0B 2/2 √E 0u 0 चूँकि C = 1/√E 0u 0 U e= B 2/2C U e= B 2/2u 0 U e= U b अत: विद्युत चुम्बकीय तरंग का ऊर्जा घनत्व U = 2U e= 2U b= E 0E 2= B 2/u 0 • विद्युत चुम्बकीय तरंगो में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता व चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का अनुपात प्रकाश के वेग के समान होता है। C = E/B • जब विद्युत चुम्बकीय तरंगे किसी सतह पर आपतित होती है तो दाब उत्पन्न करती है जिसे विद्युत चुम्बकीय तरंगों का विकिरण दाब कहते है। अत: विकिरण दाब (संवेग) P = U/C = I/C(जब सतह पूर्णत: अवशोषक हो) तथा P = 2U/C = 2I/C (जब सतह पूर्णतया परावर्तक हो) • विद्युत चुम्बकीय तरंगो द्वारा • जब विद्युत चुंबकीय तरंगे किसी सतह पर आपतित होती है तो उसके एकांक क्षेत्रफल से ...

[Solved] वातावरण में विद्युत चुम्बकीय तरंगों के प्रसा

• भू-तरंग वे विद्युत चुम्बकीय तरंग हैं जो ट्रांसमीटर से पृथ्वी की सतह पर अभिग्राही तक जाते हैं। वे बंकन के कारण ऊर्जा खोती हैं। • आकाशीय तरंग वे विद्युत चुम्बकीय तरंग हैं जो ट्रांसमीटर से अभिग्राही तक आयनोस्फिअरी परत से परावर्तनके माध्यम से यात्रा करती हैं। • अंतरिक्ष तरंगें ट्रांसमीटर से सीधे अभिग्राही में जाती हैं। • विद्युत चुम्बकीय तरंगें प्रकृति में अनुदैर्ध्य होती हैं। धारणा: • विद्युत चुम्बकीय तरंगें: यह एक अनुप्रस्थ तरंगहै जो एक दूसरे के लंबवत दोलित विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रसे निर्मित है। ​ • विद्युत चुम्बकीय तरंगें प्रकृति में अनुप्रस्थ हैं। वे ट्रांसमीटर से तीन अलग-अलग तरीकों में अभिग्राही तक यात्रा करते हैं। • भू-तरं गें वे विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं जो ट्रांसमीटर से पृथ्वी की सतह पर अभिग्राही तक जाते हैं। वे बंकन के कारण ऊर्जा खोती हैं। • आकाशीय तरंगें वे विद्युत चुम्बकीय तरंग हैं जो ट्रांसमीटर से अभिग्राही तक आयनोस्फिअरी परत से परावर्तनके माध्यम से यात्रा करती हैं। • अंतरिक्ष तरंगें ट्रांसमीटर से सीधे अभिग्राही में जाती हैं। व्याख्या: उपरोक्त चर्चा से • भू-तरंगेंवे विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं जो ट्रांसमीटर से पृथ्वी की सतह पर अभिग्राही तक जाते हैं। वे बंकन के कारण ऊर्जा खोती हैं। तो विकल्प 1 इस प्रकार है। • आकाशीय तरंग वे विद्युत चुम्बकीय तरंग हैं जो ट्रांसमीटर से अभिग्राही तक आयनोस्फिअरी परत से परावर्तनके माध्यम से यात्रा करती हैं।तो विकल्प 2 इस प्रकार है। • अंतरिक्षतरंगें ट्रांसमीटर से सीधे अभिग्राही में जाती हैं। तो विकल्प 3 इस प्रकार है। • विद्युत चुम्बकीय तरंगें प्रकृति में अनुदैर्ध्य होती हैं। यह सही नहीं है, विद्युत चुम्बकीय तरंगें प्रकृति में अनुप्रस...