वीर सावरकर इन हिंदी

  1. वीर सावरकर की जीवनी
  2. वीर सावरकर के नाम पर क्यों है मतभेद? पढ़ें उनके जीवन से जुड़े प्रमुख किस्से
  3. Veer Savarkar Jayanti 2023 Quotes: वीर सावरकर जयंती पर उनके ये महान विचार और कोट्स भेजकर दें बधाई
  4. वीर सावरकर का जीवन परिचय
  5. Veer Savarkar 10 Quotes in hindi : वीर सावरकर के 10 अनमोल विचार :
  6. Veer Savarkar Punyatithi 2021
  7. Veer Savarkar Punyatithi 2021
  8. Veer Savarkar 10 Quotes in hindi : वीर सावरकर के 10 अनमोल विचार :
  9. Veer Savarkar Jayanti 2023 Quotes: वीर सावरकर जयंती पर उनके ये महान विचार और कोट्स भेजकर दें बधाई
  10. वीर सावरकर का जीवन परिचय


Download: वीर सावरकर इन हिंदी
Size: 42.61 MB

वीर सावरकर की जीवनी

वीर सावरकर की जीवनी Veer Savarkar Biography In Hindi Story History: भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में वीर सावरकर का योगदान इतिहास में क्रांतिकारी नेताओं के रूप में वीर सावरकर का नाम व स्थान विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं. ये महान क्रांतिकारी, महान देशभक्त और महान संगठनकर्ता थे. उन्होंने आजीवन देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया. उनकी प्रशंसा शब्दों में व्यक्ति नहीं की जा सकती. वे अपने तप और त्याग का बिना कोई पुरस्कार लिए ही चिरनिद्रा में सो गये. वीर सावरकर की जीवनी | Veer Savarkar Biography In Hindi विनायक दामोदर सावरकर का इतिहास व जानकारी (History and information of Vinayak Damodar Savarkar) पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर जन्म 28 मई 1883 जन्मस्थान ग्राम भागुर, जिला नासिक बम्बई पिता दामोदर सावरकर माता राधाबाई सावरकर पत्नी यमुनाबाई मृत्यु फ़रवरी 26, 1966 (इच्छा मृत्यु) सावरकर का जन्म ब्रिटिशकालीन बम्बई प्रान्त के भागुर गाँव में हुआ था. इनकी माँ का नाम राधाबाई व पिताजी का नाम दामोदर पन्त था. गणेश व नारायण दामोदर इनके भाई थे. नैनाबाई इनकी बहिन का नाम था. सावरकर बहुत कम आयु में थे, तभी इनके माता-पिता चल बचे. परिवार में सबसे बड़े भाई गणेश पर परिवार के लालन पोषण की जिम्मेदारी थी. संकट की स्थतियों में परिवार को सँभालने वाले गणेश भी एक स्वतंत्रता प्रेमी नवयुवक थे, सावरकर पर इनके बड़े भाई के व्यक्तित्व का बहुत प्रभाव पड़ा. पढ़ने में तेज सावरकर ने 1901 में नासिक के विद्यालय के दसवी की परीक्षा उतीर्ण की, ये पढाई के साथ साथ देशभक्ति की कविताएँ भी लिखा करते थे. फ्ग्युर्सन कॉलेज से इन्होने बीए की डिग्री हासिल की, इनका विवाह यमुनाबाई के साथ हुआ. वीर सावरकर ने आगे की पढाई की इच्छा जताई विश्वविद्यालय ...

वीर सावरकर के नाम पर क्यों है मतभेद? पढ़ें उनके जीवन से जुड़े प्रमुख किस्से

शुभांगी उपाध्याय जब हमारा देश परतंत्रता की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, घायल था, जब हमारी इच्छाओं का संचालन विदेशी शासक कर रहे थे और हमारी अपार धन – संपदा को लूट लूट कर सात समुंदर पार ले जा रहे थे, तब कितने ही वीर बलिदानियों ने उन विदेशी शक्तियों तथा अत्याचारियों को ललकारा और अपने प्राणों की आहुति दे दी। परंतु फिर भी उनके नाम को इतिहास के पन्ने से मिटाये जाने के यत्न हुए, उनके यादों को भुला देने की कोशिश की गई। लेकिन आज की युवा पीढ़ी ने स्वतंत्र भारत का नया इतिहास लिखना प्रारंभ किया है, जिसमें उन सच्चाइयों का वर्णन भी है जिसे झूठ की परतों के नीचे अबतक छिपाकर रखा गया था। समय के निष्पक्ष हाथों ने उन सच्चाइयों को ढूंढ निकाला है। उन्हें प्रकाश में लाने के प्रयत्न होने लगे हैं। उस नए इतिहास के एक स्वर्णिम अध्याय का ही नाम है ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर’। एक किशोर बालक माँ दुर्गा के समक्ष प्रण करता है, ‘माता महिषासुर मर्दिनी तेरे पावन चरणों की सौगंध खाकर मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि अपने देश की स्वतंत्रता पुनः प्राप्त करूँगा, और इसके लिये सशस्त्र क्रांति की पताका भी फहराउंगा। यदि इसमें मैं सफल हुआ तो छत्रपति शिवाजी महाराज की भांति स्वराज स्थापित करूँगा और तेरे मस्तक पर स्वतंत्रता का अभिषेक करूँगा। माँ मुझे शक्ति दो’ विनायक सावरकर का जन्म महाराष्ट्र (उस समय, ‘बॉम्बे प्रेसिडेन्सी’) में नासिक के निकट भागुर गाँव में चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम राधाबाई तथा पिता का नाम दामोदर पन्त सावरकर था। इनके दो भाई गणेश (बाबाराव) व नारायण दामोदर सावरकर तथा एक बहन नैनाबाई थीं। विनायक का परिवार एक आदर्श राष्ट्रवादी परिवार था। तीनों भाई स्वत्रंता सेनानी थे तथा इनकी पत्नी और भाभी का भी इस...

Veer Savarkar Jayanti 2023 Quotes: वीर सावरकर जयंती पर उनके ये महान विचार और कोट्स भेजकर दें बधाई

Veer Savarkar Jayanti 2023 Quotes: वीर सावरकर जयंती पर उनके ये महान विचार और कोट्स भेजकर दें बधाई वीर सावरकर जयंती (Veer Savarkar Jayanti) हर साल 28 मई को विनायक दामोदर सावरकर की स्मृति में मनाई जाती है. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने योगदान के लिए जाने जाने वाले वीर सावरकर पूरे भारत में हिंदू समुदाय के विकास के लिए विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए जाने जाते हैं... Veer Savarkar Jayanti 2023 Quotes: वीर सावरकर जयंती (Veer Savarkar Jayanti) हर साल 28 मई को विनायक दामोदर सावरकर की स्मृति में मनाई जाती है. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने योगदान के लिए जाने जाने वाले वीर सावरकर पूरे भारत में हिंदू समुदाय के विकास के लिए विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए जाने जाते हैं. विनायक दामोदर सावरकर ने राष्ट्र में एक सामूहिक हिंदू पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व (हिंदूपन) शब्द भी गढ़ा. विनायक दामोदर सावरकर (28 मई 1883 - 26 फरवरी 1966) स्वातंत्र्य वीर सावरकर के नाम से भी प्रसिद्ध थे. वह एक भारतीय स्वतंत्रता-समर्थक कार्यकर्ता, लोकप्रिय राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक लेखक, कवि और नाटककार थे. नासिक के भागुर में जन्मे वीर सावरकर एक महान मराठी महापुरूष थे और उन्होंने हिंदू संस्कृति में जाति व्यवस्था को खत्म करने और परिवर्तित हिंदुओं को वापस हिंदू धर्म में वापस लाने की वकालत की. उनके राजनीतिक दर्शन में तर्कवाद और प्रत्यक्षवाद, उपयोगितावाद, मानवतावाद और यथार्थवाद के घटक थे। उनका जन्मदिन समारोह हर साल 28 मई, 2016 को आयोजित किया जाता है। पूरे महाराष्ट्र में उन्हें भव्य तरीके से सम्मानित करने के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा मंगल पांडे के नेतृत्व में 1857 के ...

वीर सावरकर का जीवन परिचय

वीर सावरकर, जिन्हें विनायक दामोदर सावरकर के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ और लेखक थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में प्रमुख भूमिका निभाई थी। Veer Savarkar भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति थे और स्वदेशी आंदोलन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और हिंदू महासभा सहित विभिन्न राजनीतिक गतिविधियों में शामिल थे। वह एक विपुल लेखक भी थे, जिन्होंने भारतीय इतिहास, राजनीति और दर्शन सहित कई विषयों पर पुस्तकें लिखीं। सावरकर हिंदुत्व की वकालत करने के लिए जाने जाते हैं, एक हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा जो हिंदू लोगों की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता पर जोर देती है। Veer Savarkar भारत के विभाजन और पाकिस्तान के निर्माण के कड़े विरोध के लिए भी जाना जाता था। उनकी विरासत भारत में बहस और विवाद का विषय बनी हुई है, कुछ लोग उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायक के रूप में मानते हैं, जबकि अन्य उनके राजनीतिक विचारों और कार्यों की आलोचना करते हैं। Veer Savarkar Birth, Place, Family वीर सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 को भारत के वर्तमान महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित भागुर शहर में हुआ था। उनका पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था, और वे दामोदरपंत सावरकर और राधाबाई के सबसे बड़े पुत्र थे। उनके दो भाई, गणेश और नारायण और मैना नाम की एक बहन थी। सावरकर का परिवार चितपावन ब्राह्मण समुदाय से था, जो इस क्षेत्र की एक प्रमुख जाति थी। सावरकर एक ऐसे परिवार में पले-बढ़े जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गहराई से शामिल थे और कम उम्र से ही क्रांतिकारी विचारों के संपर्क में थे। Veer Savarkar के बड़े भाई, गणेश, एक क्रांतिकारी थे, जो एक ब्रिटिश अधिका...

Veer Savarkar 10 Quotes in hindi : वीर सावरकर के 10 अनमोल विचार :

2. “महान लक्ष्य के लिए किया गया कोई भी बलिदान व्यर्थ नही जाता है ।” 3. “कष्ट ही तो वह प्रेरक शक्ति है । जो मनुष्य को कसौटी पर परखती है और आगे बढ़ाती है ।” – वीर सावरकर 4. “हमारे देश और समाज के माथे पर एक कलंक है – अस्पर्शयता । हिन्दू समाज के ,धर्म के,राष्ट्र के, करोड़ो हिंदू बंधु इससे अभिशक्त है । जबतक हम ऐसे बनाये हुए है,तब तक हमारे शत्रु हमे परस्पर लड़वाकर विभाजित करके सफल होते रहेंगे । इस घातक बुराई को हमे त्यागना ही होगा ।” 5. “हमारी पीढ़ी ऐसे समय मे और ऐसे देश मे पैदा हुयी कि प्रत्येक उदार एवं सच्चे ह्रदय के लिए यह बात आवश्यक हो गई कि वह अपने लिए उस मार्ग का चयन करें जो आहों, सिसकियों और विरह केमध्य से होकर गुजरता है ।बस यही मार्ग कर्म का मार्ग है ।” 6. “काल स्वंय मुझ से डरा है, मैं काल से नही । काले पानी का कालकूट पीकर काल से कराल स्तंभों को झकजोर कर मैं बार बार लौट आया हूँ । हारी मृत्यु है , मैं नही ।” – वीर सावरकर 7. “अपने देश की, राष्ट्र की,समाज की स्वतंत्रता हेतु प्रभु से की गई मूक प्रार्थना भी सबसे बड़ी अहिंसा का धोतक है ।” – वीर सावरकर 8. “देशहित के लिए अन्य त्यागों के साथ जनप्रियता का त्याग करना सबसे बड़ा और ऊंचा आदर्श है ,क्योकि “वर जनहित ध्येयं केवल न जनस्तुति “शास्त्रों में उपयुक्त ही कहा गया है ।” – वीर सावरकर 9. “इतिहास समाज और राष्ट्र को पुष्ट करनेवाला हमारा दैनिक व्यवहार ही हमारा धर्म है ।धर्म की यह परिभाषा स्पष्ट करती है कि कोई भी मंनुष्य धर्मातीत रह ही नही सकता । देश इतिहास समाज के प्रति विशुद्ध प्रेम एवं न्यायपूर्ण व्यवहार ही सच्चा धर्म है ।” – वीर सावरकर 10. “प्रतिशोध की भट्टी को तपाने के लिए विरोधों और अन्याय ला ईंधन अपेक्षित है । तभी तो उसमें से सद्गुणो...

Veer Savarkar Punyatithi 2021

सावरकर की गांधी से वो मुलाकात जिसने उन्हें 'हिंद स्वराज' लिखने के लिए प्रेरित किया Veer Savarkar Punyatithi: लंदन में एक शाम जब गांधी, सावरकर से मिलने उनके पास गए तो दोनों के बीच अहिंसा, सत्याग्रह और भारतीयों की स्थिति को लेकर कई तर्क-वितर्क हुए. महात्मा गांधी की पुस्तक 'स्वराज हिंद' लिखे जाने की भूमिका तभी तैयार हुई थी. वीर सावरकर की पुण्य तिथि पर पढ़िए इसी खास मुलाकात का ब्यौरा. नई दिल्लीः इस लेख की शुरुआत में ही ब्रिटिश-भारतीय अर्थशास्त्री और स्तंभकार लॉर्ड मेघनाद देसाई की एक टिप्पणी को Bold & Capital में सामने रखना जरूरी हो जाता है. एक मीडिया संस्थान के लिए स्तंभ लिखते हुए देसाई लिखते हैं कि 1909 में लंदन में गांधी और सावरकर के बीच हुई एक मुलाकात बाद में हिंद स्वराज पुस्तक के लिखने की वजह बनीं. यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि लॉर्ड मेघनाद देसाई लंदन में गांधी मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. गांधी और सावरकर में समानता भारत को राजनीतिक इतिहास के नजरिए से देखने की कोशिश करेंगे तो आप बहुत दूर तक नहीं जा पाएंगें. आपको एक वैचारिक बाइनाकुलर (दूरबीन) की जरूरत होगी. यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि गांधी और सावरकर इस दूरबीन के एक-एक लेंस हैं. लंदन में सावरकर और गांधी की मुलाकात इस बात की पुष्टि के लिए 1909 के उसी दौर में जाना जरूरी होगा. यह तब का दौर है जब गांधी महात्मा नहीं बने थे. एक शाम जब गांधी लंदन में सावरकर से मिलने उनके पास गए तो दोनों के बीच अंहिंसा, सत्याग्रह और भारतीयों की स्थिति को लेकर कई तर्क-वितर्क हुए. गांधी इस मुलाकात के बारे में बहुत बाद में खुद लिखते हैं कि लंदन में मैं कई क्रांतिकारियों से मिला. इसमें मुझे दो भाइयों के विचारों ने ब...

Veer Savarkar Punyatithi 2021

सावरकर की गांधी से वो मुलाकात जिसने उन्हें 'हिंद स्वराज' लिखने के लिए प्रेरित किया Veer Savarkar Punyatithi: लंदन में एक शाम जब गांधी, सावरकर से मिलने उनके पास गए तो दोनों के बीच अहिंसा, सत्याग्रह और भारतीयों की स्थिति को लेकर कई तर्क-वितर्क हुए. महात्मा गांधी की पुस्तक 'स्वराज हिंद' लिखे जाने की भूमिका तभी तैयार हुई थी. वीर सावरकर की पुण्य तिथि पर पढ़िए इसी खास मुलाकात का ब्यौरा. नई दिल्लीः इस लेख की शुरुआत में ही ब्रिटिश-भारतीय अर्थशास्त्री और स्तंभकार लॉर्ड मेघनाद देसाई की एक टिप्पणी को Bold & Capital में सामने रखना जरूरी हो जाता है. एक मीडिया संस्थान के लिए स्तंभ लिखते हुए देसाई लिखते हैं कि 1909 में लंदन में गांधी और सावरकर के बीच हुई एक मुलाकात बाद में हिंद स्वराज पुस्तक के लिखने की वजह बनीं. यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि लॉर्ड मेघनाद देसाई लंदन में गांधी मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. गांधी और सावरकर में समानता भारत को राजनीतिक इतिहास के नजरिए से देखने की कोशिश करेंगे तो आप बहुत दूर तक नहीं जा पाएंगें. आपको एक वैचारिक बाइनाकुलर (दूरबीन) की जरूरत होगी. यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि गांधी और सावरकर इस दूरबीन के एक-एक लेंस हैं. लंदन में सावरकर और गांधी की मुलाकात इस बात की पुष्टि के लिए 1909 के उसी दौर में जाना जरूरी होगा. यह तब का दौर है जब गांधी महात्मा नहीं बने थे. एक शाम जब गांधी लंदन में सावरकर से मिलने उनके पास गए तो दोनों के बीच अंहिंसा, सत्याग्रह और भारतीयों की स्थिति को लेकर कई तर्क-वितर्क हुए. गांधी इस मुलाकात के बारे में बहुत बाद में खुद लिखते हैं कि लंदन में मैं कई क्रांतिकारियों से मिला. इसमें मुझे दो भाइयों के विचारों ने ब...

Veer Savarkar 10 Quotes in hindi : वीर सावरकर के 10 अनमोल विचार :

2. “महान लक्ष्य के लिए किया गया कोई भी बलिदान व्यर्थ नही जाता है ।” 3. “कष्ट ही तो वह प्रेरक शक्ति है । जो मनुष्य को कसौटी पर परखती है और आगे बढ़ाती है ।” – वीर सावरकर 4. “हमारे देश और समाज के माथे पर एक कलंक है – अस्पर्शयता । हिन्दू समाज के ,धर्म के,राष्ट्र के, करोड़ो हिंदू बंधु इससे अभिशक्त है । जबतक हम ऐसे बनाये हुए है,तब तक हमारे शत्रु हमे परस्पर लड़वाकर विभाजित करके सफल होते रहेंगे । इस घातक बुराई को हमे त्यागना ही होगा ।” 5. “हमारी पीढ़ी ऐसे समय मे और ऐसे देश मे पैदा हुयी कि प्रत्येक उदार एवं सच्चे ह्रदय के लिए यह बात आवश्यक हो गई कि वह अपने लिए उस मार्ग का चयन करें जो आहों, सिसकियों और विरह केमध्य से होकर गुजरता है ।बस यही मार्ग कर्म का मार्ग है ।” 6. “काल स्वंय मुझ से डरा है, मैं काल से नही । काले पानी का कालकूट पीकर काल से कराल स्तंभों को झकजोर कर मैं बार बार लौट आया हूँ । हारी मृत्यु है , मैं नही ।” – वीर सावरकर 7. “अपने देश की, राष्ट्र की,समाज की स्वतंत्रता हेतु प्रभु से की गई मूक प्रार्थना भी सबसे बड़ी अहिंसा का धोतक है ।” – वीर सावरकर 8. “देशहित के लिए अन्य त्यागों के साथ जनप्रियता का त्याग करना सबसे बड़ा और ऊंचा आदर्श है ,क्योकि “वर जनहित ध्येयं केवल न जनस्तुति “शास्त्रों में उपयुक्त ही कहा गया है ।” – वीर सावरकर 9. “इतिहास समाज और राष्ट्र को पुष्ट करनेवाला हमारा दैनिक व्यवहार ही हमारा धर्म है ।धर्म की यह परिभाषा स्पष्ट करती है कि कोई भी मंनुष्य धर्मातीत रह ही नही सकता । देश इतिहास समाज के प्रति विशुद्ध प्रेम एवं न्यायपूर्ण व्यवहार ही सच्चा धर्म है ।” – वीर सावरकर 10. “प्रतिशोध की भट्टी को तपाने के लिए विरोधों और अन्याय ला ईंधन अपेक्षित है । तभी तो उसमें से सद्गुणो...

Veer Savarkar Jayanti 2023 Quotes: वीर सावरकर जयंती पर उनके ये महान विचार और कोट्स भेजकर दें बधाई

Veer Savarkar Jayanti 2023 Quotes: वीर सावरकर जयंती पर उनके ये महान विचार और कोट्स भेजकर दें बधाई वीर सावरकर जयंती (Veer Savarkar Jayanti) हर साल 28 मई को विनायक दामोदर सावरकर की स्मृति में मनाई जाती है. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने योगदान के लिए जाने जाने वाले वीर सावरकर पूरे भारत में हिंदू समुदाय के विकास के लिए विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए जाने जाते हैं... Veer Savarkar Jayanti 2023 Quotes: वीर सावरकर जयंती (Veer Savarkar Jayanti) हर साल 28 मई को विनायक दामोदर सावरकर की स्मृति में मनाई जाती है. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने योगदान के लिए जाने जाने वाले वीर सावरकर पूरे भारत में हिंदू समुदाय के विकास के लिए विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए जाने जाते हैं. विनायक दामोदर सावरकर ने राष्ट्र में एक सामूहिक हिंदू पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व (हिंदूपन) शब्द भी गढ़ा. विनायक दामोदर सावरकर (28 मई 1883 - 26 फरवरी 1966) स्वातंत्र्य वीर सावरकर के नाम से भी प्रसिद्ध थे. वह एक भारतीय स्वतंत्रता-समर्थक कार्यकर्ता, लोकप्रिय राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक लेखक, कवि और नाटककार थे. नासिक के भागुर में जन्मे वीर सावरकर एक महान मराठी महापुरूष थे और उन्होंने हिंदू संस्कृति में जाति व्यवस्था को खत्म करने और परिवर्तित हिंदुओं को वापस हिंदू धर्म में वापस लाने की वकालत की. उनके राजनीतिक दर्शन में तर्कवाद और प्रत्यक्षवाद, उपयोगितावाद, मानवतावाद और यथार्थवाद के घटक थे। उनका जन्मदिन समारोह हर साल 28 मई, 2016 को आयोजित किया जाता है। पूरे महाराष्ट्र में उन्हें भव्य तरीके से सम्मानित करने के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा मंगल पांडे के नेतृत्व में 1857 के ...

वीर सावरकर का जीवन परिचय

वीर सावरकर, जिन्हें विनायक दामोदर सावरकर के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ और लेखक थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में प्रमुख भूमिका निभाई थी। Veer Savarkar भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति थे और स्वदेशी आंदोलन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और हिंदू महासभा सहित विभिन्न राजनीतिक गतिविधियों में शामिल थे। वह एक विपुल लेखक भी थे, जिन्होंने भारतीय इतिहास, राजनीति और दर्शन सहित कई विषयों पर पुस्तकें लिखीं। सावरकर हिंदुत्व की वकालत करने के लिए जाने जाते हैं, एक हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा जो हिंदू लोगों की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता पर जोर देती है। Veer Savarkar भारत के विभाजन और पाकिस्तान के निर्माण के कड़े विरोध के लिए भी जाना जाता था। उनकी विरासत भारत में बहस और विवाद का विषय बनी हुई है, कुछ लोग उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायक के रूप में मानते हैं, जबकि अन्य उनके राजनीतिक विचारों और कार्यों की आलोचना करते हैं। Veer Savarkar Birth, Place, Family वीर सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 को भारत के वर्तमान महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित भागुर शहर में हुआ था। उनका पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था, और वे दामोदरपंत सावरकर और राधाबाई के सबसे बड़े पुत्र थे। उनके दो भाई, गणेश और नारायण और मैना नाम की एक बहन थी। सावरकर का परिवार चितपावन ब्राह्मण समुदाय से था, जो इस क्षेत्र की एक प्रमुख जाति थी। सावरकर एक ऐसे परिवार में पले-बढ़े जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गहराई से शामिल थे और कम उम्र से ही क्रांतिकारी विचारों के संपर्क में थे। Veer Savarkar के बड़े भाई, गणेश, एक क्रांतिकारी थे, जो एक ब्रिटिश अधिका...