वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती

  1. मनाई गई वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती
  2. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड: सीएम गहलोत ने दी गठन की मंजूरी, जानें कैसा होगा पूरा स्वरूप?
  3. Celebrated the birth anniversary of Veer Shiromani Maharana Pratap
  4. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जीवन परिचय। INTRODUCTION OF MAHARANA PRATAP IN HINDI
  5. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड: सीएम गहलोत ने दी गठन की मंजूरी, जानें कैसा होगा पूरा स्वरूप?
  6. मनाई गई वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती
  7. Celebrated the birth anniversary of Veer Shiromani Maharana Pratap
  8. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जीवन परिचय। INTRODUCTION OF MAHARANA PRATAP IN HINDI
  9. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड: सीएम गहलोत ने दी गठन की मंजूरी, जानें कैसा होगा पूरा स्वरूप?
  10. मनाई गई वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती


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मनाई गई वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती

सोमवार को प्रखंड के मध्य विद्यालय लाखोचक में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 484 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई तथा इस अवसर पर आठ मेधावी छात्रों के बीच पाठ्य सामग्री का भी वितरण किया गया। बाल संसद के प्रधानमंत्री हिमांशु कुमार की देखरेख में आयोजित जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाध्यापक आनंद कुमार ने की, जबकि संचालन संस्कृत शिक्षक पीयूष कुमार झा ने किया। सबसे पहले महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन‌ किया गया। इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रतिभा चयन एकता मंच बड़हिया के अध्यक्ष डॉ रामरूप दास ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप देश के स्वाभिमान व देशप्रेम के प्रतीक हैं। उन्होंने मेवाड़ की आजादी के लिए घास की रोटी खाना स्वीकार किया परंतु अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की। महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक तथा हाथी का नाम रामप्रसाद था। महाराणा प्रताप को अरावली का शेर तथा चित्तौड़गढ़ का योद्धा कहा जाता था। इस अवसर पर संस्कृत शिक्षक पीयूष कुमार झा के निजी कोष से आठ छात्र-छात्राओं सीता भारती,कोमल कुमारी,सोनम कुमारी, अनुप्रिया कुमारी,प्रेम राज, विक्की कुमार,विक्की भारती तथा आयुष कुमार के बीच पाठ्य सामग्री व कलम का वितरण किया गया।इस अवसर पर शिक्षक महेश कुमार सहित बाल संसद व मीना मंच के सभी सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत गूंज उठी है हल्दीघाटी घोड़ों की इन टापों से वीरों की यह सेना लेकर राणा लड़ता मुगलों से के सामूहिक गीत से हुआ तथासमापन वंदेमातरम के सामूहिक गान से हुआ।

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड: सीएम गहलोत ने दी गठन की मंजूरी, जानें कैसा होगा पूरा स्वरूप?

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड अपडेट बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 अन्य सदस्य होंगे बोर्ड का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र का अनुगामी बनाना है जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनावों (Rajasthan Assembly Election) से पहले विभिन्न बोर्डों के गठन की प्रक्रिया जारी है. सीएम अशोक गहलोत ने बीते 22 मई को उदयपुर में महाराणा प्रताप की 483वीं जयंती पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड (Veer Shiromani Maharana Pratap Board) के गठन की घोषणा की थी. महज 20 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी है. इस बोर्ड के गठन के पीछे गहलोत सरकार की मंशा है कि महाराणा प्रताप की प्रतिबद्धता, देशभक्ति, दानशीलता, जनसेवा और कर्तव्य परायणता का संदेश जन-जन तक पहुंचे. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड इस दिशा में काम करेगा. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड में सरकारी कर्मचारियों के अलावा नियुक्तियां होंगी. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 अन्य सदस्य होंगे. इसके अलावा बोर्ड के कामकाज को करने के लिए सचिव एवं कार्यकारी स्टाफ अलग से होगा. इस बोर्ड के गठन का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र का अनुगामी बनाना है. यह रहेगा मुख्य रूप से बोर्ड का कार्य बोर्ड का कार्य महाराणा प्रताप पर आधारित पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण, नव-निर्माण, भारत की विभिन्न भाषाओं में रचित प्राचीन साहित्य के संकलन, संरक्षण, शोध, प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार, संबंधित पाठ्यक्रम सामग्री का निर्धारण-समावेशन करना है. इसके साथ ही उनके नाम से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की शुरूआत करना भी है. महाराणा प्रताप पर आधारित मेलों, प्...

Celebrated the birth anniversary of Veer Shiromani Maharana Pratap

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर पालिका चेयरमैन के कैंप कार्यालय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता विजय स्वरूप राही व संचालन नरेंद्र सैनी ने किया। सबसे पहले वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के तैल चित्र पर चेयरमैन डॉ. प्रदीप दीक्षित व अन्य लोगों ने माल्यार्पण किया। चेयरमैन ने कहा कि महाराणा प्रताप ने सदैव देश की रक्षा की। उन्होंने समाज में समानता और समरसता का भाव प्रवाहित किया। इस अवसर पर निधि गर्ग, संजीव शर्मा ,ओम प्रकाश सैनी ,सतीश चंद वाल्मीकि, अशोक शर्मा ,आकाश शर्मा, शिवम शर्मा आदि मौजूद रहे।

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जीवन परिचय। INTRODUCTION OF MAHARANA PRATAP IN HINDI

मेवाड़ी सरदार महाराणा प्रताप का नाम भारतीय इतिहास में अजर अमर है।कहा जाता है कि राजपूताने में महाराणा प्रताप न होते तो संभवत हिंदू धर्म को बचाए रखना मुश्किल हो जाता। अकबर के बढ़ते साम्राज्य को रोकने में अहम भूमिका महाराणा प्रताप ने निभाई थी। महाराणा प्रताप का संक्षिप्त जीवन परिचय इस ब्लॉग पोस्ट में,मैं आप लोगों तक पहुंचा रहा हूं।उम्मीद करता हूं इस जानकारी को पढ़कर आप अपना ज्ञानवर्धन करेंगे। महाराणा प्रताप सिंह जी के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था, जिसका नाम ‘ चेतक‘ था। राजपूत शिरोमणि महाराणा प्रतापसिंह उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर मेवाड़-मुकुटमणि राणा प्रताप का जन्म हुआ। महाराणा का नाम इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिये अमर है। महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी सम्वत् कॅलण्डर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। कुंवर प्रताप, उदय सिंह के सबसे बड़े पुत्र थे। इनका जन्म 9 मई 1540 ईस्वी को हुआ। इनकी माता पाली के अखेराज सोनगरा चौहान की पुत्री जयवंताबाई थी। महाराणा उदय सिंह ने अपनी प्रिय भटियानी रानी के कहने पर उसके पुत्र जगमाल को मेवाड़ का राजा बनाया। जबकि मेवाड़ के सरदार महाराणा प्रताप को मेवाड़ का शासक बनाना चाहते थे। इसलिए गोगुंदा में 32 वर्षीय प्रताप का मेवाड़ी सामंतों, सरदारों ने राज्याभिषेक कर दिया। प्रताप मेवाड़ के महाराणा प्रताप बन गए,और जगमाल रूठ कर अकबर की शरण में चला गया। राणा प्रताप ने 28 फरवरी 1572 को गोगुंदा में राज्य अभिषेक होने के पश्चात कुंभलनेर जाकर मेवाड़ का सिंहासन ग्रहण किया। महाराणा प्रताप ने राज्य सिंहासन ग्रहण करते ही शपथ ली कि जब तक वह चित्तौड़ को मुगलों से स्वतंत्र नह...

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड: सीएम गहलोत ने दी गठन की मंजूरी, जानें कैसा होगा पूरा स्वरूप?

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड अपडेट बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 अन्य सदस्य होंगे बोर्ड का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र का अनुगामी बनाना है जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनावों (Rajasthan Assembly Election) से पहले विभिन्न बोर्डों के गठन की प्रक्रिया जारी है. सीएम अशोक गहलोत ने बीते 22 मई को उदयपुर में महाराणा प्रताप की 483वीं जयंती पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड (Veer Shiromani Maharana Pratap Board) के गठन की घोषणा की थी. महज 20 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी है. इस बोर्ड के गठन के पीछे गहलोत सरकार की मंशा है कि महाराणा प्रताप की प्रतिबद्धता, देशभक्ति, दानशीलता, जनसेवा और कर्तव्य परायणता का संदेश जन-जन तक पहुंचे. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड इस दिशा में काम करेगा. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड में सरकारी कर्मचारियों के अलावा नियुक्तियां होंगी. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 अन्य सदस्य होंगे. इसके अलावा बोर्ड के कामकाज को करने के लिए सचिव एवं कार्यकारी स्टाफ अलग से होगा. इस बोर्ड के गठन का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र का अनुगामी बनाना है. यह रहेगा मुख्य रूप से बोर्ड का कार्य बोर्ड का कार्य महाराणा प्रताप पर आधारित पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण, नव-निर्माण, भारत की विभिन्न भाषाओं में रचित प्राचीन साहित्य के संकलन, संरक्षण, शोध, प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार, संबंधित पाठ्यक्रम सामग्री का निर्धारण-समावेशन करना है. इसके साथ ही उनके नाम से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की शुरूआत करना भी है. महाराणा प्रताप पर आधारित मेलों, प्...

मनाई गई वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती

सोमवार को प्रखंड के मध्य विद्यालय लाखोचक में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 484 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई तथा इस अवसर पर आठ मेधावी छात्रों के बीच पाठ्य सामग्री का भी वितरण किया गया। बाल संसद के प्रधानमंत्री हिमांशु कुमार की देखरेख में आयोजित जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाध्यापक आनंद कुमार ने की, जबकि संचालन संस्कृत शिक्षक पीयूष कुमार झा ने किया। सबसे पहले महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन‌ किया गया। इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रतिभा चयन एकता मंच बड़हिया के अध्यक्ष डॉ रामरूप दास ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप देश के स्वाभिमान व देशप्रेम के प्रतीक हैं। उन्होंने मेवाड़ की आजादी के लिए घास की रोटी खाना स्वीकार किया परंतु अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की। महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक तथा हाथी का नाम रामप्रसाद था। महाराणा प्रताप को अरावली का शेर तथा चित्तौड़गढ़ का योद्धा कहा जाता था। इस अवसर पर संस्कृत शिक्षक पीयूष कुमार झा के निजी कोष से आठ छात्र-छात्राओं सीता भारती,कोमल कुमारी,सोनम कुमारी, अनुप्रिया कुमारी,प्रेम राज, विक्की कुमार,विक्की भारती तथा आयुष कुमार के बीच पाठ्य सामग्री व कलम का वितरण किया गया।इस अवसर पर शिक्षक महेश कुमार सहित बाल संसद व मीना मंच के सभी सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत गूंज उठी है हल्दीघाटी घोड़ों की इन टापों से वीरों की यह सेना लेकर राणा लड़ता मुगलों से के सामूहिक गीत से हुआ तथासमापन वंदेमातरम के सामूहिक गान से हुआ।

Celebrated the birth anniversary of Veer Shiromani Maharana Pratap

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर पालिका चेयरमैन के कैंप कार्यालय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता विजय स्वरूप राही व संचालन नरेंद्र सैनी ने किया। सबसे पहले वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के तैल चित्र पर चेयरमैन डॉ. प्रदीप दीक्षित व अन्य लोगों ने माल्यार्पण किया। चेयरमैन ने कहा कि महाराणा प्रताप ने सदैव देश की रक्षा की। उन्होंने समाज में समानता और समरसता का भाव प्रवाहित किया। इस अवसर पर निधि गर्ग, संजीव शर्मा ,ओम प्रकाश सैनी ,सतीश चंद वाल्मीकि, अशोक शर्मा ,आकाश शर्मा, शिवम शर्मा आदि मौजूद रहे।

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जीवन परिचय। INTRODUCTION OF MAHARANA PRATAP IN HINDI

मेवाड़ी सरदार महाराणा प्रताप का नाम भारतीय इतिहास में अजर अमर है।कहा जाता है कि राजपूताने में महाराणा प्रताप न होते तो संभवत हिंदू धर्म को बचाए रखना मुश्किल हो जाता। अकबर के बढ़ते साम्राज्य को रोकने में अहम भूमिका महाराणा प्रताप ने निभाई थी। महाराणा प्रताप का संक्षिप्त जीवन परिचय इस ब्लॉग पोस्ट में,मैं आप लोगों तक पहुंचा रहा हूं।उम्मीद करता हूं इस जानकारी को पढ़कर आप अपना ज्ञानवर्धन करेंगे। महाराणा प्रताप सिंह जी के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था, जिसका नाम ‘ चेतक‘ था। राजपूत शिरोमणि महाराणा प्रतापसिंह उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर मेवाड़-मुकुटमणि राणा प्रताप का जन्म हुआ। महाराणा का नाम इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिये अमर है। महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी सम्वत् कॅलण्डर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। कुंवर प्रताप, उदय सिंह के सबसे बड़े पुत्र थे। इनका जन्म 9 मई 1540 ईस्वी को हुआ। इनकी माता पाली के अखेराज सोनगरा चौहान की पुत्री जयवंताबाई थी। महाराणा उदय सिंह ने अपनी प्रिय भटियानी रानी के कहने पर उसके पुत्र जगमाल को मेवाड़ का राजा बनाया। जबकि मेवाड़ के सरदार महाराणा प्रताप को मेवाड़ का शासक बनाना चाहते थे। इसलिए गोगुंदा में 32 वर्षीय प्रताप का मेवाड़ी सामंतों, सरदारों ने राज्याभिषेक कर दिया। प्रताप मेवाड़ के महाराणा प्रताप बन गए,और जगमाल रूठ कर अकबर की शरण में चला गया। राणा प्रताप ने 28 फरवरी 1572 को गोगुंदा में राज्य अभिषेक होने के पश्चात कुंभलनेर जाकर मेवाड़ का सिंहासन ग्रहण किया। महाराणा प्रताप ने राज्य सिंहासन ग्रहण करते ही शपथ ली कि जब तक वह चित्तौड़ को मुगलों से स्वतंत्र नह...

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड: सीएम गहलोत ने दी गठन की मंजूरी, जानें कैसा होगा पूरा स्वरूप?

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड अपडेट बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 अन्य सदस्य होंगे बोर्ड का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र का अनुगामी बनाना है जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनावों (Rajasthan Assembly Election) से पहले विभिन्न बोर्डों के गठन की प्रक्रिया जारी है. सीएम अशोक गहलोत ने बीते 22 मई को उदयपुर में महाराणा प्रताप की 483वीं जयंती पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड (Veer Shiromani Maharana Pratap Board) के गठन की घोषणा की थी. महज 20 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी है. इस बोर्ड के गठन के पीछे गहलोत सरकार की मंशा है कि महाराणा प्रताप की प्रतिबद्धता, देशभक्ति, दानशीलता, जनसेवा और कर्तव्य परायणता का संदेश जन-जन तक पहुंचे. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड इस दिशा में काम करेगा. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड में सरकारी कर्मचारियों के अलावा नियुक्तियां होंगी. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 7 अन्य सदस्य होंगे. इसके अलावा बोर्ड के कामकाज को करने के लिए सचिव एवं कार्यकारी स्टाफ अलग से होगा. इस बोर्ड के गठन का उद्देश्य नई पीढ़ी को महाराणा प्रताप के महान चरित्र का अनुगामी बनाना है. यह रहेगा मुख्य रूप से बोर्ड का कार्य बोर्ड का कार्य महाराणा प्रताप पर आधारित पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण, नव-निर्माण, भारत की विभिन्न भाषाओं में रचित प्राचीन साहित्य के संकलन, संरक्षण, शोध, प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार, संबंधित पाठ्यक्रम सामग्री का निर्धारण-समावेशन करना है. इसके साथ ही उनके नाम से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की शुरूआत करना भी है. महाराणा प्रताप पर आधारित मेलों, प्...

मनाई गई वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती

सोमवार को प्रखंड के मध्य विद्यालय लाखोचक में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 484 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई तथा इस अवसर पर आठ मेधावी छात्रों के बीच पाठ्य सामग्री का भी वितरण किया गया। बाल संसद के प्रधानमंत्री हिमांशु कुमार की देखरेख में आयोजित जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाध्यापक आनंद कुमार ने की, जबकि संचालन संस्कृत शिक्षक पीयूष कुमार झा ने किया। सबसे पहले महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन‌ किया गया। इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रतिभा चयन एकता मंच बड़हिया के अध्यक्ष डॉ रामरूप दास ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप देश के स्वाभिमान व देशप्रेम के प्रतीक हैं। उन्होंने मेवाड़ की आजादी के लिए घास की रोटी खाना स्वीकार किया परंतु अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की। महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक तथा हाथी का नाम रामप्रसाद था। महाराणा प्रताप को अरावली का शेर तथा चित्तौड़गढ़ का योद्धा कहा जाता था। इस अवसर पर संस्कृत शिक्षक पीयूष कुमार झा के निजी कोष से आठ छात्र-छात्राओं सीता भारती,कोमल कुमारी,सोनम कुमारी, अनुप्रिया कुमारी,प्रेम राज, विक्की कुमार,विक्की भारती तथा आयुष कुमार के बीच पाठ्य सामग्री व कलम का वितरण किया गया।इस अवसर पर शिक्षक महेश कुमार सहित बाल संसद व मीना मंच के सभी सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत गूंज उठी है हल्दीघाटी घोड़ों की इन टापों से वीरों की यह सेना लेकर राणा लड़ता मुगलों से के सामूहिक गीत से हुआ तथासमापन वंदेमातरम के सामूहिक गान से हुआ।