विनय पत्रिका किस काल की रचना है

  1. विनय पत्रिका
  2. [मराठी] साहित्य का इतिहास MCQ [Free Marathi PDF]
  3. Bihar Board Class 12th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 3 तुलसीदास के पद – BSEB Solutions
  4. UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi काव्यांजलि Chapter 4 गोस्वामी तुलसीदास – UP Board Solutions
  5. महादेवी वर्मा
  6. कवितावली किसकी रचना है
  7. DU MA Hindi Entrance Question Paper with Answer Keys 2018
  8. विनय पत्रिका का वर्ण्य विषय क्या है
  9. विनय पत्रिका पद का शब्दार्थ सहित व्याख्या - साहित्य इन
  10. विनय पत्रिका कौन से काल की रचना है?


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विनय पत्रिका

• दे • वा • सं विनय पत्रिका तुलसीदास के 279 स्तोत्र गीतों का संग्रह है। प्रारम्भ के 63 स्तोत्र और गीतों में गणेश, शिव, पार्वती, गंगा, यमुना, काशी, चित्रकूट, हनुमान, सीता और विष्णु के एक विग्रह विन्दु माधव के गुणगान के साथ राम की स्तुतियाँ हैं। इस अंश में जितने भी देवी-देवताओं के सम्बन्ध के स्तोत्र और पद आते हैं, सभी में उनका गुणगान करके उनसे राम की भक्ति की याचना की गयी है। इससे स्पष्ट ज्ञात होता है कि तुलसीदास भले ही इन देवी-देवताओं में विश्वास रखते रहे हों, किंतु इनकी उपयोगिता केवल तभी तक मानते थे, जब तक इनसे राम भक्ति की प्राप्ति में सहयोग मिल सके। रामभक्ति के बारे में ‘विनयपत्रिका’ के ही एक प्रसिद्ध पद में उन्होंने कहा है –तुलसीदास जी एक बहुत ही महान कवि थे।।

[मराठी] साहित्य का इतिहास MCQ [Free Marathi PDF]

दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 2 ‘ सूर्यकांत त्रिपाठी ‘ निराला ’ हैं। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं। • दिए गए विकल्पों में भारत-भारती सम्मान ‘सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’’ को नहीं मिला है। • सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। अन्य विकल्प: नाम सम्मान वर्ष केदारनाथ सिंह भारत-भारती 2008 धर्मवीर भारती भारत-भारती 1990 महादेवी वर्मा भारत-भारती 1982 • भारत-भारती उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का सबसे बड़ा साहित्यिक पुरस्कार है। • यह पुरस्कार उत्तर-प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ के माध्यम से साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। • पुरस्कार में भारत-भारती सम्मान के रूप में स्मृति चिह्न, अंग-वस्त्र तथा पाँच लाख दो हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है। उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 ‘ हंस ’ इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प इसके सही उत्तर नहीं हैं। • प्रेमचन्द के प्रसिद्ध उपन्यासों गोदान, कर्मभूमि, गबन, रंगभूमि पर हिंदी फिल्मे भी बन चुकी है। • मुंशी प्रेमचन्द्र की अधिकांश कृतियाँ हिंदी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। • मुंशी प्रेमचन्द्र की हंस' पत्रिका के अलावा और अन्य प्रमुख चर्चित रचनाएँ हैं = • गोदान • कर्मभूमि • निर्मला • नमक का दरोगा • दो बैलो की कथा महापुरुष कृति गणेश शंकर विद्यार्थी प्रताप पत्रिका भारतेंदु सुधा वर्षा महावीर प्रसाद द्विवेदी सरस्वती पत्रिका ‘ जंगल जहाँ शुरू होता है ’ उपन्यास के रचयिता संजीव है। अत: विकल्प 4) संजीव सही उत्तर होगा। अन्य विकल्प असंग...

Bihar Board Class 12th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 3 तुलसीदास के पद – BSEB Solutions

Bihar Board Class 12th Hindi Book Solutions पद्य Chapter 3 तुलसीदास के पद तुलसीदास के पद वस्तुनिष्ठ प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के बहुवैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर बताएँ Tulsidas Ke Pad Class 12 Bihar Board प्रश्न 1. इनमें तुलसीदास की कौन–सी रचना है? (क) उषा (ख) पद (ग) हार–जीत (घ) अधिनायक उत्तर- (ख) Tulsidas Ke Pad Class 12 Question Answer Bihar Board प्रश्न 2. तुलसीदास के शिक्षा गुरु कौन थे? (क) शेष सनातन जी (ख) विद्यापति जी (ग) शेषनाथ जी (घ) कलानाथ जी उत्तर- (क) Tulsidas Ke Pad Question Answer Bihar Board प्रश्न 3. काशी में कितने वर्ष रहकर तुलसीदास विद्याध्ययन किए? (क) 15 वर्षों तक (ख) 10 वर्षों तक (ग) 18 वर्षों तक (घ) 20 वर्षों तक उत्तर- (क) Tulsidas Ke Pad In Hindi With Meaning Class 12 Bihar Board प्रश्न 4. तुलसीदास का जन्म कब हुआ था? (क) 1540 ई. (ख) 1535 ई. (ग) 1543 ई. (घ) 1546 ई. उत्तर- (ग) रिक्त स्थानों की पूर्ति करें Class 12 Hindi Tulsidas Question Answer Bihar Board प्रश्न 1. कबहुँक………….. अवसर पाई। मेटिओ सुधि द्याइबी कछु करून–कथा चलाई।। उत्तर- अंब Pad Tulsidas Class 12 Bihar Board प्रश्न 2. बूझि हैं ‘सो है कौन’ कहिबी नाम………. जनाइ। सुनत रामकृपालु के मेरी बिगारिऔ बनि जाइ।। उत्तर- दसा Tulsidas Ka Pad Bihar Board प्रश्न 3. जानकी जगजननि जन की किए…….. सहाइ। तरै तुलसीदास भव तव–नाथ–गुन–गन गाइ।। उत्तर- बचन Tulsidas Ke Pad Class 12 Isc Explanation Bihar Board प्रश्न 4. द्वार हौं भोर ही को आजु।। रटत रिरिहा आरि और न कौर ही तें……….।। उत्तर- काजु Tulsidas 12th Class Bihar Board प्रश्न 5. कलि कराल दुकाल………… सब कुभाँति कुसाजु। नीचजन, मन ऊँच, जैसी कोढ़ में की खाजु।। उत्तर- दर...

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi काव्यांजलि Chapter 4 गोस्वामी तुलसीदास – UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi काव्यांजलि Chapter 4 गोस्वामी तुलसीदास are part of Board UP Board Textbook NCERT Class Class 11 Subject Sahityik Hindi Chapter Chapter 4 Chapter Name गोस्वामी तुलसीदास Number of Questions 10 Category UP Board Solutions UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi काव्यांजलि Chapter 4 गोस्वामी तुलसीदास कवि-परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ प्रश्न: तुलसीदास का संक्षिप्त जीवन-परिचय दीजिए। या तुलसीदास जी की काव्यगत विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। या तुलसीदास का जीवन-परिचय देते हुए उनकी कृतियों का नामोल्लेख कीजिए एवं साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। उत्तर: जीवन-परिचय– गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म संवत् 1589 वि० (सन् 1532) भाद्रपद, शुक्ल एकादशी को राजापुर (जिला बाँदा) के सरयूपारीण ब्राह्मण-कुल में हुआ था। इनके पिता का नाम आत्माराम दूबे और माता का नाम हुलसी था। जन्म के थोड़े दिनों बाद ही इनकी माता का देहान्त हो गया और अभुक्त मूल नक्षत्र में उत्पन्न होने के कारण पिता ने भी इनको त्याग कर दिया। पिता द्वारा त्याग दिये जाने पर वे अनाथ के समान घूमने लगे। इन्होंने कवितावली में स्वयं लिखा है-“बारे तै ललात बिललात द्वार-द्वारे दीन, चाहते हो चारि फल चारि ही चनक को।” इसी दशा में इनकी भेंट रामानन्दीय सम्प्रदाय के साधु नरहरिदास से हुई, जिन्होंने इन्हें साथ लेकर विभिन्न तीर्थों का भ्रमण किया। तुलसीदास जी ने अपने इन्हीं गुरु का स्मरण इस पंक्ति में किया है- ‘बन्दी गुरुपद कंज कृपासिन्धु नर-रूप हरि।’ तीर्थाटन से लौटकर काशी में इन्होंने तत्कालीन विख्यात विद्वान् शेषसनातन जी से 15 वर्ष तक वेद, शास्त्र, दर्शन, पुराण आदि का गम्भीर अध्ययन किया। फिर अपने जन्म-स्थ...

महादेवी वर्मा

अनुक्रम • 1 जीवनी • 1.1 जन्म और परिवार • 1.2 शिक्षा • 1.3 वैवाहिक जीवन • 1.4 कार्यक्षेत्र • 2 प्रमुख कृतियाँ • 2.1 कविता संग्रह • 2.2 महादेवी वर्मा का गद्य साहित्य • 2.3 महादेवी वर्मा का बाल साहित्य • 3 समालोचना • 4 पुरस्कार व सम्मान • 5 महादेवी वर्मा का योगदान • 6 इन्हें भी देखें • 7 टीका-टिप्पणी • 8 सन्दर्भ • 8.1 ग्रन्थसूची • 9 बाहरी कड़ियाँ जीवनी जन्म और परिवार महादेवी का जन्म शिक्षा महादेवी जी की शिक्षा वैवाहिक जीवन सन् कार्यक्षेत्र कविता संग्रह १. २. ३. ४. ५. ६. ७. ८. श्रीमती महादेवी वर्मा के अन्य अनेक काव्य संकलन भी प्रकाशित हैं, जिनमें उपर्युक्त रचनाओं में से चुने हुए गीत संकलित किये गये हैं, जैसे महादेवी वर्मा का गद्य साहित्य • रेखाचित्र: • संस्मरण: • चुने हुए भाषणों का संकलन: • निबंध: • ललित निबंध: • कहानियाँ: • संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह: अन्य निबंध में संकल्पिता तथा विविध संकलनों में स्मारिका, स्मृति चित्र, संभाषण, संचयन, दृष्टिबोध उल्लेखनीय हैं। वे अपने समय की लोकप्रिय पत्रिका ‘चाँद’ तथा ‘साहित्यकार’ मासिक की भी सम्पादक रहीं। हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए उन्होंने प्रयाग में ‘साहित्यकार संसद’ और महादेवी वर्मा का बाल साहित्य महादेवी वर्मा की बाल कविताओं के दो संकलन छपे हैं। • ठाकुरजी भोले हैं • आज खरीदेंगे हम ज्वाला समालोचना आधुनिक गीत काव्य में महादेवी जी का स्थान सर्वोपरि है। उनकी कविता में प्रेम की पीर और भावों की तीव्रता वर्तमान होने के कारण भाव, भाषा और संगीत की जैसी त्रिवेणी उनके गीतों में प्रवाहित होती है वैसी अन्यत्र दुर्लभ है। महादेवी के गीतों की वेदना, प्रणयानुभूति, करुणा और रहस्यवाद काव्यानुरागियों को आकर्षित करते हैं। पर इन रचनाओं की वि...

कवितावली किसकी रचना है

kavitavali kiski rachna hai in hindi lekhak kaun hai कवितावली किसकी रचना है | कवितावली के रचनाकार हैं लेखक कौन है ? भाषा-1ः हिन्दी 1. अष्टछाप के कवि नहीं है- (अ) नाभादास (ब) कृष्णदास (स) परमानन्ददास (द) नन्ददास 2. जो वाणी द्वारा व्यक्त न किया जा सके- (अ) आत्मसाक्षात्कार (ब) स्वानुभूति (स) अनिर्वचनीय (द) रहस्य 3. ‘आचरण की सभ्यता‘ किसका निबन्ध है? (अ) महावीर प्रसाद द्विवेदी (ब) सरदार पूर्णसिंह (स) रामचन्द्र शुक्ल (द) पद्मसिंह 4. ‘भूषण‘ किस काल के कवि हैं? (अ) वीरगाथाकाल (ब) भक्तिकाल (स) रीतिकाल (द) आदिकाल 5. ‘उत्साह‘ किस रस का स्थायी भाव है? (अ) करुण (ब) वीर (स) हास्य (द) श्रृंगार 6. ‘कवितावली‘ के रचनाकार हैं- (अ) सूरदास (ब) जायसी (स) तुलसीदास (द) घनानन्द उत्तर : 6. (स) व्याख्या : 6. ‘कवितावली‘ के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास है। उनकी अन्य महत्वपूर्ण रचनाएँ, ‘विनय-पत्रिका‘, ‘कृष्ण-गीतावली‘, ‘गीतावली‘, ‘दोहावली‘, ‘रामचरितमानस‘ आदि हैं। 7. विनय पत्रिका की भाषा कौन-सी है? (अ) अवधी (ब) खड़ी बोली (स) ब्रज भाषा (द) अपभ्रंश 8. ‘ट‘ वर्ग में किस प्रकार के व्यंजन हैं? (अ) कंठ्य (ब) तालव्य (स) मूर्धन्य (द) दन्त्य 9. ‘अन्धेर-नगरी‘ के लेखक हैं (अ) प्रतापनारायण मिश्र (ब) हरिकृष्ण प्रेमी (स) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (द) रामकुमार वर्मा 10. आदिकाल में पहेलियाँ लिखने वाले कवि थे- (अ) जगनिक (ब) खुसरो (स) सरहपा (द) गोरखनाथ 11. ‘पेड़ से बन्दर कूदा‘, वाक्य में कौन-सा कारक है? (अ) अपादान कारक (ब) कर्म कारक (स) सम्प्रदान कारक (द) करण कारक 12. श्रृंगार रस का स्थायी भाव है- (अ) हास (स) क्रोध (द) उत्साह (ब) रति 13. निम्नलिखित में तद्भव शब्द है- (अ) भ्रमर (ब) अग्नि (स) मस्तक (द) मछली 14. ‘चैपाई‘ छन्द के प्रत्य...

DU MA Hindi Entrance Question Paper with Answer Keys 2018

Delhi university MA hindi entrance question paper यहाँ पर दिल्ली विश्वविद्यालय एंट्रेंस टेस्ट (DUET) 2018 का एम.ए. हिंदी प्रवेश प्रश्न पत्र दिया जा रहा है। DUET MA Hindi entrance question paper 2018 को उत्तर के साथ आप पढ़ सकते हैं और डाउनलोड भी कर सकते हैं। यदि DUET MA हिंदी प्रवेश प्रश्न पत्र 2018 का पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं तो पोस्ट के अंत में जाएं और Download PDF File पर क्लिक करें-> फिर सहेजें। सभी प्रश्नों के उत्तर (Answer Keys) आधिकारिक (official) वेबसाइट से लिए गए हैं। entrance question paper- 2018 अब डीयू पीजी प्रवेश परीक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय एमए हिंदी प्रवेश परीक्षा प्रश्न पत्र- 2018 1. ‘ कढ़ी में कोयला’ के रचनाकार हैं- (A) बदरीनारायण प्रेमघन (B) पांडेय बेचन शर्मा उग्र ✅ (C) भारतेंदु हरिश्रंद्र (D) नागार्जुन 2. बनारसी दास चतुर्वेदी किस पत्र के संपादक थे? (A) विशाल भारत ✅ (B) सुधा (C) बनारस समाचार (D) माधुरी 3. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ को ज्ञानपीठ सम्मान किस रचना पर प्राप्त हुआ था? (A) रश्मिरथी (B) संस्कृति के चार अध्याय (C) हुंकार (D) उर्वशी ✅ 4. ‘ चांद’ पत्रिका की संपादिका थीं- (A) शिवरानी देवी (B) होमवती देवी (C) महादेवी वर्मा ✅ (D) सुभद्रा कुमारी चौहान 5. रस-संप्रदाय के प्रवर्तक थे- (A) भरत मुनि ✅ (B) अभिनव गुप्त (C) आनंदवर्द्धन (D) दण्डी 6. मैथिलीशरण गुप्त की रचना का नाम है- (A) भारत भारती ✅ (B) चुभते चौपदे (C) अनुरागरत्न (D) मानसी 7. ‘ पोएटिक्स’ किसकी रचना है? (A) मैथ्यू ऑर्नाल्ड (B) लोंजाइनस (C) प्लेटो ✅ (D) अरस्तू 8. ‘ पाया पत्र तुम्हारा’ किन दो रचनाकारों के बीच हुए पत्र-व्यवहार का संकलन है? (A) महावीर प्रसाद द्विवेदी और श्रीधर पाठक (B) नेमिचंद्र जैन और ...

विनय पत्रिका का वर्ण्य विषय क्या है

विनयपत्रिका तुलसीदास रचित एक ग्रंथ है। यह ब्रज भाषा में रचित है। विनय पत्रिका में विनय के पद है। विनयपत्रिका का एक नाम राम विनयावली भी है। विनय पत्रिका में 21 रागों का प्रयोग हुआ है। विनय पत्रिका का प्रमुख रस शांतरस है तथा इस रस का स्‍थाई भाव निर्वेद होता है। विनय पत्रिका अध्‍यात्मिक जीवन को परिलक्षित करती है। इस में सम्‍मलित पदों की संख्‍या 279 है। विषयसूची Show • • • • • • • • • विनय पत्रिका तुलसीदास के 279 स्तोत्र गीतों का संग्रह है। प्रारम्भ के 63 स्तोत्र और गीतों में गणेश, शिव, पार्वती, गंगा, यमुना, काशी, चित्रकूट, हनुमान, सीता और विष्णु के एक विग्रह विन्दु माधव के गुणगान के साथ राम की स्तुतियाँ हैं। इस अंश में जितने भी देवी-देवताओं के सम्बन्ध के स्तोत्र और पद आते हैं, सभी में उनका गुणगान करके उनसे राम की भक्ति की याचना की गयी है। इससे स्पष्ट ज्ञात होता है कि तुलसीदास भले ही इन देवी-देवताओं में विश्वास रखते रहे हों, किंतु इनकी उपयोगिता केवल तभी तक मानते थे, जब तक इनसे राम भक्ति की प्राप्ति में सहयोग मिल सके। रामभक्ति के बारे में ‘विनयपत्रिका’ के ही एक प्रसिद्ध पद में उन्होंने कहा है – ‘तुलसी सो सब भाँति परम हित पूज्य प्रान ते प्यारो। जासों होय सनेह राम पद एतो मतो हमारो॥’ परंपरागत कथा[संपादित करें] तुलसीदासजी अब असीघाट पर रहने लगे, तब एक रात कलियुग मूर्तरूप धारणकर उनके पास आऐ और उन्हें त्रास देने लगे। गोस्वामीजी ने हनुमान्‌जी का ध्यान किया। तब हनुमान्‌जी ने उन्हें विनय के पद रचने के लिए कहा; इस पर गोस्वामीजी ने विनय-पत्रिका लिखी और भगवान्‌ के चरणों में उसे समर्पित कर दिया। श्रीराम ने उस पर अपने हस्ताक्षर कर दिये और तुलसीदास जी को निर्भय कर दिया। कवि गोस्वामी तुलसीदास म...

विनय पत्रिका पद का शब्दार्थ सहित व्याख्या - साहित्य इन

• हिन्दी व्याकरण • हिंदी साहित्य • भाषा इतिहास हिन्दी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना गया है। सामान्यतः प्राकृत की अन्तिम अपभ्रंश अवस्था से ही हिन्दी साहित्य का आविर्भाव स्वीकार किया जाता है। उस समय अपभ्रंश के कई रूप थे और उनमें सातवीं-आठवीं शताब्दी से ही ‘पद्य’ रचना प्रारम्भ हो गयी थी। हिन्दी भाषा व साहित्य के जानकार अपभ्रंश की अंतिम अवस्था ‘अवहट्ट’ से हिन्दी का उद्भव स्वीकार करते हैं। चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ ने इसी अवहट्ट को ‘पुरानी हिन्दी’ नाम दिया। • भाषा विज्ञान ‘भाषा’ शब्द संस्कृत की ‘‘भाष्’’ धातु से निष्पन्न हुआ है। जिसका अर्थ है-व्यक्त वाक् (व्यक्तायां वाचि)। ‘विज्ञान’ शब्द में ‘वि’ उपसर्ग तथा ‘ज्ञा’ धातु से ‘ल्युट्’ (अन) प्रत्यय लगाने पर बनता है। सामान्य रूप से ‘भाषा’ का अर्थ है ‘बोलचाल की भाषा या बोली’ तथा ‘विज्ञान’ का अर्थ है ‘विशेष ज्ञान’, किन्तु ‘भाषा-विज्ञान’ शब्द में प्रयुक्त इन दोनों पदों का स्पष्ट और व्यापक अर्थ समझ लेने पर ही हम इस नाम की सारगर्भिता को जानने में सफल होंगे। अतः हम यहाँ इन दोनों पदों के विस्तृत अर्थ को स्पष्ट करने का प्रयास करते हैं। मानव एक सामाजिक प्राणी है। समाज में अपने भावों और विचारों को एक दूसरे तक पहुंचाने की आवश्यकता चिरकाल से अनुभव की जाती रही है। इस प्रकार भाषा का अस्तित्त्व मानव समाज में अति प्राचीन सिद्ध होता है। मानव के सम्पूर्ण ज्ञान-विज्ञान का प्रकाशन करने के लिए, सभ्यता और संस्कृति के इतिहास को जानने के लिए भाषा एक महत्त्वपूर्ण साधन का कार्य करती है। हमारे पूर्वपुरुषों से सभी साधारण और असाधारण अनुभव हम भाषा के माध्यम से ही जान सके हैं। हमारे सभी सद्ग्रन्थों और शास्त्रों से मिलने वाला ज्ञान भाषा पर ही निर्भर है।...

विनय पत्रिका कौन से काल की रचना है?

विनय पत्रिका किस काल की रचना है?... चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आप अपने विनय पत्रिका किस काल की रचना है तो मैं बताना चाहूंगा विनय पत्रिका की थी वह तुलसीदास के द्वारा रचित थी और यह प्राचीन यानी आदिकाल की रचना है Romanized Version Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! विनयपत्रिका तुलसीदास रचित एक ग्रंथ है। यह ब्रज भाषा में रचित है। विनय पत्रिका में विनय के पद है। विनयपत्रिका का एक नाम राम विनयावली भी है। विनय पत्रिका में 21 रागों का प्रयोग हुआ है। विनय पत्रिका का प्रमुख रस शांतरस है तथा इस रस का स्‍थाई भाव निर्वेद होता है। विनय पत्रिका अध्‍यात्मिक जीवन को परिलक्षित करती है। इस में सम्‍मलित पदों की संख्‍या 279 है। विनय पत्रिका तुलसीदास के 279 स्तोत्र गीतों का संग्रह है। प्रारम्भ के 63 स्तोत्र और गीतों में गणेश, शिव, पार्वती, गंगा, यमुना, काशी, चित्रकूट, हनुमान, सीता और विष्णु के एक व...