Visham sankhya kise kahate hain

  1. त्वरण किसे कहते हैं? प्रकार एवं मात्रक
  2. Visham Sankhya Kise Kahate Hain
  3. सम संख्या किसे कहते हैं ? गुणधर्म, सूत्र
  4. विषम संख्या किसे कहते हैं
  5. सम संख्या किसे कहते हैं ? गुणधर्म, सूत्र
  6. Visham Sankhya Kise Kahate Hain
  7. त्वरण किसे कहते हैं? प्रकार एवं मात्रक


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त्वरण किसे कहते हैं? प्रकार एवं मात्रक

Table of Contents • • • • • • • • त्वरण किसे कहते हैं? क्या है? अगर किसी गतिमान वस्तु का वेग निरंतर बढ़ता रहता है तो समय के साथ वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को वस्तु का त्वरण कहते हैं। इसे a प्रदर्शित करते हैं। इसकी दिशा वेग परिवर्तन की दिशा होती है। त्वरण एक सदिश राशि है। जिस भौतिक राशि में मात्रा एवं दिशा दोनो निहित होते हैं वे सदिश राशि कहलाती है। त्वरण का त्वरण का मात्रक सेंटीमीटर/सेकण्ड 2 (cm/s 2) तथा त्वरण का SI मात्रक:मीटर/सेकण्ड 2 (m/s 2) होता है। त्वरण धनात्मक, शून्य, अथवा ऋणात्मक हो सकता है। जब सिर्फ दिशा परिवर्तित हो इस स्थिति में त्वरण वेग के लंबवत होता है। त्वरण की परिभाषा (Definition of Acceleration) किसी वस्तु के वेग मे परिवर्तन की दर को त्वरण (Acceleration) कहते हैं। त्वरण के प्रकार (Type of Acceleration in hindi) त्वरण के छः प्रकार होते हैं। यह निम्नानुसार है :- (1) एकसमान त्वरण :- एक गतिशील कण के त्वरण का दिशा व परिमाण दोनों निश्चित रहे इस स्तिथि में एकसमान त्वरण कहते है। जब कण सरल रेखा में एक समान चाल से गतिमान रहे तब यह त्वरण क्रियाशील नहीं होता हैं परन्तु जब कण वक्रीय पथ पर एक समान चाल से गतिमान हो तो उस पर त्वरण क्रियाशील होता है। (2) असमान त्वरण :- ऐसी स्तिथि जब गतिशील कण के त्वरण का परिमाण दोनों परिवर्तित हो तब यह असमान त्वरण कहलाता है। (3) औसत त्वरण वस्तु के वेग में हुए कुल बदलाव व इस बदलाव में लगे कुल समय के अनुपात को औसत त्वरण कहा जाता है। (4) तात्क्षणिक त्वरण तात्क्षणिक त्वरण उसे कहते है जब निश्चित समय या क्षण पर वस्तु द्वारा जो त्वरण उत्त्पन होता है। (5) गुरूत्वीय त्वरण जब गुरुत्व बल के कारण वस्तु में त्वरण उत्पन्न होता है जिसे गुरूत्वीय त्वरण क...

Visham Sankhya Kise Kahate Hain

नियम जीवन के हर पहलु में आपको देखने को मिलेंगे। केवल विद्यालय या हिंदी और अंग्रेजी में ही नहीं बल्कि गणित के भी कुछ नियम हैं जिनका पालन करना अनिवार्य है। गणित एक ऐसा विषय है जो संख्याओं के आधार पर कार्य करता है। इसमें सभी संख्याओं पर जोड़, घटाव, गुना, भाग व कई तरह के कैलकुलेशंस किये जाते हैं। गणित में संख्याओं को दो भागों में विभाजित किया गया है। सम और विषम.. आईये जानें Visham Sankhya Kise Kahate Hain – विषम संख्या किसे कहते हैं? Table of Contents • • • • Visham Sankhya Kise Kahate Hain? विषम संख्या किसे कहते हैं: विषम संख्याएँ, वे पूर्ण संख्याएँ होती है जिन्हें दो से भाग देने पर पूर्ण संख्या ही प्राप्त नहीं होती है अर्थात अंत में शेष बचता है। Visham Sankhya Kaun Kaun Si Hai? 1, 3, 5, 7, 9 क्रमिक विषम संख्याएँ हैं। विषम संख्याओ की कुछ रोचक बातें – • दो या दो से अधिक विषम संख्याओं का गुणनफल हमेशा विषम होता है। जैसे- 3 (विषम) × 7 (विषम) = 21 (विषम)। • दो विषम संख्याओं का योग सदैव सम होता है। जैसे- 3 (विषम) + 5 (विषम) = 8 (सम)। • दो विषम संख्याओं को घटाने पर हमेशा एक सम संख्या प्राप्त होगी। उदाहरण के लिए 7 (विषम) – 1 (विषम) = 6 (सम)। • दो विषम संख्याओं का भाग हमेशा एक विषम संख्या देगा। उदाहरण के लिए, 33 (विषम) 11 (विषम) = 3 (विषम)। विषम संख्याओ की पहचान – विषम संख्या को पहचानने का सबसे आसान तरीका है उसे 2 से विभाजित करें, यदि संख्या 2 से पुर्णतः विभाजित नहीं हो ओर शेषफल बच जाये तो वह विषम संख्या है। विषम संख्याओ में इकाई के स्थान पर 1, 3, 5, 7, और 9 होते हैं। कुछ और महत्वपूर्ण लेख – • • •

सम संख्या किसे कहते हैं ? गुणधर्म, सूत्र

Sam Sankhya Kise Kahate Hain :- हमने हमेशा सम संख्याओं के बारे में सुना है, कि जो संख्या 2 से विभाजित हो जाती है वे सम संख्याएं होती हैं। परंतु आज भी कई विद्यार्थियों को सम संख्या पहचानने में समस्या आती है। हालांकि सम संख्या को पहचानने का तरीका काफी आसान है परंतु कुछ बड़ी सम संख्याएं अक्सर विद्यार्थियों को Confuse कर देती हैं। तो चलिए आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको बताते हैं, कि Sam Sankhya Kise Kahate Hain ? और सम संख्या की पहचान कैसे करें ? साथ ही हम आपको सम संख्या के कुछ उदाहरण और गुण भी बताएंगे, जिनके माध्यम से आप सम संख्याओं को आसानी से पहचान सकेंगे। सम संख्या किसे कहते हैं ? ( Sam Sankhya Kise Kahate Hain ) कोई भी संख्या जिसे 2 से पूर्णत: विभाजित किया जा सके, सम संख्याएं कहलाती हैं। कोई भी सम संख्या हमेशा अपने संख्या के अंत में 0, 2, 4, 6, 8, 10 इत्यादि संख्याएं लेकर चलती हैं। जब किसी संख्या को 2 से भाग देने पर शेष में 0 बचता है, तो वह संख्या सम संख्या कहलाती है। सम संख्या के कुछ उदाहरण 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16 इत्यादि हैं। यह सम संख्या इसलिए कहलाती है, क्योंकि इसका विभाजन जोड़े में किया जा सकता है और अंत में कोई शेष संख्या नहीं बचती। मान लीजिए, कोई 6 फुटबॉल है और आपको इसे जोड़े में विभाजित करना है, तो आप 2-2 फुटबॉल का जोड़ा बना देंगे। इस तरह उस फुटबॉल के 3 जोड़े बन जाएंगे और अंत में कोई भी फुटबॉल शेष नहीं बचेगा। सम संख्या कैसे पहचाने ? यदि आप पता लगाना चाहते हैं, कि दी गई संख्या सम या विषम है, तो आप नीचे दिए गए तरीकों के माध्यम से पता लगा सकते हैं। 1. अंतिम इकाई अंक देखकर सम संख्या हमेशा 0, 2, 4, 6, 8 पर खत्म होती है, और विषम संख्या 1, 3, 5, 7, 9 पर खत्म होती ह...

विषम संख्या किसे कहते हैं

विषयसूची (Table of Contents) • • • • • • • • • • • • • • • • • • Odd number meaning in hindi odd number meaning in hindi की बात करे तो odd number को हिंदी में “ विषम संख्या” कहा जाता है। विषम संख्या किसे कहते हैं? (Odd Number in Hindi) ऐसी संख्या जो 2 से पूर्ण रूप से विभाजित ना हो, विषम संख्या यानि Odd Number कहलाता है। अथवा ऐसी प्राकृतिक संख्या जो 2 से पूर्णत: विभाजित ना हो उस संख्या को विषम संख्या यानि Odd Number कहते है। • • • • विषम संख्या से जुड़ी कुछ खास बाते • किसी भी विषम संख्या का अंतिम संख्या हमेशा एक विषम संख्या ही होगा। जैसे 49, 125, 287, 355, 497, 509, 611, 705, 877, 999 • किसी भी विषम संख्या का अंतिम संख्या में हमेशा 1, 3, 5, 7 या 9 में से ही एक संख्या होगा। जैसे 25, 113, 227, 303, 459, 555, 617, 789, 875, 991 • किसी भी विषम संख्या में 2 जोड़ने से उसके आगे वाला विषम संख्या प्राप्त होता है। जैसे 7 + 2 = 9, 45 + 2 = 47, 113 + 2 = 115, 231 + 2 = 233, 377 + 2 = 379 • यदि दो विषम संख्याओ को आपस में जोड़ा जाए तो उनका योगफल हमेशा एक सम संख्या ही होगा। जैसे 3 + 7 = 10, 15 + 19 = 34, 45 + 51 = 96, 77 + 99 = 176, 107 + 133 = 240 • यदि एक विषम संख्या से दूसरा विषम संख्या को घटाया जाए तो उससे प्राप्त संख्या हमेशा एक सम संख्या ही होगा। जैसे 9 – 3 = 6, 17 – 11 = 6, 35 – 23 = 12, 85 – 35 = 40, 141- 123 = 18 • यदि दो विषम संख्याओ को आपस में गुणा किया जाए तो उनका गुणनफल हमेशा एक विषम संख्या ही प्राप्त होगा। जैसे 3 x 5 = 15, 13 x 17 = 221, 21 x 27 = 567, 91 x 95 = 8645, 135 x 145 = 19575 • यदि दो विषम संख्याओ को आपस में भाग दिया जाए तो • • विषम संख्या 1 से 100 के बीच 1 3 5 7 9...

सम

नियम: 1) विषम संख्येत 2 मिळविल्यास पुढील संख्या विषम संख्या मिळते. 2) विषम संख्येत 1 मिळविल्यास पुढील संख्या सम संख्या मिळते. 3) सम संख्येत 2 मिळविल्यास पुढील संख्या सम संख्या मिळते. 4) सम संख्येत 1 मिळविल्यास पुढील संख्या विषम संख्या मिळते. नमूना दूसरा : उदा. खालीलपैकी कोणत्या संख्येला 3 ने गुणाकार सम संख्या येईल? • 231 • 233 • 235 • 232 उत्तर : 232 स्पष्टीकरण : 40 ते 50 दरम्यानच्या विषम संख्या = 41, 43. 45, 47, 49 यांची सरासरी = 45 ही मधली संख्या एकूण बेरीज = सरासरी × एकूण संख्या (5) = 45 × 5 = 225 किंवा क्रमश: संख्यांची बेरीज = पहिली संख्या + शेवटची संख्या / 2 × एकूण संख्या = 41+49 / 2 × 5= 90 / 2 × 5 नियम : क्रमश: 10 नैसर्गिक संख्यांमध्ये 5 चा फरक असतो. :: 1 ते 50 मध्ये 5 × 5 = 25 चा फरक येईल. नमूना चौथा : उदा. 1 ते 100 पर्यंतच्या संख्यांत 1 हा अंक किती वेळा येतो? • 21 • 19 • 20 • 18 उत्तर : 21

सम संख्या किसे कहते हैं ? गुणधर्म, सूत्र

Sam Sankhya Kise Kahate Hain :- हमने हमेशा सम संख्याओं के बारे में सुना है, कि जो संख्या 2 से विभाजित हो जाती है वे सम संख्याएं होती हैं। परंतु आज भी कई विद्यार्थियों को सम संख्या पहचानने में समस्या आती है। हालांकि सम संख्या को पहचानने का तरीका काफी आसान है परंतु कुछ बड़ी सम संख्याएं अक्सर विद्यार्थियों को Confuse कर देती हैं। तो चलिए आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको बताते हैं, कि Sam Sankhya Kise Kahate Hain ? और सम संख्या की पहचान कैसे करें ? साथ ही हम आपको सम संख्या के कुछ उदाहरण और गुण भी बताएंगे, जिनके माध्यम से आप सम संख्याओं को आसानी से पहचान सकेंगे। सम संख्या किसे कहते हैं ? ( Sam Sankhya Kise Kahate Hain ) कोई भी संख्या जिसे 2 से पूर्णत: विभाजित किया जा सके, सम संख्याएं कहलाती हैं। कोई भी सम संख्या हमेशा अपने संख्या के अंत में 0, 2, 4, 6, 8, 10 इत्यादि संख्याएं लेकर चलती हैं। जब किसी संख्या को 2 से भाग देने पर शेष में 0 बचता है, तो वह संख्या सम संख्या कहलाती है। सम संख्या के कुछ उदाहरण 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16 इत्यादि हैं। यह सम संख्या इसलिए कहलाती है, क्योंकि इसका विभाजन जोड़े में किया जा सकता है और अंत में कोई शेष संख्या नहीं बचती। मान लीजिए, कोई 6 फुटबॉल है और आपको इसे जोड़े में विभाजित करना है, तो आप 2-2 फुटबॉल का जोड़ा बना देंगे। इस तरह उस फुटबॉल के 3 जोड़े बन जाएंगे और अंत में कोई भी फुटबॉल शेष नहीं बचेगा। सम संख्या कैसे पहचाने ? यदि आप पता लगाना चाहते हैं, कि दी गई संख्या सम या विषम है, तो आप नीचे दिए गए तरीकों के माध्यम से पता लगा सकते हैं। 1. अंतिम इकाई अंक देखकर सम संख्या हमेशा 0, 2, 4, 6, 8 पर खत्म होती है, और विषम संख्या 1, 3, 5, 7, 9 पर खत्म होती ह...

सम

नियम: 1) विषम संख्येत 2 मिळविल्यास पुढील संख्या विषम संख्या मिळते. 2) विषम संख्येत 1 मिळविल्यास पुढील संख्या सम संख्या मिळते. 3) सम संख्येत 2 मिळविल्यास पुढील संख्या सम संख्या मिळते. 4) सम संख्येत 1 मिळविल्यास पुढील संख्या विषम संख्या मिळते. नमूना दूसरा : उदा. खालीलपैकी कोणत्या संख्येला 3 ने गुणाकार सम संख्या येईल? • 231 • 233 • 235 • 232 उत्तर : 232 स्पष्टीकरण : 40 ते 50 दरम्यानच्या विषम संख्या = 41, 43. 45, 47, 49 यांची सरासरी = 45 ही मधली संख्या एकूण बेरीज = सरासरी × एकूण संख्या (5) = 45 × 5 = 225 किंवा क्रमश: संख्यांची बेरीज = पहिली संख्या + शेवटची संख्या / 2 × एकूण संख्या = 41+49 / 2 × 5= 90 / 2 × 5 नियम : क्रमश: 10 नैसर्गिक संख्यांमध्ये 5 चा फरक असतो. :: 1 ते 50 मध्ये 5 × 5 = 25 चा फरक येईल. नमूना चौथा : उदा. 1 ते 100 पर्यंतच्या संख्यांत 1 हा अंक किती वेळा येतो? • 21 • 19 • 20 • 18 उत्तर : 21

Visham Sankhya Kise Kahate Hain

नियम जीवन के हर पहलु में आपको देखने को मिलेंगे। केवल विद्यालय या हिंदी और अंग्रेजी में ही नहीं बल्कि गणित के भी कुछ नियम हैं जिनका पालन करना अनिवार्य है। गणित एक ऐसा विषय है जो संख्याओं के आधार पर कार्य करता है। इसमें सभी संख्याओं पर जोड़, घटाव, गुना, भाग व कई तरह के कैलकुलेशंस किये जाते हैं। गणित में संख्याओं को दो भागों में विभाजित किया गया है। सम और विषम.. आईये जानें Visham Sankhya Kise Kahate Hain – विषम संख्या किसे कहते हैं? Table of Contents • • • • Visham Sankhya Kise Kahate Hain? विषम संख्या किसे कहते हैं: विषम संख्याएँ, वे पूर्ण संख्याएँ होती है जिन्हें दो से भाग देने पर पूर्ण संख्या ही प्राप्त नहीं होती है अर्थात अंत में शेष बचता है। Visham Sankhya Kaun Kaun Si Hai? 1, 3, 5, 7, 9 क्रमिक विषम संख्याएँ हैं। विषम संख्याओ की कुछ रोचक बातें – • दो या दो से अधिक विषम संख्याओं का गुणनफल हमेशा विषम होता है। जैसे- 3 (विषम) × 7 (विषम) = 21 (विषम)। • दो विषम संख्याओं का योग सदैव सम होता है। जैसे- 3 (विषम) + 5 (विषम) = 8 (सम)। • दो विषम संख्याओं को घटाने पर हमेशा एक सम संख्या प्राप्त होगी। उदाहरण के लिए 7 (विषम) – 1 (विषम) = 6 (सम)। • दो विषम संख्याओं का भाग हमेशा एक विषम संख्या देगा। उदाहरण के लिए, 33 (विषम) 11 (विषम) = 3 (विषम)। विषम संख्याओ की पहचान – विषम संख्या को पहचानने का सबसे आसान तरीका है उसे 2 से विभाजित करें, यदि संख्या 2 से पुर्णतः विभाजित नहीं हो ओर शेषफल बच जाये तो वह विषम संख्या है। विषम संख्याओ में इकाई के स्थान पर 1, 3, 5, 7, और 9 होते हैं। कुछ और महत्वपूर्ण लेख – • • •

त्वरण किसे कहते हैं? प्रकार एवं मात्रक

Table of Contents • • • • • • • • त्वरण किसे कहते हैं? क्या है? अगर किसी गतिमान वस्तु का वेग निरंतर बढ़ता रहता है तो समय के साथ वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को वस्तु का त्वरण कहते हैं। इसे a प्रदर्शित करते हैं। इसकी दिशा वेग परिवर्तन की दिशा होती है। त्वरण एक सदिश राशि है। जिस भौतिक राशि में मात्रा एवं दिशा दोनो निहित होते हैं वे सदिश राशि कहलाती है। त्वरण का त्वरण का मात्रक सेंटीमीटर/सेकण्ड 2 (cm/s 2) तथा त्वरण का SI मात्रक:मीटर/सेकण्ड 2 (m/s 2) होता है। त्वरण धनात्मक, शून्य, अथवा ऋणात्मक हो सकता है। जब सिर्फ दिशा परिवर्तित हो इस स्थिति में त्वरण वेग के लंबवत होता है। त्वरण की परिभाषा (Definition of Acceleration) किसी वस्तु के वेग मे परिवर्तन की दर को त्वरण (Acceleration) कहते हैं। त्वरण के प्रकार (Type of Acceleration in hindi) त्वरण के छः प्रकार होते हैं। यह निम्नानुसार है :- (1) एकसमान त्वरण :- एक गतिशील कण के त्वरण का दिशा व परिमाण दोनों निश्चित रहे इस स्तिथि में एकसमान त्वरण कहते है। जब कण सरल रेखा में एक समान चाल से गतिमान रहे तब यह त्वरण क्रियाशील नहीं होता हैं परन्तु जब कण वक्रीय पथ पर एक समान चाल से गतिमान हो तो उस पर त्वरण क्रियाशील होता है। (2) असमान त्वरण :- ऐसी स्तिथि जब गतिशील कण के त्वरण का परिमाण दोनों परिवर्तित हो तब यह असमान त्वरण कहलाता है। (3) औसत त्वरण वस्तु के वेग में हुए कुल बदलाव व इस बदलाव में लगे कुल समय के अनुपात को औसत त्वरण कहा जाता है। (4) तात्क्षणिक त्वरण तात्क्षणिक त्वरण उसे कहते है जब निश्चित समय या क्षण पर वस्तु द्वारा जो त्वरण उत्त्पन होता है। (5) गुरूत्वीय त्वरण जब गुरुत्व बल के कारण वस्तु में त्वरण उत्पन्न होता है जिसे गुरूत्वीय त्वरण क...