विशेषण किसे कहते हैं उदाहरण

  1. 'विशेषण' की परिभाषा, भेद सहित उदाहरण
  2. विशेषण किसे कहते है? परिभाषा ,भेद व उदाहरण
  3. संख्यावाचक विशेषण : परिभाषा, भेद, उदाहरण
  4. विशेषण
  5. विशेषण
  6. विशेषण किसे कहते है । विशेषण के भेद, परिभाषा, उदाहरण – Best Hindi Blog in India


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'विशेषण' की परिभाषा, भेद सहित उदाहरण

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • ” जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता अथवा हीनता बताए, ‘विशेषण’ कहलाता है और वह संज्ञा या सर्वनाम विशेष्य’ के नाम से जाना जाता है।” उसे विशेषण कहते हैं । नीचे लिखे वाक्यों को देखें- अच्छा आदमी सभी जगह सम्मान पाता है। बुरे आदमी को अपमानित होना पड़ता है। उक्त उदाहरणों में ‘अच्छा’ और ‘बुरा’ विशेषण एवं ‘आदमी’ विशेष्य हैं। विशेषण हमारी जिज्ञासाओं का शमन (समाधान) भी करता है। ‘विशेषण’ की परिभाषा, भेद सहित उक्त उदाहरण में ही –Visheshan in hindi. कैसा आदमी? अच्छा/बुरा विशेषण न सिर्फ विशेषता बताता है; बल्कि वह अपने विशेष्य की संख्या और परिमाण(मात्रा) भी बताता है। जैसे- पाँच लड़के गेंद खेल रहे हैं। (संख्याबोधक) इस प्रकार विशेषण के चार प्रकार होते हैं ? 1. गुणवाचक विशेषण:- “जो शब्द, किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण, दोष, रंग, आकार, अवस्था, स्थिति, स्वभाव, दशा, दिशा, स्पर्श, गंध, स्वाद आदि का बोध कराए, ‘गुणवाचक विशेषण’ कहलाते हैं।” गुणवाचक विशेषणों की गणना करना मुमकिन नहीं; क्योंकि इसका क्षेत्र बड़ा ही विस्तृत हुआ करता है। जैसे- गुणबोधक : अच्छा, भला, सुन्दर, श्रेष्ठ, शिष्ट, दोषबोधक : बुरा, खराब, उदंड, जहरीला, रंगबोधक : काला, गोरा, पीला, नीला, हरा, कालबोधक : पुराना, प्राचीन, नवीन, क्षणिक, क्षणभंगुर, स्थानबोधक : चीनी, मद्रासी, बिहारी, पंजाबी, गंधबोधक : खुशबूदार, सुगंधित, दिशाबोधक : पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी, दक्षिणी, अवस्था बोधक: गीला, सूखा, जला, दशाबोधक : रोगी, भला, चंगा, आकारबोधक : मोटा, छोटा, बड़ा, लंबा, स्पर्शबोधक : कठोर, कोमल, मखमली, स्वादबोधक : खट्टा, मीठा, कसैला, नमकीन प्रयोग से वाक्य बहुत ही सुन्दर और मजेदार हो जाया करते हैं। नीचे लिखे विशेष...

विशेषण किसे कहते है? परिभाषा ,भेद व उदाहरण

विशेषण के प्रयोग से व्यक्ति, वस्तु या यथार्थ स्वरूप तो प्रकट होता ही है , साथ ही भाषा की प्रभावशीलता भी बढ़ जाती है। विशेषण की परिभाषा ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं ,विशेषण कहलाते हैं। विशेषण जिस शब्द की विशेषता बतलाता है, वह शब्द ‘विशेष्य’ कहलाता है, जैसे- नीला आकाश, छोटी पुस्तक एवं भला व्यक्ति में नीला, छोटी एवं भला शब्द विशेषण है तथा आकाश, पुस्तक एवं व्यक्ति विशेष्य हैं। विशेषण के प्रकार विशेषण पांच प्रकार के होते हैं /- गुणवाचक विशेषण ऐसे शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रूप, रंग, आकार, स्वभाव अथवा दशा का बोध कराते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे पुराना कमीज, काला कुत्ता, मीठा आम आदि। संख्यावाचक विशेषण ऐसे शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित या अनिश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध कराते हैं, वे संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं- 1. निश्चित संख्यावाचक:- जैसे- एक, दूसरा, तीनों, चौगुना आदि 2. अनिश्चय संख्यावाचक :- जैसे- कई, कुछ, बहुत, सब आदि। परिणामवाचक विशेषण ऐसे शब्द जो किसी वस्तु, पदार्थ या जगह की मात्रा, तोल या माप का बोध कराते हैं, वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। इसके दो उपभेद हैं- • निश्चित परिमाणवाचक– जैसे दो लीटर, 5 किलो एवं 3 मीटर आदि। • अनिश्चित परिमाणवाचक– जैसे थोड़ा, बहुत, कम, ज्यादा आदि। संकेतवाचक विशेषण ऐसे शब्द जो सर्वनाम है किंतु वाक्य में विशेषण के रूप में प्रयुक्त हो रहे हैं अर्थात् संज्ञा की विशेषता प्रकट कर रहे हैं, वे संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं। चुंकि मूल रूप में ये सर्वनाम हे इसलिए ये विशेषण ‘सार्वनामिक विशेषण’ भी कहलाते हैं। जैसे- इस गेंद को मत फेंको। उस पुस्तक को पढ़ो। कोई सज्ज...

संख्यावाचक विशेषण : परिभाषा, भेद, उदाहरण

विषय-सूचि • • • • • • • • • • संख्यावाचकविशेषणकीपरिभाषा ऐसेविशेषणशब्दजोकिसी जैसे:दुनियामेंसातअजूबेहैं। इसवाक्यमेंविश्वमेंकितनेअजूबेहैंहैंयेहमेंसातशब्दसेपताचलरहाहै।सातशब्दहमेंअजूबोंकीसंख्याकीविशेषताबतारहाहै।अतःयहसंख्यावाचकविशेषणकहलायेगा। संख्यावाचकविशेषणकेउदाहरण • मैंरोज़ चारकेलेखाताहूँ। ऊपरदिएगएउदाहरणमेंआपदेखसकतेहैं चारशब्दकाप्रयोगकियाजारहाहै। यहशब्दएकसंख्यावाचीविशेषणहैक्योंकिइसशब्दसेहमेंपताअचलरहाहैकिहमकितनीसंख्यामेंयाकितनेकेलेखायेंगे।यहसंख्यावालीविशेषताबतारहाहै।अतःयहउदाहरणसंख्यावाचकविशेषणकेअंतर्गतआएगा। • हमारेपरिवारमें पांचसदस्यहैं। जैसाकिआपनेऊपरदिएगएउदाहरणमेंदेखापरिवारकेसदस्योंकीसंख्याकेबारेमेंबतायाजारहाहै। पांचशब्दसेहमेंपताचलरहाहैकिपरिवारमेंकितनेसदस्यहैं।अतःयहउदाहरणसंख्यावाचकविशेषणकेअंतर्गतआएगा। • जयपुरनगरमें चारहज़ारबसहैं। ऊपरदिएगएउदाहरणमें चारहज़ारशब्दसेहमेंपताचलरहाहैकिजयपुरनगरमेंकितनीबसेंहैं। अगरयहशब्दयहाँपरप्रयोगनहींहोतातोहमेंबसोंकिसंख्याकेबारेमेंपताहीनहींचलपाता।अतःयहशब्दसंख्यावाचकविशेषणशब्दकहलायेगा। • मेरेपास चारगाड़ियांहैं। जैसाकिआपनेऊपरदिएगएउदाहरणमेंदेखा चारशब्दकाप्रयोगकरकेहमेंबतायाजारहाहैकिव्यक्तिकेपासकितनीगाड़ियांहैं। अगरयहशब्दयहाँइस्तेमालनहींहोतातोहमेंगाड़ियोंकीसंख्याकेबारेमेंपताहीनहींचलपाता।अतःयहएकसंख्यावाचकविशेषणशब्दकहलायेगा। • मीनानेमुझे कुछफलखानेकोदिए। ऊपरदिएगएउदाहरणसेजैसाकीआपसमझसकतेहैंयहाँ कुछशब्दकाइस्तेमालफलोंकीमात्रकाबोधकरानेमेंइस्तेमालहोरहाहै। ऐसेशब्दजोकिहमेंसंज्ञाकीमात्रकाबोधकरातेहैं , वेसंख्यावाचकविशेषणकहलातेहैं। • हमारेगाँवमेंबस एकहीबसआतीहै। जैसाकीअपनेदेखाऊपरलिखेगएवाक्यमें एकशब्दकाप्रयोगकियागयाहै।इससेबसोंकीसंख्याबतानेकाकार्यकियाजारहाहै। हमयहभीजानतेहैंकीजो...

विशेषण

प्रश्न 2. विशेष्य किसे कहते हैं ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए । उत्तर – जो शब्द ‘संज्ञा’ या ‘सर्वनाम’ की विशेषता बताते हैं, उन्हें ‘विशेषण’ कहा जाता है । ‘विशेषण’ जिस शब्द की ‘विशेषता’ बताता है, उस ‘संज्ञा’ शब्द को ‘विशेष्य’ कहा जाता है । जैसे—– तेज लड़का । यहाँ ‘तेज’ शब्द विशेषण है और यह ‘लड़का’ शब्द की ‘विशेषता’ बताता है | अतः, ‘लड़का’ शब्द विशेष्य हुआ प्रश्न 3. विशेषण के कितने भेद हैं ? सबका सोदाहरण परिचय दें। उत्तर–विशेषण के सामान्यतया चार भेद माने जाते हैं– (i) गुणवाचक विशेषण, (ii) परिमाणवाचक विशेषण, (iii) संख्यावाचक विशेषण तथा (iv) सार्वनामिक विशेषण | (i) गुणवाचक विशेषण —संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रूप, रंग, आकार, प्रकार, स्थान, काल, दशा, स्थिति, शील, स्वभाव, स्वाद, गंध आदि का बोध कराने वाले शब्द गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं। उदाहरणतया— सरल, भला, कुशल, उचित, पवित्र, साफ, (गुण) । कुटिल, जटिल, बुरा, लचर, अनुचित, गन्दा (दोष) । गोल, चौकोर, तिकोना, लंबा, चौड़ा, ठिगना (आकार) । लाल, पीला, नीला, मैला, उजला, गोरा ( रंग ) । (ii) परिमाणवाचक विशेषण — जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की माप-तौल, परिमाण को प्रकट करते हैं, परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। परिमाणवाचक विशेष दो प्रकार के होते हैं- (क) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण — किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध कराते हैं, वे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे चार लिटर दूध, एक क्विंटल गेहूँ, दस मीटर कपड़ा, दस ग्राम सोना । कभी-कभी बाद में ‘भर’ लगाने से भी निश्चित परिमाण का बोध होता है। जैसे— सेर भर । (ख) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण – जिन विशेषणों से संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का ज्ञान न होकर अनिश्चित माप-तौल का ज्ञान हो, उन्...

विशेषण

वाक्य में विशेषण का स्थान क्या है? गुणवाचक विशेषण के बोधक शब्द क्या हैं? संख्यावाचक विशेषण के कितने भेद हैं? परिमाणवाचक विशेषण के कितने भेद हैं? गणना वाचक विशेषण कितने प्रकार के होते हैं? गणना वाचक विशेषण के कितने भेद हैं? सार्वनामिक विशेषण कितने प्रकार के होते हैं? प्रविशेषण क्या है? प्रविशेषण की परिभाषा उदाहरण सहित बताइए? विशेषण की कितनी अवस्थाएं होती हैं? विशेषण की अवस्थाओं के रूप कौन-कौन से हैं? विशेषण शब्दों की रचना कैसे अथवा किस प्रकार होती है?संख्यावाचक विशेषण तथा परिमाणवाचक विशेषण में अंतर क्या है? विशेषण | Visheshan in Hindi विशेषण विकारी शब्द है। विशेषण की परिभाषा:- "ऐसे शब्द जो संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताते हों तो इन विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं।" निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान से से पढ़िए। (1) मुझे नीला स्वेटर पसंद है। (2) वह ऊंचा भवन किसका है? (3) एक किलो चावल लाओ । इन वाक्यों में नीला, ऊंचा, एक किलो आदि शब्द क्रमशः स्वेटर, भवन और चावल संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं। इनके बारे में कुछ विशेष ज्ञान देने के कारण इन्हें विशेषण कहते हैं। विशेष्य | Visheshyain Hindi विशेषण शब्द जिस शब्द की विशेषता प्रकट करता है उसे विशेष्य कहते हैं। (1) यह काली चींटी है। (2) मोहन ताजे फल लाया है। (3) मैंने थोड़ा दूध पिया। इन वाक्यों में चींटी ,फल और दूध विशेष्य है। वाक्य में विशेषण का स्थान:- किसी भी वाक्य में विशेषण शब्द दो प्रकार से प्रयुक्त होते हैं- (क) संज्ञा या सर्वनाम शब्दों (विशेष्यों) से पहले। इसे उद्देश्य विशेषण कहते हैं। जैसे- (1)अच्छे लड़के शोर नहीं मचाते। (2) गीता एक होशियार बच्ची है। उपर्युक्त वाक्यों में अच्छे और होशियार शब्द उद्देश्य विशेषण है...

विशेषण किसे कहते है । विशेषण के भेद, परिभाषा, उदाहरण – Best Hindi Blog in India

हिंदी भाषा में विशेषण उसे कहा जाता है जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं जैसे की संज्ञा की विशेषता है गुण, धर्म, स्थान आदि अब जो शब्द संज्ञा की इन विशेषताओं को बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं और विशेषण इस तरह का विकारी शब्द है जो हर परिस्थिति में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता ही है। जैसे – यह लाल गाय है, अंगूर खट्टे हैं ऊपरलिखित वाक्यों में भूरी और खट्टे यह दो शब्द संज्ञा की विशेषता बता रहे हैं इसलिए इन शब्दों को विशेषण कहा जाएगा। इसका अर्थ है कि जब किसी विशेषण रहित संज्ञा में किसी वस्तु का बोध होता है तो विशेषण का उपयोग होने पर उसका अर्थ सीमित हो जाता है जैसे ‘गाय’ संज्ञा से गाय जाति के सभी प्राणियों का बोध हो जाता है पर काली गाय कहने पर केवल काले रंग की गाय का बोध होता है, अन्य गायों का नहीं। यहां ‘काला’ शब्द विशेषण है तथा ‘गाय’ शब्द संज्ञा है इस वाक्य में गाय संज्ञा की व्याप्ति सीमित हो गई है। लेकिन कुछ हिंदी व्याकरण विशेषज्ञों ने विशेषण को संज्ञा का एक उपभेद माना है क्योंकि, उनके अनुसार विशेषण भी एक वस्तु का ही नाम है लेकिन ऐसा मानना सही नहीं है क्योंकि विशेषण का उपयोग संज्ञा के बिना नहीं किया जा सकता। विशेषण के अन्य नाम विशेष्य– जब विशेषण शब्द द्वारा किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता का बोध होता है तब उसे विशेष्य कहते हैं दूसरे शब्दों में कहें तो जिस शब्द से संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता प्रकट की जाए उसे विशेष्य कहते हैं। जैसे – यह लाल गाय है, अंगूर खट्टे हैं। ऊपर लिखित इस उदाहरण में ‘गाय’ और ‘अंगूर’ विशेष्य हैं क्योंकि इस वाक्य में इन दोनों की विशेषता बताई गई है। प्रविशेषण– जो शब्द विशेषण की विशेषता बताते हैं उन्हें प्रविशेषण कहते हैं। जैसे – यह लड़क...