विशिष्ट प्रतिरोध किसे कहते हैं

  1. ओम का नियम क्या है, विद्युत प्रतिरोध
  2. विशिष्ट प्रतिरोध तथा प्रतिरोधकता किसे कहते हैं? 2023
  3. प्रतिरोध
  4. विशिष्ट प्रतिरोध किसे कहते हैं प्रतिरोधकता का मात्रक, विमीय सूत्र क्या होता है लिखिए संबंध प्रतीक चिन्ह
  5. प्रतिरोध और प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) में अंतर लिखिए//pratirodh aur pratirodhakta mein antar
  6. विशिष्ट प्रतिरोध तथा प्रतिरोधकता किसे कहते हैं? 2023
  7. प्रतिरोध
  8. ओम का नियम क्या है, विद्युत प्रतिरोध
  9. प्रतिरोध और प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) में अंतर लिखिए//pratirodh aur pratirodhakta mein antar
  10. विशिष्ट प्रतिरोध किसे कहते हैं प्रतिरोधकता का मात्रक, विमीय सूत्र क्या होता है लिखिए संबंध प्रतीक चिन्ह


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ओम का नियम क्या है, विद्युत प्रतिरोध

ओम का नियम क्या है? • स्थिर ताप पर किसी चालक में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा ( i) चालक के सिरों के बीच विभवान्तर ( v) के समानुपाती होती है। इसे ही ओम का नियम कहते हैं। इसका नियम प्रतिपादन सन् 1826 ई. में जर्मन वैज्ञानिक जार्ज साइमन ओम ने किया था। इस नियम का प्रयोग किसी चालक में प्रवाहित धारा एवं विभवान्तर में संबंध (अनुपात) ज्ञात करने में किया जाता है। • विभवान्तर ( V) व धारा ( i) के अनुपात का मान चालक के आकार (लंबाई व अनुप्रस्थ का क्षेत्रफल) , पदार्थ तथा ताप पर निर्भर करता है। इस अनुपात को चालक का विद्युत प्रतिरोध ( Electricl Resistance) 'R' कहते हैं। अर्थात् ( V/i = R ( नियांतक) विद्युत प्रतिरोध किसे कहते हैं ( Electical Resistane) • विद्युत प्रतिरोध , किसी पदार्थ का एक गुण है जिसके कारण वह (पदार्थ) धारा के प्रवाह में अवरोध उत्पन्न करता है। इसका मान विभवान्तर व धारा के अनुपात के बराबर होता है। यह पदार्थ के चालकता ( Conductivity) का विरोधी गुण है।इसीलिए सुचालकों का प्रतिरोध कम व कुचालकों का प्रतिरोध अधिक होता है। • जिन पदार्थों का प्रतिरोध शून्य ह है , उन्हें अतिचालक ( Super Conductor) कहते हैं। जैसे- पारा निम्न ताप ( 4K) पर अतिचालक की भांति व्यवहार करने लगता है। गर्म करने से चालकों का प्रतिरोध बढ़ता है। परन्तु अर्धचालकों का प्रतिरोध घटता है। • प्रतिरोध का मात्रक वोल्ट प्रति ऐम्पियर होता है , जिसे ओम ( Ohm) भी कहते हैं। • 1 ओम = 1 वोल्ट / 1 एम्पियर होता है। • ओम को ग्रीक अक्षर 'Ω' ( ओमेगा) से प्रदर्शित करते है। विशिष्ट प्रतिरोध क्या होता है ( Specific Registance) किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लंबाई (l ) के अनुक्रमानुपाती ( Rxl) तथा उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल ( A) के...

विशिष्ट प्रतिरोध तथा प्रतिरोधकता किसे कहते हैं? 2023

विशिष्ट प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता किसे कहते हैं :- जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। तो उस पर विभवांतर स्थापित हो जाता है। यदि चालक के भीतर किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E हो तथा धारा घनत्व j है। तो इनके अनुपात को चालक का विशिष्ट प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता कहते हैं। इसे ρ (रो) से प्रदर्शित करते हैं। तो \rho=\frac Ej समी. ① यदि चालक तार की लंबाई l हो तथा अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल A है। तो तार की भीतर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E=\frac Vl तथा धारा घनत्व j=\frac iA धारा घनत्व व विद्युत क्षेत्र की तीव्रतआ के मान समी. ① में रखने पर विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक:- विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक का मात्रक ओम-मीटर होता है। विशिष्ट प्रतिरोध की परिभाषा :- उपरोक्त सूत्र से तो इससे विशिष्ट प्रतिरोध को ऐसे परिभाषित किया जा सकता है। ” 1 मीटर लंबे तथा 1 मीटर 2 अनुप्रस्थ परिच्छेद वाले तार के प्रतिरोध को चालक तार का विशिष्ट प्रतिरोध कहते हैं। “ विशिष्ट प्रतिरोध के सूत्र से एक निश्चित का ताप पर किसी चालक के लिए, विशिष्ट प्रतिरोध ρ नियत है। तो अतः किसी चालक तार का प्रतिरोध तार की लंबाई के अनुक्रमानुपाती तथा उसके क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। विशिष्ट प्रतिरोध की विमा :- सूत्र – विशिष्ट चालकता:- जिस प्रकार प्रतिरोध के व्युत्कम को चालकता कहते हैं। उसी प्रकार विशिष्ट प्रतिरोध से के व्युत्कम को विशिष्ट चालकता है। इसे σ (सीग्मा) से प्रदर्शित करते हैं। तो \sigma=\frac1\rho इसका मात्रक (ओम-मीटर) -1 होता है। विशिष्ट चालकता की विमा :- सूत्र – धारा घनत्व तथा विशिष्ट चालकता में संबंध :- सूत्र – महत्वपूर्ण प्रश्न Search • Chemistry 12th Notes • Chapter 1 : ठोस अवस्था न...

प्रतिरोध

प्रतिरोध | प्रतिरोध किसे कहते हैं ? प्रतिरोध | प्रतिरोध किसे कहते हैं ? :- वर्ष 1828 में जी. एस. ओम ने एक चालक में प्रवाहित विद्युत धारा (I) और उसके सिरों पर आरोपित विभवान्तर (V) के बारे में एक बुनियादी नियम की खोज की, जिसे अथवा जहाँ R एक समानुपातिक स्थिरांक है जिसे चालक का प्रतिरोध कहा जाता है। प्रतिरोध का S.I. मात्रक Volt/Ampere या Ohm(Ω) 1 ओम की परिभाषा :- यदि किसी चालक के सिरों के बीच एक वोल्ट विभवान्तर लगाने पर उसमें से एक एम्पीयर धारा प्रवाहित होती है तो चालक का प्रतिरोध एक ओम कहलाता है। 1 Ω = 1 V/1 A वे कारक जिन पर किसी चालक का प्रतिरोध निर्भर करता है :- किसी चालक का प्रतिरोध निम्न कारकों पर निर्भर करता है :- • चालक की प्रकृति (चालक के पदार्थ की प्रकृति) • तापमान और • चालक के आयाम (अर्थात् लंबाई और चौड़ाई पर) आइए हम चालक की विमाओं पर प्रतिरोध की निर्भरता को समझते हैं :- l लंबाई और A अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल की आयताकार सिल्ली के रूप के एक चालक पर विचार करें। माना चालक के सिरों पर V विभवांतर आरोपित करने पर इसमें I धारा प्रवाहित होती है। आइए हम ऐसे दो चालकों को एक साथ सटा कर रखें, ताकि संयोजन की लंबाई 2l हो। यदि V पहले चालक के सिरों के मध्य विभवान्तर हो, तो दूसरे चालक के सिरों के मध्य भी V विभवान्तर होगा, क्योंकि दोनों चालक समान हैं। संयोजन के सिरों के मध्य विभवान्तर = 2V संयोजन से बहने वाली धारा वही होगी जो किसी एक चालक से प्रवाहित धारा है = I संयोजन का प्रतिरोध R’ = (2V)/I = 2R इस प्रकार, किसी चालक की लंबाई को दोगुना करने से उसका प्रतिरोध भी दोगुना हो जाता है। इसलिए, प्रतिरोध चालक की लंबाई के सीधे आनुपातिक है, अर्थात, R ∝ l …..(1) आइए अब कल्पना करें कि चालक को लंबाई क...

विशिष्ट प्रतिरोध किसे कहते हैं प्रतिरोधकता का मात्रक, विमीय सूत्र क्या होता है लिखिए संबंध प्रतीक चिन्ह

विषय सूची • • • • • • विशिष्ट प्रतिरोध जब किसी चालक तार में विद्युत धारा का प्रवाह किया जाता है। तो चालक के भीतर किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता तथा धारा घनत्व के अनुपात को चालक का विशिष्ट प्रतिरोध (specific resistance in Hindi) कहते हैं। अथवा इसे प्रतिरोधकता भी कहते हैं। विशिष्ट प्रतिरोध को ρ (रो) से दर्शाया जाता है। माना किसी चालक में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E तथा धारा घनत्व J है तो विशिष्ट चालकता की परिभाषा से विशिष्ट प्रतिरोध = \frac यह विशिष्ट प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता का सूत्र है। यदि ℓ = 1, A = 1 तो विशिष्ट प्रतिरोध ρ = R × \large \frac यही विशिष्ट प्रतिरोध तथा विशिष्ट चालकता के बीच संबंध का सूत्र है। विशिष्ट प्रतिरोध संबंधित प्रश्न उत्तर

प्रतिरोध और प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) में अंतर लिखिए//pratirodh aur pratirodhakta mein antar

प्रतिरोध और प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) में अंतर लिखिए किसी चालक के प्रतिरोध और प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) में अंतर लिखिए। प्रतिरोध किसे कहते हैं ? उत्तर - किसी चालक का प्रतिरोध उसके सिरों के बीच में लगाए गए विभांतर और उस में बहने वाली धारा के अनुपात को कहते हैं। प्रश्न - प्रतिरोध और प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) में अंतर लिखिए। उत्तर - प्रतिरोध और प्रतिरोधकता में निम्न अंतर है - प्रतिरोध प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) 1. कोई चालक विद्युत धारा के मार्ग जो रुकावट उत्पन्न करता है उसे प्रतिरोध कहते हैं। एकांत लंबाई और एकांक का अनुप्रस्थ परीक्षित वाले चालक के प्रतिरोध को चालक 2. यह चालक की लंबाई और अनुप्रस्थ परिच्छेद पर निर्भर करता है। यह चालक की लंबाई और एकांक परिच्छेद पर निर्भर नहीं करता है। 3. इसका S.I. मात्रक ओम होता है। इसका S.I. मात्रक ओम×मीटर होता है 4. इस का विमीय सूत्र [ ML 2 T -3 A -2 होता है। इस का विमीय सूत्र ML 3 T -3 A -2 होता है। Tags -प्रतिरोध और प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) में अंतर लिखिए।,pratirodh aur pratirodhakta mein antar,प्रतिरोध एवं विशिष्ट प्रतिरोध में कोई तीन अंतर,प्रतिरोध और प्रतिरोधकता में अंतर,प्रतिरोध और विशिष्ट प्रतिरोध में अंतर

विशिष्ट प्रतिरोध तथा प्रतिरोधकता किसे कहते हैं? 2023

विशिष्ट प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता किसे कहते हैं :- जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। तो उस पर विभवांतर स्थापित हो जाता है। यदि चालक के भीतर किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E हो तथा धारा घनत्व j है। तो इनके अनुपात को चालक का विशिष्ट प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता कहते हैं। इसे ρ (रो) से प्रदर्शित करते हैं। तो \rho=\frac Ej समी. ① यदि चालक तार की लंबाई l हो तथा अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल A है। तो तार की भीतर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E=\frac Vl तथा धारा घनत्व j=\frac iA धारा घनत्व व विद्युत क्षेत्र की तीव्रतआ के मान समी. ① में रखने पर विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक:- विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक का मात्रक ओम-मीटर होता है। विशिष्ट प्रतिरोध की परिभाषा :- उपरोक्त सूत्र से तो इससे विशिष्ट प्रतिरोध को ऐसे परिभाषित किया जा सकता है। ” 1 मीटर लंबे तथा 1 मीटर 2 अनुप्रस्थ परिच्छेद वाले तार के प्रतिरोध को चालक तार का विशिष्ट प्रतिरोध कहते हैं। “ विशिष्ट प्रतिरोध के सूत्र से एक निश्चित का ताप पर किसी चालक के लिए, विशिष्ट प्रतिरोध ρ नियत है। तो अतः किसी चालक तार का प्रतिरोध तार की लंबाई के अनुक्रमानुपाती तथा उसके क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। विशिष्ट प्रतिरोध की विमा :- सूत्र – विशिष्ट चालकता:- जिस प्रकार प्रतिरोध के व्युत्कम को चालकता कहते हैं। उसी प्रकार विशिष्ट प्रतिरोध से के व्युत्कम को विशिष्ट चालकता है। इसे σ (सीग्मा) से प्रदर्शित करते हैं। तो \sigma=\frac1\rho इसका मात्रक (ओम-मीटर) -1 होता है। विशिष्ट चालकता की विमा :- सूत्र – धारा घनत्व तथा विशिष्ट चालकता में संबंध :- सूत्र – महत्वपूर्ण प्रश्न Search • Chemistry 12th Notes • Chapter 1 : ठोस अवस्था न...

प्रतिरोध

प्रतिरोध | प्रतिरोध किसे कहते हैं ? प्रतिरोध | प्रतिरोध किसे कहते हैं ? :- वर्ष 1828 में जी. एस. ओम ने एक चालक में प्रवाहित विद्युत धारा (I) और उसके सिरों पर आरोपित विभवान्तर (V) के बारे में एक बुनियादी नियम की खोज की, जिसे अथवा जहाँ R एक समानुपातिक स्थिरांक है जिसे चालक का प्रतिरोध कहा जाता है। प्रतिरोध का S.I. मात्रक Volt/Ampere या Ohm(Ω) 1 ओम की परिभाषा :- यदि किसी चालक के सिरों के बीच एक वोल्ट विभवान्तर लगाने पर उसमें से एक एम्पीयर धारा प्रवाहित होती है तो चालक का प्रतिरोध एक ओम कहलाता है। 1 Ω = 1 V/1 A वे कारक जिन पर किसी चालक का प्रतिरोध निर्भर करता है :- किसी चालक का प्रतिरोध निम्न कारकों पर निर्भर करता है :- • चालक की प्रकृति (चालक के पदार्थ की प्रकृति) • तापमान और • चालक के आयाम (अर्थात् लंबाई और चौड़ाई पर) आइए हम चालक की विमाओं पर प्रतिरोध की निर्भरता को समझते हैं :- l लंबाई और A अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल की आयताकार सिल्ली के रूप के एक चालक पर विचार करें। माना चालक के सिरों पर V विभवांतर आरोपित करने पर इसमें I धारा प्रवाहित होती है। आइए हम ऐसे दो चालकों को एक साथ सटा कर रखें, ताकि संयोजन की लंबाई 2l हो। यदि V पहले चालक के सिरों के मध्य विभवान्तर हो, तो दूसरे चालक के सिरों के मध्य भी V विभवान्तर होगा, क्योंकि दोनों चालक समान हैं। संयोजन के सिरों के मध्य विभवान्तर = 2V संयोजन से बहने वाली धारा वही होगी जो किसी एक चालक से प्रवाहित धारा है = I संयोजन का प्रतिरोध R’ = (2V)/I = 2R इस प्रकार, किसी चालक की लंबाई को दोगुना करने से उसका प्रतिरोध भी दोगुना हो जाता है। इसलिए, प्रतिरोध चालक की लंबाई के सीधे आनुपातिक है, अर्थात, R ∝ l …..(1) आइए अब कल्पना करें कि चालक को लंबाई क...

ओम का नियम क्या है, विद्युत प्रतिरोध

ओम का नियम क्या है? • स्थिर ताप पर किसी चालक में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा ( i) चालक के सिरों के बीच विभवान्तर ( v) के समानुपाती होती है। इसे ही ओम का नियम कहते हैं। इसका नियम प्रतिपादन सन् 1826 ई. में जर्मन वैज्ञानिक जार्ज साइमन ओम ने किया था। इस नियम का प्रयोग किसी चालक में प्रवाहित धारा एवं विभवान्तर में संबंध (अनुपात) ज्ञात करने में किया जाता है। • विभवान्तर ( V) व धारा ( i) के अनुपात का मान चालक के आकार (लंबाई व अनुप्रस्थ का क्षेत्रफल) , पदार्थ तथा ताप पर निर्भर करता है। इस अनुपात को चालक का विद्युत प्रतिरोध ( Electricl Resistance) 'R' कहते हैं। अर्थात् ( V/i = R ( नियांतक) विद्युत प्रतिरोध किसे कहते हैं ( Electical Resistane) • विद्युत प्रतिरोध , किसी पदार्थ का एक गुण है जिसके कारण वह (पदार्थ) धारा के प्रवाह में अवरोध उत्पन्न करता है। इसका मान विभवान्तर व धारा के अनुपात के बराबर होता है। यह पदार्थ के चालकता ( Conductivity) का विरोधी गुण है।इसीलिए सुचालकों का प्रतिरोध कम व कुचालकों का प्रतिरोध अधिक होता है। • जिन पदार्थों का प्रतिरोध शून्य ह है , उन्हें अतिचालक ( Super Conductor) कहते हैं। जैसे- पारा निम्न ताप ( 4K) पर अतिचालक की भांति व्यवहार करने लगता है। गर्म करने से चालकों का प्रतिरोध बढ़ता है। परन्तु अर्धचालकों का प्रतिरोध घटता है। • प्रतिरोध का मात्रक वोल्ट प्रति ऐम्पियर होता है , जिसे ओम ( Ohm) भी कहते हैं। • 1 ओम = 1 वोल्ट / 1 एम्पियर होता है। • ओम को ग्रीक अक्षर 'Ω' ( ओमेगा) से प्रदर्शित करते है। विशिष्ट प्रतिरोध क्या होता है ( Specific Registance) किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लंबाई (l ) के अनुक्रमानुपाती ( Rxl) तथा उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल ( A) के...

प्रतिरोध और प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) में अंतर लिखिए//pratirodh aur pratirodhakta mein antar

प्रतिरोध और प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) में अंतर लिखिए किसी चालक के प्रतिरोध और प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) में अंतर लिखिए। प्रतिरोध किसे कहते हैं ? उत्तर - किसी चालक का प्रतिरोध उसके सिरों के बीच में लगाए गए विभांतर और उस में बहने वाली धारा के अनुपात को कहते हैं। प्रश्न - प्रतिरोध और प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) में अंतर लिखिए। उत्तर - प्रतिरोध और प्रतिरोधकता में निम्न अंतर है - प्रतिरोध प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) 1. कोई चालक विद्युत धारा के मार्ग जो रुकावट उत्पन्न करता है उसे प्रतिरोध कहते हैं। एकांत लंबाई और एकांक का अनुप्रस्थ परीक्षित वाले चालक के प्रतिरोध को चालक 2. यह चालक की लंबाई और अनुप्रस्थ परिच्छेद पर निर्भर करता है। यह चालक की लंबाई और एकांक परिच्छेद पर निर्भर नहीं करता है। 3. इसका S.I. मात्रक ओम होता है। इसका S.I. मात्रक ओम×मीटर होता है 4. इस का विमीय सूत्र [ ML 2 T -3 A -2 होता है। इस का विमीय सूत्र ML 3 T -3 A -2 होता है। Tags -प्रतिरोध और प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) में अंतर लिखिए।,pratirodh aur pratirodhakta mein antar,प्रतिरोध एवं विशिष्ट प्रतिरोध में कोई तीन अंतर,प्रतिरोध और प्रतिरोधकता में अंतर,प्रतिरोध और विशिष्ट प्रतिरोध में अंतर

विशिष्ट प्रतिरोध किसे कहते हैं प्रतिरोधकता का मात्रक, विमीय सूत्र क्या होता है लिखिए संबंध प्रतीक चिन्ह

विषय सूची • • • • • • विशिष्ट प्रतिरोध जब किसी चालक तार में विद्युत धारा का प्रवाह किया जाता है। तो चालक के भीतर किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता तथा धारा घनत्व के अनुपात को चालक का विशिष्ट प्रतिरोध (specific resistance in Hindi) कहते हैं। अथवा इसे प्रतिरोधकता भी कहते हैं। विशिष्ट प्रतिरोध को ρ (रो) से दर्शाया जाता है। माना किसी चालक में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E तथा धारा घनत्व J है तो विशिष्ट चालकता की परिभाषा से विशिष्ट प्रतिरोध = \frac यह विशिष्ट प्रतिरोध अथवा प्रतिरोधकता का सूत्र है। यदि ℓ = 1, A = 1 तो विशिष्ट प्रतिरोध ρ = R × \large \frac यही विशिष्ट प्रतिरोध तथा विशिष्ट चालकता के बीच संबंध का सूत्र है। विशिष्ट प्रतिरोध संबंधित प्रश्न उत्तर