विश्व आदिवासी दिवस कब मनाया जाता है

  1. World Tribal Day in Hindi 2022
  2. World Blood Donor Day 2023:14 जून को है विश्व रक्तदाता दिवस, कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत, जानें इतिहास
  3. विश्व आदिवासी दिवस कब मनाया जाता है?
  4. International Day of the World’s Indigenous Peoples 2022: विश्व आदिवासी दिवस
  5. Vishwa Hindi Diwas 2022: जानें विश्व हिंदी दिवस कब मनाया जाता है और कैसे हुई थी इसकी शुरुआत
  6. 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस
  7. World Tribal Day, 2022, विश्व आदिवासी दिवस जानिए क्या है और क्यों मनाया जाता है?
  8. विश्व आदिवासी दिवस: ये आदिवासियों के लिए ख़ुद से सवाल पूछने का समय है
  9. विश्व आर्द्रभूमि दिवस कब मनाया जाता है


Download: विश्व आदिवासी दिवस कब मनाया जाता है
Size: 1.25 MB

World Tribal Day in Hindi 2022

प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। विश्व आदिवासी दिवस मनाने का उद्देश्य दुनिया की देशज लोगों के अधिकारों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना है तथा उन योगदानों को स्वीकार करना है जो देशज लोग वैश्विक मुद्दों जैसे पर्यावरण संरक्षण हेतु करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, आज दुनिया में रहने वाले 7.9 बिलियन लोगों में से, आदिवासियों या स्वदेशी लोगों की संख्या इस संख्या का 6.2% है। जबकि ये लोग अपने स्वयं के सामाजिक-राजनीतिक ढांचे का स्वायत्त रूप से अभ्यास करते हैं, अंततः, वे केंद्र सरकारों के अधिकार में आते हैं। इस लेख में वà¤...

World Blood Donor Day 2023:14 जून को है विश्व रक्तदाता दिवस, कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत, जानें इतिहास

World Blood Donor Day 2023: रक्त के बिना शरीर हाड़-मांस का ढांचा है। शरीर के सुचारू संचालन के लिए खून की आवश्यकता होती है। खून की कमी से व्यक्ति का जीवन खतरे में पड़ सकता है। खून की जरूरत होने पर अगर समय से रक्त की पूर्ति न की जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। खून की कमी को पूरा करके जीवन की रक्षा रक्तदान के जरिए की जा सकती है। इस कारण लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जाता है, ताकि एक स्वस्थ व्यक्ति जरूरतमंद को रक्तदान कर सके और एक जीवन बचा सके। रक्तदान को बढ़ावा देने और रक्तदाता का आभार व्यक्त करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर दुनियाभर के लोगों को जरूरतमंदों को खून उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि खून की कमी से किसी मरीज की जान न जाए। आइए जानते हैं रक्तदाता दिवस कब और कैसे मनाने की शुरुआत हुई। 14 जून को ही क्यों मनाते हैं रक्तदाता दिवस इस दिन को 14 जून को मनाने का खास कारण है। वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर ने ब्लड ग्रुप सिस्टम की खोज की थी। उनके इस योगदान के लिए 1930 में कार्ल लैंडस्टीनर को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। रक्तदाता दिवस वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर को समर्पित हैं, जिनका जन्मदिन 14 जून को होता है। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें लाइफ़स्टाइल जगत (Lifestylesection) की अन्य खबरें जैसे हेल्थ एंड फिटनेस न्यूज़(Health and fitness news), लाइव फैशन न्यूज़, (live fashion news) लेटेस्ट फूड न्यूज़ इन हिंदी , (latest food news) रिलेशनशिप न्यूज़(relationship news in Hindi) और यात्रा(travel news in Hindi) आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़ ( रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Disclaimer हम डा...

विश्व आदिवासी दिवस कब मनाया जाता है?

Explanation : विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को मनाया जाता है। विश्व आदिवासी दिवस 2021 की थीम 'किसी को पीछे नहीं छोड़ना: स्वदेशी लोग और एक नए सामाजिक अनुबंध का आह्वान' है। विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) पहली बार 9 अगस्त 1994 को जेनेवा में मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा ने 1994 में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया था। इस दिवस का मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोगों की संस्कृति, भाषा और अस्तित्व को बचाना है। बता दें कि दुनिया में कुल आदिवासियों की संख्या करीब 37 करोड़ है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। आदिवासी समुदाय के लोग आज भी समाज की मुख्यधारा में शामिल नहीं हुए हैं, जिसके चलते ये आज भी काफी पिछड़े हुए हैं। Explanation : चाय बोर्ड (Tea Board) का मुख्यालय कोलकाता में स्थित है। इसके दो क्षेत्रीय कार्यालय उत्तर-पूर्व क्षेत्र में असम के जोरहाट में और तमिलनाडु में कुन्नूर में दक्षिण क्षेत्र में है। इसके अलावा, सभी प्रमुख चाय उत्पादक राज्यों और चार महा • उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात कब होती है?

International Day of the World’s Indigenous Peoples 2022: विश्व आदिवासी दिवस

9 अगस्त को World Indigenous Day यानी विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. आदिवासी शब्द का शाब्दिक अर्थ है 'मूल निवासी'. जनजातियों को आदिवासी भी कहा जाता है. इस दिवस का उद्देश्य दुनिया की आदिवासी आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना है तथा उनके योगदान को स्वीकार करना है. जनजातियों ने अपनी स्वतंत्रता को हमेशा से बरकरार रखा है और अपनी अलग संस्कृति को बनाए रखने के लिए वे आमतौर पर जंगलों, पहाड़ियों, रेगिस्तानों और मुश्किल स्थानों में रहते थे. आदिवासी लोगों ने समृद्ध रीति-रिवाजों और मौखिक परंपराओं को संरक्षित रखा है. संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को मान्यता दी है. कुछ समय पहले ही हमारे देश को पहला आदिवासी राष्ट्रपति मिला है, लेकिन सर्वोच्च पद तक पहुंचने के बाद भी इस समुदाय के सामने कई चुनौतियां हैं. आइए जानते हैं आदिवासियों से जुड़ी कुछ अहम जानकारी... संयुक्त रा­ष्ट्र संघ ने 23 दिसम्बर, 1994 को संयुक्त रा­ष्ट्र संघ की आम सभा में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें आदिवासियों के मानवीय अधिकारों के संरक्षण के लिए, आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन पर अधिकार को स्थायी रूप से दिए जाने, आदिवासियों की विशे­ष पहचान, संस्कृति, अस्तित्व, अस्मिता और आत्मसम्मान हमेशा दिये जाने जैसे मुद्दों पर चर्च की गई थी. उसी प्रस्ताव के अनुसार 9 अगस्त, 1995 को पहला विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया और तब से हर साल यह पूरे विश्व में आदिवासी दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा. आदिवासी महिलाएं अपने समाज और समुदाय की रीढ़ हैं, ये पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. वे कमाती हैं, घर-परिवार की देखभाल करती हैं और समुदाय में महत्वपूर्ण भी हैं लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें अक्सर लिंग, वर्...

Vishwa Hindi Diwas 2022: जानें विश्व हिंदी दिवस कब मनाया जाता है और कैसे हुई थी इसकी शुरुआत

Vishwa Hindi Diwas 2022: हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (Vishwa Hindi Diwas) मनाया जाता है. हिंदी भाषा को पसंद करने वाले लोगों के लिए 10 जनवरी यानी आज का दिन बेहद महत्व रखता है. किसी भी देश की संस्कृति, सभ्यता और जीवनशैली का पता उसकी भाषा के माध्यम से ही किया जा सकता है. बता दें कि अंग्रेजी, मंदारिन और स्पैनिश के बाद हिंदी दुनिया की चौथी ऐसी भाषा है जो सबसे ज्यादा बोली जाती है. हिंदी को विश्वव्यापी भाषा बनाने के उद्देश्य से विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) मनाने की शुरुआत की गई थी. आइए जानते हैं कि इस दिन को मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई. इस साल हुई थी शुरुआत हर किसी को अपनी भाषा पर गर्व होता है. भारतीय होने के नाते हमें भी अपनी हिंदी भाषा पर बेहद गर्व है. ये गर्व और भी बढ़ जाएगा जब पूरे विश्व में हिंदी भाषा का डंका बजने लगेगा. कुछ ऐसे ही इरादे के साथ विश्व हिंदी दिवस (Vishwa Hindi Diwas) को मनाने की शुरुआत की गई है. 10 जनवरी 2006 को पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) द्वारा विश्व हिंदी दिवस मनाने के लिए आयोजन किया था. 2006 से लेकर अब तक कई देशों में अब 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाने लगा है. इसे भी पढ़ें: भारतीय दूतावासों में होता है कार्यक्रम विश्वभर में भारत की पहचान एक शांति और सौहार्द स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने वाले देश के तौर पर है. किसी भी देश का विकास उतना ही अधिक होता है जितना की उसकी भाषा का प्रचार-प्रसार होता है. विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है तो सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मौजूद सभी भारतीय दूतावासों में भी इस दिन विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस आयोजन में हिंदी भाषी लोगो...

9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस

सबसे पहले सबों को जय जोहार, अभी मैं आप सबको विश्व आदिवासी दिवस के बारे में बताने जा रहा हूँ | विश्व आदिवासी दिवस के बारे में जानने के लिए मेरे इस लेख को पुरा पढ़े जिससे आप इसके बारे में अधिक जान पाएंगे | इस लेख में आदिवासी कौन है? आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है? आदिवासी दिवस कब मनाया जाता है? आदिवासी दिवस का इतिहास क्या है? इन सभी प्रश्नों पर चर्चा किया गया है | आदिवासी कौन है? आदिवासी का अर्थ होता है प्राचीन काल से निवास करने वाले स्थानीय मूल निवासी, इन्हें हम आदिवासी ( मूलनिवासी ) या जनजाति भी कहते हैं | आदिवासी शब्द का उत्पत्ति दो शब्दों के मिलने से हुआ है, आदि और वासी | आदि का अर्थ है प्राचीन काल तथा वासी का अर्थ है निवास करने वाले | ऐसे लोग जो अपनी भाषा, संस्कृति तथा सभ्यता को बनाये रखते हुए प्राकृति के साथ अपना जीवन यापन करते हैं | प्राकृति के साथ जुड़े होने के कारण वे प्राकृति का देख रेख अपनी संपत्ति के समान करते हैं | वे हमेशा से प्राकृति प्रेमी होते हैं तथा वे अपनी आवश्यकता की पूर्ति वहीं से करते हैं | जंगल का भ्रमण करते हुए आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है? विश्व आदिवासी दिवस,आदिवासी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व के आदिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। इसे पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 1994 में प्राथमिक बैठक के दिन यह घोषित किया गया था। ऐसा माना जाता है कि आदिवासी के कारण आज भी पर्यावरण और संस्कृति जिंदा है। आदिवासी प्राकृतिक प्रेमी होते हैं और वे इनके रख रखाव में हमेशा तत्पर रहते हैं तथा इनके पसीने से आज भी कई बड़ी इमारतें चंद महिने में खड़ी हो जाती हैं। इन्हीं के अधिकारों को बढ़ाव...

World Tribal Day, 2022, विश्व आदिवासी दिवस जानिए क्या है और क्यों मनाया जाता है?

जोहार साथियो, क्या आप जानना चाहते हैं कि “विश्व आदिवासी दिवस क्या है? आदिवासी दिवस कब मनाया जाता है? 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है? तो बिल्कुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं क्योंकि आपके मन में विश्व आदिवासी दिवस (International Tribal Day In Hindi) / अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस / अंतरराष्ट्रीय मूलवासी दिवस / विश्व मूलवासी दिवस से जुड़े जिनते भी सवाल है आज मैं इस आर्टिकल मैं बताने वाला हूँ। इसलिए ध्यान से इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िए. Table of Contents • • • • विश्व आदिवासी दिवस या विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस क्या है? विश्व आदिवासी दिवस( World Tribal Day), आदिवासी आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व के आदिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। यह घटना उन उपलब्धियों और योगदानों को भी स्वीकार करती है अधिकारों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना है तथा उन योगदानों को स्वीकार करना है जो मूलनिवासी लोग पर्यावरण संरक्षण जैसे विश्व के मुद्दों को बेहतर बनाने के लिए करते हैं। यह पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO United Nations Organisation) द्वारा दिसंबर 1994 में घोषित किया गया था। खासकर, इसे भारत के आदिवासियों द्वारा तीर, धनुष, ढोल, नगाड़ा, मांदर के साथ महिला-पुरुष अपने परंपरागत वेशभूषा में धूम धाम से मनाया जाता है, जिसमें रास्तों पर रैली निकाली और मंच में झामाझम कार्यक्रम मनाया जाता है। विश्व आदिवासी दिवस का इतिहास जब संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO United Nations Organisation) ने महसूस किया कि आदिवासी समुदाय (Tribal Community) उपेक्षा (Neglect), बेरोजगारी (unemployment) एवं बंधुआ बाल मजदूरी (bonde...

विश्व आदिवासी दिवस: ये आदिवासियों के लिए ख़ुद से सवाल पूछने का समय है

किसी भी संगठित धर्म में गया आदिवासी अपनी मूल पहचान बचाए रखने के नाम पर प्रकृति से जुड़े उत्सवों में हिस्सा लेकर इस भ्रम में रहता है कि वह ज़मीन से जुड़ा हुआ है. लेकिन क्या वह कभी ये महसूस करता है कि अपनी संस्कृति, भाषा आदि को लेकर उसका नज़रिया कैसे कथित मुख्यधारा के नज़रिये जैसा हो जाता है? बीरभूम में हूल उत्सव में आदिवासी समाज के लोग. (फाइल फोटो: पीटीआई) ‘विश्व आदिवासी दिवस’ आदिवासियों के लिए खुद से सवाल पूछने का समय है. इस मौके पर आदिवासी नाचते-गाते हैं लेकिन आदिवासी समाज के बीच जो महत्वपूर्ण सवाल है, लोग उन सवालों से जूझने का काम नहीं करते. उन्हें अपने समाज के भीतर देखना चाहिए और पूछना चाहिए कि क्या नाच-गान तक सीमित रहने से आदिवासी समाज बचा रह सकता है? किसी भी संगठित धर्म में चला गया आदिवासी, अपनी आदिवासी पहचान को बचाए रखने के नाम पर प्रकृति से जुड़े आदिवासी उत्सवों में नाचता- गाता रहता है और इस भ्रम में रहता है कि वह आदिवासी पहचान के साथ जुड़ा हुआ है. लेकिन क्या वह कभी महसूस करता है कि आदिवासी संस्कृति, भाषा, जल, जंगल, ज़मीन को लेकर उसका नज़रिया भी कैसे धीरे-धीरे कथित मुख्यधारा के नज़रिये की तरह हो जाता है. किस तरह वह भी ब्राह्मणवाद या श्रेष्ठतावाद को ढोता है? उसी नज़रिये से रास्ता निकालना चाहता है. ब्राह्मणवादी विचारधारा, जीवन शैली और जीवन-मूल्य को ढोते हुए कोई आदिवासी, कैसे यह दावा कर सकता है कि वह आदिवासी है? कैसे उसका जीवन-मूल्य व्यापक और ज्यादा मानवीय है? हर आदिवासी समुदाय के नाम का अर्थ जब मनुष्य होता है, फिर वह आदिवासी मनुष्य कहां रहता है? उसके पास अपना क्या नज़रिया है? क्या उस नज़रिये से विकास के रास्ते तय नहीं हो सकते? अगर हो सकते हैं फिर व्यापक आदिवासी समाज एक साथ...

विश्व आर्द्रभूमि दिवस कब मनाया जाता है

Vishva Adrabhumi Divas kab manaya jata hai यहाँ पर आपको विश्व आर्द्रभूमि दिवस कब मनाया जाता है उत्तर –विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2 फरवरी को मनाया जाता है. विश्व आर्द्रभूमि दिवस – प्रतिवर्ष 2 फरवरी को आर्द्रभूमि के संरक्षण के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। जानिए पूरी जानकारी विस्तार से, विश्व आर्द्रभूमि दिवस – इन्हे भी पढ़ें – • जनवरी के महत्वपूर्ण दिन-दिवस • फरवरी के महत्वपूर्ण दिन-दिवस • मार्च के महत्वपूर्ण दिन-दिवस • अप्रेल के महत्वपूर्ण दिन-दिवस • मई के महत्वपूर्ण दिन-दिवस • जून के महत्वपूर्ण दिन-दिवस • जुलाई के महत्वपूर्ण दिन-दिवस • अगस्त के महत्वपूर्ण दिन-दिवस • सितम्बर के महत्वपूर्ण दिन-दिवस • अक्टूबर के महत्वपूर्ण दिन-दिवस • नवम्बर के महत्वपूर्ण दिन-दिवस • दिसंबर के महत्वपूर्ण दिन-दिवस Disclaimer: हमारी वेबसाइट पर सभी जानकारियां apnakhata.org अपने सभी पाठकों तक सही जानकारियां पहुंचाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है. परन्तु फिर भी अगर किसी जानकारियों में कुछ गड़बड़ी पाई जाती है, तो इसके लिए apnakhata.org किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होगा. आप चाहें तो सरकारी वेबसाइट के जरिए भी जानकारी हासिल कर सकते हैं.