विश्वकर्मा पूजा कब है

  1. Vishwakarma Puja 2022: कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व
  2. Vishwakarma Puja 2022: कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
  3. विश्वकर्मा पूजा कब है
  4. Vishwakarma Puja 2022 : विश्वकर्मा पूजा कब है? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व » MAHI STUDY
  5. विश्वकर्मा पूजा क्यों मनाया जाता है
  6. विश्वकर्मा पूजा २०१८ : कब है, पूजा का समय और विधि
  7. विश्वकर्मा पूजा की विधि, मुहूर्त, आरती, महत्व, मंत्र और सभी जानकारी
  8. Vishwakarma Puja 2022 Know Shubh Muhurat And Importance Of Vishwakarma Jayanti
  9. vishwakarma puja 2022 date puja muhurat shubh yog and importance


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Vishwakarma Puja 2022: कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

सौर कैलेंडर के अनुसार विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है भगवान विश्वकर्मा ने इस सृष्टि का पहला मानचित्र तैयार किया था. विश्वकर्मा पूजा हर साल सौर कैलेंडर के अनुसार कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है और अंग्रेजी कैलेंडर के आधार पर हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) मनाते हैं. इस दिन देवताओं के शिल्पी और यंत्रों के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की जाती है. विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर फैक्ट्री, मशीन से संबंधित दुकानों, कार्यालयों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. भगवान विश्वकर्मा की कृपा से व्यापार में उन्नति होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने इस सृष्टि का पहला मानचित्र तैयार किया था और इनको संसार का पहला इंजीनियर भी कहा जाता है. विश्वकर्मा पूजा के दिन कलम, दवात, मशीन, औजार आद की पूजा करने की परंपरा है. इस कोई कार्य नहीं किया जाता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डाॅ. गणेश मिश्र से जानते हैं विश्वकर्मा पूजा की तिथि, पूजा मुहूर्त, शुभ योग आदि. ये भी पढे़ं: पितृ पक्ष में पितरों का कैसे करते हैं तर्पण? जानें सही विधि और प्रार्थना मंत्र विश्वकर्मा पूजा 2022 तिथि इस साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर दिन शनिवार को है. इस दिन सूर्य की कन्या संक्रांति भी है. इस दिन आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है. विश्वकर्मा पूजा के दिन सौर कैलेंडर का छठा माह कन्या का प्रारंभ होगा. विश्वकर्मा पूजा मुहूर्त 2022 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 39 मिनट से सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक है. उसके बाद दूसरा शुभ समय दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से दोपहर 03 बजकर 20 मिनट तक है. फिर तीसरा शुभ समय दो...

Vishwakarma Puja 2022: कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

• • Faith Hindi • Vishwakarma Puja 2022 Date: कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि Vishwakarma Puja 2022 Date: कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि Vishwakarma Puja 2022 Date: मान्यताओं के अनुसार विश्वकर्मा पूजा के दिन मशीनों पर काम नहीं किया जाता, बल्कि इस दिन मशीनों की सफाई होती है और उन्हें आराम दिया जाता है. Vishwakarma Pooja 2021 Date When is Vishwakarma Pooja; Know the importance, date and auspicious time Shubh Muhurat, Vishwakarma Puja 2022 Date: विश्वकर्मा के दिन कारखानों में मशीनों की पूजा की जाती है और भगवान विश्वकर्मा से प्रार्थना की जाती है कि व्यापार व नौकरी में तरक्की होती रहे. बता दें कि विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन ( Vishwakarma Puja 2022 Date) की जाती है और भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर माना गया है. ( Vishwakarma Puja 2022 Shubh Muhurat) आइए जानते हैं इस बार कब है विश्वकर्मा पूजा और शुभ मुहूर्त. विश्वकर्मा पूजा 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त हर साल कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा की जाती है और इस साल यह पूजा 17 सितंबर 2022, शनिवार के दिन है. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगा और रात 9 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक अभिजित मुहूर्त रहेगा. विश्वकर्मा पूजा विधि विश्वकर्मा पूजा के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है और यह एक ऐसे भगवान हैं जिन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर कहा जाता है. इस दिन भगवान विश्वकर्मा का पूजन किया जाता है. इस दिन मशीनों की सफाई होती है और लोहे से बने औजारों का उपयोग नहीं कि...

विश्वकर्मा पूजा कब है

विश्वकर्मा पूजा कब है पोस्ट के जरिये हम विश्वकर्मा पूजा के बारे में जानकारियाँ प्राप्त करेंगे। भगवान विश्वकर्मा इस संसार के शिल्पकार हैं। भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिन को ही हम विश्वकर्मा पूजा के रूप में मानते हैं। उन्होंने हस्तिनापुर, द्वारका, इंद्रप्रस्थ जैसे नगरों का निर्माण किया है। इसमें घर के मशीनी यंत्रों जैसे कार,मोटरसाइकिल ,टीवी ,मोबाइल इत्यादि की पूजा की जाती है। लोहे और अन्य धातुओं से बनी चीजों की भी पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने घर के सभी सामानों को अच्छी तरह साफ करते हैं एवं अच्छे कपड़े पहन कर इसकी पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन यंत्रों की पूजा करने से ये जल्दी खराब नहीं होते। इस दिन कल-कारखानों में बड़ी धूम धाम से पूजा होती है। इस दिन कल-कारखानों में छुट्टी रहती है। तो आगे हम विश्वकर्मा पूजा कब है पोस्ट के जरिये इस पूजा से सम्बंधित पौराणिक कथाओं तथा अन्य तथ्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। हम यह भी जानेंगे कि विश्वकर्मा पूजा 2022 में कब है। विश्वकर्मा पूजा क्यों मनाते हैं • • • • • • • • • भगवान विश्वकर्मा महर्षि अंगिरा के ज्येष्ठ पुत्र बृहस्पति की बहन भुवना जो ब्रह्मविद्या जानने वाली थी वह अष्टम् वसु महर्षि प्रभास की पत्नी बनी और उससे सम्पूर्ण शिल्प विद्या के ज्ञाता प्रजापति विश्वकर्मा का जन्म हुआ। भगवान विश्वकर्मा केआविष्कार एवं निर्माण कार्यों का उल्लेख करें तो इन्द्रपुरी, यमपुरी, वरुणपुरी, कुबेरपुरी, पाण्डवपुरी, सुदामापुरी, शिवमण्डलपुरी आदि का निर्माण इनके द्वारा किया गया है । पुष्पक विमान का निर्माण तथा सभी देवों के भवन और उनके दैनिक उपयोगी होनेवाले वस्तुएं भी इनके द्वारा ही बनाया गया है । कर्ण का कुण्डल, विष्णु भगवान का सुदर्शन चक्र, शंकर...

Vishwakarma Puja 2022 : विश्वकर्मा पूजा कब है? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व » MAHI STUDY

Vishwakarma Puja 2022 तिथि : विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर कारखानों, मशीन की दुकानों, कार्यालयों में विशेष पूजा की जाती है। भगवान विश्वकर्मा की कृपा से व्यापार में उन्नति होती है। Vishwakarma Puja 2022 : विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन सौर कैलेंडर के अनुसार मनाई जाती है और विश्वकर्मा पूजा हर साल 17 सितंबर को अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मनाई जाती है। इस दिन, देवताओं के मूर्तिकार और मशीनों के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर कारखानों, मशीन की दुकानों, कार्यालयों में विशेष पूजा की जाती है। भगवान विश्वकर्मा की कृपा से व्यापार में उन्नति होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस सृष्टि का पहला नक्शा भगवान विश्वकर्मा ने तैयार किया था। और उन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर भी कहा जाता है। विश्वकर्मा पूजा के दिन कलम, औषधि, यंत्र, औजार आदि की पूजा करने की परंपरा है। ऐसा कोई काम नहीं किया जाता है। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिषी डॉ गणेश मिश्र का कहना है कि विश्वकर्मा पूजा, पूजा मुहूर्त, शुभ योग आदि की तिथि को भी इसी तिथि से निर्धारित किया जाता है। Vishwakarma Puja 2022 तिथि- इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर शनिवार को पड़ रही है। यह दिन सूर्य की प्रथम संक्रांति भी है। इस दिन विश्वकर्मा पूजा के दिन भद्रव पक्ष की सप्तमी तिथि, सौर कैलेंडर का छठा महीना कन्या, शुरू होगी। विश्वकर्मा पूजा मुहूर्त 2022 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 07.39 बजे से 09.11 बजे तक है। उसके बाद दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 01.48 बजे और दोपहर 03.20 बजे है। फिर तीसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 03.20 बजे से शाम 04.52 बजे तक है. 5 शुभ योग में विश्वकर्मा की पूजा ...

विश्वकर्मा पूजा क्यों मनाया जाता है

ये त्यौहार पुरे देश में जोरो शोरो से मनाया जाता है. हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा जी सृष्टी के निर्माण करने वाले देवता है. भारत में इन्हें साधन, औजार, युक्ति और निर्माण के देवता के रूप में पूजा जाता है. भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है और यही वजह है कि विश्वकर्मा पूजा के शुभ अवसर पर देश भर में उद्योगों और फेक्ट्रिायों में हर तरह की मशीनों और औजारों की सफाई कर उनकी पूजा की जाती है और मनुष्य अपने घर के सभी वाहनों की भी पूजा करते हैं क्यूंकि उन में भी मशीने लगी हुयी रहती हैं. श्री विश्वकर्मा जयंती विश्वकर्मा पूजा भारत के पूर्वी और उत्तरी भागों में एक लोकप्रिय त्योहार है. विश्वकर्मा को देवता माना जाता है जो ब्रह्मांड के मुख्य वास्तुकार हैं. वह सृष्टिकर्ता ब्रह्मा का पुत्र है और सभी महलों का आधिकारिक वास्तुकार है जहाँ देवता निवास करते हैं. वह देवताओं के सभी उड़ने वाले रथों और उनके हथियारों के चित्रकार भी हैं. एक कथा के अनुसार संसार की रचना के शुरुआत में भवान विष्णु सागार में प्रकट हुए तब विष्णु जी के नाभि-कमल से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुयी. ब्रह्मा जी के पुत्र का नाम धर्म था. धर्मं का विवाह वास्तु नाम की स्त्री से हुआ. धर्म और वास्तु के सात पुत्र हुए. उनके सातवें पुत्र का नाम वास्तु रखा गया. वास्तु शिल्पशास्त्र में निपुण था. वास्तु के पुत्र का नाम विश्वकर्मा था , जिन्होंने आगे चल कर पुरे संसार को आकृति दी. अपने पिता के तरह ही विश्वकर्मा जी वास्तुशास्त्र में माहिर थे जिसके कारण उन्हें वास्तुशास्त्र का जनक भी कहा जाता है. इस तरह विश्वकर्मा पूजा किस लिए मनाया जाता है पौराणिक कथाओं के वर्णन में ये लिखा हुआ है की भगवान विश्वकर्मा ने पूरे ब्रह्माण्ड ...

विश्वकर्मा पूजा २०१८ : कब है, पूजा का समय और विधि

भारत के पूर्वी प्रदेशों (असम, बिहार, बंगाल, त्रिपुरा, ओड़ीशा) में विश्वकर्मा पूजा हर वर्ष 17 सितंबर को मनाई जाती है, और इस वर्ष भी 17 सितंबर 2018 को मनाई जाएगी। अब सोचने की बात यह है कि इस हिन्दू पर्व को अंग्रेज़ी कलेंडर की तारीख के अनुसार क्यों मनाया जाता है? विश्वकर्मा पूजा 2018 हर साल 17 सितंबर को ही क्यों मनाई जाती है? विश्वकर्मा पूजा के दिन की गणना सूर्य के पारगमन के आधार पर की जाती है, जबकि अन्य हिन्दू पर्वों के दिन की गणना चाँद के आधार पर होती हैं (चंद्र कलेंडर)। भारत के पूर्वी प्रदेशों को छोड़ कर बाकी देश में विश्वकर्मा पूजा कौन हैं भगवान विश्वकर्मा? शिल्प कला यानी कि भवन और वस्तु निर्माण कला के बिना मनुष्य समाज का विकास असंभव है। आदि काल से आधुनिक युग तक मनुष्य ने जितनी भी तरक्की की है, उसमें शिल्प कला का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भगवान विश्वकर्मा को देवताओं के शिल्पकार के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका और रावण की नगरी लंका से लेकर भगवान् विष्णु के सुदर्शन चक्र और भगवान शंकर के त्रिशूल तक का निर्माण विश्वकर्माजी ने किया था। इतना ही नहीं, पांड्वो की नगरी इन्द्रप्रस्थ, महाभारत काल का हस्तिनापुर और पूरी धाम का जगन्नाथ मंदिर भी विश्वकर्माजी ने ही बनाया था। ऐसा माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा से शिल्प-कला और इससे जुड़े ज्ञान व कौशल का विकास होता है।यही कारण है कि सभी फैक्ट्रियों, कारखानों, वर्कशाप, सर्विस सेंटर आदि में विश्वकर्मा पूजा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। बुनकर, कारीगर, इंजीनियर, म्हिस्त्री, मजदूर, शिल्पकार और औद्योगिक घरानों के लिए यह एक बहुत बड़ा पर्व होता है। इसके अलावा इस दिन सभी प्रकार के वाहनों की भी पूजा ...

विश्वकर्मा पूजा की विधि, मुहूर्त, आरती, महत्व, मंत्र और सभी जानकारी

कन्या संक्रांति के दिन हर साल विश्वकर्मा पूजा होती है। इस दिन पहले अविष्कारक और इंजीनियर माने जाने वाले भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था जिस कारण इसे विश्वकर्मा जयंती के नाम से जाना जाता है। 17 सितंबर को ये जयंती मनाई जायेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। इसलिए भगवान विश्वकर्मा की पूजा के दिन फैक्ट्रियों, ऑफिस और उद्योगों में लगी हुई मशीनों की पूजा की जाती है। भगवान विश्वकर्मा की आरती यहां देखिए विश्वकर्मा पूजा 2019 शुभ मुहूर्त (Vishwakarma Puja 2019 Muhurat) : संक्रांति समय 07:02 सुबह विश्वकर्मा पूजा महत्व (Vishwakarma Puja Significance) : विश्वकर्मा पूजा को लेकर कारीगरों की मान्यता है कि इनकी पूजा करने से काम में प्रयोग किये जाने वाली मशीनें जल्दी खराब नहीं होती और अच्छे से काम करती हैं। इसलिए इस दिन सभी काम रोककर मशीनों और औजारों की साफ-सफाई की जाती है और भगवान विश्वकर्मा की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की जाती है। जानिए विश्वकर्मा पूजा से संबंधित सभी जानकारी यहां… विश्वकर्मा जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर तैयार हो जाएं। पूजा स्थल पर भगवान विश्वकर्मा की फोटो या मूर्ति स्थापित करें। पीले या फिर सफेद फूलों की माला भगवान विश्वकर्मा को पहनाएं। उनके समक्ष सुगंधित धूप और दीपक भी जलाएं। अब अपने सभी औजारों की एक-एक करके पूजा करें। भगवान विश्वकर्मा को पंचमेवा प्रसाद का भोग लगाएं। इसके बाद हाथ में फूल और अक्षत लेकर विश्वकर्मा भगवान का ध्यान करें। मान्यता है कि स्वर्ग के राजा इंद्र का अस्त्र वज्र का निर्माण विश्वकर्मा ने ही किया था। जगत के निर्माण के लिए विश्वकर्मा ने ब्रह्मा की सहायता की और संसार की रूप रेखा का नक्शा भी ...

Vishwakarma Puja 2022 Know Shubh Muhurat And Importance Of Vishwakarma Jayanti

पटना: Vishwakarma Puja 2022: हिंदु धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन सृष्टि के पहले हस्तशिल्पकार, वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा पूर्वक भगवान विश्वकर्मा की पूजा (Vishwakarma Puja 2022) करने से व्यापार और नौकरी में तरक्की होती है. विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग अपने संस्थान, फैक्ट्रियों में औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं. मान्यता है कि देवताओं के अस्त्र (त्रिशूल, सुदर्शन चक्र आदि), भवन, स्वर्ग लोग, पुष्पक विमान का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था. भगवान विश्वकर्मा को अस्त्र-शस्त्र बनाने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है. शनिवार को विश्वकर्मा पूजा विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग अपने घर में मौजूद औजारों को साफ-सुथरा करते हैं और उनकी पूजा करते है. कुछ जगहों पर तो भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करके धूमधाम से उनकी पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन (Vishwakarma Puja Date 2022) यदि व्यक्ति भगवान विश्वकर्मा के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करें, तो व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति हो सकती हैं. इस दिन कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. पूरे देश में 17 सितंबर को मनाया जाता है. इस बार 17 सितंबर शनिवार को है. यदि आप विश्वकर्मा पूजा का के लिए (vishwakarma Puja kab hai) शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें. विश्वकर्मा पूजा 2022 शुभ मुहूर्त (Vishwakarma Puja 2022 shubh muhurat) सुबह में पूजा का मुहूर्त - सुबह 07 बजकर 39- 09 बजकर 11 मिनट दोपहर में पूजा का मुहूर्त - 01 बजकर 48 - 03 बजकर 20 मिनट पूजा का तीसरा मुहूर्त - दोपहर 03 बजकर 20 - शाम 04 बजकर 52 मिनट ...

vishwakarma puja 2022 date puja muhurat shubh yog and importance

Vishwakarma Puja Shubh Muhurt: शास्त्रों में विश्वकर्मा का विशेष महत्व बताया गया है। विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। जो इस साल 17 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन शिल्पकार और यंत्रों के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा के साथ अपने औजारों, मशीनों और दुकानों की भी पूजा करते हैं। भगवान विश्वकर्मा जी को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुकार भी कहा जाता है। आइए जानते हैं पूजा- विधि और महत्व… जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त वैदिक पंचांग के अनुसार 17 सितंबर को जानिए विश्वकर्मा पूजा विधि: इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। फिर साफ- सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद अपने प्रतिष्ठान (दुकान) पर पहुंचकर पत्नी सहित पूजा स्थल पर बैठ जाएं। इसके बाद एक चौकी पर नया पीला कपड़ा बिछाएं। इसके बाद चौकी पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद खुद या किसी योग्य ब्राह्राण से मशीनों, औजारों की पूजा करें। सबसे पहले रोली लगाएं और फिर अक्षत छोड़ें। इसके बाद भगवान विश्वकर्मा को फूल, चंदन, अक्षत, धूप, रोली, दही, सुपारी, रक्षा सूत्र, फल और मिठाई अर्पित करें। अंत में भगवान विश्वकर्मा जी की आरती उतारें और उन्हें भोग लगाकर प्रसाद सभी में बांट दें। वाहन से संबंधित करें ये उपाय सबसे पहले अपने वाहन का इंजन ऑन कर लें। इसके बाद गाड़ी के इंजन पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। फिर फूल, माला, अक्षत से वाहन का पूजन करें। । एक सुपारी पर मौली लपेटकर उसे सिंदूर का तिलक करें और विश्वकर्मा भगवान से प्रार्थना करें कि आपके वाहन और आपकी रक्षा करें। अगर संभव हो तो विश्वकर्मा पूजा के दिन गाड़ी को आराम दें वहीं वाहन की सफाई एक दिन पहले ...